जनता की समस्याएं उनके क्षेत्र में जाकर सुने अधिकारी-धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को सर्किट हाउस काठगोदाम में अधिकारियों को निर्देश दिये कि प्रदेश को भ्रष्टाचार मुक्त करने के लिये जो भी शिकायतें लोगों द्वारा की जाती है उन पर त्वरित कार्यवाही की जाय। उन्होंने कहा कि जन शिकायतों एवं समस्याओं का निराकरण होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने आयुक्त एवं आईजी को सख्त निर्देश दिये है कि जो भी भ्रष्टाचारी होगा उनके विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की जाय। उन्होंने कहा कि प्रदेश का कोई भी नागरिक भ्रष्टाचार के सम्बन्ध में टोल फ्री नम्बर 1064 पर जानकारी दे सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सुरक्षा की दृष्टि से उत्तराखण्ड में आने वाले बाहरी असामाजिक तत्वों पर रोक लगाना जरूरी है। इसके लिए पुलिस महकमे के साथ ही वन विभाग व अन्य विभागों को चैकन्ना रहने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा इसके लिए सघन चेकिंग अभियान समय-समय पर चलाये जांए।
मुख्यमंत्री ने बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिये कि अधिकारी अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन ईमानदारी एवं तत्परता से करें। जन समस्याओं का निराकरण अपना दायित्व समझें। उन्होंने कहा कि कार्यों के प्रति लापरवाही बरतने पर सम्बन्धित अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्यवाही अमल में लाई जायेगी। अधिकारी जनता एवं जनप्रतिनिधियों के साथ संवाद कर विकास कार्यों को गति दें। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि आम जनमानस के साथ ही जनप्रतिनिधियों के फोन अवश्य उठायें तथा लोगों को सकारात्मक रूप से सुनवाई कर समस्या का समाधान करें। उन्होंने समीक्षा के दौरान कहा कि कोई भी विभाग अपनी जिम्मेदारी दूसरे विभाग पर ना डाले। इससे कार्यों में विलम्ब होता है।
मुख्यमंत्री ने विकास कार्यों में धीमी गति से कार्य करने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की उन्होंने अधिकारियों से कहा कार्यों में लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं की जायेगी। उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि प्रदेश में विकास कार्यों के प्रोजेक्ट वन विभाग की आपत्तियों के कारण जो प्रोजेक्ट लम्बित है उन्हें सम्बन्धित अधिकारियों के साथ समन्वय बनाकर सरलीकरण के साथ समाधान करें जिससे विकास कार्यों को गति मिल सकेगी।
बैठक में मुख्यमंत्री ने आयुक्त दीपक रावत को निर्देश दिये कि कुमाऊं मण्डल में होने वाले विकास कार्यों की मॉनिटरिंग की जाए कार्यों में कोताही व शिथिलता बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्यवाही अमल में लाई जाए।
मुख्यमंत्री ने समीक्षा के दौरान अधिकारियों से कहा कि ग्राम स्तर की समस्यायें आम जनमानस की जिला स्तर पर ना आये इसके लिए जिलाधिकारी के साथ ही जनपद स्तरीय अधिकारी क्षेत्रों में जाकर लोगों के बीच उनकी परेशानियों से रूबरू हों ताकि क्षेत्रवासियों की समस्या का समाधान मौके किया जा सके। इसके लिए नोडल अधिकारियों के साथ ही जिला स्तरीय अधिकारी रोस्टर बनाकर क्षेत्रों में कैम्प का आयोजन करें। बैठक में मुख्यमंत्री को जनपद में हो रहे विकास कार्यों की प्रगति पावर प्रेजेंटेशन के माध्यम से प्रस्तुत की गई।
बैठक में अध्यक्ष जिला पंचायत बेला तोलिया, मेयर डा0 जोगेन्द्र पाल सिंह रौतेला, विधायक दीवान सिंह बिष्ट, रामसिंह कैडा, डा0 मोहन सिंह बिष्ट, जिलाध्यक्ष प्रताप बिष्ट के साथ ही आयुक्त दीपक रावत, आईजी नीलेश आन्नद भरणे, जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल, एसएसपी पंकज भटट के साथ ही मण्डल एवं जनपद स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे।

धरातल पर विकास योजनाओं के कार्य दिखाई दें-धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को सर्किट हाउस काठगोदाम में हल्द्वानी शहर के लिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा की गई 2200 करोड़ की विकास योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि विकास योजनायें धरातल पर दिखाई दे यह सुनिश्चित करना अधिकारियों की जिम्मेदारी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जन सेवा ही हमारा लक्ष्य है। आम जनता से जुड़ी योजनाओं का समय से क्रियान्वयन सुनिश्चित करना अधिकारियों का दायित्व है।
