स्वास्थ्य मंत्री ने नर्सिंग भर्ती के संबंध में दिये विभागीय अधिकारियों को निर्देश

सूबे में स्टाफ नर्स की वर्षवार भर्ती में आ रही अड़चनों को शीघ्र दूर कर दिया जायेगा। जिसके लिये विभागीय अधिकारियों को जरूरी निर्देश दे दिये गये हैं। स्वास्थ्य निदेशालय एवं जिला स्तर पर लम्बे समय से रिक्त पदोन्नति के पदों की डीपीसी कर शीघ्र भरने के निर्देश भी अधिकारियों को दिये गये। प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत प्रदेशभर में संचालित टीबी मुक्त उत्तराखंड अभियान को सफल बनाने के लिये अधिक से अधिक लोगों को नि-क्षय मित्र बनाने एवं ‘रक्तदान अमृत महोत्सव’ के अंतर्गत लोगों का पंजीकरण कर स्वैच्छिक रक्तदान के लिये प्रेरित करने के लिये विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये।

चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने आज शासकीय आवास में स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक ली। जिसमें उन्होंने राजकीय चिकित्सालयों एवं मेडिकल कॉलेजों में स्टाफ नर्स के रिक्त 2800 सौ पदों पर शीघ्र भर्ती करने के लिये संशोधित नियमावली तैयार करने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिये। डॉ0 रावत ने बताया कि स्टाफ नर्स की वर्षवार भर्ती में आ रही अड़चनों को तत्काल दूर किया जायेगा। इसके लिये विभागीय अधिकारियों आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिये। विभागीय मंत्री ने स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन में लम्बे समय से रिक्त पदों को प्रतिनियुक्ति के आधार पर भरे जाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि लम्बे समय से खाद्य निरीक्षक, औषधि निरीक्षक व अन्य कार्मिकों के पद रिक्त होने से विभागीय कार्य प्रभावित होते हैं। इसी प्रकार डॉ0 रावत ने स्वास्थ्य महानिदेशालय एवं जिला स्तर पर आईईसी के रिक्त पदों को प्रतिनियुक्ति के आधार पर भरे जाने के निर्देश दिये। प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत प्रदेशभर में चलाये जा रहे अभियान को सफल बनाने के लिये निरंतर निगरानी करने को कहा। इसके साथ ही टीबी रोगियों की देखभाल एवं उपचार के लिये अधिक से अधिक नि-क्षय मित्र बनाने पर भी जोर दिया। इसके अलावा प्रदेशभर में चलाये जा रहे ‘रक्तदान अमृत महोत्सव’ के लक्ष्य को पूरा करने के लिये राज्य व जिला स्तर के अधिकारियों को जन जागरूकता अभियान में तेजी लाने के निर्देश दिये।

बैठक में सचिव स्वास्थ्य डॉ0 आर राजेश कुमार, अपर सचिव चिकित्सा शिक्षा गरिमा रौंकली, अपर सचिव न्याय, प्रभारी महानिदेशक डॉ0 विनीता शाह, निदेशक एनएचएम डॉ0 सरोज नैथानी सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

यूएचएसडीपी से एनएबीएच एक्रिडिएशन को जुटाये जायेंगे संसाधन

केन्द्र पोषित उत्तराखंड हेल्थ सिस्टम्स डेवलपमेंट परियोजना के जरिये जिला अस्पतालों की सूरत बदली जायेगी। परियोजना के प्रथम चरण में सूबे के पांच जिला चिकित्सालयों का चयन कर सुधारीकरण का कार्य गतिमान है। जिसके तहत अस्पतालों की गुणवत्ता संवर्द्धन के लिये एनएबीएच स्तरीय मानकों के अनुरूप संसाधन जुटाने का लक्ष्य निर्धारित किये गये हैं। ताकि आने वाले समय में जिला अस्पतालों को आसानी से एनएबीएच मान्यता मिल सके।

