प्रातः 6 बजकर 25 मिनट पर विधि-विधान से खुले श्री केदारनाथ धाम के कपाट

श्री केदारनाथ धाम के कपाट आज बाबा केदारनाथ की जय उदघोष के साथ आज वृष लग्न में प्रातः 6 बजकर 25 मिनट पर खुल गये है। इस अवसर पर मंदिर को भब्य रूप से नौ क्विंटल फूलों से सजाया गया था। सेना की मराठा रेजीमेंट के बैंड की भक्तिमय धुनों के साथ देश-विदेश से आये 10 हजार से अधिक श्रद्धालुजन कपाट खुलने के गवाह बने। प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कपाट खुलने के साक्षी बने।
आज प्रात साढ़े चार बजे से श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ने कपाटोद्घाटन की तैयारी शुरू कर दी थी। श्री केदारनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय सहित धाम के रावल भीमाशंकर लिंग, केदारनाथ धाम के पुजारी टी गंगाधर लिंग, आयुक्त गढवाल सुशील कुमार, जिलाधिकारी मयूर दीक्षित सहित मंदिर समिति मुख्य कार्याधिकारी बी.डी. सिंह, वेदपाठी आचार्यगणों ने मंदिर के पूरब द्वार से मंदिर के सभामंडप में प्रवेश किया। पांच बजे से मंदिर के गर्भगृह के द्वार का पूजन शुरू हुआ।
श्री केदारनाथ धाम के रक्षक क्षेत्रपाल श्री भकुंट भैरव के आव्हान के साथ ठीक प्रातः6 बजकर 25 मिनट पर श्री केदारनाथ धाम के मुख्य द्वार के कपाट खोल दिये गये।
कपाट खुलते ही श्री केदारनाथ भगवान के स्वयंभू शिवलिंग को समाधि रूप से जागृत किया। कुछ ही पल बाद बाबा के निर्वाण दर्शन हुए। कुछ अंतराल में बाबा का श्रृंगार दर्शन शुरू हुए तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नाम से पहला रूद्राभिषेक किया गया।

इस अवसर पर मंदिर को विभिन्न प्रकार के फूलों से सजाया गया तथा समस्त केदारनाथ धाम में मराठा रेजीमेन्ट के बैंड की भक्तिमय धुनों से वातावरण गुंजायमान हो रहा था। दानीदाताओं ने भंडारे आयोजित किये हेली सेवा एवं पैदल मार्ग से श्रद्धालुओं का आने का सिलसिला जारी है। प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सहित पर्यटन धर्मस्व संस्कति मंत्री सतपाल महाराज ने श्री केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के अवसर पर देश-विदेश के तीर्थयात्रियों को शुभकामनाएं दी है कहा कि श्री केदारनाथ भगवान की कृपा जनमानस पर बनी रहे। प्रदेश के मुख्यमंत्री पष्कर सिंह धामी इस अवसर पर विशेष रूप से केदारनाथ धाम दर्शन को पहुंचे है।

उल्लेखनीय है कि कपाट खुलने की प्रक्रिया के अंतर्गत श्री केदारनाथ भगवान की पंचमुखी डोली 2 मई को शीतकालीन गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ से पैदल मार्ग से चलकर गुप्तकाशी, फाटा, गौरीकुंड होते हुए 5 मई शाम को श्री केदारनाथ धाम पहुंची थी आज 6 मई को प्रातः श्री केदारनाथ धाम के कपाट यात्राकाल ग्रीष्मकाल 6 माह के लिए खुल गये। शनिवार को भैरवनाथ जी की पूजा के पश्चात भगवान केदारनाथ जी की आरती शुरू हो जायेगी। श्री केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के अवसर पर श्री केदारनाथ मंदिर परिसर भक्तिमय भजनों से गुंजायमान हो रहा था।
इस अवसर पर प़कज मोदी, पूर्व विधायक मनोज रावत, मंदिर समिति सदस्य क्रमश निवास पोस्ती, आशुतोष डिमरी, सज्जन जिंदल वीरेंद्र असवाल अतिरिक्त मुख्य सचिव आनंद वर्धन, सचिव धर्मस्व हरिचंद सेमवाल, केदार सभा अध्यक्ष विनोद शुक्ला, पुलिस अधीक्षक आयुष अग्रवाल, एसडीएम जितेंद्र वर्मा, कृष्णनाथ गोस्वामी सहित मंदिर समिति प्रभारी अधिकारी आर. सी. तिवारी, गिरीश देवली, आरके नौटियाल, आचार्य ओंकार शुक्ला, यदुवीर पुष्पवान, प्रदीप सेमवाल, अरविंद शुक्ला डा. हरीश गौड़, अमित शुक्ला, विपिन तिवारी राजकुमार तिवारी आदि मौजूद रहे।