मुख्यमंत्री ने समेकित शहरी अवसंरचना विकास योजना के तहत एडीबी द्वारा वित्त पोषित नगर के विकास हेतु डीपीआर तैयार कर रही कार्यदायी संस्था (यूयूएसडीए) उत्तराखण्ड अर्बन सेक्टर विकास एजेंसी के अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिन योजनाओं की डी.पी.आर. अभी तैयार नहीं हुई है, उन्हें शीघ्र अंतिम रूप दिया जाए। उन्होंने कहा कि शहरी विकास के लिए जनप्रतिनिधियों के सुझावों को भी डीपीआर में शामिल किया जाए इसके लिए उन्होंने कार्यदायी संस्था को 10 दिन के भीतर क्षेत्रीय प्रतिनिधियों व अन्तर विभागीय बैठक करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि डीपीआर फाइनल करने से पहले अन्तर विभागीय बैठक करने से आपसी समन्वय बना रहेगा व बाद में किसी प्रकार की समस्या का सामना नहीं करना पडे़ेगा। उन्होंने कहा कि कार्यदायी संस्था सुनिश्चित करें कि निर्माण से पूर्व ही सड़क पर सर्विस डक्ट डाली जाए जिससे जनता को बार-बार परेशानियों का सामना न करना पडे व सरकारी धन का दुरुपयोग न हो। उन्होंने मण्डलायुक्त कुमाऊ दीपक रावत को प्रत्येक सप्ताह कार्य की मॉनिटरिंग के निर्देश दिए जिससे कार्य धरातल पर दिख सके।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि अधिकारियों को योजनाओं की जानकारी व आंकड़े मौखिक याद होने चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को तैयारी के साथ आगामी बैठक में प्रतिभाग करने के निर्देश दिए। योजनाओं के क्रियान्वयन में हो रहे विलम्ब के प्रति मुख्यमंत्री द्वारा नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि कतिपय अधिकारियों की लचर कार्यशैली के कारण सरकार आलोचना की भागीदार बनती है। इसके लिए उन्होंने समस्त अधिकारियों को अपनी कार्यशैली सुधारने के निर्देश दिए साथ ही जनता के कार्यों को सर्वाेच्च प्राथमिकता से निस्तारित करने को कहा।
बैठक में मण्डलायुक्त दीपक रावत ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि पानी आपूर्ति और सीवरेज कार्य के लिए रूप्ये 1298 करोड़ की डीपीआर तैयार कर नियोजन एवं एडीबी को भेज दी गई है जिसमें जल आपूर्ति की कुल लागत रूपये 835.94 करोड़ व सीवरेज की रूपये 461.77 करोड. लागत की डीपीआर तैयार की गई है। वर्ष 2025 को आधार वर्ष मानते हुए 2055 तक की जनसंख्या का लक्ष्य टारगेट करते हुए डीपीआर तैयार की गई है। इस योजना में जल निकासी प्रबंधन के लिए 300 करोड़., सुरक्षा एवं निगरानी के लिए 100 करोड. व शहरी परिदृश्य व परिवहन के लिए 500 करोड़. का प्राविधान है जिनकी डीपीआर फाइनल की जानी है। शहर के भूमिगत जल स्तर को बढ़ाने के लिए हरित क्षेत्र के विकास हेतु सरकारी विद्यालयों, डिग्री कॉलेज व अन्य क्षेत्रों में हरित क्षेत्र का विकास किया जाए। कि हल्द्वानी के पुराने बाजार को भी एक ही सिममेट्री में तैयार किया जाए जिससे बाजार आकर्षक व भव्य लगे। इसके साथ ही विद्युत की लाइनों को भूमिगत किया जायेगा, जिससे बाजारों की सौंदर्यता हल्द्वानी में भी पर्यटकों को आकर्षित करें। हल्द्वानी कुमाऊॅ का प्रमुख शहर है, जहाँ निकासी व सीवरेज की प्रमुख समस्या है। वर्तमान में शहर के समस्त क्षेत्र सीवरेज से नहीं जुड़े है, इस डीपीआर के माध्यम से शहर के सीवरेज व सेप्टिक टैंक की व्यवस्था को सुदृढ़ किया जाएगा जिससे सीवरेज का शुद्धिकरण एसटीपी टैंक का माध्यम से हो सके।
जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल ने बताया कि इस योजना के तहत आधुनिक तकनीक व उत्तराखंड के पौराणिक वास्तुकला (गौथिक शैली) से हल्द्वानी के पुराने बाजार का भी सौंदर्यीकरण किया जायेगा। हल्द्वानी के पुराने बाजार को भी एक ही सिममेट्री में तैयार किया जाए जिससे बाजार आकर्षक व भव्य लगे। इसके साथ ही विद्युत की लाइनों को भूमिगत किया जायेगा, जिससे बाजारों की सौंदर्यता हल्द्वानी में भी पर्यटकों को आकर्षित करें।
इस अवसर पर मेयर डा. जोगेन्दर पाल सिंह रौतेला, विधायक एवं पूर्व मंत्री बंशीधर भगत, विधायक डा. मोहन सिंह बिष्ट, रामसिंह कैडा, उपाध्यक्ष जिला पंचायत आनन्द दरम्वाल सहित जन प्रतिनिधि एवं अधिकारीगण उपस्थित रहे।