चारधाम यात्राः सीएम ने सिक्स सिग्मा मेडिकल टीम को किया रवाना

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय से सिक्स सिग्मा मेडिकल टीम को बद्रीनाथ, रुद्रनाथ व हेमकुंट साहिब यात्रा में निशुल्क मेडिकल सेवाओं हेतु रवाना किया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि श्री केदारनाथ एवं श्री बद्रीनाथ धाम में स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए सिक्स सिग्मा हाई एल्टीट्यूड मेडिकल सर्विस की टीम बधाई के पात्र है। राज्य सरकार की ओर से धाम में दी जाने वाली सेवाओं के लिए चिकित्सा टीम को सभी सुविधाएं दी जाएगी। जिससे यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े। मुख्यमंत्री ने सिक्स सिग्मा हाई एल्टीट्यूड मेडिकल सर्विस टीम के हाई एल्टीट्यूड में किए जा रहे कार्यों की सराहना की।
सिक्स सिग्मा हाई ऐल्ट्टियूड मेडिकल सर्विस के मेडिकल निदेशक डॉ. प्रदीप भारद्वाज ने कहा कि इस बार मेडिकल टीम यात्रा के दौरान ज्यादातर पोर्टेबल मेडिकल इक्यूपमेंट का इस्तेमाल करेगी, जिससे यात्रियों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा दी जा सके। डॉ० परवेज़ अहमद ने बताया की इस बार यात्रा में मेडिकल सेवा देने के लिए सिक्स सिग्मा हेल्थकेयर की ओर से 45 से अधिक मेडिकल स्टाफ को लगाया जाएगा, जिसमें क्रिटिकल केयर, कार्डियो, मेडिसिन, महिला रोग, रेसप्रेटरी, माउंटेन मेडिसिन के विशेषज्ञ भी अपनी सेवाएं देंगे।
इस अवसर कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, गणेश जोशी, चंदन राम दास, प्रमोद नैनवाल एवं सिक्स सिग्मा मेडिकल टीम के सदस्य उपस्थित थे।

कोविड को देखते हुए एम्स ऋषिकेश ने आरक्षित किए 300 से अधिक बेड


कोविड-19 के तेजी से बढ़ते संक्रमण के मद्देनजर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश ने सोमवार को ओपीडी सेवाओं को बंद करने का निर्णय लिया है। मरीजों की सुविधा के लिए संस्थान की ओर से टेलिमेडिसिन सेवाएं शुरू की गई हैं, लिहाजा अब सभी सामान्य रोगों से ग्रसित मरीज टेलिमेडिसिन ओपीडी के माध्यम से संबंधित चिकित्सकों से जरुरी परामर्श ले सकेंगे। इसके साथ ही कोविड संक्रमण से ग्रसित मरीजों के उपचार के लिए एम्स अस्पताल प्रशासन ने 300 से अधिक बेड आरक्षित किए हैं। बताया गया है कि आवश्कता पड़ने पर इनकी संख्या 500 तक की जाएगी।

कोरोना वायरस से ग्रसित मरीजों की लगातार में लगातार बढ़ोत्तरी दर्ज की जा रही है, जिसके चलते निदेशक प्रो. रवि कांत की देखरेख में एम्स अस्पताल प्रशासन ने कुछ व्यवस्थाओं में बदलाव किया है। जिनके तहत अस्पताल में जनरल ओपीडी को बंद कर, अब टेलिमेडिसिन ओपीडी के माध्यम से मरीजों को परामर्श दिया जाना शामिल है। इस बाबत एम्स के डीन हॉस्पिटल अफेयर्स प्रो. यूबी मिश्रा ने बताया कि तेजी से फैल रहे कोविड संक्रमण को देखते हुए संस्थान में जनरल ओपीडी सेवाएं स्थगित करने का निर्णय लिया गया है।
ऐसे में सामान्य रोगों से ग्रस्त सभी मरीज अब टेलिमेडिसिन ओपीडी के माध्यम से देखे जाएंगे। जबकि अस्पताल की इमरजेंसी सेवा पूर्व की भांति 24 घंटे जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि लोगों को अनावश्यक परेशानी से बचने के लिए एम्स द्वारा संचालित की जा रही टेलिमेडिसिन ओपीडी सेवाओं का लाभ लेना चाहिए। इससे मरीजों को संबंधित बीमारी के लिए घर बैठे चिकित्सकीय परामर्श भी मिल सकेगा और वह अनावश्यकरूप से घर से बाहर निकलकर कोविड संक्रमण से भी सुरक्षित रह सकेंगे।

कोविड के तीब्र गति से बढ़ते संक्रमण के प्रति आगाह करते हुए कम्युनिटी और फेमिली मेडिसिन विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डा. योगेश बहुरूपी ने बताया कि कोविड की दूसरी लहर पहली लहर से कईगुना अधिक घातक है लिहाजा प्रत्येक व्यक्ति को इसकी गंभीरता को समझना होगा और भारत सरकार व राज्य सरकार द्वारा जारी कोविड गाइडलाइन का शब्दशरू पालन करना होगा।

इसके अलावा हम सभी को अधिकांश समय खासकर सार्वजनिक स्थानों पर हरहाल में मास्क के साथ रहने की आदत भी डालनी होगी। उनके अनुसार कोविड से बचाव का पहला उपाय मास्क का इस्तेमाल ही है। उन्होंने बताया कि आपस में दो गज की दूरी बनाए रखने और वैक्सीन लगवाने से कोविड संक्रमण को नियंत्रित किया जा सकता है। साथ ही सुझाव दिया कि शरीर में किसी भी प्रकार के असामान्य लक्षण नजर आने पर तत्काल चिकित्सक से परामर्श लें।

टेलीमेडिसिन ओपीडी में चित्र में उल्लेखित विभिन्न विभागों द्वारा सेवाएं दी जाएंगी। टेलीमेडिसिन हेल्पलाइन नंबर 1800 180 4278, 7454989545, 9621539863 जारी किए गए हैं।

ऋषिकेश एम्स पर हेलीपैड का शुभारंभ, नौ मिनट के अंदर एंबुलेंस से ट्रामा सेंटर जाने की व्यवस्था

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश के नव निर्मित हेलीपैड का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि एम्स ऋषिकेश परिसर में हेलीपैड बनने से गंभीर रोगियों एवं दुर्घटना होने पर घायलों को हेली सेवा से अस्पताल लाने में सुविधा होगी। एम्स ऋषिकेष में इसके लिए प्रशिक्षण भी दिया गया है। हेली से उतरने के बाद मरीज को मात्र 09 मिनट में एम्बुलेंस से ट्रामा सेंटर तक पहुंचने की व्यवस्था रहेगी।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि पर्वतीय राज्य होने के कारण उत्तराखण्ड की भौगोलिक परिस्थितियां अलग है। अतिवृष्टि होने पर राज्य में आपदायें अधिक होती हैं। पहाड़ी टेरिन होने से दुर्घटनाएं भी अधिक होती है। दुर्घटना होने पर लोगों को हेली सेवा से उपचार के लिए जल्द एम्स लाने में सुविधा होगी। उन्होंने कहा कि पिछले 03 सालों में प्रदेश में 100 से अधिक लोगों की जान हेली सेवा से सीधे अस्पतालों में लाकर बचाई गई। इसके लिए सरकारी हेलीकॉप्टर एवं किराये पर हेलीकॉप्टर की व्यवस्था की।

उन्होंने कहा कि एम्स ऋषिकेश देश का पहला ऐसा संस्थान है, जहां परिसर के अन्दर हेलीपैड की सुविधा है। मुख्यमंत्री ने एम्स के डॉक्टरों को संबोधित करते हुए कहा कि कोरोना काल में सीनियर डॉक्टर कोरोना के मरीजों का विशेष ध्यान रखें। जिस तरह कोरोना अपना स्वरूप बदल रहा है, यह चिन्ता का विषय है। उन्होंने कहा कि प्रशासन, पुलिस एवं डॉक्टरों के आपसी तालमेल से समस्याओं का समाधान आसानी से किया जा सकता है। कोरोना काल में आशा, आंगनबाड़ी, नर्स एवं डॉक्टर और स्वच्छता कर्मचारी जो ग्राउण्ड लेबल पर कार्य कर रहे हैं, वे जनता के लिए देवदूत के रूप में कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मरीजों को परीक्षण के साथ ही मनोवैज्ञानिक तरीके से भी मजबूत रखना जरूरी है। एम्स ऋषिकेश की पहुंच दुर्गम स्थानों के मराजों तक होनी चाहिए। सेवा सार्थक तभी होती है, जब सेवा गरीबों तक पहुंचे। इस अवसर पर एम्स ऋषिकेश के डॉक्टरों ने हेलीसेवा से मरीज को लाने एवं एम्बुलेंस से ट्रामा सेंटर तक ले जाने की प्रक्रिया का मॉक ड्रिल भी किया।

होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति के जनक डा. सैमुअल फ्रेडिक की जयंती पर सीएम ने दी शुभकामना

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति के जनक डॉ. सैमुअल फ्रेडिक हैनीमैन की 265 वी जयंती पर उनके चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए।

उन्होंने कहा कि होम्योपैथी विश्व भर में अपनी स्वीकार्यता एवं प्रभावकारिता की दृष्टि से एक अग्रणी चिकित्सा पद्धति के रूप में उभरी है। होम्योपैथी का इलाज कम खर्चीला एवं प्रभावशाली भी है। उन्होंने होम्योपैथी के सभी चिकित्सकों को डॉ हैनीमैन जयंती की शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि कोविड-19 में भी होम्योपैथी चिकित्सक अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।

होम्योपैथी के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ा है। अनेक प्रकार के रोगों के इलाज के लिए होम्योपैथी काफी कारगर सिद्ध हुई है स्किन, चर्म रोग, पथरी, माइग्रेन एवं पेट से संबंधित रोगों के निदान के लिए होम्योपैथी की दवा लाभकारी सिद्ध हुई है। उत्तराखंड में होम्योपैथिक की अनेक औषधियां बनती है। उत्तराखंड में आयुष को एक सक्षम स्वास्थ्य सेवा के रूप में विकसित किए जाने के प्रयास किए जा रहे है।