पौड़ी में कनेक्टिविटी बढ़ाकर पलायन रोका जा सकता हैः मुख्य सचिव

मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु ने सचिवालय में देवप्रयाग और ऋषिकेश के मध्य पौड़ी क्षेत्र से कनेक्टिविटी बढ़ाए जाने के सम्बन्ध में लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों और जिलाधिकारी पौड़ी के साथ बैठक आयोजित की।

मुख्य सचिव ने कहा कि कनेक्टिविटी को बढ़ाकर इस क्षेत्र में पलायन को रोका जा सकता है, साथ ही, कनेक्टिविटी बढ़ने से इन क्षेत्रों का विकास हो सकेगा और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। उन्होंने जिलाधिकारी पौड़ी से देवप्रयाग से ऋषिकेश के मध्य ऐसे क्षेत्रों को चिन्हित करने के निर्देश दिए जहां मोटर पुल बनाकर अधिक से अधिक जनसंख्या को लाभान्वित किया जा सकता है या ऋषिकेश – देहरादून से कनेक्टिविटी बढ़ाई जा सकती है।
मुख्य सचिव ने लोक निर्माण विभाग को भी निर्देश दिए कि इस सम्बन्ध में अपने स्तर पर भी प्रस्ताव तैयार किए जाएं। उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में पहले से झूला पुल हैं इन्हें विकसित कर मोटर पुल बनाकर अपग्रेड भी किया जा सकता है। इसके लिए संभावनाएं तलाशी जाएं।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु एवं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिलाधिकारी पौड़ी आशीष चौहान उपस्थित थे।

अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव का सीएम ने किया उद्धाटन, यह मंत्री भी रहे मौजूद

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ऋषिकेश स्थित योग भरत घाट में आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव में प्रतिभाग किया। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड देश की सांस्कृतिक राजधानी ही नहीं अपितु योग और वेलनेस का उत्कृष्ट केंद्र भी है। इसलिए राज्य सरकार प्रदेश में योग व वेलनेस केंद्रों का विकास करने के लिए निरंतर कार्य कर रही है। योग हमारे प्रदेश की प्राचीनतम परंपरा है, योग के माध्यम से उत्तराखंड के लोगों को देश विदेश में नई पहचान मिली है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा योग के क्षेत्र में काम कर रहे उत्तराखंड के लोगों को सम्मानित किया जाना समस्त प्रदेशवासियों के लिए सम्मान का विषय है। यह हमारा सौभाग्य है कि इस अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव में पद्मश्री से सम्मानित आदरणीय योगाचार्य स्वामी शिवानंद जी, रजनीकांत जी का मार्गदर्शन प्राप्त हो रहा है। योग महोत्सव में आगंतुकों को जहां एक ओर योग, ध्यान और प्राणायाम की बारीकियों को सीखने का मौका मिलता है, वहीं दूसरी ओर वे नाड़ी परीक्षण और आयुर्वेद शिविरों के माध्यम से अपनी समस्याओं का निःशुल्क समाधान भी पाते हैं।

उन्होंने कहा कि ऋषिकेश की आध्यात्मिक भूमि पर संध्या काल में गंगा आरती, भजन, संकीर्तन और आंचलिक लोक-संगीत की धुन योग महोत्सव में भाग लेने वालों को उत्तराखंड की संस्कृति और विरासत से रूबरू कराने का कार्य करेगी। आज हम कितने तनावपूर्ण माहौल में क्यों न हों, कुछ मिनट का ध्यान हमें आराम देता है, हमारी क्षमताओं को बढ़ा देता है। इसलिए, हमें योग को एक अतिरिक्त काम के तौर पर नहीं लेना है, हमें योग को जानना भी है, हमें योग को जीना भी है, हमें योग को पाना भी है और हमें योग को अपनाना भी है। आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत, विश्व को योग का संदेश दे रहा है, ऐसे में अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव का महत्व और भी बढ़ जाता है।

मुख्यमंत्री ने कहा की ऋषिकेश की नैसर्गिक सुंदरता भी ऐसी है कि लोग स्वयं यहां प्रकृति का आनंद लेने के लिए आते हैं और योग महोत्सव के दौरान यह सौंदर्य और आनंद अपने चरम को छू लेता है। संपूर्ण विश्व में आज हमारे ऋषिकेश को योग की अंतरराष्ट्रीय राजधानी कहा जाता है, यह हम सभी के लिए बड़ी गौरव की बात है।

