2025 तक उत्तराखण्ड को ड्रग्स फ्री बनाने के लिए प्रभावी प्रयास किये जाये-धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास में उच्च स्तरीय बैठक लेते हुए अधिकारियों को निर्देश दिये कि 2025 तक उत्तराखण्ड को ड्रग्स फ्री बनाने के लिए प्रभावी प्रयास किये जाएं। उत्तराखण्ड को गुड गवर्नेंस मॉडल राज्य बनाने की दिशा में तेजी से कार्य किए जाएं। डेस्टिनेशन उत्तराखण्ड, ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दौरान हुए करारों को तेजी से धरातल पर उतारा जाए।
मुख्यमंत्री ने प्रभारी डीजीपी अभिनव कुमार को निर्देश दिये कि ड्रग्स फ्री उत्तराखण्ड के लिए लगातार जागरूकता अभियान चलाए जाए। इस अभियान को मिशन मोड पर लिया जाए, शिक्षण संस्थानों, स्वास्थ्य विभाग और नशा मुक्ति के लिए कार्य कर रहे संगठनों को भी इस अभियान में शामिल किया जाए। उन्होंने कहा कि मार्च 2024 तक यह अभियान व्यापक स्तर पर चलाया जाए। शिक्षण संस्थानों में नशे के दुःष्प्रभावों के बारे में विद्यार्थियों को जागरूक करने के साथ उनके अभिभावकों को भी इस अभियान से जोड़ा जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गुड गवर्नेंस की दिशा में और तेजी से कार्य किये जाएं। उन्होंने सचिव आई.टी.डी.ए शैलेश बगोली को निर्देश दिये कि अधिक से अधिक सेवाएं ऑनलाइन की जाएं। सभी विभाग समयबद्धता के साथ पत्रावलियों का निस्तारण करें। उन्होंने कहा कि ऑनलाईन सेवाओं का लाभ आम जन आसानी से उठा सकें, इसके लिए जनपदों में विभागों के माध्यम से ऑनलाईन सेवाओं के बारे में जानकारी दी जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये पत्रावलियों की अधिक पेडेंसी रखने वाले अधिकारियों की जिम्मेदारी भी तय की जाए। उन्होंने कहा कि जन सुविधा के दृष्टिगत अपणि सरकार पोर्टल पर अधिक से अधिक सेवाएं जोड़ी जाए। लोगों को उनके घरों पर ही अधिक से अधिक सुविधाएं मिले, इसका विशेष ध्यान रखा जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि डेस्टिनेशन उत्तराखण्ड, ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के तहत हुए करारों की ग्राउडिंग के लिए तेजी से कार्य किये जाएं। यह सुनिश्चित किया जाए कि निवेशकों को कार्यों को धरातल पर उतारने के लिए अनावश्यक परेशानियों का सामना न करना पड़े। इसके लिए सिंगल विंडो सिस्टम को और मजबूत बनाया जाए। जिन निवेश प्रस्तावों से राज्य में रोजगार के अवसर तेजी से बढ़ने की संभावनाएं हैं और जो प्रस्ताव राज्य के अनुकूल हों उन्हें पहली प्राथमिकता पर रखने के मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, शैलेश बगोली, अपर पुलिस महानिदेशक ए.पी अंशुमन, महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी और अपर सचिव जेसी काण्डपाल उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री ने वात्सल्य योजना के तहत 06 हजार बच्चों के खाते में ऑनलाइन ट्रांसफर की 12 करोड़ की धनराशि

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा की। समीक्षा बैठक में कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी। आनन्द बर्धन, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, हरि चंद्र सेमवाल, एस.एन. पाण्डे के साथ अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री ने प्रदेश में लिंगानुपात में सुधार लिये पीएनडीटी एक्ट के प्रभावी क्रियान्वयन पर ध्यान देने के लिये जिला अधिकारियों की अध्यक्षता में जिला स्तर पर टास्क फोर्स के गठन के निर्देश दिये। उन्होंने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के प्रति सामाजिक जागरूकता के प्रसार तथा राज्य को नशा मुक्त बनाये जाने के लिये नशामुक्ति केंद्रों की स्थापना पर ध्यान देने को कहा। मुख्यमंत्री ने पात्र लोगों को त्वरित ढंग से महिला एवं बाल विकास के साथ समाज के कल्याण की योजनाओं का लाभ मिल सके, इसके लिये सामाजिक कल्याण से जुड़ी योजनाओं को अपणि सरकार पोर्टल से भी जोडे जाने की व्यवस्था किये जाने एवं विभागीय स्तर पर एप तैयार किये जाने के निर्देश दिये।

