जी-20 क्राफ्ट बाजार प्रदर्शनी में उत्तराखंड के उत्पादों को मिलीं सराहना

नई दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित “जी 20 क्राफ्ट बाजार प्रदर्शनी“ में उत्तराखंड के स्टॉल में यहां के उत्पाद प्रदर्शित किए गए हैं। इस संबंध में उत्तराखण्ड के स्थानीय आयुक्त अजय मिश्रा ने बताया कि सचिव वाणिज्य मंत्रालय भारत सरकार सुनील बर्थवाल ने स्टॉल का भ्रमण कर प्रदर्शित उत्पादों की जानकारी प्राप्त कर सराहना की। रेजिडेन्ट कमिश्नर केरला सौरभ जैन ने भी उत्तराखण्ड के स्टॉल का भ्रमण कर अन्य उत्पादों के साथ बिच्छू घास की बनी जैकेट की विशेष रूप से सराहना की। प्रधानमंत्री कार्यालय में उपसचिव मंगेश घिल्डियाल के साथ विभिन्न प्रदेशों के रेजिडेन्ट कमिश्नरों ने भी उत्तराखण्ड के स्टॉल का भ्रमण कर प्रदर्शित राज्य के उत्पादों की सराहना की।
उपनिदेशक उद्योग विभाग एवं नोडल अधिकारी डॉ एम एस सजवाण ने बताया कि उत्तराखंड के उद्योग विभाग द्वारा लगाए गए स्टॉल में उत्तराखंड राज्य के हैंडलूम और हैंडीक्राफ्ट उत्पाद प्रदर्शित किए गए हैं। यहां अल्मोड़ा ट्वीड ऊनी स्कार्फ, डूंडा शॉल, पिथौरागढ़ के ऊनी कार्पेट, केदारनाथ व अन्य धार्मिक स्थलों की काष्ठ प्रतिकृति, नैनीताल ऐपण, उधमसिंहनगर की मूंज घास के उत्पाद, बागेश्वर के ताम्र उत्पाद, प्राकृतिक फाइबर जैकेट, प्रदर्शित किए गए हैं।

एक जनपद दो उत्पाद योजना का शासनादेश जारी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर उत्तराखण्ड में “एक जनपद दो उत्पाद” (वन डिस्ट्रिक्ट टू प्रोडक्ट्स) योजना संबंधी शासनादेश जारी कर दिया गया है। मुख्यमंत्री की विशेष प्राथमिकता के आधार पर राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई इस योजना के तहत बाजार में मांग के अनुरूप कौशल विकास, डिजाइन विकास, रॉ मैटेरियल के ज़रिए नई तकनीक के आधार पर प्रत्येक जिले में दो उत्पादों का विकास किया जाएगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस योजना पर लागू करने के पीछे उद्देश्य उत्तराखण्ड के सभी 13 जिलों में वहां के स्थानीय उत्पादों को पहचान के अनुरूप परंपरागत तथा शिल्प उद्योग का विकास करना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि “वन डिस्ट्रिक्ट टू प्रॉडक्ट्स” से स्थानीय काश्तकारों एवं शिल्पकारों को जहां एक ओर स्वरोजगार के अवसर पैदा होंगे वहीं दूसरी ओर हर जिले में स्थानीय उत्पाद की विश्वस्तरीय पहचान बन सकेगी।
सचिव अमित नेगी ने जानकारी देते हुए बताया कि अल्मोड़ा में ट्वीड एवं बाल मिठाई, बागेश्वर में ताम्र शिल्प उत्पाद एवं मंडवा बिस्किट, चंपावत में लौह शिल्प उत्पाद एवं हाथ से बने उत्पाद, चमोली में हथकरघा-हस्तशिल्प उत्पाद तथा एरोमेटिक हर्बल प्रोडक्ट को एमएसएमई विभाग द्वारा एक जिला दो उत्पाद के तहत चिन्हित किया गया है। सचिव ने बताया कि देहरादून में बेकरी उत्पाद एवं मशरूम उत्पादन, हरिद्वार में जगरी एवं शहद उत्पाद, नैनीताल में ऐपण कला एवं कैंडल क्राफ्ट, पिथौरागढ़ में ऊन के उत्पाद एवं मुनस्यारी राजमा को इस योजना के तहत चिन्हित किया गया है। इसी प्रकार पौड़ी जिले में हर्बल उत्पाद एवं लकड़ी के फर्नीचर संबंधित उत्पाद, रुद्रप्रयाग में मंदिर कलाकृति हस्तशिल्प एवं प्रसाद सम्बंधी उत्पादों, टिहरी जिले में नेचुरल फाइबर प्रोडक्ट्स एवं टिहरी नथ, ऊधम सिंह नगर में मेंथा आयल एवं मूँज ग्रास प्रोडक्ट, उत्तरकाशी में ऊन हस्तशिल्प एवं एप्पल बेस्ड प्रोडक्ट को इस योजना के तहत चयनित किया गया है।

