मंत्री ने सचिव को लिखा पत्र, कार्रवाई के दिए निर्देश

सहकारिता, उच्च शिक्षा, दुग्ध विकास एवं प्रोटोकाॅल मंत्री डाॅ. धन सिंह रावत ने श्रीनगर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली सड़को की समीक्षा बैठक ली। जिसमें नए मोटर मार्गों की प्रगति के साथ ही पुरानी सड़कों के मरम्मत एवं डामरीकरण की धीमी गति पर विभागीय अधिकारियों से नाराजगी व्यक्त की। यही नहीं उन्होंने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को बैठक से वापस भेजते हुए सचिव लोक निर्माण विभाग को पत्र भेजकर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही के निर्देश भी दिये।

विधानसभा सत्र के भोजनावकाश के दौरान डाॅ. रावत ने अपने कार्यालय कक्ष में लोक निर्माण विभाग एवं पीएमजेएसवाई के अंतर्गत निर्माणाधीन एवं पुरानी सड़कों के मरम्मत एवं डामरीकरण की धीमी प्रगति को लेकर अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई। बैठक के दौरान डाॅ. रावत द्वारा लोनिवि के अधिकारियों से देघाट-समैया-जगतपुरी-बूंगीधार मोटर मार्ग, बूंगीधार-बीरू की धुनी-नक्चुलाखाल मोटर मार्ग, उफरैंखाल-सराईखेत मोटर मार्ग एवं चैखाल-उफरैंखाल मोटर मार्गों के मरम्मत एवं डामरीकरण की प्रगति रिपोर्ट जाननी चाही तो विभागीय अधिकारी बगलें झांकने लगे। जिस पर डा. रावत ने अधिकारियों को फटकार लगाते हुए बैठक से चले जाने के निर्देश दिये।

उनका कहना था कि उक्त सड़कों के संदर्भ में इससे पूर्व भी दो बैठकें हो चुकी है जिसमें स्वयं विभागीय सचिव आर.के. सुधांशु भी मौजूद थे। इसके बावजूद उक्त सड़कों के मरम्मत का कार्य शुरू नहीं हो पाया। जिस पर उन्होंने सचिव लोक निर्माण विभाग को पत्र भेजकर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही करने के निर्देश दिये।

बैठक में पीएमजेएसवाई के अंतर्गत आने वाले पुलों एवं मोटर मार्गों की भी समीक्षा की गई। जिनमें ईडा-नौगांव मोटर मार्ग सौंठी बैंड तक मिलाने एवं थलीसैण-जखोला मोटर मार्ग पर आ रहे राजकीय महाविद्यालय थलीसैण के खेल मैदान की सुरक्षा के लिए सुरक्षा दीवार लगाने के निर्देश दिये। इसके अलावा उन्होंने चाकीसैण-जाख मोटर मार्ग को पीएमजेएसवाई से लोक निर्माण विभाग को हस्तांतरित करने के निर्देश अधिकारियों को दिये गये। वहीं माजरामहादेव -नौलीसैण मोटर मार्ग, समैया-बसोला मोटर मार्ग के डामरीकरण एवं सौन्दर-ऐंठी मोटर मार्ग पर पुल के डीपीआर बनाने निर्देश भी अधिकारियों को दिये।

बैठक में पीएमजेएसवाई के अधिकारियों ने बताया कि उनके पास सड़कों के मरम्मत हेतु बजट की भारी कमी है जिसके लिए राज्य सरकार को अलग से व्यवस्था करनी होगी।

बैठक में प्रमुख अभियंता लोक निर्माण विभाग हरिओम शर्मा, मुख्य अभियंता लोक निर्माण विभाग पौड़ी अयाज अहमद, मुख्य अभियंता पीएमजेएसवाई के.पी. उप्रेती, अधीक्षण अभियंता लोक निर्माण विभाग पौड़ी राजेश चंद्र शर्मा, अधिशासी अभियंता पाबौं दिनेश मोहन गुप्ता, अधिशासी अभियंता श्रीनगर प्रत्यूष कुमार, अधिशासी अभियंता बैजरों आदर्श गोपाल सिंह, अधिशासी अभियंता पीएमजेएसवाई महेन्द्र सिंह, सहायक अभियंता पीडब्ल्यूडी श्रीनगर मुकेश सकलानी सहित कई अधिकारी उपस्थित रहे।