केन्द्र सरकार की योजनाओं का बेहतर ढंग से क्रियान्वयन सुनिश्चित किये जाने तथा आंगनवाड़ी केंद्रों के साथ कुपोषित बच्चों को गोद लेने के लिये मिशन मोड में योजना बनाने पर भी ध्यान देने को कहा। मुख्यमंत्री ने वात्सल्य योजना के तहत 06 हजार बच्चों के खाते में ऑनलाइन 12 करोड़ की धनराशि ट्रांसफर करते हुए कहा कि अनाथ बच्चों की सहायता के लिये सामाजिक सहयोग भी लिया जाय। उन्होंने स्ट्रीट चिल्ड्रन पॉलिसी बनाये जाने के साथ राज्य स्तरीय स्पान्सरशिप ट्रस्ट के गठन की संभावनाये तलासी जाने को कहा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा उद्देश्य पीड़ितों, असहायों एवं जरूरत मंदों की मदद करना है। केंद्र सरकार की आईसीडीएस, प्रधानमंत्री मातृवंदन योजना, राष्ट्रीय पोषण अभियान, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, वन स्टाप सेंटर, राष्ट्रीय महिला हेल्पलाइन नम्बर 181, कामकाजी महिला छात्रावास तथा राज्य सरकार की नन्दा गौरा योजना, मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना, मुख्यमंत्री महिला पोषण योजना, मुख्यमंत्री बाल पोषण योजना, मुख्यमंत्री आंचल अमृत जैसी योजनाओं का उद्देश्य महिलाओं एवं बच्चों को शारीरिक एवं मानसिक रूप से स्वस्थ बनाना है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि योजनाओं के क्रियान्वयन में भी सरलीकरण का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए। नियमों के सरलीकरण से लोगों को उनका त्वरित ढंग से लाभ मिलेगा तथा उनकी समस्याओं का भी समाधान होगा।

सचिव हरि चन्द्र सेमवाल द्वारा प्रस्तुतीकरण के माध्यम से प्रदेश में आईसीडीएस, महिला एवं बाल विकास से सम्बन्धित केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाओं के क्रियान्वयन की जानकारी प्रस्तुत की गई।

ई-ऑफिस प्रणाली को और मजबूत किया जाए-सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को सचिवालय में मुख्यमंत्री सन्दर्भों/पत्रों का ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम पंजीकरण एवं समयबद्ध निष्पादन प्रणाली का शुभारंभ किया। पहले मुख्यमंत्री को संबोधित सन्दर्भों/पत्रों को मुख्यमंत्री लेटर मॉनिटरिंग पैकेज के माध्यम से पंजीकृत कर मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा भौतिक रूप से संबंधित विभागों को भेजा जाता था। अब मुख्यमंत्री सन्दर्भों/पत्रों को सीएम हेल्पलाइन 1905 के साथ इंटीग्रेट किया गया है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने चंपावत निवासी मुकेश राम की समस्या का संज्ञान लेते हुए, उनसे फोन पर बात की। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिलाधिकारी चम्पावत को उनकी समस्या भेजी जा चुकी है, जिसका उचित समाधान किया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का प्रयास है कि जन समस्याओं एवं शिकायतों का त्वरित निस्तारण हो। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हेल्पलाइन नम्बर 1905, अपणि सरकार पोर्टल एवं भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखण्ड एप 1064 की प्रत्येक 15 दिन में अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री, एक माह में मुख्य सचिव एवं तीन माह में मुख्यमंत्री के स्तर पर समीक्षा की जायेगी। सरलीकरण, समाधान एवं निस्तारण पर सरकार का विशेष ध्यान है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रक्रियाओं के सरलीकरण के लिए विभागों द्वारा अभी तक क्या कार्यवाही की गई है, इसकी जल्द समीक्षा की जायेगा। उत्तराखण्ड के समग्र विकास के लिए विभागों द्वारा आगामी 10 वर्षों के लिए विभाग क्या रोडमैप बना रहे हैं, इसकी भी जल्द समीक्षा की जायेगी। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि शासन एवं जिला स्तर पर ई-ऑफिस प्रणाली को और मजबूत किया जाए। फाइलों के निर्धारित समयावधि पर निस्तारित न होने कारण अधिकारियों को स्पष्ट करना होगा।
मुख्यमंत्री कार्यालय को प्राप्त सन्दर्भ/पत्र अब एक क्लिक के माध्यम से संबंधित विभागीय सचिव, विभागीय अधिकारी को प्राप्त हो जायेगा। इसका शिकायतकर्ता को भी उनके द्वारा दर्ज मोबाईल नम्बर पर मैसेज पहुंचेगा। शिकायतकर्ता को मैसेज के साथ एक लिंक मिलेगा, जिस पर वे अपनी शिकायत पर हुई कार्यवाही की प्रत्येक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। शिकायत जिस विभाग के जिस अधिकारी से संबधित होगी, उन्हें निश्चित समयावधि के अन्दर उसका निस्तारण करना होगा। यदि संबंधित अधिकारी द्वारा समय पर निस्तारण नहीं किया गया तो, शिकायत उससे उच्च स्तरीय अधिकारी को स्वतः ही अग्रेनीत हो जायेगी। समय पर निस्तारण न करने वाले अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जायेगी।
मुख्यमंत्री सन्दर्भों/पत्रों को सीएम हेल्पलाइन 1905 के साथ इंटीग्रेट करने से विभागों को भौतिक रूप से सन्दर्भ/पत्र भेजने में समय लगता था, उस समय की बचत होगी। आवेदक को भी अपनी शिकायत पर हुई कार्यवाही की अद्यतन स्थिति की ऑनलाइन जानकारी मिलेगी। इससे प्राप्त होने वाले संदर्भों का डाटा परीक्षण एवं समस्याओं का वर्गीकरण करते हुए समाधान हेतु नई नीति तैयार की जा सकेगी।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, विशेष प्रमुख सचिव अभिनव कुमार, सचिव शैलेश बगोली एवं उप सचिव अनिल जोशी उपस्थित रहे।

