धामी सरकार की सौगात, स्वास्थ्य सुविधाओं में 182 करोड़ की चार परियोजनाएं जनता समर्पित

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को उत्तराखण्ड में स्वास्थ्य से संबंधित लगभग 182 करोड़ रूपये की चार परियोजनाओं का शिलान्यास किया। जिसमें 124.10 करोड़ की लागत से दून मेडिकल कॉलेज में 500 शैय्या के नवीन ब्लॉक का निर्माण, रूद्रप्रयाग में 20.38 करोड़ की लागत से क्रिटिकल केयर ब्लॉक का निर्माण, श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में 18.80 करोड़ की लागत से क्रिटिकल केयर ब्लॉक का निर्माण एवं हल्द्वानी (नैनीताल) में 19.48 करोड़ की लागत से क्रिटिकल केयर ब्लॉक का निर्माण कार्य शामिल है। मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में आयोजित कार्यक्रम में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया जोशीमठ से वर्चुअल माध्यम से जुड़े।

प्रदेश को स्वास्थ्य से जुड़ी योजनाओं के लिए केन्द्र सरकार देगी पूरा सहयोग- केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने कहा कि आज राज्य में 180 करोड़ से अधिक कार्यों का शिलान्यास हुआ है। उत्तराखण्ड विकास की ओर तेजी से आगे बढ़ रहा है। यदि राज्य सरकार केन्द्र द्वारा दिये गये लक्ष्य को प्राप्त करती है, तो राज्य को धन की कोई कमी न हो, इसका हमारा प्रयास रहता है। उन्होंने कहा कि मैं कल से उत्तराखण्ड में हूं, नीति एवं मलारी गांव में भ्रमण के दौरान इन गांवों में जनता के साथ संवाद स्थापित करने का अवसर मिला। मलारी गांव के हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर की कम्यूनिटी हेथ ऑफिसर ने कहा कि यहां बड़े अस्पताल नहीं है, फिर भी यहां बड़े डॉक्टर की सुविधा मिलती है।

हेल्थ एवं वेलनेस सेंटरों से ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंच रही है स्वास्थ्य सेवा
राज्य सरकार ने प्रदेश में 02 हजार हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर स्थापित किये हैं। इन सेंटर में दक्ष कम्यूनिटी हेथ ऑफिसर होते हैं। गांवों से मरीज जब यहां आते हैं, तो भारत सरकार के ई संजीवनी प्लेटफार्म के द्वारा हम टेलीकन्सल्टेंट से डिस्ट्रिक के हॉस्पिटल से जुड़ जाते हैं। जब मरीज के चेकअप की आवश्यकता लगती है तो उसे कहीं और भेजने के बजाय ई संजीवनी के माध्यम से सीनियर डॉक्टर्स या एक्सपर्ट से टेलीकन्सल्टेंट करते हैं। स्पेशलिस्ट डॉक्टर मरीज से भी बात करते हैं। मरीज के ईलाज के लिए एक्सपर्ट डॉक्टर से जो भी निर्देशन मिलता है, इसके हिसाब से हम इलाज करते हैं।

केन्द्रीय मंत्री ने स्वास्थ्य सुविधाओं के विकास में राज्य सरकार के प्रयासों को सराहा
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि गांव में काम करने वाले किसान एवं गरीब लोग जब ईलाज के लिए हेल्थ और वेलनेस सेंटर में जाते हैं, स्पेशलिस्ट डॉक्टर की सलाह उनको मिल जाती है, तो उन्हें जिला अस्पताल या अन्य अस्पतालों में जाने की आवश्यकता नहीं पड़ती है। यह व्यवस्था सुचारू रूप से संचालित करने के लिए उन्होंने राज्य सरकार का आभार व्यक्त किया।

