निर्भया को आज मिला इंसाफ, फांसी से पहले का पूरा घटनाक्रम पढ़िए

निर्भया के साथ दर्दनाक हादसे को अंजाम देने वाले चार दरिंदों को आज सुबह फांसी पर लटका दिया गया। गुरुवार शाम तक दोषियों को उम्मीद थी कि उनकी फांसी टल जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। कल देर रात जब दोषियों को पता चला कि उनकी फांसी अब किसी हालत में नहीं टल सकती है, तो अचानक की उनके व्यवहार में बदलाव देखने को मिला। तिहाड़ जेल में बंद चारों दोषी खबर मिलते ही बेचैन हो उठे। सूत्र बतातें है कि वो लोग अपने सेल के अंदर चीखने चिल्लाने लगे। रात भर दोषियों को नींद भी नहीं आई। फांसी का खौफ उनके चेहरे पर साफ नजर आ रहा था।
शुक्रवार तड़के 3ः15 बजे ही चारों दोषियों को उनके सेल से उठाया गया। दैनिक क्रिया के बाद चारों को नहाने के लिए कहा गया। उन चारों के लिए जेल प्रशासन की ओर से चाय मंगाई गई, लेकिन किसी ने भी चाय नहीं पी। इस दौरान विनय ने कपड़े बदलने से इनकार कर दिया और रो-रो कर माफी मांगने लगा। इसके बाद उन्हें समझा-बुझाकर शांत कराया गया। उनकी आखिरी इच्छा पूछी गई। फांसी घर में लाने से पहले चारों को काले कुर्ते-पजामे पहनाए गए। फिर उनके हाथ पीछे की ओर बांध दिए गए। इसके बाद जब उन्हें फांसी घर लाया जाने लगा तो एक दोषी सेल में ही लेट गया और जाने से मना करने लगा।
किसी तरह उसे पकड़ कर फांसी घर तक लाया गया। फांसी कोठी से कुछ दूर पहले ही उनके चेहरे को काले कपड़े से ढंका गया। इसके बाद उनके पैरों को भी बांधा गया ताकि वे ज्यादा छटपटा न पाएं और एक दूसरे से टकराएं नहीं। इसके बाद ठीक साढ़े पांच बजे पवन जल्लाद ने जेल नंबर-3 के सुपरिटेंडेंट के इशारे पर लीवर खींच दिया। इस दौरान जल्लाद की मदद के लिए तीन जेल कर्मचारी भी मौजूद थे। फांसी के करीब आधे घंटे बाद डॉक्टरों ने चारों दोषियों को मृत घोषित कर दिया।

503 Service Unavailable

Service Unavailable

The server is temporarily unable to service your request due to maintenance downtime or capacity problems. Please try again later.

Additionally, a 503 Service Unavailable error was encountered while trying to use an ErrorDocument to handle the request.