तीन दिवसीय दौरे से देहरादून लौटे धामी का देहरादून में भव्य स्वागत

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी तीन दिवसीय लखनऊ दौरे के बाद शनिवार को देहरादून पहुँचे। मुख्यमंत्री के देहरादून आगमन पर पुलिस लाइन से मुख्यमंत्री आवास तक पार्टी कार्यकर्ताओं और आम जनता ने भव्य स्वागत किया। इस दौरान मुख्यमंत्री धामी ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के बीच 21 साल से चल रहे परिसम्पत्ति विवाद को लेकर हुई इस बैठक को ऐतिहासिक बताया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड के हितों के लिए यह दौरा ऐतिहासिक रहा। उन्होंने उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आभार जताते हुए कहा कि पिछले 21 सालों से उत्तर प्रदेश के साथ परिसंपत्तियों के बंटवारे को लेकर बातचीत चल रही थी परंतु समाधान तक नहीं पहुंच पा रही थी। लेकिन दृढ़ इच्छा शक्ति के साथ मुख्यमंत्री स्तर की बैठक में एक-एक करके परिसंपत्तियों के बंटवारे को लेकर एक-एक बिंदु पर सहमति बन गई। मुख्यमंत्री ने परिसंपत्तियों के बंटवारे से उत्तराखंड व क्षेत्र को होने वाले फायदों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
उल्लेखनीय है बीते गुरुवार को हुई अहम बैठक में किच्छा में उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग की बस स्टैंड की भूमि को उत्तराखण्ड को 15 दिन के अन्दर हस्तांतरित किया जाने का निर्णय लिया गया। इसके अलावा वन विभाग के अवशेष 90 करोड़ के देयकों का भुगतान भी तत्काल उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा उत्तराखण्ड को दिए जाने का निर्णय हुआ है। जनपद उधमसिंह नगर स्थित धौरा, बैगुल, नानक सागर जलाशय में पर्यटन एवं वाटर स्पोर्ट की अनुमति दी गई। ऊपरी गंग नहर में वाटर स्पोर्ट की अनुमति भी दी गई। हरिद्वार स्थित अलकनंदा पर्यटक आवास गृह का लोकार्पण दिसम्बर 2021 में किया जाएगा और तत्समय पूर्व पर्यटक आवास गृह उत्तराखंड को हस्तांतरित किया जाएगा। बैठक में निर्णय लिया गया कि सिंचाई विभाग की 5700 हेक्टेयर भूमि और 1700 आवासों में उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग के उपयोग हेतु आवश्यक भूमि एवं भवन के आकलन के लिये संयुक्त सर्वे कर शीघ्र चिन्हीकरण किया जायेगा। दोनों राज्यों के मध्य सहमति बनी कि न्यायालयों में लम्बित विभिन्न वादों को वापस लिया जायेगा और आपसी सहमति से मामलों को हल किया जायेगा। दो बैराज भारत नेपाल सीमा पर बनबसा बैराज तथा किच्छा का बैराज जो आपदा से नुकसान के कारण जीर्ण-शीर्ण अवस्था में हैं, इन बैराजों का निर्माण उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग द्वारा किया जायेगा। उत्तर प्रदेश परिवहन निगम द्वारा उत्तराखण्ड परिवहन निगम को 205 करोड़ का भुगतान करने पर सहमति बनी। उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद् की उत्तराखण्ड में अवस्थित परिसम्पतियों के निस्तारण से होने वाली आय एवं देनदारियों का दोनों राज्यों को 50-50 प्रतिशत के अनुपात में बंटवारा होगा।
इस दौरान कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक बड़ी संख्या में आम जनता और पार्टी कार्यकर्ता मौजूद रहे।

परिसम्पत्ति विवाद में दिखा, धामी के नेतृत्व में सुरक्षित है उत्तराखंड का भविष्य

उत्तराखंड के अब तक के सबसे युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वो कर दिखाया, जो उत्तराखंड के दिग्गज सीएम भी 21 सालों में नहीं कर पाए, इसकी मुख्य वजह युवा मुख्यमंत्री की युवा सोच और सरलता से मसले सुलझाने वाली वो बुद्धिमता है, जो किसी को भी अपना कायल बना सकती है।
उत्तर प्रदेश के अलग होने के बाद उत्तराखंड को 21 सालों तक अपने हक के लिए इंतजार करना पड़ा। यह कार्य राज्य के गठन के तुरंत बाद हो जाना चाहिए था, लेकिन दोनों राज्यों के नेताओं और नौकरशाहों के बीच कई बार की बैठकों के बाद भी इस मामले में सहमति नहीं बन सकी। उस वक्त भी नहीं, जब दोनों राज्यों की सत्ता की बागडोर बीजेपी के हाथों में थी। ऐसे दौर कई बार आये, लेकिन मसला सुलझ नहीं सका। हालांकि इससे पहले ही ये विवाद आपसी सुलह-समझौते की संभावनाओं को दरकिनार करते हुए सुप्रीम कोर्ट तक जा पहुंचा था। दोनों राज्यों के बीच विवाद बढ़ने पर करीब एक दशक पहले सुप्रीम कोर्ट को दखल देकर यथास्थिति कायम रखने के आदेश देने पड़े थे।