हक हकूकधारियों ने पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह के खिलाफ की बैठक, बयान को बताया बौखलाहट

चार धाम तीर्थ पुरोहित हक हकूकधारी महा पंचायत समिति ने आज पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के बयान का विरोध किया। महामंत्री हरीश डिमरी ने बताया कि हक हकूकधारी किसी पार्टी विशेष के सदस्य नहीं हैं। ऐसे में पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह का यह बयान कि जो लोग देवस्थानम बोर्ड का विरोध कर रहे हैं कांग्रेसी हैं, सरासर गलत है। कहा कि पूर्व सीएम त्रिवेंद्र जब से कुर्सी से हाथ धो बैठे हैं गलत और बेवजह की बयानबाजी कर रहे हैं। यह उनकी बौखलाहट है।

समिति के अध्यक्ष कृष्णकांत कोठियाल और महामंत्री हरीश डिमरी ने कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के बयान का भी विरोध किया है। बताया कि सतपाल महाराज द्वारा यह कहना कि देवस्थानम बोर्ड में सभी तीर्थ पुरोहितों के हक सुरक्षित हैं, यदि ऐसा होता तो तीर्थ पुरोहित सड़कों पर आंदोलन नहीं करते। उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री बार-बार आश्वासन दे रहे है कि बोर्ड का पुनर्विचार किया जाएगा। मगर बोर्ड को बनाने के लिए हरी झंडी दे दी गई। इससे हक हकूक धारियों में आक्रोश है।

अतिथि देवो भवः की हमारी को उत्तराखंड ने सदैव कायम रखाः त्रिवेंद्र

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड पर्यटन, वेलनेस टूरिज्म तथा आयुष के क्षेत्र में एक प्रमुख केंद्र के रूप में उभरा है। प्रदेश का नैसर्गिक प्राकृतिक सौन्दर्य सदियों से पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र रहा है। जबकि यहां के चारधाम देश व दुनिया के करोड़ों लोगों के आस्था के केंद्र है। प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने मे पर्यटन का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। इसी के दृष्टिगत राज्य में पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिया गया है।

मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से आह्वान किया कि ‘अतिथि देवो भवः’ की हमारी परम्परा रही है। हमें अपनी इस परम्परा को सदैव कायम रखना होगा। उन्होंने कहा कि पर्यटन दिवस को मनाये जाने का मुख्य उद्देश्य, दुनियाभर में लोगों को पर्यटन के महत्व के प्रति जागृत करना है। उन्होंने कहा कि पर्यटन की किसी भी देश के सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका होती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड के पर्यटन को वर्षभर स्थानीय निवासियों के लिए आर्थिक गतिविधियों का स्रोत बनाये जाने का हमारा प्रयास है। प्रदेश में पर्यटन को बढावा देने के लिये ’13 जिले-13 नए पर्यटन गंतव्य’, स्थापित किये जाने के साथ ही अनेक अन्य पर्यटन गंतव्य विकसित करने की दिशा में भी पहल की जा रही है। चारधाम सड़क योजना एवं ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाईन का निर्माण तेजी से हो रहा है। इससे प्रदेश में आने वाले पर्यटकों, तीर्थयात्रियों को आवागमन में आसानी होगी। श्री केदारनाथ धाम का पुनर्निर्माण कार्य अंतिम चरण पर है। इसे विश्व स्तरीय धार्मिक स्थल बनाया जा रहा है। बद्रीनाथ मन्दिर के सौन्द्रयीकरण की दिशा में पहल की गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड 19 का प्रभाव अन्य क्षेत्रों की भांति प्रदेश के पर्यटन व्यवसाय पर भी पड़ा है। पिछले छः माह से पर्यटन व्यवसाय में आये ठहराव को अब आगे बढ़ाने के प्रयास किये जा रहे है। होटल, राफ्टिंग, फिल्म शूटिंग, चारधाम यात्रा जैसे क्षेत्रों को शुरू करने की दिशा में कदम बढ़ाये जा रहे हैं। इसके लिए एसओपी के तहत गाइड लाइन भी तैयार की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शीघ्र ही वैश्विक महामारी का यह दौर भी समाप्त होगा तथा देवभूमि में पर्यटन व्यवसाय चार धाम यात्रा तथा यहां के नैसंर्गिक प्राकृतिक स्थलों पर फिल्मांकन आदि व्यवसाय अपने पूर्व स्वरूप में दृष्टिगोचर होने लगेगा।