मुख्यमंत्री ने देहरादून में स्टेट हैंडलूम एक्सपो का किया शुभारंभ

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून के रेसकोर्स स्थित बन्नू स्कूल मैदान में आयोजित स्टेट हैंडलूम एक्सपो में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने एक्सपो में लगी विभिन्न स्टॉलों का निरीक्षण कर शिल्पियों, बुनकरों एवं लघु उद्यमियों का उत्साहवर्धन किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर दस लोगों को उत्तराखंड शिल्प रत्न पुरस्कार भी प्रदान किए। इसके तहत एक लाख रुपए की धनराशि, प्रशस्ति पत्र एवं अंग वस्त्र दिए गए।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि स्टेट हैंडलूम एक्सपो अपने-आप में विशिष्ट है, क्योंकि इसका स्वरूप जहां एक ओर मेले जैसा है वहीं यह व्यापारिक और स्वरोजगार के क्षेत्र में कार्य कर रहे युवाओं और महिलाओं को अपने कार्य का प्रदर्शन करने हेतु एक विशिष्ट मंच भी प्रदान करता है।

मुख्यमंत्री ने शिल्प रत्न एवं हथकरघा, हस्तशिल्प एवं लघु उद्यम क्षेत्र में पुरस्कृत सभी उत्कृष्ट कार्य कर रहे शिल्पियों, बुनकरों एवं लघु उद्यमियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इस प्रकार के आयोजनों के माध्यम से जहां एक ओर स्थानीय उत्पादों को प्रदर्शित करने का मौका मिलता है वहीं आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा दिए गए ’’आत्मनिर्भर भारत’’ के मंत्र को भी मजबूती मिलती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस तरह के स्टेट हैंडलूम एक्सपो के माध्यम से व्यापारियों, कलाकारों, कारीगरों आदि को परस्पर अनुभवों के आदान-प्रदान में भी सहायता मिलती है। उन्होंने कहा कि एक्सपो में महिला समूहों द्वारा विभिन्न स्टॉलों का संचालन व गुणवत्तापूर्ण उत्पादों का विपणन आर्थिक सशक्तता की ओर महिलाओं की रुचि को भी प्रदर्शित करता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे बताया गया है कि राज्य में 4 लाख 22 हजार परिवारों को संगठित कर 56 हजार 362 समूह तथा 5 हजार 718 ग्राम संगठन तैयार किये गये हैं। इन संगठनों को व्यवसायिक गतिविधियों से निरंतर जोड़े रखने के लिए 350 पंजीकृत सहकारिताओं का गठन किया गया है। जिनमें से आज यहां पर उत्तराखण्ड राज्य और अन्य राज्यों के स्वयं सहायता समूहों के हैण्डी क्राफ्ट, हैंडलूम, जैविक उत्पाद एवं स्थानीय व्यंजन आदि के स्टॉल प्रदर्शित किये गये हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड की संस्कृति को आप हैंडलूम में उकेरिए और देखिए बाजार अवश्य मिलेगा। उन्होंने कहा कि हमारे पिछौडे के डिजाइन की अलग पहचान है। इसकी बहुत मांग है और यह मांग देश ही नहीं दुनिया भर में बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि हमारे यहां की टोपी को प्रधानमंत्री ने जब से पहना है वो पूरी दुनिया में लोकप्रिय हो गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब मैं लंदन और दुबई के दौरे पर गया तो वहां पर भी बड़ी संख्या में लोगों ने इस टोपी को पहनकर स्वागत किया। यह दर्शाता है कि हमारे उत्पाद पूरी दुनिया में तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि गुजरात, मुंबई, बैंगलोर सहित अन्य स्थानों पर भी जब हम गए तो लोगों के सिर पर उत्तराखंड की टोपी थी और उस पर ब्रह्म कमल का चिन्ह बना हुआ था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे हैंडलूम में आप यहां के प्रतीक चिन्ह हमारी संस्कृति का समावेश करेंगे तो ये निश्चित ही देश दुनिया में लोकप्रियता और पहचान दिलाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज जो जैकेट मैंने पहनी हुई है, वो आपकी बनाई हुई है, इसकी बहुत मांग है, क्योंकि प्रदेश में भांग के रेशे से, बांस के रेशे से जैकेट्स बन रही है, मफलर बन रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार आदरणीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मंत्र ’’वोकल फार लोकल, लोकल फार ग्लोबल थीम’’ के अंतर्गत राज्य के आर्गेनिक उत्पाद एवं परम्परागत शिल्प उत्पादों के विकास एवं विपणन के लिए निरंतर प्रयासरत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आदरणीय प्रधानमंत्री जी जब लगभग दो वर्ष पहले वाइब्रेंट विलेज के तहत माणा प्रवास पर आए थे तो उनके द्वारा उत्तराखंड के स्थानीय उत्पादों के लिए ब्रांड बनाने का सुझाव दिया था। इस पर अमल करते हुए हमारी सरकार ने विगत दिसंबर माह में देहरादून में हुई ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दौरान हाउस ऑफ हिमालयाज नाम से अम्ब्रेला ब्रांड का शुभारंभ आदरणीय प्रधानमंत्री जी के हाथों करा दिया है। इसके लिए कंपनी भी बन गई है और इसे रजिस्टर्ड भी करा दिया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में स्थानीय शिल्प उत्पादों के विकास एवं विपणन के प्रोत्साहन के लिए राज्य सरकार की विभिन्न योजनाएं संचालित की जा रही है जिसमें शिल्पी पेंशन योजना, शिल्प रत्न पुरस्कार, मेला एवं प्रदर्शनी एवं केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना प्रमुख हैं। हमारी सरकार हथकरघा एवं हस्तशिल्प क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले शिल्पियों के मान सम्मान के लिए भी प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह हमारे लिए अत्यन्त हर्ष का विषय है कि उत्तराखण्ड ने राज्य में उत्पादित, निर्मित 9 हस्तशिल्प उत्पादों ने जीआई टैग प्राप्त किये हैं।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में हम राज्य के लोगों को रोजगार और स्वरोजगार से जोड़ने के लिए निरंतर कार्य कर रहे हैं। यह आदरणीय प्रधानमंत्री जी के कुशल नेतृत्व का ही कमाल है कि आज वैश्विक पटल पर हमारा देश विश्व को एक नई दिशा दिखाने का काम कर रहा है। प्रधानमंत्री का हमारी देवभूमि के प्रति विशेष लगाव रहा है और इसे हमारे यहां केंद्र सरकार द्वारा संचालित हो रही विशिष्ट परियोजनाओं के माध्यम से समझा जा सकता है।

उन्होंने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों के विकास का कार्य जो पहले एक सपना मात्र लगता था वह आज प्रधानमंत्री के नेतृत्व में जमीन पर संभव होता दिख रहा है। आज के आधुनिक युग में भी प्रत्येक उत्तराखंडी अपनी संस्कृति से जुड़ा हुआ है। आज का यह हैंडलूम एक्सपो, अपनी जड़ों से जुड़े रहने की हमारी इसी जिद को प्रदर्शित कर रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरा मानना है कि एक समृद्धशाली उत्तराखंड के निर्माण के लिए यह आवश्यक है कि इस प्रकार के आयोजन प्रदेश में प्रत्येक स्थान पर निरंतर होते रहें।

इस अवसर पर विधायक राजपुर रोड खजान दास, राज्य स्तरीय महिला उद्यमी परिषद की उपाध्यक्ष विनोद उनियाल, सचिव उद्योग विनय शंकर पांडेय आदि उपस्थित रहे।

सीएम ने सिविल सेवा संघ की वार्षिक पत्रिका आरोही का विमोचन किया

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून स्थित एक होटल में उत्तराखण्ड प्रांतीय सिविल सेवा (कार्यकारी शाखा) संघ के वार्षिक अधिवेशन में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने संघ की वार्षिक पत्रिका ‘आरोही’ का विमोचन भी किया। मुख्यमंत्री ने अधिवेशन की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि उत्तराखण्ड प्रांतीय सिविल सेवा (कार्यकारी शाखा) संघ द्वारा जो मांग पत्र दिया गया है, उन पर उचित कार्यवाही की जायेगी। सभी विषयों पर गंभीरता से विचार करते हुए समस्याओं का समाधान किया जायेगा।

मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड प्रान्तीय सिविल सेवा के अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि आप सभी सरकार के प्रमुख अंग हैं। जब आपके द्वारा जनहित में सराहनीय कार्य किये जाते हैं, तो इससे सरकार के प्रति जनता का और विश्वास बढ़ता है। उन्होंने कहा कि अधिकारी सरकार और जन सामान्य के बीच एक सेतु का कार्य करते हैं। सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन और उनको आमजन तक पहुंचाने का सशक्त माध्यम हमारे अधिकारी हैं। आप जनता और सरकार के मध्य जितना अच्छा समन्वय स्थापित करेंगे, जनहित में कार्य और तेजी से होंगे। सरकार द्वारा लिये गये नीतिगत निर्णयों को धरातल पर उतारने की पूरी जिम्मेदारी अधिकारियों पर होती है। उन्होंने कहा कि आप गुड गवर्नेंस के अग्रदूत हैं। सभी अधिकारियों से मुख्यमंत्री ने अपील की कि गुड गवर्नेंस और इनोवेशन पर जोर दें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में उत्तराखण्ड की एक अलग छवि बनी है, इस छवि को बनाये रखने के लिए हमारे सभी अधिकारियों को ब्रांड एम्बेस्डर के नाते कार्य करना है। उत्तराखण्ड को श्रेष्ठ राज्यों की श्रेणी में लाना हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है। देशभर में सर्वश्रेष्ठ उत्तराखंड की एक अलग छवि बन रही है, इस छवि को कायम रखने की जिम्मेदारी आप लोगों पर है। उन्होंने कहा कि प्रान्तीय सिविल सेवा सामान्य सेवा नहीं है। करोड़ों लोगों में से कुछ लोगों को इस प्रकार सेवा करने का अवसर मिलता है। उत्तराखण्ड की लगभग सवा करोड़ की जनता की सेवा और राज्यहित के लिए लिए आपको जो सेवा का अवसर मिला है, सभी पूरे मनोयोग से कार्य करेंगे, ऐसी मुख्यमंत्री ने आशा व्यक्त की। उन्होंने कहा कि जब से उन्हें प्रदेश के मुख्य सेवक का दायित्व मिला है, तब से नियमित दिनचर्या, मन और विचार से उन्होंने एक-एक पल प्रदेश की सेवा में लगाया है।

मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड प्रान्तीय सिविल सेवा के अधिकारियों से जन समस्याओं के शीघ्र समाधान के लिए त्वरित निर्णय के साथ सुशासन और योजनाओं की आमजन तक जल्द पहुंच के मंत्र पर कार्य करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि नो पेंडेंसी के मूल मंत्र को आत्मसात कर आगे बढ़ें। हमें राज्य में नया कार्य व्यवहार अपनाना है। नई कार्य संस्कृति के साथ कार्य करने के लिए हमें प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी से बहुत कुछ सीखना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य हित और जनहित में कोई भी अधिकारी कोई सुझाव देना चाहते हैं, तो वे उनसे सीधे संपर्क कर सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड प्रांतीय सिविल सेवा के अधिकारियों को 03 बार सेवाकालीन प्रशिक्षण की व्यवस्था की जायेगी। राज्य के पर्वतीय और मैदानी दोनों क्षेत्रों में सेवा के अवसर दिये जायेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड प्रांतीय सिविल सेवा के अधिकारियों द्वारा विभिन्न अवसरों पर सराहनीय कार्य किये गये हैं। सिल्क्यारा ऑपरेशन, लोगों को विभिन्न योजनाओं के लाभ, इन्वेस्टर समिट के आयोजन, अतिक्रमण हटाने एवं सरकार द्वारा चलाये जा रहे विभिन्न अभियानों में हमारे इन अधिकारियों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

इस अवसर पर आयुक्त गढ़वाल विनय शंकर पांडेय, उत्तराखण्ड प्रान्तीय सिविल सेवा (कार्यकारी शाखा) संघ के अध्यक्ष गिरधारी सिंह रावत, उपाध्यक्ष डॉ. ललित नारायण मिश्रा, प्रताप शाह, पी. सी. दुमका एवं पीसीएस एसोसिएशन के पदाधिकारी उपस्थित थे।

सचिवालय में आन बान शान के प्रतीक तिरंगा फहराया गया

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर सचिवालय में राष्ट्रीय ध्वज फहराया। इस अवसर पर मुख्य सचिव ने सचिवालय के सभी अधिकारियों, कर्मचारियों एवं उनके परिजनों को गणतंत्र दिवस की बधाई दी। उन्होंने कहा कि गणतंत्र देश की बहुत बड़ी विशेषता यह होती है कि यह देश के प्रत्येक नागरिक को देश के शीर्षतम् पद तक पहुंचने का अधिकार देता है।

मुख्य सचिव ने सचिवालय में आयोजित ध्वजारोहण कार्यक्रम को सम्बोधित किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने भारत के संविधान में उल्लिखित नागरिकों के मूल कर्त्तव्यों पर ध्यान आकर्षित करते हुए 10वें मूल कर्त्तव्य ‘व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधि के सभी क्षेत्रों में उत्कृष्टता की दिशा में निरंतर प्रयास करना ताकि राष्ट्र निरन्तर प्रयास और उपलब्धि के उच्च स्तर तक पहुंचे‘ को आत्मसात् करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि हम अपने उत्कृष्ट निर्णयों और कार्यों से प्रदेश और प्रदेश के नागरिकों के जीवन में सकारात्मक प्रभाव डाल कर उनके विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु, एल. फैनाई, सभी सचिव एवं अपर सचिव सहित सचिवालय के अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे।

गणतंत्र दिवस परेड पर सूचना विभाग की झांकी को मिला प्रथम पुरस्कार

गणतंत्र दिवस के अवसर पर परेड ग्राउंड में आयोजित मुख्य समारोह में विभिन्न विभागों द्वारा झांकियां प्रदर्शित की गई जिसमें सूचना विभाग की झांकी को पहला स्थान मिला है। यह पुरस्कार राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि), मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं मुख्य सचिव डॉ. एस.एस.संधु द्वारा प्रदान किया गया जिसे महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी व संयुक्त निदेशक/नोडल अधिकारी के.एस. चौहान ने प्राप्त किया।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि इक्कीसवीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखण्ड का है। देवभूमि उत्तराखण्ड में विकसित भारत के अन्तर्गत कई लाख करोड़ की विकास परियोजनाओं के कार्य जैसे ऑल वेदर रोड़, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाईन, होम स्टे, रोप-वे आदि पर तेजी से कार्य किया जा रहा है तथा पारम्परिक अनाजों का भी पर्याप्त मात्रा में उत्पादन किया जा रहा है।

सूचना विभाग के महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर सूचना विभाग द्वारा ‘‘विकसित उत्तराखण्ड‘‘ की झांकी का निर्माण किया गया है।

झांकी के अग्र भाग में उत्तराखंडी महिला को पारम्परिक वेशभूषा में स्वागत करते हुए दिखाया गया है तथा पारंपरिक अनाज मंडुवा, झंगोरा, रामदाना तथा कौंणी की खेती व राज्य पक्षी मोनाल को दिखाया गया है।

झांकी के मध्य भाग में होम स्टे को दिखाया गया है। पहाड़ों में होमस्टे योजना से हजारों ग्रामीणों को रोजगार मिल रहा है। भारत सरकार द्वारा वर्ष 2023 में उत्तराखण्ड के सरमोली गांव को सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांव घोषित किया गया है। साथ ही लखपति दीदी योजना से उत्तराखण्ड में महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं। स्वयं सहायता समूह में कार्य करते हुए स्थानीय महिलाओं व सुदूर पहाडों में सौर ऊर्जा तथा मोबाईल टावर को दिखाया गया है।
झांकी के आखरी भाग में ऑल वेदर रोड़, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना, रोप-वे तथा भारत के प्रथम गांव माणा के लिए रोड़ कनेक्टिवी को दर्शाया गया है। इन योजनाओं से उत्तराखण्ड में यात्रियों के लिए आवागमन की सुविधा में आमूल-चूल परिवर्तन हुआ है।

