संतो ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र को किया स्वस्थ और दीर्घायु होने का आशीर्वाद

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मुख्यमंत्री आवास में श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा के वरिष्ठ महामंडलेश्वर स्वामी यतीन्द्रानन्द गिरि महाराज के नेतृत्व में हरिद्वार के प्रमुख संतों ने भेंट की। भेंट करने वाले संतों में निर्मल आश्रम के महंत जसजीत, गरीबदास, महंत आनंद, वाल्मीकि समाज के संत महंत मान दास महाराज, वैष्णव अखाड़े से महंत दुर्गा दास महाराज एवं नगर के प्रसिद्ध एडवोकेट श्रेयस अग्रवाल थे। संतो ने हरिद्वार नगर में संतों के आश्रम का पंजीकरण कमर्शियल किए जाने पर अपनी आपत्ति दर्ज की। बिजली के बिल भी कमर्शियल आने पर मुख्यमंत्री से अपनी बात रखी।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने संतो को आश्वासन दिया और तुरंत कार्रवाई का निर्देश भी दिया। संतों ने कहा आगामी कुंभ में जिस प्रकार की भी व्यवस्था और परिस्थिति होगी, सन्त सरकार का भरपूर सहयोग करेंगे। कुंभ हमारी प्राचीन परंपरा है किंतु कोरोना महामारी के चलते हुए जैसी भी स्थिति होगी उसी प्रकार से सभी संत और अखाड़े सरकार का सहयोग करेंगे। महामंडलेश्वर स्वामी यतीन्द्रानंद गिरी ने केदारनाथ मॉडल पर ही बद्रीनाथ गंगोत्री एवं यमुनोत्री धाम के विकास हेतु प्रयासरत मुख्यमंत्री की प्रशंसा की। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि देवस्थानम बोर्ड के तहत स्थानीय पुरोहित समाज के हितों का पूरा ध्यान रखा गया है। सभी संतो ने मुख्यमंत्री को स्वस्थ और दीर्घायु होने का आशीर्वाद दिया।

कुंभ मेला के कार्यों को टाईमबाउंड तरीके से पूरा करने के निर्देश

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सीएम आवास में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ कुम्भ मेला 2021 की तैयारियों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुम्भ मेले के स्वरूप के बारे में अखाड़ा परिषद के संत महात्माओं के मार्गदर्शन में कोविड-19 की उस समय की परिस्थिति के अनुसार निर्णय लिया जाएगा।

संतों के आशीर्वाद से इस आयोजन को सभी धार्मिक परम्पराओं का पालन करते हुए बेहतर तरीके से सम्पन्न किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कुम्भ मेले के कार्यों को टाईमबाउंड तरीके से पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर और सुविधाओं की पुख्ता व्यवस्थाएं सुनिश्चित कर ली जाएं। तैयारियों में कोविड-19 की उस समय की सम्भावित परिस्थितियों का भी ध्यान रखा जाए। जहां जरूरी हो, अन्य राज्यों से भी आवश्यक सहयोग के लिये संबंधित अधिकारियों से सम्पर्क कर समन्वय किया जाए। मेलाधिकारी दीपक रावत ने कुम्भ मेला क्षेत्र में सड़क, घाट, पार्किंग, शौचालय, सोलिड वेस्ट मैनेजमेंट, स्वास्थ्य सुविधाएं आदि की जानकारी दी। आईजी कुम्भ मेला संजय गुन्ज्याल ने क्राउड मैनेजमेंट और ट्रेफिक प्लान पर प्रस्तुतिकरण दिया।

