सीएम ने ग्राम पंचायत विकास अधिकारियों को बताया लोकतांत्रिक व्यवस्था की नींव

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में पंचायती राज विभाग द्वारा आयोजित नियुक्ति पत्र वितरण समारोह में पंचायती राज विभाग के 08 सहायक लेखाकारों तथा 342 ग्राम पंचायत विकास अधिकारियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किये। सहायक लेखाकारों का चयन लोक सेवा आयोग तथा ग्राम पंचायत विकास अधिकारियों का चयन अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से किया गया है।
मुख्यमंत्री ने सभी चयनित कार्मिकों को शुभकामना देते हुए कहा कि नियुक्ति पाने वाले लेखाकार एवं ग्राम पंचायत विकास अधिकारी हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्था के प्राथमिक इकाई ही नहीं इसकी नींव के समान है। पंचायती राज व्यवस्था जितनी सशक्त होगी हमारा लोकतंत्र भी उतना ही मजबूत होगा, तभी सुराज की परिकल्पना भी साकार हो सकेगी। उन्होंने कहा कि समाज के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति की परेशानी, उसकी शिकायत को सरकार तक पहुंचाने और सरकार द्वारा किए जा रहे लोक कल्याणकारी कार्यों को जन-जन तक पहुंचाने में आप सभी की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज सरकार खुद चल कर समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंच रही है, उसको सशक्त बना कर विभिन्न योजनाओं का लाभ दिला रही है। आज चाहे, एलपीजी गैस कनेक्शन हो, बिजली कनेक्शन हो, पानी कनेक्शन हो, स्वच्छ भारत अभियान के तहत इज्जतघरों का निर्माण हो या अन्य योजनाएं हों, सरकार की प्रत्येक योजना के केंद्र में समाज का वंचित वर्ग भी शामिल है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में चलने वाली सरकार में वंचितों की आवश्यकताएं पूर्ण करना ही हमारी प्राथमिकता हैं। उन्होंने कहा कि हम निरंतर यह प्रयास कर रहे हैं कि विकास केवल शहरों तक सीमित न रहे, बल्कि इसका लाभ ग्रामीण क्षेत्रों के सभी लोगों तक पहुंचे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत की आत्मा गांवों में बसती है, लेकिन पूर्व में इस ओर ध्यान नहीं दिया गया तथा विकास की दृष्टि से गांवों को सबसे निचले पायदान पर रखा गया और गांवों के लिए जो पैसा भेजा जाता था, वह वहां तक नहीं पहुंच पाता था, परंतु प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने इस स्थिति को पूरी तरह बदल दिया। सरकार ने जन-धन योजना चलाई, देशभर में गांव के 50 करोड़ से ज्यादा लोगों के बैंक खाते खुलवाए, पोस्ट ऑफिस का उपयोग कर गांवों तक पोस्ट ऑफिस पेमेंट बैंक की पहुंच बनाई तथा आज इसका प्रभाव देश के हर गांव में नजर आ रहा है। योजनाओं का पैसा सीधे लोगों के खाते में जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार गांवों के विकास के लिए हर वह कार्य कर रही है, जो पूर्व में इच्छाशक्ति के अभाव में नही हो पाये। उन्होंने कहा कि अगर हमारे युवा अपने गांवों के उत्थान की भावना के साथ गांवों के विकास के लिए समर्पित रहेंगे, तो गांवों के विकास में कोई भी बाधा नहीं आ सकती है। उन्होंने कार्मिकों से अपील की कि आप गांवों को अपना घर समझकर कार्य करें, ताकि गांवों के विकास को पंख लग सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले भर्ती परीक्षाओं में पारदर्शिता का अभाव था, परन्तु हमने भर्ती परीक्षाओं में पारदर्शिता लाने का कार्य किया तथा राज्य में देश के सबसे कठोर “नकल विरोधी कानून बनने के बाद पारदर्शिता के साथ ही अब समयबद्ध तरीके से परीक्षाएं संपन्न हो रही है। उन्होंने कहा कि यह नकल विरोधी कानून का ही प्रतिफल है कि हम हर रोज अलग अलग विभागों में योग्य युवाओं को नियुक्ति पत्र प्रदान कर उन्हें रोजगार देने का कार्य कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास और सबका प्रयास के मंत्र पर आगे बढ़ कर जनहित के कार्य किए जा रहे हैं। आज उत्तराखंड विकास और विश्वास के अभूतपूर्व माहौल में, जन आकांक्षाओं को पूरा करते हुए आगे बढ़ रहा है। विकसित उत्तराखंड का लक्ष्य हम सभी का सामूहिक लक्ष्य है और इसे सामूहिक प्रयासों से ही प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने प्रदेश के सभी युवाओं से अपील की कि उत्तराखंड को देश का श्रेष्ठ राज्य बनाने के हमारे “विकल्प रहित संकल्प“ की पूर्ति के लिए किये जा रहे प्रयासों में सहयोगी बनें।
इस अवसर पर निदेशक पंचायती राज निधि यादव ने पंचायती राज विभाग की कार्ययोजना की जानकारी दी।
कार्यक्रम में विधायक दुर्गेश्वर लाल, अपर सचिव पंचायती राज आलोक कुमार पाण्डेय, संयुक्त निदेशक आर. के. एन. त्रिपाठी, उप निदेशक मनोज कुमार तिवारी, नोडल अधिकारी अतुल प्रताप सिंह, नवनियुक्त कार्मिकों सहित सम्बंधित अधिकारी उपस्थित रहे।

