सीएम ने दिए निर्देश, त्वरित समस्या का समाधान की हमारी कार्यशैली बने

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में आयोजित जनता मिलन कार्यक्रम में बड़ी संख्या में आए लोगों की शिकायतों और समस्याओं को सुना। मुख्यमंत्री ने जन समस्याओं के त्वरित समाधान के अधिकारियों को निर्देश दिये। उन्होंने निर्देश दिये कि जो भी जन समस्याएं आ रही हैं, उनका समयबद्धता से निस्तारण किया जाए।
मुख्यमंत्री ने सचिव आर.मीनाक्षी सुन्दरम को निर्देश दिये कि जन समस्याओं से सबंधित जो भी पत्र मुख्यमंत्री कार्यालय को प्राप्त हो रहे हैं, उन्हें सबंधित विभागों को भेजकर उस पर कृत कार्यवाही की नियमित अपडेट लिया जाए। सभी जन समस्याओं एवं शिकायतों की मुख्यमंत्री कार्यालय से नियमित मॉनेटरिंग की जाए। मुख्यमंत्री ने अधिकांश जन शिकायतों का मौके पर निस्तारण किया। कुछ जन समस्याओं को सबंधित विभागों को कार्यवाही करने के निर्देश दिये।
इस अवसर पर सचिव आर. मीनाक्षी सुन्दरम, आईजी के.एस. नगन्याल, अपर सचिव नवनीत पाण्डे, जगदीश चन्द्र काण्डपाल मौजूद रहे।

सीएम आवास में उत्तराखण्ड मिलेट्स भोज का आयोजन

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में कृषि विभाग द्वारा अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष 2023 के अवसर पर आयोजित “उत्तराखण्ड मिलेट्स भोज” में प्रतिभाग किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड के मिलेट्स उत्पादों से भरपूर पारंपरिक व्यंजनों के स्टाल्स का निरीक्षण भी किया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड में उत्पादित होने वाला पारंपरिक मोटा अनाज मिलेट्स का भरपूर स्रोत है। इसका उपयोग करने से जहां एक ओर लोगों को पौष्टिक भोजन मिलेगा वहीं इसको बढ़ावा देने से प्रदेश के किसानों की आय में भी इजाफा होगा।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार प्रकट करते हुए कहा कि हाल में ही भारत सरकार द्वारा उत्तराखण्ड के मोटे अनाज (मण्डुआ) के प्रोक्योरमेंट की अनुमति दी गई है। मण्डुवा के प्रोक्योरमेंट की यह अनुमति फसल वर्ष 2022-23 के लिए दी गई है। मण्डुवा का न्यूनतम समर्थन मूल्य 3578 रूपये प्रति कुन्तल निर्धारित है। यह राज्य सरकार द्वारा पर्वतीय क्षेत्रों के कृषकों की आमदनी बढ़ाने हेतु अभिनव प्रयास सिद्ध होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा मोटे अनाज (मण्डुआ) के 0.096 लाख मीट्रिक टन की प्रोक्योरमेंट की अनुमति मिलने से राज्य में मिलेट (मोटा अनाज) उत्पादन करने वाले किसानों को बड़ा लाभ मिलेगा। मण्डुवा, पौष्टिकता से भरपूर होता है। किसानों से खरीद कर मिड डे मील और सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से बच्चों और लोगों को उपलब्ध कराया जा सकेगा।
इस अवसर पर राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, कृषि मंत्री गणेश जोशी, विधायक राजपुर खजान दास, पूर्व विधायक मुकेश कोहली, सचिव कृषि वी.वी.आर.सी. पुरुषोत्तम, अपर सचिव कृषि रणवीर सिंह चैहान, निदेशक कृषि गौरी शंकर समेत अन्य विभागीय अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद रहे।

