सीएस ने दिए निर्देश, बोले-निवेश राज्य के लिए बेहद जरूरी

मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु ने आज सचिवालय में सिंगल विंडो सिस्टम के अंतर्गत लंबित आवेदनों के संबंध में बैठक की। बैठक में समस्त जिलाधिकारी भी वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित रहे।
बैठक में मुख्य सचिव ने अधिकारियों से कहा कि निवेश राज्य के लिए बेहद जरूरी है और निवेश बढ़ाना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। इस बात को ध्यान में रखते हुए सिंगल विंडो सिस्टम के अंतर्गत प्राप्त आवेदनों पर तत्काल कार्यवाही करना सुनिश्चित करें। निवेशकों को किसी प्रकार की परेशानी ना हो इस बात पर भी ध्यान दिया जाए। उन्होंने समस्त जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रत्येक 15 दिन में जनपद स्तर पर लंबित आवेदनों की मॉनिटरिंग करें साथ ही शासन स्तर पर संबंधित सचिव इसकी मॉनिटरिंग करते हुए निस्तारण सुनिश्चित करें। मुख्य सचिव ने कहा कि प्राप्त आवेदनों को टाइम बाउंड करते हुए समय से निस्तारित किया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी विभाग आपसी सामंजस्य से कार्य करें।
मुख्य सचिव ने राजस्व विभाग,आबकारी विभाग के अलावा जिलाधिकारी हरिद्वार व जिलाधिकारी उधमसिंह नगर को निर्देश दिए कि उनके स्तर पर लंबित आवेदनों पर तत्काल कार्रवाई करते हुए इन आवेदनों का निस्तारण सुनिश्चित करें।
इस अवसर पर सचिव रविनाथ रमन, महानिदेशक उद्योग रणवीर सिंह चौहान सहित सम्बन्धित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

10 जनवरी से 60 वर्ष से अधिक के बुजुर्गों को बूस्टर डोज की तैयारी

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. सन्धु ने गुरूवार को सचिवालय में कोविड की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने कोविड की तीसरी लहर की सम्भावना को देखते हुए सभी जिलाधिकारियों को आवश्यक तैयारियां करने के दिशा निर्देश दिए। उन्होंने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि अपने जनपदों में कोविड की स्थिति पर लगातार नजर बनाए रखी जाए। प्रतिदिन कोविड को लेकर उच्चाधिकारियों के साथ बैठक की जाए।
मुख्य सचिव ने कहा कि कोविड संक्रमण को रोकने हेतु कोविड अनुकूल व्यवहार का अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। लगातार आमजन में मास्क पहनने और सामाजिक दूरी बनाए रखने हेतु जन-जागरूकता फैलायी जाए, साथ ही सार्वजनिक स्थानों पर मास्क न पहनने वालों पर कार्रवाई भी की जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि टेस्टिंग बढ़ाए जाने के साथ ही नियमित तौर पर डाटा अपलोड किया जाए, ताकि स्थिति का सही से अनुमान लगाया जा सके। उन्होंने 100 प्रतिशत वैक्सीनेशन का लक्ष्य शीघ्र से शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश भी दिए। कहा कि 15 से 17 वर्ष के किशोरों को अगले 7 दिनों में वैक्सीनेट कर लिया जाए। साथ ही, 10 जनवरी से 60 वर्ष से अधिक के बुजुर्गों को बूस्टर डोज की तैयारी भी सुनिश्चित की जाए।
मुख्य सचिव ने पी.एच.सी और सी.एच.सी लेवल तक आवश्यक दवाओं, कोविड आईसोलेशन किट आदि की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि होम आईसोलेशन की व्यवस्था को सुदृढ़ किए जाने हेतु सभी आवश्यक कदम समय से उठा लिए जाएं। कोविड हेतु बनाए गए कंट्रोल रूम आदि को भी एक्टिव कर लिया जाए। मुख्य सचिव ने टेम्परेरी हेल्थ फेसिलिटीज को भी स्टैण्डबाई मोड में एक्टिव रखे जाने के निर्देश दिए। कहा कि कोविड की तीसरी लहर आए या नहीं या वह कितनी प्रभावित करेगी कहना मुश्किल है परन्तु हमें अपनी तैयारियां कोविड से एक कदम आगे रहकर करनी हैं। इसके लिए पूरे सिस्टम को एकजुट होकर प्रभावी तौर पर कार्य करना होगा।
मुख्य सचिव ने सामान्य बेड, ऑक्सीजन बेड और वेन्टीलेटरयुक्त बेड की उपलब्धता बनाए रखने के निर्देश दिए। कहा कि सर्दियों में बर्फ से प्रभावित क्षेत्रों में कोविड के लिए सुनियोजित तरीके से कार्य करना होगा। ऐसे क्षेत्रों में सम्पर्क मार्ग अवरूद्ध हो जाने पर भी क्षेत्रवासियों को समस्या न हो इसके पूर्व में ही प्रबन्ध कर लिए जाएं।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनन्द वर्धन, सचिव अमित नेगी, एस.ए. मुरूगेशन सहित अन्य उच्चाधिकारी, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से गढ़वाल एवं कुमाऊं मण्डल आयुक्त सहित सभी जिलाधिकारी उपस्थित रहे।

