सीएम ने निर्देश देकर हैलीकॉप्टर से चढ़ते उतरते यात्रियों को मानकों का पालन कराने को कहा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केदारनाथ में हेलीकॉप्टर की चपेट में आने से यूकाडा के वित्त नियंत्रक अमित सैनी की दुःखद मृत्यु पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने दिवंगत आत्मा की शांति एवं शोक संतप्त परिजनों को धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से कामना की है।

मुख्यमंत्री ने इस घटना को दुःखद बताते हुए दुर्घटना के कारणों की जांच के निर्देश दिये हैं। साथ ही इस प्रकार की घटनाओं की भविष्य में पुनरावृत्ति न हो इसकी प्रभावी व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश सम्बन्धित अधिकारियों को दिये है।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये है कि यात्रा काल के दौरान हेलीकॉप्टर से यात्रा करने वाले यात्रियों की हेलीपैड पर चढने व उतरते समय सुरक्षा मानकों का पालन सुनिश्चित किया जाए।

सीएम ने की पेयजल विभाग की समीक्षा, दिए आवश्यक निर्देश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में पेयजल विभाग की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिए कि ग्रीष्मकाल को ध्यान में रखते हुए पेयजल से संबंधित सभी समस्याओं का निराकरण प्राथमिकता के साथ किया जाए। सभी जिलाधिकारी, पेयजल विभाग के अधिकारी जिलों में ग्राम स्तर तक पेयजल स्थिति का फीडबैक लें। गंगा एवं उसकी सहायक नदियों को स्वच्छ बनाए जाने हेतु और अधिक कार्य करने की उन्होंने आवश्यकता बतायी। गंगा नदी की स्वच्छता के क्षेत्र में हमारा राज्य मॉडल राज्य के रूप में सामने आए। इस दिशा में समेकित प्रयासों पर भी ध्यान दिये जाने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि जल स्रोतों के पुनर्जीवन की दिशा में ठोस कार्य योजना बनाये जाने तथा रेन वाटर हार्वेस्टिंग की दिशा में कार्य किये जांय। इसे वर्क कल्चर में लाना जरूरी है। जल संचय की दिशा में सबको मिलकर प्रयास करने होंगे। इसमें जन सहयोग भी जरूरी है। उन्होंने कहा शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में वाटर मीटर लगाएं जांए। जल संरक्षण के लिए दीर्घ कालीन विकास योजनाओं पर कार्य किया जाए। प्रदेश में जल संचय एवं नदी की स्वच्छता हेतु स्वच्छता समितियां बनाकर लोगों को जागरूक किया जाए। जन सहभागिता से होने वाले कार्यों के अच्छे परिणाम मिलते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी चारधाम यात्रा के दृष्टिगत जलापूर्ति के लिए सुनियोजित व्यवस्था की जाय। चारधाम यात्रा मार्गों पर उच्च गुणवत्ता के पर्याप्त वाटर एटीएम लगाये जाए। वाटर एटीएम के साथ पानी की गुणवत्ता को भी डिस्प्ले किया जाय। चारधाम यात्रा आस्था का प्रतीक है। देश विदेश से लाखों श्रद्धालु देवभूमि उत्तराखण्ड आते हैं। श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराना हमारी जिम्मेदारी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सुनिश्चित कर लिया जाय कि यात्रा मार्गों पर सुलभ शौचालयों में पर्याप्त पानी की उपलब्धता रहे। मानसखण्ड मंदिर माला मिशन के अंतर्गत भी जलापूर्ति के लिए वाटर एटीएम/नलकूप की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
मुख्यमंत्री ने नमामि गंगे योजना के अंतर्गत राज्य में गंगा की निर्मलता एवं स्वच्छता के लिए किये जा रहे कार्यों में गंगा एवं उसकी सहायक नदियों को स्वच्छ बनाए जाने हेतु और अधिक प्रयासों की जरूरत बतायी। गंगा नदी की स्वच्छता के क्षेत्र में हमारा राज्य मॉडल राज्य के रूप में सामने आए। हमारे राज्य से गंगा साफ निर्मल बहे ये सभी राज्य वासियों की सामूहिक जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा राज्य के अंदर नदियों में सीवर का पानी, कूड़ा एवं गंदगी फैलाने वाले लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाए। नमामि गंगे योजना के तहत गंगा एवं उसकी सहायक नदियों पर प्रस्तावित योजनाओ की डीपीआर तैयार कर केन्द्र को भेजे जाने में भी शीघ्रता बरती जाए।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि जल जीवन मिशन प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का ड्रीम प्रोजेक्ट है। जल जीवन मिशन के कार्यों में और तेजी लाई जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाय कि जल जीवन मिशन के तहत जिन घरों में नल लग चुका है, उनमें शुद्ध गुणवत्ता युक्त पेयजल उपलब्ध हो। हर घर नल, हर घर जल पहुंचाने के लिए अभियान चलाया जाय। पेयजल की उपलब्धता के लिए जो व्यावहारिक दिक्कते आ रही हैं, उनका शीघ्रता से समाधान किया जाए। ग्रीष्मकाल में प्रदेश के किसी भी जनपद में पेयजल की कमी न हो, इसके लिए उपलब्ध साधनों के साथ ही शीघ्र ही प्रत्येक जनपद को अतिरिक्त वाटर टेंकर उपलब्ध कराये जाएं। गर्मियों में पेयजल समस्या का समाधान एक बड़ी चुनौती है। इसके समाधान के लिये समेकित प्रयास किये जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिलाधिकारी एवं पेयजल विभाग के अधिकारी जिले के ग्राम स्तर तक पेयजल से संबंधित समस्याओं का फीडबैक लें। गांव के स्तर पर पानी के स्टोरेज हेतु स्टोरेज टैंक का निर्माण किया जाए। विभिन्न भौगोलिक स्थितियों के आधार पर पेयजल योजनाओं पर कार्य हो। उन्होंने कहा हैंडपंप के साथ सोलर वाटर पंप भी स्थापित किए जाएं। राज्य के प्रत्येक विद्यालय में पेयजल की व्यवस्था तय समय पर पूरी हो यह सुनिश्चित करने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिए।
बैठक में सचिव नितेश कुमार झा द्वारा व्यापक प्रस्तुतिकरण के माध्यम से पेयजल से संबंधित विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी गयी।
बैठक में मुख्य सचिव डॉ एस.एस संधु, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव शैलेश बगौली, अपर सचिव उदय राज सिंह, एवं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलों के जिलाधिकारी उपस्थित रहे।

