राज्य में एक्टिव केस का आंकड़ा 1 हजार के पार

उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण के मामलों में लगातार इजाफा हो रहा है। शनिवार को राज्य में 260 नए मरीज मिले और 103 मरीज ठीक हुए। इसके बाद अब राज्य में एक्टिव मरीजों का आंकड़ा एक हजार के पार पहुंच गया है। जबकि संक्रमण की दर 14 प्रतिशत के करीब पहुंच गई है।
स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार शनिवार को राजधानी देहरादून में सबसे अधिक 149 नए मरीज मिले जबकि नैनीताल में 51, अल्मोड़ा में 14, हरिद्वार में 12, रुद्रप्रयाग में 13, टिहरी में तीन, यूएस नगर में छह, उत्तरकाशी में चार, पिथौरागढ़ में छह और चम्पावत में दो नए संक्रमित मिले हैं। राज्य के विभिन्न अस्पतालों और होम आईसोलेशन में रह रहे 103 मरीजों को इलाज के बाद डिस्चार्ज किया गया। जिसके बाद अब राज्य में एक्टिव मरीजों की संख्या 1040 हो गई है। स्वास्थ्य बुलेटिन के अनुसार राज्य के विभिन्न अस्पतालों से 2060 मरीजों के सैंपल जांच के लिए भेजे गए जबकि 1626 के सैंपल की रिपोर्ट आई। राज्य में शनिवार को कोरोना संक्रमण की दर 13.76 प्रतिशत जबकि मरीजों के ठीक होने की दर 95 प्रतिशत के करीब थी।

नए मरीज मिलने से प्रशासन ने उनके इलाकों को किया सील

ऊधमसिंहनगर जिले के रुद्रपुर में गुरुवार को कोरोना संक्रमित दो मामले सामने आए हैं। संक्रमित मरीजों को सुशीला तिवारी मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी में भर्ती कराया गया है। स्वास्थ्य महानिदेशक अमिता उप्रेती ने इसकी पुष्टि की है। इसके साथ ही प्रदेश में संक्रमित मरीजों की संख्या अब 57 हो गई है। वहीं, आज से पौड़ी जिले में स्थित श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में गुरुवार से कोरोना सैंपल जांच लैब शुुरु हो गई है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने वीडियो कांफ्रेंस के जरिए लैब का उद्घाटन किया।
उधर, दून मेडिकल अस्पताल की एक महिला सफाई कर्मचारी को कोरोना होने की अफवाह उड़ाने पर सफाई कर्मचारी भड़क गए। उन्होंने अस्पताल में सफाई ठप कर हंगामा किया। अस्पताल प्रबंधन के पुलिस से बात कर पोस्टर हटवाने एवं ऐसे लोगों पर कार्रवाई के लिए कहने पर कर्मचारी शांत हुए। इसके बाद कर्मचारी करीब दो घंटे के बाद काम पर लौट आए।
वहीं, ऊधमसिंह नगर के बाजपुर में एक कोरोना संक्रमित मिलने के बाद आज सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा। नगर के मोहल्ला राजीवनगर को सील कर दिया है और पुलिस बल की तैनात कर दी गई है। गुरुवार सुबह एएसपी राजेश भट्ट, एसडीएम एपी वाजपेई, सीओ दीपशिखा अग्रवाल, कोतवाल एनबी भट्ट ने पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंच जायजा लिया। नगर पालिका प्रशासन ने मोहल्ले को सैनिटाइज किया। ट्रक के परिचालक के कोरोना पॉजिटिव होने की जानकारी मिलते ही कृषि मंडी में काम करने वाले दुकानदार तथा पल्लेदारों में हड़कंप मचा हुआ है।
रुड़की के ग्राम नगला इमरती में एक महिला जो कि एम्स ऋषिकेश में भर्ती थी, उसके कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद इस गांव को क्लस्टर कनटेंमेंट जोन घोषित किया गया है। यहां सुरक्षा कर्मी तैनात किए जा रहे है और आवाजाही पूर्ण रूप से बंद करने के आदेश दिये गये है।
वहीं, ऋषिकेश में कोरोना के चार मामले सामने आने के बाद बुधवार को एक और कॉलोनी शिवा एन्क्लेव को सील कर दिया है। एम्स में कोविड 19 वार्ड से जुड़े स्वास्थ्य कर्मियों और यहां भर्ती 256 मरीजों का कोरोना टेस्ट कराया जाएगा। पुलिस ने एम्स के डॉक्टरों और दूसरे स्टाफ की ठहराने के लिए करीब 10 होटलों और धर्मशालाओं का अधिग्रहण कर लिया है। 

