नेता प्रतिपक्ष ने अफवाह का किया खंडन, बोले किसी प्रत्याशी को दूसरे राज्य में नहीं भेजा जा रहा

कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय में मतगणना को लेकर बैठक का आयोजन किया गया। इसमें नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह कांग्रेस पर्यवेक्षक मोहन प्रकाश व एमबी पाटिल मौजूद रहे। इस बैठक में देहरादून जिले के समस्त कांग्रेस प्रत्याशी तथा जिला व महानगर अध्यक्ष शामिल हुए। प्रीतम सिंह ने साफ संकेत दिया कि इस बार प्रदेश में खेला होने जा रहा है। हालांकि, उन्होंने कांग्रेस के जीतने वाले विधायकों को छत्तीसगढ़ और राजस्थान शिफ्ट करने की तैयारी को नकार दिया है।

दौरान नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भाजपा को कभी लोकतंत्र पर विश्वास नहीं रहा और उन्होंने एक नहीं बल्कि कई बार लोकतंत्र की हत्या की. इसकी शुरुआत उन्होंने उत्तराखंड से शुरू की थी। उसके बाद भाजपा ने यह प्रयोग गोवा, मध्य प्रदेश, कर्नाटक में किया. किसी भी राज्य में भाजपा को सरकार बनाने का अवसर जनता ने नहीं दिया. लेकिन धनबल के माध्यम से इन्होंने अपनी सरकारें बना ली. ऐसे में उत्तराखंड में इस बार यह अपना पुराना इतिहास नहीं दोहरा पाएंगे।

कांग्रेस प्रत्याशी ने लगाया गंभीर आरोपः नैनीताल जिले की भीमताल विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी दान सिंह भंडारी ने आरोप लगाया है कि मतगणना के दौरान पोस्टल बैलट में गड़बड़ी हो सकती है. दान सिंह भंडारी ने कहा कि जिस तरह से कांग्रेस बैलट पेपर को लेकर सवाल खड़ा करते हुए शासन प्रशासन से व्यवस्था ठीक करने की मांग कर रही है, इससे साफ जाहिर हो रहा है कि कहीं न कहीं पोस्टल बैलेट में गड़बड़ी है उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के लोग बैलट पेपर की गड़बड़ी करने में लगे हुए हैं।

उत्तराखंडः नेता प्रतिपक्ष बोले, कांग्रेस के 10 विधायकों ने भाजपा के 57 विधायकों को चटाई धूल


देहरादून। पछुवादून और जौनसार-बावर के सफल दौरे के बाद मीडिया से रूबरू हुए नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने प्रदेश सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि सरकार जनता के प्रति असंवेदनशील बनी हुई है। दिन प्रतिदिन महंगाई बढ़ती जा रही है, लेकिन सरकार ने विधानसभा सत्र के दौरान सदन में बयान देकर बताया कि उत्तराखंड में महंगाई नहीं बढ़ी है। सदन में दिए गए इस बयान से सरकार का असंवेदनशील रवैया दिखाई देता है।

उन्होंने कहा कि विधानसभा सत्र के दौरान कांग्रेस के दस विधायक सरकार के 57 विधायकों पर भारी पड़े। नेता प्रतिपक्ष ने बताया कि विधानसभा सत्र के राज्य की जनता से जुड़े मसलों पर सरकार भटकी हुई नजर आई। सत्र के दौरान जब भी सरकार असहज हुई तो सत्र का लाइव टेलीकॉस्ट बंद करवा दिया गया। लेकिन फिर भी जनता सब कुछ जानती है। कहा कि, कोरोना से लड़ने में सरकार पूरी तरह विफल रही है।

कुंभ मेले के दौरान कोविड घोटाले के लिए सदन में सरकार को कांग्रेस की ओर से जब घेरा गया तो सत्ता पक्ष के पास कोई जवाब नहीं था। किसान, बेरोजगारी और महंगाई के मुद्दे पर लाए गए कार्यस्थगन प्रस्ताव के दौरान भी सरकार निरुत्तर रही। सरकार ने सदन में बयान देकर कहा कि उत्तराखंड में महंगाई नहीं है। जबकि सच्चाई यह है कि महंगाई के चलते आम आदमी का जीना दुश्वार हो गया है। एक सितंबर से रसोई गैस के दाम में पचीस रुपये की बढ़ोत्तरी कर दी गई है।

