कुंभ मेला तैयारियों को देखने पहुंची हाईकोर्ट से टीम

हाईकोर्ट की एक टीम आज कुंभ मेला कार्यों की जांच करने ऋषिकेश, मुनिकीरेती तथा स्वर्गाश्रम क्षेत्रों में गई। यहां कुंभ मेला तहत तैयारियों व व्यवस्थाओं का टीम ने निरीक्षण किया। टीम ने अधूरे कार्यों पर नाराजगी दिखाई।

उच्च न्यायालय नैनीताल के अधिवक्ता शिव भट्ट कुंभ मेले की तैयारियों और व्यवस्था का जायजा लेने पहुंचे थे। व्यवस्थाओं में कमी होने पर उन्होंने अधिकारियों को लताड़ा। उन्होंने बताया कि कुंभ की तैयारियों को लेकर धरातल पर कोई भी व्यवस्थाएं दिखाई नहीं दे रही हैं, जबकि कुंभ के कार्यों को तय समय पर पूरा करना था, लेकिन अब एक माह का समय ही कुंभ के समापन का रह गया है।

लेकिन संबंधित विभागों ने कार्यों को अभी तक पूरा नहीं किया गया है। बताया कि गंगा घाटों पर टॉयलेट, बाथरूम, यूरिनल, चेंजिंग रूम, सीसीटीवी कैमरे आदि की भी कोई व्यवस्थाएं नहीं की गई है। ऋषिकेश ही नहीं मुनिकीरेती, स्वर्गाश्रम क्षेत्र का भी यही हाल है। इसके साथ ही शहर के बाजार अतिक्रमण से पटे पड़े हैं। जिसके लिए प्रशासनिक इकाइयां जिम्मेदार हैं। इसके अलावा प्रशासन द्वारा कोविड-19 नियमों का पालन भी नहीं कराया जा रहा है, जबकि प्रदेश के देहरादून, मसूरी कई शहरों में दोबारा कंटेनमेंट जोन बनाए जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि वह 23 मार्च से पहले पहले अपनी रिपोर्ट न्यायालय में पेश करेंगे। इस मौके पर जिला विधिक प्राधिकरण की सचिव नेहा कुशवाहा, एडीएम वीर सिंह बुदियाल, एसएनए विनोद लाल आदि मौजूद रहे।

महाकुंभ को लेकर केंद्र सरकार ने जारी की गाइडलाइन, अधिक पढ़ें…

केंद्र सरकार ने महाकुंभ को लेकर अपनी गाइडलाइंस जारी की है। केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि मेले में ऐसे हेल्थ केयर वर्कर को ही ड्यूटी पर तैनात करें, जिन्हें वैक्सीन दे दी गई हो। साथ ही कुंभ मेले में ड्यूटी करने वाले स्वास्थ्य कर्मचारियों को वैक्सीन लगाने के निर्देश भी दिए गए हैं

करवाना होगा रजिस्ट्रेशन
केंद्र सरकार की तरफ से जारी गाइडलाइन के मुताबिक महाकुंभ में आने वाले सभी भक्तों और श्रद्धालुओं को अनिवार्य रूप से रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। इसके साथ ही कोरोना नेगेटिव मेडिकल सर्टिफिकेट लाना भी जरूरी होगा। गाइडलाइन में गर्भवती महिलाओं, 65 साल से अधिक उम्र के लोगों, 10 साल से कम उम्र के बच्चे और गंभीर बीमारियों से ग्रसित लोगों को महाकुंभ में नहीं आने के लिए प्रेरित करने की बात कही गई है। गौरतलब है कि, धर्मनगरी हरिद्वार को महाकुंभ के लिए खूब सजाया और संवारा जा रहा है। जगह-जगह दीवारों पर पेंटिंग्स की जा रही हैं, सड़कों का निर्माण हो रहा है। संत-महात्माओं के लिए टेंटों की व्यवस्था की जा रही है और अब ये भी माना जा रहा है कि 27 फरवरी से कुंभ की शुरुआत हो जाएगी. ऐसे में प्रशासन के पास महीने भर का वक्त बचा है और कई काम अधूरे भी पड़े हैं।