राज्य में औद्योगिक संस्थानों को हर प्रकार की सुविधा देने के किये जा रहे प्रयास-सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड में औद्योगिक विकास के लिए राज्य सरकार द्वारा औद्योगिक नीति में उद्योगपतियों के सुझावों को भी शामिल किया गया है। सरकार का प्रयास है कि राज्य में अधिक से अधिक निवेश हो तथा पूर्व से स्थापित उद्योगों को और बेहतर सुविधाएं उपलब्ध हो। गुरूवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में एग्रो फूड प्रोसेसिंग कॉन्क्लेव 2022 में कृषि, उद्यान, फूड प्रोसेसिंग से जुड़े देश एवं विदेश के उद्योगपतियों के साथ राज्य में निवेश की संभावनाओं पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में लॉजिस्टिक पॉलिसी शुरू की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड की भूमि संस्कृति और आध्यात्म का केंद्र है। प्राकृतिक सौंदर्य एवं बेहतर मानव संसाधन दोनों उत्तराखण्ड के पास हैं। राज्य में औद्योगिक संस्थानों को हर प्रकार सुविधा देने के प्रयास किये जा रहे हैं। राज्य में हवाई, रेल एवं संड़क कनेक्टिविटी का तेजी से विस्तार हो रहा है। इसके लिए औद्योगिक संस्थानों के प्रतिनिधियों से समय-समय पर संवाद स्थापित किये गये हैं। राज्य में औद्योगिक विकास के लिए जो महत्वपूर्ण सुझाव मिले हैं, उन्हें राज्य की औद्योगिक नीति में शामिल किया गया है। इस कॉन्क्लेव को “एडवांटेज उत्तराखण्ड“ हेतु समर्पित किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड के ग्रामीण क्षेत्रों में भी लघु उद्योगों के लिए अनेक संभावनाएं हैं। राज्य में बागवानी, जैविक खेती, औषधीय व सुगंधित पौधों की खेती के क्षेत्र में अनेक संभावनाएं हैं। राज्य में फार्मास्युटिकल उद्योग, ऑटोमोबाइल उद्योग, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग आज अच्छा कारोबार कर रहा है। राज्य ने हाल ही में इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर, एक फार्मास्युटिकल पार्क और एक अरोमा पार्क स्थापित किया है।
कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि देश के विकास में कृषि का बहुत बड़ा योगदान है। उत्तराखण्ड में जैविक एवं प्राकृतिक खेती को अधिक बढ़ावा दिया जा रहा है। उद्योगों के विकास के लिए राज्य में विभिन्न अनुमतियों के लिए सिंगल विंडो सिस्टम लागू है। 11 फसलों को जी.आई. टैग किया जा रहा है। कीवी, सेब एवं मोटे अनाजों के उत्पादन को बढ़ाने के लिए अनेक प्रयास किये जा रहे हैं।
पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने कहा कि राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में आजीविका का सबसे बड़ा संसाधन पशुपालन, दुग्ध एवं इससे संबंधित उत्पाद हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में डेयरी उत्पादों के प्रोडक्शन के साथ ही उनकी मार्केटिंग पर भी ध्यान दिया जा रहा है। दुग्ध एवं उनसे संबंधित उत्पादों के क्षेत्र में राज्य में अनेक संभावनाएं हैं। उत्तराखण्ड में प्रतिभाओं की कमी नहीं हैं, इन प्रतिभाओं को उजागर करने की दिशा में ध्यान देने की जरूरत है। इसमें औद्योगिक संस्थानों की बड़ी भूमिका हो सकती है।
मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधू ने कहा कि राज्य में औद्योगिक विकास के लिए औद्योगिक संस्थानों को हर संभव सुविधा देने के प्रयास किये गये हैं। राज्य में निवेशकों को लाईजन ऑफिसर की जरूरत होगी तो, उपलब्ध कराये जायेंगे। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में सड़क कनेक्टिविटी का तेजी से विस्तार हो रहा है। अवस्थापना विकास पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। औद्योगिक शांति में उत्तराखण्ड अग्रणी राज्य है। राज्य में औद्योगिक विकास की अनेक संभावनाएं हैं। राज्य में निवेश से निवेशकों को भी फायदा होगा एवं स्थानीय लोगों के रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम ने कहा कि राज्य में दो मेगा फूड प्रोसेसिंग पार्क हैं। काशीपुर में अरोमा पार्क भी बनाया गया है। कीवी के उत्पादन में राज्य में अच्छा कार्य हो रहा है। हर्बल उत्पादों एवं डेयरी के विकास में भी राज्य में अनेक संभावनाएं हैं।
सचिव डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय ने लॉजिस्टिक नीति, र्स्टाटअप नीति, नई औद्योगिक नीति, सर्विस सेक्टर नीति सहित राज्य सरकार द्वारा औद्योगिक विकास से संबंधित विभिन्न प्रयासों की जानकारी दी।
सचिव बी.वी.आर.सी पुरूषोत्तम ने सभी निवेशकों का स्वागत करते हुए कहा एग्रीकल्चर, हॉर्टिकल्चर एवं डेयरी पर आधारित इस कॉन्क्लेव में इन क्षेत्रों से जुड़े निवेशकों को आमंत्रित किया गया है। इन क्षेत्रों में राज्य में कार्य करने के लिए अनेक संभावनाएं हैं।
पतंजलि ग्रुप के एमडी आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि कृषि एवं उद्यान के क्षेत्र में उत्तराखण्ड में अनेक संभावनाएं हैं। राज्य में 4 तरह के एग्रो क्लाइमेटिक जोन हैं। भारत का पहली फूड प्रोसेसिंग यूनिट उत्तराखण्ड में स्थापित हुई। एरोमैटिक एवं मेडिसनल क्षेत्र में राज्य में काफी संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि राज्य बद्री गाय के दूध, घी एवं एन्य उत्पादों को और अधिक प्रमोट करना होगा। राज्य की औषधीय गुणों वाली दालों की ब्रांडिंग पर भी ध्यान देना होगा।
इस अवसर पर विभिन्न औद्योगिक संस्थानों के प्रतिनिधियों ने अपने सुझाव दिये।

