जीएसटी काउंसिल ने मामना राज्यों को भारी राजस्व का नुकसान

जीएसटी काउंसिल की करीब 5 घंटों तक चली विशेष बैठक में राज्यों के राजस्व की भरपाई के मुद्दे पर गंभीर चर्चा की गई। काउंलिस की बैठक में इस एक खास मुद्दे पर कई विकल्पों को ध्यान में रखकर चर्चा हुई। सभी राज्यों के वित्त मंत्री इस बात पर सहमत थे कि साल 2020-21 कोविड की वजह से काफी मुश्किल भरा रहा है और इस वजह से जीएसटी राजस्व में और ज्यादा गिरावट देखी गई। काउंसिल का आकलन है कि इस साल के लिए राज्यों को राजस्व का कुल घाटा 2 लाख 35 हजार करोड़ का हो सकता है।
काउंसिल में इस मुद्दे पर साफ चर्चा हुई कि ये घाटा केवल जीएसटी की वजह से नहीं हुआ है बल्कि कोविड की वजह से भी राज्यों को काफी नुकसान हुआ है। जीएएसटी का असर समझें तो इस साल के लिए ये घाटा 97,000 करोड़ रूपए का हो सकता है। चर्चा के बाद राज्यों के सामने दो विकल्प दिए गए हैं। वे चाहें तो जीएसटी राजस्व घाटे के 97000 करोड़ के लिए आरबीआई से कम ब्याज दर पर कर्ज ले सकते हैं। इस विकल्प में उन्हें कम उधार लेना पड़ेगा और साल 2022 के बाद कंपन्सेशन सेस के जरिए जो संग्रह किया जाएगा उससे घाटे की भरपाई की जाएगी।
दूसरे विकल्प में राज्य कुल 2,35,000 करोड़ की राशि के घाटे की भरपाई के लिए आरबीआई से उधार ले सकते हैं जिसमें कोविड की वजह से नुकसान भी शामिल है। चर्चा के बाद एक बात साफ हो गई कि जीएसटी के नुकसान के लिए उधार केन्द्र सरकार को नहीं लेना होगा। अब ये विकल्प राज्यों के ऊपर छोड़ दिया गया है। दोनों विकल्पों पर चर्चा के लिए राज्यों को 7 दिनों का वक्त दिया गया है और परिषद सात दिनों के बाद फिर से इन विकल्पों पर अंतिम फैसला लेगी।

200 रुपये के नोट बाजार में आने को तैयार

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने पांच महीने पहले से ही 2000 के नोटों की छपाई बंद कर दी है। बैंक अब छोटे नोटों की छपाई पर जोर दे रहा है। इसके तहत आरबीआई के मैसूर प्रेस में 200 रुपये के नोटों की छपाई शुरू भी हो गई है। सूत्रों के अनुसार, अगले महीने करीब एक अरब रुपये मूल्य के 200 रुपए के नोट बाजार में आने की उम्मीद है। केंद्र सरकार की होशंगाबाद स्थित प्रेस यूनिट में सैंपल नोट की क्वालिटी और सिक्युरिटी फीचर चेक होने के बाद इन नोटों को कर्नाटक स्थित मैसूर और पश्चिम बंगाल स्थित सालबनी में आरबीआई की प्रिंटिंग प्रेस में मुद्रण के लिए भेज दिया गया है। इसके अलावा 500 रुपए के नोट की छपाई भी बढ़ा दी गई है। जब 200 रुपए का नोट बाजार में आएगा तो यह छोटे नोट की कमी को दूर कर देगा।
एक एटीएम मशीन में औसतन 10,000 के नोट होते हैं। अगर हम मान लें कि एटीएम में केवल 100 रुपये के ही नोट है तो इनकी संख्या और आपूर्ति बढ़ जाती है। मसलन, एटीएम मशीन में करीब 25000 करोड़ की अतिरिक्त नकदी पड़ी हुई है। 200 रुपये के नए नोट बाजार में आने से न सिर्फ रोजमर्रा के लेन देन में आसानी होगी बल्कि अतिरिक्त मांग और छोटे गुणांक के नोटों की सप्लाई में एक बैलेंस बनेगा।
साथ ही आरबीआई के पास एक प्रस्ताव भेजा गया है और सुझाव के अनुसार इन 200 रुपए के नोटों को बाजार में एटीएम के जरिए नहीं लाया जाएगा। ये नोट सीधे तौर पर बैंक की शाखाओं से मिलेगें। ऐसा करने से 2000 के नए नोट के बाजार में आने पर जो मुश्किलों का सामना करना पड़ा था, उनसे बचा जाएगा।

एटीएम के शटर तो खुले लेकिन कैश नहीं निकला

विभिन्न बैंकों के ऋषिनगरी में कुल 129 एटीएम हैं

ऋषिकेश।
आरबीआई से नई करेंसी आने पर शुक्रवार सुबह 10 बजे तक ज्यादातर एटीएम पर कैश डाला गया था जबकि नोटबंदी के बाद से बंद चल रहे एटीएम के शटर तो खुले मिले लेकिन उनसे कैश नहीं निकला। नोटबंदी का असर अभी भी बरकरार है। शुक्रवार सुबह 10 बजे तक ज्यादातर एटीएम में कैश डाला गया लेकिन भीड़ होने से दोपहर तक एटीएम खाली हो गए। शहर में सबसे अधिक 68 एटीएम लगे हैं जिसमें सबसे अधिक एसबीआई व पीएनबी के हैं। गुरुवार को इक्के-दुक्के एटीएम से ही कैश निकल रहा था। जिससे लोगों को परेशानी हुई। पहले ही ऋषिनगरी में नई करेंसी कम आने से लोग परेशान हैं। उन्हें उनकी जरूरत के हिसाब से कैश नहीं मिल पा रहा है।