मुख्यमंत्री ने राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना के अंतर्गत किया विभिन्न योजनाओं का लोकार्पण

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना के अंतर्गत आँंचल बद्री गाय घी, पहाड़ी घी, आर्गेनिक घी, पनीर, डेरी ग्रोथ सेंटर एवं दुग्ध उत्पादक सेवा केन्द्रों का ई-लोकार्पण किया। उन्होंने कुपोषित बच्चों को दुग्ध उत्पादों से निर्मित पौष्टिक आहार का वितरण किया।

मुख्यमंत्री कहा कि दुग्ध सहकारी समितियों की मजबूती के लिए और प्रयास करने होंगे। दुग्ध और उससे बनने वाले उत्पादों की ब्रान्डिंग, पैकेजिंग और उनके लिए बाजार उपलब्ध कराने पर विशेष ध्यान दिया जाय। स्थानीय स्तर पर दुग्ध एवं उससे सबंधित उत्पादों को बढ़ावा देने के साथ ही, लोगों की आय में वृद्धि के लिए क्या प्रयास किये जा सकते हैं, इस ओर ध्यान दिया जाय। दुग्ध और उससे संबंधित उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए महिलाओं की भागीदारी बढ़ाई जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज जिन दुग्ध उत्पादों का लोकार्पण किया गया, ये उत्पाद उत्तराखण्ड की विशेष पहचान है। इन उत्पादों का व्यापक स्तर पर प्रचार भी किया जाय।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने वोकल फॉर लोकल का जो आह्वाहन किया है, इस दिशा में स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए हर सम्भव प्रयास किये जाय। आज देश आत्मनिर्भरता की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। आत्मनिर्भर बनने के साथ ही हमें अन्य लोगों को भी अपने साथ स्वरोजगार से जोड़ना होगा। प्रधानमंत्री ने कोविड काल में आत्मनिर्भर भारत हेतु 20 लाख करोड़ रूपये का पैकेज दिया। उद्यमिता के विकास, कृषि एवं पशुपालन के क्षेत्र में केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा अनेक जन कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं। यह सुनिश्चित किया जाय कि आम जन तक इन योजनाओं का पूरा लाभ मिले। सबका साथ, सबका विकास के मूल मंत्र के साथ कार्य किये जाय। डिजिटल इंडिया की दिशा में देश तेजी से आगे बढ़ा है, उद्यमिता एवं स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए डिजिटल माध्यमों के प्रयोग पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है।

डेरी विकास मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि दुग्ध उत्पादन स्वरोजगार का बड़ा माध्यम है। दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में उत्तराखण्ड को अग्रणी राज्य बनाने की दिशा में अनेक प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि घी में अनेक औषधीय एवं आध्यात्मिक गुण हैं। उत्तराखण्ड के बद्री गाय के घी, पहाड़ी एवं आर्गेनिक घी की मांग भी तेजी से बढ़ रही है। दुग्ध उत्पादन और उससे निर्मित उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं।

