श्रमिकों की कुशलक्षेम जानने वाले परिजनों का खर्चा उठाएगी धामी सरकार

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों को निकालने का काम तेजी से चल रहा है। इस दौरान यदि श्रमिकों के परिजन हाल जानने को आ रहे हैं तो उनका आवागमन, रहने-खाने का इंतजाम सरकार करेगी। इसके लिए वरिष्ठ अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके अलावा दूसरे राज्य के अधिकारियों से बचाव कार्य समेत अन्य जानकारी साझा करने को समन्वय टीम में तीन और अधिकारियों को मौके पर भेज दिया है। सभी अधिकारियों को बचाव कार्य से जुड़ी व्यवस्थाओं में तत्काल योगदान देने के निर्देश दिए गए हैं।

उत्तरकाशी के सिलक्यारा सुरंग हादसे में फंसे 41 श्रमिकों को सुरक्षित निकालने को बचाव कार्य सभी स्तर पर युद्धस्तर पर चल रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सुरंग में बचाव कार्य के साथ ही श्रमिकों के कुशलक्षेम पूछने आ रहे परिजनों से बेहतर समन्वय स्थापित कर पल पल की जानकारी साझा की जा रही है। इसके लिए दूसरे राज्यों के श्रमिकों के परिजनों व इन राज्यों के अधिकारियों से संपर्क व समन्वय बनाए रखने को घटना के दिन से ही उत्तरकाशी में पुलिस का कॉट्रोल रूम स्थापित किया जा चुका है। वहां से परिजनों को अपडेट जानकारी दी जा रही है। शासन स्तर पर भी वरिष्ठ आईएएस डॉ नीरज खैरवाल को केंद्रीय संस्थानों, एजेंसियों और विशेषज्ञों की टीम से समन्वय की जिम्मेदारी पहले ही दी गई है। साथ ही एसडीएम शैलेन्द्र सिंह नेगी को भी पहले से मौके पर भेजा गया है।

इसके अलावा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के गत दिवस सिलक्यारा में दिए गए निर्देशों पर गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडेय ने हरिद्वार के एसडीएम मनीष सिंह, डीएसओ हरिद्वार तेजबल सिंह और डीपीएओ रुद्रप्रयाग अखिलेश मिश्रा को टीम में शामिल करने के आदेश दे दिए हैं। यह सभी अधिकारी जिलाधिकारी उत्तरकाशी के निर्देश पर श्रमिकों के परिजनों के लिए भोजन, आवास और परिवहन के अलावा बचाव कार्य से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण व्यवस्था देखेंगे। सभी को तत्काल मौके पर जिम्मेदारी का निर्वहन करने के निर्देश दिए गए हैं।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उत्तराखंड सरकार ने श्रमिकों के परिजनों को घटना स्थल तक आवागमन, प्रवास तथा अन्य जरूरी देखभाल का भी पूरा इंतजाम सरकार ने किया है, ताकि श्रमिकों की कुशलक्षेम जानने के लिए यहां आने वाले परिजनों को कोई कठिनाई न हो। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि श्रमिकों के जो परिजन यहां आना चाह रहे हैं उनके आवागमन का व्यय उत्तराखंड सरकार वहन करेगी। इसके लिए उक्त अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि यहां आने वाले जरूरतमंद परिजनों के मोबाईल रिचार्ज से लेकर भोजन, आवास व आवागमन जैसी जरूरतमंद वाली सभी व्यवस्था की जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस काम को पूरी संवेनदशीलता व तत्परता के साथ किया जाय। ताकि सुरंग में फंसे श्रमिकों और उनके परिजनों को किसी तरह की परेशानी न उठानी पड़े।

वहीं, सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों को सुरक्षित निकालने के लिये चलाये जा रहे रेस्क्यू अभियान में सहयोग करने के भारत सरकार के आग्रह पर अंतरराष्ट्रीय स्तर के टनल विशेषज्ञ अर्नाेल्ड डिक्स भी सिलक्यारा पहुंच गए। अर्नाेल्ड डिक्स इंटरनेशनल टनलिंग एंड अंडरग्राउंड स्पेस एशोसिएशन (आईटीए) के अध्यक्ष है।

