700 करोड की धनराशि मसूरी टनल के लिए हुई स्वीकृत

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने मसूरी शहर की यातायात व्यवस्था की सुगमता एवं आवागमन की सुविधा के लिये माल रोड से लाल बहादुर शास्त्री प्रशासनिक अकादमी के मध्य 2.74 कि0मी0 लम्बी टनल निर्माण के लिये 700 करोड़ की स्वीकृति के लिये केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गड़करी का आभार व्यक्त किया है।

केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गड़करी द्वारा इस सम्बन्ध में ट्वीट के माध्यम से जानकारी दी है कि राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 707 ए पर मसूरी में माल रोड से लाल बहादुर शास्त्री प्रशासनिक अकादमी तक 2.74 कि0मी0 लम्बी सुरंग के निर्माण के लिये 700 करोड़ की धनराशि स्वीकृत कर दी गई है।

मुख्यमंत्री ने भी ट्वीट के माध्यम से केन्द्रीय मंत्री गड़करी का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि इससे मसूरी शहर की यातायात व्यवस्था में सुधार तथा आवागमन में सुविधा होगी।

अधिकारियों की बैठक कर बोले स्पीकर, टोल प्लाजा का शीघ्र समाधान निकाला जाए


हरिद्वार देहरादून राष्ट्रीय राजमार्ग पर नेपाली फॉर्म तिराहे के पास टोल प्लाजा ना बनाये जाने को लेकर स्पीकर प्रेमचंद अग्रवाल ने बैराज रोड स्थित कैंप कार्यालय पर राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के क्षेत्रीय अधिकारी सी के सिन्हा एवं परियोजना निदेशक पंकज मोर्या के साथ बैठक की। बैठक में उन्होंने अधिकारियों से टोल प्लाजा बनाने को लेकर अपनी नाराजगी व्यक्त की।
उन्होंने कहा कि जनता के ऊपर बेवजह टैक्स का भार न सौंपा जाए।उन्होंने कहा कि इसके बनने से जहाँ लोगों को अनावश्यक आर्थिक बोझ का सामना करना पड़ेगा वहीं समय की बर्बादी भी होगी। अपने स्पष्ट शब्दों में कहा कि नेपाली फॉर्म के पास किसी भी हालत में टोल प्लाजा बनाने की आपत्ति है । उन्होंने कहा कि इसके लिए पुनः प्रदेश के मुख्यमंत्री से वार्ता करेंगे साथ ही पुनः लोक निर्माण विभाग के सचिव आरके सुधांशु को भी दूरभाष पर वार्ता की और निर्देश दिया है कि इसका शीघ्र समाधान निकाला जाए।

बैठक में एनएचएआई के अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा है कि एक ही प्रोजेक्ट में दो जगह टोल प्लाजा लगाना न्यायोचित नहीं है। उन्होंने अधिकारियों पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि जब हरिद्वार देहरादून राष्ट्रीय राजमार्ग पर फ्लाईओवर एवं राष्ट्रीय राजमार्ग का कार्य गतिमान था उस दौरान भी अधिकारियों द्वारा नेपाली फार्म टोल प्लाजा के बारे में जनप्रतिनिधियों को अवगत नहीं कराया गया, जोकि अधिकारियों की लापरवाही को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि इस मामले में विभागीय अधिकारियों द्वारा जन प्रतिनिधियों के साथ कोई भी समन्वय नहीं बनाया गया है, जो उचित नहीं है।

कहा कि स्थानीय जनप्रतिनिधियों के बिना सलाह मशवरा के इस प्रकार का निर्णय लेना उचित नहीं है। उन्होंने कहा है कि व्यापक जनहित को देखते हुए नेपाली फार्म में टोल प्लाजा नहीं बनाना चाहिए और यह निर्णय विभाग को वापस लेना होगा।

गांधी शताब्दी नेत्र चिकित्सा विज्ञान केन्द्र के आईसीयू का मुख्यमंत्री ने किया लोकार्पण