स्वस्थ समाज से ही समृद्ध राष्ट्र का निर्माण संभव
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि देश में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में और उत्तराखण्ड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में प्रदेश का हेल्थ सेक्टर बदल रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा कि हम अमृत काल में देश को विकसित राष्ट्र बनायेंगे। इसके लिए हमारी प्राथमिकता है कि देश के नागरिक स्वस्थ रहें। स्वस्थ समाज ही समृद्ध राष्ट्र का निर्माण कर सकता है। देश के हेल्थ सेक्टर को पहली बार विकास के साथ मोदी जी ने जोड़ा। स्वास्थ्य के क्षेत्र में हर सेक्टर में होलिस्टिक एप्रोच के साथ कार्य किये जा रहे हैं। 2014 से अब तक स्वास्थ्य के क्षेत्र में देश में तेजी से सुधार हुआ है। उत्तराखण्ड में होलिस्टिक हेल्थ कवरेज के लिए राज्य को एम्स के साथ ही एम्स का सेटेलाइट सेंटर भी दिया गया है। देश में 1 लाख 56 हजार हेल्थ एवं वेलनेस सेंटरों में आज मुफ्त इलाज हो रहा है। देश में टर्सरी हेल्थ केयर, सेकेण्डरी हेल्थ केयर एवं प्रायमरी हेल्थ केयर को सुनिश्चित करने के लिए हेल्थ इन्फ्रास्टक्चर खड़ा करने की आवश्यकता होती है। इसके लिए देश में आयुष्मान भारत हेल्थ इन्फ्रास्टक्चर मिशन चलाया जाता है। देश में क्रिटिकल हेल्थ केयर के लिए 64 हजार करोड़ रूपये 05 साल में खर्च किये जायेंगे। 01 जनपद में औसतन 100 करोड़ रूपये हेल्थ इन्फ्रास्टक्चर के लिए खर्च किया जा रहा है। भारत में ब्रेन पॉवर एवं मेन पॉवर की कभी कमी नहीं थी। भारत सामर्थ्यवान देश है, सवाल था देश के नागरिक को अवसर देने का, जब अब देश के नागरिक को अवसर मिल रहा है, तो नतीजा हमेशा बेहतर होता है।

टी.बी मुक्त उत्तराखण्ड के लिए राज्य सरकार के प्रयासों की भी की सराहना
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि चार दिन पूर्व वाराणसी में विश्व के 40 देशों के प्रतिनिधि टी.बी समिट के लिए आये थे। यूनाइटेड नेशन ने स्टॉप टी.बी अभियान चलाया है। विभिन्न देशों से आये प्रतिनिधियों को हम हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर में ले गये। जिसमें कई देशों के स्वास्थ्य मंत्री भी थे। इन सेंटरों में हमारी आशा बहने, ए.एन.एम., डॉक्टर्स, टी.बी. के मरीज और निक्षय मित्र उनसे संवाद कर रहे थे, तो उन्होने विदेशी प्रतिनिधियों को हेल्थ सिस्टम से संबंधित अनेक जानकारियां दी। केन्द्र सरकार ने सभी जन प्रतिनिधियों, सामाजिक संस्थाओं एवं अधिकारियों को क्षय रोगियों को गोद लेने का आह्वान किया है। इसमें सबका पूरा सहयोग मिला। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि उत्तराखण्ड में जितने भी टी.बी. के मरीज हैं, उनको किसी न किसी ने गोद लिया है। उन्होंने कहा कि मुझे पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व वाली उत्तराखण्ड सरकार पर भरोसा है कि उत्तराखण्ड देश का पहला ऐसा राज्य बने जो सबसे पहले टी.बी मुक्त हो। प्रधानमंत्री की उपस्थिति में हमें घोषणा करने का अवसर मिले कि उत्तराखण्ड पहला राज्य बना है, जो टी.बी. मुक्त हो गया। उन्होंने कहा कि जो कार्य राज्य सरकार ने आज हाथ में लिया है, इस पर कार्य तेज गति से हां। इसके लिए केन्द्र सरकार द्वारा पूरी मदद दी जायेगी। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि देश की जनता की आस्था से जुड़े चारधाम यात्रा के लिए राज्य सरकार अच्छा कार्य कर रही है। आगामी चारधाम यात्रा के लिए राज्य सरकार द्वारा स्वास्थ्य के क्षेत्र में जो अपेक्षा रखी गई है, हेल्थ सेक्टर में चारधाम के लिए राज्य को उनकी अपेक्षा से भी अधिक सहयोग मिलेगा।