पेट्रोल सौ रुपये के आंकड़े को छू रहा है। सरसों का तेल दो सौ रुपये प्रति लीटर मिल रहा है, फिर भी सरकार को महंगाई दिखाई नहीं दे रही है। कहा कि सरकार पूरी तरह से असंवेदनशील हो चुकी है। भू-कानून को लेकर प्रदेश की जनता सड़कों पर उतर रही है, लेकिन सरकार ने भू माफिया के साथ गठजोड़ कर यहां के मूल निवासियों की जमीन बाहरी लोगों को बेचने की साजिश रच डाली है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कांग्रेस प्रदेश और जनता से जुड़े सभी मसलों पर सरकार को घेरने का काम करेगी।

जब प्रीतम बोले-ऐसा लग रहा है जैसे विजय जुलूस निकल रहा हो

उत्तराखंड में कांग्रेस मिशन 2022 का आगाज कर चुकी है। कांग्रेस की नई टीम पूरी तरह जोश और जज्बे से लबरेज है। हर कोई अपनी-अपनी भूमिका का बखूबी निर्वाह कर रहा है। नए प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल जहां संगठन मजबूत कर रहे हैं। वहीं पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और वर्तमान में नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह कार्यकर्ताओं का मनोबल बढाने में लगे हैं। संगठन की बारीकियों के जानकार प्रीतम अच्छे से जानते हैं कि बिना सेना के कोई भी युद्व नहीं जीता जा सकता है। अगर 2022 का रण जीतना है तो उसके लिए सेना पूरी तरह जोश, जज्बे, जुनून और नए-नए राजनीतिक हथियारों से लैस होनी चाहिए। सेना के तरकश में मुद्दों के ऐसे तीर होने चाहिए जो जनता के दिलों में जाकर परिवर्तन का तूफान लाने का काम कर सकें, क्यों प्रचंड बहुमत से सत्ता में बैठी भाजपा के खिलाफ इस बार लहर से काम नहीं चलने वाले।

इसी कड़ी में नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी संभालने के बाद प्रीतम ने राज्य में अपने दौरे की शुरूआत उस कुमांउ मंडल से की जिसको हरीश रावत अपना गढ़ कहते हैं और भाजपा ने सत्ता वापसी के लिए मुख्यमंत्री से लेकर केन्द्रीय मंत्री तक कुमांउ मंडल से ही बनाया है। 2 दिवसीय दौरे में प्रीतम का काफिला जसपुर से होता हुआ काशीपुर, रूद्रपुर, गदरपुर, नानकमत्ता, किच्छा, सितारगंट होते हुआ खटीमा पहुंचा। जगह-जगह प्रीतम का भव्य स्वागत हुआ। हर जगह प्रीतम के पीछे कार्यकर्ताओं की भारी भीड़ देखने को मिली। जो खटीमा में जाकर एक बड़े जनसैलाब में बदल गई। कार्यकर्ताओं के जोश से प्रीतम अभिभूत नजर आये। प्रीतम सिंह ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि आप सबकी मेहनत जरूर फलीभूत होगी। जनता भाजपा के झूठे वादों से तंग आ चुकी है। चार साल में 3 मुख्यमंत्री देने वाली भाजपा ने उत्तराखंड की जनता की भावनाओं से हमेशा खिलवाड़ किया है। दिल्ली में बैठे भाजपा नेताओं को प्रदेश की नहीं अपनी चिंता है। आज स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार, जैसी सस्यायें पहले से ज्यादा बिकराल हो गई हैं। युवाओं के रोजगार के सपने दिखाकर भ्रमाया जा रहा है। जनता ने मन बना लिया है 2022 में कांग्रेस को लाना है भाजपा के गद्दी से हटाना है। मैं आपसे निवेदन और गुजारिश करने आया हूं कि आपने आज जो जज्बा दिखाया है, इस जज्बे को आप बरकरार रखें और 2022 में आप खटीमा में और संपूर्ण उत्तराखंड में कांग्रेस का परचम लहराने में अपना योगदान दें । आप सभी के इस समर्थन और सहयोग के लिए मैं सभी का धन्यवाद करना चाहता हूं।