कुम्भ से सम्बन्धित स्थायी व अस्थायी निर्माण कार्यो को समय से पूर्ण करने के सीएम नेे दिए निर्देश

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने आज मुख्यमंत्री आवास में मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक एवं शासन के उच्चाधिकारियों के साथ ही मेलाधिकारी एवं आईजी कुम्भ मेला के साथ कुम्भ के कार्यो के व्यवस्थाओं की समीक्षा की।

मुख्यमंत्री ने कुम्भ मेले के सफल आयोजन एवं श्रद्धालुओं को सुविधा का ध्यान रखने के निर्देश अधिकारियों को दिये। उन्होंने सड़क, पुलों, पार्किंग स्थलों आदि के निर्माण पर ध्यान देने को कहा। उन्होंने इसकी व्यवस्थाओं को 2010 कुम्भ के अनुरूप किये जाने की बात कही। उन्होंने प्रमुख अखाड़ो के प्रमुखों से समन्वय कर उनसे सुझावानुसार भी व्यवस्थाएं करने को कहा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस महत्वपूर्ण आयोजन में आने वाले श्रद्धालुओं को सुरक्षित ढ़ंग से कुम्भ स्नान की व्यवस्था की जाय। इसके लिये सभी सम्बन्धित विभाग आपसी समन्वय से कार्य करें। उन्होंने कहा कि इस सम्बन्ध में परिस्थिति के अनुकूल यथासमय एडवाइजरी जारी करने की व्यवस्था की जाय। कुम्भ मेले में आने वालो के लिये पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था, इन्ट्री प्वाइंट पर थरमल स्क्रीनिंग के साथ ही एन्टीजन टेस्टिंग की व्यवस्था किये जाने पर ध्यान दिया जाय।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कुम्भ मेले के अवसर पर क्राउड मैनेजमेंट की कार्ययोजना बनायी जानी चाहिए, इसके लिए अन्य राज्यों से भी विचार विमर्श किया जाय। उन्होंने पुलिस महानिदेशक से भीड नियन्त्रण आदि के लिए कन्टिजेंट प्लान तैयार करने पर ध्यान देने को कहा।

बैठक में मुख्य सचिव ओम प्रकाश, पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार, सचिव अमित नेगी, नीतेश झा, शैलेश बगोली, राधिका झा, सचिव एसए मुरूगेशन, मेलाधिकारी दीपक रावत, आईजी संजय गुंज्याल आदि उपस्थित थे।

कुंभ मेला2021ः सर्विलांस सिस्टम व एसडीआरएफ के लिए सीएम ने स्वीकृत किए 20 करोड़

कुम्भ मेला 2021 के अंतर्गत सर्विलांस सिस्टम के अधिष्ठान तथा एसडीआरएफ हेतु मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने 20 करोड़ रूपये की स्वीकृति प्रदान की है। इसके साथ ही जनरल टैंटेज कार्य हेतु 11 करोड़ 91 लाख की स्वीकृति के साथ ही प्रथम किस्त के रूप में 4 करोड़ 77 लाख की स्वीकृति प्रदान की, तथा नगर निगम ऋषिकेश में सॉलिड वेस्ट इंफ्रास्ट्रक्चर के कार्य हेतु 2 करोड़ 89 लाख की स्वीकृति के साथ ही प्रथम किस्त के रूप में 1 करोड़ 16 लाख की धनराशि निर्गत करने की स्वीकृति दी है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कुम्भ मेला-2021 के अन्तर्गत 23 सैक्टरों में प्रस्तावित चिकित्सा व्यवस्थाओं के कार्य हेतु 27 करोड़ 43 लाख की स्वीकृति के साथ ही प्रथम किस्त के रूप में 10 करोड़ 97 लाख की धनराशि निर्गत करने की स्वीकृति दी है।

शहरी विकास मंत्री से मुलाकात कर स्पीकर ने की कुंभ कार्यों को लेकर चर्चा

विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल से आज शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने शिष्टाचार भेंट की। विस अध्यक्ष ने ऋषिकेश विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कुंभ से होने वाले विकास कार्यों के संबंध में चर्चा वार्ता की। वहीं कुंभ निधि से ऋषिकेश में चल रहे विकास कार्यों को लेकर शहरी विकास मंत्री का आभार भी व्यक्त किया।