स्वास्थ्य मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने स्वास्थ्य महानिदेशालय देहरादून में एनएचएम के अंतर्गत केन्द्र पोषित उत्तराखंड हेल्थ सिस्टम्स डेवलपमेंट परियोजना की समीक्षा बैठक ली। जिसमें उन्होंने अधिकारियों को परियोजना के अंतर्गत चयनित पांच जिला चिकित्सालयों अल्मोड़ा, बागेश्वर, रूद्रप्रयाग, चमोली तथा जिला महिला चिकित्सालय पिथौरागढ़ की स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़करण कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि परियोजना के अंतर्गत चयनित चिकित्सालयों में एनएबीएच स्तरीय मानक पूर्ण करने के लिये गैप एसेसमेंट के आधार पर शासन द्वारा पूर्व में ही डीपीआर अनुमोदित कर लगभग रूपये 74 करोड़ की धनराशि जारी की जा चुकी है। जिसके तहत चयनित जिला चिकित्सालयों में 10 विशेषज्ञ चिकित्सक, 10 स्टॉफ नर्स, 2 लैब टेक्निशियन, एक एक्स-रे टेक्नीशियन तथा एक मैट्रन तैनात किये जाने का प्रावधान है। इसके अलावा परियोजना के अंतर्गत अस्पतालों में बायोमेडिकल वेस्ट प्रबंधन प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई है। इस कार्य हेतु रूपये 20 करोड़ की धनराशि स्वीकृत कर दी गई है जबकि शीर्ष प्रशिक्षण संस्थान आईआईएचएमआर जयपुर एवं एएससीआई हैदराबाद के माध्यम से सीएमओ, सीएमएस व एसीएमओ को कौशल संबर्द्धन हेतु प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसी प्रकार चयनित चिकित्सालयों में लोक निजी सहभागिता के अंतर्गत कम्युनिकेशन कार्य योजना एवं डिजास्टर मैनेजमेंट प्लान भी अपडेट किया जा रहा है। विभागीय मंत्री ने उम्मीद जताई है कि वर्ष 2023 तक परियोजना के पूर्ण क्रियान्वयन पर चयनित जिला चिकित्सालयों में अमूलचूल परिर्वतन देखने को मिलेगा, जिससे चिकित्सालयों को एनएबीएच एक्रिडिएशन कराने में खासी मदद मिलेगी।
समीक्षा बैठक में प्रभारी अधिकारी डॉ0 अमित शुक्ला ने बताया कि परियोजना के अंतर्गत विशेषज्ञ चिकित्सकों के स्वीकृत 50 पदों के सापेक्ष 28 पदों पर तैनाती दे दी गई है। इसी प्रकार स्टॉफ नर्स के स्वीकृत 50 पदों, एक्स-रे टेक्नीशियन तथा मैट्रन के 05 पदों एवं लैब टेक्नीशियन के 10 पदों के सापेक्ष पूर्ण तैनाती कर दी गई है। जबकि अधिकारियों के प्रशिक्षण का कार्य गतिमान है।

बैठक में प्रभारी सचिव स्वास्थ्य डॉ0 आर0 राजेश, निदेशक एनएचएम डॉ0 सरोज नैथानी, एपीडी यूएचएसडीपी डॉ0 प्रेम लाल, संयुक्त निदेशक पीपीपी डॉ0 अमित शुक्ला, वित्त नियंत्रक बिरेन्द्र कुमार, डॉ0 विपुल विश्वास, डॉ0 राजन अरोड़ा सहित विभगाय अधिकारी उपस्थित रहे।

चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टॉफ का बनेगा पृथक कैडर

चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत की अध्यक्षता में सचिवालय स्थित मुख्य सचिव सभागार में आयोजित बैठक में चारधाम यात्रा मार्ग पर तीर्थ यात्रियों की सुविधा को देखते हुये नये अस्पताल खोलने का निर्णय लिया गया है। इसके साथ ही इन अस्पतालों के लिये चिकित्सकों एवं पैरामेडिकल स्टॉफ का पृथक से कैडर बनाया जायेगा। मुख्य सचिव डॉ एसएस संधु ने प्रभारी सचिव स्वास्थ्य आर राजेश कुमार को नये अस्पतालों की शीघ्र डीपीआर तैयार करने के निर्देश दिये हैं।
स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने बताया कि चार धाम यात्रा मार्ग पर तीर्थ यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुये यात्रा मार्ग पर आधुनिक सुविधाओं से युक्त नये अस्पताल खोलने का निर्णय लिया गया है। इन अस्पतालों में चिकित्सकों, टेक्नीशियनों एवं पैरामेडिकल स्टॉफ के लिये पृथक कैडर बनाया जायेगा, जिनको अन्य अस्पतालों से अधिक वेतनमान दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारियों को दो सप्ताह के भीतर डीपीआर बनाकर कैबिनट के लिये प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दे दिये गये हैं। रावत ने कहा कि आने वाले समय में चार धाम यात्रियों की संख्या डेढ़ से दो गुना बढ़ने की पूरी संभावना है। इसी के मध्यनजर सूबे के चार धाम यात्रा रूट पर स्वास्थ्य सुविधाओं को और बेहत्तर बनाने का निर्णय लिया गया है। इन अस्पतालों में योगदान देने वाले विशेषज्ञ चिकित्सकों, चिकित्सकों, टेक्नीशियनों एवं पैरामेडिकल स्टॉफ को अपेक्षाकृत अधिक वेतनमान एवं चार धाम यात्रा भत्ता दिया जायेगा। इससे चार धाम यात्रा पर आने वाले सभी यात्रियों को बेहत्तर चिकित्सीय सुविधाएं उपलब्ध हो सकेगी। बैठक में स्वास्थ्य विभाग की ओर से चार धाम यात्रा मार्ग पर उपलब्ध स्वास्थ्य सेवाओं संबंधी प्रस्तुतिकरण भी दिखाया गया।
बैठक में मुख्य सचिव डॉ एसएस संधु, प्रभारी सचिव स्वास्थ्य आर राजेश कुमार, महानिदेशक स्वास्थ्य डा शैलजा भट्ट, निदेशक एनएचएम डॉ सरोज नैथानी, संयुक्त निदेशक डॉ आरपी खंडूडी, सीएमओ रूद्रप्रयाग सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

मेडिकल कालेज में कार्मिकों को शीघ्र वितरित होगी प्रोत्साहन राशि-स्वास्थ्य मंत्री

राजकीय मेडिकल कालेजों में आयुष्मान योजना के अंतर्गत मरीजों के उपचार का लक्ष्य निर्धारित कर दिया गया है, जिसके लिये कालेज के प्राचार्यों को शीघ्र रोड़ मैप तैयार करने के निर्देश दे दिये गये हैं। इसके साथ ही योजना के अंतर्गत कार्मिकों को मिलने वाली प्रोत्साहन राशि को शीघ्र वितरित करने को कहा गया। सरकारी अस्पतालों एवं मेडिकल कालेजों में मरीजों को पूरा इलाज दिया जाय, यदि अस्पताल में इलाज संभव नहीं तभी रैफर किया जाय।
स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने आज दून मेडिकल कॉलेज के सभागार में आयुष्मान योजना की समीक्षा बैठक ली, जिसमें राजकीय मेडिकल कालेज के प्राचार्य उपस्थित रहे। रावत ने बताया कि सूबे में आयुष्मान योजना का अधिक से अधिक लोगों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण से संबद्ध सरकारी निजी अस्पतालों एवं मेडिकल कालेजों में आयुष्मान मित्र की तैनाती की गई है, जोकि मरीजों के दस्तावेज तैयार करने, आयुष्मान कार्ड बनाने, बिल बाउचर बनाने एवं बिल भुगतान की प्रक्रिया पूरी करने तक सभी काम करेगा जिसके एवज में प्राधिकरण इन्हें प्रति मरीज के हिसाब से भुगतान करेगा। उन्होंने बताया कि प्रत्येक 10 आयुष्मान मरीजों पर एक आयुष्मान मित्र को तैनात किया गया है। रावत ने बताया कि सूबे के मेडिकल कालेजों में आयुष्मान योजना के अंतर्गत मरीजों के इलाज के लिये लक्ष्य निर्धारण कर लिया गया है, जिसमे दून मेडिकल कालेज को प्रत्येक वर्ष 25 हजार, हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज को 20 हजार, श्रीनगर मेडिकल कॉलेज को 10 हजार एवं अल्मोड़ा मेडिकल कालेज को 5 हजार मरीजों का उपचार किया जाएगा। इसके लिये सभी प्राचार्यों को रोड़ मैप तैयार करने के निर्देश दे दिये गये हैं। आयुष्मान योजना के अंतर्गत मिलने वाली प्रोत्साहन राशि कार्मिकों को वितरित न किये जाने पर नाराजगी जताते हुये रावत ने सभी प्राचार्यों को तत्काल प्रोत्साहन राशि वितरित करने को कहा, साथ ही उन्होंने इसे प्रत्येक तीन माह में बांटने के निर्देश भी दिये। विभागीय मंत्री ने रेफरल व्यवस्था को न्यून कर मरीजों को सरकारी अस्पताल एवं मेडिकल कालेजों में ही पूरा उपचार देने के निर्देश अधिकारियों को दिये उन्होंने कहा कि मरीजों को दूसरे अस्पतालों में तभी रैफर किया जाय जब अस्पताल में इलाज संभव न हो।
बैठक में राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के चेयरमैन डी. के. कोटिया, अपर सचिव स्वास्थ्य एवं सीईओ राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण अरुणेंद्र सिंह चौहान, निदेशक स्वास्थ्य डॉ विनीता शाह, डॉ मीतू शाह, अपर निदेशक चिकित्सा शिक्षा एवं प्राचार्य दून मेडिकल कालेज डॉ आशुतोष सयाना, सभी मेडिकल कालेजों के प्राचार्य एवं राजकीय मेडिकल कॉलेज के अधिकारी उपस्थित रहे।

