सचिव भारत सरकार ने निकायों के शौच मुक्त होने पर प्रसन्नता जताई

मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने गुरूवार को सचिवालय में सचिव आवासन एवं शहरी मामलों के मंत्रालय, भारत सरकार दुर्गा शंकर मिश्रा द्वारा स्वच्छ भारत मिशन के अन्तर्गत कार्यों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ली गयी समीक्षा बैठक में प्रतिभाग किया।

सचिव, भारत सरकार दुर्गा शंकर मिश्रा ने कहा कि बढ़ते जनसंख्या घनत्व के अनुरूप, निकायों द्वारा सुविधाओं के विकास में तेजी लाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत, हाउसिंग फॉर ऑल, अमृत एवं स्मार्ट सिटी आदि योजनाओं के माध्यम से नागरिकों को सुविधाएं उपलब्ध कराना भारत सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने समस्त निकायों को खुले में शौच मुक्त घोषित होने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि अब तेजी से निकायों को ओडीएफ प्लस एवं ओडीएफ प्लस प्लस कैटेगरी में लाने के लिए प्रयास किए जाने चाहिए।

मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने कहा कि समस्त निकाय खुले में शौच मुक्त घोषित किए जा चुके हैं, इसके साथ ही, 08 निकाय ओडीएफ प्लस, एवं 02 निकाय ओडीएफ प्लस प्लस सत्यापित किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि आगामी स्वच्छ सर्वेक्षण-2021 तक 70 निकायों को ओडीएफ प्लस एवं 17 निकायों को ओडीएफ प्लस प्लस कैटेगरी में लाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके साथ ही 02 निकायों को वाटर प्लस कराने का भी लक्ष्य रखा गया है।

मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने बताया कि 27640 व्यक्तिगत घरेलू शौचालयों के लक्ष्य के सापेक्ष 20750 व्यक्तिगत शौचालयों का निर्माण किया जा चुका है एवं 5353 शौचालयों का निर्माण कार्य जारी है। समस्त 1190 वार्डों में डोर टू डोर कूड़ा एकत्रीकरण किया जा रहा है। 772 वार्डों में सोर्स सेग्रीगेशन का कार्य प्रारम्भ हो चुका है। आगामी स्वच्छ सर्वेक्षण-2021 के लिए सभी वार्डों में सोर्स सेग्रीगेशन का कार्य प्रारम्भ कराने का भी लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष गारबेज फ्री सिटी (जीएफसी) स्टार रेटिंग में 02 निकायों को फाईव स्टार, 20 निकायों को थ्री स्टार एवं 30 निकायों को वन स्टार रेटिंग प्रदान कराने का लक्ष्य रखा गया है।

अच्छा प्रर्दशन करें तो निकायों को मिल सकती है 75 लाख की धनराशि

स्वच्छ भारत मिशन कार्यक्रम में स्वच्छता सर्वेक्षण में प्रथम तीन स्थान पाने वाले नगर निगम, नगर पालिका को क्रमशः 75, 50 एवं 25 लाख रूपये का पुरस्कार दिया जाएगा। यह घोषणा एक स्थानीय होटल में स्वच्छ भारत मिशन के अन्तर्गत नगरीय ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन तकनीकी एवं स्वच्छता सर्वेक्षण 2018 विषय पर दो दिवसीय राज्य स्तरीय कार्याशाला में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कार्यशाला उत्तराखण्ड में स्वच्छता कार्यक्रम के अभियान को मजबूती देगी। यह हमारे लक्ष्यों को पूर्ण करने में मददगार होगी। उन्होंने कहा कि स्वच्छता कार्यक्रम के लिए मानसिंकता में बदलाव की आवश्यकता, आम व्यक्ति की जागरूकता एवं सहभागिता से यह लक्ष्य आसानी से प्राप्त किया जा सकता है। ठोस अपशिष्ठ एवं प्रबन्धन की दिशा में आधुनिक तकनीक और शोध की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि तकनीकी के माध्यम से हम बडा से बडा लक्ष्य प्राप्त कर सकते है। सरकारी स्तर पर स्वच्छता कार्यक्रम की महत्ता को दर्शाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वच्छता के प्रयासों को कर्मचारियों के वार्षिक प्रवृष्टि में अंकित किया जायेगा।
नगर विकास मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि स्वच्छता कार्यक्रम में नवीन तकनीकी के प्रयोग हेतु स्थानीय निकायों को अपनी आमदनी बढाने के प्रयासों पर बल देना होगा। शहरी विकास मंत्री ने कहा कि मार्च 2018 तक शत-प्रतिशत शौचालय ओडीएफ, डोर-टू-डोर कलेक्शन का लक्ष्य प्राप्त कर लिया जायेगा। इसके अतिरिक्त शत-प्रतिशत एलईडी का लक्ष्य प्राप्त किया जायेगा। उन्होंने कहा कि नगर निगम कि कार्य संस्कृति से अन्य नगर पालिका प्रभावित होती है। इसलिए नगर निगम की जिम्मदारी स्वच्छता के सन्दर्भ में अधिक है।
सचिव शहरी विकास राधिका झा ने कहा कि प्रदेश सरकार स्वच्छता के कार्यक्रम को लेकर संवेदनशील है। जिलाधिकारियों को साप्ताहिक नगर आयुक्त एवं अधिशासी अधिकारियों, नगर निगम के साथ समीक्षा बैठक करने के निर्देश दिये गये है। राज्य स्तरीय कार्यशाला में स्वच्छता विषय पर शपथ ली गई एवं स्वच्छता कार्यक्रम की एक मार्गदर्शिका पुस्तिका का भी विमोचन किया गया।
कार्यक्रम के दौरान स्वच्छता विषय के इनोवेटिव टेक्नोलाॅजी के प्रयोग सम्बन्धी देशभर के विशेषज्ञों द्वारा आयोजित प्रदर्शनी लगायी गयी है।