शहीद स्क्वाड्रन लीडर अभिमन्यु राय को सीएम ने दी श्रद्धांजलि

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को शहीद स्क्वाड्रन लीडर अभिमन्यु राय के जैनतंवाला स्थित आवास पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और शोकाकुल परिजनों को ढांढस बंधाया। उन्होंने इस दौरान शहीद के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की।
मुख्यमंत्री ने ईश्वर से पुण्यात्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान देने और शोक संतप्त परिजनों को यह असीम कष्ट सहन करने की शक्ति प्रदान करने की कामना की। इस अवसर पर प्रदेश के सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी भी उपस्थित रहे।

राज्य में जन हितकारी निर्णयों को तत्परता से लागू करने के लिये अधिकारियों को सौंपी गई जिम्मेदारीः मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ऋषिकेश स्थित होटल में एक न्यूज चैनल द्वारा आयोजित शिखर सम्मेलन में प्रतिभाग कर राज्य से जुड़े विभिन्न विषयों पर बेबाकी से अपने विचार रखे।इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने राज्य के समग्र विकास की दिशा में की जा रही पहल एवं इस दिशा में किये जा रहे प्रयासों पर भी विचार रखे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रदेश का समग्र विकास हमारी प्राथमिकता है। इसके लिये अधिकारियों को उत्तरदायित्व के साथ जिम्मेदारी सौंपी गई है। साथ ही जन कल्याण से जुड़ी योजनाओं के निर्णयों को तत्परता से लागू करने के लिये अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिये गये है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड धर्म आध्यात्म एवं समृद्ध सांस्कृतिक विरासत वाला प्रदेश है। इसके मूल स्वरूप को बनाये रखने के लिये प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि धर्मांतरण के रूप में किया जाने वाला कृत्य तथा सरकारी भूमि पर किया जाने वाला अतिक्रमण किसी भी दशा में सहन नहीं किया जायेगा। सरकारी भूमि पर किया जाने वाला अतिक्रमण हटाने के लिये अभियान जारी रहेगा। अब तक 2700 हेक्टेयर भूमि अतिक्रमण मुक्त की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि वर्षों से पूर्व की वसावटों को छेड़ा नहीं जायेगा। प्रदेश में बिना किसी तुष्टिकरण के सबका साथ, सबका विश्वास तथा सबका प्रयास से समान रूप से सभी को योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। हमारा एक एक पल प्रदेश के समग्र विकास के लिये समर्पित है। 2025 तक उत्तराखण्ड देश के अग्रणी राज्यों में शामिल हो इस दिशा में हमारे प्रयास जारी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में प्रदेश के विकास हेतु जो भी योजनायें स्वीकृत हुई हैं उन्हें पूर्णता की ओर ले जाने के लिये हम संकल्पबद्ध है। प्रदेश के हर व्यक्ति के जीवन स्तर में सुधार हो इसके लिये भी हम प्रतिबद्धता से कार्य कर रहे है। प्रदेश में वित्तीय अनुशासन के साथ राजस्व प्राप्ति में वृद्धि योजनाओं के क्रियान्वयन में होने वाली धनराशि के समयबद्धता, गुणवत्ता एवं समन्वय के साथ व्यय किये जाने के भी निर्देश दिये गये है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में शीघ्र ही इन्वेस्टर समिट का आयोजन किया जायेगा। राज्य में निवेश बढे, आर्थिक संसाधनों में वृद्धि एवं औद्योगिक वातावरण सृजन हो इसके लिये लैण्ड बैंक तैयार कर सिंगल विंडो सिस्टम को प्रभावी बनाया गया है।राज्य का शान्त वातावरण उद्यमियों के सर्वथा अनुकूल है। हमारा राज्य लीडर से अचीवर की श्रेणी में आये यह भी हमारा प्रयास है। पर्यटन, उद्योग, कृषि आदि महत्वपूर्ण विभागों की नीति तैयार कर स्वरोजगार की योजनाओं को बढावा दिया जा रहा है। प्रदेश का युवा स्वरोजगार से जुड़ कर रोजगार देने वाला बनेगा तो प्रदेश से पलायन को रोकने में मदद मिलेगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का देवभूमि उत्तराखण्ड से विशेष लगाव है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में पिछले 09 सालों में उत्तराखण्ड राज्य में हर क्षेत्र में तेजी से विकास कार्य हुए हैं। प्रधानमंत्री जी द्वारा उत्तराखण्ड राज्य को विभिन्न विकास योजनाएं दी गई है। चार धाम ऑल वेदर रोड पर तीव्र गति से काम किया जा रहा है। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन पर तेजी से कार्य हो रहा है। केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्य पर तेजी से कार्य चल रहा है। बद्रीनाथ में मास्टर प्लान के तहत कार्य प्रगति पर हैं। प्रधानमंत्री ने गौरीकुण्ड-केदारनाथ और गोविंदघाट-हेमकुण्ट साहिब रोपवे का शिलान्यास किया है। इससे आने वाले समय में यात्रा सुगम होगी। ऋषिकेश को सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक नगरी के रूप में विकसित किया जा रहा है। उन्होंने विकास के नवरत्नों पर पर बोलते हुए बताया कि किस तरह विकास के नवरत्न के तहत चल रहे कार्य उत्तराखंड के लिए आने वाले दिनों में कितने अहम साबित होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड की देवतुल्य जनता ने जिस तरह पूर्व में लोकसभा की पाँचो सीटें जिताकर भाजपा को दी है, उसी तरह एक बार फिर उत्तराखण्ड की जनता पाँचो लोकसभा सीटें भाजपा को जिताकर तीसरी बार पुनः नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री बनायेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने जनता से जो वायदे किये हैं, उन्हें पूरा किया जायेगा। राज्य में नई सरकार के गठन के बाद पहली ही कैबिनेट में समान नागरिक संहिता के लिए ड्राफ्ट बनाने के लिए कमेटी बनाने का निर्णय लिया गया, जिस पर तेजी से कार्य किया जा रहा है, जिसका ड्राफ्ट 30 जून तक तैयार हो जाएगा। उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता कमेटी की रिपोर्ट आने पर सभी विधि विशेषज्ञों एवं समाज के प्रबुद्धजनों से बात कर कमेटी की रिपोर्ट का अध्ययन किया जायेगा एवं शीघ्र लागू किये जाने की दिशा में कार्य किया जायेगा। उत्तराखण्ड देश में इस कानून को लागू करने वाला पहला प्रदेश होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में रहने वाले सभी जाति, सभी पंथ, सभी मजहबों के लिये एक समान कानून उत्तराखण्ड में लागू होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में अच्छा कार्य व्यवहार, अच्छी कार्य संस्कृति, सुशासन, सेवा, संकल्प और गुड गवर्नेंस का कार्य अगर किसी ने किया है तो वो प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने किया है। जिस समय पूरा विश्व कोरोना महामारी से जूझ रहा था उस समय मोदी जी के मार्गदर्शन में देश में वैश्विक महामारी कोरोना से लड़ने के लिए दो-दो स्वदेशी वैक्सीन बनाई गई। आज प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश का सांस्कृतिक वैभव पुनः वापस लौट रहा है।
उन्होंने कहा कि नकल विरोधी कानून में 10 वर्ष की सजा तथा नकल माफिया की संपत्ति को जब्त करने का प्रावधान किया गया है, नकल में सम्मिलित कई लोगों को जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाया गया है। उन्होंने कहा कि भर्ती परीक्षाओं में होने वाली गड़बड़ी को जड़ से खत्म करने के लिए हमने भारतवर्ष का सबसे सख्त कानून बनाया है जिसमें नकल कराने वाले व्यक्ति के लिए उम्र कैद तक का भी प्रावधान करने के साथ ही सारी सम्पत्ति जब्त करने का भी प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि जो अभ्यर्थी नकल करने में एक बार पकड़ा गया तो 03 साल तक अगर वह इसमें फिर से संलिप्त पाया जाता है तो अगले 10 वर्षाे तक वह किसी परीक्षा में भाग नही ले सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नकल विरोधी कानून आने पर अब अभ्यर्थियों का चयन उनके योग्यता, प्रतिभा एवं क्षमता के आधार पर हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर उड़ीसा के बालासोर में हुई भीषण रेल दुर्घटना में संवेदना प्रकट करते हुए कहा कि ऐसे समय में देश में राजनीति नहीं होनी चाहिए तथा राजनीतिक पार्टियों को दलगत राजनीति से ऊपर उठकर लोगों की मदद के लिये आगे आना चाहिये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में चारधाम यात्रा चरम पर है, अब तक 20 लाख लोग चार धामों के दर्शन कर चुके हैं। लगभग 60 लाख यात्रियों के यात्रा पर आने का अनुमान है। राज्य सरकार सभी की सुखद यात्रा के लिये निरंतर प्रयासरत है।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट, महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी आदि मौजूद थे।