उन्होंने कहा की कुछ ही दिनों बाद यहां होने वाली जी20 बैठक के बाद तो ऋषिकेश की इस आध्यात्मिक भूमि से विश्व का कोना कोना परिचित हो जायेगा। आज प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में घर-घर में योग का प्रचार हुआ है, आज योग ’पार्ट ऑफ लाइफ’ नहीं बल्कि अब ’वे ऑफ लाइफ’ बन चुका है। उन्होंने कहा कि ऋषि-मुनियों की तपस्थली ऋषिकेश जैसे भारत के आध्यात्मिक केन्द्रों ने जिस योग-ऊर्जा को सदियों से पोषित किया, आज वो योग ऊर्जा विश्व स्वास्थ्य को दिशा दे रही है। आज योग वैश्विक सहयोग का पारस्परिक आधार बन रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज योग मानव मात्र को निरोगी जीवन का विश्वास दे रहा है, आज दुनिया के अलग-अलग देशों में सूर्याेदय के साथ, सूर्य की गति के साथ, लोग योग कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि कि इस महोत्सव में आयोजित होने वाले सत्रों की सार्थक चर्चा, हमारी सरकार को योग के क्षेत्र में और अधिक कार्य करने के लिए प्रेरित करेगी।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्देशन में उत्तराखण्ड की हमारी डबल इंजन की सरकार उत्तराखण्ड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के अपने विकल्प रहित संकल्प को पूरा करने के लिए संकल्पबद्ध होकर निरंतर कार्य कर रही है। आज जब पूरी दुनिया में हमारे प्रदेश की पहचान योग और आध्यात्म की जननी के रूप में है, तब हम सभी का दायित्व है कि इस पहचान को उत्कृष्टता प्रदान करने का कार्य करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी चार धाम यात्रा यहां आने वाले श्रद्धालुओं, पर्यटकों को सुगम और सरल हो इसके लिये व्यापक तैयारियों की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले बार की यात्रा में तमाम चुनौतियों के बावजूद 50 लाख से अधिक यात्री देवभूमि के दर्शन हेतु आये। इस बार अभी तक 1.51 लाख रजिस्ट्रेशन हो चुके है तथा जीएमवीएन को 4 करोड़ की बुकिंग प्राप्त हो चुकी है। होटल व्यवसायियों की भी बुकिंग यात्रियों द्वारा की जा रही है। इस अवसर मुख्यमंत्री ने आस्थापथ सेतु के विस्तार की भी घोषणा की।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने पद्मश्री स्वामी शिवानन्द को सम्मानित किया। जबकि पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज द्वारा पद्मश्री रजनीकान्त को सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री गंगा आरती में भी शामिल हुए, उन्होंने गंगा पूजन कर प्रदेश की खुशहाली की कामना की। इसके पश्चात मुख्यमंत्री ने योग पर आधारित आकर्षक ड्रोन शो का भी अवलोकन किया।

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि यह महोत्सव उत्तराखण्ड के पर्यटन को नये आयाम प्रदान करेगा। इससे हमारे परम्परागत उत्पादों को भी पहचान मिलेगी। देश व दुनिया के लोगों को यहां की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से परिचित होने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा की यहां की बर्ड वाचिंग के साथ कई क्षेत्रों में पहचान बन रही है। राज्य के अन्य पर्यटन क्षेत्रों को पहचान दिलाने का भी कार्य किया जा रहा है। वेडिंग डेस्टिनेशन को भी उत्तराखण्ड में प्रमोट करने का कार्य किया जा रहा है। जिससे लोग यहां विवाह कर देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त करें। अनेक धार्मिक सर्किटों के माध्यम से प्रदेश को पहचान दिलाने का कार्य भी किया जा रहा है। इससे पर्यटन को और अधिक बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने सभी श्रद्धालुओं से अपील की कि चारधाम के साथ लगे अन्य दर्शनीय स्थलों का भी भ्रमण करें।

