प्रदेश में कोरोना के सक्रिय मामले अब 179

प्रदेशभर में बीते 24 घंटे में 10 नए कोरोना संक्रमित मिले हैं। जबकि पांच मरीजों को ठीक होने के बाद घर भेजा गया। सक्रिय मामलों की संख्या बढ़कर अब 179 पहुंच गई है। जबकि गुरुवार को प्रदेश में 175 सक्रिय मरीज थे। 
स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार, शुक्रवार को 11709 सैंपलों की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है। आठ जिलों अल्मोड़ा, बागेश्वर, हरिद्वार, नैनीताल, पिथौरागढ़, टिहरी ,ऊधमसिंह नगर और उत्तरकाशी में एक भी संक्रमित मरीज नहीं मिला है। वहीं, चमोली व रुद्रप्रयाग में एक-एक, चंपावत में दो, देहरादून और पौड़ी में तीन-तीन संक्रमित मिले हैं। प्रदेश की रिकवरी दर 96.01 प्रतिशत और संक्रमण दर 0.09 प्रतिशत दर्ज की गई है। 

देश में लगातार पांचवें दिन कोरोना के 40 हजार मामले

देश में रविवार को रात ग्यारह बजे तक कोरोना विषाणु संक्रमण के 40,715 मामले सामने आए जबकि 419 लोगों की संक्रमण की वजह से मौत हुई। देश में लगातार पांचवें दिन 40 हजार से अधिक कोरोना के मामले सामने आए। ये आंकड़े राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के स्वास्थ्य विभागों की ओर से जारी किए गए।
वहीं, केरल में भी लगातार पांचवें दिन 20 हजार से अधिक मामले दर्ज किए गए। पांच राज्यों में एक हजार से अधिक और सात हजार से कम मामले सामने आए जबकि 18 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में सौ से कम मामले दर्ज किए गए। देश में सबसे अधिक कोरोना संक्रमण के मामले केरल में दर्ज किए गए। केरल स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक राज्य में कोरोना के 20,728 मामले सामने आए जबकि 56 लोगों की मौत हुई। केरल में 27 जुलाई को 22,129, 28 जुलाई को 22,056, 29 जुलाई को 22,064, 30 जुलाई को 20,772 और 31 जुलाई को 20,624 मामले दर्ज किए गए थे।
रविवार को महाराष्ट्र में 6,479, आंध्र प्रदेश में 2,287, तमिलनाडु में 1,990, कर्नाटक में 1,875, ओड़ीशा में 1,437, मिजोरम में 861, मणिपुर में 832, असम में 754, पश्चिम बंगाल में 701, मेघालय में 589, तेलंगाना में 455, अरुणाचल प्रदेश में 266, त्रिपुरा में 222, छत्तीसगढ़ में 214, सिक्किम में 206, जम्मू कश्मीर में 145, हिमाचल प्रदेश में 134, पुदुचेरी में 90, दिल्ली में 85, नगालैंड में 73, गोवा में 59, बिहार में 45, उत्तर प्रदेश में 36, झारखंड में 32, हरियाणा में 29, पंजाब में 26, गुजरात में 23, उत्तराखंड में 22, मध्य प्रदेश में 17, राजस्थान में 10 मामले आए। लद्दाख में 10, लक्षद्वीप में छह, अंडमान निकोबार में दो और चंडीगढ़ में एक मामला दर्ज किया गया।

मरीजों की सुविधा को प्रदेश सरकार ने जारी की बेवसाइट, जानें कहां है बेड

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शनिवार से कोरोना वैक्सीन का शुभारंभ होते ही शुरू कर दिया जाएगा टीकाकरण अभियान