वसुधैव कुटुम्बकम् की अवधारणा पर स्वास्थ्य के क्षेत्र में किये जा रहे हैं कार्य
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि देश के सामर्थ्य से हमने कोविड क्राइसिस से लड़ाई की। हम वसुधैव कुटुम्बकम् की अवधारणा को मानने वाले लोग हैं। हम केवल अपने बारे में नहीं सोचते, सम्पूर्ण विश्व के बारे में सोचते हैं। स्वास्थ्य हमारे लिए बिजनेस नहीं है, सेवा है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान प्रधानमंत्री जी ने कहा था कि हमारा दायित्व है कि हम दुनिया की मदद करें। उस वक्त भारत ने दुनिया के 150 देशों को दवाई उपलब्ध कराई। 78 देशों को कोविड वैक्सीन उपलब्ध कराई है। हम संस्कार के वाहक हैं। हमारे देश के साथ दुनिया का भी भला हो हम ये भी सोचते हैं। भारत में दुनिया से सबसे अच्छे कोविड मैनेजमेंट का उदाहरण प्रस्तुत किया।

उत्तराखण्ड में स्वास्थ्य के क्षेत्र में सहयोग के लिए मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री का जताया आभार
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखण्ड के लिए 182 करोड़ रुपए से अधिक की चार परियोजनाओं का शिलान्यास कर स्वास्थ्य के क्षेत्र में इतनी बड़ी सौगात देने के लिए केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा. मनसुख मांडविया का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि स्वस्थ शरीर जीवन का मुख्य ध्येय होना चाहिए यह हमारी संस्कृति मानती है। सबसे पहले शरीर का ध्यान रखें तभी कोई कार्य ठीक से होगा। इसी मूलमंत्र को ध्यान में रखकर सरकार ने राज्य में जन-स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को सशक्त बनाने पर अपना ध्यान केंद्रित किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और दिशा निर्देशन में अन्य क्षेत्रों की भांति स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी देश निरंतर आगे बढ़ रहा है। आज विकास का ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है जिसको प्रधानमंत्री द्वारा शुरू की गई योजनाओं से लाभ न मिल पाया हो। कोरोना काल में जहां एक ओर प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना ने करोड़ो लोगों के दो वक्त का भोजन सुनिश्चित किया वहीं आयुष्मान भारत योजना ने देश के नागरिकों को यह भरोसा दिलाया कि बीमार होने पर उन्हें निःशुल्क उपचार अवश्य मिलेगा।

बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं का विकास एवं सभी को प्रभावी ईलाज हमारी प्राथमिकता
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में प्रदेश में चार मोर्चों पर काम करने के लिए सरकार रणनीति बना रही है। पहला मोर्चा है, बीमारियों को रोकने के लिए जन-जागरुकता का। दूसरा मोर्चा है, गरीबों को सस्ता और प्रभावी इलाज देने का है। तीसरा मोर्चा है, हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर और हेल्थ केयर प्रोफेशनल्स की क्वान्टिटी और क्वालिटी में बढ़ोतरी करना। चौथा मोर्चा है, समस्याओं से पार पाने के लिए मिशन मोड पर काम करना। केंद्र सरकार द्वारा बच्चों के संपूर्ण वेक्सिनेशन के लिए प्रारंभ की गई मिशन इंद्रधनुष योजना, आयुष्मान भारत योजना और प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र जैसी योजनाओं का विस्तार प्रदेश के दूर-दराज के इलाकों तक करने का प्रयास किया गया है। आज पूरे विश्व में भारत के हेल्थ सेक्टर की प्रतिष्ठा और भारत के हेल्थ सेक्टर के प्रति भरोसा, एक नए स्तर पर पहुंच गया है। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व वाली सरकार स्वास्थ्य समस्याओं को टुकड़ों के बजाय समग्र रूप से देखती है, इसलिए हमने भी प्रदेश में सिर्फ इलाज ही नहीं बल्कि वेलनेस पर भी फोकस करना शुरु किया है। इसका ही परिणाम रहा कि कोरोना काल में आयुष से जुड़े हमारे नेटवर्क ने बेहतरीन काम किया। ह्यूमन रिसर्च से लेकर इम्यूनिटी और साइंटिफिक रिसर्च तक हमारे आयुष नेटवर्क का इंफ्रास्ट्रक्चर देश के बहुत काम आया।