बैठक के दौरान विधानसभाध्यक्ष ने कुंभ की तैयारियों को लेकर चर्चा की। कैबिनेट मंत्री एवं विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने कुंभ क्षेत्र में होने वाले स्थाई एवं अस्थाई निर्माण कार्य को लेकर के चर्चा वार्ता की। विधानसभा अध्यक्ष ने कुंभ निधि से आस्था पथ पर घाटों का निर्माण, गौरी शंकर मंदिर पर पुल का निर्माण, चंद्रभागा पर पुल का निर्माण सहित वैकल्पिक मार्गों के निर्माण कराये जाने की बात कही। जिससे कि कुम्भ एवं कावड़ के समय श्रद्धालुओं को आवागमन में कोई परेशानी न हो।

इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष ने ऋषिकेश विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत विभिन्न सड़कों, विद्युत व्यवस्था, कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए शुद्ध पेयजल आपूर्ति सहित कई अन्य बिन्दुओं पर शहरी शहरी विकास मंत्री से बातचीत की। कहा कि हरिद्वार, ऋषिकेश आध्यात्मिक एवं पर्यटन की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है इसलिए यहां पर विकास से संबंधित व्यवस्था चॉकचैबंद होनी चाहिए। इस अवसर पर शहरी विकास मंत्री ने भी विधानसभा अध्यक्ष को आश्वस्त किया कि उक्त सभी कार्यों को कुम्भ निधि से कराया जाएगा।

कुंभ मेला के तहत सर्विलांस सिस्टम को सीएम ने 17.34 करोड़ रूपए की धनराशि की स्वीकृत

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने ई-ऑफिस परियोजना के सुगम एक्सेस हेतु प्रमुख राजकीय कार्यालयों में वाई-फाई सेटएप स्थापित करने हेतु 01 करोड़ रूपये की स्वीकृति प्रदान की है। जनपद पौड़ी गढ़वाल के विधानसभा क्षेत्र यमकेश्वर में भवांसी-माण्डलू मोटर मार्ग से मसोगी-कूतली-अमाल्डू मोटर मार्ग तक मिसिंग मार्ग के निर्माण कार्य हेतु मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने 1.47 करोड़ रूपये की स्वीकृति प्रदान की है।

इसके साथ ही मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने उत्तरकाशी जनपद के डुण्डा विकासखण्ड में राइकॉ पुजारगांव धनारी से सिद्धेश्वर मंदिर होते हुए कुवा तक मोटर मार्ग के नव निर्माण हेतु 29.48 लाख रूपये की स्वीकृति प्रदान की है।

कुम्भ मेला 2021 के अंतर्गत सर्विलांस सिस्टम के अधिष्ठान कार्य हेतु मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने 17.34 करोड़ की स्वीकृति प्रदान करते हुए प्रथम किश्त के रूप में 6.94 करोड़ की धनराशि निर्गत करने की स्वीकृति दी है। इसके साथ ही चिकित्सा व्यवस्थाओं के अंतर्गत 1000 बेड अस्थाई कोविड केयर सेंटर हेतु विभिन्न मदों में सामग्री क्रय हेतु मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने 15.46 करोड़ की स्वीकृति प्रदान करने के साथ ही प्रथम किश्त के रूप में 6.18 करोड़ की स्वीकृति प्रदान की, साथ ही चिकित्सा व्यवस्थाओं के अंतर्गत सामग्री क्रय हेतु 2.93 करोड़ की स्वीकृति प्रदान करते हुए प्रथम किश्त के रूप में 1.17 करोड़ की धनराशि निर्गत करने की स्वीकृति दी है।

सिद्ध पीठ मंशा व चंडी देवी मंदिर मार्ग को किया जाए सुदृढ़ः त्रिवेंद्र सिंह रावत

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मेला नियंत्रण कक्ष, हरिद्वार में स्वच्छ, सुरक्षित, हरित और भव्य, दिव्य हरिद्वार कुम्भ 2021 के आयोजन के संबंध में समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिये कि कुम्भ के कार्य हर हाल में समय पर पूर्णं कर लिये जाएं, यदि आवश्यकता पड़े तो कार्य में लेबर की संख्या बढाई जाए और शिफ्ट की संख्या भी बढ़ा ली जाए।