प्रदेश में चलेगा जनसंख्या नियंत्रण पखवाड़ाः डा. धन सिंह रावत

विश्व जनसंख्या दिवस के मौके पर आज सूबे के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने जनसंख्या वृद्धि को चिंता जाहिर की। जनसंख्या वृद्धि से उत्पन्न समस्याओं के समाधान को लेकर उन्होंने राज्य में जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़ा संचालित करने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिये। यह पखवाड़ा 11 जुलाई से लेकर 24 जुलाई तक राज्य के सभी जनपदों में आयोजित किये जायेंगे, जिनमें जनसंख्या स्थिरीकरण के लिये सभी चिकित्सा उपायों एवं संसाधनों का प्रचार-प्रसार किया जायेगा। इसके साथ ही जनसंख्या नियंत्रण को लेकर लोगों को जागरूक किया जायेगा।

स्वास्थ्य मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने बताया कि विश्व जनसंख्या दिवस के मौके पर विभागीय अधिकारियों को जनसंख्या नियंत्रण को लेकर प्रदेशभर में जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़ा आयोजित करने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत यह पखवाड़ा राज्य के प्रत्येक जनपदों में 11 जुलाई से लेकर 24 जुलाई तक आयोजित किये जायेंगे। जिसके उपरांत विभागीय अधिकारियों से पखवाडे का फीड़बैक लिया जायेगा।

डॉ0 रावत ने कहा कि जनसंख्या वृद्धि से उत्पन्न समस्याओं के समाधान को लेकर समय-समय पर ऐसे पखवाडे आयोजित किये जाने जरूरी हैं। उन्होंने कहा कि राज्यभर में आयोजित जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़े में जनसंख्या नियंत्रण के सभी चिकित्सा उपायों एवं संसाधनों का प्रचार-प्रसार किया जायेगा। इसके साथ ही लैप्रो, नो-स्केलपेल वेसेक्टॉमी एवं प्रसवोत्तर अंतर्गर्भाशयी गर्भनिरोधक उपकरण सहित अंतरा के माध्यम से परिवार नियोजन की सेवाएं इस पखवाड़े में उपलब्ध की जायेगी। विभागीय मंत्री डॉ0 रावत ने बताया कि जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़े में प्रदेशभर में 215 कैम्प लगाये जायेंगे, जिनमें 18 सर्जनों के माध्यम से लैप्रोस्कोपिक महिला नसबंदी सेवाएं दी जायेगी जबकि 20 सर्जन के माध्यम से मिनी लैप महिला नसबंदी कराई जायेगी। इसके अलावा 18 सर्जन पुरूष नसबंदी की सेवाएं देंगे। उन्होंने बताया कि परिवार नियोजन कार्यक्रम के तहत लोगों को प्रोत्साहित किया जायेगा। जिसके अंतर्गत महिला नसबंदी कराने वाले लाभार्थी को रूपये 1400 प्रोत्साहन राशि दी जायेगी। इसी प्रकार पुरूष नसबंदी कराने वाले को रूपये दो हजार दिये जायेंगे। जबकि इन लाभार्थियों को प्रोत्साहित करने वाली आशा वर्कर को रूपये दो सौ की प्रोत्साहन राशि दी जायेगी।