इस दौरान प्रीतम के साथ उपनेता प्रतिपक्ष करण माहरा, चारों कार्यकारी अध्यक्ष के साथ रहने से यह बात साफ हो गई है कि प्रीतम पहले के मुकाबले और ज्यादा मजबूत हुए हैं। कांग्रेस आलाकमान ने भले ही प्रदेश अध्यक्ष पद पर गणेश गोदियाल की ताजपोशी की हो लेकिन प्रीतम को पहले से और ज्यादा मजबूत करने का काम किया है। इस दौरान कांग्रेस के कई प्रदेश व जिला पादाधिकारी मौदूज रहे।

नेता प्रतिपक्ष का सरकार पर हमला, बच्चों की जान से खिलवाड़ कर रही है सरकार

कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की आशंका के बीच उत्तराखंड सरकार ने आज से कक्षा 9 से 12 वीं तक के बच्चों के लिए स्कूल खोल दिए हैं। जबकि संक्रमण से बचाव के लिए अभी बच्चों का कोविड टीकाकरण तक शुरू नहीं हुआ है। ऐसे में स्कूली बच्चों को बिना सुरक्षा कवच के स्कूल जाना पड़ रहा है। जिससे बच्चों में संक्रमण फैलने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है। कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों पर संक्रमण का असर ज्यादा होने को लेकर विशेषज्ञ पहले ही आगाह कर चुके हैं। सरकार के इस फैसले पर कांग्रेस सवाल खड़ा कर रही है। नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि आधी-अधूरी तैयारियों के साथ स्कूल खोलने का फैसला बच्चों की जान से खिलवाड़ करने वाला है। हम स्कूल खोलने का विरोध नहीं कर रहे हैं लेकिन बच्चों को संक्रमण से बचाव के लिए स्कूलों में किस तरह की इंतजाम किए गए हैं। इसे लेकर पहले पूरी तैयारियां की जानी चाहिए थी। सभी स्कूलों में पूर्ण इंतजाम होने के बाद स्कूल खोले जाने चाहिए थे। प्रीतम सिंह ने कहा कि पहली लहर में कोरोना संक्रमण काबू में आने के बाद सरकार ने स्कूल खोलने का फैसला लिया था। लेकिन स्कूलों में बच्चों और अध्यापकों के संक्रमित होने पर फिर से स्कूल बंद करने पड़े। सरकार अपने पूर्व के फैसलों से सबक नहीं ले रही है। एक तरफ सरकार व स्वास्थ्य विभाग कोरोना की संभावित तीसरी लहर से बच्चों को संक्रमण से बचाव व उपचार की तैयारियां कर रही है। वहीं, दूसरी तरफ आधी अधूरी तैयारियों के बीच जो स्कूल खोलने का फैसला लिया है हम उसका विरोध कर रहे हैं।

’शिक्षकों और कर्मचारियों का नहीं हुआ पूर्ण वैक्सीनेशन’

नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि सरकार ने आनन-फानन स्कूल खुलवाकर बच्चों के जीवन से खिलवाड़ करने का काम किया है। उनकी जानकारी में आया है कि स्कूलों के सभी शिक्षकों और कर्मचारियों का अभी तक वैक्सीनेशन नहीं हुआ है। 20 फीसदी से अधिक शिक्षकों एवं कर्मचारियों का अभी वैक्सीनेशन भी नहीं हुआ है। सरकार ने किसी भी जिम्मेदारी से बचने के लिए कह दिया है कि स्कूल में उन छात्रों को ही प्रवेश मिल रहा है, जिनके पास अभिभावकों का सहमतिपत्र है। यानि आप समझ सकते हैं कि सारी जिम्मेदारी अभिभावकों की होगी। लंबे समय से बंद स्कूलों में साफ-सफाई न होने कई स्कूलों में झाड़ियां उग आई हैं। इन स्कूलों में सफाई नहीं की गई है। ऐसे में आप खुद समझ सकते हैं कि सरकार को बच्चों की कितनी चिंता है।

’बिना बजट कहां से होगा सैनिटाइज’

नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि उनकी जानकारी में आया है कि स्कूलों के पास सैनिटाइजेशन करवाने तक के लिए अलग से फंड की व्यवस्था नहीं है। शिक्षा विभाग की ओर से स्कूलों को सैनिटाइज करने के आदेश तो जारी किए गए हैं, लेकिन इसके लिए बजट उपलब्ध नहीं कराया गया है। स्कूल खुलने से पहले विभाग को इसके लिए बजट की व्यवस्था करनी चाहिए थी।

