बाल कलाकारों की मेयर अनिता ने की प्रशंसा, पुरस्कार देकर सम्मानित किया

निर्धन बच्चों में अपार प्रतिभाएं होती हैं, उन्हें संवारा जाए तो यह बच्चे नया मुकाम हासिल कर सकते है। इससे इनकी निर्धनता भी दूर होगी और दूसरों को सीख भी मिलेगी। मेयर अनिता ममगाईं ने यह बात निर्धन बाल कलाकारों को पुरस्कार देने के दौरान कही।

कबाड़ से जुगाड़ कार्यशाला में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले बच्चों को प्रथम, द्वितीय व तृतीय पुरस्कार देकर सम्मानित किया। मेयर अनिता ममगाईं ने कहा कि यूएनडीपी के सहयोग से ट्रेंचिंग ग्राउंड के इर्द-गिर्द रहने वाले निर्धन बच्चों की प्रतिभा को आगे बढ़ाने के कार्यशाला आयोजित की गई थी जिसमें 70 बच्चों ने अपनी कला के टैलेंट को संवारा। इस दौरान उनके द्वारा खूबसूरत गमले बनाए गए जिन्हें रंगों से भी सजाया गया था। अब इन गमलों पर निगम प्रशासन द्वारा पौधे लगाकर उन्हें शहर के विभिन्न स्थानों पर लगाया जायेगा।

निर्धन बच्चों को नगर निगम ने अपने सहयोगियों के साथ दिया प्लेटफार्म

तीर्थनगरी की प्रथम महिला मेयर अनिता ममगाईं की सोच का ही परिणाम है कि निर्धन बच्चों को अब अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिलेगा। दरअसल नगर निगम ऋषिकेश ने एक अनूठी पहल की शुरूआत की है।

निगम प्रशासन की ओर से यूएनडीपी, एचडीएफसी बैंक ने संयुक्त रूप से कबाड़ से जुगाड़ कार्यशाला के जरिए गरीब बच्चों की प्रतिभा को निखारने की मुहिम शुरू की गई है। शुरुआती चरण में ही उसके बेहद शानदार परिणाम दिखाई देने लगे हैं। बच्चों ने वेस्ट मैटेरियल से घरेलू सज्जा के जो सामान तैयार किए गए हैं उन्हें देखकर कोई भी दंग रह सकता है। मेयर अनिता ममगाईं ने बताया कि नगर निगम ऋषिकेश एवं यूएनडीपी और एचडीएफसी द्वारा संचालित सूखा कचरा प्रसंस्करण केंद्र के आसपास झुग्गियों में रहने वाले एवं कचरे में काम करने वाले परिवारों के बच्चों की प्रतिभा को निखारने के लिए कार्यशाला के जरिए उन्हें ट्रेनिंग दी जा रही है।

गोविंद नगर स्थित डंपिंग स्थल पर बने सेंटर में कार्यशाला में सम्मिलित हुए बच्चों ने अपनी प्रतिभा के दर्शन कराए हैं। निगम द्वारा दिए गए मौके से गरीब बच्चों की प्रतिभा निखर कर सामने आई जिसमें उनके द्वारा बेहद खूबसूरत गमले तैयार किए गए हैं जिनमें निगम प्रशासन द्वारा पौधे भी लगवाए जाएंगे।

मेयर ममगाई ने बताया कि कार्यशाला में प्रतिभाग कर रहे सभी बच्चों को प्रोत्साहित करने के साथ ही निगम प्रशासन कला में सर्वश्रेष्ठ छाप छोड़ने वाले बच्चे को पुरस्कृत भी करेगा। यूएनडीपी के प्रोजेक्ट मैनेजर विधा भूषण ने बताया कि कार्यशाला में 20 बच्चे शामिल हुए। जिन्होंने विभिन्न तरह के 70 गमले बनाये जा चुके हैं। बच्चों ने न केवल गमला बनाया बल्कि उसको रंग बिरंगा बनाने के बाद उसमे रस्सी बांधी। जिसको कही भी टाँगा जा सकता है। उन्होंने झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाले गरीब बच्चों को प्रोत्साहित करने के लिए निगम द्वारा शुरू की गई।