भाजपा पर आरोप लगा रही कांग्रेस को सता रहा अब डर

इंसाफ की लड़ाई में सीएम पुष्कर सिंह धामी युवाओं के साथ खड़े नजर आ रहे हैं। जिस तरह से पेपर लीक प्रकरण में कार्रवाई हो रही है। उससे सरकार यह संदेश देने में सफल हो गई है कि दल के हों या विपक्षी भ्रष्टाचारियों की एक ही जगह जेल है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी साफ कह चुके हैं कि हमारी सरकार नकल माफियाओं के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति को अपनाकर कार्यरत है, नकल में जो भी संलिप्त पाया जाएगा उसके विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई की जाएगी। प्रदेश के युवाओं के साथ किसी भी प्रकार से अन्याय न हो इसके लिए पूर्ण पारदर्शिता के साथ परीक्षाओं का आयोजन सुनिश्चित किया जाएगा।
आपको बता दें कि उत्तराखंड लोक सेवा आयोग की सहायक अभियंता (एई) और अवर अभियंता (जेई) की लिखित भर्ती परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक करने के मामले में दो भाजपा नेताओं की भूमिका सामने आई थी। दोनों भाजपा नेताओं के बाद अब देहात के कांग्रेस से जुड़े नेताओं के नाम भी सामने आने की चर्चाएं जोरों पर हैं। वहीं, गठजोड़ का कनेक्शन भी खंगाला जा रहा है। एसआईटी के अधिकारी ज्यादा कुछ बोलने से कतरा रहे हैं। एई-जेई के पेपर लीक प्रकरण में पूर्व भाजपा मंडल अध्यक्ष संजय धारीवाल, भाजपा नेता नितिन चैहान की भूमिका सामने आने के बाद एसआईटी ने मुकदमा दर्ज कराया था। भाजपा नेता नितिन चैहान को गिरफ्तार कर लिया गया था, जबकि एक अभी हत्थे नहीं चढ़ पाया।
पेपर लीक कांड में भाजपा नेताओं के नाम सामने आने से पार्टी की भी किरकिरी हुई है। वहीं, एसआईटी जैसे-जैसे जांच कर आगे बढ़ रही, वैसे-वैसे चैंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। दोनों परीक्षाओं के प्रश्नपत्र लीक मामले में भाजपा नेता संजय धारीवाल की भूमिका रही है। उसकी पहचान एजेंट के रूप में की जाती है।
अब भाजपा के बाद मामले में देहात क्षेत्र के कुछ कांग्रेस नेताओं के नाम भी चर्चा में हैं। बहरहाल, अभी एसआईटी विवेचना में साक्ष्य एकत्र कर आगे बढ़ रही है। जांच में आगे कई बड़े नाम खुलकर सामने आ सकते हैं, लेकिन अभी एसआईटी से जुड़े आलाअधिकारी कुछ खुलकर बोलने से बचते नजर आ रहे हैं।

युवा हमारी सांस्कृतिक परंपराओं के संवाहक बने, इस दिशा में प्रयास जरूरीः धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखण्ड को देवभूमि के साथ संस्कृति साहित्य एवं कला की भूमि बताते हुए राज्य में इन विधाओं को विस्तार दिये जाने पर बल दिया है। उन्होंने कहा कि राज्य में फिल्म सिटी खोलने के विचार को भी आगे बढ़ाये जाने की जरूरत है। उन्होंने राज्य में साहित्य एवं ललित कला केंद्रों की सम्भावनाओं पर ध्यान देने को कहा है ताकि राज्य के युवाओं को फिल्मों के साथ ही साहित्य एवं लोक संस्कृति एवं लोक कला की विभिन्न विधाओं से जुड़ने का अवसर मिल सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे युवा सकारात्मक सोच के साथ राज्य की लोक परम्पराओं एवं समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से जुड़ सकें, यह हमारा प्रयास होना चाहिए।

सचिवालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से केन्द्रीय फिल्म सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रशून जोशी ने भेंट की। प्रदेश में फिल्म निर्माण, गीत संगीत नाट्य संस्कृति एवं साहित्य की विभिन्न विधाओं को बढ़ावा देने से सम्बन्धित विषयों पर चर्चा की गई।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड देवभूमि के साथ ही नैसर्गिक प्राकृतिक सौन्दर्य एवं समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से परिपूर्ण राज्य है। हमारे युवा हमारी सांस्कृतिक परम्पराओं के संवाहक बने, इस दिशा में भी प्रयासों की उन्होंने जरूरत बतायी।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि निर्माणाधीन कल्चरल सेन्टर एवं म्यूजियम को शीघ्र अन्तिम रूप देने के साथ इसके प्रभावी उपयोग की व्यवस्था सुनिश्चित की जाय। उन्होंने कहा कि राज्य में ऐसे आयोजनों की व्यवस्था पर भी ध्यान दिया जाये जिससे देश व दुनिया में विभिन्न क्षेत्रों में राज्य की पहचान बनाने वाले सहभागी बन सके। हमारे यहां आने वाले करोड़ो लोग भी हमारे इन प्रयासों से प्रदेश की संस्कृति, कला एवं लोक विधा से जुड़ सकेंगे।

केन्द्रीय फिल्म सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष श्री प्रसून जोशी ने सुझाव दिया कि उत्तराखण्ड फिल्म निर्माण के साथ सांस्कृतिक पहचान की संभावनाओं वाला प्रदेश है। भविष्य के दृष्टिगत यहा फिल्म इंस्टीट्यूट की स्थापना पर ध्यान दिये जाने से राज्य के युवा फिल्म निर्माण की विभिन्न विधाओं से जुड़ सकेंगे तथा इस क्षेत्र में हो रहे नवाचारों से भी परिचित हो सकेंगे। उन्होंने राज्य में लोक सस्कृति संगीत नाट्य एवं साहित्य से जुड़े विषयों को व्यापकता प्रदान करने के लिये तीन दिवसीय फेस्टिवल आयोजित करने का भी सुझाव मुख्यमंत्री को दिया।

उन्होंने कहा कि इस आयोजन में देश व विदेशो में रह रहे इस क्षेत्र से जुड़े लोगों की भागीदारी से इसे और अधिक व्यापकता मिलेगी तथा लोगों को अपनी संस्कृति से जोड़ने में भी मदद मिलेगी।

इस अवसर पर विशेष प्रमुख सचिव अभिनव कुमार, महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी, निदेशक संस्कृति बीना भट्ट, उप निदेशक नितिन उपाध्याय के साथ अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

सीएम ने दो सरकारी नशामुक्ति केंद्र बनाने के दिए निर्देश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि वर्ष 2025 तक ड्रग्स फ्री देवभूमि के लिए मिशन मोड में काम किया जाए। इसके लिये सभी संबंधित विभाग मिलकर काम करें। मुख्यमंत्री सचिवालय में नार्काे कॉर्डिनेशन की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड को नशामुक्त करने के लिए सभी को जिम्मेदारी और समन्वय से कार्य करना है। वर्ष 2025 तक ड्रग्स फ्री देवभूमि का लक्ष्य हासिल करना है। एक ओर जहां ड्रग्स सप्लायर्स पर कड़ा प्रहार करना है, वही दूसरी ओर बच्चों और युवाओं को ड्रग्स की चपेट में आने से बचाना है। ड्रग्स सप्लाई की चेन को तोड़ने के लिए पुलिस विभाग मुखबिर तंत्र को और मजबूत करे। ड्रग्स नेटवर्क को तोडने के लिए पुलिस, आबकारी व ड्रग्स कंट्रोलर मिलकर काम करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ड्रग्स लेने वाले बच्चों और युवाओं की सही तरीके से काउंसलिंग की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। कॉलेजो में एडमिशन के समय विशेष काउंसिल की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि ड्रग्स लेते हुए पकड़े जाने वाले बच्चों के साथ अपराधियों की तरह बर्ताव न करके उनके पुनर्वास पर विशेष ध्यान दिया जाए। कॉलेजों में पेरेंट्स टीचर्स मीटिंग नियमित रूप से की जाएं। समाज कल्याण व अन्य विभाग युवाओं की जागरूकता पर फोकस करें। इसके लिये सोशल मीडिया व अन्य मीडिया प्लेटफॉर्म का उपयोग किया जाए।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश में दो सरकारी नशामुक्ति केंद्र बनाने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसमें जरूरी सुविधाएं उपलब्ध होने के साथ स्किल डेवलपमेंट पर भी ध्यान दिया जाए। सभी संबंधित विभागों को लेते हुए एंटी ड्रग्स टास्क फोर्स को एक्टिव किया जाए। निजी नशामुक्ति केंद्रों के लिए सख्त गाइड लाइन बनाकर उस पर फालोअप किया जाए।
मुख्यमंत्री ने अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को ड्रग्स फ्री देवभूमि अभियान की नियमित समीक्षा करने के निर्देश दिये। जिला स्तर पर डीएम भी लगातार मॉनिटरिंग करे।
बैठक में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, डीजीपी अशोक कुमार, प्रमुख सचिव एल फैनई, सचिव शैलेश बगोली, राधिका झा, डॉ पंकज कुमार पाण्डे, दीपेंद्र चौधरी, डीआईजी रिद्धिम अग्रवाल सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