विभागीय मंत्री ने बताया कि एनएचएम के अंतर्गत संचालित परिवार नियोजन कार्यक्रम में राज्य ने सकल प्रजनन दर वांछित लक्ष्य 2.1 पहले ही प्राप्त कर लिया है। वर्तमान में राज्य में सकल प्रजनन दर की स्थिति 1.9 है। उन्होंने बताया कि राज्य में सकल प्रजनन दर को स्थिर बनाये रखने हेतु सतत प्रयास किये जा रहे हैं।

आमजन के स्वास्थ्य को आरोग्य बनाए रखने के लिए योग का महत्व बताया जाएगाः डा. धन सिंह

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, उत्तराखंड द्वारा 16 अप्रैल 2022 को स्वास्थ्य मेला एवं आयुष्मान भारत की चौथी वर्षगांठ के संबंध में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया गया कि आम जनमानस एवं उनके घर के समीप स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए भारत सरकार के सहयोग से आयुष्मान भारत- हैल्थ एण्ड वैलनेस सेन्टर के नाम से एक महत्वपूर्ण योजना को संचालित किया जा रहा है। उन्होंने कहा इस योजना की चौथी वर्षगांठ को सम्पूर्ण देश के साथ ही उत्तराखंड में विभिन्न क्षेत्रों में स्वास्थ से संबंधित कार्यक्रम आयोजित होंगे तथा इन केन्द्रों पर टेली कंसलटेशन के माध्यम से आमजन तक स्वास्थ्य सेवाएं तथा परामर्श की सुविधा उपलब्ध की जाएगी।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा की दिनांक 17 अप्रैल 2022 को इन केन्द्रों पर आजादी का अमृत महोत्सव के बैनर तले ’योग एवं आरोग्य सत्रों का आयोजन किया जायेगा, जिसमें आमजन के स्वास्थ्य को आरोग्य बनाए रखने के लिए योग का महत्व बताया जायेगा, तथा दिनांक 18 अप्रैल 2022 को राज्य में आयोजित होने वाले विकासखण्ड स्तरीय स्वास्थ्य मेले का शुभारम्भ किया जायेगा, यह स्वास्थ्य मेला प्रत्येक विकासखण्डों पर 18 से 22 अप्रैल 2022 के मध्य आयोजित किए जायेंगे। उन्होंने बताया राज्य के सभी 95 विकासखण्डों पर एक दिवसीय स्वास्थ्य मेला का आयोजन 18-22 अप्रैल 2022 में हो रहा है। उक्त के अतिरिक्त राज्य के 07 नगर निगमों / 11 नगर पालिका परिसरों में भी एक दिवसीय स्वास्थ्य मेला आयोजित किया जायेगा। स्वास्थ्य मेलों के सफल आयोजन के लिए प्रत्येक जनपद के डी०एम० तथा सी०एम०ओ० को उत्तरदायी बनाया गया है।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि उत्तराखण्ड राज्य में 1464 हैल्थ एण्ड वैलनेस सेन्टर संचालित किए जा रहे है, जिसमें से 1031 उपकेन्द्र, 38 शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं 395 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर हैल्थ एण्ड वैलनेस सेन्टर संचालित हो रहे हैं। विगत वर्षों में स्वास्थ्य उपकेन्द्रों पर केवल ए०एन०एम० तैनात रहती थी, जो मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य तथा टीकाकरण की सेवाएं देती थी। उन्होंने बताया उपकेन्द्रों