सीएम ने विभिन्न स्वयं सहायता समूहों को वितरित किये संयुक्त आजीविका ऋण के चेक

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय स्थित मुख्य सेवक सदन में उत्कर्ष स्मॉल फाइनेंस बैंक द्वारा उत्तराखण्ड में वित्तीय समावेशन तथा सीएसआर के तहत की जा रही पहल कार्यक्रम के तहत चम्पावत पुलिस को 10 मोटर साइकिल को हरी झंडी दिखाकर रवाना की। मुख्यमंत्री ने बैंक की चम्पावत शाखा का वर्चुअली लोकार्पण करने के साथ ही विभिन्न स्वयं सहायता समूहों को संयुक्त आजीविका ऋण के चेक भी वितरित किये।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने संबोधन में कहा कि उत्तराखंड में पब्लिक प्राइवेट फाइनेंस को लेकर यह एक नई शुरुआत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत का मंत्र तभी सार्थक हो सकता है जब समाज के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक शासन-प्रशासन बैंक स्वास्थ्य शिक्षा के सुविधा हो। जब उनतक यह सुविधा पहुँचेगी तभी देश के नागरिक आत्मनिर्भर बनेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सबको पंडित दीनदयाल उपाध्याय के अंत्योदय के सिद्धांत को अपनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में वित्तीय संसाधन और उनके लिए किए जाने वाले प्रयास उत्साहजनक हैं, उन्होंने कहा कि समाज में कई ऐसे लोग भी हैं जो बुनियादी स्तर पर काम कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सब का प्रयास होना चाहिए कि समाज को आगे बढ़ाए। सरकार जनकेंद्रित होकर उत्तराखंड के विकास में काम कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के सोच नेतृत्व और कार्यशैली का ही परिणाम है कि भारत आज मजबूत अर्थव्यवस्था के रूप में आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि देश दुनिया में कोविड महामारी के दौरान विकसित से विकसित देशों की अर्थव्यवस्था भी डगमगा गई थी, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करिश्माई नेतृत्व के बूते देश ने ना सिर्फ़ कोरोना महामारी से डटकर मुकाबला किया बल्कि कम समय में ही दो-दो स्वदेशी टीके बनाकर हर देशवासी को कोरोना की दो नहीं तीन-तीन निशुल्क डोज की भी सौगात दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी ने देश के प्रत्येक देशवासी के जनधन खातों को लेकर जिस सोच के साथ अभियान चलाया था उसका परिणाम पिछले कई सालों से दिख रहा है। जनधन खातों में न सिर्फ योजनाओं की सब्सिडी सीधे जा रही है बल्कि देश में हर आय और हर तबके के व्यक्ति डिजिटल ट्रांजेक्शन के जरिए अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान कर रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का रोजगार और उद्यमिता पर विशेष फोकस है मुख्यमंत्री ने बैंक के उच्च अधिकारियों से अपेक्षा करते हुए कहा है कि वे स्वनिधी योजना पर विशेष ध्यान दें और उत्तराखंड को इसका मॉडल बनाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सिर्फ औपचारिकता भर ना हो बल्कि उसे मिशन मोड में लेकर आगे बढ़ाया जाए तभी लक्ष्य की पूर्ति हो सकेगी।
राज्य में वित्तीय संस्थानों, विशेषकर बैंकों द्वारा ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों पर ध्यान देने के प्रयास भी उत्साहजनक रहे हैं। उन्होंने कहा कि बैंक के कामकाज को देखने वाले श्री गोविंद सिंह अल्मोड़ा जिले के सुदूर इलाके से आते हैं, अतः वे इन इलाकों की समस्याओं को भली भांति समझते हैं। उनके बैंक ने उन लोगों तक बैंकिंग सुविधाएं पहुंचाने के लिए एक बेहतर प्रणाली विकसित करने में मदद की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार उत्तराखंड के विकास के लिए लोक केंद्रित पहल शुरू करने में सबसे आगे रही है। जब उत्कर्ष जैसे बैंक इन पहलों में सरकार का सहयोग करने के लिए आगे आते हैं, तो यह साझेदारी समाज के लिए अत्यंत लाभकारी होती है। हमारी सरकार ने हमेशा आजीविका के अवसरों को बढ़ाने, आय के विविध और स्थायी स्त्रोतों को प्रदान करने, रोजगार और उद्यमिता को सक्षम बनाने पर ध्यान केंद्रित किया है ताकि उत्तराखंड को एक आदर्श राज्य बनाया जा सके। हम बैंकों, कॉरपोरेट्स और अन्य व्यवसायों को उत्तराखंड में स्थापित और विस्तारित करने के लिए कृत संकल्पित हैं। उत्तराखंड को ’अवसरों और विकास का राज्य बनाने में हम सब एक साथ मिलकर उत्तराखंड के चहुमुखी विकास के लिए काम करें। ऐसा विकास जो समावेशी हो, टिकाऊ हो और उत्तराखंड राज्य को रोजगार के पर्याप्त अवसर उपलब्ध कराने में समर्थ हो।
उत्कर्ष स्माल फाइनेंस बैंक के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी गोविंद सिंह ने बताया कि वे उत्तराखण्ड की परिस्थितियों से परिचित हैं। उत्तराखण्ड ने हमें बहुत कुछ सीखने के साथ संघर्षों से सामना करने एवं आगे बढ़ने की प्रेरणा दी है। उन्होंने बताया कि उनके द्वारा राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य, शिक्षा एवं महिलाओं को स्वरोजगार से सम्बन्धित योजनाओं का भी संचालन किया जा रहा है। बैंक की तेईस राज्यों में 739 शाखाएं हैं जिसमें 21 उत्तराखण्ड में हैं।