सीएस ने कोविड के प्रभावी नियंत्रण के लिए जिलाधिकारियों को दिए निर्देश

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने सभी जिलाधिकारियों को कोविड के मामलों में बढ़ोत्तरी और ओमिक्रॉन वैरिएंट के खतरे को देखते हुए बचाव एवं सुरक्षा हेतु विशेष कदम उठाए जाने के निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने सचिव, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी निर्देशों के क्रम में जिलाधिकारियों को रोकथाम के उपाय एवं प्रतिबंधों का अनुपालन करने हेतु निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि सभी जनपद द्वारा कोविड के केसों में लगातार नजर बनाए रखते हुए स्थानीय परिस्थितियों जैसे जनसंख्या और इसके घनत्व के अनुरूप ऑमिक्रॉन को फैलने से रोकने हेतु कंटेनमेंट जोन और प्रतिबंधों लगाए जाएं।
मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों को कंटेनमेंट स्ट्रैटेजी, टेस्टिंग, टै्रकिंग, आइसोलेशन, सर्विलांस, पर्याप्त क्लीनिकल प्रबंधन, टीकाकरण और कोविड अनुकूल व्यवहार के अनुपालन की कार्रवाई सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कोविड की लगातार निगरानी रखते हुए कोविड केसों के बढ़ने पर नाईट कर्फ्यू, अधिक भीड़ एकत्र होने पर प्रतिबंध, विवाह और अंत्येष्टि में संख्या कम करना, कार्यालयों, उद्योगों और सार्वजनिक परिवहन में संख्या सीमित करने जैसे कदम उठाए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने निर्देश दिए कि कंटेनमेंट जोन, बफर जोन आदि का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराया जाए।
मुख्य सचिव ने कोविड टेस्टिंग आईसीएमआर और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार की गाईडलाईन के अनुरूप कराए जाने के साथ ही, डोर टू डोर केस सर्च और जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए सैंपल शीघ्र से शीघ्र भेजे जाने पर भी जोर दिया है। उन्होंने कोविड पॉजिटिव लोगों की कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग और आईसीएमआर की गाईडलाईन के अनुरूप टेस्टिंग कराए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि विदेशों से आए यात्रियों की सैंपलिंग और मॉनिटरिंग को प्राथमिकता के साथ किया जाए।
मुख्य सचिव ने जनपद स्तरीय कंट्रोल रूम और उनके नंबरों को एक्टिव मोड में रखने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही, पर्याप्त संख्या में आइसोलेशन बेड, ऑक्सीजन बेड और आईसीयू बेड की उपलब्धता के साथ ही कोविड वैक्सीनेशन की 100 प्रतिशत कवरेज सुनिश्चित किये जाने के भी निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने आमजन में कोविड अनुरूप व्यवहार एवं मास्क पहनने के प्रति जनजागरूकता के लिए भी लगातार अभियान चलाए जाने के निर्देश दिए हैं।