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि 16 जनवरी, 2021 से प्रदेश में वैक्सीनेशन का पहले चरण के लिये पूरी तैयारी कर ली गयी है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन सहित वैक्सीनेशन निर्माण में लगे वैज्ञानिकों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उत्तराखण्ड कोविड-19 के चरणबद्ध टीकाकरण अभियान के लिये पूर्ण रूप से तैयार है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित है, इस पर किसी भी प्रकार का भ्रम नहीं रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्र की ओर से प्रदेश को पहली खेप के रूप में 01 लाख 13 हजार वैक्सीन दी गई हैं। प्रथम चरण में 50 हजार हेल्थ वर्कर्स को कोविड-19 की यह वैक्सीन लगाई जानी है। मुख्यमंत्री प्रदेशवासियों से इस वैश्विक महामारी के खिलाफ अभियान में सहयोग की अपेक्षा की है। केन्द्र एवं राज्य सरकार के निरन्तर प्रयासों के उपरान्त 16 जनवरी 2021 को प्रातः 10.30 बजे सम्पूर्ण देश में कोविड-19 वैक्सीन से टीकाकरण का शुभारम्भ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री दून अस्पताल से वर्चुअली इस कार्यक्रम में प्रतिभाग करेंगे। शुभारम्भ के साथ ही उत्तराखण्ड में भी कोविड-19 वैक्सीन लगाए जाने का कार्य आरम्भ कर दिया जायेगा।

कोविड-19 वैक्सीनेशन के बारे में जानकारी देते हुए राज्य नोडल अधिकारी एवं मिशन निदेशक एन०एच०एम० श्रीमती सोनिका ने बताया कि कल 16 जनवरी 2021 को राज्य के समस्त जनपदों के 13 चिकित्सालयों पर कोविड-19 वैक्सीनेशन टीकाकरण किया जायेगा। सोनिका के अनुसार जनपद देहरादून में 5, हरिद्वार तथा उधमसिंहनगर में 4, नैनीताल में 3 तथा अन्य जनपदों में 02-02 स्थानों पर टीकाकरण सत्र आयोजित किए जायेंगे। टीकाकरण हेतु चिन्हित 34 स्थानों में 32 सरकारी चिकित्सा संस्थान हैं जिसमें एम्स ऋषिकेश तथा ऋषिकुल आयुर्वेदिक यूनिवर्सिटी भी सम्मिलित हैं जबकि 2 निजी चिकित्सा संस्थान (हिमालयन मेडिकल कॉलेज एवं गुरु रामराय मेडिकल कॉलेज) में टीकाकरण होगा।

मिशन निदेशक सोनिका ने कहा कि टीकाकरण के राष्ट्रीय स्तर पर शुभारम्भ के दौरान प्रधानमंत्री वीडियो कॉन्फेन्स के माध्यम से क्रमशः दून मेडिकल कॉलेज तथा हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज से भी जुडेंगे और टीकाकरण की गतिविधि को देखेंगे इस अवधि में प्रधानमंत्री वहाँ पर उपस्थित वैक्सीनेशन कार्य में लगे हुए स्वास्थ्य अधिकारियों से वार्ता भी करेंगे। टीकाकरण के शुभारम्भ अवसर पर सभी 34 स्वास्थ्य ईकाईयो पर 100 लाभार्थियों को वैक्सीन दी जायेगी। इस प्रकार वैक्सीनेशन के पहले दिन लगभग 3400 हैल्थ केयर वर्कर्स का टीकाकरण किया जायेगा।

राज्य में कोविड-19 वैक्सीन टीकाकरण के बारे में स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ0 अमिता उप्रेती ने बताया कि सभी जनपदों में वैक्सीन सुरक्षित पहुंच चुकी है तथा कल प्रातः वैक्सीन सभी टीकाकरण सत्रों में निर्धारित कोल्ड चेन प्रणाली के अन्तर्गत उपलब्ध रहेगी। महानिदेशक डॉ0 उप्रेती के अनुसार सभी जनपदों को निर्देश दिए गए हैं कि वह टीकाकरण के दौरान भारत सरकार की गाईड लाईन का सख्ती से अनुपालन करते हुए टीकाकरण के कार्य को पूर्ण करेंगे और सभी टीकाकरण स्थलों पर Covid Appropriate behaviour के मानकों का पालन सुनिश्चित करायेंगे। महानिदेशक ने कहा कि सभी जनपदों को निर्देश दिए गए हैं कि वह आपूर्तित वैक्सीन के प्रथम खुराक को देने के दौरान इस बात को भी सुनिश्चित करेंगे कि उन्हें 50 प्रतिशत वैक्सीन दूसरी खुराक के लिए सुरक्षित रखनी है।