उत्तराखंड सरकार के केंद्रीय संगठनों से रेस्क्यू अभियान में समन्वय के नोडल अधिकारी और सचिव डॉ. नीरज खैरवाल, एनएचएआईडीसीएल के एमडी महमूद अहमद, निदेशक अंशु मनीष खलखो, जिलाधिकारी अभिषेक रूहेला ने टनल विशेषज्ञ अर्नाेल्ड डिक्स के साथ विचार विमर्श कर रेस्क्यू अभियान की रणनीति पर चर्चा की।

उधर, सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों को सुरक्षित निकालने के लिये चलाये जा रहे रेस्क्यू अभियान में केंद्रीय संगठनों से समन्वय बनाने के लिए उत्तराखंड सरकार की तरफ से नियुक्त नोडल अधिकारी डॉ. नीरज खैरवाल ने आज सिलक्यारा पहुंचकर राहत और बचाव अभियान का जायजा लिया। श्री खैरवाल अभी एनएचएआईडीसीएल के एमडी महमूद अहमद, निदेशक अंशु मनीष खलखो, जिलाधिकारी अभिषेक रूहेला और रेस्क्यू अभियान में जुटे विभिन्न केंद्रीय संगठनों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं।

गौरतलब कि उत्तराखंड सरकार के द्वारा सिलक्यारा में राहत और बचाव कार्यों में जुटे केंद्रीय संगठनों के साथ समन्वय, अनुश्रवण और राज्य की ओर ज़रूरी सुझाव देने के लिए शासन के सचिव डॉ. नीरज खैरवाल को नोडल अधिकारी नियुक्त किया है।

सिलक्यारा सुंरग हादसाः सरकार ने श्रमिकों के परिजनों को आवागमन व प्रवास सहित अन्य के लिए किया गया है इंतजाम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि सिलक्यारा सुरंग हादसे में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए केन्द्र सरकार के प्रयासों के साथ राज्य सरकार पूरी तत्परता और प्रतिबद्धता के साथ जुटी हुई है। धामी ने कहा कि राज्य सरकार इस रेस्क्यू अभियान में हर संभव सहयोग करने के साथ ही सुरंग में फंसे श्रमिकों व उनके परिजनों के मनोबल को बनाए रखने पर भी विशेष ध्यान दे रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि दूसरे राज्यों के श्रमिको के परिजनों व इन राज्यों के अधिकारियों से संपर्क व समन्वय बनाए रखने के लिए शासन स्तर पर भी एक अधिकारी की तैनाती की जा रही है। उत्तराखंड सरकार ने श्रमिकों के परिजनों को आवागमन व प्रवास तथा अन्य जरूरी देखभाल का भी इंतजाम किया है, ताकि श्रमिकों की कुशलक्षेम जानने के लिए यहां आने वाले परिजनों को कोई कठिनाई न हो।
आज सिलक्यारा पहुंचने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी के साथ रेस्क्यू अभियान का निरीक्षण व समीक्षा करने के बाद सुरंग में फंसे श्रमिकों के परिजनों से भेंट कर उन्हें आश्वस्त किया कि उत्तराखंड सरकार उरनकी हर संभव मदद करेगी।

मुख्यमंत्री ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा कि केंद्र एवं राज्य सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता टनल में फंसे मजदूरों को सकुशल बाहर निकालना है। जिसकी समीक्षा की पीएमओ कार्यालय से की जा रही। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा की इस घड़ी में हम सभी को मजदूर एवं उनके परिजनों का हौसला बनाए रखना है। उन्होंने कहा कि सिलक्यारा सुरंग हादसे से सबक लेकर सुरक्षा के दृष्टिगत उत्तराखंड में राज्य सरकार की टनल परियोजनाओं की समीक्षा की जाएगी।

इस मौके पर धामी ने राज्य सरकार के अधिकारियों को निर्देशित किया कि वह केन्द्रीय एजेंसियों द्वारा संचालित रेस्क्यू अभियान में निरंतर इसी भांति सहयोग करें। रेस्क्यू अभियान में राज्य सरकार के संसाधनों और संगठनों की जो भी आवश्यकता हो उसे तत्काल उपलब्ध कराया जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि सुरंग में फंसे श्रमिकों व उनके परिजनों का मनोबल बनाए रखने के लिए मनोचिकित्सक के माध्यम से काउंसलिंग की व्यवस्था करने के साथ ही अधिकारी भी उनसे निरंतर संवाद कर उनकी जरूरतों को जानकर पूरा करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रमिकों के जो परिजन यहां आना चाह रहे हैं उनके आवागमन का व्यय उत्तराखंड सरकार वहन करेगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि यहां आने वाले जरूरतमंद परिजनों के मोबाइल रिचार्ज से लेकर भोजन, आवास व आवागमन का व्यवस्था की जाय। इस व्यवस्था के समन्वय के लिए शासन स्तर पर एक अधिकारी को जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस काम को पूरी संवेदनशीलता व तत्परता के साथ किया जाय।