सचिव पर्यटन सचिन कुर्वे ने सभी आगन्तुको का स्वागत करते हुए अन्तराष्ट्रीय योग महोत्सव के अवसर पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों की जानकारी दी। सचिव पर्यटन ने कहा कि यह योग महोत्सव उत्तराखण्ड के पर्यटन को बढ़ावा देने के हमारी अतिथि देवो भवः की परम्परा को और अधिक प्रभावी बनाने मे मददगार होगा। उन्होंने बताया कि अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव 2023 में 6 प्रतिष्ठित योग संस्थान भाग ले रहे हैं ईशा फाउंडेशन, आर्ट ऑफ लिविंग, रमामणि अयंगर स्मृति योग संस्थान, कैवल्यधाम, कृष्णमाचार्य योग मंदिरम तथा शिवानंद योग वेदांत सेंटर।

कार्यक्रम को कैबिनेट मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल, सुबोध उनियाल ने भी सम्बोधित किया।

जोशीमठ आपदा मे अपनाई जायेगी अब तक की सबसे बेहतर विस्थापन प्रक्रिया

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने जोशीमठ प्रकरण में कांग्रेस को करारा जबाब देते हुए विश्वास दिलाया कि इस कल्पनाविहीन आपदा में अब तक की सबसे अच्छी विस्थापन प्रक्रिया अपनाई जाएगी । उन्होने पत्रकारों से बातचीत में कहा हमारी प्राथमिकता प्रभावितों की जान.माल की रक्षा करते हुए उनके और पर्यटकों के मन का भय समाप्त करना है और विपक्ष की प्राथमिकता राजनीति करना है नियुक्ति प्रकरणों को लेकर उन्होंने कहा की धामी सरकार ने संज्ञान में आए सभी मामलों में कठोरतम कार्यवाही कर उस मिथक को भी तोड़ा है जिसमे भर्ती प्रक्रियाओं में गड़बड़ी की चर्चाएँ.संदेह होते थेए लेकिन कभी कार्यवाही नहीं होती थी। उन्होंने सीएम द्वारा प्रभावितों को स्वरोजगार योजनाओं से जोड़ने के निर्देशों का भी स्वागत किया है।

पार्टी प्रदेश मुख्यालय में मीडिया से अनौपचारिक बातचीत के दौरान महेंद्र भट्ट ने कहा जोशीमठ जैसी आपदा की कल्पना भी नहीं किसी को नहीं थीए ऐसे में हमारी सरकार की प्राथमिकता सबसे पहले प्रभावित लोगों के जान.माल की रक्षा करना था जिसे बखूबी अंजाम दिया जा रहा है इसके बाद हमारी कोशिश है स्थानीय लोगों के मन से आपदा के भय को निकाला जाये ताकि बेहतर जोशीमठ के निर्माण के लिए सबका सहयोग लिया जायेए साथ ही प्रयासरत हैं कि इस आपदा के बाद पहाड़ों में पर्यटन व्यवसाय प्रभावित न हो उन्होने कहा कि कांग्रेस के पास कोई मुद्दा नहीं है इसलिए उनकी प्राथमिकता इस संवेदनशील मुद्दे पर भी राजनीति करना है

ने संगठन को लेकर पूछे गए सवाल के जबाब में कहा कि 29.30 जनवरी को मुनि की रेती में होने वाली प्रदेश कार्यसमिति तक सभी जिलों में मोर्चा टीमों का गठन कर लिया जाएगा उसके उपरांत मार्च माह तक बूथ एकाइयों व पन्ना स्तर की टीम भी तैयार कर ली जाएगी

डुबकी वाले बाबा को शौर्य इंजीनियरिंग कंपनी ने किया सम्मानित

हरिद्वार में डुबकी वाले बाबा इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है डुबकी वाले बाबा के नाम से वीडियो वायरल होने के बाद देश विदेश में लाखों लोगों के द्वारा देखा गया है जिसकी सराहना भी करते नज़र आ रहे है।

ठंड में श्रद्धालुओं के नाम की डुबकी लगाकर पैसे लेने की बात करते मनोज निषाद करीब 50 जरूरतमंद बच्चों के लिए ठंड में गर्म कपड़ों का इंतजाम करते हैं। उनके द्वारा बीते 31 दिसम्बर को 60 जरूरतमंद बच्चों तक गर्म जैकेट एवं गर्म टोपी पहुँचाई गयी है, यही नहीं, वह गंगा संरक्षण के लिये भी कार्य कर रहे है।