राजनैतिक नहीं बल्कि पारिवारिक समझौते से हल हुआ परिसंपत्ति विवाद
समय बीतता गया और साल दर साल मुख्य सचिव से लेकर मुख्यमंत्री स्तर तक बैठकों के दौर चलता रहा। इस सब क़वायदों के बाद नतीजा वही ढाक के तीन पात। वक्त गुजरने के साथ-साथ यूपी से अपने अधिकार वाली सम्पत्तियों को हासिल करने की उम्मीद कमजोर पड़ती जा रही थी। योगी सरकार के कार्यकाल में भी शीर्ष स्तर पर बैठकें हुईं, लेकिन कामयाबी सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री धामी ने हासिल की।
मुख्यमंत्री धामी ने परिसम्पत्तियों विवाद की पहली बैठक में ही कह डाला कि “यूपी और उत्तराखंड बड़े भाई छोटे भाई की तरह हैं, और आज ही और विवाद का हल निकाल दिया जाए” धामी की सूझबूझ और सटीक तर्कों से योगी आदित्यनाथ संतुष्ट नज़र आए और “ऑन दा स्पॉट” फ़ैसला हो गया। धामी की ये विशेषता उनकी सरलता और मिठास के साथ मिलकर एक ऐसे सफर का आगाज करती हैं जो आम आदमी के ख्वाबों से जुड़ा है।
ये पूरा घटनाक्रम सब उस दौर में हुआ है, जब उत्तराखंड का आवाम यूपी के साथ सम्पत्तियों का न्यायसंगत बंटवारा होने की राह देखते देखते निराश होने लगा था। ऐसे दौर में सीएम सिंह धामी की यह ऐतिहासिक कामयाबी लोगों के दिलों में यह विश्वास पैदा करने वाली है कि उत्तराखंड अब ऐसे हाथों में है, जो राज्य के हितों की रक्षा करना जानते हैं।

सिंचाई योजनाओं को सीएम ने दी वित्तीय स्वीकृति

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य सैक्टर से पोषित नलकूप एवं नहर निर्माण मद के अंतर्गत 4 नई योजनाओं हेतु 4.67 करोड़ रूपये की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति प्रदान की है।
इस सम्बन्ध में सचिव सिचांई हरिचन्द्र सेमवाल द्वारा जारी शासनादेश में स्पष्ट किया गया है कि राज्य सैक्टर की नलकूप एवं नहर निर्माण मद के अन्तर्गत 4 नई योजनाओं में जनपद नैनीताल के विकासखण्ड हल्द्वानी के ग्राम हरिपुर नायक में 1 संख्या राजकीय नलकूप निर्माण की योजना हेतु 49.46 लाख रूपये, ग्राम पीपलपोखरा नं.-2 में राजकीय नलकूप के पुनर्निर्माण हेतु 49.48 लाख रूपये, ग्राम हैडागज्जर में एक सिंचाई नलकूप के निर्माण हेतु 48.32 लाख रूपये तथा जनपद नैनीताल के विकासखण्ड हल्द्वानी के ग्राम हल्चूचौड जैराम में एक सिंचाई नलकूप के निर्माण हेतु 39.74 रूपये की वित्तीय स्वीकृति शामिल है।

अपर मुख्य सचिव ने नौकरशाहों के कसे पेच, दिए निर्देश

अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने सचिवालय में परिवहन एवं ग्रामीण निर्माण विभाग से सम्बन्धित मुख्यमंत्री की घोषणाओं की समीक्षा की। अपर मुख्य सचिव ने निर्देश दिये कि मा. मुख्यमंत्री की घोषणाओं के क्रियान्वयन से सम्बन्धित शासनादेश इस माह के अंत तक जारी कर दिये जाएं। उन्होंने निर्देश दिये कि परिवहन निगम की बसों में सीएनजी किट लगाये जाने से सम्बन्धित प्रस्ताव वित्तीय आगणन के साथ अविलम्ब प्रस्तुत किया जाय ताकि इसके लिये भी शीघ्रता से शासनादेश निर्गत किया जा सके। अपर मुख्य सचिव ने झबरेड़ा में बस अड्डे के निर्माण हेतु निर्देश दिये कि इसके लिये मण्डी परिषद की भूमि निःशुल्क उपलब्ध कराये जाने के प्रयास किये जाय, और यदि सशुल्क भूमि उपलब्ध करायी जानी हो तो न्यूनतम आवश्यकता के दृष्टिगत भूमि का चयन कर तद्नुसार शीघ्र कार्यवाही सुनिश्चित की जाए।
अपर मुख्य सचिव ने निर्देश दिये कि ग्रामीण निर्माण विभाग की जिन 11 घोषणाओं के लिये धनराशि अवमुक्त की जा चुकी है। उनसे सम्बन्धित योजनाओं के निर्माण में भी तेजी लायी जाय।
इस अवसर पर सचिव मुख्यमंत्री एस.एन. पाण्डे सहित सम्बन्धित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

गौला पुल को जल्द से जल्द चालू करवाना प्राथमिकता-सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज सुबह क्षतिग्रस्त गौला पुल का स्थलीय निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने कहा गौला पुल पूरे क्षेत्र के आवागमन के लिए अति महत्वपूर्ण है। जिस दिन से यह पुल क्षतिग्रस्त हुआ है उसी दिन से हमारा प्रयास है कि पुल जल्द से जल्द चालू किया जा सके। नियमों को शिथिल किया गया है। पुल का कार्य युद्धस्तर पर होगा ताकि पुल जल्द चालू हो सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार जनता के साथ है प्रभावितों की हर संभव मदद की जायेगी। उन्होने कहा मूलभूत सुविधाएं विद्युत, पेयजल, सड़क, स्वास्थ तुरन्त बहाल किये जा रहे है। सरकार आपदा कार्याे की लगातार मॉनिटरिंग भी कर रही है।
निरीक्षण दौरान प्रभारी एवं ग्राम्य विकास मंत्री स्वामी यतीश्वरानन्द, आपदा प्रबंधन मंत्री डॉ धन सिंह रावत, मेयर डॉ. जोगेन्द्र पाल सिंह रौतेला, मण्डलायुक्त सुशील कुमार, डीआईजी नीलेश आनन्द भरणे, जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।