इस दौरान उत्तराखंड के मुख्य सचिव डा. एस.एस. संधू, आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव डा. रंजीत सिन्हा, विधायक यमुनोत्री संजय डोभाल, विधायक गंगोत्री सुरेश चौहान, विधायक पुरोला दुर्गेश्वर लाल, जिलाधिकारी अभिषेक रूहेला, पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी, भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर चौहान, जिलाध्यक्ष सत्येन्द्र राणा, अनु.जाति मोर्चा का राष्ट्रीय मंत्री डा. स्वराज विद्वान मौजूद रहे।

केंद्रीय मंत्री गडकरी ने की सिलक्यारा सुरंग में चल रहे रेस्क्यू अभियान की समीक्षा

केन्द्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन जयराम गडकरी ने सिलक्यारा सुरंग का स्थलीय निरीक्षण कर सुरंग में फंसे श्रमिकों को निकालने के चलाए जा रहे रेस्क्यू अभियान की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने कहा कि देश व दुनिया में उपलब्ध श्रेष्ठतम विशेषज्ञों का लाभ उठाकर सुरंग में फंसे लोगों को निकालने के लिए हरसंभव प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने रेस्क्यू अभियान में जुटे संगठनों और अधिकारियों को अधिकतम तैयारी और आवश्यक संसाधनों का समय रहते मुकम्मल इंतजाम करने की हिदायत देते हुए कहा कि रेस्क्यू के हर विकल्प पर उच्च क्षमता व तत्परता के साथ काम किया जाय।

केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने आज उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ सिलक्यारा का दौरा कर सुरंग के भीतर जाकर घटनास्थल का जायजा लिया और सुरंग परियोजना व रेस्क्यू अभियान में जुटे लोगों से इस हादसे व बचाव अभियान के बारे में जानकारी ली। उन्होंने सुरंग में फंसे श्रमिकों के परिजनों से भी मुलाकात की और भरोसा दिलाया कि सरकार पूरी ताकत और शिद्दत से रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी है। रेस्क्यू अभियान में शुरुआती दौर में आई कठिनाईयों को देखते हुए अब हर संभव विकल्पों पर एक साथ काम शुरू कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि श्रमिकों की जान बचाना सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता है, किसी भी बेहतर संभावना वाले विकल्प के लिए कोई भी कीमत चुकानी पड़े सरकार चुकाएगी। गडकरी एवं मुख्यमंत्री धामी ने परिजनों का आश्वस्त किया कि केन्द्र और राज्य सरकार श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए कोई भी कसर बाकी नहीं रहने देगी।

गडकरी ने रेस्क्यू में जुटे संगठनों व प्रशासन के अधिकारियों की बैठक लेकर रेस्क्यू अभियान की समीक्षा कर नए विकल्पों और संभावनाओं के बारे में भी विस्तार से विचार-विमर्श किया। उन्होंने कहा कि देश के साथ ही दुनियाभर में इस रेस्क्यू के लिए उपलब्ध उच्चतम दक्षता, अनुभव और संसाधनों का ब्यौरा तत्काल जुटाकर इस अभूतपूर्व चुनौती से निपटने के लिए जो भी उपयोगी समाधान नजर आए, उस पर फौरन अमल किया जाय। उन्होंने कहा कि श्रमिकों की जान सबसे कीमती है और इस बचाने के लिए युद्धस्तर पर दिनरात चतुर्दिक प्रयास किए जांय।

बैठक में जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ ही सेना, आरवीएनएल, एसजेवीएनएल, ओएनजीसी, बीआरओ, टीएचडीसी सहित विभिन्न संगठनों के अधिकारियों ने भाग लिया।
केन्द्रीय मंत्री गडकरी अपने भ्रमण के दौरान पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के सचिव अनुराग जैन इस अभियान को लेकर सभी संगठनों से समन्वय करने के साथ ही संसाधनों को जुटाने व स्थल तक पहॅुचाने में मदद करेंगे।

