चार स्तंभों गरीब, युवा, महिला और किसान को समर्पित है बजट

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को उत्तराखंड विधानसभा में प्रस्तुत बजट को समग्र, समावेशी, संतुलित और विकासोन्मुखी बताया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने विकसित भारत के चार स्तंभ, गरीब, युवा, महिला और किसान बताए हैं और हमारी सरकार द्वारा आज प्रस्तुत बजट इन्हीं को समर्पित है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने वर्ष 2024-25 के लिए 89,230 करोड़ रूपए का बजट प्रस्तुत किया गया जो पिछले वर्ष से 15.27 प्रतिशत अधिक है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सशक्त उत्तराखंड के लिए हमारी सरकार विकल्प रहित संकल्प के साथ काम कर रही है। औद्योगिक विकास और रोजगार को बढ़ावा देने के लिए हमारी सरकार ने 30 से अधिक नीतियां बनाई हैं और इसके सकारात्मक प्रभाव भी देखने को मिल रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड की आर्थिक विकास की दर वर्ष 2022-23 में 7.63 प्रतिशत रही है जो राष्ट्रीय औसत से अधिक है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2023-24 में भी लगभग यही दर अनुमानित है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी प्रति व्यक्ति आय में 12 प्रतिशत वृद्धि हुई है। वर्ष 2023-24 में प्रति व्यक्ति आय 2 लाख 60 हजार 201 रूपए रही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नीति आयोग द्वारा जारी बहुआयामी गरीबी सूचकांक के अनुसार प्रदेश के 9 लाख 17 हजार 299 लोग गरीबी रेखा से बाहर आए हैं।

चार स्तंभों पर विशेष फोकस

गरीब कल्याणः मुख्यमंत्री ने कहा कि गरीबों के कल्याण के लिए बजट में 5658 करोड़ का प्राविधान किया गया है। इसमें गरीबों के आवास के लिए 93 करोड़, खाद्यान्न आपूर्ति में 600 करोड़ और निशुल्क गैस रिफिल में 55 करोड़ की राशि शामिल है।

युवा कल्याणः मुख्यमंत्री ने कहा कि युवा कल्याण, तकनीकी शिक्षा और उच्च शिक्षा में कुल 1679 करोड़ रुपए का प्राविधान किया गया है। इसमें राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के लिए 250 करोड़ भी शामिल है। मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक मेधावी बालिका प्रोत्साहन योजना के लिए भी बजट में प्राविधान किया गया है। युवाओं के लिए रोजगार के अवसर सृजित करने पर भी ध्यान दिया गया है।

अन्नदाताः मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान भाइयों के लिए बजट राशि को बढ़ाया गया है। वर्ष 2024-25 में कुल 2415 करोड़ का प्रावधान रखा गया है। इसमें दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना, मिशन एप्पल, किसान पेंशन, मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना पर विशेष ध्यान रखा गया है।

नारीशक्तिः मुख्यमंत्री ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में जेंडर बजट में लगभग 14,538 करोड़ का प्रावधान रखा गया है। नंदा गौरा, मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना, मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना, गंगा गाय महिला डेयरी विकास योजना आदि में प्रावधान किए गए हैं।