कैबिनेट के बाद सीएम धामी ने की प्रेसवार्ता, लिए फैसलों की दी जानकारी

उत्तराखण्ड सरकार की पहली कैबिनेट बैठक में निर्णय लिया गया कि राज्य में समान नागरिक संहिता के क्रियान्वयन के लिए विशेषज्ञों की समिति बनाई जाएगी। कैबिनेट बैठक के बाद प्रेस कांफ्रेंस में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यह जानकारी दी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड हमारे भारत का एक ऐसा जीवंत राज्य है जिसकी संस्कृति और विरासत सदियों से भारतीय सभ्यता के मूल में समाहित रही है। भारतीय जनमानस के लिए उत्तराखंड एक देवभूमि है, जो कि हमारे वेदों-पुराणों, ऋषियों-मनीषियों के ज्ञान और आध्यात्म का केंद्र रही है। भारत के कोने कोने से लोग बड़ी आस्था और भक्ति के साथ उत्तराखंड आते है। इसलिए उत्तराखंड की सांस्कृतिक – आध्यात्मिक विरासत की रक्षा अहम है। 130 करोड़ लोगों की आस्था का केंद्र माँ गंगा का उद्गम स्थल भी उत्तराखंड ही है। भारत का मुकुट हिमालय, और उसकी कोख में पनपती प्रकृति उत्तराखंड की धरोहर हैं। इसलिए उत्तराखंड में पर्यावरण की रक्षा भी अहम है।

उत्तराखंड देश के लिए सामरिक दृष्टि से भी एक अत्यंत महत्वपूर्ण राज्य है। दो देशों की अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं से जुड़ा होने के कारण भारत के लिए इस राज्य का भौगोलिक और रणनीतिक महत्व काफी बढ़ जाता है। इसलिए राष्ट्ररक्षा के लिए भी उत्तराखंड की भूमिका अहम है।

उत्तराखंड के नागरिकों का भारतीय सेनाओं के साथ एक लंबा और गौरवशाली संबंध रहा है। यहाँ के लोगों ने पीढ़ी दर पीढ़ी अपने आपको देश की सुरक्षा के लिए समर्पित किया है। इस धरती के कितने ही वीर सपूतों ने देश के लिए अपने सर्वाेच्च बलिदान दिये हैं। यहाँ लगभग हर परिवार से कोई पिता, कोई बेटा, कोई बेटी देश के किसी न किसी हिस्से में हमारी सेनाओं के माध्यम से मातृभूमि की सेवा में जुटा है।