इस वर्ष भी आयोजित होगी छड़ी यात्रा, कुंभ मेले को लेकर तैयारियां शुरु

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि कुम्भ मेला 2021 दिव्य एवं भव्य रूप से आयोजित किये जाने के लिये राज्य सरकार दृढ़ संकल्पित है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि सभी अखाड़ों के सन्त महात्माओं के सहयोग एवं आशीर्वाद से यह आयोजन सफल होगा। सचिवालय में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष एवं महामंत्री तथा अन्य पदाधिकारियों के साथ कुम्भ मेले के आयोजन के सम्बन्ध में मुख्यमंत्री ने व्यापक विचार विमर्श किया। इस अवसर पर नगर विकास मंत्री मदन कौशिक, मुख्य सचिव ओम प्रकाश, पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था अशोक कुमार के साथ ही शासन के उच्चाधिकारी एवं मेले से जुड़े अधिकारी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने कुम्भ मेले की व्यवस्थाओं के तहत किये जा रहे निर्माण कार्यों की समीक्षा करते हुए सभी स्थायी व अस्थायी निर्माण कार्यों को 15 दिसम्बर से पूर्व सम्पन्न करने के निर्देश सम्बन्धित अधिकारियों को दिये।
बैठक में सभी अखाड़ों के सुझावों पर मुख्यमंत्री ने नील धारा सहित अन्य क्षेत्रों में निर्मित होने वाले स्नान घाटों के नाम 13 अखाड़ों के ईष्ट देवों के नाम पर रखे जाने, 2010 कुम्भ मेले की भांति इस बार भी उतने ही क्षेत्रफल में कुम्भ मेले के आयोजन, मंशा देवी हिल वाई पास सड़क को मेले के दौरान प्रयोग में लाये जाने तथा आन्तरिक सड़कों के निर्माण में तेजी लाये जाने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने हरिद्वार में संत महात्माओं को भू समाधि के लिये स्थान चयन को संत समाज के हित में लिया गया निर्णय बताया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष भी सभी अखाड़ों के सहयोग से छड़ी यात्रा आयोजित की जायेगी धर्मस्व एवं संस्कृति विभाग इसका नोडल विभाग होगा। उन्होंने कहा कि कुम्भ मेले को भव्य एवं दिव्य रूप से आयोजित किये जाने के लिये लगातार बैठकें की जाती रही हैं। कोविड के कारण उत्पन्न समस्याओं का तत्समय आभास नहीं था। पूरा विश्व इस संकट का सामना कर रहा है। इससे सभी स्तरों पर कार्यों की गति में अवरोध पैदा हुआ है उन्होंने कहा कि इस दौरे से भी हम निजात पायेंगे तथा संतों के आशीर्वाद से इस आयोजन को बेहतर तरीके से सम्पन्न कर पायेंगे। उन्होंने कहा कि इस सम्बन्ध में देश काल व परिस्थिति के अनुसार भी निर्णय लिया जायेगा। आगे स्थितियां कैसी होगी, इसका पूर्वानुमान लगाया जाना कठिन है।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर सभी संत महात्माओं को उनकी अगुवाई में राम मन्दिर निर्माण के शिलान्यास के लिये भी बधाई दी। उन्होंने कहा कि इसके लिये हमारे संत महात्माओं ने भी अपना बलिदान दिया। आखिर वह शुभ दिन आया जब प्रधानमंत्री ने श्री राम के भव्य मन्दिर का शिलान्यास किया।
इस अवसर पर नगर विकास मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि कुम्भ मेले के आयोजन में सभी अखाड़ों का सहयोग मिल रहा है। अखाड़ों की सुविधा के लिये भी सभी व्यवस्थायें की जा रही हैं। निर्माण कार्यों में तेजी लायी गई है। कोरोना के कारण इसकी गति कुछ धीमी जरूर हुई है। कुम्भ मेले से सम्बन्धित सभी पुलों, स्नान घाटों, सड़कों, आस्था पथों आदि का निर्माण 15 दिसम्बर तक पूर्ण हो इसका प्रयास किया जा रहा है।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरी ने उज्जैन व प्रयाग राज कुम्भ की भांति अखाड़ों को धनराशि व अन्य सुविधायें उपलब्ध कराये जाने की बात रखी। उन्होंने अखाड़ों में साफ-सफाई व अतिक्रमण को हटाने, आवागमन व पेशवाई मार्ग निर्धारण, पुलों, घाटों के निर्माण में तेजी लाये जाने का भी अनुरोध किया। उन्होंने कुम्भ मेले के सफल आयोजन के लिये सभी अखाड़ों की ओर से हर संभव सहयोग का भी आश्वासन दिया।
इस अवसर पर मेलाधिकारी दीपक रावत द्वारा निर्माण कार्यों से संबंधित प्रस्तुतीकरण दिया गया। बैठक में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री महन्त हरि गिरि, महन्त प्रेम गिरि, महन्त महेश पुरी, महन्त सत्यगिरि, महन्त कैलाशपुरी, महन्त मुकुन्दानन्द ब्रहमचारी, महन्त सोमेश्वरानन्द ब्रहमचारी, महन्त ओंकार गिरि, महन्त रविन्द्र पुरी सहित बड़ी संख्या में संत महात्मा एवं अधिकारीगण उपस्थित थे।

कुंभ मेले में मान्यताओं एवं परम्पराओं का रखा जायेगा ध्यान, निर्धारित समय पर होगा आयोजनः सीएम