राज्य के विश्व विद्यालयों में लागू होगा अंब्रेला एक्ट, विस में हुआ पास

विधानसभा में उत्तराखंड राज्य विश्वविद्यालय विधेयक 2020 को ध्वनिमत से पास किया गया। उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने इसके लिए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का आभार जताया। साथ ही विस सदस्यों को भी बधाई दी। उन्होंने कहा कि 1973 के बाद प्रदेश के विश्वविद्यालयों में एक समान एक्ट लागू होगा। अभी तक सभी विश्वविद्यालय अपने अलग-अलग अधिनियमों से संचालित हो रहे हैं।

इस कारण विश्वविद्यालयों के संचालन में प्रशासनिक एवं शैक्षणिक व्यवस्था करने में एकरूपता नहीं आ रही थी। लिहाजा अंब्रेला एक्ट आने से अब राज्य के समस्त राज्य पोषित विश्वविद्यालयों में एक समान स्वायत्त एवं उत्तरदायी प्रशासन की स्थापना हो सकेगी।

राज्यमंत्री ने बताया कि अंब्रेला एक्ट के तहत विश्वविद्यालय के कुलपति की नियुक्ति में नई व्यवस्था की गई है। अब कुलपति तीन वर्ष की अवधि या 70 वर्ष की आयु तक पद पर नियुक्ति पा सकेंगे। नए नियमों के तहत कुलपति को अधिकतम एक वर्ष का सेवा विस्तार दिया जा सकेगा।

इसके अलावा कुलपति चयन समिति में पांच सदस्य होंगे, पहले तीन सदस्यों का प्रावधन था। कुलसचिव की नियक्ति की प्रक्रिया एवं सेवा शर्तों में भी कुछ बदलाव किया गया है। यूजीसी मानकों के तहत 50 फीसदी पद विभागीय पदोन्नति से जबकि 50 फीसदी सीधी भर्ती से भरे जाएंगे।

खुशखबरीः रिक्त पदों पर 10 जुलाई तक विज्ञप्ति जारी करने के निर्देश

उत्तराखंड में उच्च शिक्षा निदेशालय समेत प्रदेश के पांच सरकारी विश्वविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसरों व अन्य कार्मिकों के एक हजार पदों की भर्ती की जाएगी। सरकार ने सभी कुलपतियों को 10 जुलाई तक रिक्त पदों की विज्ञप्ति जारी करने के निर्देश दिए हैं।
इन नियुक्तियों में आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग को 10 प्रतिशत आरक्षण का लाभ मिलेगा। दून विश्वविद्यालय, श्रीदेव सुमन विवि, आवासीय विवि में बंपर नौकरियां खुलने वाली है। इन विश्वविद्यालयों में शत प्रतिशत फैकल्टी और स्टाफ नियुक्ति करने के लिए सरकार ने सभी कुलपतियों को रिक्त पदों की विज्ञप्ति 10 जुलाई तक जारी करने के निर्देश दिए हैं।
वहीं उच्च शिक्षा निदेशालय में भी लेखाकार, क्लर्क समेत अन्य कार्मिकों के 186 पदों की भर्ती अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से की जाएगी। नेट क्वालीफाई और पीएचडी धारकों को असिस्टेंट प्रोफेसरों के पदों पर प्राथमिकता मिलेगी।
वहीं उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि प्रदेश के पांच विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षा निदेशालय में सैकड़ों पर पद खाली हैं। इन पदों को भरने के लिए कुलपतियों को 10 जुलाई तक विज्ञप्ति निकालने के निर्देश दिए गए हैं। प्रदेश सरकार इस साल को रोजगार वर्ष के रूप में मना रही है। विश्वविद्यालयों में नियुक्तियों से उच्च शिक्षा प्राप्त युवाओं को नौकरी का अवसर मिलेगा। साथ ही विश्वविद्यालयों में शत प्रतिशत फैकल्टी होगी।

