रेल मंत्री पीयूष गोयल से मिले मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, जताया आभार

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने केन्द्रीय मंत्री रेल, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण पीयूष गोयल से भेंट की। मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड में रेल कनेक्टिवीटी के विकास के लिए रेल मंत्री का आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री के अनुरोध पर रेल मंत्री ने टनकपुर-बागेश्वर रेल लाईन के फाइनल लोकेशन सर्वे की स्वीकृति दी।

रेल मंत्री ने हरिद्वार-रायवाला सेक्शन में वर्तमान सिंगल रेल लाईन के दोहरीकरण और देहरादून व योगनगरी ऋषिकेश के मध्य सीधी रेल सेवा उपलब्ध कराने के लिए लक्सर की भांति रायवाला स्टेशन से पहले डायवर्जन लाईन के निर्माण पर स्वीकृति देते हुए रेलवे के अधिकारियों को तत्काल आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिये। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के सुझाव पर पुराने ऋषिकेश स्टेशन के वाणिज्यिक उपयोग के लिए रेलवे के अधिकारियों को कार्ययोजना बनाने को निर्देशित किया। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में स्विटजरलैण्ड की तर्ज पर रेलवे और रोप-वे बनाने के लिए रेल मंत्रालय द्वारा अध्ययन कराया जाएगा।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के अनुरोध पर केन्द्रीय मंत्री ने विकेंद्रीकृत खरीद प्रणाली के अंतर्गत उत्तराखण्ड के सब्सिडी के बकाया 640 करोड़ रूपये की राशि अवमुक्त करने के लिए खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के अधिकारियों को निर्देशित किया।

मुख्यमंत्री ने रेल मंत्री से साधा संपर्क, स्पेशल ट्रेन से चलानेे की मांग

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने राज्य से बाहर फंसे उत्तराखंड के लोगों को वापस राज्य में लाने की तैयारियों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि संबंधित राज्यों से समन्वय बनाते हुए सुनियोजित तरीके से सारी व्यवस्था की जाए। इसमें पूरी सावधानी के साथ व्यक्तिगत दूरी, मास्क, सेनेटाइजेशन आदि मानकों का पालन सुनिश्चित किया जाए। जिन लोगों को वापस लाया जाना है, कोरोना संक्रमण के दृष्टिगत उनकी समुचित स्क्रीनिंग की जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुरूप ही सारी कार्यवाही हो। राज्य में आने पर यदि होम क्वारेंटाईन किया जाता है तो यह भी सुनिश्चित किया जाए कि होम क्वारेंटाईन का सख्ती से पालन हो। इसके लिये आवश्यक होने पर ग्राम प्रधानों को कुछ अधिकार दिये जा सकते हैं।
सचिव शैलेश बगोली ने बताया कि अभी तक 87 हजार लोगों ने वापस आने के लिए अपना पंजीकरण कराया है। इनमें अधिकांश लोग पर्वतीय जिलों के हैं। बैठक में मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, डीजीपी अनिल कुमार रतूङी, सचिव अमित नेगी, नितेश झा, राधिका झा भी उपस्थित रहे।

स्पेशल ट्रेन से वापस लाये जायेंगे उत्तराखंडी
उत्तराखण्ड से बाहर फंसे राज्य के लोगों को वापस लाने के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने रेल मंत्री पीयूष गोयल से विभिन्न मार्गो पर 12 स्पेशल ट्रेन चलाने का अनुरोध किया है। इनमें दिल्ली से देहरादून, दिल्ली से हल्द्वानी, चंडीगढ़ से देहरादून, लखनऊ से देहरादून, लखनऊ से हल्द्वानी, जयपुर से देहरादून, जयपुर से हल्द्वानी, मुम्बई से देहरादून, मुम्बई से हल्द्वानी, भोपाल से देहरादून, बैंगलोर से देहरादून और अहमदाबाद से देहरादून के लिए अनुरोध किया गया है। राज्य से बाहर फंसे उत्तराखंड के लोगों को वापस राज्य में लाये जाने के संबंध में बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने रेल मंत्री से बात कर यह अनुरोध किया है।