सेवा पखवाड़ा के तहत निबंध और चित्रकला प्रतियोगिता के विजेता सम्मानित

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास स्थित, मुख्य सेवक सदन में सेवा पखवाड़ा 2022 के तहत ‘स्वच्छता गौरव सम्मान’ कार्यक्रम में स्वच्छता दूतों को सम्मानित किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने पीएम स्वनिधि के लाभार्थियों एवं स्वच्छता पर आयोजित निबंध एवं चित्रकला प्रतियोगिता के विजेता बच्चों को भी सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश के ’स्वच्छता दूतों’ का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इनकी संकल्पशक्ति और प्रयासों ने राज्य में स्वच्छता का एक नया अध्याय लिखा है। यह प्रत्येक उत्तराखंडवासी के लिए गर्व का विषय है कि स्वच्छ सर्वेक्षण-2022 में हमारे शहरी क्षेत्र के चार निकायों को महामहिम राष्ट्रपति द्वारा 1 अक्टूबर को सम्मानित किया जाएगा। स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण के तहत भी उत्तराखंड राज्य ने छह विभिन्न श्रेणियों में पुरस्कार जीते हैं। उन्होंने इसके लिए सभी स्वच्छता दूतों, शहरी विकास विभाग, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग को बधाई दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे स्वच्छता दूत ही स्वच्छता अभियान की धुरी हैं। भारतीय संस्कृति और दर्शन में स्वच्छता हमेशा से सर्वाेच्च प्राथमिकता रही है। ये हमारे मूल्यों और संस्कारों का अभिन्न अंग है। उन्होंने कहा कि अपनी गौरवशाली परंपराओं का स्मरण करते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में स्वच्छता का एक ऐसा महा-अभियान चलाया जा रहा है जिसकी सफलता की चर्चा पूरे विश्व में हो रही है। जब सरकार के प्रयासों में जन-भागीदारी जुड़ती है, तो उन प्रयासों की शक्ति कई गुना बढ़ जाती है। स्वच्छता को लेकर समाज में बड़ी जागरूकता ही वो मूलमंत्र है जिसने स्वच्छता अभियान की सफलता सुनिश्चित की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड आस्था का प्रमुख केन्द्र होने के साथ ही पर्यटन प्रदेश भी है। ऊर्जा एवं पर्यटन के क्षेत्र में उत्तराखण्ड में अपार संभावनाएं हैं। वैश्विक पर्यटन के नक़्शे पर आज उत्तराखंड ने एक नया स्थान अर्जित किया है। स्वच्छता और पर्यटन का आपस में गहरा रिश्ता है और जहां स्वच्छता होती है वहां पर्यटन में भी वृद्धि निश्चित होती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत एक ऐसे वर्ग के उत्थान का भगीरथ कार्य किया है, जिस पर आजादी के बाद से कभी ध्यान ही नहीं दिया गया। आज हमारे अनेकों रेहड़ी-पटरी वाले, ठेला चलाने वाले, स्ट्रीट वेंडर्स इस योजना का लाभ उठा कर न केवल अपने जीवन को सबल बना रहे हैं बल्कि अपने बच्चों के भविष्य को भी उज्ज्वल कर रहे हैं। राज्य में पीएम स्वनिधि योजना का लाभ अधिक से अधिक पात्रों तक पहुंचा कर उनका सशक्तिकरण करने की दिशा में राज्य सरकार प्रयासरत है।
शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रत्येक क्षेत्र में कार्य करने वाले लोगों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। सभी ग्राम प्रधानों ने भी अपने क्षेत्र में स्वच्छता से संबंधित उत्कृष्ट कार्य किए हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत की, जिसके अंतर्गत उन्होंने स्वयं झाड़ू लगाकर संपूर्ण देश को स्वच्छता का संदेश दिया। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में उत्तराखंड राज्य के अंतर्गत सेवा पखवाड़ा के रूप में विभिन्न जगहों पर स्वच्छता कार्यक्रम चलाया जा रहा है। पर्यावरण मित्रों ने स्वच्छता के क्षेत्र में अभूतपूर्व काम किए हैं। साथ ही उनके द्वारा कोरोना काल में किए गए समाज सेवा, एवं मानवता कार्य भुला पाना नामुमकिन है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा कोरोना काल में पी०एम० स्वनिधि के माध्यम से कई परिवारों के भरण पोषण का कार्य किया।
कृषि एवं सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि आज जिस तेजी से शहरों में जनसंख्या बढ़ रही है उसके अनुसार स्वच्छता को बनाये रखना एक अहम चुनौती है, फिर भी हमारे स्वच्छता दूत रात दिन एक कर शहरों को स्वच्छ बनाने में अपना योगदान दे रहे है। आज स्वच्छता दूतों व पी.एम.स्वनिधि के लाभार्थियों के बच्चों को पुरस्कार वितरण किया जा रहा है, यह इनके मनोबल बढ़ाने में कारगर साबित होगा।
इस अवसर पर मेयर सुनील उनियाल गामा, विधायक दुर्गेश लाल, सचिव शहरी विकास दीपेन्द्र चौधरी, अपर सचिव ईवा आशीष श्रीवास्तव, निदेशक पंचायतीराज बंशीधर तिवारी, निदेशक शहरी विकास नवनीत पाण्डेय एवं अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।