योग को जन आंदोलन बनाने की जरुरतः मुख्यमंत्री

5वें अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर पैवेलियन ग्राउंड देहरादून में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने हजारों योग साधकों के साथ योगाभ्यास किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि नियमित योगाभ्यास हमें मानसिक व शारीरिक रूप से स्वस्थ रखने में मददगार होता है। योगाभ्यास को अपनी दिनचर्या में लाना जरूरी है। योग को जन आन्दोलन बनाने के लिए आम आदमी की सहभागिता को जरूरी बताते हुए कहा कि योग की धारा देवभूमि उत्तराखण्ड से प्रवाहित हुई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि योग भारतीय सभ्यता, संस्कृति तथा जीवन शैली का अभिन्न अंग रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के सार्थक प्रयासों से योग को अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिलना भारत के लिए गर्व की बात है। योग की वजह से वैश्विक पटल पर भारत का विशिष्ट स्थान है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने संयुक्त राष्ट्र संघ में 21 जून को अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने की अपील की थी। 193 देशों ने इसका समर्थन किया था। पतंजलि ने लिखा है जिस प्रकार व्याकरण से भाषा की शुद्धता होती है उसी प्रकार योग से चित्त शुद्ध होता है। उन्होंने कहा कि आज दुनिया भर में योग का महत्व बढ़ा है। योग प्रशिक्षकों की मांग तेजी से बढ़ रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य व मन की शुद्धता के लिए विश्वभर में करोड़ों लोग योगाभ्यास कर रहे हैं। स्वस्थ शरीर व मन से ही सम्पूर्ण विश्व का कल्याण संभव है। उन्होंने कहा कि गत वर्ष प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गरिमामयी उपस्थित में देहरादून में 60 हजार से अधिक लोगों ने योगाभ्यास किया। जिससे देवभूमि व योग भूमि उत्तराखण्ड को विश्वभर में अलग पहचान मिली। उन्होंने कहा कि आत्मा व परमात्मा के मिलन का एकमात्र साधन योग है।
आयुष मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड योग की भूमि रही है। हजारों सालों से ऋषि-मुनियों, महात्माओं ने यहां से देश और दुनिया को योग के माध्यम से स्वस्थ रहने की प्रेरणा दी है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में 250 वैलनेस सेंटर बनाये जायेंगे। एक स्वस्थ जीवन की कल्पना योग से ही जा सकती है। प्रधानमंत्री ने श्री केदारनाथ जी में योग साधना कर बाबा केदार का आशीर्वाद लिया। श्री केदारनाथ जी की यात्रा के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में इससे काफी वृद्धि हुई है।
इस अवसर पर उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, विधायक खजान दास, मुन्ना सिंह चैहान, गोपाल रावत, मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, डीजीपी अनिल कुमार रतूड़ी, सचिव आयुष अरविन्द सिंह ह्यांकी आदि उपस्थित थे।

उच्च शिक्षा मंत्री ने नये विषयों को शामिल करने पर दिया जोर

उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. धनसिंह रावत की अध्यक्षता में सचिवालय में उत्तराखण्ड उच्च शिक्षा परिषद् की 8वीं बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में रूसा फेज-2 में मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा विश्वविद्यालय को महाविद्यालय हेतु अनुमोदित स्वीकृत योजनाओं पर चर्चा हुई तथा रूसा फेज-1 की योजनाओं की प्रगति पर चर्चा हुई।
इस अवसर पर उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धनसिंह रावत ने कहा कि रूसा से आच्छादित सभी राज्य विश्वविद्यालय वर्तमान की आवश्यकता के अनुसार नये विषयों को शामिल करने पर विशेष ध्यान दिया जाए। कॉलेजो में ऐसे ट्रेड या कोर्सेज भी चलाए जाए जो राज्य के स्थानीय कलाओ, परम्परागत शिल्पों, पारम्परिक उद्यमों तथा स्थानीय संसाधनों पर आधारित हो। उन्होंने कहा कि राज्य की भौगोलिक, सामाजिक, आर्थिक एवं सांस्कृतिक पहलुओं से जुड़े विषयों को भी इसमें शामिल किया जा सकता है। उच्च शिक्षा मंत्री रावत ने कहा कि महाविद्यालयों में शासन के निर्धारित मापदण्डों के अनुसार शैक्षणिक व अन्य प्रकार के 172 पदों का अधियाचन भेजा जा चुका है।