इस दौरान उत्तराखंड के मुख्य सचिव डा. एस.एस. संधू, आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव डा. रंजीत सिन्हा, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अपर सचिव महमूद अहमद, पीएमओ के उप सचिव मंगेश घिल्डियाल, प्रधानमंत्री के पूर्व सलाहकार व उत्तराखंड सरकार के विशेष कार्याधिकारी भास्कर खुल्बे, विधायक यमुनोत्री संजय डोभाल, विधायक गंगोत्री सुरेश चौहान, विधायक पुरोला दुर्गेश्वर लाल, जिलाधिकारी अभिषेक रूहेला, पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी, कर्नल दीपक पाटिल, मुख्य विकास अधिकारी गौरव कुमार, एनएचआईडीसीएनल के निदेशक अंशु मनीष खलखो, अधिशासी निदेशक संदीप सुधेरा सहित विभिन्न विभागों व संगठनों के अधिकारी मौजूद रहे।

सिलक्यारा सुरंग रेस्क्यू पर पल पल अपडेट ले रहे मुख्यमंत्री धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सिलक्यारा सुरंग रेस्क्यू कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। पीएमओ के मार्गदर्शन में राज्य सरकार सुरंग में फंसे सभी श्रमिकों को सकुशल निकालने के प्रयास में जुटी है। सुरंग में फंसे लोगों के रेस्क्यू के लिए देश और दुनिया में ईजाद की गई आधुनिक तकनीक की मदद ली जा रही है। उम्मीद है कि जल्द इसमें सफलता मिल जायेगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों के रेस्क्यू पर पल पल अपडेट ले रहे हैं। मुख्यमंत्री ने आज शासकीय आवास पर अधिकारियों के साथ श्रमिकों के बचाव के लिए चल रहे रेस्क्यू कार्यों की समीक्षा की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि रेस्क्यू ऑपरेशन में आ रही बाधाओं से निपटने के लिए हर आवश्यक कदम उठाए जाएं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भी लगातार बचाव अभियान का अपडेट लिया जा रहा है। ऐसे में ग्राउंड जीरो पर जो भी रेस्क्यू कार्य किया जा रहा है, अधिकारी एजेंसियों के साथ बेहतर समन्वय बनाकर समय पर अंजाम तक पहुंचाएं। रेस्क्यू कार्य के लिए जिन संसाधनों की जरूरत है, उनको तत्काल एजेंसियों को मुहैया करा कर तेजी से कार्य कराएं। सरकार की प्राथमिकता में श्रमिकों को सुरक्षित और समय पर बाहर निकालना है।

श्रमिकों और परिजनों के साथ सरकार खड़ी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि मुसीबत में फंसे श्रमिकों के परिजनों के साथ सरकार खड़ी है। अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि वह सभी परिजनों को रेस्क्यू की हर पल की जानकारी देते रहें। इसके अलावा सिलक्यारा पहुंचे परिजनों के लिए भी सहायता केंद्र खोलने और उनके रहने-खाने की जरूरत के हिसाब से मदद की जाए। उन्होंने कहा कि विपदा की इस घड़ी में परिजनों को धैर्य बनाये रखने की जरूरत है। सरकार हर वक्त उनके साथ खड़ी है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सिलक्यारा सुरंग आपदा से निपटने के लिए देश और दुनिया में चले पुराने सुरंग रेस्क्यू के अनुभवों के आधार पर कार्य किए जा रहे हैं। इसके लिए अधिकारी पड़ोसी राज्य हिमचाल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर समेत दुनिया के कई देशों में सुरंग निर्माण और आपदा के बाद हुए रेस्क्यू की तकनीकी को अपना रहे हैं। पीर पंजाल, अटल सुरंग, भंवर टोंक, सँगलदान जैसी बड़ी सुरंग निर्माण और लूज गिरने के बाद रेस्क्यू की जानकारी जुटाई जा रही है। इसी के अनुसार रेस्क्यू टीम श्रमिकों को बाहर निकालने के प्रयास में जुटी हैं।
मुख्यमंत्री की समीक्षा बैठक में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, विशेष प्रमुख सचिव अभिनव कुमार, सचिव मुख्यमंत्री शैलेश बगौली, गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडेय, अपर पुलिस महानिदेशक ला एंड ऑर्डर ए.पी.अंशुमन, सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी एवं मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारी उपस्थित थे।