झांकी का डिजाईन एवं कान्सेप्ट व निर्माण विभाग के संयुक्त निदेशक/नोडल अधिकारी श्री के.एस.चौहान के निर्देशन में किया गया है। झांकी के साथ उत्तराखण्ड की लोक संस्कृति पर आधारित पारम्परिक वेशभूषा में नृत्य करते हुए कलाकार थे।

धामी कैबिनेट ने महत्वपूर्ण फैसलों पर लगाई मुहर

कैबिनेट द्वारा लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय

1- उत्तराखंड वित्तीय नियम समिति की संस्तुतियों के अनुसार विभिन्न संवर्ग के कार्मिकों को वाहन भत्ता अनुमन्य किये जाने के संबंध में।
राज्य सरकार के सरकारी सेवकों को जिन्हें अपने पदेन कर्तव्यों से सम्बन्धित कार्यों को करने के लिए बहुधा अल्प दूरी की यात्राएँ करनी पड़ती हैं एवं जिसके लिए यात्रा भत्ता अनुमन्य नहीं है तथा जिन्हें वित्तीय हस्त पुस्तिका खण्ड-3 के नियम-82 के अधीन परिशिष्ट-8 में उल्लिखित सूची एवं समय-समय पर शासन द्वारा निर्गत आदेशों के अन्तर्गत वाहन भत्ता अनुमन्य कराया जा रहा है, को वित्तीय नियम समिति की संस्तुतियों के अनुसार मासिक रूप से प्राप्त वाहन भत्ता तालिकानुसार दिनांक 01 जनवरी, 2024 से अनुमन्य किये जाने हेतु प्रस्तुत प्रस्ताव पर विचलन के माध्यम से प्राप्त मा० मंत्रिमण्डल के अनुमोदन के क्रम में शासनादेश संख्या-174877/XXVII(7)/E- 42461/2022 दिनांक 13 दिसम्बर, 2023 निर्गत (संलग्न) किये जाने के पश्चात कृत कार्यवाही से मा० मंत्रिमण्डल को अवगत कराये जाने हेतु प्रस्ताव मा० मंत्रिमण्डल के समक्ष प्रस्तुत किया गया।

2- वैयक्तिक सहायक संवर्ग में पदोन्नति के सोपान बढ़ाते हुए स्टाफिंग पैटर्न के अन्तर्गत ग्रेड वेतन रू0 4800/- में वरिष्ठ वैयक्तिक अधिकारी का पद सृजित किये जाने के संबंध में।

वैयक्तिक सहायक संवर्ग में ग्रेड वेतन रू0 4800/- में वरिष्ठ वैयक्तिक अधिकारी पदनाम से नया पद सृजित किये जाने एवं वैयक्तिक सहायक संवर्ग में तालिका के स्तम्भ-6 के अनुसार संशोधित स्टाफिंग पैटर्न लागू किये जाने का निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया गया है।

3- उत्तराखण्ड पशु चिकित्सा सेवा (संशोधन) नियमावली, 2024 के संबंध में।
उत्तराखण्ड पशु चिकित्सा सेवा हेतु वर्तमान में उत्तराखण्ड पशु चिकित्सा सेवा नियमावली. 2021 प्रख्यापित है। उक्त नियमावली में पशुचिकित्साधिकारियों हेतु पशु चिकित्सा अधिकारी ग्रेड-2 व पशु चिकित्सा अधिकारी ग्रेड-1 पदनाम उल्लिखित है।) (राजकीय पशुचिकित्सालयों/रोग अनुसंधान प्रयोगशालाओं/राजकीय पशुधन प्रक्षेत्रों / निदेशालय / अपर निदेशक कार्यालयों/ बोर्डो /विभिन्न कार्यालयों में सेवारत पशुचिकित्सा अधिकारियों हेतु पशु चिकित्सा अधिकारी ग्रेड-1 एवं पशु चिकित्सा अधिकारी ग्रेड-2 पदनाम सृजित किये गये है) पशुचिकित्साविदों हेतु सृजित वर्तमान पदनाम, राजकीय पशुचिकित्सालयों के अतिरिक्त अन्य कार्यालयों में पदस्थापित पशुचिकित्साविदों के कार्य प्रकृति से मेल नहीं खाते हैं। अतः उक्त तथ्यों एवं परिस्थितियों के दृष्टिगत विभागीय आवश्यकतानुरूप पशु चिकित्सा संवर्ग में पशु चिकित्सा अधिकारी ग्रेड-2 एवं पशु चिकित्सा अधिकारी ग्रेड-1 का वेतनमान यथावत् रखते हुए केवल पदनाम परिवर्तन तालिकानुसार किया जाना है ।

4- विभिन्न विभागों में कार्यरत सहायक अभियन्ताओं को मोटरकार के लिए वाहन भत्ता अनुमन्य किये जाने के सम्बन्ध में।
राज्य में वाहन भत्ता दिये जाने के सम्बन्ध में लागू संगत शासनादेशों तथा वित्तीय हस्त पुस्तिका खण्ड-3 के नियम-82 के अधीन राजकीय विभागों में कार्यरत सहायक अभियन्ताओं को मोटर कार (जहां औसत स्थानीय यात्रा 400 किलोमीटर प्रतिमाह से अधिक होती है) के लिए वाहन भत्ता अनुमन्य किये जाने के प्रस्ताव पर विचलन के माध्यम से प्राप्त मा० मंत्रिमण्डल के अनुमोदन के क्रम में शासनादेश संख्या-174509/XXVII(7)/E-65724/2023 दिनांक 12 दिसम्बर, 2023 (संलग्न) निर्गत किये जाने के पश्चात कृत कार्यवाही से मा० मंत्रिमण्डल को अवगत कराये जाने हेतु प्रस्ताव मा० मंत्रिमण्डल के समक्ष प्रस्तुत किया गया।

5- मत्स्य विभागान्तर्गत जलाशयों के ठेकेदारों को 05 वर्षों हेतु ठेका प्राप्त होने पर प्रथम वर्ष में मत्स्य बीज संचय करने के उपरान्त जलाशय की क्षमतानुसार उत्पादन प्राप्त करने हेतु लगभग 02 वर्षों का समय लगता है, इसके अतिरिक्त अन्तिम वर्षों में ठेका समाप्त होने के दृष्टिगत ठेकेदार द्वारा जलाशय में उपलब्ध स्टॉक को पूर्णतः खाली किये जाने का भरसक प्रयास किया जाता है जिस कारण जलाशय की उत्पादकता पर असर पड़ता है। अतः प्रस्तावित संशोधित नियमावली “उत्तराखण्ड मत्स्य (संशोधन) नियमावली, 2024” में ठेका अवधि “05 वर्ष से 10 वर्ष” एवं “खुली ई-निविदा” किये जाने पर मुख्यतः निग्नवत लाभ होंगे:-
1. जलाशयों की वर्तमान उत्पादकता 41 कि०ग्रा० प्रति हैक्टेयर से 60-65 कि०ग्रा० प्रति हैक्टेयर होगी।
2. राज्य को प्राप्त होने वाले राजस्व में लगभग 50 से 60 प्रतिशत तक वृद्धि होगी।
3. वैज्ञानिक तथ्यों के आधार पर मत्स्य बीज संचय एवं मत्स्य आखेट से जलाशय का जलजैविक संतुलन बना रहेगा।
4. जलाशयों का उचित प्रबन्धन, व्यापक जनहित एवं राज्य हित में होगा।
5. “खुली ई-निविदा” किये जाने पर निविदा प्रक्रिया में पारदर्शिता आयेगी।

6- सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार के देहरादून स्थित क्षेत्रीय कार्यालय को कार्यालय भवन निर्माण हेतु लोक निर्माण विभाग के स्वामित्व की भूमि का निःशुल्क हस्तान्तरण।
राज्य में स्थित राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण एवं रख-रखाव तथा सड़क परिवहन एक राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार (मोर्थ) द्वारा केन्द्र पोषित योजनाओं यथा-केन्द्रीय सड़क अवसंरचना निधि (सी०आर०आई०एफ०), एन०एच० (ओ०) आदि परियोजनाओं के क्रियान्वयन हेतु देहरादून में क्षत्रीय कार्यालय स्थापित है। यह कार्यालय किराये के भवन में संचालित है। उल्लेखनीय है कि विगत 05 वर्षों में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा एन०एच० (ओ०) के अन्तर्गत लगभग रु० 15,000.00 करोड़ तथा सी०आर०आई०एच० के अन्तर्गत लगभग रु० 12,00.00 करोड क्री स्वीकृतियां निर्गत की गयी है। केन्द्र सरकार की सहायता से सड़क एवं सेतुओं के निर्माण में राज्य ने आशातीत प्रगति की गयी है। केन्द्र सरकार के कार्यालय भवन हेतु भूमि की उपलब्धता होने पर राज्य के राष्ट्रीय राजमार्ग खण्ड, डोईवाला एवं देहरादून (वर्तमान में किराये के भवन पर संचालित) अधीक्षण अभियन्ता (एन० एच०, गढ़वाल) तथा मुख्य अभियन्ता (एन०एच०, उत्तराखण्ड) के कार्यालय को भी प्रस्तावित भवन में स्थानांतरित किया जाना प्रस्तावित है। अतः लोक निर्माण विभाग के स्वामित्व की 06 नम्बर पुलिया, रिंग रोड, देहरादून स्थित 0.0266 हेक्टेयर भूमि को सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार के क्षेत्रीय कार्यालय के भवन निर्माण हेतु निःशुल्क उपलब्ध करायी जानी है। कार्यालय भवन निर्माण का व्यय भारत सरकार द्वारा स्वयं वहन किया जाना है।

7- पुरानी जेल परिसर, देहरादून में स्थित न्याय विभाग के स्वामित्व की कुल 0.7401 है० भूमि में से 05 बीघा भूमि बार एसोसिएशन, देहरादून में अधिवक्ताओं के चैम्बर निर्माण हेतु 1.00 रूपये प्रतिवर्ष की दर से 30 वर्षों के लिए लीज पर दिया जाना।
पुरानी जेल परिसर, देहरादून में स्थित न्याय विभाग के स्वामित्व की कुल 0.7401 है० भूमि में से 05 बीघा भूमि बार एसोसिएशन, देहरादून में अधिवक्ताओं के चैम्बर निर्माण हेतु 1.00 रूपये प्रतिवर्ष की दर से 30 वर्षों के लिए लीज पर दिये जाने के प्रस्ताव को विचलन के माध्यम से मा० मुख्यमंत्री जी, उत्तराखण्ड सरकार की अनुमति के क्रम में शासनादेश क्रमांक- 09/XXXVI-A-3/2024-10/ सा0 /2018, दिनांक 16.01.2024 द्वारा उक्त 05 बीघा भूमि बार एसोसिएशन, देहरादून को हस्तान्तरित किये जाने के आदेश निर्गत कर दिये गये हैं। प्रस्ताव मा० मंत्रिमण्डल के संज्ञानार्थ प्रस्तुत ।

8- उत्तराखण्ड बाढ़ मैदान परिक्षेत्रण अधिनियम, 2012, समय-समय पर यथा संशोधित के प्राविधानानुसार जनपद हरिद्वार में तहसील हरिद्वार के अन्तर्गत गंगा नदी के दांये तट पर हरिपुर कलां से चण्डी पुल तक एवं जनपद देहरादून के अन्तर्गत ऋषिकेश क्षेत्र में ढालवाला ड्रेन से पशुलोक बैराज एवं पशुलोक बैराज से हरिपुर कला तक गंगा नदी के दांये तट पर (ऋषिकेश, खड़कमाफ, गौहरीमाफी, रायवाला एवं हरिपुर परगना-परवादून) तक हेतु अन्तिम अधिसूचना निर्गत किये जाने के सम्बन्ध में समयबद्धता के दृष्टिगत प्रकरण में विचलन के माध्यम से मा० मुख्यमंत्री जी की संस्तुति / अनुमोदन प्राप्त करने के उपरान्त अधिसूचना संख्या-40 एवं 41 दिनांक 08.01.2024 को निर्गत कर दी गयी है। प्रस्तुत प्रस्ताव को मा० मुख्यमंत्री जी द्वारा विचलन से संस्तुति / अनुमोदन की सूचना मा० मंत्रिमण्डल के अवगतार्थ प्रस्तुत किया जाना।

9- भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग के पुनर्गठित ढांचे में अतिरिक्त अवशेष पदों के सृजन के सम्बन्ध में।
मा० मंत्रिमण्डल की बैठक दिनांक 04.12.2023 में लिये गये निर्णय के अनुपालन में दिनांक 16.12.2023 द्वारा पुनर्गठित भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग के ढांचे में औचित्यपूर्ण पाये गये 07 अतिरिक्त पदों को सृजित कराया जा रहा है।

10- उत्तराखण्ड रिवर ड्रेजिंग नीति, 2021 में आंशिक संशोधन किये जाने के सम्बन्ध में।
मा० उच्च न्यायालय, उत्तराखण्ड द्वारा जनहित याचिका सं0 169/2022 ‘गगन परासर बनाम उत्तराखण्ड राज्य व अन्य’ में पारित आदेश दिनांक 14.12.2023 के अनुपालन में तथा उक्त नियमावली के प्राविधानों को सरलीकृत / व्यवहारिक बनाये जाने के दृष्टिगत उत्तराखण्ड रिवर ड्रेजिंग नीति, 2021 के कतिपय प्राविधानों को संशोधित किया जा रहा है।

11- व्यवसाय संघ (उत्तराखण्ड संशोधन) विधेयक, 2020 को सदन के पटल से वापस लिये जाने के संबंध में।
राज्य में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाने के उद्देश्य से व्यवसाय संघ अधिनियम, 1926 की धारा 04 एवं धारा 09 में संशोधन करते हुए व्यवसाय संघ (उत्तराखण्ड संशोधन) विधेयक, 2020 पारित किया गया था, जिसमें किसी व्यवसाय संघ को रजिस्ट्रीकृत किये जाने हेतु उसमें नियोजित कर्मकारों की संख्या दस प्रतिशत या एक सौ कर्मकारों के स्थान पर तीस प्रतिशत रखा गया था। जिसे केन्द्रीय व्यवसाय संघ अधिनियम, 1926 के प्राविधानों के विरूद्व पाते हुए भारत सरकार ने वापस लिये जाने की अपेक्षा की गयी है। तत्क्रम में व्यवसाय संघ (उत्तराखण्ड संशोधन) विधेयक, 2020 को सदन के पटल से वापस लिये जाने हेतु मा० मंत्रिमण्डल द्वारा अनुमोदन प्रदान किया गया है।

12- राज्य सरकार की महिला सरकारी सेवकों / एकल अभिभावक (महिला एवं पुरूष) सरकारी सेवकों को बाल्य देखभाल अवकाश (Child Care Leave) अनुमन्य किये जाने सम्बन्धी कार्यालय ज्ञाप दिनांक 01 जून, 2023 में आंशिक संशोधन किये जाने के सम्बन्ध में।
राज्य सरकार की महिला सरकारी सेवकों / एकल अभिभावक (महिला एवं पुरूष) सरकारी सेवकों को वित्त विभाग, उत्तराखण्ड शासन के कार्यालय ज्ञाप दिनांक 01 जून, 2023 द्वारा विशिष्ट परिस्थितियों यथा सन्तान की बिमारी अथवा परीक्षा आदि में सन्तान की 18 वर्ष की आयु तक देखभाल हेतु सम्पूर्ण सेवाकाल में अधिकतम दो वर्ष (730 दिन) का बाल्य देखभाल अवकाश इस शर्त / प्रतिबन्ध के साथ अनुमन्य किया गया है किः-
बाल्य देखभाल अवकाश में रहते हुए कार्मिक को पहले 365 दिनों में उन्हें अनुमन्य अवकाश वेतन का 100 प्रतिशत तथा अगले 365 दिनों में उन्हें अनुमन्य अवकाश वेतन का 80 प्रतिशत वेतन दिया जायेगा। जिन महिला सरकारी सेवकों द्वारा पूर्व से बाल्य देखभाल अवकाश लिया जा रहा है, के सम्बन्ध में यह प्रावधान अवकाश लेखे में बचे हुए अवकाशों पर ही नियमानुसार लागू होगा।”
विभिन्न माध्यमों से उक्त शर्त / प्रतिबन्ध को विलोपित किये जाने हेतु राज्य सरकार को प्राप्त प्रत्यावेदनों का पुनः परीक्षण किये जाने के क्रम में उक्त उल्लिखित शर्त / प्रतिबन्ध को निम्नवत् संशोधित किये जाने का निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया गया है:-
“राज्य सरकार की महिला सरकारी सेवकों / एकल अभिभावक (महिला एवं पुरुष) सरकारी सेवकों को बाल्य देखभाल अवकाश की अवधि के दौरान अवकाश पर प्रस्थान करने से पूर्व प्राप्त हो रहे /आहरित वेतन के समतुल्य ‘अवकाश वेतन देय होगा।”