लोक निर्माण विभाग को निर्देश दिया कि कुम्भ क्षेत्र के मठ, मन्दिर, आश्रम, धर्मशाल, अखाड़ा और पेशवाई मार्ग को दुरूस्त कर लिया जाए। इसके साथ ही मंशा देवी और चण्डी देवी मार्ग का सुदढ़ीकरण कर लिया जाए। कुम्भ क्षेत्र के साज-सज्जा और सौंदर्यीकरण के कार्य कुम्भ श्रद्धालुओं का स्वागत करेगा।

कुम्भ कार्यों में पारदर्शिता और ईमानदारी बनाएं रखने को गम्भीरता से लेने को कहा तथा कहा कि कुम्भ के बाद और कुम्भ के दौरान किसी प्रकार के प्रश्न चिह्न उठने की सम्भावना को समाप्त करें।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कुम्भ मेले की बैठक के उपरांत यूपीसीएल के 33-11 के.वी. उपसंस्थान जगजीतपुर-ललतारौ का लोकार्पण किया। कुम्भ मेला-2021 के अन्तर्गत हरिद्वार क्षेत्र में अस्थायी सैक्टरों एवं पार्किंग में कुम्भ की विद्युत मांग को देखते हुए तथा वर्तमान उपसंस्थानों का बेहतर लोड मैनेजमेंट करने के लिये 2 नये उपसंस्थान ललतारों एवं जगजीतपुर में बनाये गये हैं।

कुम्भ मेला-2021 में प्रस्तावित कनखल, बैरागी कैम्प सेक्टरों को विद्युत आपूर्ति के लिये आवश्यक अस्थायी विद्युत नेटवर्क की विद्युत आपूर्ति करने वाले उपसंस्थानों बैरागी कैम्प एवं कनखल-प्प् का लोड कम करने के लिये प्रस्तावित जगजीतपुर उपसंस्थान का निर्माण किया गया है। इससे कुम्भ मेला-2021 में प्रस्तावित रोडीवाला, बेलवाला एवं हर की पैडी सेक्टरों में आवश्यक अस्थायी विद्युत नेटवर्क को विद्युत आपूर्ति करने वाले उपसंस्थानों लालजीवाला एवं मायापुर का लोड कम करने के लिये एवं बेहतर विद्युत आपूर्ति होगी। यह उपसंस्थान 2 अलग-अलग 132 के0वी0 उपसंस्थानों भूपतवाला एवं ज्वालापुर से निकलने वाले 33 के०वी० फीडरों से पोषित होगा, इस प्रकार अलग-अलग सोर्स से कनेक्टिविटी बनी रहेगी। साथ ही लगभग 4000 वर्तमान निवासरत विद्युत उपभोक्ता इस उपसंस्थान से लाभान्वित होंगे। यह उपसंस्थान प्री-फेब्रिकेटेड पावर डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर आधुनिक तकनीक पर आधारित है। यह आधुनिक क्षमता का तकनीक पर आधारित देवभूमि उत्तराखण्ड के कुम्भ क्षेत्र हरिद्वार में पहला उपसंस्थान है।

इस अवसर पर नगर विकास मंत्री मदन कौशिक, विधायक आदेश चैहान, मुख्य सचिव ओम प्रकाश, प्रबन्ध निदेशक यूपीसीएल नीरज खैरवाल, मेलाधिकारी दीपक रावत, जिलाधिकारी हरिद्वार सी रविशंकर उपस्थित थे।