’स्कूलों में नहीं है शौचालय और पानी की सुविधा’

प्रतीम सिंह ने कहा कि राज्य के 1170 स्कूलों में शौचालय की व्यवस्था नहीं है। वहीं 2109 स्कूलों में बच्चों को पीने के पानी की सुविधा भी उपलब्ध नहीं है और सरकार कह रही है कि उत्तरखंड खुले में शौच मुक्त हो चुका है। यही नहीं एक रूपये में हर घर नल, हर घर जल पहुंचाया जा रहा है। सरकार की पोल खुद सरकारी स्कूल खोल रहे हैं।

कांग्रेस के बेडे में शामिल हुए पूर्व सैनिक और भारी संख्या में नारी शक्ति

छिद्दरवाला स्थित एक वेडिंग प्वाइंट में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह के नेतृत्व में भाजपा के ओबीसी मोर्चा के प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य व पूर्व सैनिक गजेन्द्र विक्रम शाही व भाजपा के पूर्व अनुसूचित जाति के श्यामपुर मण्डल अध्यक्ष राकेश गौड़, भाजपा के किसान मोर्चा के जयराम चैहान, पूर्व सैनिक अमन पोखरियाल, लक्ष्मी नियाल, कमल बनर्जी, अमित धस्माना सहित सैकड़ों महिलाओं सहित सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य जयेन्द्र रमोला के नेतृत्व में कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की। वहीं, नए सदस्यों के साथ छिद्दरवाला में जुलूस निकाला गया। साथ ही आतिशबाजी कर मिष्ठान भी वितरित किया गया।

भाजपा से लोगों का हुआ मोह भंगः प्रीतम सिंह
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि भाजपा से लोगों का मोह भंग हो गया है, बहुत हुई महंगाई की मार के नारे देने वाली भाजपा ने आज पूरे देश में महंगाई से लेकर बेरोजगारी का हाहाकार मचा है। आज बड़ी संख्या में यहॉं भाजपा, पूर्व सैनिक, मातृ शक्ति, गोर्खाली समुदाय सहित लोगे ने कांग्रेस की सदस्यता लेकर बता दिया कि आज लोग कांग्रेस की ओर देख रहे हैं। आगामी चुनाव में उत्तराखण्ड की जनता भाजपा को सत्ता से उखाड़ फेंकनें का काम करेगी और प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनेगी और जो विकास की डोर रूकी हुई है। वह कांग्रेस की सरकार में तेजी से दौड़ने लगेगी।

भाजपा में हो रही पुराने लोगों की अनदेखीः जयेंद्र रमोला
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य जयेन्द्र रमोला ने संचालन करते हुऐ कहा कि भाजपा में पुराने लोगों की अनदेखी देश स्तर के साथ प्रदेश में भी जारी है साथ ही भाजपा के कार्यकर्ताओं में अंसतोष की स्तिथि बनी है जिस कारण भाजपा के लोग आज भाजपा छोड़कर कांग्रेस से जुड़ रहे हैं। विधानसभा ऋषिकेश में यह सदस्यता अभियान का क्रम जारी रहेगा।

भाजपा अब भाजपा नहीं रहीः गजेंद्र विक्रम शाही
सदस्यता लेने के पश्चात गजेन्द्र बिक्रम शाही ने कहा कि भाजपा अब पुरानी भाजपा नहीं रही है यहॉं पुराने व्यक्तियों का सम्मान नहीं रहा है बहुत समय से बीमारी से जूझता रहा परन्तु कोई भाजपा नेता मिलने नहीं आया । मैं भाजपा को परिवार की तरह मानता था परन्तु कई समय से भाजपा की रीति नीति बदल गई है जिस कारण मुझे यह कदम उठाना पड़ा और अब मैं कांग्रेस का कार्यकर्ता हूँ और सच्चे मन से कांग्रेस के लिये कार्य करूँगा।