राज्य वित्त आयोग के तहत पंचायतों का होगा विकास, 62.21 करोड़ की धनराशि हुई हस्तांतरित

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने पंचायतों को राज्य वित्त आयोग के अन्तर्गत प्राप्त धनराशि को डिजिटल माध्यम से प्रदेश के 7791 ग्राम पंचायतों, 95 क्षेत्र पंचायतों एवं 13 जिला पंचायतों को एक साथ कुल 62.21 करोड़ की धनराशि हस्तांतरित की। हस्तानान्तरित की गई धनराशि में ग्राम पंचायतों हेतु रू0 19.30 करोड़, क्षेत्र पंचायतों हेतु रू0 14.48 करोड़, जिला पंचायतों हेतु रू0 28.43 करोड़ की धनराशि शामिल है। सीएम ने कहा कि पंचायतों को धनराशि का डिजिटल स्थानान्तरण होने से कार्यों में तेजी व पारदर्शिता आयेगी। इससे सरकारी सिस्टम के प्रति लोगों का विश्वास भी बढ़ेगा।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के डिजिटल इण्डिया प्रोग्राम को साकार करते हुए पंचायतीराज विभाग द्वारा त्रिस्तरीय पंचायतों को केन्द्रीय वित्त-राज्य वित्त से प्राप्त सभी अनुदान पीएफएमएस के माध्यम से एक साथ डिजिटल हस्तान्तरित किये जा रहे है, तथा त्रिस्तरीय पंचायतों द्वारा प्राप्त अनुदानों तथा स्वयं के आय स्रोत आदि से प्राप्त सभी धनराशियों से कराये जा रहे विकास कार्यो एवं अन्य गतिविधियों के सापेक्ष सभी भुगतान शत प्रतिशत पीएफएमएस के माध्यम से डिजिटल रूप में किये जा रहे है। इस व्यवस्था के लागू होने से सभी पंचायतों को केन्द्र एवं राज्य सरकार से प्राप्त होने वाली धनराशि तत्काल पंचायतों के खाते में पहुंच रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि डिजिटल इण्डिया प्रोग्राम का उद्देश्य सरकारी सेवाओं की जानकारी ऑनलाईन माध्यम से जन सामान्य को पहुंचाने हेतु ग्राम पंचायत स्तर पर ई-गवर्नेंस को बढ़ावा देते हुए समस्त ग्राम पंचायतों को ब्रॉडबेण्ड इंटरनेट से जोडना है, इसी उद्देश्य की पूर्ति हेतु उत्तराखण्ड में पंचायतीराज विभाग, उत्तराखण्ड द्वारा समस्त ग्राम पंचायतों, क्षेत्र पंचायतों एवं जिला पंचायतों के बैंक खातों को पंचायतीराज, भारत सरकार द्वारा लागू ई-ग्राम स्वराज पोर्टल के माध्यम से पीएफएमएस-प्रिआ सॉफ्ट इंटरफेस के साथ जोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि इससे जहॉ एक ओर राजकीय कार्यों में पारदर्शिता बढ़ेगी वहीं पंचायत के निवासी, जो पंचायत से बाहर अन्यत्र रहते हों, अपने मोबाईल अथवा किसी भी अन्य डिवाइस पर इस पोर्टल के माध्यम से पंचायत को केन्द्रीय वित्त एवं राज्य वित्त तथा अन्य स्रोतों से प्राप्त धनराशि तथा पंचायत में कराये जा रहे विकास कार्यों की प्रगति के साथ-साथ अन्य जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि सभी पंचायतों को एक साथ डिजिटल माध्यम से अनुदान की राशि हस्तान्तरित किये जाने के बाद पंचायतों को विकासपरक परियोजनाओं के साथ-साथ कोरोना वायरस महामारी से ग्रामवासियों के बचाव हेतु आवश्यक उपायों और बाहर से आये नागरिकों के संस्थागत क्वारंटीन सम्बन्धी व्यवस्था हेतु सामुदायिक भवनों (पंचायत भवन, आंगनबाड़ी केन्द्र, विद्यालय या अन्य राजकीय भवन आदि) की साफ-सफाई, विद्युत व्यवस्था, पेयजल व्यवस्था, शौचालय व्यवस्था, मरम्मत, सैनिटाईजेशन, प्रचार-प्रसार आदि कार्यो को पूर्ण करने में सहायता मिलेगी। इस धनराशि से पंचायतों के अन्तर्गत जलापूर्ति की व्यवस्था, सीवरेज ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, सैप्टेज प्रबंधन सहित जल निकासी एवं स्वच्छता, सामुदायिक परिसम्पत्तियों का रख-रखाव, स्ट्रीट लाईट तथा आंगनबाड़ी भवनों का निर्माण-अतिरिक्त कक्षा-कक्ष आदि का निर्माण एवं सामुदायिक भवन निर्माण आदि विकास कार्य किये जाने में सुविधा होगी।