कामयाबी, करोड़ो रुपये के खर्च को बचाते हुए निगम ने किया करार

धार्मिक और पर्यटन के क्षेत्र में अपनी विशेष पहचान रखने वाले ऋषिकेश को एक बड़ी कामयाबी मिली है। नगर निगम क्षेत्र के अन्र्तगत निगम ने प्लास्टिक के कूड़े का निस्तारण करने की जो योजना बनाई है। अगर वह साकार होती है तो स्वच्छता के क्षेत्र में यह कियी क्रांति से कम नही होगा। नगर निगम प्रशासन ने इसका खाका तैयार कर लिया है।
महापौर अनिता ममगाई ने बताया कि शहर में प्लास्टिक कूड़े के निस्तारण के लिए निगम और जीआईजेड कंपनी के बीच करार हुआ है। महापौर ने बताया प्रोजेक्ट को धरातल पर लाने के लिए सहायक नगर आयुक्त विनोद लाल को नोडल अधिकारी बनाया गया है। उन्होंने बताया कि विदेशी तकनीक पर आधारित इस करोड़ों रुपए की योजना में प्लास्टिक कूड़े के निस्तारण के लिए निगम को एक रुपये का खर्चा भी नहीं करना पड़ेगा। करार करने वाली कंपनी ही लागत वहन करेगी।

महापौर ने बताया कि यह कंपनी जीआईजैड कम्पनी प्लास्टिक से उत्पन्न कूड़े को कम करने के संबंध में सहयोग करेगी। इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट का नाम है ’’अविरल’’ है जो गंगा नदी में या उसके आसपास प्लास्टिक वेस्ट को कम करता है। महापौर की माने तो यह एक मेटेरियल रिकवरी फैसिलिटी एमआरएफ ऋषिकेश में बनाएगी। जिससे प्लास्टिक कूड़ा शहर से कम होगा। इसके लिए निगम द्वारा गठित टीमों के माध्यम से शहरवासियों को प्लास्टिक से होने वाले नुकसान और इसके इस्तेमाल को कम करने के लिए अलग-अलग कार्यक्रमों के द्वारा बताया जाएगा।
सहायक नगर आयुक्त व नोडल अधिकारी विनोद लाल ने बताया कि यह प्रोजेक्ट 2 वर्ष चलेगा। जिसमें गोविंद नगर स्थित टंचिग ग्राउंड पर मेटेरियल रिकवरी फैसिलिटी प्लांट 1500 स्क्वायर मीटर में बनेगा। जिसमें 5 मेट्रिक टन का प्लास्टिक वेस्ट का हर दिन निस्तारण किया जायेगा।

‘‘स्वच्छ सर्वेक्षण-2020’’ के परिणाम जारी, उत्तराखण्ड के निकायों का शानदार प्रदर्शन

‘‘स्वच्छ सर्वेक्षण-2020’’ में उत्तराखण्ड राज्य द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर तीन पुरस्कार प्राप्त किए गए। उत्तराखण्ड राज्य द्वारा 100 से कम शहरी निकायों वाले राज्यों की श्रेणी में ‘‘बेस्ट परफॉर्मिंग स्टेट’’ से तीसरा स्थान प्राप्त किया। नगर पंचायत नंदप्रयाग ने देशभर की एक लाख से कम आबादी वाली निकायों में से ‘‘सिटिजन फीडबैक श्रेणी’’ में राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त किया। छावनी क्षेत्र अल्मोड़ा द्वारा ‘‘सिटिजन फीडबैक श्रेणी’’ में तीसरे स्थान पर रह कर राज्य को तीसरा पुरस्कार दिलवाया। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत एवं शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने ये पुरस्कार प्राप्त किये ।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 में राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त करने वाले निकायों को बधाई देते हुए कहा कि निकायों इसी मनोयोग से आगे कार्य करना होगा। स्वच्छता के क्षेत्र में अभी बहुत सुधार की गुंजाईश है। उन्होंने कहा कि राज्य के शहरों एवं निकायों की रैंकिंग में अच्छा सुधार हुआ है। इसमें और बेहतर प्रदर्शन किये जाने पर उन्होंने बल दिया। मुख्यमंत्री कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के स्वच्छ भारत मिशन अभियान को आगे बढ़ाने के लिए स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। स्वच्छता के बल पर हम अनेक बीमारियों से बचाव सकते हैं।

शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने कहा मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राज्य सरकार नगरीय क्षेत्रों हेतु अत्यधिक गंभीरता से कार्य कर रही है। नगर निकायों को और भी अधिकार सम्पन्न बनाने एवं उनकी आय अर्जन के नए स्रोतों के विकास हेतु भी राज्य पर लगातार किया गया है। हमने निकायों को कहा कि स्वच्छता को सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखते हुए कार्य किए जाएं। यहां तक कि 14वें और 15वें वित्त आयोग के तहत निकायों को प्रदान किए जाने वाले अनुदान को भी सबसे पहले स्वच्छता कार्यों हेतु उपलब्ध करवाने संबंधी स्पष्ट दिशा – निर्देश जारी किए गए। इसका सीधा असर स्वच्छ सर्वेक्षण में हमारे प्रदर्शन पर पड़ा है।
नगरीय स्वच्छता की अखिल भारतीय प्रतियोगिता ‘‘स्वच्छ सर्वेक्षण – 2020’’ के बहुप्रतीक्षित नतीजे घोषित किए जा चुके हैं। इस ‘‘स्वच्छ सर्वेक्षण’’ में उत्तराखण्ड राज्य की नगरीय निकायों तथा छावनी परिषदों द्वारा विभिन्न श्रेणियों में शानदार प्रदर्शन किया गया है। आज ‘‘स्वच्छ सर्वेक्षण – 2020’’ के परिणामों तथा ‘‘स्वच्छ सर्वेक्षण – 2021’’ का टूलकिट जारी करते हुए मा0 केन्द्रीय मंत्री, आवसन और शहरी कार्य मंत्रालय (स्वतंत्र प्रभार), भारत सरकार, श्री हरदीप सिंह पुरी द्वारा वर्चुअल प्लेटफॉर्म के माध्यम से पुरस्कार वितरित किए गए। वर्षभर चलने वाली इस राष्ट्रव्यापी प्रक्रिया में देशभर के 4242 नगरों एवं 62 केन्ट बोर्ड द्वारा प्रतिभाग किया गया। गत वर्ष तक ‘‘स्वच्छ सर्वेक्षण’’ के परिणामों को राष्ट्रीय राजधानी, नई दिल्ली में आयोजित किया जाता रहा है। इस वर्ष कोविड -19 संक्रमण के कारण उत्पन्न परिस्थितियों में इस आयोजन को एन0आई0सी0 के सहयोग से वर्चुअल प्लेटफार्म पर ऑनलाईन आयोजित किया गया।