उत्तरकाशीः रेस्क्यू ऑपरेशन पर वर्चुअल माध्यम से निरंतर निगरानी बनाए हुए हैं मुख्यमंत्री धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सिलक्यारा में चल रहे हैं रेस्क्यू ऑपरेशन पर निरंतर निगरानी बनाए हुए हैं। मुख्यमंत्री धामी ने कमिश्नर गढ़वाल, आईजी गढ़वाल तथा राहत एवं बचाव में लगी एजेंसियों से सिलक्यारा में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन तथा टनल में फंसे श्रमिकों की कुशलक्षेम की पल-पल की अपडेट ले रहे हैं।

एक कार्यक्रम में इंदौर, मध्य प्रदेश में होने के बावजूद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कमिश्नर गढ़वाल तथा आईजी गढ़वाल से निरंतर संपर्क में हैं तथा सिल्क्यारा में संचालित हो रहे रेस्क्यू ऑपरेशन की निरंतर अपडेट ले रहे हैं।

इसके साथ ही राहत एवं बचाव के कार्यों में लगी एजेंसियों से भी मुख्यमंत्री हर पल की अपडेट ले रहे हैं। मुख्यमंत्री ने युद्ध स्तर पर चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए संबंधित अधिकारियों एवं राहत एवं बचाव एजेंसियों का हौसला बढ़ाया। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि आज हमारे समक्ष बड़ी चुनौती आ खड़ी हुई है जिसका सामना हमें पूरी हिम्मत, हौसले और धैर्य से सफलतापूर्वक करना है। राज्य सरकार, प्रशासन के साथ ही केंद्रीय एजेंसियों एवं केंद्र सरकार का हमें इसमें पूरा सहयोग मिल रहा है। केंद्र सरकार एवं केंद्रीय गृह मंत्री रेस्क्यू ऑपरेशन पर निरंतर निगरानी बनाए हुए हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वयं घटना एवं राहत एवं बचाव कार्यों की जानकारी ली है।

गौरतलब है कि सिल्क्यारा पोलगांव निर्माणाधीन रोड टनल में भूस्खलन की घटना के बाद से ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने तत्काल मुख्यमंत्री आवास में शासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर निर्देश दिये कि मौके पर तैनात जिला प्रशासन के अधिकारियों एवं वहां पर कार्य कर रही एजेंसियों से निरन्तर समन्वय बनाकर रखें, राहत सामग्री की किसी भी प्रकार की आवश्यकता पड़ने पर, शीघ्र उपलब्ध कराई जाए।

मुख्यमंत्री के निर्देश पर शासन द्वारा सिल्क्यारा सुरंग में हुए भूस्खलन के अध्ययन एवं कारणों की जांच के लिए निदेशक उत्तराखंड भूस्खलन न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र की अध्यक्षता में गठित समिति में शामिल विशेषज्ञों ने स्थल का निरीक्षण कर जांच की कार्रवाई शुरू कर दी है। राहत एवं बचाव के कार्य तेजी से चल रहे हैं।

केंद्र सरकार से कोटद्वार खोह नदी की सफाई के काम को मिली मंजूरी

उत्तराखण्ड राज्य को नमामि गंगे परियोजना के तहत् गंगा नदी जल प्रदूषण नियंत्रण के लिए लगभग 135 करोड रूपए की लागत परियोजना को राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन, जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार की 52 वीं कार्यकारी समिति की बैठक में सैद्धान्तिक स्वीकृति मिली है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत का आभार व्यक्त किया है।

स्वीकृत परियोजना में उत्तराखंड के जनपद पौड़ी गढ़वाल क्षेत्र के कोटद्वार शहर में बहने वाली खोह नदी में गिरने वाले 09 नालों को टैप करने एवं 21 एम.एल.डी. सीवेज शोधन संयंत्र के निर्माण की स्वीकृति हेतु सहमति (लागत- लगभग 135 करोड़) प्रदान की गई है।

खोह नदी कोटद्वार नगर से बहते हुये रामगंगा नदी में मिलती है, जो कि आगे चलकर गंगा नदी की प्रमुख सहायक नदी है। परियोजना के निर्माण से खोह एवं रामगंगा नदी के पारिस्थितिकी तंत्र में तो सुधार होगा ही साथ ही साथ गंगा नदी में दूषित जल का प्रवाह रूकेगा।

