तीन चरणों में होंगे पंचायत चुनाव, 21 अक्टूबर को आयेंगे परिणाम

हरिद्वार को छोड़ राज्य के शेष 12 जिलों में त्रिस्तरीय पंचायत (ग्राम, क्षेत्र और जिला) चुनाव के लिए सरकार से अनुमोदन मिलने के बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने देर शाम चुनाव की अधिसूचना जारी कर दी। इसके साथ ही नगरीय क्षेत्रों और हरिद्वार जिले को छोड़कर राज्यभर में पंचायत चुनाव की आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। 89 विकासखंडों में त्रिस्तरीय पंचायतों में 66640 पदों के चुनाव तीन चरणों छह अक्टूबर, 11 अक्टूबर और 16 अक्टूबर को मतदान होगा। चुनाव की प्रक्रिया 20 सितंबर को नामांकन पत्र दाखिल करने के साथ होगी।
हाईकोर्ट के आदेश के बाद त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से कसरत चल रही थी। इस बीच पंचायतों में आरक्षण का निर्धारण होने के बाद सरकार की ओर से इस संबंध एक सितंबर को आयोग को सूचना दे दी गई थी। इसके बाद आयोग ने भी चुनाव का प्रस्तावित कार्यक्रम सरकार को भेजा। सरकार की ओर से अनुमोदन होने में हो रहे विलंब के चलते संशय भी बना हुआ था। शुक्रवार को गंगोत्री में आर्ट गैलरी के उद्घाटन और करीब दो दर्जन योजनाओं का शिलान्यास व लोकार्पण करने के बाद देहरादून लौटे मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से अनुमोदन मिलने के बाद शाम को शासन ने चुनाव के कार्यक्रम को हरी झंडी दे दी। देर शाम राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनाव की अधिसूचना भी जारी कर दी।
राज्य निर्वाचन आयुक्त चंद्रशेखर भट्ट की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार 89 विकासखंडों में ग्राम पंचायत सदस्य, ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य और जिला पंचायत सदस्य पदों के लिए मतदान तीन चरणों छह अक्टूबर, 11 अक्टूबर और 16 अक्टूबर को होगा। अधिसूचना के मुताबिक पंचायत चुनाव की प्रक्रिया 20 सितंबर से नामांकन दाखिल करने के साथ होगी। 20, 21, 23 व 24 सितंबर को सुबह आठ से शाम चार बजे तक नामांकन पत्र दाखिल किए जाएंगे। 25 सितंबर से 27 सितंबर तक नामांकन पत्रों की जांच होगी। 28 सितंबर को सुबह आठ से दोपहर बाद तीन बजे तक नाम वापस लिए जा सकेंगे। तीनों चरण के लिए यह प्रक्रिया इन्हीं दिनों में चलेगी। अलबत्ता, चुनाव चिह्न आवंटन अलग-अलग तिथियों में होगा। छह अक्टूबर को होने वाले प्रथम चरण के चुनाव के लिए 29 सितंबर को चुनाव चिह्न आवंटित किए जाएंगे। 11 अक्टूबर के द्वितीय चरण के चुनाव को चार अक्टूबर और अंतिम चरण में 16 अक्टूबर को होने वाले चुनाव के लिए नौ अक्टूबर को चुनाव चिह्न आवंटित किए जाएंगे। मतगणना 21 अक्टूबर को सुबह आठ बजे से होगी और इसी दिन शाम से परिणाम भी आने लगेंगे।
आयोग की अधिसूचना के बाद संबंधित जिलों में जिलाधिकारी व जिला निर्वाचन अधिकारी 16 सितंबर को अधिसूचना जारी करेंगे। ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्य व क्षेत्र पंचायत सदस्य पदों के लिए नामांकन दाखिल करने से लेकर मतगणना तक की सभी प्रक्रिया विकासखंड मुख्यालयों में होगी। अलबत्ता, जिला पंचायत सदस्य पदों के लिए नामांकन पत्र दाखिला, जांच, नाम वापसी, चुनाव चिह्न आवंटन संबंधी कार्य जिला पंचायत मुख्यालयों पर होंगे। मतगणना संबंधित विकासखंड मुख्यालय पर होगी और जिला पंचायत सदस्य पदों के निर्वाचन के परिणाम जिला मुख्यालय से घोषित किए जाएंगे।
प्रथम चरण (छह अक्टूबर)-द्वितीय चरण -तृतीय चरण (16 अक्टूबर)
अल्मोड़ा-ताकुला, हवालबाग, लमगड़ा, धौलादेवी- चैखुटिया, द्वाराहाट, ताड़ीखेत, भैंसियाछीना- सल्ट, स्यालदे, भिकियासैंण
ऊधमसिंहनगर-रुद्रपुर, गदरपुर -बाजपुर, काशीपुर, जसपुर -खटीमा, सितारगंज
चंपावत- चंपावत -लोहाघाट, बाराकोट -पाटी
पिथौरागढ़-विण (पिथौरागढ़), मूनाकोट, कनालीछीना-बेरीनाग, गंगोलीहाट – धारचूला, मुनस्यारी, डीडीहाट
नैनीताल- हल्द्वानी, रामनगर, भीमताल – कोटाबाग, धारी, रामगढ़ -बेतालघाट, ओखलकांडा
बागेश्वर-बागेश्वर-गरुड़-कपकोट
उत्तरकाशी-भटवाड़ी, डुंडा-चिन्यालीसौड़, नौगांव -मोरी, पुरोला
चमोली- जोशीमठ, दशोली, घाट- कर्णप्रयाग, पोखरी, गैरसैंण -देवाल, थराली, नारायणबगड़
टिहरी-चंबा, जाखणीधार, भिलंगना-थौलधार, जौनपुर, प्रतापनगर -कीर्तिनगर, देवप्रयाग, नरेंद्रनगर
देहरादून- डोईवाला, रायपुर -सहसपुर, कालसी -विकासनगर, चकराता
पौड़ी- पौड़ी, पाबौ, खिर्सू, कोट, कल्जीखाल -यमकेश्वर, द्वारीखाल, जयहरीखाल, एकेश्वर, दुगड्डा – रिखणीखाल, पोखड़ा, थलीसैंण, नैनीडांडा, बीरोंखाल
रुद्रप्रयाग- ऊखीमठ-जखोली-अगस्त्यमुनि