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने राजस्थान के भीनमाल में नीलकंठ महादेव मंदिर में चल रहे प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में प्रतिभाग किया

भीनमाल में नीलकंठ महादेव मंदिर में चल रहे प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के तहत रविवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पहुंचे। उन्होंने नीलकंठ महादेव मंदिर और वाराह श्याम मंदिर में पहुंचकर पूजा-अर्चना की। मुख्यमंत्री दोपहर को उदयपुर से भीनमाल पहुंचे। जहां से रानीवाड़ा रोड, खारी रोड, मुख्य बाजार होते हुए सर्वप्रथम वाराहश्याम मंदिर पहुंचे जहां पर मंदिर के पुजारी कांतिलाल ने मुख्यमंत्री को आरती करवाई।

इसके बाद मुख्य बाजार, जुजाणी बस स्टैंड होते हुए नीलकंठ महादेव मंदिर पहुंचे जहां पर प्रतिष्ठा आयोजक प्रेमसिह राव, खुुशवंत सिह राव ने मुख्यमंत्री धामी का स्वागत किया। इसके बाद मंदिर में पहुंचे जहाँ पर पुजारी विनोद महाराज ने विशेष पूजा अर्चना करवाई गई।

इस दौरान उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान वीरों की भूमि रही है। यहां के वीरों ने अपना सिर तक कटा दिया था। राजस्थान की धरती से मेरा गहरा संबंध है जब भी मैं इस धरती पर आता हूं तो संबंध और भी गहरा हो जाता है। अयोध्या में अब राम मंदिर बन रहा है जिसका वर्षो से भारत के लोगो को इंतजार था। उन्होंने कहा कि आज प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश आगे बढ़ रहा है। देश मे सभी के लिए आवास, किसानों के लिए कई जनकल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रही है।

कथा के आयोजक मुफ्तसिह राव परिवार द्वारा जोशीमठ में आई आपदा में सहायता राशि के तौर पर एक करोड़ 11 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने की भी घोषणा की गई। इस अवसर पर मुफ्तसिंह राव, प्रेमसिंह राव, भाजपा नेता नरिंगराम पटेल, टीकमसिंह राणावत, छगनाराम चैधरी, मदनसिंह राव, जय सिंह राव, भरतसिंह राव, पहाड़सिंह राव बोरली, भंवरलाल सोलंकी सहित कई लोग मौजूद रहे हैं।

