एम्स ऋषिकेश में नर्सिंग अफसरों के लिए एक दिवसीय पेपर लेखन कार्यशाला आयोजित

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश में नर्सिंग अफसरों को रिसर्च के क्षेत्र में कार्य करने के लिए पेपर लेखन कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें उन्हें रिसर्च पेपर तैयार करने के तौर-तरीके बताए गए।

गौरतलब है कि एम्स संस्थान की ओर से नर्सिंग के क्षेत्र में रिसर्च गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए सततरूप से कार्य किया जा रहा है, जिससे नर्सिंग ऑफिसरों के अनुभव व अनुसंधान से मरीजों को उपचार में अधिकाधिक लाभ मिल सके। इसके लिए नर्सिग ऑफिसरों को अनुसंधान के क्षेत्र में आगे बढ़ने के अवसर प्रदान करने के लिए प्रशिक्षण कार्यशालाओं का आयोजन किया जा रहा है। हाल ही में संपन्न हुई तीन दिवसीय कार्यशाला में विशेषज्ञों ने नर्सिंग ऑफिसर्स को रिसर्च से संबंधित विषयों, अनुभव व अन्य महत्वपूर्ण बिंदुओं का प्रशिक्षण दिया था। जिसके लिए संस्थान के 1000 नर्सिंग ऑफिसरों ने अपना पंजीकरण कराया है। जिन्हें प्रत्येक माह 40-40 के बैच में रिसर्च के क्षेत्र में कार्य करने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा।
इसी क्रम में संस्थान में एक दिवसीय रिसर्च पेपर लेखन प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित की गई। जिसमें एम्स निदेशक प्रो. रविकांत ने कार्यशाला में शामिल होने वाले प्रतिभागी नर्सिंग ऑफिसरों को रिसर्च के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। निदेशक एम्स प्रो. रवि कांत ने कहा ​कि नर्सिंग से जुड़े लोग अधिक समय तक मरीजों के बीच होते हैं, लिहाजा नर्सिंग के क्षेत्र में रिसर्च व उनके अनुभव से मरीजों को और बेहतर चिकित्सा सेवा मिल सकेगी। इसके लिए नर्सिंग ऑफिसरों को अनुसंधान के लिए आगे आना होगा।

डीन एकेडमिक प्रोफेसर मनोज गुप्ता, डीन रिसर्च प्रो. वर्तिका सक्सेना व प्रिंसिपल कॉलेज ऑफ नर्सिंग डा. वसंथा कल्याणी ने अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए इस तरह की कार्यशालाओं की प्रशंसा की। कार्यशाला की समन्वयक रूपिंदर देओल ने बताया ​कि कार्यशाला के लिए संस्थान के लगभग 1000 नर्सिंग ऑफिसरों ने रजिस्ट्रेशन कराया है, जिन्हें आने वाले महीनों में अगल अगल बैच में प्रशिक्षित किया जाएगा। साथ ही उम्मीद जताई कि कार्यशाला के बाद अधिकाधिक संख्या में नर्सिंग ऑफिसर शोध के लिए प्रेरित होंगे और अपने रिसर्च पेपर्स पब्लिश कराएंगे। कार्यशाला में सभी नर्सिंग फैकल्टी ने बतौर प्रशिक्षक प्रतिभाग किया।

नर्सिंग स्टाफ नर्स का पद नाम होगा नर्सिंग अधिकारी

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से उत्तराखण्ड नर्सेज सर्विसेज एसोसिएशन की अध्यक्ष मीनाक्षी जखमोला एवं महामंत्री कान्ति राणा ने भेंट की। उन्होंने नर्सेज सर्विसेज एसोसिएशन की विभिन्न समस्याओं एवं मांगों से सम्बन्धित मांगपत्र भी मुख्यमंत्री को सौंपा।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि कोविड-19 के इस संकट काल में नर्सिंग स्टाफ द्वारा कर्तव्यनिष्ठा के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन किया जा रहा है। महामारी के इस दौर में चिकित्सा सेवा से जुड़े कार्मिकों का मानवीयता का परिचय देते हुए कर्तव्यों का पालन करना सराहनीय है। मुख्यमंत्री ने एसोसिएशन की विभिन्न समस्याओं के समाधान हेतु आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिये हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि नर्सों के खाली पदों पर नियुक्ति के साथ ही नर्सिंग स्टाफ नर्स का पद नाम नर्सिंग अधिकारी किये जाने की कार्यवाही भी शीघ्र की जायेगी।

नर्सेज एसोसिएशन द्वारा अपने मांग पत्र में कोविड के कारण नर्सों की वेतन में की जा रही एक दिन की वेतन कटौती को रोकने, मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद स्टाफ नर्स का पदनाम नर्सिंग अधिकारी तथा सिस्टर का पदनाम वरिष्ठ नर्सिंग अधिकारी किये जाने का शासनादेश शीघ्र किये जाने, नर्सेज की पदोन्नतियां करने एवं रिक्त पदों पर नई भर्ती का अनुरोध किया है। उनके द्वारा मांग पत्र में वेतन विसंगति एवं सेवा नियमावली आदि से सम्बन्धित प्रकरणों के निस्तारण की भी अपेक्षा की गई है।

नर्सिंग अफसर में मिला कोरोना का संक्रमण, एम्स ऋषिकेश में हड़कंप

रविवार को उत्तराखंड में कोरोना वायरस संक्रमण के तीन नए मामले सामने आए। ऋषिकेश एम्स के यूरोलॉजी आईपीडी में कार्यरत नर्सिंग ऑफिसर और दून मेडिकल कॉलेज में भर्ती प्रसूता महिला में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है। दून की आजाद कॉलोनी निवासी संक्रमित महिला ने एक दिन पहले ही बच्चे को जन्म दिया है।
वहीं, तीसरा संक्रमित मरीज पॉजिटिव महिला का पति बताया जा रहा है। इसके साथ ही प्रदेश में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या 51 हो गई है। इसमें 28 मरीज ठीक हो चुके हैं।

बता दें कि एम्स ऋषिकेश के यूरोलॉजी विभाग की आईपीडी में कार्यरत बापू ग्राम निवासी 28 वर्ष के नर्सिंग ऑफिसर कोरोना संक्रमित मिले हैं। 24 अप्रैल को नर्सिंग ऑफिसर में खांसी जुकाम के लक्षण आए थे। तबीयत खराब होने पर 25 अप्रैल को एम्स में सैंपल की जांच कराई गई, जिसमें संक्रमण की पुष्टि हुई है।

वहीं, दून मेडिकल कॉलेज में प्रसव के लिए भर्ती आजाद कॉलोनी निवासी 32 वर्ष की महिला में भी कोरोना का संक्रमण मिला है। महिला का प्रसव कोविड 19 की गाइड लाइन के अनुसार पर्याप्त सुरक्षा प्रबंधन के बीच कराया गया। जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं। दोनों को आइसोलेशन में रखा गया है।  अपर सचिव स्वास्थ्य युगल किशोर पंत ने बताया कि नर्सिंग ऑफिसर और महिला और उसके पति में संक्रमण की वजह का पता किया जा रहा है। तीनों मरीजों के संपर्क में आए सभी लोगों की मेडिकल जांच कर उन्हें क्वारंटीन किया जाएगा।