जी. अशोक कुमार, महानिदेशक, राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार की अध्यक्षता में सम्पन्न बैठक में उत्तराखंड राज्य से अरविन्द सिंह ह्यांकी, सचिव, पेयजल एवं स्वच्छता, रणवीर सिंह चौहान कार्यक्रम निदेशक एसपीएमजी, उत्तराखंड द्वारा प्रतिभाग किया गया ।

मुख्यमंत्री ने की गौचर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को उच्चीकृत करने की घोषणा

गौचर में 71वॉं राजकीय औद्योगिक विकास एवं सांस्कृतिक मेले का शानदार आगाज हो गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गौचर मेले का विधिवत उद्घाटन किया। मेले के उद्घाटन समारोह में मुख्यमंत्री के पहुंचने पर पारंपरिक वाद्य यंत्रों एवं फूल मालाओं से भव्य स्वागत किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने गौचर में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का उच्चीकरण करने की घोषणा भी की।

गौचर मेले में विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मेले हमारे जीवन में इंद्रधनुषी रंगों की तरह हैं और जीवन में ताजगी और उत्साह भर देते हैं। प्राचीन समय में, जब संचार और परिवहन की कोई ऐसी सुविधाएं नहीं थीं, तो इन मेलों ने सामाजिक ताने- बाने को बुनने में बहुत मदद की और लोगों का सामाजिक और व्यावहारिक दायरा बढ़ाया। गौचर मेला संस्कृति, बाजार तथा उद्योग तीनों के समन्वय के कारण हमारे राज्य का एक प्रसिद्ध राजकीय मेला है। उन्होंने मेले को भव्य एवं आकर्षक स्वरूप देने के लिए जिला प्रशासन की सराहना भी की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि औद्योगिक विकास के लिए बुनियादी ढांचे को मजबूत करना अत्यंत आवश्यक है। इसके लिए रोड कनेक्टिविटी, रेल कनेक्टिविटी, रोपवे कनेक्टिविटी, हवाई कनेक्टिविटी सहित ऊर्जा एवं जल संरक्षण के क्षेत्र में विशेष कार्य किए जा रहे हैं। प्रदेश में चारधाम सड़क परियोजना, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाईन का निर्माण तथा निर्माणाधीन रोपवे परियोजनाएं इस बात का उदाहरण हैं। राज्य सरकार प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में प्रदेश के विकास के लिए तत्पर है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड को विकसित राज्य बनाने का ‘‘विकल्प रहित संकल्प‘‘ के साथ कार्य किये जा रहे हैं। इस संकल्प के कुछ पड़ाव हमने पार कर लिए हैं पर अभी बहुत काम करना बाकी हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने अंत्योदय परिवारों को तीन गैस सिलेंडर देने, प्रदेश की महिलाओं के लिये 30 प्रतिशत के क्षैतिज आरक्षण, समान नागरिक संहिता, धर्मांतरण पर रोक के लिये कानून और सख्त नकल विरोधी कानून लागू करने का काम किया है। राज्य आंदोलनकारियों व उनके आश्रितों को सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत का क्षैतिज आरक्षण की व्यवस्था भी की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे लिए प्रदेश और प्रदेश का हित सर्वाेपरि हैं। प्रदेश में किसी भी वर्ग का अहित नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने देवभूमि उत्तराखंड को देश का एक ‘श्रेष्ठ राज्य‘ बनाने के लिए सभी के सहयोग और मार्गदर्शन करते रहने की बात कही।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार राजपाल सिंह बिष्ट को गोविन्द प्रसाद नौटियाल पत्रकार सम्मान और “विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षण संस्थान, उत्तराखण्ड“ को पंडित महेशानन्द नौटियाल शिक्षा और साहित्य प्रसार सम्मान से सम्मानित भी किया।

क्षेत्रीय विधायक अनिल नौटियाल एवं मेला उपाध्यक्ष अंजू बिष्ट ने गौचर मेले का शुभारंभ करने पर मुख्यमंत्री का हार्दिक अभिनंदन एवं स्वागत किया और मुख्यमंत्री को क्षेत्र की समस्या से अवगत कराते हुए समस्याओं के निदान के लिए मांग पत्र भी दिया।