को हैल्थ एण्ड वैलनेस सेन्टर के रूप में उच्चीकृत करने के उपरान्त यहां पर प्रशिक्षित MLHP (मिड लेवल हैल्थ प्रोवाईडर) को तैनात किया गया है, जिसके द्वारा गर्भाशय, स्तन एवं मुंह के कैंसर की स्क्रीनिंग, उच्च रक्तचाप एवं मधुमेह की जांच तथा अन्य गैर संचारी रोगों से बचाव के बारे में परामर्श दिया जाता है। इसके अतिरिक्त प्रसव पूर्व प्रसव पश्चात्, टीकाकरण तथा परिवार नियोजन सेवाएं भी दी जा रही हैं। I हैल्थ एण्ड वैलनेस सेन्टरों पर योग शारीरिक व्यायाम, पोषण एवं स्वच्छ खानपान के बारे में जागरूकता तथा परामर्श भी प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने कहा इस मौके पर हैल्थ एण्ड वैलनेस सेन्टरों पर टेलीकंसलटेशन की सुविधा प्रदान कराने का कार्य आरम्भ होगा तथा ई-संजीवनी पोर्टल के माध्यम से टेलीकंसलटेशन की व्यवस्था को देखा जायेगा।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा की स्वास्थ्य मेले में संबंधित क्षेत्र के सांसद, विधायक जिला पंचायत अध्यक्ष एवं अन्य जन प्रतिनिधियों की सहभागिता प्राप्त कर उनके माध्यम से शुभारम्भ एवं प्रतिभागिता सुनिश्चित करायी जायेगी, ताकि स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में मा० जन प्रतिनिधियों द्वारा जनता के साथ स्वास्थ्य संवाद स्थापित हो सके और स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में जागरूकता उत्पन्न की जा सके। मेले के लिए उपयुक्त स्थान का चयन उक्त वर्णित जन प्रतिनिधियों के परामर्श एवं निर्देशानुसार किया जायेगा। जिलाधिकारी एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारी के नेतृत्व में ब्लॉक स्तर पर 8-10 सदस्यों की एक समिति गठित की गयी है, जो मेले के संचालन हेतु पूर्ण रूप से उत्तरदायी है।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने स्वास्थ्य मेले की प्राथमिकताओं को गिनाते हुए बताया कि प्रत्येक नागरिक की Digital Health ID बनायी जायेगी, जिसमें उस व्यक्ति की गैर संचारी रोगों ¼Diabetes, Hypertension, Oral Cancer etc½ की स्क्रिनिंग उपरान्त विवरण सुरक्षित रहेगा। पात्र लाभार्थियों का आयुष्मान कार्ड बनाया जायेगा। टेली कंसलटेशन के माध्यम से प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं एवं परामर्श दिया जायेगा तथा रैफरल की सुविधा प्रदान कर आवश्यकीय उपचार भी उपलब्ध होगा। योग एवं ध्यान के माध्यम से स्वास्थ्य को आरोग्य बनाए रखने के बारे में परामर्श तथा जागरूकता प्रदान की जायेगी। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य मेले को प्रभावी तथा जन उपयोगी बनाए जाने के लिए विभिन्न विभागों को प्रतिभाग करने के भी निर्देश दिए गए हैं।
इस दौरान स्वास्थ्य सचिव पंकज पांडे, महानिदेशक तृप्ति बहुगुणा, डॉ. शैलजा भट्ट मौजूद रहे।