दिल्ली-हरिद्वार-देहरादून के लिए चलेगी तेजस ट्रेन

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने नई दिल्ली में रेल मंत्री पीयूष गोयल से भेंट कर उत्तराखण्ड में रेल सुविधाओं के विस्तार पर चर्चा की। बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए रेल मंत्री ने बताया कि उत्तराखण्ड की रेल परियोजनाओं के लिए बजट की कमी नहीं आने दी जाएगी। मुख्यमंत्री के अनुरोध पर नई दिल्ली-हरिद्वार-देहरादून के लिए समस्त आधुनिक सुविधाओं से युक्त तेजस ट्रेन को सैद्धांतिक स्वीकृति दी गई है। पाथ-वे उपलब्ध होते ही इसे शुरू कर दिया जाएगा। उत्तराखण्ड में ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना पर काम दिखने लगा है। इसके लिए उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री और उनकी टीम की प्रशंसा की जानी चाहिए। हमें दूसरे राज्यों में जो समस्याएं आती है, उत्तराखण्ड में नहीं आई। पूरा प्रयास रहेगा कि अगले ढ़ाई वर्ष में श्रीनगर गढ़वाल तक रेल पहुंचा दी जाए। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना में इनोवेटिव काम किया जाएगा। वर्ष 2021 मे हरिद्वार में होने वाले कुम्भ मेले के लिए रेलवे विभाग, प्रयागराज की भांति ही पूरी तैयारी करेगा। देहरादून, हरिद्वार स्टेशनों की सुरक्षा और यात्रियों की सुविधा सुनिश्चित की जाएगी।दून रेलवे स्टेशन का आधुनिकीकरण इस वर्ष नवम्बर तक कर दिया जाएगा। जल्द ही रेलवे के उच्च अधिकारियों के दल को उत्तराखण्ड भेजा जाएगा। मुख्यमंत्री ने रेल मंत्री का आभार व्यक्त किया।

ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना से सम्भावित यातायात के लिए मजबूत तंत्र जरूरी
इससे पूर्व बैठक में मुख्यमंत्री ने ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाईन परियोजना की वर्तमान प्रगति से केन्द्रीय मंत्री को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि 126 किमी0 लम्बी ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन के अन्तर्गत फॉरेस्ट लैंड को नॉन फॉरेस्ट लैंड में परिवर्तन को स्वीकृति मिल गयी है। उन्होंने कहा कि 167 हेक्टेयर प्राईवेट रेवेन्यू लैंड का अधिग्रहण कर लिया गया है। परियोजना के लिए जियो टैक्नीकल इन्वेस्टीगेशन भी पूर्ण हो गयी है। इसके अन्तर्गत एक आरयूबी (रोड अंडर ब्रिज) एवं एक आरओबी (रोड ओवर ब्रिज) को तैयार कर लिया गया है, जिन्हें नियमित यातायात के लिए खोल दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने रेल मंत्री से कहा कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद इस क्षेत्र में रेल यातायात में वृद्धि होना स्वाभाविक है। इसे देखते हुए हरिद्वार-रायवाला अथवा हरिद्वार-देहरादून के मध्य रेल लाइन का दोहरीकरण किया जाना चाहिए, साथ ही, पुराने ऋषिकेश में भारी माल लादने व उतारने एवं कंटेनरों से लदे रेल वैगनों के रूकने के लिए एक रेल कंटेनर डिपो स्थापित किए जाने की भी आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि देहरादून व योग नगरी ऋषिकेश स्टेशन के मध्य सीधी रेल सेवा उपलब्ध कराने के लिए लक्सर की भांति रायवाला स्टेशन से पहले डाइवर्जन लाइन का निर्माण किये जाने की भी जरूरत है।

रूड़की-देवबंद रेल परियोजना
मुख्यमंत्री ने रेल मंत्री को बताया कि देवबन्द-रूड़की रेल लाईन परियोजना को विशेष रेल प्रोजेक्ट का दर्जा प्रदान किया गया है। उक्त योजना को भारत सरकार द्वारा वर्ष 2018 में 50ः50 प्रतिशत के रेलवे एवं उत्तराखण्ड राज्य के मध्य अंशदान के रूप में स्वीकृत दी गयी है। उत्तराखण्ड सरकार द्वारा परियोजना हेतु राज्य सरकार का अंशदान के रूप में वर्तमान तक कुल रू0 261.61 करोड़ की धनराशि अवमुक्त की जा चुकी है। मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार द्वारा अब तक अवमुक्त धनराशि को पर्याप्त मानते हुए परियोजना की अवशेष धनराशि का वित्त पोषण रेल मंत्रालय अथवा भारत सरकार द्वारा वहन किए जाने का अनुरोध किया।

नई रेल लाईनों की स्वीकृति का अनुरोध
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने रेल मंत्री से लालकुंआ-खटीमा, टनकपुर-बागेश्वर और काशीपुर-धामपुर नई रेल लाईनों की स्वीकृति का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि उक्त तीनों रेल लाईनों का पर्वतीय क्षेत्र के विकास और सामरिक दृष्टि से काफी महत्व है। लालकुआं-शक्तिफार्म-सितारगंज-खटीमा नई रेल परियोजना को स्वीकृति देते हुए इसका शत प्रतिशत वित्त पोषण केंद्र द्वारा किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिथौरागढ़ व बागेश्वर क्षेत्र में आर्थिक विकास की गति को तेज करने, पर्यटक के विकास और सस्ती परिवहन सुविधा के लिए टनकपुर-बागेश्वर रेल लाइन की नितांत आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने काशीपुर से धामपुर वाया जसपुर नई रेल लाइन का भी शत प्रतिशत वहन केंद्र सरकार से करने का आग्रह किया। बैठक में रेल मंत्रालय और उत्तराखण्ड के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

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