गौचर मेले में पहले दिन रावल देवता की पूजा के बाद प्रातः स्कूली बच्चों ने प्रभात फेरी निकाली। मेलाध्यक्ष/जिलाधिकारी हिमांशु खुराना द्वारा झंडारोहण कर मार्चपास की सलामी ली गई। गौचर मेला मुख्य द्वार से चटवापीपल पुल तक एवं वापसी उसी रूट से होते हुए मुख्य मेला द्वार तक क्रास कण्ट्री दौड़ का आयोजन किया गया। खेल मैदान में बालक एवं बालिकाओं की दौड़, नेहरू चित्रकला प्रतियोगिता, शिशु प्रदर्शनी और शिक्षण संस्थाओं द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। मेले की पहली सांस्कृतिक संध्या पर रात्रि को प्रसिद्ध जागर गायिका बसंती बिष्ट द्वारा लोकगीत, नृत्य और जागर के साथ ही गायक जितेंद्र तुमक्याल और श्वेता मेहरा द्वारा कुमांऊनी नृत्य और संगीत की प्रस्तुति दी जाएगी। गौचर मेले में पारम्परिक पहाडी संस्कृति से सजा पांडाल मेलार्थियों के बीच खासे आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है।

मेले के उद्घाटन के अवसर पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट, सांसद अजय टम्टा, कर्णप्रयाग विधायक अनिल नौटियाल, थराली विधायक भूपाल राम टम्टा, रुद्रप्रयाग विधायक भरत चौधरी, राज्य मंत्री रमेश गडिया, पूर्व विधायक मुन्नी देवी शाह, कर्णप्रयाग ब्लाक प्रमुख/मेला उपाध्यक्ष चन्द्रेश्वरी देवी, गौचर नगर पालिका अध्यक्ष/मेला उपाध्यक्ष अंजू बिष्ट, कर्णप्रयाग नगर पालिका अध्यक्ष दमयंती रतूड़ी, जिलाधिकारी/मेलाध्यक्ष हिमांशु खुराना, पुलिस अधीक्षक रेखा यादव, मुख्य विकास अधिकारी डा. ललित नारायण मिश्र, एडीएम डा. अभिषेक त्रिपाठी, मेलाधिकारी संतोष कुमार पांडेय, कोषाध्यक्ष सुरेंद्र सिंह देव आदि सहित बडी संख्या में मेलार्थी मौजूद थे।

सिलक्यारा में भूस्खलन के अध्ययन को समिति ने शुरू की जांच


शासन के द्वारा सिलक्यारा सुरंग में हुए भूस्खलन के अध्ययन एवं कारणों की जांच के लिए निदेशक उत्तराखंड भूस्खलन न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र की अध्यक्षता में गठित समिति में शामिल विशेषज्ञों ने स्थल का निरीक्षण कर जांच की कार्रवाई शुरू कर दी है। जांच समिति में शामिल विशेषज्ञों का यह दल बीते दिन ही घटनास्थल पर पहुँच गया था। दल के द्वारा सुरंग एवं इसके ऊपर की पहाड़ी का सर्वेक्षण किया जा रहा है।

विशेषज्ञों के इस दल यूएसडीएमए देहरादून के निदेशक डॉ. शांतनु सरकार, वाडिया इंस्टिट्यूट ऑफ हिमालय जियोलॉजी के वैज्ञानिक डॉ. खइंग शिंग ल्युरई, जीएसआई के वैज्ञानिक सुनील कुमार यादव, वरिष्ठ वैज्ञानिक सीबीआरआई रुड़की कौशिल पंडित, उपनिदेशक भूतत्व एवं खनिजकर्म विभाग जी.डी प्रसाद और भूवैज्ञानिक यूएसडीएमए देहरादून तनड्रिला सरकार शामिल हैं।

मुख्यमंत्री ने पीएम मोदी को दूरभाष पर दी उत्तरकाशी टनल में फंसे लोगों के लिए राहत और बचाव कार्यों की जानकारी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन के माध्यम से उत्तरकाशी के सिल्क्यारा के पास टनल में फँसे श्रमिकों के बारे में जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने राहत और बचाव कार्यों की विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि विभिन्न राज्य और केंद्रीय एजेंसियां परस्पर समन्वय और तत्परता के साथ राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं।

मुख्यमंत्री ने बताया कि उन्होंने स्वयं मौके पर जाकर स्थलीय निरीक्षण किया और बचाव कार्यों पर लगातार नजर रखें हैं। बचाव कार्य के लिए बड़े व्यास के ह्यूम पाइप हरिद्वार और देहरादून से भेजे जाने की व्यवस्था कर दी गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सुरंग के अंदर फंसे सभी मजदूर सुरक्षित हैं और उन्हें जल्द बाहर निकलने की पूरी कोशिश की जा रही है।