प्रदेश में योग, आयुर्वेद एवंज ड़ी-बूटी कृषिकरण को दिया जा रहा है बढ़ावा
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत की दवाओं और वैक्सीन के साथ-साथ हमारे मसालों और हमारे काढ़े का भी वेलनेस के क्षेत्र में कितना बड़ा योगदान है, ये दुनिया ने कोरोना काल में अनुभव किया। योग,प्राणायाम,आयुर्वेद सहित भारत के जड़ी बूटी ज्ञान ने विश्व को चमत्कृत किया। इसलिए राज्य सरकार ने प्रदेश में योग व आयुर्वेद को बढ़ावा देने के साथ – साथ “मेडिसनल प्लांट“ की खेती पर भी ध्यान दिया है। हमारे देश में दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना ‘आयुष्मान भारत’ चलाई जा रही है। राज्य सरकार ने प्रदेश में स्वास्थ के क्षेत्र में “निःशुल्क जांच योजना“ जैसी एक प्रमुख योजना भी प्रारम्भ की है, जिसके तहत मरीजों को 207 प्रकार की पैथेलॉजिकल जांचों की निशुल्क सुविधा मिल रही है। प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में “किफायती स्वास्थ्य सेवा“ पर ध्यान केंद्रित करने से वंचित तथा मध्यम वर्ग को काफी लाभ होता है।

स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में पिछले 5 सालों में जितने काम हो सकते थे उनको धरातल पर उतारने का काम किया गया है। आगे भी हम उत्तराखंड में स्वास्थ्य के क्षेत्र में और अच्छा क्या हो सकता है, इसके लिए प्रयासरत हैं। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार से राज्य को 01 लाख 24 हजार लोगों से ब्लड डोनेशन कराने का लक्ष्य दिया गया था। राज्य में एक लाख 01 लाख 67 हजार लोगों ने ब्लड डोनेशन किया है। उत्तराखंड भारत का पहला राज्य है जिसने सबसे ज्यादा ब्लड डोनेशन किया है और ई रक्तकोश में 80 हजार लोग अभी तक रजिस्ट्रेशन कर चुके हैं। देश में आयुष्मान भारत योजना लॉन्च हुई तो हमारे राज्य में अटल आयुष्मान योजना लॉन्च की गई। राज्य में अभी तक 50 लाख 24 हजार अटल आयुषमन कार्ड बनाये जा चुके हैं। 07 लाख से ज्यादा लोगों का इस योजना के तहत ईलाज हो चुका है, जिसमें 13 सौ करोड़ से अधिक खर्चा हो चुका है। अब राज्य में किडनी ट्रांसप्लांट भी आयुष्मान कार्ड में कवर कर दिया है। प्रदेश में 91 प्रतिशत संस्थागत डिलीवरी हो रही है। प्रदेश में सरकार ने ईजा बोई योजना शुरू की है। जिसमें गर्भवती महिलाओं को 2000 रूपये पौष्टिक आहार के लिए दिया जाएगा। राज्य में 32 लाख लोगों की आभा आईडी बनकर तैयार हो चुकी है।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह, राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, विधायक खजान दास, विनोद चमोली, प्रदीप बत्रा, सरिता आर्य, रेनू बिष्ट, मेयर सुनील उनियाल गामा, संयुक्त सचिव स्वास्थ्य, भारत सरकार विशाल चौहान, सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर. राजेश कुमार एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।