उत्तराखंड की सांस्कृतिक आध्यात्मिक विरासत की रक्षा, यहाँ के पर्यावरण की रक्षा और राष्ट्र रक्षा के लिये उत्तराखंड की सीमाओं की रक्षा ये तीनो ही आज उत्तराखंड ही नहीं बल्कि पूरे भारत के लिए अहम है। इस दृष्टि से नई सरकार ने अपने शपथ ग्रहण के तुरंत बाद पहली कैबिनेट बैठक में निर्णय लिया कि न्यायविदों, सेवानिवृत्त जजों, समाज के प्रबुद्ध जनो और अन्य स्टेकहोल्डर्स की एक कमेटी गठित करेगी जो कि उत्तराखंड राज्य के लिए यूनिफॉर्म सिविल कोड का ड्राफ्ट तैयार करेगी। इस यूनिफॉर्म सिविल कोड का दायरा विवाह-तलाक, ज़मीन-जायदाद और उत्तराधिकार जैसे विषयों पर सभी नागरिकों के लिये समान क़ानून चाहे वे किसी भी धर्म में विश्वास रखते हों, होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ये यूनिफॉर्म सिविल कोड संविधान निर्माताओं के सपनों को पूरा करने की दिशा में एक अहम कदम होगा और संविधान की भावना को मूर्त रूप देगा। ये भारतीय संविधान के आर्टिकल 44 की दिशा में भी एक प्रभावी कदम होगा, जो देश के सभी नागरिकों के लिए समान नागरिक संहिता की संकल्पना प्रस्तुत करता है। सर्वाेच्च न्यायालय ने भी समय-समय पर इसे लागू करने पर ज़ोर दिया है। साथ ही, इस महत्वपूर्ण निर्णय में हमें गोवा राज्य से भी प्रेरणा मिलेगी, जिसने एक प्रकार का यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करके देश में एक उदाहरण पेश किया है।

उत्तराखंड में जल्द से जल्द यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने से राज्य के सभी नागरिकों के लिए समान अधिकारों को बल मिलेगा। इससे राज्य में सामाजिक समरसता बढ़ेगी, जेंडर जस्टिस को बढ़ावा मिलेगा, महिला सशक्तिकरण को ताकत मिलेगी, और साथ ही देवभूमि की असाधारण सांस्कृतिक आध्यात्मिक पहचान को, यहाँ के पर्यावरण को सुरक्षित रखने में भी मदद मिलेगी। उत्तराखंड का यूनिफॉर्म सिविल कोड दूसरे राज्यों के लिए भी एक उदाहरण के रूप में सामने आएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उपरोक्त पृष्ठभूमि में उदेश्य को प्राप्त करने के लिए उत्तराखण्ड राज्य में रहने वाले सभी नागरिकों के व्यक्तिगत नागरिक मामलों को नियंत्रित करने वाले सभी प्रासंगिक कानूनों की जांच करने और मसौदा कानून या मौजूदा कानून में संशोधन के साथ उस पर रिपोर्ट करने के लिए विवाह, तलाक, सम्पत्ति के अधिकार, उत्तराधिकार से सम्बंधित लागू कानून और विरासत, गोद लेने और रख रखाव और संरक्षता इत्यादि के लिए एक विशेषज्ञों, वुद्धिजीवियों और हितधारकों की एक समिति मा० उच्चतम न्यायालय / मा० उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश / मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता में, गठित करने का प्रस्ताव है। राजपत्र में अधिसूचना के माध्यम से उत्तराखण्ड सरकार उपरोक्तानुसार एक समिति का गठन करेगी जिसमें उसकी संरचना, संदर्भ की शर्तें आदि का भी उल्लेख रहेगा।

पौड़ी में युवाओं के सामूहिक प्रयासों की सीएम त्रिवेंद्र ने की तारीफ, कहा लोगों को प्रेरणा लेने की जरूरत

सीएम त्रिवेंद्र रावत ने घंडियाल में टीएनवीएसई ग्रुप द्वारा उत्पादित पहाड़ी उत्पादों के प्लांटेशन एवं पायलेट प्रोजेक्ट का निरीक्षण किया। निशुल्क स्वास्थ्य शिविरों को लेकर समाजसेवी राकेश बिजल्वाण की सराहना की।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड में अनेक नौजवान कठिन परिस्थितियों के कारण घर की ओर वापस लौटे हैं। युवाओं को स्वरोजगार के लिए पर्याप्त अवसर मिले, इसके लिए राज्य में मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना शुरू की गई है। इस योजना में लगभग सभी प्रकार के कार्यों को शामिल किया गया है। पौड़ी में युवाओं द्वारा सामूहिक प्रयासों से सराहनीय कार्य किया जा रहा है। अन्य लोगों को भी इससे प्रेरणा लेकर कार्य करने होंगे।