एक लाख से अधिक जनसंख्या वाले शहरों की श्रेणी में उत्तराखण्ड का स्वच्छ सर्वेक्षण रैंकिंग में लगातार सुधार हुआ है। वर्ष 2019 के स्वच्छता सर्वेक्षण में देहरादून का स्थान 384, रूड़की का 281, काशीपुर का 304, हल्द्वानी का 350, हरिद्वार का 376 एवं रूद्रपुर का 403वां स्थान था। जबकि 2020 में देहरादून का 124वां, रूड़की का 131वां, काशीपुर का 139, हल्द्वानी का 229, हरिद्वार का 244 एवं रूद्रपुर का 316 स्थान आया है। 50 हजार से अधिक एवं एक लाख से कम जनसंख्या वाले नगरों में रामनगर का नार्थ जोन के शहरों में 18वां, जसपुर का 56वां एवं पिथौरागढ़ का 58वां स्थान आया है। 25 हजार से 50 हजार से तक की जनसंख्या वाले नगरों की श्रेणी में नार्थ जोन में नैनीताल का 68वां एवं सितारगंज को 106वां स्थान प्राप्त हुआ है। 25 हजार से कम जनसंख्या वाले नगरों की श्रेणी में मुनि की रेती का 12वां, उखीमठ का 41वां, भीमताल का 50वां एवं नरेन्द्रनगर का 58वां स्थान आया है। देश भर के कुल 92 गंगा निकायों में उत्तराखण्ड से गौचर ने तीसरा, जोशीमठ ने चैथा, रूद्रप्रयाग ने पांचवा, श्रीनगर ने छटवां, गोपेश्वर ने आठवां, मुनि कि रेती ने 11 वां, बड़कोट ने 12वां , कर्णप्रयाग ने 13 वां, कीर्तिनगर ने 18वां, देवप्रयाग ने 20 वां, नन्दप्रयाग ने 22वां व टिहरी ने 28 वां स्थान प्राप्त किया।
शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक द्वारा राज्य की निकायों को बेहतर मार्गदर्शन करने तथा ‘‘स्वच्छ सर्वेक्षण – 2020’’ में उत्कृष्ट कार्य करने वाली राज्य स्तरीय पी0एम0यू0 टीम को भी पुरस्कार प्रदान किया गया। अपर निदेशक शहरी विकास अशोक कुमार पाण्डे, संयुक्त निदेशक कमलेश मेहता, अधीक्षण अभियंता, रवी पाण्डेय, राज्य मिशन प्रबंधक, रवि शंकर बिष्ट, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन एवं आई0ई0सी0 विशेषज्ञ, कमल भट्ट, एम0आई0एस0 विशेषज्ञ, राकेश कुमार, कनिष्ठ सहायक, उपेन्द्र सिंह तड़ियाल एवं अनुज गुलाटी को यह पुरस्कार प्रदान किए गए।

भूरीमाई धर्मशाला में रह रहे 65 परिवारों को सात दिन का समय

मुख्यमंत्री हेल्पलाइन में शिकायत के बाद भूरीमाई धर्मशाला को लावारिश पाते हुए नगर निगम अपने कब्जे में लेने के लिए तैयारी कर रहा है। निगम ने धर्मशाला का निरीक्षण कर यहां रह रहे 65 लोगों को कब्जे संबंधी दस्तावेज सात दिन में प्रस्तुत करने को कहा है।

बता दें कि आदर्श नगर स्थित करीब 4.39 हेक्टेअर में बनी भूरीमाई धर्मशाला का संपत्ति स्वामी न होने को लेकर सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत की गई थी। सीएम हेल्पलाइन से नगर निगम को मामले में जांच करने को कहा गया। इसी क्रम में मंगलवार को नगर आयुक्त नरेन्द्र सिंह क्वीरियाल के निर्देशन पर सहायक नगर आयुक्त विनोद लाल, टैक्स इंस्पेक्टर निशात अंसारी और रमेश रावत धर्मशाला का निरीक्षण करने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने यहां 65 परिवार ऐसे पाए, जो अवैध रूप से रह रहे हैं। इस संबंध में उन्होंने धर्मशाला में निवास कर रहे परिवारों से भी वार्ता की। नगर आयुक्त नरेन्द्र सिंह क्वीरियाल ने बताया धर्मशाला को लेकर सीएम पोर्टल में शिकायत की गई थी। इसी क्रम में सहायक नगर आयुक्त के नेतृत्व में संपत्ति का मौका मुआयना कराया गया।