दून मेडिकल कॉलेज का मंत्री ने किया औचक निरीक्षण

चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने आज दून मेडिकल कॉलेज का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने छात्र-छात्राओं से मुलाकात कर उनकी समस्याओं को सुना। रावत ने विभागीय अधिकारियों को कहा कि मेडिकल छात्र-छात्राएं भविष्य के चिकित्सक हैं उन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ-साथ बेहत्तर सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाय। मेडिकल कॉलेज में व्याप्त अव्यवस्था पर विभागीय मंत्री ने कॉलेज प्रशासन को जमकर फटकार लगाई और व्यवस्थाएं दुरूस्त करने के निर्देश दिए।
चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत गुरुवार अचानक राजकीय दून मेडिकल कॉलेज पहुंचे, जहां उन्होंने कॉलेज की व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया। इसके अलावा उन्होंने मेडिकल कॉलेज में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं से मुलाकात कर उनकी समस्याओं को सुना। इस दौरान उन्होंने छात्रावास एवं मैस का निरीक्षण करते हुए वहां उपलब्ध सुविधाओं के बारे में भी मेडिकल छात्र-छात्राओं से जानकारी ली। जिस पर छात्र-छात्राओं ने उन्हें तमाम असुविधाओं से अवगत कराया। बताया कि दून मेडिकल कॉलेज के औचक निरीक्षण के दौरान उन्होंने कॉलेज की गतिविधियों, शैक्षणिक कार्यक्रमों सहित तमाम व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज में पढ़ने वाली मेडिकल छात्र-छात्राएं भविष्य की डॉक्टर हैं लिहाजा उन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ-साथ बेहत्तर सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश विभागीय अधिकारियों एवं कॉलेज प्रशासन को दे दिये गये हैं।
विभागीय मंत्री ने कहा कि कॉलेज परिसर एवं छात्रावासों में साफ-सफाई, मैस में ताजा एवं पौष्ठिक भोजन उपलब्ध कराने सहित शैक्षणिक एवं अन्य गतिविधियों को दुरूस्त करने के निर्देश अधिकारियों को दिये। उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। इससे पहले रावत ने श्रीनगर एवं हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज के छात्रावासों की व्यवस्थाओं को भी परखा चुके हैं। इस दौरान उन्होंने कॉलेज प्रशासन को सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त करने निर्देश दिये।

मेडिकल कालेज में कार्मिकों को शीघ्र वितरित होगी प्रोत्साहन राशि-स्वास्थ्य मंत्री

राजकीय मेडिकल कालेजों में आयुष्मान योजना के अंतर्गत मरीजों के उपचार का लक्ष्य निर्धारित कर दिया गया है, जिसके लिये कालेज के प्राचार्यों को शीघ्र रोड़ मैप तैयार करने के निर्देश दे दिये गये हैं। इसके साथ ही योजना के अंतर्गत कार्मिकों को मिलने वाली प्रोत्साहन राशि को शीघ्र वितरित करने को कहा गया। सरकारी अस्पतालों एवं मेडिकल कालेजों में मरीजों को पूरा इलाज दिया जाय, यदि अस्पताल में इलाज संभव नहीं तभी रैफर किया जाय।
स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने आज दून मेडिकल कॉलेज के सभागार में आयुष्मान योजना की समीक्षा बैठक ली, जिसमें राजकीय मेडिकल कालेज के प्राचार्य उपस्थित रहे। रावत ने बताया कि सूबे में आयुष्मान योजना का अधिक से अधिक लोगों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण से संबद्ध सरकारी निजी अस्पतालों एवं मेडिकल कालेजों में आयुष्मान मित्र की तैनाती की गई है, जोकि मरीजों के दस्तावेज तैयार करने, आयुष्मान कार्ड बनाने, बिल बाउचर बनाने एवं बिल भुगतान की प्रक्रिया पूरी करने तक सभी काम करेगा जिसके एवज में प्राधिकरण इन्हें प्रति मरीज के हिसाब से भुगतान करेगा। उन्होंने बताया कि प्रत्येक 10 आयुष्मान मरीजों पर एक आयुष्मान मित्र को तैनात किया गया है। रावत ने बताया कि सूबे के मेडिकल कालेजों में आयुष्मान योजना के अंतर्गत मरीजों के इलाज के लिये लक्ष्य निर्धारण कर लिया गया है, जिसमे दून मेडिकल कालेज को प्रत्येक वर्ष 25 हजार, हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज को 20 हजार, श्रीनगर मेडिकल कॉलेज को 10 हजार एवं अल्मोड़ा मेडिकल कालेज को 5 हजार मरीजों का उपचार किया जाएगा। इसके लिये सभी प्राचार्यों को रोड़ मैप तैयार करने के निर्देश दे दिये गये हैं। आयुष्मान योजना के अंतर्गत मिलने वाली प्रोत्साहन राशि कार्मिकों को वितरित न किये जाने पर नाराजगी जताते हुये रावत ने सभी प्राचार्यों को तत्काल प्रोत्साहन राशि वितरित करने को कहा, साथ ही उन्होंने इसे प्रत्येक तीन माह में बांटने के निर्देश भी दिये। विभागीय मंत्री ने रेफरल व्यवस्था को न्यून कर मरीजों को सरकारी अस्पताल एवं मेडिकल कालेजों में ही पूरा उपचार देने के निर्देश अधिकारियों को दिये उन्होंने कहा कि मरीजों को दूसरे अस्पतालों में तभी रैफर किया जाय जब अस्पताल में इलाज संभव न हो।
बैठक में राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के चेयरमैन डी. के. कोटिया, अपर सचिव स्वास्थ्य एवं सीईओ राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण अरुणेंद्र सिंह चौहान, निदेशक स्वास्थ्य डॉ विनीता शाह, डॉ मीतू शाह, अपर निदेशक चिकित्सा शिक्षा एवं प्राचार्य दून मेडिकल कालेज डॉ आशुतोष सयाना, सभी मेडिकल कालेजों के प्राचार्य एवं राजकीय मेडिकल कॉलेज के अधिकारी उपस्थित रहे।