स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार निरंतर प्रयासरत है। देवभूमि उत्तराखंड में स्वरोजगार की अपार संभावनाएं भी हैं। उत्तराखंड विभिन्न प्रकार की जैव विविधता वाला राज्य है। हिमालय की जड़ी बूटियों के उत्पादों से हम हिमालयी ब्रांडो की मार्केटिंग कर सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने राज्य में ग्रोथ सेंटर की शुरुआत की है, प्रदेश में 100 से अधिक ग्रोथ सेंटर प्रारंभ हो चुके हैं। सभी न्याय पंचायतों में एक-एक ग्रोथ सेंटर बनाए जा रहे हैं। सभी ग्रोथ सेंटरों का कॉन्सेप्ट अलग होगा।

फ्रीजर वैन को सीएम ने दिखाई हरी झंडी, रवाना

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कल्जीखाल विख के घण्डियाल में टीएनवी एस ई ग्रुप के द्वारा की जा रही खेती का स्थलीय निरीक्षण किया, उन्होंने काश्तकारों की मेहनत की सराहना की। इस मौके पर मुख्यमंत्री द्वारा क्षेत्र के उत्पादों को बाजार तक पंहुचाने हेतु एक फ्रीजर वैन को भी हरी झंडी दिखाई। रतनपुर घण्डियाल में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने टीएनवी ग्रुप के दिनेश रावत, धीरेंद्र रावत, परम जय, मानंजय व सहयोगियों के प्रयासों की सराहना की। इससे पूर्व सीएम ने यहां पर हो रही खेती व बागवानी का निरीक्षण भी किया।

समाजसेवी राकेश बिजल्वाण की सीएम ने की सराहना

मुख्यमंत्री ने विचार एक नई सोच के सम्पादक व चैखम्बा ग्रुप के राकेश बिजल्वाण की सराहना की। कहा कि पलायन एक चिंतन समूह के रतन सिंह असवाल, राकेश बिजल्वाण, गणेश काला के अतिरिक्त राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त अतर सिंह असवाल, वेद प्रकाश वर्मा, जिलाधिकारी धीरज गब्र्याल, एसपी कोटद्वार पीके रॉय, सीओ कोटद्वार अनिल जोशी आदि मौजूद रहे। कार्यकम का संचालन राजकीय शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष जयदीप रावत द्वारा किया गया।

दूसरे दिन 600 ई-पास जारी, बदरीनाथ और केदारनाथ धाम में स्क्रीनिंग के बाद मिल रहा प्रवेश

उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड ने प्रदेश के लोगों के लिए चार धाम यात्रा का आगाज कर दिया गया है। इस क्रम में दूसरे दिन उत्तराखंड देवस्थानम् प्रबंधन बोर्ड की वेबसाइट से 600 लोगों ने ई पास बुक कराए। इसमें बदरीनाथ धाम के लिए 216, केदारनाथ धाम के लिए 280, गंगोत्री 56 और यमुनोत्री धाम को 48 लोगों ने ई पास बुक कराये हैं।

उत्तराखंड चार धाम देवस्थानम् प्रबंधन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रमन रविनाथन ने बताया कि थर्मल स्क्रीनिंग, सेनेटाइजेशन के पश्चात ही मंदिरों में तीर्थ यात्रियों को प्रवेश दिया जा रहा है। मास्क पहनना अनिवार्य किया गया है मंदिर में मूर्तियों को छूना, प्रसाद वितरण पर रोक है तथा घंटियों को पहले ही कपड़ो से ढका गया है। देवस्थानम बोर्ड के यात्रा मार्गो पर यात्री विश्राम गृहों को यात्रियों के आवासीय प्रयोजन हेतु खोला जा चुका है। तीर्थयात्रियों से अपेक्षा की जा रही है कि अति आवश्यक होने पर ही धामों में रूके। यह कोशिश रहे कि दर्शन के पश्चात तीर्थ यात्री निकटवर्ती स्टेशनों तक वापस आ जाये।

