प्रवासी उत्तराखंडी देश व विदेश में मेहनत के बल पर प्रदेश को दे रहे अलग पहचानः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से अहमदाबाद में उत्तराखंड सेवा समिति अहमदाबाद के प्रतिनिधियों ने भेंट की। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रवासी उत्तराखंड वासी देश व विदेश में अपनी मेहनत एवं प्रतिभा के बल पर स्वयं के साथ प्रदेश को भी पहचान देने का कार्य कर रहे है। उन्होंने अहमदाबाद सहित गुजरात के अन्य शहरों में रह रहे प्रवासी उत्तराखंड वासियों से अपने राज्य के विकास में सहयोगी बनने की अपेक्षा की। मुख्यमंत्री ने प्रवासी उत्तराखंड वासियों द्वारा उन्हें दिये गये ज्ञापन में उठाये गये विषयों के समाधान के संबंध में आवश्यक कार्यवाही एवं सहयोग का भी आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री ने प्रवासी उत्तराखंड वासियों से अपने बच्चों को अपनी बोली भाषा सिखाने पर भी ध्यान देने की अपेक्षा की। उन्होंने कहा कि अपनी संस्कृति एवं परम्पराओं से यदि हम जुड़े रहेंगे तो हमारी भावी पीढ़ी भी इससे जुडी रह सकेगी।
उत्तराखण्ड सेवा समिति के सदस्यों ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि उत्तराखंड से हमारे जो भी गणमान्य व्यक्ति यहां आते हैं और जो यहां पर प्रवासी उत्तराखंडी हैं उन्हें भवन बनाने के लिए गुजरात सरकार से जमीन संपादन हेतु आपके सहयोग की अपेक्षा रखते हैं। यह भवन बन जाने से गुजरात के प्रवासी उत्तराखण्डीयों को अपने समाज-संस्कृति से जुड़े रहने के लिए एक अच्छा माध्यम मिल जायेगा और उत्तराखण्ड से जो भी लोग यहां प्रवास के लिए आते हैं उन्हें भी बड़ी सुविधा रहेगी।
उनके द्वारा यह भी अनुरोध किया गया कि गुजरात से हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु एवं पर्यटक उत्तराखण्ड राज्य में आते हैं। और हम उत्तराखण्डी अपने पैतृक गांव आते-जाते रहते हैं। अहमदाबाद से काठगोदाम एवं रामनगर के लिए कोई ट्रेन न होने के कारण पर्यटक एवं प्रवासी उत्तराखण्डीयों को काफी असुविधा होती है। इसके लिये मुंबई से लालकुवाँ की भांति अहमदाबाद से काठगोदाम के लिए एक ट्रेन शुरू कर दी जाय तो इससे उत्तराखंड को आने वाले पर्यटक और प्रवासीयों को बड़ी सुविधा होगी।
इस अवसर पर उत्तराखण्ड सेवा समिति के प्रवीन पाण्डेय, एल.पी. गैरोला आदि उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने रेल मंत्री से साधा संपर्क, स्पेशल ट्रेन से चलानेे की मांग

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने राज्य से बाहर फंसे उत्तराखंड के लोगों को वापस राज्य में लाने की तैयारियों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि संबंधित राज्यों से समन्वय बनाते हुए सुनियोजित तरीके से सारी व्यवस्था की जाए। इसमें पूरी सावधानी के साथ व्यक्तिगत दूरी, मास्क, सेनेटाइजेशन आदि मानकों का पालन सुनिश्चित किया जाए। जिन लोगों को वापस लाया जाना है, कोरोना संक्रमण के दृष्टिगत उनकी समुचित स्क्रीनिंग की जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुरूप ही सारी कार्यवाही हो। राज्य में आने पर यदि होम क्वारेंटाईन किया जाता है तो यह भी सुनिश्चित किया जाए कि होम क्वारेंटाईन का सख्ती से पालन हो। इसके लिये आवश्यक होने पर ग्राम प्रधानों को कुछ अधिकार दिये जा सकते हैं।
सचिव शैलेश बगोली ने बताया कि अभी तक 87 हजार लोगों ने वापस आने के लिए अपना पंजीकरण कराया है। इनमें अधिकांश लोग पर्वतीय जिलों के हैं। बैठक में मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, डीजीपी अनिल कुमार रतूङी, सचिव अमित नेगी, नितेश झा, राधिका झा भी उपस्थित रहे।