मनोज की इस भावना को देखते हुए आज सामाजिक कार्यकर्ता व शौर्य इंजीनियरिंग कम्पनी के डायरेक्टर सूर्या प्रकाश व चन्द्र प्रकाश ने गंगा प्रहरी मनोज निषाद को सम्मानित किया।

कंपनी के डायरेक्टर सूर्य प्रकाश ने कहा कि मनोज निषाद जैसे लोग जो समाज मे जमीनी स्तर पर निःस्वार्थ भाव से कार्य करते रहते है। ऐसे लोग हम सभी के लिए प्रेरणा स्त्रोत है। मनोज के सामाजिक प्रयासों की सराहना कर चन्द्र प्रकाश जी ने कहा कि मनोज ने काफी समय से हरिद्वार भूपतवाला में अस्पताल बनवाने की मांग की। जिसे आज पूरा भी किया जा रहा है।

कंपनी के द्वारा मनोज को भविष्य में उनके द्वारा किये जा रहे हर प्रयास में सम्भव सहायता प्रदान करने का आश्वस्न दिया गया।

गढ़ भूमि लोक संस्कृति संरक्षण समिति ने आगामी कार्यक्रमों को लेकर की बैठक

गढ़ भूमि लोक संस्कृति संरक्षण समिति ढालवाला द्वारा माह जनवरी 2023 में दो दिवसीय लोक संस्कृति कार्यक्रम आयोजित करेगी।
गढ़ भूमि लोक संस्कृति संरक्षण समिति ढाल वाला द्वारा जनवरी 2023 में दो दिवसीय लोक संस्कृति कार्यक्रम के संदर्भ मे आसाराम व्यास के संरक्षण में बैठक हुई। जिसकी अध्यक्षता समिति के महासचिव विशाल मणि पैन्यूली एवं संयोजन गजेंद्र कंडियाल द्वारा की गई। बैठक में सुरेंद्र सिंह भंडारी, घनश्याम नोटियाल, धनीराम बिंजोला, रवि नोटियाल, महिपाल बिष्ट,के डी व्यास, निर्मला शर्मा, शशि कंडारी ने अपने विचार व्यक्त किए
उक्त बैठक मे समिति के सदस्यों ने निर्णय लिया कि दिनांक 2 जनवरी 2023 से 3 जनवरी 2023 तक दो दिवसीय लोक संस्कृति पर आधारित कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। जिसमें उत्तराखंड की लोक गाथा पर आधारित वीर भड़ माधो सिंह भंडारी नाट्य मंचन आयोजित किया जाएगा। साथ ही स्थानीय विद्यालयों के छात्र छात्राओं के द्वारा लोक संस्कृति कार्यक्रम के साथ समाज मे श्रेष्ठ कार्य करने वाले प्रतिभा संवर्धन सम्मान समारोह आयोजित किया जाएगा।

रक्षा मंत्रालय कर सकता है लैंसडौंन का नाम परिवर्तन, जानिए क्या हो सकता है नया नाम


देहरादून। रक्षा मंत्रालय ने प्रस्ताव पर अमल किया तो उत्तराखंड राज्य के पौड़ी जिले में स्थित सैन्य छावनी क्षेत्र लैंसडौन का नाम बदलकर ‘कालौं का डांडा (अंधेरे में डूबे पहाड़)’ हो जाएगा। 100 साल से भी अधिक पुराने लैंसडौन नाम को बदलने की तैयारी है। रक्षा मंत्रालय ने लैंसडौन के सैन्य अधिकारियों से इस संबंध में रिपोर्ट मांगी है। लैंसडौन नाम से पहले इस इलाके को ‘कालौं का डांडा’ नाम से पुकारा जाता था। रक्षा मंत्रालय ने ब्रिटिशकाल में छावनी क्षेत्रों की सड़कों, स्कूलों, संस्थानों, नगरों और उपनगरों के रखे गए नामों को बदलने के लिए उत्तराखंड सब एरिया के साथ सेना के अधिकारियों से प्रस्ताव मांगें हैं।

