यूथ-20 कंन्सल्टेशन समिट-स्वस्थ युवा ही देश के विकास में अपनी शक्ति लगा सकते है

एम्स ऋषिकेश में आयोजित यूथ-20 कंन्सल्टेशन समिट के दूसरे दिन उदघाटन के दौरान होलेस्टिक हेल्थ को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ0 भारती प्रवीन पवार ने कहा कि स्वस्थ युवा ही देश के विकास में अपनी शक्ति लगा सकते हैं। इसलिए जरूरी है कि देश का प्रत्येक युवा शारीरिक और मानसिक तौर से पूर्ण स्वस्थ हो। उन्होंने कहा कि भारत को विश्व गुरू बनाने के लिए हमें युवाओं का भविष्य संवारना होगा।
जी-20 देशों के विभिन्न युवा प्रतिनिधियों द्वारा स्वास्थ्य और युवाओं के समग्र विकास पर आधारित सामूहिक परिचर्चा यूथ-20 समिट के दूसरे दिन विभिन्न सत्रों में देर सांय तक जारी रही। शुक्रवार को समिट के मुख्य अतिथि के तौर पर पहंुची केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ0 भारती प्रवीन पवार ने यूथ-20 सम्मेलन की प्राथमिकताओं पर व्यापक प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमन्त्री का विजन है कि हमारे देश के युवा अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर देश को विशेष पहिचान दिलाएं। यह तभी संभव है जब देश के युवा स्वस्थ रहेंगे। उन्होंने कहा कि स्वस्थ युवा ही देश के विकास में अपनी शक्ति लगा पाएंगे। कहा कि मोदी जी के विजन का ही परिणाम है कि आज देश में डेढ़ लाख से अधिक हेल्थ एण्ड वेलनेस सेन्टर स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं। खेलों के माध्यम से युवाओं को अन्तराष्ट्रीय स्तर पर पहंुचाने के उद्देश्य से वर्ष 2018 में शुरू की गयी ’खेलो इंडिया योजना’ को उन्होंने युवाओं के भविष्य के लिए विशेष कल्याणकारी योजना बताया। केन्द्रीय मंत्री भारती पवार ने ऋषिकेश एम्स द्वारा संचालित टेलिकंन्सलटेशन और ड्रोन द्वारा सुदूर इलाकों तक दवा पहंुचाने की सुविधा का जिक्र करते हुए इसे स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में बहुलाभकारी योजना बताया और इस योजना के संचालन के लिए एम्स ऋषिकेश की सराहना की। उन्होने युवाओं से आह्वान किया कि वह अपने हौसले को मजबूत बनाना सीखें। मजबूत हौसले से ही हमें कामयाबी मिलती है। यूथ-20 के आयोजन को उन्होंने युवाओं के लिए एक वैश्विक मंच बताया और कहा कि केन्द्रीय युवा कार्यक्रम और खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के मार्गदर्शन में देश भर के विभिन्न स्थानों में आयोजित किए जा रहे यूथ-20 सम्मेलन से हमारे देश के युवाओं एक नई दिशा और विकास परक सोच हासिल होगी।
विशिष्ट अतिथि उत्तराखण्ड सरकार के वित्त और नगर विकास मंत्री प्रेम चन्द अग्रवाल ने उम्मीद जतायी कि इस सम्मेलन से देश के युवा देश हित में अपनी सोच विकसित करने की प्रेरणा हासिल करेंगे और विश्व को नई दिशा प्रदान करने में सक्षम होंगे।
इससे पूर्व केंद्रीय मंत्री भारती पवार ने एम्स के हेलीपैड सहित अस्पताल का निरीक्षण किया और अधिकारियों सहित चिकित्सकों के साथ बैठक कर आवश्यक दिशा निर्देश दिये।
इस दौरान राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कण्डवाल, डीन एकेडेमिक्स प्रो0 जया चतुर्वेदी, दिल्ली एम्स के निदेशक प्रो0 श्रीनिवास, मंगलागिरी एम्स के निदेशक प्रो0 मुकेश त्रिपाठी, एम्स रायबरेली के निदेशक प्रो0 अरविन्द राजवंशी, एम्स गुवाहाटी के निदेशक प्रोफेसर अशोक पुराणिक, एम्स ऋषिकेश के वित्तीय सलाहकार ले0 कर्नल एस सिद्धार्थ, प्रशाशनिक अधिकारी गौरव बडोला सहित डॉक्टर गीता नेगी, डॉक्टर मोनिका पठानिया, डॉक्टर नीति गुप्ता, डॉक्टर मयंक मिश्रा, डॉक्टर भावना गुप्ता, डॉक्टर दलजीत, डॉक्टर प्रियंका, डॉक्टर मृदुल धर, डॉक्टर कल्याणी, डॉक्टर अनीश गुप्ता, डॉक्टर शाजिया, डॉक्टर आशीष भूते, डॉक्टर प्रखर शर्मा, डॉक्टर वंदना धींगरा, डॉक्टर विनोद सहित संस्थान का विभिन्न स्टॉफगण मौजूद रहे।