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने गांधी शताब्दी नेत्र चिकित्सालय देहरादून में आयोजित कार्यक्रम में आपातकालीन चिकित्सा सेवा 108 के बेड़े में 132 नई एम्बुलेंस का फ्लैग ऑफ किया। इन आपातकालीन एम्बुलेंसस का क्रय विश्व बैंक सहायतित उत्तराखंड डिजास्टर रिकवरी परियोजना के माध्यम से किया गया है। उन्होंने गांधी शताब्दी अस्पताल में 10 बेड की आईसीयू यूनिट का भी लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने स्वास्थ्य विभाग से जुड़े सभी कोरोना वॉरियर्स को प्रमाणपत्र और कोविड वार्ड में मरीजों की सेवा करने वाले सभी डॉक्टरों एवं अन्य कार्मिकों को 11-11 हजार रूपए की धनराशि सम्मान स्वरूप देने की घोषणा की।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि स्वास्थ्य सुविधाओं का सुदृढ़ीकरण राज्य सरकार की शीर्ष प्राथमिकता में रहा है। आपातकालीन सेवा में 132 नई एम्बुलेंस के सम्मिलित होने से मरीजों को स्वास्थ्य सेवा का त्वरित लाभ मिल सकेगा। खासकर पहाड़ी क्षेत्रों में यह सेवा मरीजों के लिए जीवनदायिनी साबित होंगी। ये एम्बुलेंस एडवांस व बेसिक लाइफ सपोर्ट सिस्टम से युक्त हैं। पिछले चार साल में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए कुल 271 एम्बुलेंस उपलब्ध कराई गई हैं।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना से अभी तक लगभग 02 लाख 32 हजार लोग लाभान्वित हो चुके हैं। इस योजना से 4200 से अधिक नेत्र रोगी अपना ईलाज करा चुके हैं। राज्य में चिकित्सा सेवाओं को बेहतर करने के लिए हर संभव प्रयास किये गये हैं। 10 माह पूर्व जहां राज्य में कुल 216 आईसीयू बेड व 116 वेन्टीलेटर्स थे, अब बढ़कर 863 आईसीयू बेड व 695 वेन्टीलेटर्स हो गए हैं। जल्द ही तीन मेडिकल कॉलेज रूद्रपुर, हरिद्वार एवं पिथौरागढ़ तैयार हो जायेंगे। पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए अनेक प्रयास किये गये हैं।

इस अवसर पर मेयर सुनील उनियाल गामा, सचिव स्वास्थ्य अमित नेगी, सचिव आपदा प्रबंधन एस. ए. मुरूगेशन, प्रभारी सचिव डॉ. पंकज पाण्डेय, अपर सचिव युगल किशोर पंत, महानिदेशक स्वास्थ्य डॉ. अमिता उप्रेती, सीएमओ देहरादून डॉ. अनूप डिमरी आदि उपस्थित थे।

दून सेंटर आफ एक्सीलेंस का मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने किया शिलान्यास