ऑनलाइन माध्यम से बेहतरीन शिक्षकों के लेक्चर छात्रों को उपलब्ध कराने के निर्देश

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने गुरुवार को सचिवालय में उच्च शिक्षा विभाग की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि छात्र-छात्राओं के जीवन में उच्च शिक्षा का अत्यधिक महत्व है। उच्च शिक्षा में गुणवत्ता लाने हेतु प्रयास किए जाएं। उन्होंने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में कॉलेज तो हैं पर फैकल्टी की कमी है। इसके लिए ऑनलाइन एजुकेशन एक अच्छा विकल्प है।
मुख्य सचिव ने कहा कि देश-विदेश और प्रदेश के बेस्ट टीचर्स के लेक्चर के वीडियोज सभी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को उपलब्ध कराए जाएं। जिससे छात्र-छात्राओं को सबसे अच्छे अध्यापकों से ज्ञान अर्जन का अवसर मिलेगा। इसके लिए सभी कक्षाओं में टीवी या बड़ी स्क्रीन उपलब्ध करायी जाए। ऐसे क्षेत्रों में जहां नेटवर्क नहीं है, यह पाठ्य सामग्री और वीडियो पेनड्राईव के माध्यम से उपलब्ध कराई जाए। यह हमारे पर्वतीय संस्थानों के लिए अत्यधिक उपयोगी होगा। इससे हमारे शिक्षकों को भी विषय के बेस्ट लेक्चर सुनने का लाभ मिलेगा।
मुख्य सचिव ने प्रत्येक राजकीय कॉलेज व यूनीवर्सिटी में इन्नोवेटिव क्लब बनाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नवाचार योजना को बढ़ावा दिया जाए, इससे नवाचार को बढ़ावा मिलेगा। इस मद में धन की कमी नहीं होने दी जाएगी। साथ ही, देश के बेस्ट कॉलेज के मॉडल को अपनाकर अपने राज्य में लागू किया जाए। शुरुआत में प्रत्येक जनपद के एक कॉलेज में इसे शुरू की जा सकती है। जिसका अनुपालन अन्य सरकारी और प्राइवेट कॉलेज कर सकेंगे। उन्होंने टीचर्स को भी अपडेट रखने हेतु शॉर्ट टर्म कोर्सेज कराने जाने हेतु व्यवस्था किए जाने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने अधिकारियों को सभी सरकारी शिक्षण संस्थानों को नेशनल इंस्टीट्यूट रैंकिंग फ्रेमवर्क (एन.आई.आर.एफ) में अनिवार्य रूप में प्रतिभाग करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि रैंकिंग में प्रतिभाग करने के संस्थानों की गुणवत्ता में सुधार आएगा। उन्होंने कैरियर काउंसिलिंग पर भी फोकस किए जाने के निर्देश दिए। कहा कि एक ऐसा पैनल तैयार किया जाए जिसमें अनुभवी लोगों को रखा जाए, जो छात्र-छात्राओं को कैरियर के सम्बन्ध में सुझाव दे सकें।
मुख्य सचिव ने प्रत्येक जनपद में महिला छात्रावासों को विकसित और सुदृढ़ किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पहले से उपलब्ध छात्रावासों को सुदृढ़ करके ऐसी व्यवस्था की जाए, जिसमें किसी भी कॉलेज और विश्वविद्यालय की छात्राएं रह सकें। उन्होंने कहा कि दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्रों में छात्र-छात्राएं कॉलेज दूर होने या किराया अधिक होने के कारण कॉलेज नहीं जा पाते हैं। हमारे प्रदेश का युवा उच्च शिक्षा से वंचित न रहे, इसके लिए प्रयास किए जाने चाहिए। स्थानीय प्रशासन अथवा विभाग द्वारा छात्र-छात्राओं को स्थानीय परिवहन सुविधा में छूट उपलब्ध कराए जाने हेतु विभाग द्वारा शीघ्र प्रस्ताव तैयार किया जाए।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी सहित कॉलेजों एवं विश्वविद्यालयों के कुलसचिव एवं रजिस्ट्रार उपस्थित रहे।