सीएम ने डा. निधि उनियाल का ट्रांसफर रोकने का दिया आदेश

दून मेडिकल कालेज कॉलेज की वरिष्ठ महिला चिकित्सक डा. निधि उनियाल के मामले पर मुख्यमंत्री पुष्‍कर सिंह धामी ने संज्ञान लिया है। सीएम धामी ने (CM Orders to cancel resignation of Dr Nidhi Uniyal after her scuffle with secretary’s wife) तत्‍काल प्रभाव से डा. निधि उनियाल का ट्रांसफर रोकने के निर्देश दिए हैं। सीएम ने इस मामले में कमेटी बनाकर जांच के निर्देश दिए हैं।

दरअसल डॉ. निधि को गुरुवार को दिन में स्वास्थ्य सचिव की पत्नी की जांच के लिए उनके घर बुलाया गया था। डॉ निधि गाड़ी में बीपी इंस्ट्रूमेंट भूल गई थी, इसी बात को लेकर आईएएस की पत्नी डॉक्टर पर भड़क गई थी। डॉ निधि पर सचिव की पत्नी से माफी मांगने का दबाव बनाया गया लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया। इसके एक घंटे बाद ही उनका अल्मोड़ा ट्रांसफर कर दिया जाता है। पूरे घटनाक्रम से क्षुब्ध होकर डॉ निधि ने इस्तीफा दे दिया था। सोशल मीडिया पर डॉ निधि को न्याय दिलाने की आवाज उठने लगी है।

मामले का संज्ञान लेते हुए स्वास्थ्यमंत्री डॉ धन सिंह रावत ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की और प्रकरण के बारे में अवगत कराया। मुख्यमंत्री धामी ने महिला डॉक्टकर का स्‍थानांतरण स्‍थागित करने के लिए मुख्‍य सचिव को निर्देश दिए। उन्‍होंने इस प्रकरण की जांच के लिए कमेटी बनाने के लिए भी कहा है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर मुख्य सचिव डॉ. संधू ने अपर मुख्य सचिव मनीषा पवार को उपरोक्त प्रकरण की तथ्यात्मक जांच करते हुए अपनी रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं।