मुख्यमंत्री धामी को प्रदान किया स्वच्छ राजनीतिज्ञ सम्मान, नित्यानंद स्वामी जनसेवा समिति ने दिया पुरस्कार

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को नित्यानंद स्वामी जन सेवा समिति द्वारा आयोजित कार्यक्रम में स्वच्छ राजनीतिज्ञ सम्मान 2022 से सम्मानित किया गया। मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में स्वामी जी की 94 वीं जयन्ती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री को सम्मानित करने के साथ ही संगीत, शिक्षा, उद्योग, चिकित्सा एवं सांस्कृतिक सम्पदा से जुड़े 5 लोगों के साथ अन्य दो लोगों को उत्तराखण्ड गौरव से सम्मानित किया गया।

प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री रहे नित्यानंद स्वामी को नमन करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति तक सेवा प्रदान करने की उनकी संकल्पबद्धता अभूतपूर्व थी। एक वकील के रूप में हो, एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में हो या फिर एक मुख्यमंत्री के रूप में उनका जीवन हम सभी के लिये एक प्रेरणापुंज के समान है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड के प्रथम मुख्यमंत्री होते हुए उन्होंने अंत्योदय के विचार को अपने कार्यों के माध्यम से सिद्ध किया। शैक्षणिक व्यवस्था में सुधार, स्वास्थ्य सेवाओं का विकास और सैनिकों के हित के लिये उन्होंने अभूतपूर्व कार्य किये। उत्तराखण्ड की सांस्कृतिक विरासत पर विशेष ध्यान देते हुए उन्होंने उत्तराखण्ड के राज्य चिन्हों को स्थापित कर, संपूर्ण देश में उत्तराखण्ड की एक विशिष्ट पहचान बनाई।

मुख्यमंत्री ने नित्यानंद स्वामी जनसेवा समिति द्वारा उनके जीवन से प्रेरित होकर समाज सेवा के क्षेत्र में किये जा रहे कार्यों की सराहना की। समिति द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में, पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में, व्यक्तित्व विकास के क्षेत्र जमीनी स्तर पर कार्य किए जा रहे हैं। जो निश्चित रूप से सार्थक पहल है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में उत्तराखण्ड की डबल इंजन की सरकार स्व. नित्यानंद स्वामी के पदचिन्हों पर चलते हुए राज्य के विकास हेतु प्रतिबद्ध है। श्रद्धेय स्व. स्वामी के स्वच्छ राजनीतिक जीवन से प्रेरित होकर ही हमारी सरकार उत्तराखंड राज्य को “सर्वश्रेष्ठ राज्य“ बनाने के अपने संकल्प को पूर्ण करने के लिए दिन-रात कार्य कर रही है। हमारी सरकार राज्य में शिक्षा, स्वास्थ्य और सुशासन को सुदृढ़ बनाने के लिए विशेष रूप से प्रयासरत है।

ह पूर्ण रूप से “सेवा परमो धर्मः“ के मंत्र को सार्थक करने के लिए ही हो। समिति ने मुझे “स्वच्छ राजनीतिज्ञ सम्मान“ से अलंकृत करने योग्य समझा, इसे भी अपना गौरव समझता हूं। यह सम्मान मुझे नया उत्तराखण्ड बनाने के लिये नई ऊर्जा देने का कार्य करेगा।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने स्व. नित्यानन्द स्वामी की स्मृति में राज्य में संसदीय परम्पराओं की मजबूती एवं सामाजिक सद्भाव को बढ़ावा देने के प्रयासों से सम्बन्धित संसदीय संस्थान जैसी किसी संस्थान की स्थापना की भी बात कही।

इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने जिन्हें सम्मानित किया उनमें पद्मश्री बसंती बिष्ट, जितेन्द्र जोशी, हरेन्द्र कुमार गर्ग, डॉ. डी.एम काला, प्रेम हिगवाल शामिल थे। उत्तराखण्ड गौरव सम्मान रस्किन बांड एवं प्रसून जोशी की अनुपस्थिति में उनके प्रतिनिधियों को प्रदान किया गया।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री प्रेम चंद्र अग्रवाल, सांसद रेखा वर्मा, नरेश बंसल, उत्तर प्रदेश के पूर्व शिक्षा मंत्री डॉ अम्मार रिजवी, परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द मुनि, समाजसेवी डॉ. एस फारूख, डॉ. आर के बख्शी ने भी अपने विचार व्यक्त किये।
कार्यक्रम में स्व. नित्यानन्द स्वामी के परिवारिक जनों सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे।