नारसन से रूड़की के मध्य एनएच कार्यों का निरीक्षण करने पहुंचे सीएम, जताई संतुष्टि

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने नारसन से रूड़की के मध्य राष्ट्रीय राजमार्ग के कार्यों एवं रूड़की बाईपास पर चल रहे निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया। उन्होंने कुंभ क्षेत्र में चल रहे विभिन्न कार्यों एवं पुलों का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि 31 दिसम्बर 2020 तक स्थाई प्रकृति के सभी कार्य पूर्ण किये जाय। 31 जनवरी, 2021 तक कुम्भ से संबंधित सभी कार्य पूर्ण कर लिये जाए। उन्होंने पुहाना-छुटमलपुर बाईपास, फ्लाईओवर ब्रिज, कोर कॉलेज के समीप से मंगलौर को जोड़ने वाले बाईपास, रानीपुल झाल में बनाये जा रहे पुल एवं लोक निर्माण विभाग द्वारा बनाये जा रहे विभिन्न पुलों एवं मेला क्षेत्र के अन्तर्गत विभिन्न निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि आगामी कुंभ में श्रद्धालुओं की सुविधा के दृष्टिगत 98 प्रतिशत कार्य दिसम्बर 2020 के अंत तक पूर्ण हो जाएंगे। जनवरी अंत तक सभी कार्य पूर्ण करने के निर्देश अधिकारियों को दिये। उन्होंने कहा कि पुलों, बाईपास को जोड़ने एवं सड़क निर्माण के जो कार्य हो रहे हैं, इससे लोगों को आने वाले समय में काफी फायदा होगा। हरिद्वार में सालभर में अनेक स्नान पर्व एवं कांवड़ मेले का आयोजन होता है। इन पर्वों में भी श्रद्धालुओं को आवागमन के लिए काफी सुविधा होगी एवं स्थानीय लोगों को भी सुविधा होगी। हरिद्वार देश-विदेश के पर्यटकों एवं श्रद्धालुओं के लिए आस्था का प्रमुख केन्द्र है। हरिद्वार में श्रद्धालुओं को आवागमन में किसी भी प्रकार की परेशानी न इसके लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने निरीक्षण के दौरान निर्देश दिये कि कुंभ मेला क्षेत्र में सौन्दर्यीकरण के कार्यों पर भी विशेष ध्यान दिया जाय। यात्रा मार्गों पर साइनेज की पर्याप्त व्यवस्था हो। पार्किंग स्थलों, स्वच्छता, पेयजल एवं अन्य मूलभूत आवश्यकताओं की उचित व्यवस्था हो। उन्होंने कहा कि कोविड के कारण बीच में जो निर्माण कार्य प्रभावित हुए हैं, उनमें और तेजी लाई जाय। कुंभ शुरू होने से पूर्व सभी व्यवस्थाएं पूर्ण कर ली जाय।

मुख्यमंत्री ने कुंभ कार्यों का निरीक्षण करने के बाद हरकी पैड़ी पर पूजा-अर्चना की एवं प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि की कामना ही।

मेलाधिकारी दीपक रावत ने कुंभ मेला क्षेत्र में चल रहे विभिन्न कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि स्थाई प्रकृति के अधिकांश कार्य पूर्णता की ओर हैं, अवशेष कार्य भी कुंभ शुरू होने से पूर्व पूर्णं हो जायेंगे। सौन्दर्यीकरण, घाटों की सफाई, अतिक्रमण हटाने, स्वच्छता आदि के कार्य लगातार किये जा रहे हैं।

इस अवसर पर शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक, विधायक आदेश चैहान, प्रदीप बत्रा, कुंवर प्रणव चैंपियन, मुख्य सचिव ओम प्रकाश, सचिव आरके सुधांशु, शैलेश बगौली, आईजी मेला संजय गुंज्याल, जिलाधिकारी हरिद्वार सी. रविशंकर, एसएसपी सेंथिल अबुदई कृष्णराज एस, अपर मेलाधिकारी हरवीर सिंह आदि उपस्थित थे।

कुंभ मेला में दिखेगा स्वच्छ भारत मिशन का का असर

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बुधवार सांय सीएम आवास में कुम्भ मेला 2021 की तैयारियों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने कुम्भ मेले की तैयारियों की नियमित समीक्षा करने के निर्देश दिये।