जांच में पता चला कि इस समय भूरीमाई धर्मशाला का कोई दावेदार नहीं है। इस कारण धर्मशाला को निगम के अधीन करने की शुरुआती प्रक्रिया की गई है। इसी क्रम में धर्मशाला में रह रहे परिवारों से उनके कब्जे सबंधी दस्तावेज पेश करने को कहा गया है। उन्होंने बताया कि सभी के दस्तावेज आने के बाद जिलाधिकारी देहरादून को संपूर्ण रिपोर्ट से अवगत कराया जाएगा। इसके बाद जो भी निर्देश होंगे कार्रवाई की जाएगी।

डोर टू डोर कूड़ा उठान में निगम को जल्द उपलब्ध होंगे 10 कूड़ा वाहन

नगर निगम ऋषिकेश में शनिवार को जिलाधिकारी देहरादून सी रविशंकर ने निगम अफसरों सहित विभिन्न विभागोें के अधिकारियों की बैठक ली। बैठक में विभिन्न पार्षदों ने कूड़ा उठान की समस्या उनके समक्ष रखी। इस पर डीएम ने नगर आयुक्त नरेन्द्र सिंह क्वींरियाल से वार्ता की। नगर आयुक्त ने बताया कि निगम की ओर से 10 कूड़ा वाहन की खरीद को ऑर्डर दिए गए है। इनके अगले माह मिलने की उम्मीद है। इसके बाद डोरटूडोर कूड़ा उठान की प्रक्रिया पर सुधार देखने को मिलेगा। बैठक में चंद्रभागा नदी क्षेत्र में खुले में शौच करने वालों पर डीएम बिफर पड़े। निगम को उन्होंने कहा कि भारत व राज्य सरकार का इस मामले में स्पष्ट तौर पर निर्देश है। स्वच्छता को लेकर विशेष रूप से ध्यान दिया जाए। उन्होंने नगर क्षेत्र में संचालित शौचालय की स्थिति जानने के बाद इन पर नियमित साफ सफाई तथा संचालित करने के निर्देश दिए है।

बैठक में यह भी जारी किए गए आदेश
– तीन दिसंबर तक नगर निगम हाथ ठेली आदि संसाधनों की मरम्मत कराएं।
– प्रतिदिन दो से पांच बजे होने वाली सफाई को रात सात बजे के बाद कराई जाए।
– 15 दिसंबर तक मोहल्ला स्वच्छता समिति गठित की जाए।
– कूड़ा वाहन जब नगर से कूड़ा लेकर गुजरे, तो ऊपर से कवर किया जाए।
– प्रत्येक पार्षद अपने-अपने क्षेत्र में स्वच्छता के लिए लोगों को प्रेरित करें।
– स्वच्छता एप के बारे में लोगों को जागरूक करें तथा शिकायतों को निस्तारित भी करें।
– नगर निगम प्रत्येक माह स्वच्छ वार्ड को लेकर प्रतियोगिता करवाए।
– कूड़ा उठान वाहन के ड्राइवर अवकाश पर होने पर वैकल्पिक व्यवस्था कराई जाए।
– ट्रंचिंग ग्राउंड में सप्ताह में एक दिन कीटनाशक दवाओं का छिड़काव कराएं।
– बाजारों से कूड़ा उठान के समय संबंधित क्षेत्र के पार्षद निगम को अवगत कराएं।
– कूड़ा पृथक्कीकरण की प्रक्रिया पार्षद अपने घर से शुरू करें।
– सीएमएस एक हफ्ते में मेडिकल कैंप सफाई कर्मियों के लिए लगवाएं।