उनसे ब्रिटिशकाल के समय के नामों के स्थान पर क्या नाम रखे जा सकते हैं, इस बारे में भी सुझाव देने को कहा गया है। बता दें कि स्थानीय स्तर पर लंबे समय से लैंसडौन का नाम बदलने की मांग होती आ रही है। स्थानीय लोग लैंसडौन का नाम कालौं का डांडा रखने की मांग करते आए हैं। इस संबंध में रक्षा मंत्रालय को भी पत्र भेजे जा चुके हैं।

तत्कालीन वायसराय लैंसडौन के नाम से बदल गया नाम
गढ़वाली जवानों की वीरता और अद्वितीय रणकौशल से प्रभावित होकर 1886 में गढ़वाल रेजीमेंट की स्थापना हुई। पांच मई 1887 को ले.कर्नल मेरविंग के नेतृत्व में अल्मोड़ा में बनी पहली गढ़वाल रेजीमेंट की पलटन चार नवंबर 1887 को लैंसडौन पहुंची। उस समय लैंसडौन को कालौं का डांडा कहते थे। इस स्थान का नाम 21 सितंबर 1890 तत्कालीन वायसराय लार्ड लैंसडौन के नाम पर लैंसडौन रखा गया।

608 हेक्टेयर में फैला है लैंसडौन
लैंसडौन नगर सैन्य छावनी क्षेत्र है, जो 608 हेक्टेयर में फैला है। नगर के आधे से अधिक भाग में बांज, बुरांस और चीड़ के वृक्षों के सदाबहार वनों का विस्तार है। यह एक प्रसिद्ध और पसंदीदा पर्यटक स्थल भी है।

केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट ने कहा समय-समय पर क्षेत्र के लोग नाम बदलने की मांग करते हैं। ऐसे प्रस्तावों का रक्षा मंत्रालय परीक्षण करता है। देश, काल और परिस्थितियों को देखकर प्रस्ताव पर विचार किया जाता है।

पुलिस ने लापता रिसेप्शनिस्ट मामले में छह कर्मचारियों से की पूछताछ

यमकेश्वर प्रखंड के गंगा भोगपुर स्थित रिसार्ट से संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हुई रिसेप्शनिस्ट का अभी तक कुछ पता नहीं चल पाया है। शुरुआत से ही संदिग्ध प्रतीत हो रहा यह मामला अब राजस्व पुलिस से नागरिक पुलिस में ट्रांसफर कर दिया गया है।

युवती के स्वजन की ओर जताई गई अनहोनी की आशंका के चलते वहीं पुलिस ने रिसार्ट पर ताला जड़कर वहां मौजूद छह कर्मचारियों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। जबकि युवती की गुमशुदगी दर्ज कराने वाला रिसार्ट स्वामी तथा मैनेजर अभी तक पुलिस के सामने नहीं आए हैं।

राजस्व क्षेत्र गंगा भोपगुर स्थित वनंन्तरा रिसार्ट में ग्राम श्रीकोट पट्टी नांदलस्यूं पौड़ी गढ़वाल निवासी अंकिता भंडारी (19 वर्ष) पुत्री वीरेंद्र सिंह भंडारी रिसेप्शनिस्ट के रूप में कुछ समय से काम कर रही थी।

बताया जा रहा है कि 19 सितंबर की सुबह अंकिता भंडारी रिसार्ट के अपने कमरे में नहीं मिली। जिसके बाद रिसार्ट के संचालक पुलकित कुमार ने राजस्व पुलिस को तहरीर दी।

उसमें बताया कि अंकिता कुछ समय से अंकिता मानसिक तनाव में थी। उसके मन को बहलाने के लिए पुलकित और सौरभ उसे 18 सितंबर को दुपहिया वाहन पर ऋषिकेश की ओर ले गए थे। जहां से देर सायं को वह सभी रिसार्ट में लौट आए थे।

इसके बाद वह अपने-अपने कमरे में सोने के लिए चले गए। 19 सितंबर की सुबह पता चला कि अंकिता अपने कमरे में नहीं है।