कोरोना और नए वैरियंट की रोकथाम को लेकर सीएम ने दिये निर्देश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को सायं मुख्यमंत्री आवास में कोविड 19 एवं नये वेरिएंट ओमीक्रॉन की रोकथाम के साथ ही प्रदेश में 15 से 18 वर्ष तक आयु के बच्चों को कोविड 19 टीकाकरण की कार्य योजना की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी सम्बन्धित विभागों के समेकित प्रयासों से हम कोविड 19 की पहली व दूसरी लहर का सामना करने में सफल हुए हैं। उन्होंने कहा कि नये वेरिएंट ओमीक्रॉन का प्रभाव धीरे-धीरे बढ़ता दिखाई दे रहा है। इसके लिये सभी अस्पतालों में प्रभावी व्यवस्थायें कर ली जाए। इसे गम्भीरता से लेने की उन्होंने जरूरत बतायी। उन्होंने रेलवे स्टेशन, हवाई अड्डों पर राज्य के बाहर से आने वालों की जांच की व्यवस्था सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिये। बैठक में सभी जिलाधिकारी भी वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड 19 की दूसरी वैक्सीनेशन डोज भी शत प्रतिशत सभी को लगाई जाए इसके लिये अभियान चलाया जाए। इसी प्रकार 15 से 18 साल तक के बच्चों का 3 जनवरी से शुरू होने वाले टीकाकरण अभियान की सभी जिलाधिकारी एवं शिक्षा, प्राविधिक शिक्षा सहित अन्य सम्बन्धित विभाग प्रभावी कार्य योजना तैयार कर लें। इसके लिये मेगा वैक्सीनेशन कैम्प पहले की तरह संचालित किये जाए। एक दिन में एक लाख वैक्सीनेशन का लक्ष्य निर्धारण की बात मुख्यमंत्री ने कही। इसके लिये व्यापक जन जागरूकता के प्रकार के भी निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये हैं। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में स्थापित किये जाने वाले डायलिसिस सेंटरों की स्थापना भी एक सप्ताह में करने के निर्देश देते हुए कहा कि इसके लिये अविलंब सभी आवश्यक अवस्थापना सुविधाओं तथा मानव संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।
बैठक में स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि प्रदेश के 15 से 18 वर्ष आयु के लगभग 6.50 लाख बच्चों का टीकाकरण किया जाना है। इसके लिये सभी विधानसभा क्षेत्रों की स्कूलों में बच्चों की टीकाकरण की व्यवस्था 3 जनवरी से 9 जनवरी के मध्य आयोजित की जानी है। उन्होंने कहा कि जिन अस्पतालों में वार्ड बॉय के पद खाली हैं वहां पर आउटसोर्स के माध्यम से व्यवस्था की जाए ताकि अस्पतालों के स्तर से टीकाकरण के साथ ही उपचार आदि में कोई कठिनाई न हो।
सचिव स्वास्थ्य डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय ने सभी जिलाधिकारियों से बच्चों के टीकाकरण अभियान को सफलतापूर्वक संचालन के लिये प्रभावी कार्य योजना के साथ कार्य करने को कहा। इसके लिये हफ्ते में दो दिन महाअभियान के रूप में संचालन के साथ इसका साप्ताहिक कार्यक्रम भी निर्धारण करने को कहा। उन्होंने कहा कि इस संबंध में जो कार्य योजना तैयार की गई है। उसके अनुसार कार्य किया जाए। उन्होंने कहा कि इसके बाद फ्रंट लाइन वर्करों को प्रिकोशन डोज लगायी जानी है। उन्होंने कहा कि 60 साल से अधिक उम्र वालों को भी प्रिकोशन डोज लगाये जाने की व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने जिलाधिकारियों से अपेक्षा की कि बच्चों के टीकाकरण में सभी बच्चे शामिल हो जाए इसकी व्यवस्था की जाए। इसके लिये कोवैक्सीन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध करायी जा रही है। उन्होंने जिलाधिकारियों से कंट्रोल रूम तथा आइसोलेशन सेंटरों को क्रियाशील बनाये जाने तथा टेस्टिंग बढ़ाये जाने पर भी ध्यान देने को कहा।
बैठक में कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद, विधायक सुरेश राठौर, अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार, सचिव आर मीनाक्षी सुन्दरम, एस.ए मुरूगेशन, एच.सी. सेमवाल, अपर सचिव आशीष श्रीवास्तव, जिलाधिकारी देहरादून आर. राजेश कुमार, महानिदेशक सूचना रणवीर सिंह चौहान, महानिदेशक शिक्षा बंशीधर तिवारी, महानिदेशक स्वास्थ्य तृप्ति बहुगुणा सहित अन्य अधिकारी एवं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलाधिकारी उपस्थित रहे।