स्पेशल ट्रेन से वापस लाये जायेंगे उत्तराखंडी
उत्तराखण्ड से बाहर फंसे राज्य के लोगों को वापस लाने के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने रेल मंत्री पीयूष गोयल से विभिन्न मार्गो पर 12 स्पेशल ट्रेन चलाने का अनुरोध किया है। इनमें दिल्ली से देहरादून, दिल्ली से हल्द्वानी, चंडीगढ़ से देहरादून, लखनऊ से देहरादून, लखनऊ से हल्द्वानी, जयपुर से देहरादून, जयपुर से हल्द्वानी, मुम्बई से देहरादून, मुम्बई से हल्द्वानी, भोपाल से देहरादून, बैंगलोर से देहरादून और अहमदाबाद से देहरादून के लिए अनुरोध किया गया है। राज्य से बाहर फंसे उत्तराखंड के लोगों को वापस राज्य में लाये जाने के संबंध में बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने रेल मंत्री से बात कर यह अनुरोध किया है।

लाॅकडाउन के चलते घर पहुंचे प्रवासियों को मुख्यमंत्री ने लिखा पत्र

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कोविड-19 के चलते अपनी जन्मभूमि पर लौटे प्रवासी उत्तराखंडियों के स्वस्थ एवं सुखी जीवन की कामना की। उन्हें गढ़वाली भाषा में लिखे पत्र में उन्होंने कहा कि प्रवासी भाइयों ने देश व विदेश में रहकर अपनी मेहनत से अपनी पहचान बनाई है। अब वह यही कार्य अपने घर गांव में भी कर सकते हैं, इससे उनका परिवार एवं हमारा प्रदेश भी आर्थिक रूप से खुशहाल होगा।
सर्वाधिक पलायन की मार झेल रहे पौड़ी जिले के प्रवासियों को लिखे पत्र में मुख्यमंत्री ने कहा है कि हमारे पूर्वजों ने पहाड़ों को काटकर खेत बनाए, उन खेतों को उपजाऊ बनाकर हमारा पालन-पोषण किया। आज यही खेती हमारी भागमभाग की जिंदगी के कारण बंजर पड़ी है। जबकि हमारे इन खेतों के उत्पादों की मांग देश व दुनिया में हो रही है। हमारे मंडुवा, झंगोरा, दाल, गहत, राई, जौ, तिल, शहद, गाय का घी और बुरांश के जूस की मांग तेजी से बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए अनेक सुविधाएं दे रही है।

कार्य योजनाओं की दी जानकारी
मुख्यमंत्री ने कहा कि होम स्टे, वीर चंद्र सिंह गढ़वाली, पर्यटन स्वरोजगार योजना, दुग्ध उत्पादन, मत्स्य पालन, मधुमक्खी पालन, बागवानी, उद्यानीकरण, सब्जी उत्पादन, मसाला फसलों का उत्पादन, पुष्प उत्पादन हेतु प्रोत्साहित कर रही है। यही नहीं इन उत्पादों को बढ़ावा देने के साथ ही इसके विपणन की भी व्यवस्था की जा रही है। प्रवासी अपने घर में रहकर कार्य करना चाहते हैं तो राज्य सरकार उनकी पूर्ण रूप से मदद करने के लिए तैयार है। मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि अपने गांव लौटे लोग अपना स्वयं का कार्य आरंभ कर आत्मनिर्भर बन सकेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अपना मनचाहा कार्य करने के लिए वे अपने विकास खंड कार्यालय अथवा जिला मुख्यालय में स्थापित आजीविका सेल के फोन नंबर 01368-223084 या मोबाइल नंबर 9412028718 पर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।