एम्स ऋषिकेश में शुरू हुआ 11वां एटीसीएन प्रशिक्षण कार्यक्रम

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश में 13वां विश्वस्तरीय एटीएलएस एवं 11वां एटीसीएन प्रशिक्षण कार्यक्रम विधिवत शुरू हो गया। जिसमें एम्स के साथ ही अन्य मेडिकल संस्थानों के 16 चिकित्सक एवं 16 सीनियर नर्सिंग ऑफिसर व नर्सिंग ऑफिसर टर्सरी केयर सेंटर में भर्ती होने वाले दुर्घटना में घायल ट्रॉमा मरीजों के उपचार संबंधी प्रशिक्षण ले रहे हैं।

आज एडवांस सेंटर फॉर कंटिनिवस प्रोफेशनल डेवलपमेंट (एसीसीपीडी विभाग) में एम्स निदेशक प्रोफेसर रवि कांत की देखरेख में तीन दिवसीय एटीएलएस एवं एटीसीएन प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू हो गया है। निदेशक ने कहा कि दुनिया का कोई भी ट्रॉमा सिस्टम ट्रेंड ट्रॉमा चिकित्सकों एवं नर्सिंग ऑफिसर्स के बिना प्रभावी नहीं हो सकता। बताया कि पहाड़ी क्षेत्रों के लिए इस तरह का विश्वस्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम नितांत आवश्यक है, इसकी सबसे मुख्य वजह यह है कि पहाड़ी क्षेत्रों में विभिन्न तरह की दुर्घटनाओं के कारण ट्रॉमा के मामले सर्वाधिक होते हैं, लिहाजा प्रत्येक हैल्थ केयर वर्कर को टर्सरी केयर लेवल पर चिकित्सा कार्य करने के लिए यह प्रशिक्षण लेना जरुरी है, तभी वह दुर्घटना में घायल मरीजों की ठीक प्रकार से देखभाल कर सकते हैं।
उनका कहना है कि ट्रॉमा मैनेजमेंट एक टीमवर्क है, लिहाजा उसकी ट्रेनिंग भी विश्वस्तरीय मानकों के तहत कराई जानी जरुरी है। ट्रेनिंग प्रोग्राम डा. अजय कुमार व दीपिका कांडपाल के संयोजन में आयोजित किया जा रहा है।
ट्रॉमा सर्जरी विभागाध्यक्ष प्रो. कमर आजम की अगुवाई में आयोजित एटीएलएस प्रशिक्षण कार्यक्रम में बतौर प्रोग्राम डायरेक्टर डा. मधुर उनियाल व ट्रेनिंग फैकल्टी डा. फरहान उल हुदा, डा. अजय कुमार,डा. जितेंद्र चतुर्वेदी, डा. दिवाकर कोयल, डा. अंकिता काबि, दिल्ली एम्स ट्रामा सेंटर से डा. दिनेश बगराई ने प्रतिभागियों को प्रशिक्षण दिया, जबकि एटीसीएन कोर्स में महेश देवस्थले, डा. राजेश कुमार, चंदू राज बी., अरुण वर्गीस, जोमोन चाको ने प्रशिक्षणार्थियों को ट्रॉमा प्रबंधन का प्रशिक्षण दिया।

मास्टर ट्रेनरों ने वैक्सिनेशन सेंसिटाइजेशन ट्रेनिंग प्रोग्राम की दी जानकारी

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश में कोविड19 वैक्सिनेशन सेंसिटाइजेशन ट्रेनिंग प्रोग्राम का आयोजन किया गया, जिसमें विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से मास्टर ट्रेनर द्वारा एम्स के चिकित्सकों, नर्सिंग ऑफिसरों व अन्य स्टाफ को कोविड19 टीकाकरण के बाबत प्रशिक्षण दिया गया, साथ ही इस दौरान वैक्सिनेशन सेंटर में रखी जाने वाली जरुरी सावधानियों को लेकर जानकारी दी गई।
इस अवसर पर अपने संदेश में एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण से जनसामान्य की सुरक्षा के मद्देनजर कोविड टीकाकरण भारत सरकार की उच्च प्राथमिकता में है। जिसके लिए एम्स ऋषिकेश की ओर से कोविड वैक्सिनेशन सेंटर की स्थापना के साथ ही अन्य जरुरी तैयारियां की जा रही हैं। निदेशक एम्स प्रो. रवि कांत जी ने बताया कि कोविड टीकाकरण की तमाम तैयारियों के साथ साथ संस्थान इस बाबत विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा रखे गए सुझावों का भी ध्यान रखेगा,जिससे टीकाकरण के कार्य को बखूबी अंजाम दिया जा सके।


संस्थान में सोमवार को आयोजित कोविड19 वैक्सिनेशन सेंसिटाइजेशन ट्रेनिंग प्रोग्राम का डीन एकेडमिक प्रोफेसर मनोज गुप्ता ने विधिवत शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि कोविड वैक्सीन के लांच होने से आम आदमी के जेहन में इसको लेकर बना भय समाप्त होगा और लोग टीकाकरण के बाद कोरोना संक्रमण के साथ साथ कई तरह की वंदिशों से निजात पा सकेंगे। मेडिकल सुपरिटेंडेंट प्रो. लतिका मोहन ने कहा कि वृहद स्तर पर आयोजित होने वाले कोविड वैक्सिनेशन कार्य के लिए विशेष तैयारियों के साथ साथ कुशल प्रशिक्षण की जरुरत है, जिससे टीकाकरण कार्य को सही तरीके से अंजाम तक पहुंचाया जा सके। उन्होंने बताया कि कोविड19 वैक्सिनेशन कार्य के लिए एम्स ऋषिकेश राज्य सरकार को हरसंभव सहयोग देने को तत्पर है। प्रशिक्षण कार्यक्रम में डब्ल्यूएचओ देहरादून के सर्विलांस मेडिकल ऑफिसर डा. विकास शर्मा ने बतौर मास्टर ट्रेनर एम्स के चिकित्सकों, फैकल्टी सदस्यों, नर्सिंग ऑफिसरों व अन्य स्टाफ को कोविड टीकाकरण का प्रशिक्षण दिया। इस दौरान उन्होंने कोविड वैक्सिनेशन सेंटर के प्रारूप के बाबत जानकारी दी, साथ ही वैक्सिनेशन के तहत पंजीकरण, टीकाकरण आदि प्रक्रिया के बाबत विस्तारपूर्वक बताया। इस दौरान एम्स की वैक्सिनेशन टीम के सदस्यों ने उनसे कई सवाल भी पूछे। संस्थान की ओर से संकायाध्यक्ष अकादमिक प्रो. मनोज गुप्ता व चिकित्सा अधीक्षक प्रो. लतिका मोहन ने विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रशिक्षक डा. विकास शर्मा को स्मृति चिह्न भेंटकर सम्मानित किया। प्रशिक्षण में कम्यूनिटी मेडिसिन, सिक्योरिटी व क्रिटिकल केयर विभाग के सदस्य शामिल हुए।
इस अवसर पर कोविड वैक्सिनेशन कमेटी की चेयरपर्सन प्रो. वर्तिका सक्सैना, एनाटॉमी विभागाध्यक्ष प्रो. ब्रिजेंद्र सिंह, डा. बलरामजी ओमर, कोविड टीकाकरण प्रशिक्षण के नोडल ऑफिसर डा. अजीत सिंह भदौरिया, कमेटी के सदस्य सचिव डा. योगेश बहुरुपी, डा. अंकित अग्रवाल, डा. प्रदीप अग्रवाल, डा. संतोष कुमार, डा. महेंद्र सिंह, डा. मीनाक्षी खापरे, डा. स्मिता सिन्हा आदि मौजूद थे।