राज्यसभा चुनाव में दबेगा नोटा, कांग्रेस में मची खलबली

गुजरात राज्यसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को अब सुप्रीम कोर्ट से भी झटका लगा है। गुजरात की 3 सीटों पर 8 अगस्त को होने वाले चुनावों में नोटा प्रयोग पर स्टे लगाने की कांग्रेस की अर्जी सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है। इसका मतलब यह है कि राज्यसभा चुनाव के लिए वोटिंग नोटा के विकल्प के साथ ही होगी। इससे पहले, कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट के सामने दलील दी थी कि अगर नोटा पर स्टे नहीं दिया गया तो विधायकों के वोट दूसरे पक्ष के लोग खरीद लेंगे और उसके कैंडिडेंट्स चुनाव हार जाएंगे।
कांग्रेस ने कहा कि अगर नोटा का ऑप्शन बंद नहीं किया गया तो गुजरात चुनाव में यह भ्रष्टाचार का सबब बन सकता है क्योंकि मुकाबला बेहद कड़ा है। कांग्रेस की ओर से पेश वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि पहली बार ऐसा हुआ है कि गुजरात में तीन राज्यसभा सीट पर चार कैंडिडेट्स खड़े हैं। वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह विधायकों को नोटा का विकल्प देने के मुद्दे पर 18 सितंबर को विस्तृत सुनवाई करेगा।
कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि चुनाव आयोग ने राज्यसभा चुनाव में नोटा के इस्तेमाल से जुड़ा नोटिफिकेशन काफी पहले 2014 में जारी किया था, ऐसे में कांग्रेस को इसकी खामियां इस वक्त क्यों नजर आ रही हैं? सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक, यह एक संवैधानिक मुद्दा है, जिसपर बहस की जरूरत है। कोर्ट ने चुनाव आयोग से कहा कि वह कांग्रेस की याचिका पर 2 हफ्ते में जवाब दे।
कोर्ट ने कांग्रेस के वकील से कहा कि जनवरी 2014 में चुनाव आयोग के नोटिफिकेशन के बाद से हुए कई राज्यसभा चुनाव हुए, उस वक्त आप कहाँ थे और अब जबकि ये आपके फेवर में नही है तब इसे क्यों चुनौती दे रहे हैं? सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम इस बात पर सुनवाई के लिए तैयार है कि राज्यसभा चुनाव में नोटा का प्रावधान संवैधानिक है या नहीं, लेकिन सवाल ये है कि केवल इसी चुनाव के लिए ही क्यों ? चुनाव आयोग ने भी कोर्ट में अपना पक्ष रखा। आयोग ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद नोटा का प्रावधान किया गया है और उसके बाद कई चुनाव हुए जिसमे नोटा का इस्तेमाल भी हुआ।
सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद एनडीए सरकार ने इस मामले में रणनीतिक चुप्पी साध रखी है। अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि गुजरात चुनाव में नोटा के इस्तेमाल को लेकर ईसी की ओर से 24 जुलाई को जारी नोटिफिकेशन से सरकार का कोई संबंध नहीं है। गुजरात की सीटों के लिए होने जा रहे राज्यसभा चुनाव में नोटा के विकल्प का इस्तेमाल होने जा रहा है। बीजेपी ने पार्टी अध्यक्ष अमित शाह, केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी और बलवंत सिंह राजपूत को उम्मीदवार बनाया है। कांग्रेस की तरफ से एकमात्र उम्मीदवार अहमद पटेल हैं। कांग्रेस ने नोटा के इस्तेमाल पर ऐतराज जताया है। कांग्रेस ने कहा है कि चुनाव आयोग बिना संवैधानिक संशोधन के राज्यसभा चुनाव में नोटा के विकल्प का इस्तेमाल नहीं कर सकता। कांग्रेस ने कहा कि यह संविधान के अनुच्छेद 84 का उल्लंघन है।
चुनाव आयोग ने इस मुद्दे पर हुए राजनीतिक विवाद पर करारा जवाब दिया। आयोग ने बुधवार को कहा कि राज्यसभा चुनाव में बैलट पेपर में नोटा के इस्तेमाल करने की पहली घटना नहीं है। आयोग ने आंकड़ों के साथ कहा कि 2014 से लेकर अब तक राज्यसभा के चुनाव 25 बार हुए जिनमें 95 सीटों पर वोटिंग हुई। इन सभी सीटों पर नोटा का इस्तेमाल हुआ था।