त्रिवेन्द्र सरकार ने होमगार्ड के पद बढ़ाने की घोषणा की

होमगार्ड एवं नागरिक सुरक्षा के स्थापना दिवस पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने होमगार्डों को कारागार के बंदी रक्षकों की भर्ती और विभाग के समूह ग के पदों में 25 फीसद आरक्षण देने की घोषणा की। साथ ही हरिद्वार में नागरिक सुरक्षा इकाई का गठन और होमगार्ड के पदों में इजाफा करने का भी एलान किया।

होमगार्ड एवं नागरिक सुरक्षा का स्थापना दिवस ननूरखेड़ा स्थित मुख्यालय में मनाया गया। इस अवसर पर आयोजित रैतिक परेड में होमगार्ड के जवानों ने अनुशासन के साथ कदमताल कर आगंतुकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत अपरिहार्य कारणों से समारोह में शामिल नहीं हो सके। ऐसे में काबीना मंत्री सुबोध उनियाल उनके प्रतिनिधि के तौर पर कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे। काबीना मंत्री ने ही रैतिक परेड की सलामी ली। रैतिक परेड में कुल छह प्लाटून शामिल हुईं, जिनमें पांच सशस्त्र पुरुष और एक सशस्त्र महिला प्लाटून थीं। परेड में गढ़वाल और कुमाऊं मंडल के विभिन्न जनपदों से आए होमगार्ड शामिल हुए। परेड कमांडर गढ़वाल कमांडेंट गौतमय कुमार, सेकेंड इन कमांड निरीक्षक उत्तरकाशी चंद्रकांत बिष्ट और परेड एडजुटेंट वैतनिक प्लाटून कमांडर पौड़ी शशि बोरा ने परेड को लीड किया। वैतनिक प्लाटून कमांडर टिहरी विजयपाल सिंह ने परेड मेजर की भूमिका निभाई। परेड के बाद मुख्यमंत्री की घोषणाओं को कमांडेंट जनरल होमगार्ड्स एवं निदेशक नागरिक सुरक्षा पुष्पक ज्योति ने पढ़ा। काबीना मंत्री सुबोध उनियाल ने होमगार्ड एवं नागरिक सुरक्षा विभाग की स्मारिका का विमोचन भी किया।

सहयोग राशि प्रदान की
इस अवसर पर काबीना मंत्री सुबोध उनियाल ने ड्यूटी पर शहीद होमगार्ड विजय तिवारी की पत्नी कांति तिवारी को 10 लाख रुपये की बीमा धनराशि व सेवापृथक होमगार्ड सुरेश चंद्र को एक लाख की सहायता राशि कल्याण कोष से प्रदान की।

उत्कृष्ट कार्य पर मिला सम्मान
काबीना मंत्री सुबोध उनियाल ने उत्कृष्ट कार्य के लिए होमगार्ड के अधिकारियों और कर्मचारियों को मुख्यमंत्री प्रशंसा प्रमाण-पत्र से नवाजा। सम्मान प्राप्त करने वालों में डिप्टी कमांडेंट जनरल अमिताभ श्रीवास्तव, डिप्टी कमांडेंट जनरल राजीव बलोनी, कुमाऊं मंडल कमांडेंट ललित मोहन जोशी, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी नरेंद्र सिंह बिष्ट, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी श्यामेंद्र कुमार साहू, वैतनिक प्लाटून कमांडर चंद्रकांत बिष्ट, अवैतनिक प्लाटून कमांडर राजपाल राणा, अवैतनिक प्लाटून कमांडर टेकचंद, मुख्य वार्डन नागरिक सुरक्षा देहरादून सतीश अग्रवाल, प्रभागीय वार्डन नागरिक सुरक्षा उमेश्वर सिंह रावत शामिल रहे।

हड़ताली कर्मचारियों के समर्थन में विधायकों ने पत्र के जरिए प्रमोशन पर रोक हटाने का किया आग्रह