प्रदेश सरकार का प्रयास है कि चारों धामों में धीरे-धीरे तीर्थ यात्रियों की आमद हो ताकि पर्यटन एवं तीर्थाटन को गति मिल सके। अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी बीडी सिंह ने बताया कि देवस्थानम बोर्ड द्वारा कल तथा आज दो दिन में 1022 ई पास जारी किये जा चुके हैं। देवस्थानम् बोर्ड के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि ब्यवस्थाओं हेतु जिला प्रशासनों से भी समन्वय स्थापित है। 11 जून से 1 जुलाई तक 1419 तीर्थ यात्री चारधाम के दर्शन कर चुके हैं। जिसमें 943 बद्रीनाथ 135, केदारनाथ, 341 गंगोत्री पहुंचे हैं।

मेले से संबंधित जितने भी पुल है, उनका निर्माण समय सीमा के अंदर होः सीएम

बुधवार को सचिवालय में कुम्भ मेले के आयोजन से सम्बन्धित उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि कुम्भ मेले के निर्माण कार्यों में और अधिक तेजी लाने के लिये डबल शिफ्ट में कार्य करने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। कुम्भ मेले से सम्बन्धित जितने भी पुलों का निर्माण किया जाना है उनके निर्माण की समय सीमा निर्धारित कर उन्हें पूर्ण करने के प्रयास हों। उन्होंने कहा कि पुलों का समय पर निर्माण होने से सडकों के निर्माण में और अधिक सुविधा होगी।

मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिये कि यदि निजी संस्थायें स्वयं के व्यय पर स्नान घाटों का निर्माण करती है तो इसके लिये उन्हें डीपीआर एवं तकनीकी सहयोग उपलब्ध कराया जाए। मेला क्षेत्र से अतिक्रमण हटाने तथा स्वच्छता पर भी विशेष ध्यान देने पर भी उन्होंने बल दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुम्भ के आयोजन में ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए कि श्रद्धालु कुम्भ के सुखद अनुभव के साथ लौंटे। मुख्यमंत्री ने अखाड़ों के प्रमुख प्रतिनिधियों को सुरक्षा उपलब्ध कराने के भी निर्देश सम्बन्धित अधिकारी को दिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी कुम्भ मेले की ऐसी व्यवस्थायें होनी चाहिए ताकि यह आयोजन भविष्य के आयोजनों के लिये भी मिसाल बन सके।

उन्होंने कुम्भ क्षेत्र के बिजली व गैस पाइप लाइन को अंडर ग्राउंड किये जाने में भी तेजी लाने को कहा। कुम्भ की व्यवस्थाओं के लिये जो भी जरूरत होगी वह उपलब्ध करायी जायेगी। सभी अधिकारी तालमेल से कार्य करें। मुख्यमंत्री ने हरिद्वार की देवभूमि के अनुरूप उसकी पहचान बनाये रखने पर भी ध्यान देने को कहा। उन्होंने निर्देश दिये कि असामाजिक गतिविधियों पर सख्ती बरती जाए। अतिक्रमण को हटाने की दिशा में भी उन्होंने प्रभावी कार्यवाही के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि हरिद्वार महाकुम्भ 2021, दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक व आध्यात्मिक मेला होगा। वैश्विक स्तर के इस मेले में दुनिया भर के देशों से करोड़ों श्रद्धालु आएंगे। तद्नुसार हमें इसकी व्यापक व्यवस्थायें सुनिश्चित करनी होंगी।

नगर विकास मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि कुम्भ मेला की सफलता सभी के सामूहिक प्रयासों से जुड़ी है। इस कुम्भ में बेहतर व्यवस्थायें कर देश व दुनिया के श्रद्धालुओं को आवश्यक व्यवस्थायें करानी होंगी। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी अपनी जिम्मेदारी समझें। उन्होंने संत महात्माओं के सुझावों पर भी ध्यान देने को कहा। उन्होंने कुम्भ क्षेत्र के सीमांकन के साथ ही नये क्षेत्रों में आवश्यक अवस्थापना सुविधायें विकसित करने पर भी ध्यान देने को कहा।

बैठक में मेलाधिकारी दीपक रावत ने विस्तृत प्रस्तुतीकरण के माध्यम से मेलाक्षेत्र एवं मेले में की जाने वाली व्यवस्थाओं का व्यापक प्रस्तुतीकरण दिया। उन्होंने बताया कि कुम्भ मेले के सम्बन्ध में विभागों से प्राप्त प्रस्तावों का परीक्षण कर वांछित धनराशि के वास्तविक आगणन का प्रस्ताव शासन को शीघ्र उपलब्ध कराया जायेगा।

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