प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत का मान, सम्मान और स्वाभिमान बढ़ाः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सामुदायिक केंद्र शिव मंदिर बारीघाट, कैनाल रोड, देहरादून में संकल्प दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग किया।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत का मान, सम्मान एवं स्वाभिमान बढ़ा है। देश में नई कार्य संस्कृति आई है। अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक सरकारी सुविधाएं पहुंचे ऐसी योजनाओं का संचालन पूरे पारदर्शिता के साथ किया जा रहा है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में चलाया गया स्वच्छ भारत अभियान एक जन आंदोलन बना। दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य की स्कीम जिससे गरीबों का इलाज मुफ्त में हो रहा है ऐसी आयुष्मान भारत योजना भी उन्हीं के नेतृत्व में चलाई जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उत्तराखंड राज्य से विशेष लगाव है, उनके नेतृत्व में कई सड़कों का विस्तार रेल लाइन का निर्माण कार्य तेज गति के साथ किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य सरकार राज्य में समान नागरिक संहिता के लिये समिति का गठन कर दिया है। समिति के फाइनल ड्राफ्ट के आधार पर फैसला लिया जाएगा। सरकार अपने वादों के अनुसार गरीब परिवारों को तीन सिलेण्डर मुफ्त उपलब्ध कराने जा रही है। भ्रष्टाचार पर रोक लगाने हेतु राज्य में 1064 हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है। सरकार आमजन के सुझाव पर कार्य कर विकास को आगे बढ़ाने का कार्य कर रही है।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल, गणेश जोशी एवं अन्य लोग मौजूद थे।

30 सितम्बर तक सभी 13 जिलों में आयोजित होंगे 240 शिविर, मौके पर होगा आवेदनों का निस्तारण


अगले 30 दिनों में राज्य में स्वरोजगार से जुड़ी योजनाओं के निर्धारित लक्ष्यों को समय से पूरे करने का काम अभियान के रूप में चलेगा। युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने और उनकी विभिन्न समस्याओं के समाधान के लिए सभी जनपदों में ’स्वरोजगार शिविर’ लगाये जायेंगे। इन शिविरों में जिला स्तरीय अधिकारी एवं बैंक के अधिकारी स्वरोजगार से जुड़ी योजनाओं की जानकारी देने के साथ ही मौके पर ही आवेदकों की समस्याओं का समाधान करेंगे। इस माह 30 सितम्बर से पहले ये शिविर आयोजित कर लिए जाऐंगे। शिविरों के आयोजन का रोस्टर सभी जिलों के मुख्य विकास अधिकारियों ने शासन को उपलब्ध करवा दिया है।

प्रदेश में स्वरोजगार की योजनाओं के आवेदनों के निस्तारण के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशानुसार पूरे प्रदेश में कार्यवाही शुरू हो गई है। प्रदेश के सभी 13 जिलों में 30 सितम्बर से पहले स्वरोजगार शिविर आयोजित होंगे। बीते 5 अगस्त को समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्वरोजगार योजनाओं के जुड़े आवेदकों के ऋण की प्रक्रिया यथाशीघ्र पूरी करने के निर्देश दिए थे। उनके निर्देश के बाद सभी जनपदों में विकासखंड स्तर पर स्वरोजगार शिविरों के आोजन का रोस्टर तैयार कर लिया गया है। इसके तहत अलग- अलग स्थानों में अल्मोड़ा जनपद में 45, उत्तरकाशी में 11, चमोली में 9, देहरादून में 16, टिहरी गढ़वाल में 9, पौड़ी गढ़वाल में 15 तथा जनपद रुद्रप्रयाग में 7 स्वरोजगार शिविरों का आयोजन किया जाएगा।

इसके अलावा जनपद उधमसिंहनगर में 11, पिथौरागढ़ में 21, बागेश्वर में 16, हरिद्वार में 13, नैनीताल 28 और चंपावत में 39 स्वरोजगार शिविर लगेंगे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्वरोजगार से जुड़ी योजनाओं के निर्धारित लक्ष्यों को समय से पूरे करने के निर्देश आधिकारियों को दिए हैं। उनका कहना है कि सरकारी नौकरियां सीमित होने के कारण स्वरोजगार से आत्मनिर्भर भारत का मार्ग प्रशस्त होगा। खासकर पहाड़ी राज्य उत्तराखण्ड स्वरोजगार से ही आर्थिक समृद्धि की ओर आगे बढ़ सकता है।