सीएस नाराज, दिए 15 दिन के अंदर कार्यवाही करने के निर्देश

मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु ने शिथिलीकरण नियमावली-2021 के अन्तर्गत अधिकांश विभागों द्वारा पदोन्नति की कार्रवाई न किए जाने का संज्ञान लेते हुए समस्त अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव, विभागाध्यक्ष, आयुक्तों एवं जिलाधिकारियों को अगले 15 दिनों के भीतर राज्याधीन सेवाओं, शिक्षण संस्थाओं, सार्वजनिक उद्यमों, निगमों, स्वायत्तशासी संस्थाओं में नियमानुसार अर्हकारी सेवा में शिथिलीकरण प्रदान करते हुए पदोन्नति की कार्रवाई पूर्ण कर कार्मिक एवं सतर्कता विभाग को कृत कार्रवाई विषयक आख्या उपलब्ध कराए जाने हेतु निर्देश जारी किए हैं।
सभी उच्चाधिकारियों को जारी अपने पत्र के माध्यम से मुख्य सचिव ने निर्देश किए हैं कि सभी विभाग अपने कार्मिकों को नियमानुसार अर्हकारी सेवा में शिथिलीकरण प्रदान करते हुए पदोन्नति की कार्रवाई शीघ्र यथा शीघ्र पूर्ण करना सुनिश्चित करें।

सीएस ने विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर दिए निर्देश

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु की अध्यक्षता में गुरूवार को सचिवालय में सभी जिलाधिकारियों के साथ विधानसभा चुनाव की तैयारियों के सम्बन्ध में बैठक आयोजित की गयी। मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि चुनाव हेतु प्रत्येक बूथ कनेक्टेड हो इसके लिए सभी सड़कों एवं ट्रैकिंग रूटों की मरम्मत 31 दिसम्बर तक कर ली जाए, ताकि पोलिंग टीम और मतदाताओं को कोई परेशानी न हो।
मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि रिटर्निंग ऑफिसर, असिस्टेंट रिटर्निंग ऑफिसर और नोडल ऑफिसर की तैनाती 12 दिसम्बर तक सुनिश्चित कर ली जाए, इसके साथ ही जिन अधिकारियों की तैनाती गृह जनपदों में है या जिन्हें एक ही स्थान पर 3 वर्ष से अधिक हो गए हैं, उन्हें अनिवार्य रूप से शीघ्रअतिशीघ्र स्थानान्तरित कर लिया जाए।
मुख्य सचिव ने प्रत्येक बूथ में एश्योर्ड मिनिमन फैसिलिटी (रैंप, बिजली, पेयजल, टॉयलेट आदि) की उपलब्धता 21 दिसम्बर, 2021 तक सुनिश्चित किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि चुनाव की दृष्टि से संवेदनशील एवं अतिसंवेदनशील क्षेत्रों को चिन्हित कर लिया जाए। इसके साथ ही अन्य राज्यों से लगे जनपद सहयोग हेतु 20 दिसम्बर तक बॉर्डर कॉर्डिनेशन मीटिंग्स आयोजित कर लें। इस अवसर पर मुख्य चुनाव अधिकारी सौजन्या सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी भी उपस्थित थे।