ट्रेंचिंग ग्राउंड हटाने की मांग को लेकर गंगा में लगाई छलांग, जल पुलिस ने बचाया

जागृति एक प्रयास संस्था के पांच सदस्यों को पुलिस ने आज त्रिवेणी घाट से गिरफ्तार कर लिया। यह सभी ट्रेंचिंग ग्राउंड हटाने की मांग पूरी नहीं होने पर जल समाधि लेने का प्रयास कर रहे थे। इस दौरान एक सदस्य ने पुलिस से बचकर गंगा में छलांग भ लगाई लेकिन जल पुलिस के जवानों ने उसे सकुशल बाहर निकाल दिया।
हीरालाल मार्ग पर गंगा से सौ मीटर की परिधि में नगर निगम का कूड़ा डंप किया जाता है। करीब चार दशक से पूर्व में पालिका की ओर से इस ग्राउंड में कूड़ा डंप किया जा रहा है। आबादी के बीच से ट्रेंचिंग ग्राउंड को हटाने की मांग को लेकर जागृति एक प्रयास संस्था ने 59 दिन पूर्व से परशुराम चैक पर धरना दे रही है। वहीं, 26 दिन से संस्था के सदस्यों के द्वारा क्रमिक अनशन किया जा रहा है। इस ओर आंदोलनकारियों ने बुधवार को कूड़ा निस्तारित ना होने पर त्रिवेणी घाट में जल समाधि लेने की घोषणा भी की थी। बुधवार की सुबह से ही कोतवाली की ओर से त्रिवेणी घाट में पुलिस तैनात कर दी गई थी। अपने तय कार्यक्रम के अनुसार, सुबह करीब 11ः30 बजे मायाकुंड की ओर से आंदोलनकारी त्रिवेणी घाट पहुंचे और धरना देकर बैठ गए। पुलिस ने इन लोगों के चारों ओर घेरा बना लिया। इस बीच कुछ लोग जब गंगा की ओर बढ़ने लगे तो पुलिस सतर्क हो गई। गंगा की धारा की ओर तेजी से जा रहे आंदोलनकारियों को पुलिस ने रोक लिया। यहां दोनों पक्षों के बीच धक्का-मुक्की भी हुई। किसी तरह से पुलिस ने आंदोलनकारियों को काबू में किया। इस बीच एक आंदोलनकारी सुरेंद्र सिंह नेगी ने गंगा में छलांग लगा दी।

वहां पहले से अलर्ट जल पुलिस के जवानों ने भी गंगा में छलांग लगा दी। करीब 40 मीटर की दूरी तक बह गए युवक को जल पुलिस के जवानों ने सुरक्षित बाहर निकाल लिया। त्रिवेणी घाट पर ही गुस्साए आंदोलनकारियों ने स्थानीय विधायक और पूर्व पालिकाध्यक्ष के खिलाफ नारेबाजी भी की। उन्होंने शासन और प्रशासन पर इस बड़ी समस्या और आंदोलन की अनदेखी का आरोप लगाया। आंदोलनकारियों का कहना था कि यदि हमारी मांग की सुनवाई हो जाती तो हमें जल समाधि जैसी घोषणा नहीं करनी पड़ती। मौके पर मौजूद वरिष्ठ उप निरीक्षक मनोज नैनवाल के साथ पुलिस की टीम ने मौके से पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया।
कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक रितेश शाह ने बताया कि गिरफ्तार किए गए लोगों में अरविंद हटवाल पुत्र अनुसूया प्रसाद हटवाल निवासी गंगा नगर ऋषिकेश, रजत प्रताप सिंह पुत्र अशोक कुमार निवासी लक्कड़ घाट रोड टीचर कॉलोनी श्यामपुर बाईपास ऋषिकेश, रामकुमार संगर पुत्र स्व. सुरेश चंद निवासी आवास विकास कॉलोनी ऋषिकेश,विकास अग्रवाल पुत्र अशोक कुमार अग्रवाल निवासी गली नंबर 14 आशुतोष नगर ऋषिकेश, सुरेंद्र नेगी पुत्र पुराण सिंह नेगी निवासी शिवाजी नगर आइडीपीएल ऋषिकेश शामिल है।