मुख्यमंत्री ने कोरोना महामारी से निपटने हेतु पंचायतों द्वारा किये गये प्रयासों के लिये पंचायत प्रतिनिधियों के साथ-साथ सभी ग्राम वासियों द्वारा निभायी जा रही भूमिका की भी सराहना की। मुख्यमंत्री ने सभी त्रिस्तरीय पंचायतों के निर्वाचित प्रतिनिधियों के साथ-साथ सभी ग्राम वासियों से यह अपील की गयी कि वर्तमान कोविड-19 परिस्थितियों से बचाव हेतु भारत सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का अनुपालन करते हुए ‘‘2 गज सामाजिक दूरी और मास्क जरूरी‘‘ नियम का अनुपालन आवश्यक रूप से किया जाय।

वोकल फाॅर लोकलः ग्रामीण ग्रोथ सेंटर की संकल्पना को साकार करने में सीएससी सेंटर की अहम भूमिका

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि ‘’वोकल फाॅर लोकल’’ के अन्तर्गत स्थानीय उत्पादों को बाजार उपलब्ध कराने के लिए कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से मंच उपलब्ध कराया जा सकता है तथा राज्य सरकार की ग्रामीण ग्रोथ सेंटर की संकल्पना को साकार करने में भी कॉमन सर्विस सेंटर महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। युवाओं को उन्हीं की ग्राम पंचायतों से विश्व स्तरीय शिक्षण संस्थानों तथा अन्तरराष्ट्रीय संस्थाओं द्वारा चलाये जा रहे ऑनलाईन शैक्षिक कार्यक्रमों हेतु भी कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से मंच उपलब्ध कराया जाये। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय में पंचायतीराज विभाग की समीक्षा की।

पंचायतीराज विभाग द्वारा बैठक के दौरान डिजिटल इण्डिया कार्यक्रम तथा ई-गवर्नेंस में हेल्प डेस्क प्रणाली तथा आईटीडीए के माध्यम से सीएससी-एसपीवी के द्वारा सभी 662 न्याय पंचायतों में कॉमन सर्विस सेंटर को प्रारम्भ किये जाने की योजना का प्रस्तुतिकरण किया गया। जानकारी दी गई कि हेल्प डेस्क प्रणाली के तहत केन्द्रीय मध्यस्थ सहायता सेवा प्रणाली विकसित किया जाना प्रस्तावित है, जिसके अन्तर्गत एक केन्द्रीय नियंत्रण प्रणाली तैयार की जायेगी, जो विभागीय अधिकारियों एवं स्थानीय ग्रामीण निकायों को सहायता एवं सेवा प्रदान करेगी। हेल्प डेस्क प्रणाली के मुख्य कार्यों में त्रिस्तरीय पंचायतों में प्रतिनिधियों एवं जनसामान्य हेतु हेल्प डेस्क सेवा तथा रेखीय विभागों के साथ समन्वय हेतु तंत्र का विकास सम्मिलित है। पंचायतों में कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से ई-डिस्ट्रिक्ट सेवाओं के तहत प्रमाण पत्र से सम्बन्धित विभिन्न सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं।