कोरोना के मामले एक बार फिर बढ़ने से एक्शन में सरकार

प्रदेश में कोरोना संक्रमित मामले और मरीजों की मौत होना थम नहीं रहा है। बीते 24 घंटे के भीतर 512 नए संक्रमित मिले हैं और 10 मरीजों की मौत हुई है। कुल संक्रमितों का आंकड़ा 78 हजार पार हो गया है। वहीं, मरने वालों की संख्या 1295 पहुंच गई है। 
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, सोमवार को 12637 सैंपलों की जांच रिपोर्ट नेगेटिव आई है। जबकि 512 लोग कोरोना संक्रमण की चपेट में आए हैं। देहरादून समेत चमोली, पौड़ी जिले में संक्रमित मामले बढ़े हैं। देहरादून में सबसे अधिक 229 कोरोना मरीज मिले हैं। हरिद्वार में 60, नैनीताल में 53, चमोली में 37, पौड़ी में 25, टिहरी में 20, ऊधमसिंह नगर में 19, उत्तरकाशी में 19, अल्मोड़ा में 18, पिथौरागढ़ में 15, चंपावत में 12, रुद्रप्रयाग में चार और बागेश्वर में एक संक्रमित मिला है। 
प्रदेश में 24 घंटे में 10 कोरोना मरीजों की मौत हुई है। इसमें श्री महंत इन्दिरेश हास्पिटल में छह, एम्स ऋषिकेश में एक, दून मेडिकल कॉलेज में दो, सुशीला तिवारी मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी में एक मरीज ने उपचार के दौरान दम तोड़ा है। अब तक प्रदेश में मरने वालों की संख्या 1295 हो गई है। वहीं, 471 मरीजों के इलाज के बाद घर भेजा गया। इन्हें मिला कर 71105 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। 

देहरादून नगर निगम 2 दिन के बंद
देहरादून नगर निगम के लेखा अनुभाग के एक अधिकारी के कोरोना संक्रमित पाए जाने पर नगर निगम में फिलहाल जरूरी कार्य रोक दिए गए हैं। साथ ही सैनिटाइजेशन का कार्य भी शुरू कर दिया गया। मेयर सुनील उनियाल गामा ने जानकारी दी कि नगर निगम पब्लिक के लिए 2 दिन के लिए बंद किया गया है।

जिपं अध्यक्ष और पूर्व कैबिनेट मंत्री कोरोना पॉजिटिव
चमोली की जिला पंचायत अध्यक्ष रजनी भंडारी और उनके पति पूर्व कैबिनेट मंत्री राजेंद्र भंडारी की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई है। सोमवार को दोनों स्वास्थ्य लाभ के लिए हेलीकॉप्टर से देहरादून एम्स अस्पताल रवाना हुए। पूर्व कैबिनेट मंत्री राजेंद्र भंडारी ने चार दिसंबर को अपनी कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने की जानकारी सोशल मीडिया पर दी थी, जबकि जिला पंचायत अध्यक्ष की रिपोर्ट इससे पहले पॉजिटिव आई थी।
डिप्टी सीएमओ डा. एमएस खाती ने बताया कि दोनों दोनों का स्वास्थ्य सामान्य है। वह कई दिनों से घर में ही आइसोलेट थे, लेकिन सोमवार को स्वास्थ्य लाभ के लिए हेलीकॉप्टर से एम्स ऋषिकेश रवाना हुए।

कोरोना की पुष्टि के बाद विधायक हुए आइसोलेट

कोरोना संक्रमण प्रदेश में लगातार बढ़ता जा रहा है। हालांकि यहां मरीजों की रिकवरी दर करीब 68 प्रतिशत के आस-पास बनी हुई है, लेकिन अब आम से लेकर खास लोगों को भी कोरोना से जूझना पड़ रहा है। अब देहरादून के धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा विधायक कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। वहीं दूसरी पौड़ी विधायक मुकेश कोली के गनर भी कोरोना की चपेट में आया है।
धर्मपुर विधायक विनोद चमोली ने अपने सोशल मीडिया में कोरोना पॉजीटिव होने की जानकारी साझा की। उन्होंने कहा है कि उनकी रिपोर्ट पॉजीटिव आई है। ऐसे में उनके संपर्क में आने वाले सभी लोग अपनी जांच करवा लें। इसके अलावा पौड़ी के विधायक मुकेश कोली के गनर भी कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। कोली ने भी इसकी जनकारी अपने सोशल मीडिया पर साझा की है। उन्होंने कहा है कि उनके गनर गंभीर टम्टा की कोरोना रिपोर्ट पॉजीटिव आई है। जिसके बाद उनका और उनके पूरे स्टाफ का कोरोना टेस्ट लिया गया है। उन्होंने अपील करते हुए कहा है कि जब जरूरी हो, तभी घर से बाहर निकलें व बेवजह बाजारों में न जाएं। घर पर रहें, सुरक्षित रहें। इसके अलावा देहरादून स्थित सचिवालय के एक अपर सचिव भी कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। जिसके बाद उनका कार्यालय बंद कर दिया गया है।
संक्रमण की आशंका को देखते हुए सचिवालय में बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। स्वास्थ्य विभाग की टीम इन सभी जगहों पर सघन सैनिटाइजेशन के कार्य में जुटी हुई है, ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके।

मुख्यमंत्री नाराज, क्वारंटीन सेंटर में आत्महत्या करने पर जिम्मेदार अधिकारियों पर गिरी गाज

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय में वीडियो कांफ्रेंसिग द्वारा जिलाधिकारियों के साथ प्रदेश में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आशा व आंगनबाङी कार्यकत्रियों की सहायता से सर्विलांस को बढाएं। यह सर्विलांस नियमित रूप से होना है। वर्तमान परिस्थितियों के अनुरूप लोगों में व्यवहारात्मक परिवर्तन लाने होंगे। देहरादून के क्वारेंटाईन सेंटर में युवक के आत्महत्या पर संबंधित नोडल अधिकारी व डाक्टर को निलंबित किया जाए। कोविड-19 से संबंधित हर मृत्यु की ऑडिट कराई जाए।

कोविड-19 से संबंधित लक्षण पर अनिवार्य तौर पर सेम्पलिंग
सर्विलांस में जिन लोगों में कोविड-19 से संबंधित लक्षण दिखाई दें, उनकी हेल्थ टीम के माध्यम से अनिवार्य रूप से सेम्पलिंग कराई जाए। फ्रंटलाईन वर्कर्स को आवश्यकताअनुसार थर्मल स्कैनर, फेस शील्ड, पीपीई किट, मास्क आदि जरूर उपलब्ध कराए जाएं। इससे उनका कार्य के प्रति उत्साह बढ़ता है। ओपीडी में ड्यूटी करने वाले चिकित्सकों को भी फेस शील्ड उपलब्ध हों।

लोगों में व्यवहारात्मक परिवर्तन लाने होंगे
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों के अनुरूप लोगों में व्यवहारात्मक परिवर्तन लाने होंगे। इसके लिए आईईसी कार्यक्रम संचालित करें। फिजीकल डिस्टेंसिंग, मास्क का अनिवार्यता से उपयोग, नियमित रूप से हाथ धोना आदि बातों को आदत में लाना होगा। बाजारों में एक जगह पर भीड़ को सख्ती से नियंत्रित किया जाए।

कोविड-19 से संबंधित हर डेथ का आडिट
मुख्यमंत्री ने देहरादून के क्वारेंटाईन सेंटर में युवक के आत्महत्या पर संबंधित नोडल अधिकारी व डाक्टर को निलंबित करते हुए जांच के निर्देश दिये। देहरादून में एक गर्भवती महिला की इलाज न मिलने पर मृत्यु की भी शीघ्र जांच की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं, छोटे बच्चों, गम्भीर बीमारियों से ग्रस्त लोगों पर विशेष ध्यान दिया जाए। कन्टेनमेंट जोन में पूरी सख्ती रखी जाए। कान्टेक्ट ट्रेसिंग बहुत महत्वपूर्ण है। कोविड-19 से संबंधित हर डेथ का आडिट किया जाए। हर मृत्यु के कारण का विश्लेषण किया जाए। कोविड केयर सेंटर में सारी आधारभूत सुविधाएं सुनिश्चित की जाएं। क्वारेंटाईन सेंटर में भी सुविधाएं उपलब्ध हों। यह सुनिश्चित किया जाए कि होम आइसोलेशन में सारे प्रोटोकोल का पालन हो। डिस्चार्ज कर होम आइसोलेशन में भेजे जाने वालों की काउंसिल की जाए।

कोविड-19 से संक्रमित व्यक्ति की मृत्यु पर अंतिम संस्कार सम्मानजनक तरीके से हो
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमित व्यक्ति की मृत्यु पर उसके अंतिम संस्कार में विवाद न हो। लोगों को इस संबंध में जारी दिशानिर्देशों की जानकारी दी जाए। मृत्यु के बाद भी व्यक्ति का सम्मान बरकरार रहना चाहिए। मुख्यमंत्री ने हल्द्वानी व हरिद्वार में विद्युत शव-दाह गृह का कार्य शुरू करने के निर्देश देते हुए देहरादून में भी शव-दाह गृह की घोषणा की।

जिला स्तर पर अधिकार
मुख्यमंत्री ने कहा कि धन की कोई समस्या नहीं है। आवश्यकता अनुसार कार्मिकों की नियुक्ति के लिए जिलाधिकारियों को अधिकार दिए गए हैं। इसी प्रकार आवश्यक चिकित्सा संबंधित उपकरणों के क्रय के लिए भी अधिकार दिए गए हैं।

होम क्वारेंटाईन में प्रोटोकॉल का पालन
मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने कहा कि हर केस को पूरी गम्भीरता से लिया जाना है। होम क्वारेंटाईन के लिए डिस्चार्ज करने से पूर्व पूरी तरह आश्वस्त हो जाएं कि घर में मानकों के अनुरूप सारी व्यवस्थाएं उपलब्ध हों। सर्विलांस को बढाया जाना है।

पेशेंट केयर मेनेजमेन्ट से मृत्यु दर पर नियंत्रण
सचिव अमित नेगी ने कहा कि अगले 15-20 दिन हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। हमारी रिकवरी रेट और डबलिंग रेट में सुधार हो रहा है। एक्टिव केस लगभग स्थिरता की ओर जा रहे हैं। पेशेंट केयर मेनेजमेन्ट पर अधिक ध्यान दिया जाए। कोविड-19 के अलावा सामान्य चिकित्सा भी प्रभावित नहीं हो। लोगों को सामान्य इलाज मिलता रहे।

प्रदेश में आने वालों का ऑनलाइन पंजीकरण जरूरी
सचिव शैलेश बगोली ने कहा कि बाहर से प्रदेश में आने वालों के लिए ऑनलाइन पंजीकरण कराना अनिवार्य है। इससे भविष्य में उन्हें ट्रेक करने में आसानी होगी।

वीडियो कांफ्रेंसिग में आयुक्त कुमाऊँ अरविंद सिंह ह्यांकी, आयुक्त गढवाल रविनाथ रमन, सचिव डाॅ पंकज पाण्डेय सहित अन्य अधिकारी व जिलाधिकारी उपस्थित थे।

संस्थागत क्वारंटीन से 500 लोगों को घर भेजा, आज राज्य में 62 मामले आएं

प्रदेशभर में आज कोरोना संक्रमण के 62 मामले सामने आए हैं। अब राज्य में कुल संक्रमित मामलों की संख्या 1215 हो गई है। जबकि 309 मरीज ठीक हो चुके हैं। आज नैनीताल में चार, अल्मोड़ा में पांच, चमोली व चंपावत में तीन, देहरादून में 23, हरिद्वार व पौड़ी में एक, रुद्रप्रयाग में 14 और टिहरी में आठ संक्रमित मरीज मिले हैं।
बात देहरादून की करें तो दून अस्पताल में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ते जा रहे है। अस्पताल के स्टाफ में लगातार तीन दिन से कोरोना के केस सामने आ रहे हैं। आज यहां चार मामले सामने आए। जिसमें अस्पताल की दो स्टाफ नर्स, एक इलेक्ट्रिशियन व अस्पताल में भर्ती एक गर्भवती महिला में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है। स्टेट कॉर्डिनेटर एनएस खत्री ने इन मामलों की पुष्टि की है। अब प्रदेश में कोरोना संक्रमण के कुल 1156 मामले हो गए हैं।
प्रदेश में बाहरी क्षेत्रों से आने वाले 33 हजार से अधिक लोगों को संस्थागत क्वारंटीन किया गया है। लगभग पांच सौ लोगों की संस्थागत क्वारंटीन की अवधि पूरी होने के बाद 14 दिन के होम क्वारंटीन में भेजा गया है। स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार चार जून को प्रदेश में 33 हजार 942 लोग संस्थागत क्वारंटीन में रह रहे थे। वहीं, आज लगभग पांच सौ लोगों को सात दिन की अवधि पूरी होने के पर घर भेजा गया है। ये अब 14 दिन तक अपने घर में क्वारंटीन रहेंगे।
बता दें कि रेड जोन से आने और जाने के लिए पास बनाना अनिवार्य है। जबकि ऑरेंज जोन में एक जिले से दूसरे जिले में जाने के लिए सिर्फ ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना होगा। ऑनलाइन पंजीकरण ही पास माना जाएगा और उन्हें संस्थागत क्वारंटीन में नहीं रहना होगा।

मुख्यमंत्री ने कंटेनमेंट जोन पर सख्ती से नजर रखने के दिए निर्देश

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने आज देर सांय सीएम आवास में आयोजित बैठक में देहरादून में कोविड-19 के संक्रमण की स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि देहरादून के लिए फुल प्रूफ प्लान तैयार किया जाए। शनिवार व रविवार दो दिन देहरादून के बंद रहने के दौरान व्यापक सेनेटाईजेशन करवाना सुनिश्चित किया जाए। फिजिकल डिस्टेंस को बनाए रखने के लिए ज्यादा भीड़ भाड़ वाली जगहों पर अधिक पुलिसकर्मी तैनात किए जाएं। कंटेनमेंट जोन पर सख्ती से नजर रखी जाए। यथासंभव टेस्टिंग बढाई जाये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पेशेंट केयर मेनेजमेन्ट पर सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए। कोरोना संक्रमण के प्रति संवेदनशील वृद्ध जनों, गम्भीर बीमारियों से ग्रस्त लोगों पर विशेष ध्यान देना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमितों की कान्टेक्ट ट्रेसिंग में लीकेज न हो। चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों को संक्रमण से सुरक्षा सुनिश्चित हो। जहां भी फिजीकल डिस्टेंसिंग, मास्क की अनिवार्यता व अन्य मानकों का उल्लंघन हो वहां सख्त कार्रवाई की जाए। आमजन की जागरूकता पर विशेष ध्यान दिया जाए।
बैठक में विधायक खजानदास, मेयर सुनील उनियाल गामा, मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, डीजीपी अनिल कुमार रतूड़ी, सचिव अमित नेगी, नितेश झा, आयुक्त गढवाल रविनाथ रमन, शैलेश बगोली, नगर आयुक्त विनय शंकर पाण्डे, डीएम आशीष श्रीवास्तव व अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

सबके सहयोग से ही हम कोरोना वायरस को हरा सकते हैंः मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने फेसबुक लाईव द्वारा प्रदेशवासियों से एक बार फिर से सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा पालन करने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि बङी संख्या में उत्तराखंड के लोग बाहर हैं जो आना चाहते हैं। परंतु इस समय जो जहां है वहीं रहना है। भारत सरकार ने सभी राज्य सरकारों को निर्देशित किया है कि अपने अपने राज्यों में बाहर के जो लोग फंस गए हैं उनके लिए भोजन आदि की पूरी व्यवस्था करें। कोई भी भूखा नहीं रहेगा। हालांकि दिक्कत जरूर होगी परंतु इन दिक्कतों में संयम और सतर्कता बनाकर रखना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में जो लोग बाहर से अपने गांवों में आ चुके हैं, वे सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन करे। अपने बच्चों से भी कुछ दिनों के लिए दूर रहें। खुद को भी बचाएं और अपने परिवार और गांव को भी बचाएं। जाने अनजाने में कोई भी गलती नहीं करनी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में बङी संख्या में दूसरे प्रदेशों के श्रमिक और पर्यटक हैं। इन सभी के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं की गई हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सबके सहयोग से ही हम कोरोना वायरस को हरा सकते हैं। कोरोना हारेगा, उत्तराखंड जीतेगा।