35 हजार करोड़ के एमओयू धरातल पर, 15 हजार करोड़ की परियोजनाओं में उत्पादन शुरु

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में आयोजित उत्तराखण्ड निवेशक सम्मान समारोह के दौरान निवेशकों को प्रतीक चिन्ह तथा प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया।

रिफॉर्म-परफॉर्म-ट्रांसफॉर्म के मंत्र के साथ आगे बढ़े
मुख्यमंत्री ने कहा कि निवेशकों ने उद्योग के क्षेत्र में प्रदेश को नया आयाम दिया है। प्रदेश की आर्थिकी व राजस्व को बढ़ाने में औद्योगिक क्षेत्र से जुड़े लोगों का योगदान अमूल्य है। आप सभी हमारे ब्राण्ड अम्बेसडर है। उत्तराखण्ड योग, आध्यात्म एवं आयुष की भूमि है। उत्तराखण्ड औद्योगिक विकास की ओर तेजी से आगे बढ़ रहा है। उद्योगों के लिए जैसा वातावरण उत्तराखण्ड में है, यह निवेशकों को उत्तराखण्ड की ओर आकर्षित करता है। जनवरी, 2020 से अब तक प्रदेश में 15 हजार करोड़ की परियोजनाओं में उत्पादन प्रारंभ हुआ है। कोरोना जैसी महामारी आने के बावजूद इतना निवेश प्रदेश में आना निश्चित ही बड़ी उपलब्धि है। इन्फ्रास्ट्रक्चर, नीति सुधार व सरलीकरण की दिशा में काफी काम किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश को एक नई पहचान मिल रही है। इन आठ सालों में भारत समृद्ध एवं शक्तिशाली बना है। प्रधानमंत्री का उत्तराखण्ड से विशेष लगाव है जिसका परिणाम आप सभी देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि उद्योगों के लिये अच्छी सड़क, रेल एवं हवाई कनेक्टिविटी का होना जरूरी है, इन क्षेत्रों में राज्य में तेजी से कार्य हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड के युवाओं की क्षमता, समर्पण, कड़ी मेहनत और समझ में विश्वास दिखाने के लिए निवेशकों को धन्यवाद दिया और कहा कि जो परियोजनाएं शुरू की गई हैं, वे राज्य में नई संभावनाएं पैदा करेंगी और राज्य के आर्थिक विकास में मील का पत्थर साबित होंगी। उन्होंने कहा कि हम “रिफॉर्म-परफॉर्म-ट्रांसफॉर्म“ के मंत्र के साथ आगे बढ़े हैं। हमने नीतिगत स्थिरता, समन्वय तथा व्यापार करने में सुगमता पर जोर दिया है। उन्होंने निवेशकों और उद्योगपतियों को यह कहते हुए आश्वस्त किया कि राज्य सरकार नीति, निर्णयों और सकारात्मक उद्देश्य के साथ विकास के काम करती है। हम सब आपके हर प्रयास में आपके साथ रहेंगे और हर कदम पर आपका साथ देंगे।
उद्योग मंत्री चन्दन राम दास ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य की स्थापना जब हुई तो हर किसी की कल्पना थी कि पहाड़ का पानी एवं जवानी पहाड़ के काम आये। यह तभी सम्भव हो सकता था जब उत्तराखण्ड में उद्योगों को तेजी से बढ़ावा मिले। 2018 में प्रधानमंत्री के नेतृत्व में इन्वेस्टर सम्मिट आयोजित किया गया, जिसके सफल परिणाम भी देखे गये। प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्रों में छोटे उद्योगों को बढ़ावा देना होगा।
कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य तेजी से निवेश के लिये प्रमुख गंतव्य स्थल के रूप में विकसित हो रहा है। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम क्षेत्र कम पूंजी निवेश से अधिक उत्पादन एवं रोजगार सृजित कर सकता है। प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत की दिशा में राज्य आगे बढ़ रहा है।
सचिव उद्योग डॉ पंकज कुमार पाण्डेय ने अपने संबोधन में निवेशकों को बधाई दी और राज्य में भविष्य में अपने उद्योग के विस्तार के लिए उनका आवाहन किया। उन्होंने कहा कि सरकार नई नीतियों को लागू कर रही है और राष्ट्रीय गति शक्ति योजना बनाने के प्रधान मंत्री जी के दृष्टिकोण की दिशा में सक्रिय रूप से काम कर रही है।