त्रिवेन्द्र सरकार उठाएगी उपचार का खर्च, देगी मुआवजा

उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण को महामारी घोषित कर दिया गया है। इसके साथ ही अब अस्थाई रूप से कोरोना संक्रमण को आपदा में शामिल कर लिया गया है। कोरोना से प्रभावित व्यक्ति के उपचार का खर्च भी राज्य सरकार उठाएगी और मृत्यु होने पर पीड़ित परिवार को मुआवजा भी दिया जाएगा।
प्रदेश में अब अगले तीस दिन के लिए कोरोना संक्रमण के लिए मेडिकल कैंप लगाने, उपकरणों की व्यवस्था करने, पीड़ितों को अलग कैंप बनाकर रखने की व्यवस्था राज्य आपदा प्रबंधन फंड से की जाएगी। इन सब मामलों में राज्य आपदा प्रबंधन कमेटी फैसला करेगी। इसके साथ ही टेस्टिंग लैब स्थापित करने और महामारी को रोकने के लिए सर्वे आदि की व्यवस्था भी एसडीआरएफ के तहत की जाएगी।
आपदा प्रबंधन सचिव अमित नेगी के मुताबिक केंद्र सरकार की ओर से नई गाइडलाइन जारी कर दी गई है। संक्रमण से फैलने को रोकने के लिए प्रदेश के आपदा प्रबंधन तंत्र को भी सक्रिय कर दिया गया है। सभी को सर्जिकल मास्क, सूट आदि की व्यवस्था करने को कहा गया है।
आपदा प्रबंधन तंत्र से जुड़े अधिकारियों और कर्मचारियों की छुट्टियों पर भी रोक लगा दी गई है। कोरोना संक्रमण को आपदा में अस्थाई रूप से शामिल कर लिया गया है। कोरोना संक्रमण के आपदा में शामिल होने से अब पीड़ितों के उपचार पर आए खर्च का भुगतान राज्य सरकार करेगी। पीड़ित की मृत्यु होने पर आपदा के तहत निर्धारित मानकों के तहत मुआवजा दिया जाएगा।

त्रिवेन्द्र सरकार ने स्वास्थ्य सचिव को दिए असीमित अधिकारी
महामारी अधिनियम लागू होने के बाद सचिव स्वास्थ्य को असीमित अधिकार होंगे। सचिव स्वास्थ्य अपनी शक्तियां जिलों में जिलाधिकारी और सीएमओ (मुख्य चिकित्सा अधिकारी) को प्रदान कर सकते हैं।
– धारा 144 के तहत कहीं भी भीड़ एकत्रित करने पर रोक।
– उल्लंघन करने पर धारा 188 के तहत सजा और जुर्माना।
– शिक्षण संस्थान बंद करना या खोलना।
– अनुमति के बिना सार्वजनिक सभा से लेकर कोई भी समारोह नहीं होगा।
– किसी भी संदिग्ध के जांच से मना करने पर जबरन जांच होगी।
– मेडिकल कार्यों के लिए निजी या सार्वजनिक संपत्ति ली जा सकेगी कब्जे में।
– किसी भी वाहन को बतौर टैक्सी या एंबुलेंस इस्तेमाल किया जा सकेगा।
– निजी या सार्वजनिक स्थलों, वाहनों और संपत्तियों को सेनिटाइज करना।

अनुबंध पर सैंकड़ों डाक्टर-नर्सें होंगी नियुक्त
सरकार ने निर्णय लिया है कि प्रदेश में डाक्टरों के रिक्त साढ़े पांच सौ पदों पर वॉक इन इंटरव्यू के माध्यम से नियुक्ति की जाएगी। सरकारी मेडिकल कॉलेजों में डॉक्टरों के मौजूदा पदों के 50 प्रतिशत पद और भरे जाएंगे। नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टॉफ के खाली पदों पर 11 माह के अनुबंध पर नियुक्तियां की जाएंगी।

स्वास्थ्य विभाग को पचास करोड़ जारी
सरकार ने कोरोना की रोकथाम के लिए 50 करोड़ रुपये तुरंत महानिदेशक स्वास्थ्य को जारी कर दिए हैं। आइसोलेशन आईसीयू बनाए जाएंगे। सौ बिस्तर के प्री फेब्रिकेटिड अस्पताल बनाने की अनुमति दे दी है। यह अस्पताल जरूरत पड़ने पर कहीं भी बनाया जा सकेगा। चिकित्सा उपकरणों में 125 वेंटिलेटर सहित औषधि आदि की खरीद बिना टेंडर (लेकिन राज्य या केंद्र सरकार की तय दरों अथवा जेम से) हो सकेगी।

रोकथाम को आपदा मद से मिलेगा पैसा
महामारी घोषित होने से कोरोना को आपदा का दर्जा मिला गया है। इसके तहत अब आपदा के मद से महामारी की रोकथाम के लिए पैसा खर्च किया जा सकेगा। इसके तहत राज्य सरकार को केंद्र से भी मदद मिल सकती है। जिलाधिकारी बिना शासन की अनुमति के रोकथाम और उपचार के लिए पैसा खर्च कर सकते हैं।

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