मुख्यमंत्री ने युवाओं को किया संबोधित, सरकार के कार्यो की दी जानकारी

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री आवास में उत्तराखण्ड यंग थिंकर्स मीट की वर्चुअल कांफ्रेंस के माध्यम से युवाओं को संबोधित किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी अभियान से जब युवा जुड़ते हैं, तो वह अभियान जरूर सफल होता है। सरकार की विभिन्न योजनाओं को आगे बढ़ाने में युवा वर्ग महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। जब कोई कार्य जन सहभागिता से किया जाता तो उसे अवश्य ही सकारात्मक परिणाम मिलते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017 में राज्य सरकार बनने के बाद हमने जल संरक्षण अभियान चलाया। इस अभियान में लोगों का अच्छा सहयोग रहा है। रिस्पना एवं कोसी नदी के पुनर्जीवन के लिए व्यापक स्तर पर वृक्षारोपण किया गया। कोसी नदी पर एक घण्टे में 1 लाख 67 हजार पौधे रोपे गये। देहरादून में भी एक दिन 3 लाख 52 हजार पौधे लगाये गये। यह जनसहभागिता का परिणाम रहा। युवाओं एवं पंचायत प्रतिनिधियों से लगातार संवाद किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी परिवारों को स्वास्थ्य कार्ड देने वाला उत्तराखण्ड देश का पहला राज्य है। अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना के तहत सभी परिवारों को 5 लाख रूपये तक का हैल्थ कवरेज दिया गया। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना लागू करने वाला भी उत्तराखण्ड देश का पहला राज्य है। इस योजना के तहत 150 प्रकृति के कार्यों को शामिल किया गया है। प्रदेश में जिस भी क्षेत्र में लोग कार्य करना चाहते हैं, लगभग सभी कार्यक्षेत्र इस योजना से आच्छादित हैं। उन्होंने कहा कि कोविड-19 से बचाव हेतु जागरूकता के लिए युवा महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। इस वायरस से बचाव के लिए फिजिकल डिस्टेंस, मास्क का उपयोग एवं स्वच्छता जरूरी है। इसके लिए लोगों को अधिक से अधिक जागरूक किया जाय।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार 13 डिस्ट्रिक्ट 13 न्यू डेस्टिनेशन पर कार्य कर रही है। प्रत्येक जनपदों में अलग-अलग थीम पर डेस्टिनेशन विकसित किये जा रहे हैं। प्रदेश के 500 विद्यालयों को वर्चुअल क्लास से जोड़ा गया है। 5 विश्वविद्यालयों एवं 104 महाविद्यालयों को ई-ग्रंथालय से जोड़ा गया है। प्रदेश में ई-कैबिनेट की शुरूआत की गई है। सचिवालय के 16 ऑफिस ई-ऑफिस बन चुके हैं। गैरसैंण विधानसभा भवन को ई-विधानसभा बनाया जा रहा है। देहरादून कलक्ट्रेट को ई-कलक्ट्रेट बनाया गया है। देहरादून के एसडीएम कार्यालय भी जल्द ही ई-कार्यालय से जुड़ जायेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं को स्वरोजगार की दिशा में विशेष ध्यान देना होगा। स्वरोजगार से हम अपने साथ अन्य लोगों को भी रोजगार से जोड़ सकते हैं।

वर्ष 2018 में रोपे गए पौधे सही सलामत मिलने पर सीएम हुए खुश

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मंगलवार को रिस्पना के उद्गम क्षेत्र कैरवान गांव का भ्रमण किया। उन्होंने गत वर्ष इस क्षेत्र में किये गये बृहद पौधरोपण के तहत लगाये गये पौधों की स्थलीय जानकारी प्राप्त की। उन्होंने रिस्पना को ऋषिपर्णा नदी के स्वरूप में लाने के लिये कैरवान गांव व इसके आस-पास के क्षेत्र को ऐतिहासिक स्थल बताते हुए कहा कि इस क्षेत्र में रोपे गये अधिकांश पौधे सही सलामत होने की उन्हें हार्दिक खुशी है। उन्होंने कहा कि 2018 में इस क्षेत्र में सघन पौधरोपण कर 75 हजार से अधिक विभिन्न प्रजाति के पौधों का रोपण किया गया था। उनमें से 90 प्रतिशत पौधों का जीवित होना सुखद अहसास दिलाता है। इन पौधों से उनका लगाव है, इसीलिये इस साल के अंतिम दिन आज उन्हें देखने इस क्षेत्र में आये हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह प्रयास वन से जुड़े लोगों को सीखने का भी अवसर है। यह क्षेत्र एक बेहतर डेस्टिनेशन बनने के साथ ही पानी के स्त्रोत को विकसित करने में मददगार होगा। उन्होंने इन पौधों की देखभाल में लगे लोगों व स्वयंसेवी संस्थाओं की भी सराहना की। मुख्यमंत्री ने वन विभाग के अधिकारियों को इस क्षेत्र में एक पट्टी में खस की रोपाई करने को कहा, उन्होंने कहा कि खस की जड़ें गहराई तक जमीन के अन्दर रहती हैं जिससे जल संचय में भी मदद मिलती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रारंभिक चरण में रिस्पना एवं कोसी नदी को पुनर्जीवित करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके बाद अन्य नदियों को भी पुनर्जीवित किया जायेगा। आने वाली पीढ़ी को सुरक्षित रखने के लिए जल संरक्षण की दिशा में विशेष प्रयासों की उन्होंने जरूरत बतायी। मुख्यमंत्री ने लोगों से अपील की कि ‘‘मेरा वृक्ष मेरी याद’’ के भाव से अपने घरों या उसके आसपास एक वृक्ष अवश्य लगाएं। जल संरक्षण के लिए पौधरोपण करना जरूरी है। सूखे जल स्रोतों को पुनर्जीवित करना हम सबका दायित्व है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर क्षेत्र के बच्चों से भी मुलाकात की तथा उन्हें पौधरोपण के महत्व के बारे में बताया।