कोविड मरीज को हायर सेंटर रेफर करने में विलंब न करे जिलाधिकारीः त्रिवेंद्र सिंह रावत

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सभी जिलाधिकारियों से वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से कोविड-19 की समीक्षा करते हुए निर्देश दिये कि कोविड डेथ रेट को कम करने के लिए विशेष प्रयास किये जाय। कोविड के कारण जिन लोगों की मृत्यु हो रही है, किसी अन्य रोग से ग्रसित होने, देरी से अस्पताल में पहुंचने या अन्य किस कारण से हो रही है, इसका पूरा विश्लेषण किया जाय। किसी भी कोविड के मरीज को हायर सेंटर रेफर किया जाना है, तो इसमें बिलकुल भी विलम्ब न किया जाय। रिकवरी रेट बढ़ाने के लिए और प्रयासों की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि जिलों में टेस्टिंग और तेजी से बढ़ाई जाय। आरटीपीसीआर टेस्ट पर विशेष ध्यान दिया जाय। एन्टीजन टेस्ट में नेगेटिव पाये जाने पर यदि व्यक्ति सिम्पटोमैटिक है, तो उनका शत प्रतिशत आरटीपीसीआर हो। यह सुनिश्चित किया जाय कि सैंपल लेने के बाद शहरी क्षेत्रों में 24 घण्टे के अन्दर व पर्वतीय क्षेत्र में 48 घण्टे के अन्दर लोगों को कोविड की रिपोर्ट मिल जाय। रूद्रप्रयाग, पिथौरागढ़ एवं देहरादून को पोजिटिविटी को नियंत्रित करने के लिए और अधिक प्रयास करने होंगे। मास्क न लगाने पर जिन लोगों के चालान किये जा रहे हैं, उनको मास्क जरूर उपलब्ध हो। हमारा उद्देश्य कोविड से लोगों को बचाना है, न कि चालान कर राजस्व वसूलना। बिना मास्क दिये चालान करने वालों पर सख्त कारवाई की जायेगी।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि सर्दियों, आगामी हरिद्वार कुंभ, योग महोत्सवों व पर्यटन की दृष्टि से आने वाले कुछ माह चुनौतीपूर्ण होंगे। इन सबको ध्यान में रखते हुए कोविड से बचाव के लिए जनपदों में लगातार जागरूकता अभियान चलाये जाएं। कोविड से बचाव के लिए लोगों को जागरूक किया जाय कि किसी भी प्रकार के लक्षण दिखने पर कोविड कन्ट्रोल रूम एवं टोल फ्री नम्बर पर कॉल करें। जो लोग होम आईसोलेशन में हैं, उनके नियमित स्वास्थ्य की जानकारी ली जाय एवं स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा विजिट किया जाय। कोविड के लक्षण पाये जाने पर भी यदि कोई टेस्ट कराने के लिए मना कर रहें है, तो ऐसे लोगों पर सख्ती बरती जाय। जब तक कोरोना की वैक्सीन नहीं आती है, तब तक पूरी सतर्कता बरती जाय।

डीजी लॉ एण्ड ऑर्डर अशोक कुमार ने कहा कि पर्यटक स्थलों एवं भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर कोरोना से बचाव के लिए पुलिस द्वारा विभिन्न माध्यमों से जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। थर्मल स्क्रीनिंग की जा रही है।