जिसके बाद अंकिता की काफी तलाश की गई मगर, उसका कुछ पता नहीं चल पाया।

अंकिता के पिता से भी जानकारी लेने पर पता चला कि वह गांव भी नहीं पहुंची।

ऋषिकेश महाविद्यालय में छात्रों ने की तालाबंदी, सीटें बढ़ाने का है मामला

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्रों ने ऋषिकेश पीजी कॉलेज के प्राचार्य के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। छात्रों ने कॉलेज गेट के बाहर प्रदर्शन कर नारेबाजी की। छात्रों का आरोप था कि कॉलेज के प्राचार्य के पास एक साथ तीन प्रभार हैं। इनमें दो प्रभार वे तत्काल छोड़ दें। साथ ही कॉलेज में प्रवेश की सीटें बढ़ाने की मांग भी उठाई।

एबीवीपी के छात्र ऋषिकेश के पीजी कॉलेज के गेट के बाहर एकत्रित हुए। यहां गेट पर तालाबंदी कर नारेबाजी शुरू कर दी। एबीवीपी के जिला संयोजक शुभम शर्मा ने कहा कि प्राचार्य प्रो. गुलशन कुमार धींगड़ा के पास एक साथ तीन प्रभार हैं। जिनमें प्राचार्य, एमलटी विभाग और बीएससी साइंस के डीन का पद शामिल हैं। उन्होंने प्राचार्य से एक पद पर रहने की मांग की है। उन्होंने बताया कि इसके अलावा हाल ही में श्रीदेवन सुमन विश्वविद्यालय के कुलपति ने 50 लाख रुपये की घोषणा की थी, जिसका निर्माण कार्य में प्रयोग होना था। आरोप लगाया कि बिना टेंडर प्रकिया के कार्य करवाए गए हैं। छात्रों ने प्राचार्य पर अभद्र व्यवहार करने का भी आरोप लगाया।

उन्होंने प्रवेश से वंचित छात्रों के लिए सीटें बढ़ाने की मांग भी रखी। छात्रों ने कुलपति पीपी ध्यानी और राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) गुरमीत सिंह के नाम एक ज्ञापन भी प्रेषित किया। तालाबंदी करने वालो में पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष विवेक शर्मा, गौरव राणा, नितिन सक्सेना, जितेंद्र पाल, अनुराग पाल, दीपक भारद्वाज, शुभम शर्मा, अमन शर्मा, रोहित सोनी, अनिरूद्ध शर्मा, हिमांशु जाटव, दीपक कुमार, आकाश उनियाल, संदीप कुमार, चेतन कपरूवान, शिवम प्रजापति, अभय वर्मा, राजू ठाकुर, अनूप पाल, विनायक कुमार, सिमरन अरोड़ा, साक्षी तिवारी, राखी आदि शामिल रहे।

गढ़़वाल महासभा ने किया लोकगीत ढोल दमाऊ रांसो मंडाण का लोकार्पण

चखुलि फिल्मस के बैनर तले लोकगीत ढोल दमाऊ रांसो मंडाण का लोकार्पण आज देहरादून रोड़ स्थित अंतरराष्ट्रीय गढ़वाल महासभा के कार्यालय पर किया गया।

महासभा के अध्यक्ष डॉ राजे सिंह नेगी, महामंत्री उत्तम असवाल एवं गीत को अपने सुरों से सजाने वाली प्रसिद्ध लोक गायक धूम सिंह रावत ने संयुक्त रूप इसका लोकार्पण किया।

मौके पर डा. राजे सिंह नेगी ने कहा कि निश्चित ही यह लोकगीत देवभूमि उत्तराखण्ड की समृद्ध लोक सांस्कृतिक विरासत एवं पारम्परिक पौराणिक वाद्य यंत्रों को जीवंत बनाये रखने में कारगर सिद्ध होगा। उन्होंने कहा कि समाज में छिपी प्रतिभाओं को निखारने तथा उन्हें अपनी प्रतिभा को प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान किये जाने के प्रयास किये जाने चाहिए।

गीत को अपनी सुमधुर आवाज से सजाने वाले लोक गायक धूूूम सिंह रावत ने बताया कि उनके साथ इस गीत को लोक गायिका ममता शाह ने गाया है। गीत के निर्माता जलम सिंह नेगी, रिकॉर्डिंग वीरेंद्र पंवार, एडिटिंग विकास उनियाल ने की है, सहयोग समाजसेवी हंसराज बडोनी, अंकित बिरमानी, प्रिया सिंह, राजेश रमोला, उदयराज कठैत, राकेश सिंह राणा ने किया।