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बुधवार को मुख्यमंत्री आवास में नगर विकास मंत्री मदन कौशिक एवं अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरी एवं अन्य अखाड़ों के प्रतिनिधियों के साथ आगामी कुम्भ मेले के आयोजन के संबंध में विचार-विमर्श किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि अखाड़ा परिषद के सदस्यों के विचार एवं सुझावों पर त्वरित कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने अखाड़ा परिषद के सदस्यों से अपनी समस्याओं से नगर विकास मंत्री को अवगत कराने को कहा।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि 2021 में हरिद्वार में आयोजित होने वाला कुम्भ निर्धारित समय पर आयोजित होगा। इसका स्वरूप कैसा रहेगा यह उस समय की परिस्थितियों पर भी निर्भर रहेगा। उन्हो।ने कहा कि अखाड़ों द्वारा श्रद्धालुओं के लिये अपने स्तर पर की जाने वाली व्यवस्थाओं के लिये जिनके पास भूमि उपलब्ध होगी उन्हें ग्रान्ट के रूप में धनराशि उपलब्ध करायी जायेगी, कार्यों की गुणवत्ता आदि की जांच हेतु विभागीय अधिकारी को जिम्मेदारी सौंपी जायेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कुम्भ से पूर्व हरिद्वार में संचालित सभी स्थायी निर्माण कार्य पूर्ण कर दिये जायेंगे। उन्होंने कहा कि हरिद्वार को जोड़ने वाले पुलों एवं सड़कों के निर्माण में भी तेजी से कार्य किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने अखाड़ा परिषद के सदस्यों को आश्वस्त किया कि उनकी समस्याओं का त्वरित समाधान किया जायेगा। अखाड़ों को जोड़ने वाली सड़कों के पुनर्निर्माण के साथ ही अतिक्रमण को हटाने तथा साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया जायेगा।

अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरी ने मुख्यमंत्री से हरिद्वार कुम्भ मेले में घाटों का नाम 13 अखाड़ों के ईष्ट देवों तथा सेक्टरों के नाम भी अखाड़ों के नाम पर रखे जाने का अनुरोध किया। उन्होंने अखाड़ों को दी जाने वाली धनराशि से होने वाले कार्यों की गुणवत्ता की जांच आदि के लिये किसी अधिकारी को नामित करने का भी अनुरोध किया, उन्होंने अखाड़ों के सम्पर्क मार्गों की मरम्मत, बिजली, पानी, साफ-सफाई, शौचालयों की मरम्मत आदि के लिए भी मेले से जुड़े अधिकारियों को निर्देश देने का अनुरोध मुख्यमंत्री से किया।

प्रयागराज कुम्भ मेले की तरह होंगी हरिद्वार कुंभ मेले की व्यवस्थाएंः मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में बुधवार को मुख्यमंत्री आवास में कुम्भ मेला-2021 की तैयारियों के संबंध में बैठक संपन्न हुई। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मेलाधिकारी प्रयागराज कुम्भ मेला 2019 श्री विजय किरन आनन्द ने प्रयागराज कुम्भ मेला 2019 हेतु की गई तैयारियों पर प्रस्तुतीकरण दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2021 में होने जा रहे कुम्भ मेले में 15 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने की सम्भावना है। इतनी बड़ी संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए कुम्भ क्षेत्र का विस्तार किया जाना आवश्यक है। उन्होंने अवस्थापना संबंधी कार्यों जैसे सडक, विद्युत, पेयजल आपूर्ति, कानून व्यवस्था सुनिश्चित करने, चिकित्सा सुविधा, स्वच्छता व कूड़ा निस्तारण, आवासीय व पार्किंग व्यवस्था व कुम्भ मेला क्षेत्र विस्तार योजना पर तेजी से कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को सभी आवश्यक व्यवस्थाएं समय से सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी सेक्टर ऑफिसर्स को भी शीघ्र तैनात करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रयागराज में आयोजित कुम्भ पूर्ण रूप से सफल रहा था। उन्होंने प्रयागराज कुम्भ 2019 का अध्ययन एवं मेलाधिकारी श्री विजय किरन आनन्द के अनुभवों की सहायता से कुम्भ 2021 को सफल बनाने हेतु हर सम्भव प्रयास किये जाने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी आवश्यक शासनादेश भी शीघ्र जारी करने के निर्देश दिए।
इस अवसर पर मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश, मेलाधिकारी कुम्भ मेला 2021 दीपक रावत, महानिदेशक पुलिस अशोक कुमार, सचिव अमित नेगी, दिलीप जावलकर एवं सौजन्या सहित शासन के उच्चाधिकारी भी उपस्थित थे।