बैठक में सचिव शैलेष बगोली, एस.ए. मुरूगेशन, डॉ. पंकज पाण्डेय, मेलाधिकारी दीपक रावत, आईजी अभिनव कुमार, संजय गुंज्याल, डीआईजी अरूण मोहन जोशी, अपर सचिव युगल किशोर पंत, महानिदेशक स्वास्थ्य डॉ. अमिता उप्रेती, वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से सभी जिलाधिकारी, एसएसपी एवं सीएमओ उपस्थित थे।

त्रिवेंद्र सरकार कर रही कोरोना संक्रमण पर वार

चीन की लैब से जन्मे कोरोना वायरस ने आज संपूर्ण विश्व को अपनी चपेट में ले रखा है। भारत में ताजा आंकड़ों के अनुसार, अब तक 49,30,236 लोग संक्रमित हो चुके है, जबकि 38,59,399 मरीज कोरोना से जंग जीत चुके है। वहीं, 80,776 ने संघर्ष करते हुए कोरोना से जंग हार ली। उत्तराखंड में नजर डालें तो यहां अब तक एक्टिव केस मात्र 5445 हैं, जो अन्य राज्यों की तुलना में काफी कम हैं। मगर, इन आंकड़ों से संतुष्ट होने के बजाए इसे रोकना एक चुनौती है और इस चुनौती को उत्तराखंड की त्रिवेन्द्र सरकार ने स्वीकार किया है। त्रिवेंद्र सिंह रावत की सरकार लगातार इस मामले में अपनी पैनी नजर बनाए हुए है। इसके लिए राज्य सरकार ने 104 हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है। यहीं नहीं, शुरूआत से ही रावत सरकार ने एक्टिव केस को बढ़ने से रोकने को लेकर कई महत्वपूर्ण कदम उठाए, इनमें राज्य की सीमाओं पर पुलिस की चैकसी है।

कोरोना संक्रमण और लाॅकडाउन के चलते राज्य के ज्यादातर नागरिकों की आर्थिक स्थिति गड़बड़ा गई है, ऐसे में कोरोना टेस्ट शुल्क व्यय करना भी इन नागरिकों के लिए काफी मुश्किल था। इस मुश्किल दौर में त्रिवेंद्र सरकार ने एक बहुत बड़ा राहत पहुंचाने वाला फैसला लिया। निजी अस्पतालों में अटल आयुष्मान योजना के तहत कोरोना का ईलाज किया जायेगा। यह अन्य रोगों की भांति निःशुल्क होगा। वहीं इस फैसले के अलावा भी प्रदेश के निजी अस्पतालों में केंद्र की ओर से तय दरों का 80 प्रतिशत उपचार शुल्क लिया जाएगा। इसमें 1200 और 2000 रुपये पीपीई किट का खर्च और बिस्तर, भोजन, निगरानी, नर्सिंग देखभाल, डॉक्टरों का परामर्श, कोविड जांच ऑक्सीजन समेत अन्य सुविधाएं भी शामिल हैं।

लोगों में कोरोना के प्रति जागरूकता लाने के लिए त्रिवेंद्र सरकार ने राज्य की पुलिस को सख्त निर्देश दिए हैं। राज्य में बिना मास्क आवागमन करने वाले लोगों पर पुलिस चालानी कार्रवाई कर मास्क उपलब्ध करवा रही है, तो वहीं, सोशल डिस्टेंस का पालन कराने में भी मित्र पुलिस अहम रोल अदा कर रही है। स्वयं मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और उनका मंत्रिमंडल भी इस नियम को फाॅलो कर रहा है।