सीएम ने सुद्धोवाला में किया आईआरबी के प्रशासनिक भवन का लोकार्पण

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को सुद्धोवाला स्थित आई.आर.बी द्वितीय के प्रशासनिक भवन का लोकार्पण एवं द्वितीय चरण के भवनों का शिलान्यास किया। इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि निर्माण कार्यों की गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखने के निर्देश सभी विभागों एवं कार्यदायी संस्थाओं को दिये गये हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में चार धाम यात्रा पूरे चरम पर है ऐसे में पुलिस की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है। देश दुनिया से आने वाले श्रद्धालु देवभूमि से अच्छा संदेश लेकर जाएं यह सबकी जिम्मेदारी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड पर्यटन प्रदेश है और पुलिस हमारी ब्रांड एंबेसडर है। पुलिस के ध्येय वाक्य मित्रता, सेवा और सुरक्षा को चरितार्थ करने के लिए पूरे मनोयोग काम करना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि चार धाम यात्रा को लेकर सरकार लगातार मॉनिटरिंग कर रही है। बीते 2 सालों में कोविड संक्रमण के कारण यात्रा नहीं चल पाई है ऐसे में इस बार यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या कई गुना बढ़ गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि चार धाम यात्रा हमारी चुनौती है लेकिन सरकार इसे सुव्यवस्थित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। चारधाम यात्रा शुरू होने से पूर्व यात्रा से संबंधित सभी व्यवस्थाओं कई महत्वपूर्ण बैठकें आयोजित की गई। चारधाम यात्रा से जुड़े सभी क्षेत्रों के प्रतिनिधियों के साथ भी बैठक की गई।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि बीते कुछ समय में चार धाम यात्रा में जितने भी घटनाएं हुई हैं, वह यात्रा में अव्यवस्था एवं भगदड़ मचने से नहीं बल्कि अन्य स्वास्थ्यगत कारणों से हुई है। मुख्यमंत्री ने चार धाम यात्रा पर आने वाले नौजवानों से अनुरोध करते हुए कहा है कि नौजवान पहले बुजुर्ग एवं महिलाओं को दर्शन करने का मौका दें। मुख्यमंत्री ने पुलिस विभाग के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि पुलिस विभाग नियमों का कड़ाई से पालन करें और अतिरिक्त सावधानी बरते। स्मार्ट पुलिसिंग के लिए तकनीक का अधिक से अधिक इस्तेमाल करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड नवोदित राज्य है। प्रदेश 22वें साल में पहुंच गया है ऐसे में पुलिस की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि एसओजी, एसटीएफ, साइबर सेल जैसे अलग-अलग शाखाओं में काम करने वाले पुलिसकर्मियों की स्पेशल ट्रेनिंग कराई जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने पुलिसकर्मियों के कोविड काल में किए गए कार्यों को प्रोत्साहित करते हुए 10 हज़ार रुपए की सम्मान राशि दी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 1700 कांस्टेबल की भर्ती प्रक्रिया गतिमान है सरकार आगे भी पुलिस जवानों की भर्ती प्रक्रिया कराएगी। उन्होंने कहा कि आईआरबी 3 बटालियन के गैरसैंण में गठन के लिए जो प्रस्ताव आया है, सरकार उसका परीक्षण करवाएगी।
अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि सरकार सरलीकरण, समाधान और संतृष्टि के भाव से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि पुलिस जवान हमेशा फर्स्ट रिस्पांडर के रूप में काम करते हैं और चार धाम में भी पुलिस अपनी भूमिका बखूबी निभा रही है। उन्होंने कहा कि पुलिस कर्मी यात्रियों के साथ विनम्रता का व्यवहार करें ताकि उत्तराखण्ड की छवि और बेहतर बनाया जा सके। अपर मुख्य सचिव ने पुलिस परिवार की महिलाओं और बच्चों पर विशेष ज़ोर देते हुए उनके कल्याण हेतु महत्वपूर्ण कदम उठाने के सुझाव दिए। कार्यक्रम पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने आईआरबी के गठन, उसके उपयोग एवं भविष्य के कार्य योजनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
इस दौरान विधायक सहसपुर सहदेव सिंह पुंडीर, एडीजी पी.वी.के. प्रसाद समेत पुलिस विभाग के अन्य अधिकारी मौजूद रहे।