यह भी रहे शामिल
कार्यक्रम में पूर्व मंत्री शूरवीर सिंह सजवाण, राजपाल खरोला, सैनिक संगठन के सचिव धीरज थापा, गोकुल रमोला, महिला कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष अंशुल त्यागी, विवेक तिवारी, बरफ सिंह पोखरियाल, कुंवर गुसाँई, अमन पोखरियाल, सोहन थलवाल, गिरीश रोथाण, टीकाराम वयाश, मनवर सिह, दिनेश चैहान, प्रवीण खरोला, रीता थापा, लक्ष्मी थापा, लक्ष्मी क्षेत्री, योमति गुरूग, संतोषी शर्मा, पूजा क्षेत्री, रेनू क्षेत्री, मनू थापा, रजिता गुरूग, चित्रा ठाकुरी, अंजली कश्यप, चंदा कश्यप, मनु थापा, शोभा रावत, रमा थापा, सीमा थापा, नीरू देवी, पद्मा राणा, प्रमीला थापा, पार्वती देवी, उमा मल्ल, पुष्पा मल्ल, कमलेश तिवारी, सुखी देवी, सीमा कोठारी, निर्मला गौड़, बबीता असवाल, नन्दनी देनी, सुमन रानी, आँचल देवी, सरोज देवी, विमलेश देवी, राधा देवी, प्रभा, सुमित्रा, युवा रजत राना, मोहित ठाकुर, अर्जून पूरी, अर्जून थापा, कृष्णकांत कलूडा, विजय थापा, शशाक, पवन, प्रशांत थापा, हिमांशु, सोनू कश्यप, चाहत ,मनीष, प्रकाश राना, दीपक थापा, सचिन गुरूग, भीम पूरी, जय सिंह रावत, कृपाल सरोज, विजयपाल रावत, केके थापा, अंबिका सजवाण, पार्षद राधा रमोला, पार्षद विजयलक्ष्मी, पार्षद शकुन्तला शर्मा, कृष्णा रमोला, उमा ओबरॉय, अलका क्षेत्री, दीपा चमोली, मदन मोहन शर्मा, सरोज देवरानी, सविता शर्मा, महन्त विनय सारस्वत, देवी ब्याज, प्रेमलाल शर्मा, संदीप खंतवाल, विवेक तिवाड़ी, कपिल शर्मा, जितेन्द्र त्यागी, वेद प्रकाश शर्मा, राकेश कंडियाल, गौरव राणा, नीरज कुमार, प्रकाश पांडेय, रवीन्द्र बिजल्वाण, के डी जोशी, गजेन्द्र चैहान, प्रीतम चैहान, संगीता कुमारी, उत्तरा चैहान, तेजपात कलूडा, संगीता कुमारी, वीरेन्द्र पंवार, आशा देवी, शामिल मल्ल, सत्यम कश्यप, सोनू रावत, आकाश जोशी, अमरीश थापा आदि सैकड़ों की संख्या में लोग मौजूद थे।

आंदोलनकारियों पर लाठी चार्ज के विरोध में कांग्रेसियों ने सीएम का पुतला फूंका

सड़क के लिये आंदोलन कर रहे आंदोलनकारियों पर लाठी चार्ज के विरोध में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष प्रीतम सिंह के आवाह्न पर श्यामपुर में कांग्रेस जनसहायता कार्यालय में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत का पुतला दहन किया गया।

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य जयेन्द्र रमोला ने कहा कि मातृशक्ति के बलिदान से बने इस प्रदेश में मातृशक्ति की अहम भूमिका रही है लेकिन निर्गुण हो चुकी सरकार अब महिलाओं पर भी अत्याचार करने से बाज नहीं आ रही। गैरसैंण में विधानसभा कूच कर रही महिलाओं और अन्य निहत्थे लोगों पर पुलिस के लाठीचार्ज से बच्चे बूढ़े नवयुवक और कई महिलाएं बुरी तरह घायल हो गई है जिनमें से कई लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है ऐसी बर्बरता ही उत्तराखंड ग्राम वासियों ने उत्तराखंड आंदोलन के दौरान देखी थी जब तत्कालीन उत्तर प्रदेश सरकार ने ऐसी बर्बरता उत्तराखंड के आंदोलनकारियों पर दिखाई थी। आंदोलनकारियों की मांगे मानने के बजाय उन पर लाठियां बरसाना दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है जो उत्तराखंड के इतिहास में काले दिन के तौर पर जाना जाएगा, हम इस कृत्य में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की माँग करते हैं, अन्यथा हमें उग्र आंदोलन को बाध्य होना पड़ेगा।