13- उत्तराखण्ड राज्य के अनेक प्रतिभावान खिलाड़ियों द्वारा अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन से राज्य को खेलों के क्षेत्र में नई पहचान दी है: अतः प्रतिभावान खिलाड़ियों को प्रोत्साहित किए जाने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा उत्तराखण्ड राज्य के कुशल खिलाड़ियों को लोक सेवाओं और पदों में 04 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण अनुमन्य किये जाने के सम्बन्ध में उत्तराखण्ड लोक सेवा (अन्तर्राष्ट्रीय / राष्ट्रीय स्तर पर खेलों में पदक विजेता / प्रतिभाग करने वाले कुशल खिलाड़ियों के लिए क्षैतिज आरक्षण) विधेयक, 2024 को विधानसभा के पटल पर रखे जाने हेतु कैबिनेट द्वारा दी गयी मंजूरी।

14- उत्तराखण्ड पर्यटन विकास परिषद के अधीन सहासिक पर्यटन विंग के कार्मिकों के ढांचे में सृजित विषय-विशेषज्ञ (जल, थल एवं वायु कीड़ा) के नियत वेतन (संविदा) के पदों हेतु निर्धारित अर्हताओं में संशोधन किये जाने के संबंध में कैबिनेट द्वारा लिया गया निर्णय।
उत्तराखण्ड पर्यटन विकास परिषद के अधीन सहासिक पर्यटन विंग के कार्मिकों के ढांचे में सृजित विषय विशेषज्ञ (जल, थल एवं वायु क्रीडा) के नियत वेतन (संविदा) आधारित पदों पर भर्ती / नियुक्ति हेतु अर्हताओं में संशोधन किया गया है, जिससे राज्य में सहासिक पर्यटन क्षेत्र की गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।

15- वाईब्रेन्ट विलेज योजानान्तर्गत सीमान्त गांव जादुंग उत्तरकाशी के पर्यटन विकास हेतु होम स्टे कलस्टर के रूप में विकसित करने हेतु योजना प्रख्यापित किये जाने के सम्बन्ध में कैबिनेट द्वारा लिया गया निर्णय।
सीमान्त गांव जादूंग भारत सरकार द्वारा संचालित “चाईब्रेन्ट विलेज” के अन्तर्गत चिन्हित है जिसे टूरिज्म डेस्टिनेशन के रूप में विकसित किया जाना है, जिससे उत्तराखण्ड राज्य में पर्यटकों की संख्या में वृद्धि एवं गांव के मूल निवासियों को रोजगार के अवसर उपलब्ध हो पायेंगें। अतः वाईब्रेन्ट विलेज योजानान्तर्गत सीमान्त गांव जादुंग उत्तरकाशी के पर्यटन विकास हेतु होम स्टे कलस्टर के रूप में विकसित करने हेतु योजना प्रख्यापित किये जाने पर अनुमति प्रदान की गयी है।

16- लखवाड-व्यासी जल विद्युत परियोजना के पुनर्वास एवं पुनर्स्थापन हेतु पूर्व निर्गत शासनादेश सं० 66 दिनांक 13.01.2016 के प्रस्तर-8 (ब) के अन्तर्गत अल्प तकनीकी लघु कार्य परियोजना प्रभावितों को प्रभावित क्षेत्र की सहकारी समिति के माध्यम से कराये जाने की वित्तीय सीमा को रू0 05 लाख से वृद्धि करते हुए रू 10.00 लाख किये जाने विषयक।
300 मेगावॉट की लखवाड़ बहुउद्देशीय परियोजना हेतु परियोजना हित में लखवाड़ व्यासी जल विद्युत परियोजना के पुनर्वास एवं पुनर्वास हेतु पूर्व में निर्गत ऊर्जा विभाग के शासनादेश संख्या-66 दिनांक 13.01.2016 के प्रस्तर 8 द्वितीयक रोजगार (ब) अल्प तकनीकी लघु कार्यों को प्रभावितों के माध्यम से कराया जाना- रू0 05.00 लाख के स्थान पर रु 10.00 लाख तक के अल्प तकनीकी लघु कार्य परियोजना प्रभावितों को परियोजना प्रभावित क्षेत्र की सहकारी समिति, जिसके पास ई०पी०एफ० पंजीकरण हो के माध्यम से एकल निविदा के आधार पर सार्वजनिक निर्माण विभाग की अनुसूची की दरों पर तथा उत्तराखण्ड प्रोक्योरमेंट पॉलिसी-2008 के अन्तर्गत दिये जायेंगे।”, पर उक्तानुसार संशोधित किये जाने हेतु प्रस्ताव पर मा० मंत्रिमण्डल द्वारा अनुमोदन प्रदान किया।

17- बाल देखरेख के क्षेत्र में SOS Children Village, भीमताल, नैनीताल संस्था के बेहतरीन कार्यशैली एवं उचित व्यवस्था के अनुकरणीय मॉडल की तर्ज पर SOS संस्था के साथ मिलकर राज्य की भौगोलिक स्थिति के दृष्टिगत इसी तरह के केन्द्र / गृह गढ़वाल क्षेत्र में विकसित किया/चलाया जाना है। उक्त मॉडल की भांति गढ़वाल क्षेत्र में भी बच्चों की देखभाल एवं संरक्षण हेतु सुविधाओं व सेवाओं की व्यवस्था किये जाने हेतु प्रथम 05 वर्षों तक राज्य सरकार द्वारा अंशदान दिया जाना हैं। छठवें वर्ष से संस्था द्वारा योजना का संचालन अपने संसाधनों से किया जाएगा।

18- वित्तीय वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 उत्तराखण्ड राज्य में कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण के दृष्टिगत राज्य सरकार द्वारा उत्तराखण्ड राज्य में आने वाले व्यक्तियों हेतु कोविड-19 टेस्ट (आर०टी०पी०सी०आर०/एंटीजन टेस्ट) हेतु विभिन्न लैब अधिकृत किये गये, होटल/आश्रम/लॉज अधिकृत किये गये, संक्रमित स्थानों के मार्गों में बैरीकेडिंग / महाराणा प्रताप स्टेडियम को कोविड-19 सेन्टर बनाया गया, कंटेनमेंट / क्वारंटीन जोन का निर्धारण किया गया, वैक्सीनेशन केन्द्र भवन का निर्माण कराये गये थे, वाहन आदि की व्यवस्था की गयी थी। जिसके क्रम में तत्समय अधिकृत लैब के सापेक्ष अवशेष 10 लैब के बीजक, अधिकृत किये गये होटल/आश्रम के आवासीय एवं भोजन के बीजक, प्रयुक्त वाहन के ईधन के बीजक आदि का भुगतान तत्समय न होने के कारण उक्त बीजक कुल रू0 23.0993 करोड़ (रू० तेईस करोड़ नो लाख तिरानवें हजार मात्र) वर्तमान वित्तीय वर्ष में 2023-24 में राज्य आपदा मोचन निधि मद से अवमुक्त किये जाने के प्रस्ताव के सम्बन्ध में कैबिनेट द्वारा लिया गया निर्णय।

19- दो से अधिक जीवित संतान वाले व्यक्तियों हेतु त्रिस्तरीय पंचायतों की सदस्यता के लिए अनर्हता सम्बन्धी उपबन्ध विषयक।
उत्तराखण्ड पंचायतीराज अधिनियम, 2016 की धारा 8 (1) (द). 53 (1) (द) एवं धारा 90(1) (द) में वर्णित दो से अधिक जीवित संतान वाले व्यक्तियों के लिए त्रिस्तरीय पंचायतों की सदस्यता के लिए अनर्हता सम्बन्धी उपबन्धित व्यवस्था को प्रतिस्थापित किये जाने हेतु उत्तराखण्ड पंचायतीराज (संशोधन) विधेयक, 2024 प्रख्यापित किये जाने के लिए कैबिनेट द्वारा लिया गया निर्णय।

