मुख्य सचिव ने सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम को लेकर बुलाई अहम बैठक

मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने सड़क दुर्घटनाओं के लिए चिन्हित और सम्भावित स्थलों को अविलम्ब ठीक कराने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने सड़क दुर्घटनाओं पर प्रभावी नियन्त्रण के लिए सभी संबंधित विभागों से आपसी समन्वय के साथ कार्य करने के निर्देश दिये।
सचिवालय सभागार में सड़क सुरक्षा से संबंधित बैठक में मुख्य सचिव ने सड़क सुरक्षा निधि में उपलब्ध धनराशि को सड़क सुरक्षा कार्य में उपयोग करने हेतु शीघ्र ही एक बैठक बुलाने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने यह भी बताया कि इस निधि में जमा धन का 25 प्रतिशत सड़क सुरक्षा कार्यों में खर्च करने का प्राविधान भी है।
बैठक में अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने बताया कि प्रदेश में 1500 संवेदनशील स्थल चिन्हित किये गये हैं जिसमें से 51 स्थलों को निर्माण विभाग, 47 स्थलों को राष्ट्रीय राजमार्ग एवं लोक निर्माण विभाग तथा 09 स्थलों को राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण इस प्रकार कुल 107 स्थलों सही कर दिया गया है। शेष 941 स्थलों पर लोक निर्माण विभाग 358 स्थलों पर राष्ट्रीय राजमार्ग एवं लोक निर्माण विभाग तथा 48 स्थानों पर राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण तथा 46 स्थलों पर राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास निगम एवं सीमा सड़क संगठन द्वारा संवेदनशील स्थलों को सही करने का कार्य किया जा रहा है।
बैठक का संचालन करते हुए अपर परिवहन आयुक्त सुनीता सिंह ने बताया कि उच्चतम न्यायालय की मानीटरिंग कमेटी के निर्देश पर लीड एजेन्सी के सदस्यों की नियुक्ति हेतु अपर मुख्य सचिव, लोक निर्माण विभाग के एक अभियंता, पुलिस महानिदेशक के प्रतिनिधि के रूप में सहायक निदेशक स्तर के यातायात अधिकारी की नियुक्ति करने के भी निर्देश दिए हैं। इस हेतु चिकित्सा, शिक्षा विभाग द्वारा एक-एक अधिकारी पूर्व से ही नियुक्त किये गये हैं, जो स्वतंत्र रूप से सड़क सुरक्षा एजेन्सी में पूर्णकालिक सदस्य रहेंगे। बैठक में बताया गया कि प्रदेश गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष वाहन दुर्घटनाओं की संख्या में कमी आयी है। बैठक में सचिव परिवहन शैलेश बगौली, पुलिस महानिदेश अनिल रतूड़ी, पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) अशोक कुमार के साथ ही परिवहन विभाग के अधिकारी भी उपस्थित थे।

कौशिक समिति करेगी आरक्षण रोस्टर नीति का परीक्षण

सरकारी सेवा में सीधी भर्ती के पदों के लिए लागू आरक्षण रोस्टर नीति के परीक्षण के लिए अब मंत्रिमंडलीय समिति का गठन कर दिया गया है। शहरी एवं आवास मंत्री मदन कौशिक इस समिति के अध्यक्ष होंगे। समिति में कृषि मंत्री सुबोध उनियाल और महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रेखा आर्य को बतौर सदस्य शामिल किया गया है। मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह के निर्देश पर अपर मुख्य सचिव कार्मिक राधा रतूड़ी ने समिति के गठन का शासनादेश जारी किया। समिति जल्द अपनी रिपोर्ट उपलब्ध कराएगी।
शासन ने गत 11 सितंबर को राजकीय सेवाओं, निगमों, सार्वजनिक उद्यमों व शिक्षण संस्थानों में सीधी भर्ती के पदों पर विभिन्न श्रेणियों को प्राप्त आरक्षण व्यवस्था क्रियान्वयन को नई रोस्टर नीति जारी की थी। पुराने रोस्टर में पहला पद अनुसूचित जाति वर्ग के कर्मचारी के लिए आरक्षित था, जिसे नए रोस्टर में हटाकर छठे स्थान पर कर दिया है। इस पर कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य को भी एतराज था और उन्होंने मुख्यमंत्री से रोस्टर का परीक्षण कराने का अनुरोध किया था। आरक्षित वर्ग के कर्मचारियों ने भी मुख्यमंत्री और राज्यपाल से रोस्टर का परीक्षण कराने और पुराना रोस्टर लागू करने की मांग उठाई थी। इसके बाद मुख्यमंत्री ने शासन को रोस्टर का परीक्षण कराने के लिए समिति के गठन के निर्देश दिए थे। इन निर्देशों के क्रम में कार्मिक एवं सतर्कता विभाग ने समिति का गठन कर दिया है।
प्रदेश में सीधी भर्ती के पदों पर निर्धारित आरक्षण रोस्टर नीति के परीक्षण को लेकर गठित मंत्रिमंडलीय समिति पर उत्तराखंड एससी एसटी इम्पलाइज फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष करम राम ने सवाल उठाए है। उनके मुताबिक, फेडरेशन का मानना है कि समिति के तीनों सदस्य नए होने चाहिए। यह सवाल भी उन्होंने उठाया कि जब नए रोस्टर पर प्रदेश सरकार को संदेह है और उसका परीक्षण किया जाना है तो पुराना रोस्टर क्यों नहीं लागू किया गया? उन्होंने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से पुराना रोस्टर लागू करने की मांग की।
वहीं, उत्तराखंड जनरल ओबीसी इम्पलाइज एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष दीपक जोशी ने कमेटी के गठन का स्वागत किया है। साथ ही आगाह भी किया है कि नए रोस्टर में किसी भी तरह की छेड़छाड़ को सहन नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पुराने रोस्टर में 19 प्रतिशत एससी आबादी के सापेक्ष 20 प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा था। नए रोस्टर लागू होने के बाद अब एससी का आरक्षण 19 प्रतिशत है, जो सही है।

