पुण्यतिथि पर कांग्रेसियों ने दी महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि


राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर कांग्रेस जनसहायता कार्यालय श्यामपुर में कार्यकर्ताओं ने रघुपति राघव राजाराम भजन की धुन गाकर बापू को श्रद्धांजलि अर्पित की। इससे पूर्व गांधी स्तंभ में भी कार्यकर्ताओं ने पुण्यआत्मा को श्रद्धांजलि दी।

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य जयेन्द्र रमोला ने कहा कि गांधीजी के बलिदान को पूरा देश नहीं भुला सकता। उन्होंने बिना हथियार के अंग्रेजों से लड़ाई लड़ी, परन्तु आज देश में जो हालात भाजपा सरकार ने की है। उसको देखकर आज गांधीजी को भी रोना आता होगा। आज गांधीजी के बताये मार्ग पर चलने का हम सभी को अनुकरण करना चाहिए यही गांधी जी को सच्ची श्रद्धांजली होगी।

कार्यक्रम में पूर्व मंण्डी सभापति जय सिंह रावत, महिला कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष अंशुल त्यागी, सनमोहन सिंह रावत, धर्मराज पुण्डीर, धर्मेंद्र गुलियाल, आशा सिंह चैहान, ललित मोहन मिश्र, प्रताप सिंह पोखरियाल, खेम सिंह बिष्ट, रमा चैहान, पूर्व प्रधान वीरेन्द्र सिंह, गोकुल रमोला, शिवदयाल रतूड़ी, निर्मल रांगढ, उपप्रधान रोहित नेगी, दीपक नेगी, रवि राणा, बलखण्डी सिंह कलूडा, विशाल सजवाण, प्रकाश पाण्डेय, संदीप खंतवाल, नीरज चैहान, प्रिंस सक्सेना, तनवीर सिंह, मनोज गुसाँई, जितेन्द्र त्यागी, पिंटू प्रजापति, दिलप्रीत सिंह, राजकुमार आदि मौजूद थे।

“अनासक्ति आश्रम” की झांकी करेगी उत्तराखंड का प्रतिनिधित्व

इस वर्ष गणतंत्र दिवस समारोह में राजपथ, नई दिल्ली में दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति माटामेला सिरिल रामफोसाइज की विशेष उपस्थिति में आयोजित होने वाली गणतंत्र दिवस की राष्ट्रीय परेड में उत्तराखण्ड राज्य की ओर से कौसानी स्थित “अनासक्ति आश्रम” की झांकी प्रस्तुत की जायेगी।
देवभूमि उत्तराखण्ड में कौसानी, जिसको महात्मा गांधी जी ने “भारत का स्विटरजलैण्ड” कहा था, में स्थित ’अनासक्ति आश्रम’ बहुत ही शांतिपूर्ण स्थान है। महात्मा गांधी जी ने वर्ष 1929 में कौसानी का भ्रमण किया था तथा इसी स्थान पर उन्होेंने गीता पर आधारित अपनी प्रसिद्व पुस्तक ’अनासक्ति योग’ की प्रस्तावना लिखी थी। इस आश्रम का संचालन गांधी स्मारक निधि द्वारा किया जाता है। आश्रम में प्रतिदिन सुबह व शाम प्रार्थना सभा आयोजित की जाती है तथा आश्रम को पुस्तकालय, वाचनालय व प्रशिक्षण केन्द्र के रूप में विकसित किया गया है। इस आश्रम में गांधी दर्शन पर शोधकर्ताओं, दार्शनिकों एवं पर्यटकों के लिए ग्रन्थ भी उपलब्ध है।
उत्तराखण्ड राज्य की झांकी के अग्रभाग में अनासक्ति योग लिखते हुए महात्मा गांधी जी की बडी आकृति को दिखाया गया है। मध्य भाग में कौसानी स्थित अनासक्ति आश्रम को दिखाया गया है तथा आश्रम के दोनों ओर पर्यटक योग व अध्ययन करते हुए नागरिकों व पण्डित गोविन्द बल्लभ पंत को महात्मा गांधी जी से वार्ता करते हुए दिखाया गया है। झांकी के पृष्ठ भाग में देवदार के वृक्ष, स्थानीय नागरिकों व ऊंची पर्वत श्रृंखलाओं को दिखाया गया है। साइड पैनल में उत्तराखण्ड की सांस्कृतिक विरासत, जागेश्वर धाम, बद्रीनाथ तथा केदारनाथ मंदिर को दर्शाया गया है।
उत्तराखण्ड राज्य के झांकी के टीम लीडर के एस चैहान ने बताया कि राष्ट्र इस वर्ष महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मना रहा है, इसलिये गणतंत्र दिवस के अवसर पर राजपथ में भाग लेने वाली सभी झांकियों की थीम “महात्मा गांधी जी के जीवन दर्शन” पर आधारित है। 

हिन्दू है जिम्मेदार तो जिन्ना ने पाकिस्तान की क्यों की थी मांग

पाकिस्तान अपने राष्ट्रवादी नजरिए के मुताबिक इतिहास को तोड़ने-मरोड़ने का काम कर रहा है। इसके लिए इतिहास की किताबों को हथियार बनाते हुए यह बताया जाता है कि जब 70 साल पहले भारत और पाकिस्तान के बंटवारे के दौरान हुए खून-खराबे के लिए हिंदू जिम्मेदार हैं।
पाकिस्तान के ब्लूचिस्तान प्रांत के स्कूलों में पढ़ाई जाने वाली सरकारी मान्यता प्राप्त ग्रेड पांच की इतिहास की किताबों में हिंदुओं को ‘हत्यारा’ बताया गया है, जिन्होंने मुसलमानों का नरसंहार किया, उनकी संपत्ति जब्त कर ली और उन्हें भारत छोड़ने के लिए मजबूर किया।
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के 17 साल के नोमान अफजल ने अपनी इतिहास की किताब में लिखे एक उत्तर का जिक्र करते हुए कहा, वे हमें नीचा समझते थे, इसलिए हमने पाकिस्तान बनाया।
महात्मा गांधी के अध्याय, इस बात का साफ उदाहरण है कि सीमा के दोनों और बंटवारे को कितना अलग-अलग तरीके से पेश किया गया है। पाकिस्तान में आजादी के लिए गांधी के संघर्ष का कुछ खास जिक्र नहीं किया गया है, जबकि भारत में उन्हें ‘वन मैन आर्मी’ के तौर पर पेश किया जाता है।