मोटे अनाजों को बढ़ावा देने को मुख्य सचिव ने दिए यह निर्देश

प्रदेश के सभी जनपदों में मिलेट्स के उत्पादन और बाजार उपलब्ध कराए जाने के लिए अच्छे रेस्टोरेंट में इनसे बने पकवानों के लिए कॉर्नर की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। मोटे अनाजों को बढ़ावा दिए जाने को लेकर मुख्य सचिव डॉ एसएस संधु ने सचिवालय में बैठक के दौरान यह निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश के स्थानीय मोटे अनाज उत्पादों का पौष्टिक मूल्य बहुत अधिक होने के कारण बहुत ही महत्त्वपूर्ण है। मैदानी क्षेत्रों में मंडुवा, झंगोरा आदि के प्रचार प्रसार की आवश्यकता पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि बाजार उपलब्ध कराए जाने की आवश्यकता है।

मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश के किसान मोटे अनाजों के उत्पादन में रुचि दिखाएं इसके लिए किसानों को उचित मूल्य और बाजार की सुनिश्चितता का विश्वास दिलाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड के मोटे अनाजों को स्वस्थ भोजन के रूप में बढ़ावा दिया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि छात्र छात्राओं को पौष्टिक भोजन की जानकारी और मिलेट्स को बढ़ावा देने के लिए छोटी -छोटी विडियोज के माध्यम से जानकारी उपलब्ध कराई जाए।

इस अवसर पर सचिव बीवीआरसी पुरुषोत्तम सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

फल, सब्जी उत्पादन को बढ़ावा देने पर विशेष ध्यान देने के निर्देश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को सचिवालय में कृषि एवं उद्यान आदि विभागों की समीक्षा की। कृषि एवं उद्यान मंत्री सुबोध उनियाल, मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. सन्धु, अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, सचिव शैलेश बगोली, आर. मीनाक्षी सुन्दरम के साथ ही सम्बन्धित विभागों के अधिकारी समीक्षा बैठक में उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि एवं औद्यानिकी के क्षेत्र की योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन से स्वरोजगार को बढ़ावा देने एवं पलायन रोकने में मदद मिल सकती है। उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक किसानों को लाभान्वित करने तथा कृषि उत्पादों को बढ़ावा देने के लिये राज्य एवं केन्द्र सरकार की कृषि एवं औद्यानिक विकास से सम्बन्धित योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाय।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के परम्परागत उत्पादों के साथ ही फल एवं सब्जी उत्पादन पर विशेष ध्यान दिया जाय। इसके लिये प्रोसेसिंग यूनिटों की स्थापना के साथ ही उत्पादों की मार्केटिंग के लिये मार्केटिंग कम्पनी बनाये जाने की कार्य योजना अविलम्ब तैयार की जाय। उन्होंने कहा कि कृषि उत्पादों को सिंचाई की बेहतर व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिये सिंचाई एवं लघु सिंचाई विभाग की योजनाओं के क्रियान्वयन में कृषि विभाग की भी सहभागिता सुनिश्चित करायी जाय।
मुख्यमंत्री ने परम्परागत कृषि विकास योजना तथा इसके अधीन लघु कृषक समूह प्रमाणीकरण के कलस्टर तैयार करने में भी तेजी लाये जाने हेतु भारत सरकार से पुनः अनुरोध किये जाने के भी निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में आने वाले करोड़ों पर्यटकों तक राज्य के जैविक एवं परम्परागत उत्पादों की पहुंच बनाने के भी प्रयास होने चाहिए। उन्होंने राज्य के चार जनपदों में मधु ग्राम योजना का प्रस्ताव भी अविलम्ब तैयार करने तथा हार्टिटूरिज्म को बढ़ावा देने पर भी बल दिया।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये हैं कि किसानों एवं कास्तकारों को गुणवत्ता युक्त बीज एवं खाद आसानी से उपलब्ध हो इसकी व्यवस्था की जाय, उन्होंने उद्यान विभाग के उद्यानों के बेहतर उपयोग पर ध्यान देने तथा उनमें मौसमानुकूल नर्सरी विकसित करने पर भी ध्यान देने को कहा। मुख्यमंत्री ने एरोमा पार्क के विकास में तेजी लाने, जड़ी-बूटी एवं हर्बल उत्पादन को भी स्वरोजगार से जोड़ने की कार्य योजना बनाने को कहा।
सचिव आर. मीनाक्षी सुन्दरम ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से विभागीय प्रगति एवं कार्यकलापों की जानकारी दी।