मुख्यमंत्री की घोषणाओं पर समय से हो अमलः मुख्य सचिव

मुख्य सचिव सभागार में मुख्यमंत्री घोषणाओं की प्रगति विषयक बैठक मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने विभिन्न विभागो से सम्बन्धित घोषणाओं की क्रमवार समीक्षा की। मुख्य सचिव ने कहा कि मुख्यमंत्री जी द्वारा की जाने वाली घोषणाओं से सम्बन्धित समीक्षा बैठक से पूर्व ज्यादा से ज्यादा घोषणाओं की स्थिति को पूर्ण एवं स्पष्ट कर लिया जाए।
समीक्षा बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि घोषणाओं को पूर्ण करने में लापरवाही न की जाए। घोषणाओं के पूर्ण होने में आ रही समस्याओं का प्रस्ताव बनाया जाए चाहे वह वित्त से सम्बन्धित हो या जमीन से। मुख्य सचिव ने सभी विभागो के घोषणाओं के पूर्ण होने की प्रगति पर सन्तोष जाहिर करते हुए निर्देश दिये कि मुख्यमंत्री घोषणाओं के लिए आवश्यक प्रक्रियाओं में और तेजी लाई जाए। उन्होंने कतिपय घोषणाओ में बजट की मांग पर शीघ्र बजट का प्राविधान कराने के लिये प्रस्ताव उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। उन्होंने शहरी विकास, ग्राम्य विकास एवं अन्य महत्वपूर्ण विभागों की विस्तार से समीक्षा करने के निर्देश देते हुए संबंधित सचिवों को एक सप्ताह में सम्पूर्ण विवरण सहित समीक्षा हेतु उपस्थित होने के निर्देश दिये।
उच्च शिक्षा विभाग की समीक्षा करते हुए मुख्य सचिव ने कहा कि महाविद्यालय में अध्ययनरत छात्रों के लिये कैरियर ट्रेनिंग कराने की घोषणाओं के अन्तर्गत छूट गए महाविद्यालयों के परिसर में कैरियर ट्रेनिंग शीघ्र ही आरम्भ की जाए। उन्होंने कहा कि जिन महाविद्यालयों की घोषणाओं में जमीन की उपलब्धता में समस्या आ रही है ऐसे प्रकरणों को अपने स्तर सहित जिलाधिकारियों के स्तर से भी कार्यवाही करें। राजकीय महाविद्यालय मालदेवता में 4 कक्षा कक्ष निर्माण का कार्य पूर्ण हो चुका है। नारायणबगड़ में महाविद्यालय की स्थापना हेतु जमीन स्थानान्तरण रजिस्ट्री की प्रक्रिया गतिमान है।
शहरी विकास की समीक्षा के दौरान मुख्य सचिव ने स्पष्ट निर्देश दिये कि घोषणाओं को पूर्ण करने में और तेजी लायी जाए। शौचालय निर्माण एवं स्ट्रीट लाइट जैसे महत्वपूर्ण कार्य में देरी न की जाए। स्वच्छता के क्षेत्र में कार्य में तेजी लायी जाए। लच्छीवाला में पार्किंग निर्माण की समस्या का निराकरण जल्द ही किया जाए। धनोल्टी ईको पार्क के विस्तार, मूनि की रेती में ईको पार्क की स्थापना, धनोल्टी में ट्रैक रूट, हर की दून- तालुका ट्रैक मार्ग के निर्माण की कार्य प्रक्रिया में तेजी लायी जाए। युवा कल्याण विभाग के अन्तर्गत मिनी स्टेडियमों के लिए जहां भूमि संबंधी दिक्कत आ रही हैं, वहां जिलाधिकारी स्तर से प्रयास किए जाएं।
बैठक में प्रमुख सचिव आनंदबर्द्धन, सचिव अमित नेगी, डा. भूपिन्दर कौर औलख, दिलीप जावलकर सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।