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने आईटीडीए, आईटी पार्क देहरादून में स्मार्ट सिटी देहरादून द्वारा आयोजित ‘‘सदैव दून’’ दून इन्टीग्रेटेड कमाण्ड एण्ड कंट्रोल सेंटर सेवा का शुभारम्भ किया। मुख्यमंत्री ने दून सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का शिलान्यास भी किया। इस अवसर पर निदेशक आईटीडीए अमित सिन्हा एवं सीनियर डायरेक्टर एच.सी.ई रामचन्द्रन के बीच इंक्यूबेशन सेंटर में इन्टरनेट ऑफ थिंक्स (आई. ओ. टी ) के एमओयू हस्ताक्षरित किया गया।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश में स्मार्ट सिटी की एक नई परिकल्पना की शुरूआत की। इसके परिणामस्वरूप देश के 100 शहरों में स्मार्ट सिटी के तहत कार्य हो रहे है। इन शहरों में बेहतर कार्य हो रहे हैं। अन्य शहरों को भी स्मार्ट सिटी बनाने की मांग बढ़ रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की स्पष्ट सोच एवं दृढ़ निश्चय के परिणामस्वरूप आज देश हर क्षेत्र में विकास कर रहा है। स्मार्ट सिटी के बहुआयामी परिणाम हैं। देहरादून की स्मार्ट सिटी में बेहतर कार्य हो रहे हैं, यह अन्य शहरों के लिए भी प्रेरणा का कार्य करेगी। राज्य में पिछले 20 सालों में ट्रेफिक में बहुत तेजी से वृद्धि हुई है। समय के अनुसार आधुनिक तकनीक का प्रयोग बहुत जरूरी है। तकनीक के माध्यम से व्यवस्थाओं को ठीक करने एवं जनता से जुड़ी समस्याओं के निवारण में स्मार्ट सिटी का मॉडल बहुत कारगर साबित होगा। स्मार्ट सिटी के सेंटर से तमाम समस्याओं को नियंत्रित करने में सुविधा होगी।

सचिव शहरी विकास एवं आवास भारत सरकार दुर्गा शंकर मिश्रा ने कहा कि दून इन्टीग्रेटेड कमाण्ड एण्ड कंट्रोल सेंटर की सेवा यहां के नागरिकों के जीवन में बहुत सुधार लायेगी। उन्होंने कहा कि देहरादून में इंक्यूबेशन सेंटर की शुरूआत भी हो रही है, यह एक महत्वपूर्ण कदम है। इस सेंटर के माध्यम से युवाओं में सृजनात्मकता का विकास होगा । देहरादून का पिछले साल स्मार्ट सिटी में 24वां स्थान था। आज देहरादून 9वें स्थान पर है। जबकि स्मार्ट सिटी के अन्दर तीसरे राउंड के शहरों में देहरादून का प्रथम स्थान है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत भी उत्तराखण्ड राज्य में अच्छी प्रगति हुई है। स्मार्ट सिटी का मुख्य उद्ेश्य है सुविधाओं का बेहतर तरीके से इस्तेमाल हो। जन सुविधा के दृष्टिगत अभिनव प्रयास होने जरूरी हैं।

सीईओ स्मार्ट सिटी-जिलाधिकारी देहरादून डॉ. आशीष कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि दून इन्टीग्रेटेड कमाण्ड एण्ड कंट्रोल सेंटर सेवा को आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल के साथ विस्तारित किया जा रहा है। जन सुविधाओं एवं जागरूकता की दृष्टि से अनेक सुविधाएं इस सेवा के माध्यम से दी जा रही हैं।

इस अवसर पर उच्च शिक्षा एवं सहकारिता राज्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, डीजीपी अशोक कुमार, सचिव आर.के सुधांशु, शैलेश बगोली, एडीजी अभिनव कुमार, निदेशक शहरी विकास विनोद कुमार सुमन आदि उपस्थित थे।