एक्टिव केस को बढ़ने से रोकने के लिए सरकार ने अब अहम निर्णय लिया है, इसके चलते नेगेटिव रिपोर्ट के बिना कोई भी राज्य की सीमा पर प्रवेश नहीं कर सकेगा। चार दिन की नेगेटिव रिपोर्ट लेकर आने वालों को क्वांरटीन नहीं होना होगा। रिपोर्ट न होने पर कोविड लोड शहरों से आने वालों को सात दिन संस्थागत क्वारंटीन जबकि अन्य शहरों से आने वालों को 14 दिन के लिए होम क्वारंटीन होना होगा।

इसके अलावा सरकार ने सावन मास की कांवड़ यात्रा को स्थगित किया लेकिन आस्था से कोई समझौता ना करते हुए गंगाजल को अन्य शहरों में उपलब्ध कराया। इससे कोरोना के मामले में बढ़ोतरी होने से बड़ी कामयाब मिली। इसके अलावा त्रिवेंद्र सरकार ने 21 सितंबर से कक्षा नौ और 12वीं तक के छात्रों के लिए खुलने जा रहे स्कूलों पर भी रोक लगा दी है। राज्य सरकार का यह निर्णय कोरोना के मामले को रोकने में महत्वपूर्ण निर्णय साबित हो रहा है। सरकार के इस निर्णय से न सिर्फ अभिभावक बल्कि विशेषज्ञों ने भी सराहा है।

शासन के बड़े अधिकारियों की मानें तो सरकार ने कोरोना की रोकथाम के लिए जिस प्रकार से कार्य किया है वह अन्य राज्यों की तुलना में इक्कीस साबित हुआ है। कोविड सेन्टर के लिए सरकार ने प्राईवेट सेन्टर बनाये है जिनमें कई होटल भी शामिल है। जिससे लोगों को बड़ी राहत मिल रही है। शुरुआत दौर में सरकार को थोड़ा कठिनाई जरुर हुई लेकिन मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत की इच्छा शक्ति से इस ओर कामयाबी मिली है। निरन्तर जिलाधिकारियों और शासन के उच्च स्तर के अधिकारियों से संवाद और निर्देशन मुख्यमंत्री की कार्यकुशलता को दर्शाता है।

उत्तराखंड में पिछले 24 घंटे में 239 मामले आए सामने, अब तक कुल 4500

उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण के मामलों ने आज रिकॉर्ड तोड़ दिया। आज प्रदेश में अब तक के सबसे ज्यादा 239 पॉजिटिव मामले आए हैं। वहीं, संक्रमितों का आंकड़ा 4500 पार पहुंच गया है। बता दें कि आज 35 मरीज ठीक होकर घर लौटे हैं। लेकिन अभी भी 1311 एक्टिव केस हैं।

स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी हेल्थ बुलेटिन के अनुसार, आज सबसे ज्यादा 150 मामले हरिद्वार में सामने आए हैं। वहीं, देहरादून में 58 ( 21 प्राइवेट लैब), अल्मोड़ा और चमोली में एक -एक, नैनीताल में सात, पौड़ी में चार, ऊधमसिंह नगर में 13(एक प्राइवेट लैब) और उत्तरकाशी में पांच मामले सामने आए हैं।

बता दें कि अब तक प्रदेश में 3116 संक्रमित मरीज ठीक होकर घर लौट चुके हैं। जबकि अब तक 52 कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत हो चुकी है। वहीं, प्रदेश में कोरोना मरीजों का रिकवरी रेट 69.1 फीसदी है और डबलिंग रेट 22.37 दिन है।

कोरोना से बचाव का मंत्र है सावधानीः त्रिवेन्द्र

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने लोगों से अपील की है कि वे कोरोना संक्रमण को लेकर बहुत सावधानी बरतें। विशेषज्ञों की राय है कि बरसात के सीजन में आद्रता बढ़ने से कोरोना वायरस की ग्रोथ बढ़ती है। उन्होंने कहा कि जरा सी भी लापरवाही कोरोना को घर में आने का निमंत्रण दे सकती है।