इन्वेस्टर्स समिट के बाद 35 हजार करोड़ के एमओयू धरातल पर क्रियान्वित
राज्य ने 2018 में अपना पहला निवेश शिखर सम्मेलन ’डेस्टिनेशन उत्तराखण्ड आयोजित किया था, जिसमें कई क्षेत्रों में 600 से अधिक निवेशकों द्वारा रूपये एक लाख चौबीस हजार करोड़ से अधिक के समझौता ज्ञापन/निवेश इच्छा पत्रों पर हस्ताक्षर किए गए थे। हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापनों के कार्यान्वयन का नियमित रूप से अनुश्रवण किया गया। इसके परिणामस्वरूप रू. 35 हजार करोड़ से अधिक के एमओयू धरातल पर क्रियान्वित हो गए हैं। यह परियोजनाएं विभिन्न क्षेत्रों की हैं, जिनमें विनिर्माण, खाद्य प्रसंस्करण, स्वास्थ्य सेवा, पर्यटन और ऊर्जा क्षेत्र सम्मिलित हैं।
राज्य सरकार ने आयोजित सम्मान समारोह में ऐसे निवेशकों को सम्मानित किया जिन्होंने 2020 के बाद अपना उत्पादन कार्य प्रारम्भ किया था। इस आयोजन में 68 निवेशकों को आमंत्रित किया गया था, जिसमें एमएसएमई एवं वृहद स्तर, दोनों क्षेत्रों के निवेशक सम्मिलित थे। आयोजन में निवेशकों ने अपने अनुभव साझा किए और राज्य में व्यापार करने में आसानी की सराहना की। उन्होंने उत्तराखण्ड में निवेश के लिए मैत्रीपूर्ण शान्त वातावरण की भी प्रशंसा की। इस अवसर पर निवेशकों ने कहा कि वे उत्तराखण्ड में और अधिक निवेश के लिए उत्साहित हैं।
इस अवसर पर आचार्य बालकृष्ण, आयुक्त उद्योग रोहित मीणा तथा निदेशक उद्योग एस. सी. नौटियाल, आर.जे. काव्य, प्रमुख उद्यमी एवं विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