टी.बी. उन्मूलन एवं जागरूकता संबंधी लघु फिल्म का किया अनावरण

सूबे को क्षय रोग से मुक्त करने एवं जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से निर्मित लघु फिल्म का आज सूबे के चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत द्वारा अनावरण किया गया। लघु फिल्म में टी.बी. के उपचार एवं समाधान के बारे में जानकारी प्रदान की गई हैं। केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2025 तक टी.बी. मुक्त भारत की परिकल्पना के क्रम में उत्तराखंड से क्षय रोग के खात्में के लिए लक्ष्य निर्धारित किया गया। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा निःक्षय पोषण योजना के अंतर्गत उपचार की अवधि तक क्षय रोगियों को पोषाहार हेतु प्रत्येक माह डी.बी.टी. के माध्यम से रू0 500 उपलबध कराये जा रहे हैं। जिस तहत 1 अप्रैल 2018 से माह जुलाई 2021 तक रू. 16 करोड़ 90 लाख की धनराशि मरीजों के खातों में भेजी जा चुकी है।
चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत ने अपने कैम्प कार्यालय में क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत राज्य टी.बी. अनुभाग एवं सूचना विभाग के सहयोग से बनाई गई ‘टी.बी. उपचार एवं समाधान’ लघु फिल्म का आनलाइन अनावरण किया। लघु फिल्म लांचिंग अवसर पर डा. रावत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा वर्ष 2025 तक टी.बी. मुक्त भारत के निर्धारित लक्ष्य से पूर्व उत्तराखंड से क्षय रोग के खात्में के लिए विभागीय अधिकारियों को सघन अभियान संचालित करने के निर्देश दिये गये हैं। डा. रावत ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा टी.बी. रोगियों को निःशुल्क जांच, उपचार, दवाईयां उपलब्ध कराई जा रही है। इसके अलावा रोगियों को उपचार अवधि के दौरान पोषाहार हेतु प्रत्येक माह डीबीटी के माध्यम से रूपये 500 की राशि उपलब्ध कराई जा रही है। निःक्षय पोषण योजना के अंतर्गत 1 अप्रैल 2018 से माह जुलाई 2021 तक 16 करोड़ 90 लाख की धनराशि डीबीटी के माध्यम से मरीजों को दी जा चुकी है। लघु फिल्म लांचिंग अवसर पर मिशन निदेशक एनएचएम सोनिका ने बताया कि राज्य में टी.बी. उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत क्षय रोग जांच एवं उपचार हेतु 13 जिला क्षय नियंत्रण केन्द्र, 95 टी.बी. यूनिट एवं 154 जांच केन्द्र स्थापित किये गये हैं। जहां भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अंतर्गत क्षय रोगियों का उपचार डेली रेजिमेन पद्धति के द्वारा किया जाता है। उन्होंने बताया कि डीआरटीबी (ड्रग रेसिस्टेंस ट्यूबरक्लोसिस) रोगियों के निदान हेतु पीएमडीटी कार्यक्रम चलाया जा रहा है। ऐसे रोगियों के ईलाज हेतु हिमालयन इंस्टीट्यूट मेडिकल कॉलेज जौलीग्रांट एवं राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी मे डीआरटीबी साइट स्थापित हैं। महानिदेशक स्वास्थ्य डा. तृप्ति बहुगुणा ने बताया कि राज्य में टी.बी. उन्मूलन कार्यक्रम का लाभ लगातार टी.बी. रोगियों को मिल रहा है। उन्होंने बताया कि सूबे में 12289 टी.बी. रोगी चिह्नित किये गये हैं। जिनमें अल्मोड़ा में 355, बागेश्वर में 194, चमोली में 246, चम्पावत में 124, देहरादून में 2824, पौड़ी में 652, हरिद्वार में 2742, नैनीताल में 1975, पिथौरागढ़ में 282, रूद्रप्रयाग में 177, टिहरी में 258, यूएसनगर में 2058, उत्तरकाशी में 402 टी.बी. रोगी है।
इस अवसर पर एसटीओ डा. मयंक बडोला, अनिल सती सहित वर्चुअल माध्यम से मिशन निदेशक एनएचएम सोनिका, स्वास्थ्य महानिदेशक तृप्ति बहुगुणा, सभी जनपदों के क्षय रोग अधिकारी एवं अन्य सामाजिक संगठनों से जुड़े प्रतिनिधि ने प्रतिभाग किया।

503 Service Unavailable

Service Unavailable

The server is temporarily unable to service your request due to maintenance downtime or capacity problems. Please try again later.

Additionally, a 503 Service Unavailable error was encountered while trying to use an ErrorDocument to handle the request.