जिला गंगा सुरक्षा समिति की हुई वर्चुअल बैठक, पौराणिक नदियों को नाला कहना गलत


जनपद में नमामि गंगे कार्यों की समीक्षा एवं सम्बंधित कार्यों की प्रगति हेतु गठित जिला गंगा सुरक्षा समिति देहरादून की 36 वीं बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सम्पन्न हुई। इससे पूर्व में सम्पन्न हुई बैठकों में जिलाधिकारी देहरादून द्वारा दिये गए निर्देशों पर कृत कार्यवाही तथा वर्तमान में संचालित कार्यक्रमों की समीक्षा करते हुए मुख्य विकास अधिकारी निकिता खंडेलवाल द्वारा विभागवार निर्देश दिए। बैठक में जिला गंगा सुरक्षा समिति के नामित सदस्य पर्यावरण विद विनोद जुगलान ने तीर्थ नगरी ऋषिकेश में पौराणिक रम्भा एवं सरस्वती नदियों को नमामि गंगे परियोजना में नाला शब्द प्रयोग किये जाने पर आस्था पर चोट पहुंचने का मामला उठाया था। जिसके प्रत्योत्तर में उपजिलाधिकारी ऋषिकेश वरुण चैधरी ने बैठक की अध्यक्षता कर रही मुख्य विकास अधिकारी को स्पष्ट किया कि पूर्व में जिलाधिकारी महोदय द्वारा दिये गए निर्देश के अनुपालन में 1938 से पूर्व के भूअभिलेखों की जाँच में पाया गया है कि उक्त नदियों के लिए किसी भी स्थान पर नाला शब्द का प्रयोग नहीं किया गया है। नमामि गंगे योजना में त्रुटिवश पौराणिक नदियों को नाला कह कर संबोधित किया गया है। जो कि महज एक भूल है। इसलिए भविष्य में भी इन पौराणिक नदियों को नदियों के नाम से ही जाना जाएगा।

गौरतलब है कि पर्यावरणविद विनोद जुगलान द्वारा इन नदियों के संरक्षण संवर्धन को स्थानीय प्रशासन के माध्यम से प्रधानमंत्री के नाम पत्र भी प्रेषित किया गया था,जिसका संज्ञान लेते हुए केंद्र सरकार द्वारा एसपीएमजी उत्तराखंड को पत्र लिखकर संज्ञान लेने के निर्देश पूर्व में दिए जा चुके हैं। इसके अतिरिक्त समिति के नामित सदस्य द्वारा गंगा नदी के तटीय क्षेत्र में मृतपशुओं के निस्तारण का मामला भी उठाया गया। साथ ही ऋषिकेश वन क्षेत्र अंतर्गत 15 हेक्टेयर प्लांटेशन के निकट ग्राम सभा खड़क माफ की खाली पड़ी 10 एकड़ भूमि पर बर्ड टूरिज्म विकसित करने का सुझाव दिया गया। उन्होंने कहा कि इससे न केवल पर्यावरण संरक्षण में मदद मिलेगी बल्कि स्थानीय स्तर पर युवाओं को नेचर गाईड के रूप में रोजगार के अवसर और सरकार और पंचायत सहित ग्रामीणों को राजस्व की प्राप्ति भी होगी।

मुख्य विकास अधिकारी ने बताया कि उनका सुझाव नोट कर लिया गया है और अगली बैठक में इस पर विस्तृत चर्चा की जाएगी। नगर निगम ऋषिकेश के सहायक नगर आयुक्त ऐलम दास ने बताया कि त्रिवेणी घाट पर गंगा अवलोकन केंद्र की स्थापना के लिए टिन शेड का निर्माण कराया जा रहा है और दिव्यांगों की गंगा तक पहुंच के लिए रैम्प की सुविधा की गई है। इसके अतिरिक्त पेयजल, जल संस्थान, प्रदूषण नियंत्रण विभाग, वनविभाग के कार्यों की प्रगति पर चर्चा की गई।

क्रिसमस व नए साल पर पार्टी की तो आयोजक पर होगा मुकदमा

इस वर्ष कोविड.19 संक्रमण को देखते हुए जिलाधिकारी देहरादून ने क्रिसमस तथा नए साल पर होटलोए बारए रेस्टोरेंट व सार्वजनिक कार्यक्रम पर रोक लगा दी है। डीएम आशीष श्रीवास्तव ने जिले की पुलिस को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि उल्लंघन करने वालो पर आपदा प्रबंधन अधिनियम में मुकदमा दर्ज किया जाए।

डीएम ने कहा कि कोविड 19 संक्रमण का प्रभाव निरंतर जारी हैए जिसके प्रसार को रोकने के लिए सभी सुरक्षात्मक उपाय अपनाए जाने जनहित में नितांत आवश्यक हैं।