इस अवसर पर देहरादून दुग्ध संघ के अध्यक्ष विजय रमोला, निदेशक डेरी विकास जीवन सिंह नगन्याल एवं विभिन्न जनपदों के दुग्ध संघ के अध्यक्ष थे।

कृषि उत्पादों के विक्रय के लिए माई रिफिल स्टोर का सीएम ने किया उद्धाटन

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने उत्तराखण्ड वन संसाधन प्रबन्धन परियोजना के तत्वाधान में वन पंचायतों में गठित महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार किये गये कृषि तथा अन्य उत्पादों के विक्रय केन्द्र ‘‘माई रिफिल स्टोर’’ का उद्घाटन किया।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि राज्य सरकार ने सभी विभागों को राज्य में लोगों के लिए स्वरोजगार उपलब्ध कराने के लिए टारगेट दिये गये हैं। किस तरह से लोगों की आजीविका में वृद्धि की जा सकती है और महिला स्वयं सहायता समूहों की भागीदारी कैसे और बढ़ाई जा सकती है। इस दिशा में अनेक प्रयास किये जा रहे हैं। जायका के द्वारा स्थानीय आउलेट का उद्घाटन किया गया है, इससे किसानों एवं इस क्षेत्र में कार्य करने वालों को तो फायदा होगा ही साथ ही जो लोग उत्तराखण्ड के स्थानीय उत्पादों को खरीदना चाहते हैं, उन्हें आसानी से उपलब्ध होंगे। यह प्रधानमंत्री के वोकल फॉर लोकल की दिशा में एक अच्छा प्रयास है। वन विभाग के सहयोग से वन पंचायतों को स्वावलंबी बनाने एवं उत्तराखण्ड के स्थानीय उत्पादों को बेहतर मार्केटिंग की दिशा में प्रयास किये जा रहे हैं।

इस अवसर पर वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत, विधायक गणेश जोशी, मेयर सुनील उनियाल गामा, प्रमुख सचिव वन आनन्द वर्द्धन, प्रमुख वन संरक्षक रंजना काला आदि उपस्थित रहे।

कुम्भ मेला क्षेत्र की सड़को का होगा कायाकल्प

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आटोमेटेड ड्राईविंग टेस्ट ट्रेक के निर्माण के लिए 20.62 लाख रूपए की स्वीकृति दी है। आईडीटीआर झाझरा देहरादून में आटोमेटेड ड्राईविंग टेस्ट ट्रेक के निर्माण की यह प्रथम किस्त होगी। इस आटोमेटिक ड्राइविंग टेस्ट ट्रेक की कुल लागत 51.56 लाख है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कुम्भ मेला क्षेत्र के अन्तर्गत नगर निगम हरिद्वार की 08 सड़कांे के सीसी टाइल्स द्वारा नवीनीकरण किये जाने हेतु 103.94 लाख की धनराशि स्वीकृत की है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रदेश में स्वयं सहायता समूहों द्वारा निर्मित उत्पादों को जेम पोर्टल के माध्यम से क्रय किये जाने के निर्देश दिये हैं। इस पोर्टल पर स्वयं सहायता समूहों द्वारा निर्मित उत्पादों को ही अपलोड किया जायेगा, इसके लिये एक बार में रूपये 05 लाख तक के उत्पादों के क्रय की व्यवस्था रहेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस व्यवस्था से स्वयं सहायता समूहों की आर्थिक स्थिति में सुधार के साथ ही स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने तथा उनके विपणन की बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित हो सकेगी।

वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना में 10 करोड़ की धनराशि स्वीकृत

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना के अन्तर्गत राज सहायता के रूप में 10 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की है। इस योजना के अन्तर्गत प्रदेश के 10 जनपदों में एक-एक करोड़ की धनराशि स्वीकृत की गई है। मुख्यमंत्री ने युवाओं को स्वरोजगार के लिये प्रेरित करने के लिये इस योजना को प्रभावी माध्यम बताया है।

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