20- पुलिस विभाग में समस्त संवर्ग के आरक्षियों (कान्स्टेबल) की सेवा नियमावली में एकरूपता लाये जाने के उद्देश्य से आरक्षी, चालक की वरिष्ठता अपने मूल संवर्ग में मौलिक नियुक्ति की तिथि से निर्धारित किये जाने एवं परिवहन शाखा में पूर्व में अपने मूल संवर्ग से स्थानान्तरित हो कर नियुक्त आरक्षी चालकों को एक बार अपवाद स्वरूप अपने मूल संवर्ग में वापस जाने पर पदोन्नति के अवसर प्राप्त होने के उद्देश्य से उत्तराखण्ड पुलिस मोटर परिवहन शाखा अधीनस्थ सेवा (संशोधन) नियमावली, 2024 के प्रख्यापन के लिए कैबिनेट द्वारा लिया गया निर्णय।

21- पेराई सत्र 2023-24 हेतु गन्ने का राज्य परामर्शित मूल्य एवं गन्ना विकास अंशदान (कमीशन) की दर निर्धारित किये जाने के सम्बन्ध में।
पेराई सत्र 2023-24 हेतु राज्य सरकार द्वारा विगत पेराई सत्र 2022-23 हेतु निर्धारित गन्ना मूल्य में रू० 20.00 प्रति कुन्तल की वृद्धि करते हुए गन्ने की अगेती प्रजाति हेतु रू० 375.00 प्रति कुन्तल (मिल गेट पर) तथा सामान्य प्रजाति हेतु रू० 365.00 प्रति कुन्तल (मिल गेट पर) निर्धारित किये जाने एवं विगत पेराई सत्र सत्र 2022-23 की भांति पेराई सत्र 2023-24 हेतु भी गन्ना विकास अंशदान (कमीशन) की दर रू० 5.50 प्रति कुन्तल निर्धारित किये जाने एवं इसके फलस्वरूप गन्ना विकास समिति के कार्मिकों के वेतन इत्यादि देयकों के भुगतान हेतु रु० 136.48 लाख (रू० एक करोड़ छत्तीस लाख अड़तालीस हजार मात्र) की आर्थिक सहायता राज्य सरकार द्वारा दिये जाने का निर्णय लिया गया है।
22- एकल सदस्यीय समर्पित आयोग का कार्यकाल 01 वर्ष विस्तारित किये जाने के संबंध में।
राज्य के भीतर प्रति स्थानीय निकायों में पिछडेपन की प्रकृति और निहितार्थों की समसामयिक कठोर अनुभवजन्य जांच (contemporaneous rigorous empirical inquiry) कराये जाने हेतु गठित एकल सदस्यीय समर्पित आयोग का कार्यकाल आगामी 01 वर्ष अर्थात् 31 जनवरी, 2025 तक के लिए बढ़ाये जाने के लिए कैबिनेट द्वारा लिया गया निर्णय।

राज्य में 1938 दंपतियों ने उठाया एआरटी सुविधा का लाभ

सूबे में एआरटी अधिनियम-2021 एवं सरोगेसी एक्ट-2021 के सुखद परिणाम देखने को मिल रहे हैं। दोनों एक्टों के लागू होने के उपरांत राज्य में 1938 दंपतियों ने सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकी (एआरटी) के विकल्प का लाभ सफलतापूर्वक उठाया है। राज्य में संतान सुख पाने में असमर्थ विवाहित दंपत्ति एवं महिलाओं की कुछ श्रेणियों (एकल और अविवाहित) के लिये एआरटी वरदान साबित हो रहा है। सूबे के स्वास्थ्य विभाग ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा सरोगेसी एक्ट एवं एआरटी एक्ट-2021 लागू होने के उपरांत लाभार्थियों की मांगी गई रिपोर्ट के क्रम में विगत दो वर्षों के आंकड़े भारत सरकार को भेज दिये हैं।
प्रदेश में निःसंतान दम्पतियों के चेहरों पर मुस्कान लौट रही है। उनके सूने आंगन बच्चों की खिलखिलाहट से गूंज रहे हैं। यह सब एआरटी अधिनियम-2021 व सरोगेसी एक्ट-2021 के लागू होने और इसके ठोस क्रियान्वयन से सम्भव हो पाया है। वर्ष 2021 में देश के साथ-साथ प्रदेश में एआरटी व सरोगेसी एक्ट लागू हुआ। जिसके अंतर्गत प्रदेश में पंजीकृत 22 एआरटी क्लीनिकों के माध्यम से सूबे के 1938 दम्पतियों ने सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकी (एआरटी) के विकल्प का लाभ सफलतापूर्वक उठाया है। जिसमें सर्वधिक 726 दम्पतियों ने इंदिरा आईवीएफ में एआरटी का लाभ लिया। इसके अलावा नोवा आईवीएफ फर्टिलिटी में 168, केयर आईवीएफ यूनिट में 165, फुटेला फर्टिलिटी सेंटर 137, उत्तरांचल टेस्ट ट्यूब बेबी सेंटर 103, जेनेसिस आईवीएफ 83, मॉर्फिअस प्रसाद इंटरनेशनल आईवीएफ सेंटर 68, सुभारती हॉस्पिटल एंड आईवीएफ सेंटर 66, वृंदा फेमिकेयर फर्टिलिटी एलएलपी 57, वैश्य नर्सिंग होम एआरटी क्लीनिक में 54, श्री महंत इंद्रेश हॉस्पिटल आईवीएफ सेंटर 53, निदान फर्टिलिटी क्लीनिक 45, ऑली हास्पिटल फर्टिलिटी रिसर्च एंड डायग्नोस्टिक सेंटर 42, आशीर्वाद हेल्थकेयर एवं फर्टिलिटी सेंटर 41, आईवीएफ सेंटर एम्स ऋषिकेश 28, लूथरा नर्सिंग होम 24, रेवती नर्सिंग होम 22, काला फर्टिलिटी 3 एवं मदर केयर सेंटर में 2 दम्पतियों ने एआरटी का लाभ लिया।
भारत सरकार ने हाल ही में सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से उन दंपतियों और एकल तथा अविविवाहित महिलाओं का आंकड़ा मांगा है जिन्होंने सरोगेसी अधिनियम-2021 एवं एआरटी-2021 लागू होने के बाद से सरोगेसी व एआरटी का सफलतापूर्वक लाभ उठाया है ताकि सरकार कानून के कामकाज का आंकलन कर सके। इस बावत प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग ने राज्य में एआरटी का लाभ उठाने वाले सभी 1938 दम्पतियों की जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को भेज दी है।