कल से गैरसैंण में बजट सत्र शुरु, पक्ष-विपक्ष के नेता पहुंचे

उत्तराखंड विधानसभा का बजट सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है। जिसमें भाग लेने के लिए राज्यपाल गुरमीत सिंह, सीएम पुष्कर धामी समेत स्पीकर ऋतु खंडूड़ी और अन्य नेता गैरसैंण पहुंच गए हैं। वहीं, सत्र से पहले भाजपा विधानमंडल दल की बैठक हुई, जिसमें सत्र को लेकर रणनीति बनाई गई।
वहीं, भराड़ीसैंण विधानसभा भवन में विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक आहूत की गई। सर्वदलीय बैठक के दौरान सत्र में सभी दल के नेताओं से सदन को शांतिपूर्वक एवं सुचारु रुप से और गुणवत्तापूर्ण संचालित किए जाने के लिए सहयोग की अपेक्षा की गई।
इससे पहले सीएम धामी ने नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य और विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी से भी मुलाकात की। इसी कड़ी में ऋतु खंडूड़ी ने भराड़ीसैंण विधानसभा में हवन पूजन कर प्रदेशवासियों की सुख शांति की कामना की। इस मौके पर ऋतु खंडूड़ी ने कहा कि पूरा विश्वास है कि बजट सत्र शांति और सुचारू रूप से चलेगा, जिससे प्रदेश का विकास होगा।
बता दें कि उत्तराखंड की पंचम विधानसभा का बजट 13 मार्च से ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण के भराड़ीसैंण में आयोजित किया जा रहा है। यह बजट सत्र 18 मार्च तक चलेगा। इस दौरान सुरक्षा और विधि व्यवस्था को कायम रखने के लिए पूरे विधानसभा क्षेत्र में 4 जोन और 7 सेक्टर बनाए गए हैं। इनमें 4 अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, 13 पुलिस उपाधीक्षक, 25 इंस्पेक्टर, 60 एसआई, 140 एएसआई, 250 कांस्टेबल, 5 कंपनी पीएसी के अतिरिक्त एलआईयू और फायर सर्विसेज कार्मिक तैनात रहेंगे। इसके अलावा चप्पे-चप्पे पर सीसीटीवी से भी निगरानी रखी जाएगी।

त्रिवेन्द्र के बजट में राजस्व बढ़ाने का संकल्प दिखा

उत्तराखंड में करीब 53 हजार करोड़ से अधिक का बजट पेश करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रदेश में विकास की बुनियाद को मजबूत करने और रोजगार को बढ़ाने का इरादा जताया। सरकार का ध्यान कुंभ मेले के आयोजन पर भी गया। 2021 में होने वाले हरिद्वार महाकुंभ को प्रदेश सरकार भव्य और ग्रीन कुंभ परिकल्पना के आधार पर आयोजित करेगी। इस परिकल्पना को पंख देने के लिए सरकार ने बजट में 1205 करोड़ रुपये खर्च करना तय किया है। महाकुंभ में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए 450 करोड़ के स्थायी और एक हजार रुपये के अस्थायी कार्य किए जाएंगे। सरकार की कोशिश है कि महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालु चारधाम की यात्रा भी कर पाए। इसके लिए चारधाम और ऑलवेदर रोड को महाकुंभ से पहले पूरा करने का सरकार ने लक्ष्य निर्धारित किया है। कुंभ के लिए सरकार अलग से सुरक्षा व्यवस्था के तहत 60.12 करोड़ रुपये भी खर्च करेगी।

विकासपरक बजट पेश करते हुए बतौर वित्त मंत्री सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने एक ही मास्टर स्ट्रोक से विपक्ष को चारो खाने चित कर दिया। मुख्यमंत्री ने बजट पेश करने के तुरंत बाद सदन में गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित कर दिया। इसके साथ ही अब प्रदेश में दो राजधानी होंगी।
बजट में सरकार ने बेहतर रोड कनेक्टिविटी को प्राथमिकता दी है। 2020-21 में सड़कों और पुलों की मरम्मत के लिए 300 करोड़ रुपये रखे हैं। पिछले बजट में कुल 180 करोड़ का प्रावधान था। सीमा के 150 से अधिक जनसंख्या वाले गांवों को सड़कों से जोड़ा जाएगा। मार्च 2020 तक 67 गांवों को ग्रामीण मोटरमार्गों से जोड़ा जाएगा। बुनियादी ढांचे पर जोर देते हुए लोक निर्माण विभाग के लिए 2055 करोड़ का बजट रखा है। सड़क निर्माण में तेजी लाने के लिए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में 1072 करोड़ की व्यवस्था की है। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन के लिए सरकार ने 70 करोड़ रखे हैं।
सरकार रोजगार के मुद्दे पर भी संभली है। मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड युवा आयोग के गठन की घोषणा की। सहायक अध्यापक एलटी संवर्ग और प्रवक्ता संवर्ग में 3063 पदों 2020-21 में तैनाती की जाएगी। महिला सशक्तीकरण एवं बाल विभाग में 1224 नई भर्ती होंगी। इसके साथ ही नया हुनर सीखने वालों के लिए एक नई योजना मुख्यमंत्री शिक्षुता योजना शुरू करने का एलान बजट में किया गया। प्रदेश में 2022 तक सभी डिग्री कालेजों के पास अपना भवन होगा। सरकार ने वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए 78 करोड़ का बजट प्रस्तावित किया है। रूसा योजना एवं राज्य योजना के तहत यह बजट प्रस्तावित किया है।