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डॉ. धनसिंह रावत द्वारा रूसा फेज-2 में विश्वविद्यालयों के संरचनात्मक अनुदान के अन्तर्गत विश्वविद्यालयों के लिये स्वीकृत धनराशि का समय से सदुपयोग करने के निर्देश दिये गये। उन्होंने निर्देश दिए कि स्वीकृत धनराशि से विश्वविद्यालय में अवस्थापना सुविधाओं का विस्तार शीघ्रता से किया जाए। उन्होंने कॉलेजों को निर्देश दिए कि रूसा-1 के सभी कार्यों को हर हाल में 15 अगस्त तक पूर्ण कर लिया जाए। उन्होंने कहा कि सभी महाविद्यालयों में बायोमैट्रिक से उपस्थिति को सख्ती से लागू किया जाए। इसके लिए जिम्मेदारी तय की जाए।
डॉ. धनसिंह रावत ने निर्देश दिए कि महाविद्यालय का जुलाईध्अगस्त 2019 में नैक से प्रत्यायन के लिये शीघ्रता से प्रयास करें। उन्होंने कहा कि राज्य में मॉडल एवं प्रोफेशनल कॉलेजों को खोलने की कार्यवाही में तेजी लायी जाए। इस अवसर पर उच्च शिक्षा उन्नयन समिति की उपाध्यक्ष दीप्ती रावत भारद्वाज, प्रमुख सचिव आनन्द वर्द्धन सहित विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति एवं महाविद्यालयों के महाविद्यालयों के प्राचार्य उपस्थित थे।

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विज्ञान के प्रतिभावान छात्रों को स्कॉलरशिप देगी सरकार

देहरादून।
यूकॉस्ट विज्ञान और प्रौद्योगिकी और उच्च शिक्षा विभाग मिलकर राज्य के विकास को नई दिशा देंगे। ये कहना है प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत का। रावत गुरूवार को उत्तराखण्ड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यूकॉस्ट), देहरादून एवं राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी भारत, उत्तराखण्ड अध्याय द्वारा संयुक्त रूप से विज्ञान धाम झाजरा में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे।
डा. रावत ने कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी के साथ ही उच्च शिक्षा की जरूरतें और चुनौतियां में काफी समानता है। दोनों विभाग मिलकर राज्य को नई दिशा दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि युवाओं में विज्ञान के प्रति रूचि बढ़ाने के लिए सरकार 100 प्रतिभावान छात्र-छात्राओं को स्कॉलरशिप देगी। डा. रावत ने यूकॉस्ट द्वारा प्रदेश में किये गये कार्यों की प्रशंसा की तथा विज्ञान धाम परिसर के माध्यम से युवाओं को विज्ञान के प्रति रूझान विकसित करने के लिये कार्ययोजना पर सहयोग देने पर भरोसा दिया। उन्होंने राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रूसा) के अन्तर्गत विश्वविद्यालयों के सहयोग से तकनीकी जानकारी व विकास आधारित विषयों पर कार्यशालाओं को शुरू की जाएंगी।
यूकॉस्ट के महानिदेशक डा. राजेन्द्र डोभाल ने मुख्य अतिथि व अन्य मंचासीन अतिथियों सहित सभी प्रतिभागियों को स्वागत सम्बोधन करने के साथ-साथ, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के आयोजन के उद्देश्य के बारे में प्रकाश डाला। उन्होंने पोखरन परमाणु परीक्षण दिवस की स्मृति में इस दिवस का आयोजन पूरे भारत वर्ष में किया जाता है तथा आंचलिक विज्ञान केन्द्र में भी एक विशेष आमंत्रित व्याख्यान आयोजित किया गया है।
इस मौके पर विज्ञान स्तंभकार दिनेश चन्द्र शर्मा, मेकिंग ऑफ डिजीटल इंडिया विषय पर व्याख्यान दिया जिसमें उन्होने भारत में कम्प्यूटिंग मशीन के इतिहास एवं उसकी स्थापना के बारे में जानकारी दी।
इस मौके पर डीएवी पीजी कॉलेज के प्रिंसिपल डा. देवेंद्र भसीन, राकेश ओबराय ने भी विचार रखे। प्रौद्योगिकी दिवस कार्यक्रम का संचालन श्रीमती मोना बाली द्वारा किया गया। इस अवसर पर क्षेत्रीय विज्ञान केन्द्र के सभागार में देहरादून के उच्च शिक्षा व माध्यमिक शिक्षा से सम्बन्धित विभिन्न संस्थानों के छात्र-छात्रायें एवं शिक्षक उपस्थित थे। इस कार्यक्रम में ग्राफिक एरा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एलएमएस पालनी, डीबीएस महाविद्यालय के प्राचार्य डा. ओपी कुलश्रेष्ठ सहित स्पेक्स के सचिव, डा. बृजमोहन शर्मा, डा. बीपी पुरोहित, डा. डीपी उनियाल, डा. आशुतोष मिश्रा, डा. प्रशान्त सिंह, अमित पोखरियाल एवं सुधाकर भट्ट आदि उपस्थित थे।

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