मुख्यमंत्री ने सचिवालय में सीएम हेल्पलाइन 1905 की समीक्षा के दौरान दिए निर्देश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सीएम हेल्पलाइन 1905 के सम्बंध में समीक्षा बैठक कर निर्देश दिए कि लोगों की शिकायतों का अधिक से अधिक समाधान हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अभी 60 प्रतिशत शिकायतों का समाधान हो रहा है। हमारा लक्ष्य होना चाहिए कि मार्च 2024 तक हम 80 प्रतिशत शिकायतों का समाधान कर सकें। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर सीएम दर्पण डैशबोर्ड 2 का भी शुभारंभ किया।
सोमवार को सचिवालय में आयोजित समीक्षा बैठक में जानकारी दी गई कि 9 मई 2023 से 22 जनवरी 2024 तक कुल 95573 शिकायतें पंजीकृत हुई, जिनमें से लगभग 60 प्रतिशत शिकायतों का समाधान संतोषजनक रूप से किया गया। मुख्यमंत्री ने इस पर संतुष्टि जताते हुए अधिकारियों को निर्देशित किया कि मार्च 2024 तक हमारा लक्ष्य 80 प्रतिशत शिकायतों के समाधान का होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ शिकायतें ऐसी भी होती हैं जिनका कई बार व्यवहारिक रूप से समाधान तलाशने के बावजूद निस्तारण नहीं हो पाता। ऐसी स्थिति में संबंधित विभाग शिकायतकर्ता से संवाद अवश्य करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी शिकायत को एकतरफा बंद न किया जाए। किसी भी शिकायत को बंद करने से पहले शिकायतकर्ता को पूरी तरह से संतुष्ट किया जाए। उन्होंने कहा कि इस कार्य में लगे सभी कार्मिकों को ओनरशिप लेकर कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि सीएम हेल्पलाइन में जो भी लोग कार्य कर रहे हैं वे शिकायतकर्ता को अच्छी तरह से अटेंड करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी विभागों के सचिव नियमित रूप से सीएम हेल्पलाइन पर प्राप्त होने वाली शिकायतों की समीक्षा करें।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर जिन जनपदों द्वारा जनता से सर्वाधिक संवाद शिकायतों के संबंध में किया गया, इस पर उनकी प्रसन्नता करते हुए अन्य जनपदों को उनसे प्रेरित होने की बात कही।
देहरादून जनपद द्वारा सर्वाधिक 52.93 प्रतिशत जबकि चमोली जनपद में 35.06 प्रतिशत एवं हरिद्वार में 34.77 प्रतिशत लोगों से संवाद किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि सीएम हेल्पलाइन पर अब अधिकारियों द्वारा जनता से संवाद हेतु क्लिक टू कॉल की सुविधा के अतिरिक्त समीक्षा बैठक कार्यवृत्त को सीएम हेल्पलाइन पर अपलोड करने की सुविधा, मुख्यमंत्री संदर्भ पोर्टल के प्रयोग के लिए आईडी एवं पासवर्ड का निर्माण एवं प्रशिक्षण का कार्य कर दिया गया है। साथ ही मुख्यमंत्री जन समर्पण तहसील दिवस पोर्टल को शुरू कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस अवसर पर कुछ शिकायतकर्ताओं से भी फोन मिलाकर बात की। शिकायतकर्ता रुड़की निवासी अमित द्वारा मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि उन्होंने दाखिल-खारिज न होने की शिकायत हेल्पलाइन पर की थी, जिसका अब निस्तारण हो गया है। देहरादून निवासी महावीर द्वारा बताया गया कि उन्होंने स्ट्रीट लाइट न लगाए जाने की शिकायत की थी, जिसका 4-5 दिन में समाधान कर दिया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन भी लोगों की शिकायतों का निस्तारण सीएम हेल्पलाइन के माध्यम से हो रहा है उनके वीडियो बनाकर सोशल मीडिया के माध्यम से प्रचारित व प्रसारित किए जाएं।
बैठक में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, आंनद वर्धन, राज्य अवस्थापना अनुश्रवण परिषद के उपाध्यक्ष विश्वास डाबर, मुख्यमंत्री के सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम, विनय शंकर पांडेय, सचिव आरके सुधांशु, शैलेश बगोली, राधिका झा, पंकज पांडेय, डॉ. बी.वी.आर.सी. पुरुषोत्तम, पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार, सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी आदि अधिकारीगण उपस्थित रहे। इस अवसर पर सभी जनपदों के जिलाधिकारी भी वर्चुअल माध्यम से बैठक में जुड़े रहे।

सरकारी कार्यालयों व व्यावसायिक भवनों में अनिवार्य किए जाएं सोलर पैनल
मुख्यमंत्री ने बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 1 करोड़ लोगों के लिए सोलर पैनल योजना शुरू करने का जिक्र करते हुए निर्देश दिए कि राज्य सचिवालय से लेकर तमाम सरकारी कार्यालयों में सोलर पैनल को अनिवार्य करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही बड़े व्यावसायिक भवनों में भी इसकी अनिवार्यता के निर्देश दिए। उन्होंने इसके लिए समस्त प्राधिकरणों को निर्देश दिए कि नक्शा पास करते समय इसका बखूबी पालन कराया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे हम काफी ऊर्जा की बचत कर सकेंगे।

वर्ष 2025 में राज्य की सिल्वर जुबली तक हर विभाग अपनी एक मॉडल योजना धरातल पर उतारे
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड को देश के अग्रणी राज्य में शामिल करना हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब भी उत्तराखंड दौरे पर आते हैं तो यह जिक्र करते हैं 21वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का होगा। उनके यह शब्द न केवल हमें प्रेरणा देते हैं बल्कि यह हमारे अंदर जिम्मेदारी का भी भाव लाता है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2025 में जब राज्य अपनी सिल्वर जुबली मना रहा होगा तो हर विभाग को इससे पहले अपनी एक मॉडल योजना जरूर धरातल पर उतारनी चाहिए।

आसान शब्दों में निकालें सरकारी आदेश
मुख्यमंत्री ने बैठक के दौरान कहा कि जितने भी सरकारी आदेश निकाले जाते हैं, उस समय यह जरूर सुनिश्चित किया जाए कि यह सरल शब्दों में हों ताकि आमजन को इन्हें समझने में दिक्कत न हो।

सीएम की मौजूदगी में परेड ग्राउंड देहरादून में 1.5 लाख से अधिक दीप किए प्रज्वलित

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने परेड ग्राउंड देहरादून में श्री राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा की पूर्व संध्या पर आयोजित दीपोत्सव कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस दौरान मुख्यमंत्री की मौजूदगी में परेड ग्राउंड में 1.5 लाख से अधिक दीप प्रज्वलित किए गए। मुख्यमंत्री ने स्वयं भी लोगों के बीच पहुंचकर दीप जलाए एवं सभी को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा की शुभकामनाएं दी। उन्होंने राम भक्ति में लीन होकर श्री राम भजन भी गाया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि लंबे इंतजार के बाद भगवान श्री राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का शुभ अवसर हम सबको देखने को मिल रहा है। सौभाग्य भरे क्षण के हम सभी साक्षी होंगे। उन्होंने कहा बड़ी संख्या में माताओ बहनों ने दीपोत्सव कार्यक्रम में आकर भगवान श्री राम के प्रति अपनी आस्था दिखाई है। जन-जन के सहयोग एवं भक्ति के कारण 1.5 लाख से अधिक दीप प्रज्वलित किए गए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम राम की कृपा से इस भव्य दीपोत्सव में आए हैं। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में राम मंदिर बनाए जाने का मार्ग प्रशस्त हुआ है। आज उन्हीं के नेतृत्व में हमारा देश निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर है।

इस दौरान कार्यक्रम में सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह, भाजपा संगठन महामंत्री अजेय कुमार, एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले भगवान श्रीराम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के हम सब साक्षी बनेंगेः धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने परेड ग्राउंड देहरादून में श्री राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा उत्सव समिति, द्वारा आयोजित “राम राज्य शोभायात्रा“ कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सभी राम भक्तों का 500 से अधिक वर्ष का इंतजार खत्म होकर भव्य राम मंदिर बनने का सपना पूरा हो रहा है। हजारों साधु संतों राम भक्तों, सनातन प्रेमियों के बलिदान के उपरांत इस पुण्य दिन के हम सब साक्षी बनेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले भगवान श्रीराम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के हम सब साक्षी बनेंगे। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राम मंदिर बनाए जाने का मार्ग प्रशस्त हुआ है। आज उनके नेतृत्व में हमारा देश निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर है। उन्होंने कहा देवभूमि उत्तराखंड से भगवान श्री राम का भी विशेष नाता है। देवप्रयाग में भगवान श्री राम को समर्पित रघुनाथ मंदिर एवं बागेश्वर जनपद में निर्मल बहती सरयू नदी है। मां सरयू का उद्गम स्थल हमारे उत्तराखंड में है एवं सरयू किनारे ही अयोध्या धाम में श्री राम विराजमान हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि रामकाज में उत्तराखंड के लोग हमेशा आगे रहते हैं। राज्य सरकार द्वारा 22 तारीख को शिक्षण संस्थाओं में अवकाश घोषित करने के साथ ही सरकारी कार्यालयों में अपराहन 2ः30 बजे तक अवकाश घोषित किया गया है। उन्होंने कहा उत्तराखंड सरकार ने अयोध्या में उत्तराखंड सदन बनाए जाने हेतु उत्तर प्रदेश सरकार से अयोध्या धाम के समीप जमीन दिए जाने का आग्रह किया था, जमीन उत्तराखंड सरकार को आवंटित हो गई है। उन्होंने कहा करीब तीन एकड़ भूमि पर उत्तराखंडवासियों के लिए भव्य उत्तराखंड सदन बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि अयोध्या में भगवान राम की मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा के उपरांत उत्तराखंड सरकार मंत्रिमंडल के साथ राम मंदिर के दर्शन के लिये अयोध्या जायेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक उत्तराखंडवासी श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को पूरे धूमधाम से मना रहा है। राज्य के अंदर सांस्कृतिक महोत्सव के तहत विभिन्न मंदिरों घाटों में सफाई अभियान एवं भजन कीर्तन चल रहे हैं। उन्होंने कहा प्रभु श्री राम की कृपा से ही उत्तराखंड निरंतर आगे बढ़ रहा है। श्री राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के हम तब साक्षी बन रहे हैं, जब पर भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना, कश्मीर से धारा 370 समाप्त की गई है, देश में जी-20 का सफल आयोजन हुआ, जिसे पूरी दुनिया ने देखा।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह, विधायक खजान दास, विनोद चमोली, सविता कपूर, आरएसएस के प्रांत प्रचारक डॉ शैलेंद्र सिंह, महंत रमन गोस्वामी, महंत कृष्णा गिरी महाराज, महामंत्री संगठन अजेय कुमार, सिद्धार्थ अग्रवाल एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