सिंगल यूज प्लास्टिक के प्रयोग पर सीएस सख्त, दिए ये निर्देश

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने शुक्रवार को सचिवालय में सिंगल यूज प्लास्टिक के प्रयोग को रोकने के हेतु गठित स्पेशल टास्क फोर्स के सम्बन्ध में बैठक की। बैठक के दौरान, मुख्य सचिव ने कहा कि पर्यावरण के लिए प्लास्टिक बहुत की घातक है, इसमें सिंगल यूज प्लास्टिक सबसे अधिक हानिकारक है। इसके प्रयोग को रोकने के लिए विशेष प्रयास किए जाएं। उन्होंने इसके लिए आमजन में जागरूकता फैलाने के साथ ही कुछ विशेष कदम उठाए जाने की बात भी कही।
मुख्य सचिव ने कहा कि सिंगल यूज प्लास्टिक के प्रयोग को रोकने के लिए अधिक से अधिक जागरूकता फैलाई जाए। उन्होंने कहा कि व्यापारियों में सिंगल यूज प्लास्टिक की जानकारी की कमी होने के कारण इसको रोकने के प्रयास कम सफल हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि कौन सा प्लास्टिक बैन है, कौन सा नहीं इस पर एक छोटी-छोटी वीडियो क्लिप्स के माध्यम से जानकारी का संचार किया जाए। साथ ही, व्यापारियों एवं आमजन को फोटो और वीडियो के माध्यम से बैन और अधिक नुकसानदेह प्लास्टिक की जानकारी वेबसाइट और सोशल मीडिया के माध्यम से उपलब्ध कराई जाए। इससे होने वाले दुष्प्रभावों को भी फोटो-वीडियो के माध्यम से दिखाया जाना चाहिए।
मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि प्लास्टिक के प्रयोग को रोकने के लिए प्लास्टिक के विकल्प को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। उन्होंने निर्देश दिए कि प्लास्टिक के क्या-क्या विकल्प हो सकते हैं, इस पर एक अध्ययन कराया जाए, ताकि इसके विकल्पों के लिए सब्सिडी देकर बढ़ावा दिया जा सके। उन्होंने प्लास्टिक के विकल्प को बढ़ावा दिए जाने हेतु एक योजना तैयार किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस योजना में सब्सिडी के माध्यम से बढ़ावा दिया जाए, ताकि इसके विकल्प के व्यवसाय से जुड़ने को प्रोत्साहित हो सकें, और प्लास्टिक के व्यापार से जुड़े लोगों के रोजगार पर इसका प्रभाव न पड़े। उन्होंने वन विभाग की नर्सरी में भी पौधों के लिए जूट के बैग के प्रयोग की संभावनाओं को भी तलाशा जाए।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनन्द वर्द्धन एवं सचिव अमित नेगी सहित सम्बन्धित विभागों के उच्चाधिकारी उपस्थित रहे।

सीएस का फिर अवैध खनन पर प्रभावी रोक लगाने के आदेश

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने प्रदेश में खनिज के अवैध खनन, परिवहन एवं भंडारण पर प्रभावी अंकुश लगाए जाने हेतु अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए हैं। पुलिस महानिदेशक, प्रमुख मुख्य वन संरक्षक, महानिदेशक भूतत्व एवं खनिकर्म इकाई और समस्त जिलाधिकारियों को जारी अपने आदेश में मुख्य सचिव ने खनिजों के अवैध खनन, परिवहन एवं भंडारण की प्रभावी रोकथाम एवं पूर्ण रूप से अंकुश लगाए जाने हेतु पूर्व में जारी आदेश पर की गई कार्रवाई और क्रियान्वयन आख्या अविलंब उपलब्ध कराए जाने हेतु आदेश दिए हैं।
मुख्य सचिव ने कहा कि खनिजों के अवैध खनन, परिवहन एवं भंडारण की प्रभावी रोकथाम एवं पूर्ण रूप से अंकुश लगाया जाए। लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही अमल में लायी जायेगी।