डॉ. निधि उनियाल राजकीय दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में वरिष्ठ फिजिशियन एवं एसोसिएट प्रोफेसर हैं। उन्होंने बताया कि गुरुवार को वो ओपीडी में मरीज देख रही थीं। इस दौरान अस्पताल प्रशासन ने उन्हें स्वास्थ्य सचिव डॉ. पंकज पांडेय की पत्नी की तबीयत जांचने उनके घर जाने के लिए कहा। डॉ. निधि ने बताया कि उनका बीपी इंस्ट्रूमेंट बाहर कार में छूट गया था, इस पर सचिव की पत्नी नाराज हो गईं और उनके बारे में अशालीन शब्दों का इस्तेमाल किया। बाद में अस्पताल प्रशासन ने उन्हें सचिव की पत्नी से माफी मांगने के लिए कहा, जिस पर डॉ. निधि ने अपनी गलती न होने की बात कही। दोपहर बाद करीब तीन बजे उन्हें स्वास्थ्य सचिव की ओर से जारी आदेश थमाया गया, जिसमें उन्हें सोबन सिंह जीना राजकीय मेडिकल कॉलेज अल्मोड़ा से संबद्ध करने की बात लिखी थी। इससे डॉ निधि बेहद आहत हुईं और उन्होंने कुछ ही देर बाद अपना इस्तीफा स्वास्थ्य सचिव को भेज दिया। बहरहाल मुख्यमंत्री ने डॉ. निधि का ट्रांसफर रद्द कर मामले की जांच के निर्देश दिए हैं।

1292 केस मिलने के साथ आज 5 संक्रमित लोगो की मौत

उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण बढ़ने के बाद अब मरीजों की मौत के आंकड़े भी बढ़ गए हैं। सोमवार को विभिन्न अस्पतालों में इलाज करा रहे पांच संक्रमितों की मौत हो गई। कोरोना से एक ही दिन में इतनी संख्या में मरीजों की मौत का आंकड़ा 23 जून 2021 के बाद सामने आया है। स्वास्थ्य विभाग के बुलेटिन के अनुसार सोमवार को एम्स ऋषिकेश में तीन, दून मेडिकल कॉलेज में एक जबकि पौड़ी जिले में एक संक्रमित की मौत हुई है।
इसके साथ ही राज्य में कोरोना से मरने वालों का कुल आंकड़ा अब 7429 हो गया है। सोमवार को देहरादून में 441, हरिद्वार में 254, नैनीताल में 220, यूएस नगर में 193 नए मरीज मिले। इसके अलावा अल्मोड़ा में 36, बागेश्वर में सात, चमोली में 15, चम्पावत में सात, पौड़ी में 56, पिथौरागढ़ में 12, रुद्रप्रयाग में 14, टिहरी में 28 और उत्तरकाशी में नौ नए संक्रमित मिले हैं।
राज्य भर के अस्पतालों से सोमवार को 294 मरीजों को डिस्चार्ज किया गया जिससे एक्टिव मरीजों की संख्या 5009 हो गई है। राज्य में कोरोना संक्रमण की दर 7.57 प्रतिशत जबकि मरीजों के ठीक होने की दर 94 प्रतिशत से अधिक चल रही है। सोमवार को कुल 15 हजार सात सौ के करीब सैंपलों की रिपोर्ट लैब से मिली जबकि 21 हजार के करीब सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं।

पर्यटकों सहित कोरोना के 30 नए मामले मिले
मुनिकीरेती, ऋषिकेश में कोरोना की रफ्तार नहीं थम रही है। सोमवार को दिल्ली के पांच पर्यटकों समेत 30 लोग कोरोना पॉजिटिव निकले हैं। सभी मरीजों को आईसोलेट कराने की प्रक्रिया में स्वास्थ्य विभाग की टीम जुट गई है। मुनिकीरेती में कोविड नोडल अधिकारी डा. जगदीश जोशी ने बताया की 16 लोगों के एंटीजन रैपिड टेस्ट लिए गए थे, जिनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आयी है। जबकि चार लोगों की रिपोर्ट निजी लैब से आई है। मरीजों को आईसोलेट किया जा रहा है। वहीं, ऋषिकेश के सरकारी अस्पताल में हुई जांच में 10 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आयी है। स्वास्थ्य पर्यवेक्षक एसएस यादव ने बताया कि अस्पताल में 137 लोगों की आरटीपीसीआर और 50 लोगों का एंटीजन रैपिड टेस्ट हुआ था, इनमें 10 लोगों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है। दो लोगों को कोरोना दवा की किट दी गई है। सभी को होम आईसोलेट किया गया है।

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