सात राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में बीआरओ द्वारा निर्मित 29 पुलों और छह सड़कों का रक्षा मंत्री ने किया उद्घाटन

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 19 जनवरी को सीमांत क्षेत्र जोशीमठ ढाक से बीआरओ द्वारा निर्मित 35 इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं का उद्घाटन करते हुए देश को समर्पित किया। इसमें सात राज्यों की 06 सड़कें और 29 ब्रिज शामिल है। परियोजनाओं को बीआरओ द्वारा 670 करोड़ की लागत पर पूरा किया गया। इस दौरान प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और गढवाल सांसद तीरथ सिंह रावत रक्षामंत्री के साथ मौजूद रहे।

रक्षा मंत्री ने सात राज्यों की जिन परियोजनाओं का उद्घाटन किया उनमें उत्तराखंड में 03 ब्रिज, जम्मू-कश्मीर में 01 सड़क व 10 ब्रिज, लद्वाख में 03 सड़के व 6 ब्रिज, हिमांचल प्रदेश में 01 ब्रिज, सिक्किम में 02 सडकें, अरूणाचल प्रदेश में 08 ब्रिज तथा मिजोरम में 01 ब्रिज शामिल है। उत्तराखंड राज्य में भारत चीन सीमा को जोड़ने वाले जोशमठ-मलारी मार्ग पर ढाक ब्रिज एवं भापकुंड ब्रिज और सुमना-रिमखिम मोटर मार्ग पर रिमखिम गाढ ब्रिज को शिवालित परियोजना द्वारा 33.24 करोड़ लागत से तीनों ब्रिज बनाए गए है। जिससे सीमांत क्षेत्रों में आवागमन सुगम हो गया है।

रक्षा मंत्री ने कहा, “भारत की सीमाओं की रक्षा के लिए हम सभी को मिलकर काम करना होगा। और साथियों, इसमें हमें सबका सहयोग मिल रहा है। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की सेवा की सराहना करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि किसी परियोजना को समय पर पूरा करना संगठन की प्रतिबद्वता के कारण संभव हुआ है। साथ ही उन्होंने पर्यावरण के अनुकूल अधिकतम राष्ट्रीय सुरक्षा और कल्याण के मंत्र के साथ काम करने का आह्वान भी किया।

रक्षा मंत्री ने देश के सीमावर्ती बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए बीआरओ की सराहना की और कहा कि सड़क, पुल आदि का निर्माण करके, संगठन दूर-दराज के इलाकों को भौगोलिक दृष्टि से देश के बाकी हिस्सों से जोड़ रहा है, साथ ही दूरदराज के गांवों में रहने वाले लोगों के दिलों को बाकी नागरिकों के साथ भी जोड़ रहा है।

रक्षामंत्री ने कहा कि हमारी सरकार सीमावर्ती क्षेत्रों को मुख्यधारा का हिस्सा मानती है न कि बफर जोन। “एक समय था जब सीमा पर बुनियादी ढांचे के विकास को ज्यादा महत्व नहीं दिया जाता था। सरकारें इस मानसिकता के साथ काम करती थीं कि मैदानी इलाकों में रहने वाले लोग ही मुख्यधारा के लोग हैं। उन्हें चिंता थी कि सीमा पर घटनाक्रम का इस्तेमाल दुश्मन द्वारा किया जा सकता है। इसी संकीर्ण मानसिकता के कारण सीमावर्ती क्षेत्रों तक विकास कभी नहीं पहुंच सका। ये सोच आज बदल गई है। पीएम मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार देश की सुरक्षा जरूरतों को ध्यान में रखते हुए सीमावर्ती क्षेत्रों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। हम इन क्षेत्रों को बफर जोन नहीं मानते हैं।’’ वे हमारी मुख्यधारा का हिस्सा हैं।

रक्षा मंत्री ने कहा कि जलवायु परिवर्तन को सिर्फ मौसम संबंधी घटना नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा बेहद गंभीर मुद्दा बताया। उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्रालय इसे बहुत गंभीरता से ले रहा है और इस संबंध में मित्र देशों से सहयोग मांगेगा। श्री राजनाथ सिंह ने उत्तराखंड में फंसे मजदूरों को बचाने के लिए हाल ही में शुरू किए गए सिलकियारा टनल ऑपरेशन में बीआरओ के योगदान का भी विशेष उल्लेख किया।

रक्षा मंत्री ने कहा कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार संगठन से जुड़े लोगों की मेहनत को मान्यता देती है। “हमने सशस्त्र बलों के बराबर बीआरओ के स्थायी नागरिक कर्मियों के लिए जोखिम और कठिनाई भत्ता सुनिश्चित किया है। कैजुअल मजदूरों का अनुग्रह मुआवजा दो लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये कर दिया गया है। हाल ही में, मैंने हमारे सीपीएल के लिए 10 लाख रुपये के बीमा के प्रावधान को मंजूरी दी है। ये कदम हमारे सशस्त्र बलों के कर्मियों, नागरिक कर्मचारियों और बीआरओ में सीपीएल के मनोबल को बढ़ाने में मदद करेंगे।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जोशीमठ ढाक में सीमा सड़क संगठन के जवानों से भी मिले और उनसे बातचीत करते हुए उनका मनोबल बढ़ाया। विपरीत परिस्थितियों में देश की सीमाओं पर कनेक्टिविटी को सुदृढ़ बनाने में बीआरओ के कार्याे की जमकर सराहना भी की।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देवभूमि आगमन पर रक्षा मंत्री का स्वागत एवं अभिनंदन करते हुए सीमांत क्षेत्रों की विकास परियोजनाओं के लोकार्पण पर आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में राज्य के सामरिक, धार्मिक व पर्यावरणीय महत्व को समझते हुए बड़ी परियोजनाओं पर काम शुरू किया गया है। चारधाम ऑल वेदर रोड, ऋषिकेश- कर्णप्रयाग रेलवे लाइन, सीमांत क्षेत्र विकास परियोजना व पर्वतमाला जैसी योजनाएं विकास के साथ-साथ सुरक्षा की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में उत्तराखंड राज्य में तेजी से विकास कार्याे को आगे बढाने का काम किया जा रहा है। उत्तराखंड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के लिए राज्य सरकार विकल्प रहित संकल्प के साथ पूरे मनोरथ से काम कर रही है। सीमावर्ती क्षेत्रों में अवसंरचना विकास कार्याे को गति प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री ने बीआरओ की पूरी टीम को बधाई एवं शुभकामनाएं दी।

इस अवसर पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट, कर्णप्रयाग विधायक अनिल नौटियाल, थराली विधायक भूपाल राम टम्टा, जिला अध्यक्ष रमेश मैखुरी, बीकेटीसी उपाध्यक्ष किशोर पंवार, जिलाधिकारी हिमांशु खुराना, पुलिस अधीक्षक रेखा यादव, बीआरओ से लेफ्टिनेंट जनरल रघु श्रीनिवासन उपस्थित थे।

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