उद्योगों को आसानी से भूमि उपलब्ध कराने के लिए लैंड बैंक तैयारने करने के निर्देश

मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु ने सोमवार को सचिवालय में पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन विभाग की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को पर्यटकों की सुविधा के लिए एक गाइडेंस ऐप तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ऐप को यूजर फ्रेंडली होना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्टेट में टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए हर संभव कदम उठाए जाएं।
मुख्य सचिव ने कहा कि उद्योगों को आसानी से भूमि उपलब्ध हो इसके लिए लैंड बैंक तैयार किया जाना चाहिए। पर्यटन विभाग को लैंड बैंक तैयार करने के लिए एक सेपरेट सेल बनाए जाने के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि इस सेल का कार्य प्रदेश भर में लैंड बैंक चिन्हित करना हो। इससे पर्यटन से जुड़े उद्योगों को स्थापित करने में भी काफी आसानी होगी। मुख्य सचिव ने एडवेंचर टूरिज्म के अंतर्गत बंजी जंपिंग, ट्रैकिंग, पैराग्लाइडिंग आदि पर विशेष फोकस करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इन सभी कार्यों को करने के लिए टाइम लाइन सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि बंजी जंपिंग एवं पैराग्लाइडिंग के लिए उपयुक्त स्थानों की तलाश किए जाने के लिए स्टडी कराई जाए, ताकि इनके लिए नई जगहों को चिन्हित किया जा सके।
मुख्य सचिव ने पर्यटकों की सुरक्षा के लिए विशेष ध्यान दिए जाने की बात कही। इसके साथ ही, हेल्पलाइन नंबर का अधिक से अधिक प्रचार किया जाए। एक ऐसा सिस्टम भी तैयार किया जाए कि उत्तराखंड में प्रवेश करते ही “वेलकम टू उत्तराखण्ड“ का संदेश राज्य में प्रवेश करने वाले लोगों को मिले और इसमें साथ साथ टूरिज्म संबंधित जानकारियों वाला ऐप डाउनलोड करने का लिंक भी उपलब्ध कराया जाना चाहिए, जिसमें उत्तराखण्ड में पर्यटन से सम्बन्धित सभी जानकारियां उपलब्ध हों।
मुख्य सचिव ने माउंटेनियरिंग के लिए ट्रैकिंग डिवाइस को अनिवार्य किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इससे लापता माउंटेनियर आदि को ढूंढने के आसानी होगी। साथ ही माउंटेनियरिंग और ट्रैकिंग आदि के लिए ली जाने वाले शुल्क को भी कम किया जाए ताकि अधिक से अधिक माउंटेनियरिंग और ट्रैकिंग दलों को प्रोत्साहित किया जा सके। इससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा।
मुख्य सचिव ने सुलभ सुविधाओं की मॉनिटरिंग के लिए भी व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए। साथ ही, उन्होंने कैपेसिटी बिल्डिंग पर भी फोकस किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के होटल और रेस्टोरेंट व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए ट्रेनिंग उपलब्ध कराया जाना जरुरी है। इसके लिए होटल रेस्टोरेंट से जुड़े कर्मियों को 2 से 3 मिनट की वीडियो क्लिप्स के माध्यम से अलग अलग प्रकार की ट्रेनिंग उपलब्ध कराई जाए। यह सभी वीडियो पर्यटन विभाग की वेबसाइट और सोशल मीडिया के अलग अलग प्लेटफार्म पर निशुल्क भी उपलब्ध कराई जानी चाहिए। ताकि जिसको भी हॉस्पिटैलिटी आदि के बारे में जानकारी चाहिए, वेबसाइट आदि के माध्यम से मिल सके।
मुख्य सचिव ने नागरिक उड्डयन विभाग की समीक्षा के दौरान कहा कि राज्य में हवाई सेवाओं को किफायती कीमत पर प्रदेश वासियों और पर्यटकों को उपलब्ध कराए जाने हेतु प्रयास किए जाएं। इसके लिए अधिक से अधिक गंतव्यों को चिन्हित कर विकसित किया जाए।
मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में एयर कनेक्टिविटी बढ़ाए जाने के लिए अधिक से अधिक हेलीपैड भी विकसित किए जाएं। हेलीपैड विकसित किए जाते समय ट्रांसपोर्टेशन, डिजास्टर मैनेजमेंट और मेडिकल इमरजेंसी जैसे पहलुओं पर ध्यान रखा जाए। उन्होंने कहा कि ऐसे क्षेत्रों को भी चिन्हित किया जाए जो भले ही पर्यटन की दृष्टि से उपयोगी न हों परन्तु आपदा एवं मेडिकल इमरजेंसी की दृष्टि से उपयोगी हों। उन्होंने कहा कि हेलीपैड समय से तैयार हो सकें इसके लिए साप्ताहिक समीक्षा की जाए। प्रत्येक प्रोजेक्ट को ससमय पूर्ण करने के लिए प्रत्येक स्टेज एवं कार्य के पूर्ण होने की समय सीमा निर्धारित की जाएं।
इस अवसर पर सचिव दिलीप जावलकर, अपर सचिव युगल किशोर पंत सहित अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित रहे।

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