मौके पर जिलाध्यक्ष गौरव चैधरी, पूर्व मंत्री शूरवीर सिंह सजवान, डा. केएस राणा, जय सिंह रावत, ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष बरफ सिंह पोखरियाल, विजय पाल सिंह रावत, महिला कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष अंशुल त्यागी, महिला कांग्रेस जिला महासचिव अलका क्षेत्री, आशा सिंह चैहान, मनोज गुसाँई, गौतम नौटियाल, नीरज कुमार चैहान, इमरान सैफी, विशाज सजवान, कुशाल सजवान, पवन रावत, बुरान अली, शाहरुख, नवाज, आनंद सिंह रावत, दीपक नेगी, धर्म राज सिंह पुण्डीर, अजय राजभर, बीरेंद्र सिंह, सुभाष जखमोला, राम कुमार भतालिये, प्रताप सिंह पोखरियाल, निर्मल रांगढ, रोहित नेगी, जितेन्द्र त्यागी आदि मौजूद रहे।

शहीदों की याद में बना स्थल को तोड़ने से सरकार का असल चेहरा आया सामनेः कांग्रेस

कांग्रेस पार्टी प्रदेश स्तर पर शहीद स्मारक स्थल तोड़े जाने का विरोध करेगी। बृहस्पतिवार को 12 बजे सभी जिला मुख्यालयों पर ऋषिकेश में शहीद स्मारक स्थल तोड़े जाने को लेकर कार्यकर्ता प्रदर्शन करेंगे। यह बात कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने ऋषिकेश में कही।

उन्होंने कहा कि कोर्ट के आदेश पर अतिक्रमण हटाया गया है, हम इसके खिलाफ नहीं है, मगर वर्षों से यहां व्यापार कर रहे हैं स्थानीय व्यक्तियों के बारे में सरकार व स्थानीय प्रशासन को सोचना चाहिए था। कहा कि हैरानी वाली बात यह है कि हरिद्वार रोड पर जहां शहीदी स्मारक स्थल है वहीं पर अतिक्रमण के नाम पर तोड़फोड़ हुई शेष जगह छेड़छाड़ नहीं हुई। उन्होंने सरकार की मंशा पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि पवित्र स्थान को तोड़ना सरकार की मंशा पर सवाल खड़े करता है।

सरकारी विभागों का अतिक्रमण क्यों नहीं टूटता
प्रदेश अध्यक्ष कांग्रेस प्रीतम सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार को पहले शहीद स्मारक स्थल के लिए कहीं और भूमि और भवन की व्यवस्था करनी चाहिए थी फिर इसे हटाया जाना चाहिए था। मगर, दुर्भाग्यपूर्ण है कि मातृशक्ति और युवा शक्ति के बलिदान पर निर्मित इस उत्तराखंड राज्य में भाजपा शासित सरकार में उत्तराखंडियों के पावन स्थलों को तोड़ा जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रशासन पहले सरकारी विभागों के अतिक्रमण को क्यों नहीं तोड़ता।

कांग्रेस कमेटी भंग होने से अब नई कमेटी का रास्ता साफ

उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस ने अपनी 430 सदस्यीय कमेटी को भंग कर दिया हैं। कमेटी के भंग हो से ढाई साल से ज्यादा समय बीतने के बाद प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह के सामने नई कार्यकारिणी बनाने का रास्ता साफ हो गया है। वहीं, मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने इस पर चुटकी लेते हुए कहा कि जब कपड़े ही नहीं पहन पाए, तो फटेंगे कैसे।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह को अपनी नई टीम के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा है। वर्ष 2017 में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को करारी शिकस्त झेलनी पड़ी थी। इस चुनाव के दो माह बाद ही पार्टी हाईकमान ने प्रदेश नेतृत्व को बदलकर प्रीतम सिंह के हाथों में बागडोर सौंप दी। सबको साधने की कवायद में प्रीतम ने अपनी नई कार्यकारिणी के गठन को लेकर जल्दबाजी से गुरेज किया। नतीजतन पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय की टीम अब तक कार्य करती रही। शुरुआती दौर में टीम किशोर का आंकड़ा 165 रहा, लेकिन बाद में यह आंकड़ा दोगुने से भी ज्यादा हो गया था।