मुख्यमंत्री प्रदेश पार्टी कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यह बरसात का सीजन है। इसमें आद्रता बढ़ती है। विशेषज्ञों की राय है कि आद्रता में वायरस की ग्रोथ बढ़ती है। एक चीज और सामने आई है कि कोरोना का ड्राप्लेट अभी 50 माइक्रोन का है, लेकिन आद्रता के कारण एरोसॉल में बदल जाता है।

इसका मतलब यह है कि यह पांच माइक्रोन का हो जाता है। इसकी हवा में उड़ने की गति बहुत ज्यादा है। यह काफी दूर तक ट्रैवल कर सकता है। इसलिए जितनी सावधानी बरत सकते हैं, बरतें। उन्होंने कहा कि अभी कोविड का कोई इलाज नहीं है। इससे बचाव का एक ही मंत्र है सावधानी। इसका कोई दोस्त है न रिश्तेदार है। इसके लिए सब बराबर हैं।

मरीजों में संक्रमण की दर बढ़ी लेकिन ठीक होने की दर में भी बड़ा सुधार

(एनएन सर्विस)
राज्य में बुधवार को कोरोना के 81 नए मरीज मिले। अब कुल मरीजों की संख्या 2023 हो गई है। वहीं 38 मरीजों को अस्पतालों से छुट्टी भी मिल गई है। कोरोना वायरस को हराकर ठीक होने वाले मरीजों की संख्या 1254 पहुंच गई है। जबकि 717 मरीजों का राज्य के विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है।
अपर सचिव स्वास्थ्य युगल किशोर पंत ने बताया कि बुधवार को अल्मोड़ा में 14, देहरादून में 35, नैनीताल में आठ, पौड़ी में एक, टिहरी में नौ, रुद्रप्रयाग में दो और उत्तरकाशी, हरिद्वार में 3, बागेश्वर 5, यू एस नगर 3 मरीज में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई है। बुधवार को कुल 656 सैंपल की रिपोर्ट आई जिसमें से 81 पॉजिटिव जबकि 613 की रिपोर्ट नेगेटिव आई है। अपर सचिव ने बताया कि विभिन्न जिलों के 1254 मरीज ठीक होकर अस्पतालों से घर चले गए हैं। जबकि 717 का इलाज अभी चल रहा है। राज्य में कोरोना मरीजो के दोगुना होने की दर 26 दिन के करीब पहुंच गई है। जबकि रिकवरी रेट भी तकरीबन 62 प्रतिशत हो गया है।
लेकिन देखा जा रहा है कि मरीजों में संक्रमण की दर भी लगातार बढ़ रही है। राज्य में कोरोना के मामले बढ़ने के साथ ही कंटेनमेंट जोन भी बढ़ रहे हैं और अब इनकी संख्या 86 हो गई है। अकेले हरिद्वार जिले में सर्वाधिक 51 कंटेनमेंट जोन बनाए गए हैं। जबकि देहरादून में 21 कंटेनमेंट जोन बनाए गए हैं।

ऋषिकेश पुलिस ने कोरोना से मृत महिला का कराया दाह संस्कार

राज्य में कोरोना से शुक्रवार की देर रात हुई दूसरी मौत के बाद शनिवार शाम मृतका का अंतिम संस्कार पुलिस ने कराया। मृतका की चिता को मुखाग्नि उनके पति ने दी। कोरोना वायरस (पॉजिटिव) एवं कैंसर से पीड़ित महिला की मृत्यु के पश्चात, पुलिस व प्रशासन द्वारा सुरक्षा के समस्त उपाय व पीपीई किट पहनकर अंतिम संस्कार कराया गया।

शनिवार को कोतवाली पुलिस व प्रशासन के द्वारा करोना संक्रमण से बचाव करते हुए उत्त मृतक महिला का अंतिम संस्कार चंद्रेश्वर नगर स्थित मुक्तिधाम में कराया गया। इसके बाद अंतिम संस्कार के पूरे स्थान को सैनिटाइज करवाया गया।