मेलाधिकारी को कोविड-19 के मानकों के अनुरूप सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने पर हरिद्वार की क्षमता का आंकलन करने के निर्देश दिये गये। यह भी देखा जाए कि स्नान घाटों की कितनी क्षमता है। अखाड़ों के संत महात्माओं से लगातार समन्वय बनाए रखें। कुम्भ मेला दिव्य और भव्य होगा। इसके आयोजन में धार्मिक और सांस्कृतिक परम्पराओं का ध्यान रखना है। कुम्भ मेला क्षेत्र में स्वच्छता का भी पूरा ध्यान रखा जाए। कुम्भ मेले के सुरक्षित आयोजन के लिए पुख्ता कार्ययोजना तैयार कर ली जाए। कुम्भ मेले के लिए कोविड के दृष्टिगत बङी संख्या में मास्क और सेनेटाईजर की व्यवस्था की जाए। मेले में जो भी श्रद्धालु बिना मास्क के दिखे, उन्हें निशुल्क मास्क दिये जाएं। इसमें सामाजिक संगठनों का भी सहयोग लिया जा सकता है।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक, मुख्य सचिव ओम प्रकाश, डीजी लॉ एंड आर्डर अशोक कुमार, सचिव नितेश झा, अमित नेगी, शैलेश बगोली, पंकज पाण्डेय, मेलाधिकारी दीपक रावत, आईजी संजय गुन्ज्याल, जिलाधिकारी हरिद्वार सी. रविशंकर उपस्थित थे।

सीएम ने की कुंभ मेला की समीक्षा, हरिद्वार-ऋषिकेश में कूड़ा निस्तारण करने का दिया निर्देश

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कुम्भ मेला 2021 की समीक्षा करते हुए स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि हरिद्वार व ऋषिकेश में कूड़ा निस्तारण सुनिश्चित किया जाए। कुम्भ का आयोजन दिव्य और भव्य होगा। मेला क्षेत्र का सौंदर्यीकरण समय पर पूरा कर लिया जाए। कुम्भ मेले के धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को बरकरार रखते हुए कोविड के दृष्टिगत सुरक्षित आयोजन किया जाना है। इस संबंध में अखाड़ों के संत महात्माओं का मार्गदर्शन और सहयोग लिया जाएगा। कुम्भ के सभी स्थायी प्रकृति के काम दिसम्बर माह तक पूरे कर लिये जाएं। अस्थायी कामों के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी जाए। मुख्य सचिव हर सप्ताह कुम्भ की तैयारियों की समीक्षा करें। स्वास्थ्य विभाग सामान्य रूप से होने वाली तैयारियों के साथ ही कोविड के दृष्टिगत भी योजना बनाकर काम करे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी धर्मशालाओं, आश्रमों व होटलों को कोविड के दृष्टिगत क्या करें और क्या न करें, की मार्गदर्शिका उपलब्ध कराने के साथ ही वहां काम करने वालों को यथासम्भव प्रशिक्षित किया जाए। सभी काम समय पर पूरे हो, इसके लिए दो शिफ्ट में भी काम किया जा सकता है। व्यापार मंडल के सहयोग से अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई की जाए। हरिद्वार में सड़कों को जल्द से जल्द दुरुस्त किया जाए। राष्ट्रीय राजमार्ग के साथ समन्वय स्थापित कर जरूरी काम कराए जाएं।

मेलाधिकारी दीपक रावत ने कुम्भ मेले के विभिन्न कार्यों की प्रगति की जानकारी दी। बताया कि हरिद्वार के कूड़ा निस्तारण के लिए कार्ययोजना तैयार की गई है। इस पर लगभग 35 करोड़ रूपए का व्यय अनुमानित है। हरिद्वार में 1000 बेड का कोविड केयर सेंटर बनाया जाएगा। लगभग 493 चिकित्सकों की व्यवस्था की जा रही है। एम्बुलेंस की भी आवश्यकतानुसार व्यवस्था की जा रही है। बाईक एम्बुलेंस और बोट एम्बुलेंस के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं। पूरे कुम्भ मेला क्षेत्र को 23 सेक्टर में विभाजित किया गया है। किसी भी आकस्मिक स्थिति के लिए अतिरिक्त टीमें रिजर्व में रहेंगी। अधिकारियों के लिंक अधिकारी भी नामित किए जाएंगे।

बैठक में शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक, मुख्य सचिव ओमप्रकाश, सचिव आरके सुधांशु, नितेश झा, शैलेश बगोली, सौजन्या, पंकज पाण्डेय, गढ़वाल मंडल आयुक्त रविनाथ रमन, आईजी अभिनव कुमार, संजय गुन्ज्याल आदि उपस्थित रहे।