प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की। कांग्रेस हाईकमान से हरी झंडी मिलने पर मंगलवार को प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने पुरानी प्रदेश कार्यकारिणी भंग करने की घोषणा कर दी। नई कार्यकारिणी का आकार भी जंबो रहने के संकेत हैं। सूत्रों की मानें तो 142 सदस्यीय नई कार्यकारिणी इसी हफ्ते अस्तित्व में आ जाएगी।

प्रीतम की अगुआई में नई कार्यकारिणी वर्ष 2022 में विधानसभा चुनाव के दौरान भी कार्य करेगी। कांग्रेस में राष्ट्रीय अध्यक्ष की तरह प्रदेश में भी अध्यक्ष का कार्यकाल बढ़कर अब छह वर्ष हो चुका है। प्रीतम सिंह और इंदिरा हृदयेश का आगामी शनिवार को फिर दिल्ली जाने का कार्यक्रम है। नई टीम के गठन का रास्ता साफ होने के साथ ही प्रदेश में संगठन और विधानमंडल दल के नेतृत्व में बदलाव को लेकर कयासों पर भी विराम लगने की चर्चाओं पर विराम लग सकेगा।

तो हरीश ने अपने चहेते को कमान देने के लिए इस्तीफे का दाव चला

लोकसभा चुनाव में हार की जिम्मेदारी लेते हुए राष्ट्रीय महासचिव और असम प्रभारी के पदभार से इस्तीफा देकर हरीश रावत ने प्रदेश में कांग्रेस की सियासत को गर्मा दिया है। रावत के इस्तीफे के बाद प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष प्रीतम सिंह समेत प्रदेश पदाधिकारियों पर भी इस्तीफे को लेकर दबाव बढ़ गया है।
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली करारी हार के बाद जिस तरह राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने पद छोड़ा है, उससे कांग्रेस की अंदरूनी सियासत में हलचल और असमंजस बढ़ गया है। अपने इस्तीफे के बाद राहुल गांधी पार्टी के अन्य पदाधिकारियों को भी निशाने पर ले चुके हैं। इस बीच राष्ट्रीय महासचिव और असम प्रभारी के पद से पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी इस्तीफा दे दिया है। यह दीगर बात है कि इसकी जानकारी उन्होंने फेसबुक पोस्ट पर दी। हरीश रावत उत्तराखंड की सियासत से गहरे जुड़े रहे हैं। उत्तराखंड में भी कांग्रेस को लोकसभा की पांचों सीटों पर हार मिली। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत नैनीताल संसदीय सीट, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह टिहरी संसदीय सीट और राज्यसभा सदस्य प्रदीप टम्टा अल्मोड़ा संसदीय सीट से पार्टी प्रत्याशी थे।
इन तीनों दिग्गजों को भी हार का मुंह देखना पड़ा। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और असम के प्रभारी के तौर पर हरीश रावत ने इस्तीफा तो दिया ही, साथ ही लोकसभा चुनाव में हार के लिए पार्टी की संगठनात्मक कमजोरी के लिए भी पदाधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया। असम में पार्टी का प्रदर्शन अपेक्षित नहीं रहने के लिए भी बतौर प्रभारी उन्होंने खुद को उत्तरदायी ठहराने से गुरेज नहीं किया।
रावत के इस स्टैंड को प्रदेश कांग्रेस कमेटी पर दबाव बढ़ाने वाला माना जा रहा है। हालांकि इससे प्रदेश में पार्टी के भीतर गुटबंदी तेज होने के आसार हैं। प्रदेश में कांग्रेस के भीतर प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह और नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश की सियासी जुगलबंदी को हरीश रावत खेमे से गाहे-बगाहे चुनौती मिलती रहती है। हालांकि श्रीनगर और बाजपुर में आठ जुलाई को होने वाले नगर निकाय चुनाव में पार्टी को कामयाबी दिलाने को पार्टी के सभी दिग्गज नेता एकजुट दिख रहे हैं। पहले बाजपुर और फिर गुरुवार को श्रीनगर नगरपालिका परिषद अध्यक्ष पद के चुनाव में पार्टी प्रत्याशी के समर्थन में सभी दिग्गजों ने एक साथ प्रचार भी किया। फिलहाल पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने मीडिया से बातचीत में प्रदेश में कांग्रेस के भीतर किसी तरह की गुटबाजी होने से साफ इन्कार किया है।

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