एसबीएम इंटर कॉलेज का वैक्सीन टीम ने किया निरीक्षण

तीन जनवरी को 15 से 18 वर्ष की आयु के किशोरों को कोविड वैक्सीन उनके स्कूल में ही लगेगी। इसके तहत शनिवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सर्वाधिक छात्र संख्या वाले एसबीएम इंटर कॉलेज में पहुंचकर तैयारियों को जायजा लिया। साथ ही स्कूल प्रबंधन को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
शनिवार को राजकीय चिकित्सालय ऋषिकेश के नर्सिंग ऑफिसर राहुल सक्सेना टीम के साथ हरिद्वार रोड स्थित एसबीएम इंटर कॉलेज पहुंचे। यहां प्रधानाचार्य मेजर गोविंद सिंह रावत के साथ कक्षा कक्षों का निरीक्षण किया। कॉलेज में वैक्सीनेशन रूम बनाने के लिए रूम चिह्नित किया गया। नर्सिंग ऑफिसर ने बताया कि वैक्सीनेशन रूम ऐसी जगह बनेगा, जहां वैक्सीनेशन के लिए आने वाले छात्र-छात्राओं को किसी तरह की दिक्कत नहीं हो। बताया कि वैक्सीनेशन को एक उत्सव के रूप में मनाने की भी योजना बनाई गई।
विद्यालय के नोडल अधिकारी रंजन अंथवाल ने विद्यार्थियों को बताया कि वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित है। यह केवल एक इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने वाली प्रक्रिया है। विद्यालय में लगभग 1250 छात्र-छात्राओं का वैक्सीनेशन होना है। मौके पर उप प्रधानाचार्य यमुना प्रसाद त्रिपाठी, डा. सुनील दत्त थपलियाल, प्रवीन रावत, विकास नेगी, धनजंय रांगड़, रमेश बुटोला आदि मौजूद रहे।

सीएम ने प्रदेशवासियों से अपील कर सहयोग मांगा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कोविड-19 एवं नये वेरिएंट ओमीक्रॉन के रोकथाम के संबंध में प्रदेश वासियों से अपील की है कि हम सभी भली भांति परिचित हैं कि कोविड-19 संक्रमण अभी पूरी तरह से गया नहीं है। कम मात्रा में ही सही किन्तु आज भी कोविड-19 से ग्रसित रोगी औसतन लगभग 30 से 50 की संख्या में प्रतिदिन रिपोर्ट हो रहे हैं। जबकि आज 88 मामले दर्ज हुए हैं। इस वायरस के नये स्वरूप निरन्तर ही हमारे लिये चिंता का विषय बने रहते हैं। इस स्थिति में भी हम सबको मिलकर पूर्ण जन सहयोग व पूरी शक्ति के साथ इस महामारी से लड़ना है, अपना एवं अपनों का बचाव करना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार इस सम्बन्ध में अपनी तरफ से पूरी तैयारी कर रही है। कोविड-19 व उसके नये वेरिएंट ओमीक्रॉन को लेकर घबराने की आवश्यकता नहीं है, लेकिन इसकी रोकथाम हेतु सतर्कता बरतने की आवश्यकता है। कोविड से बचाव के उपायों को हमें छोड़ना नहीं है वरन पूरी शिद्दत के साथ उसका पालन करना है।
मुख्यमंत्री ने अपील की है कि सभी लोग अनिवार्य रूप से मास्क लगाएं, साबुन पानी अथवा हैन्ड सेनीटाइज़र से हाथों को निरन्तर साफ करें भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर जाने से बचें, सर्दी-जुकाम के लक्षण होने पर जांच करवायें एवं आस-पास के लोगों को भी जागरूक करें। उन्होंने कहा कि देश भर में कोविङ-19 के रोगियों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। उत्तराखण्ड राज्य में भी औसतन मामूली बढ़ोतरी दर्ज हुई है। कोविड को पुनः महामारी का रूप लेने से रोकने के लिये पूर्ण प्रयास किये जा रहे हैं।
राज्य में कुल तीन सौ दो (302) सक्रिय रोगी हैं। कुछ को प्रदेश के विभिन्न अस्पतालों एवं अधिकांश लक्षणहीन रोगियों को होम आइसोलेशन में रखकर निगरानी करते हुये उपचार प्रदान किया जा रहा है। राज्य का रिकवरी रेट 95.98 प्रतिशत है। राज्य में कोविड-19 उपचार हेतु पर्याप्त आइसोलेशन ब्रेड ऑक्सीजन सपोर्ट बेड, आई०सी०यू० बेड, वेंटिलेटर, ऑक्सीजन सिलेंडर व ऑक्सीजन कॉन्सेन्ट्रेटर उपलब्ध है। साथ ही प्रदेश में इकहत्तर (71) ऑक्सीजन जनरेशन प्लान्ट कार्यशील है एवं सत्रह (17) ऑक्सीजन जनरेशन प्लान्ट स्थापना का कार्य गतिमान है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य में कोविड-19 टीकाकरण में भी प्रबल रूप से कार्यवाही की गई है। वर्तमान में कोविड-19 टीकाकरण की प्रथम डोज 100 प्रतिशत लोगों को प्रदान की जा चुकी है व द्वितीय डोज भी यानि पूर्ण टीकाकरण 82 प्रतिशत लोगों को दिया जा चुका है। राज्य में दिनांक 3 जनवरी, 2022 से कोविड-19 टीकाकरण का अगला चरण 15 से 18 वर्ष (वर्ष 2007 या उससे पूर्व जन्मे) तक के समस्त बच्चों का वैक्सीनेशन एवं दिनांक 10 जनवरी, 2022 से स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं एवं फ्रंट लाइन वर्कर तथा 60 वर्ष से अधिक आयु वर्ग को मोर्बिडिटी वाले नागरिकों का वैक्सीनेशन किया जाएगा। 30 दिसम्बर, 2021 तक उत्तराखण्ड राज्य में चार (04) कोविड-19 ओमीक्रॉन वेरिएंट रोगी की पुष्टि हुई है। चारों ही रोगी अब कोविड मुक्त हैं एवं पूर्णतयः स्वस्थ हैं। ओमीक्रॉन को फैलने से रोकने के लिये सभी प्रयास किये जा रहे है। मुख्यमंत्री ने आशा व्यक्त की कि सभी प्रदेश वासियों के सम्मिलित सहयोग से हम इस नये वेरिएंट को फैलने से रोकने में सफल होंगे।