अपणि सरकार पोर्टल से तय समयसीमा में होंगे काम

प्रधानमंत्री के मिनिमम गवर्मेंट मैक्सिमम गवर्नेंस की संकल्पना को मूर्तरूप प्रदान करता अपणि सरकार पोर्टल eservices.Uk.gov.in उत्तराखंड सरकार के अभिनव प्रयास का परिणाम हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा अगले सप्ताह इसका शुभारम्भ किया जाएगा। प्रदेश में इस तरह की शुरुआत अपनेआप मे एक अनूठी पहल है इस पोर्टल के माध्यम से उत्तराखंड का आम नागरिक जाति प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र, सहित कुल 10 विभागों के 75 सेवाओं का लाभ घर बैठे उठा सकेगी।
इन सेवाओं के निवेदन प्रमाण पत्र प्राप्त करने आदि कार्यों में जनता की कठिनाइयों को यह पोर्टल निसंदेह न केवल सहज व सुगम बनाएगा अपितु अनावश्यक बाधाओं को समाप्त कर देगा तथा एक तय समयसीमा के अंदर उन्हें सभी सेवाओं का लाभ घर बैठे मिल सकेगा। अनेक विशेषताओं से सुसज्जित इस पोर्टल के निगरानी तंत्र के माध्यम से सभी कर्मचारियों व अधिकारियों की जबाबदेही भी सुनिश्चित की जा सकेगी, जिसके परिणाम स्वरूप एक पारदर्शी व जबाबदेह व्यवस्था सुचारु रूप से चलती रहेगी।
इस पोर्टल के ज़रिए नागरिकों के आवेदन करने की प्रक्रिया प्रारंभ होते ही सक्षम पदाधिकारी के निगरानी में सभी प्रक्रिया संपन्न होगी। पटवारी से तहसीलदार , जिलाधिकारी से मुख्य सचिव , प्रमुख सचिव व मुख्यमंत्री तक इस मॉनिटरिंग तंत्र के हिस्सा है, जिससे यह स्पष्ट है की “अपणि सरकार पोर्टल” सुलभता के साथ उत्तराखंड सरकार को आपके द्वार लाने का ही नही अपितु जबाबदेह प्रशासन की नीति को भी मुकम्मल करेगी।

समय और पैसे की होगी बचत
अपणि सरकार पोर्टल के जरिए उत्तराखंड के विभिन्न क्षेत्रों में रहने वाले नागरिक ऑनलाइन आवेदन कर समयवध तरीके से प्रमाण पत्र हासिल कर सकेंगे। इससे संबंधित आवेदन कर्ता को तहसील और अन्य दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने होंगे। जिससे संबंधित व्यक्ति का समय भी बचेगा और दफ्तर तक जाने के लिए खर्च होने वाले किराए की भी बचत होगी। पहले उम्मीदवारों को ऑफलाइन आवेदन फॉर्म भरने या फिर मामूली गलती के लिए बार-बार दफ्तरों में जाना पड़ता था इस व्यवस्था से इन सब बातों का छुटकारा मिले सकेगा। इस पोर्टल के शुरू होने से आसानी से आम जनता योजनाओं और सेवाओं का लाभ ले सकेगी और साथ ही साथ डिजिटल सेवाओं को भी बढ़ावा मिलेगा। जिससे की लोग इंटरनेट के प्रति अधिक जागरूक होंगे और वे अपना काम घर बैठे अपने लैपटॉप या मोबाइल से कर सकेंगे।