उत्तराखंड में प्रमोशन में आरक्षण के खिलाफ हड़ताल कर रहे जनरल और ओबीसी कर्मचारियों को समर्थन मिल रहा है। कई संगठनों के बाद अब राज्य के विधायकों ने उनके समर्थन में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत को पत्र लिखा है। यह सभी विधायक सत्ता पक्ष यानी भाजपाई है।

उत्तराखंड जनरल ओबीसी इम्पलाइज एसोसिएशन पिछले दो मार्च से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। भाजपा विधायक उमेश शर्मा काऊ, गणेश जोशी, महेंद्र भट्ट, दलीप सिंह रावत, विधानसभा उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चौहान के बाद शुक्रवार को रामनगर के विधायक दीवान सिंह बिष्ट ने भी आंदोलन का समर्थन करते हुए मुख्यमंत्री से प्रमोशन पर लगी रोक हटाने का आग्रह किया।

रुद्रप्रयाग जनपद की तुलंगा पंचायत प्रधान नवीन सिंह रावत ने जनरल ओबीसी कर्मचारियों के आंदोलन के समर्थन में सीएम को पत्र लिख कर सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन करने का आग्रह किया है। इसके साथ ही आजाद मंच, अखिल भारतीय ब्राह्मण एकता परिषद ने आंदोलन का समर्थन किया है।

कर्मचारियों से काम पर लौटने की अपील
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने कोरोना वायरस के संक्रमण और बजट सत्र का हवाला देते हुए हड़ताल कर रहे कर्मचारियों से काम पर लौटने की अपील की है। उन्होंने विश्वास दिलाते हुए कहा है कि विधानसभा बजट सत्र के बाद सरकार कर्मचारियों की मांगों का समाधान तलाश लेगी।

उन्होंने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में कर्मचारियों की हड़ताल राज्य के लिए आत्मघाती साबित होगी। सरकार कोरोना वायरस से निपटने की कोशिश में लगी है। सरकार का यह प्रयास कर्मचारियों की सहभागिता के बिना संभव नहीं है।

ऐसे में यदि प्रदेश में कर्मचारियों की हड़ताल जारी रहती है तो उसका असर पड़ना स्वाभाविक है। सभी हड़ताली कर्मचारी संगठनों को प्रदेश की जनता के व्यापक हित को देखते आंदोलन स्थगित कर काम पर लौटना चाहिए।

जिपं अध्यक्ष पद पर आरक्षण जस का तस

शासन ने जिला पंचायत अध्यक्ष के पदों पर आरक्षण को जस का तस रखा है। आपत्तियों का निस्तारण करने के बाद शासन ने आरक्षण की अंतिम अधिसूचना जारी कर दी है।

बात दें कि पंचायत चुनाव के लिए शासन ने 20 अक्टूबर को जिला पंचायत अध्यक्ष पदों के लिए अनंतिम आरक्षण जारी किया था। 22 व 23 अक्टूबर से आरक्षण के संबंध में आपत्तियां प्राप्त की गई। इस दौरान विभिन्न जिलों से 15 आपत्तियां दर्ज हुई। 24 से 26 अक्टूबर तक इनका निस्तारण किया गया। बताया गया कि कोई भी आपत्ति ऐसी नहीं पाई गई, जिसके आधार पर आरक्षण में किसी प्रकार का बदलाव किया जा सके।

आपत्तियों का निस्तारण होने के बाद शासन ने अध्यक्ष पदों के लिए आरक्षण की अंतिम अधिसूचना जारी कर दी। अध्यक्ष पदों पर आरक्षण यथावत रखा गया है। शासन की ओर से इसकी सूचना राज्य निर्वाचन आयोग को भेज दी गई है।

अध्यक्ष पदों पर आरक्षण की स्थिति
पौड़ी से अनुसूचित जाति, रुद्रप्रयाग और देहरादून से अनुसूचित जाति (महिला) , पिथौरागढ़ से अन्य पिछड़ा वर्ग (महिला), ऊधमसिंहनगर, नैनीताल, चंपावत, बागेश्वर से महिला, उत्तरकाशी, टिहरी, चमोली और अल्मोड़ा से सामान्य।