प्रदेश के सात लाख से ज्यादा लोगों को 1165 करोड़ की योजनाओं से पीने का साफ पानी मिल सकेगा। जल जीवन मिशन, अर्द्धनगरीय क्षेत्रों के लिए पेयजल कार्यक्रम और नाबार्ड पोषित योजनाओं के लिए बजट प्रावधान किए गए हैं। रोडवेज बसों में सफर पहले की तुलना में और अधिक सुहाना होगा। इसके लिए वित्तीय वर्ष 2020-21 में 110 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। बजट में सरकार की ओर से परिवहन सेवाओं को बेहतर बनाने के साथ ही परिवहन निगम को वित्तीय संकट से उबारने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, सांसद, विधायक, स्कूली छात्राएं, मान्यता प्राप्त पत्रकार, दिव्यांग परिवहन निगम बसों में मुफ्त यात्रा कर सकें, इसके लिए बजट में 24 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर यात्रियों को विश्वस्तरीय सुविधाएं मिलें। इसके लिए वित्तीय वर्ष 2020-21 में 295 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया गया है। सरकार की ओर से बजट जारी होने के साथ ही भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी ताकि एयरपोर्ट का विस्तार किया जा सके। बजट में देहरादून-श्रीनगर-टिहरी, हल्द्वानी-अल्मोड़ा- पिथौरागढ़ध्धारचूला के लिए हेली सेवाएं शुरू करने का प्रावधान किया गया है।
संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम के प्रोजेक्ट सिक्योर हिमालय के तहत गंगोत्री नेशनल पार्क में देश का पहला ‘स्नो लेपर्ड कंजर्वेशन सेंटर’ का निर्माण किया जाएगा। वित्तीय वर्ष 2020-21 में कैंपा योजना के तहत 215 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। बजट वृक्षारोपण व वर्षा जल संरक्षण योजनाओं के लिए होगा। इसके अलावा पर्यावरण निदेशालय के गठन व विशेषज्ञों की नियुक्ति के लिए 12.93 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया है।

प्रदेश सरकार की ओर से निराश्रित वृद्धजनों को आरामदायक जीवन देने के लिए वृद्धाश्रम खोले जाएंगे। वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण के लिए राष्ट्रीय कार्ययोजना के तहत सरकार ने अलग से बजट का प्राविधान किया है। इस बजट से प्रत्येक जिले में वृद्धाश्रम तैयार किए जाएंगे। यहां वृद्ध लोगों के रहने, खाने-पीने व मनोरंजन की समुचित व्यवस्थाएं की जाएंगी। सरकार ने वित्तीय वर्ष 2020-21 में हर जरूरतमंद वृद्ध, दिव्यांग, विधवा, किसान, निराश्रित परित्यक्त महिलाओं को पेंशन का लाभ पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। इसमें 4 लाख 75 हजार वृद्धजनों, 78 हजार दिव्यांगों, 1 लाख 78 हजार विधवा, 30 हजार किसानों और 5500 निराश्रित परित्यक्त महिलाओं को पेंशन से जोड़ा जाएगा। इसके लिए 1048 करोड़ रुपये की धनराशि बजट में प्रस्तावित की है।प्रदेश सरकार ने बजट में गन्ना किसानों की होली खुशनुमा करने का प्रयास किया है। किसानों को बकाया गन्ना भुगतान के लिए बजट में 240 करोड़ रुपये का प्रस्ताव किया गया है। इसके साथ ही सरकारी, सहकारी और निजी चीनी मिलों को विभिन्न तरह के लोन की सुविधा भी दी गई है। ताकि, किसानों को बकाया और वर्तमान भुगतान त्वरित किया जा सके।
प्रदेश सरकार ने वित्तीय वर्ष 2020-21 में स्मार्ट सिटी के लिए 123 करोड़ रुपये का बजट रखा है। जिससे स्मार्ट सिटी के काम होंगे। वहीं अब तक देहरादून स्मार्ट सिटी लि. को लेकर एक हजार करोड़ से अधिक के वर्कआर्डर जारी हो चुके हैं। अब स्मार्ट सिटी का दायरा 10 से बढ़कर 100 वार्डों तक हो गया है।

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