अब तक प्रधानमंत्री दो बार मुख्यमंत्री से स्थिति की जानकारी ले चुके हैं। केंद्रीय गृह मंत्री और रेल मंत्री भी सीएम धामी से बात कर चुके हैं। केंद्रीय एजेंसियां और एक्सपर्ट मौके पर मौजूद हैं।

प्राथमिकता के आधार पर सुरंग में फंसे लोगों को निकालना होगाः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उत्तरकाशी के सिलक्यारा के पास सुरंग में हुए भू धसाव की घटना का स्थलीय निरीक्षण पहुंचे। इस दौरान उन्होंने सिलक्यारा टनल में फंसे श्रमिकों को निकालने के लिए जारी बचाव एवं राहत कार्यों का जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने स्वयं टनल में जाकर राहत एवं बचाव कार्यों की स्थिति को जाना।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्थलीय निरीक्षण के दौरान अधिकारियों को राहत एवं बचाव कार्य में और अधिक तेजी लाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सुरंग में फंसे मजदूरों को जल्द सुरक्षित निकालना सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता है, जिसके लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने राहत और बचाव अभियान में जुटे अधिकारियों और विभिन्न एजेंसियों को परस्पर बेहतर समन्वय और तत्परता के साथ राहत और बचाव कार्य उच्च दक्षता और पूरी क्षमता के साथ चलाने के निर्देश देते हुए कहा कि अभियान के लिए बाहर से जिस तरह के संसाधनों व तकनीकी सहायता की आवश्यकता होगी उसे सरकार यथाशीघ्र उपलब्ध कराएगी। उन्होंने कहा किसी भी स्तर पर कोई भी आवश्यकता होने पर शीघ्र शासन को सूचित किया जाए।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राहत और बचाव कार्यों के लिए सभी संभव विकल्पों पर विचार किया जा रहा है। बचाव कार्य के लिए बड़े व्यास के ह्यूम पाइप हरिद्वार और देहरादून से भेजे जाने की व्यवस्था कर दी गई है। मुख्यमंत्री ने भरोसा जताया की ईश्वर की कृपा और बचाव अभियान में जुटे लोगों के अथक प्रयासों के चलते सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों को जल्द सुरक्षित निकाल लिया जाएगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फोन के माध्यम से टनल में फंसे श्रमिकों की स्थिति, राहत एवं बचाव कार्यों के संबंध में विस्तृत जानकारी ली। उन्होंने बताया प्रधानमंत्री ने इस दुर्घटना से निपटने हेतु हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। साथ ही हर स्थिति पर नजर बनाए रखने के निर्देश भी दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा केंद्रीय एजेंसियों को भी राहत और बचाव कार्यों में सहयोग करने हेतु निर्देशित किया गया है।
जिलाधिकारी अभिषेक रूहेला, पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी, एनएचआईडीसीएल तथा अन्य एजेंसी के अधिकारियों ने राहत एवं बचाव कार्यों की जानकारी देते हुए बताया कि टनल में फंसे श्रमिकों को निकालने के लिए मलवा हटाने का कार्य निरंतर जारी है, मलवा हटाने के लिए हैवी एक्सकैवेटर मशीनों को जुटाया गया है। दरकते मलबे को थाने के लिए मशीनों से शार्टक्रीटिंग की जा रही है। टनल में फंसे मजदूरों से पाइप के जरिये संदेशों का आदान प्रदान किया गया है। पाइपलाइन के जरिए ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है। इसी पाइपलाइन के जरिए रात में चने के पैकेट कंप्रेसर के जरिए दबाव बनाकर टनल में फंसे श्रमिकों तक भेजे गए हैं।
मुख्यमंत्री के साथ घटना स्थल पर पहुंचे गढ़वाल मंडल के आयुक्त विनय शंकर पांडे ने भी राहत और बचाव कार्यों को लेकर अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए। इस दौरान विभिन्न विशेषज्ञ एवं रेस्क्यू अभियान में जुटे दस्तों के प्रमुख मौजूद रहे।
यमुनोत्री क्षेत्र के विधायक संजय डोभाल, ब्लॉक प्रमुख डुंडा शैलेन्द्र कोहली, भाजपा जिलाध्यक्ष सत्येंद्र राणा और राष्ट्रीय मंत्री स्वराज विद्वान भी इस दौरान साथ रहे।