चकराता के युवाओं ने बड़ी संख्या में सीएम से की मुलाकात

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से सोमवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में प्रसिद्ध गायक जुबिन नौटियाल एवं रामशरण नौटियाल के नेतृत्व में बड़ी संख्या में जौनसारी बावर क्षेत्र के युवाओं एवं छात्रों ने भेंट की। उन्होंने नवीन चकराता टाउन शिप विकसित करने के लिये 2 करोड़ की धनराशि टाउन प्लानिंग विभाग को उपलब्ध कराने के लिये मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नवीन चकराता टाउनशिप को पुरोड़ी-नागथात-लखवाड़ से यमुना नदी तक विकसित किया जायेगा। इसके लिये 2 करोड़ की धनराशि टाउन प्लानिंग विभाग को अवमुक्त करने की घोषणा पूर्व में की जा चुकी हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘‘नवीन चकराता टाउनशिप’’ को चकराता-मसूरी राजमार्ग से लगी भूमि पर विकसित किया जायेगा तथा इसके अतंर्गत पड़ने वाले ग्रामों की पौराणिक पहचान एवं सांस्कृतिक विरासत को बचाये रखने के लिए टाउनशिप की सीमाओं को इन ग्रामों के आबादी क्षेत्र से बाहर रखा जायेगा। इस टाउनशिप के विकास से यहां पर्यटन उद्योग को तो बढ़ावा मिलेगा ही साथ-साथ यहां की जलवायु तथा भौगोलिक स्थिति के अनुरूप औद्योगिक क्षेत्र भी विकसित किये जा सकेंगे जिससे स्थानीय बेरोजगारों के लिये स्वरोजगार के कई आयाम स्थापित होंगे।
मुख्यमंत्री ने युवाओं से स्वरोजगार के प्रति ध्यान देने की अपेक्षा करते हुए कहा कि सरकारी नौकरियां हजारों में है जबकि बेरोजगार युवा लाखों में। युवा रोजगार लेने वाले नही रोजगार देने वाले बने इसके लिए राज्य सरकर द्वारा विभिन्न स्वरोजगार योजनाएं संचालित की है तथा योजनाओं के ऋण सुविधा आसान बनाई गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पलायन, रोजगार, स्वास्थ्य, शिक्षा जैसे तमाम मुद्दों पर आने वाले सालों में किस तरह सरकार और जनता के बीच समन्वय बनाकर कार्य किया जाए इसके लिए सरकार ने बोधिसत्व विचार श्रृंखला कार्यक्रम की शुरुआत की है। जिसके माध्यम से सरकार विभिन्न क्षेत्रों में कार्य कर चुके अनुभवी लोगों से सुझाव प्राप्त किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा 5700 करोड़ लखवाड़ वाली परियोजना की स्वीकृति प्रदान की गई है। इससे भी क्षेत्र का विकास होगा तथा राज्य की 300 मेगावॉट बिजली उपलब्ध होगा तथा 6 राज्यों को पानी उपलब्ध होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन एवं केन्द्र सरकार के सहयोग से राज्य में ऐसे बहुत से काम हुए हैं, जिनकी पहले कल्पना नहीं की जा सकती थी। मोदी जी ने पहाड़ पर रेल पहुचाने के सपने को साकार किया है। आज ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना तथा सामरिक दृष्टि एवं भौगोलिक दृष्टि से महत्वपूर्ण टनकपुर-बागेश्वर रेल परियोजना पर तेजी से काम हो रहा है। इसी प्रकार चार धाम ऑल वेदर रोड, भारत माला प्रोजेक्ट पर भी तीव्र गति से काम किया जा रहा है। चार धाम यात्रा उत्तराखण्ड के लिए लाइफ लाईन है और ये परियोजनाएं जहां चारधाम यात्रा को सुगम बनाएंगी, पर्यटन को बढ़ावा देगी वहीं हमारी अर्थव्यवस्था में क्रांतिकारी परिवर्तन भी लाएगी। दिल्ली देहरादून एक्सप्रेस वे देहरादून से दिल्ली की दूरी को और कम करने वाला है।
इस अवसर पर यशपाल चौहान, अर्जुन शर्मा, बाबी पंवार, लाखी राम जोशी, सरदार सिंह, महिपाल सिंह आदि उपस्थित रहे।

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