विकास की धारा को समाज के अंतिम छोर तक पहुंचाना है सरकार का लक्ष्य-सीएम

समग्र विकास के लिए ‘सतत विकास लक्ष्य’ पर सदन में चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य सरकार विकास की धारा को समाज के अंतिम छोर तक पहुंचाने के अभियान पर चल रही है। इसके लिए सरकार ने तीन बिंदु निर्धारित किये हैं जो सरलीकरण, समाधान और निस्तारण हैं। सतत विकास लक्ष्य पर सदन में स्वस्थ परिचर्चा करवाने के लिए उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचन्द अग्रवाल का आभार जताया। उन्होंने कहा कि परिचर्चा में भाग लेने के लिए सदस्यों में काफी उत्साह दिखा। उनकी ओर से कई महत्त्वपूर्ण सुझाव मिले जिन्हें सरकार भविष्य में अमल में लाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कई बार यह देखने में आता है कि सरकारी प्रक्रिया जटिल होने से जनहित के काम प्रभावित हो जाते हैं। पत्रावलियां अनावश्यक रूप से सिस्टम में घूमती रहती हैं। आगे ऐसा न हो इसके लिए जनहित और विकास से जुड़े मामलों में प्रक्रिया को सरल बनाया जाएगा। उसके बाद उनका समाधान ढूंढा जायेगा और फिर तत्काल उसका निस्तारण किया जायेगा। इस बात पर ध्यान दिया जा रहा है कि जो अधिकारी जिस काम के लिए है वो अपने स्तर से ही उसे पूरा करे, इसके लिए उसकी जवाबदेही तय की जाएगी। किसी भी कीमत पर प्रकरणों को लंबित नहीं रहने दिया जायेगा। सरकार का ‘नो पेंडेंसी’ पर फोकस रहेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व और दिशानिर्देशन में हमारे देश ने कोरोना के खिलाफ मजबूती से जंग लड़ी। इस चुनौती से लड़ते वक्त देश कई मामलों में आत्मनिर्भरता की ओर आगे बढ़ा। पीपीई किट, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर और मास्क व तमाम जीवन रक्षक दवाओं के निर्माण में हमने लंबी लकीर खींची है। देश में दुनिया का सबसे बड़ा वेक्सिनेशन अभियान चल रहा है। उत्तराखण्ड में भी यह अभियान सफलतापूर्वक लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री जी से इस संबंध में मैंने आग्रह किया था तो उसके बाद उत्तराखण्ड को इस माह अब तक 20 लाख टीके मिल चुके हैं। जबकि पहले हमको 5-6 लाख टीके प्रति माह मिलते थे। इस गति से हम आगामी दिसंबर माह तक पूरे राज्य में टीकाकरण अभियान को 100 फीसद पूरा कर लेंगे। उन्होंने कहा कि गरीब कल्याण योजना के तहत लंबे समय से करोड़ों लोगों को मुफ्त राशन मुहैया करवाया जा रहा है। सरकार की यह उपलब्धि तब है कि जब कुछ पड़ोसी देश सीमा पर अशांति फैलाने के असफल प्रयास जारी रखे हुए हैं।

सामूहिक सहभागिता से दूर होगी बेरोजगारी की समस्या
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सरकार की तरफ से वर्तमान में लगभग 22 हजार से ज़्यादा सरकारी पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बेरोजगारी की समस्या सामूहिक सहभागिता से ही हल हो सकेगी जिसके लिए हमें स्वरोजगार की तरफ भी रुख करना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वरोजगार के लिए बहुत सी योजना राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही हैं लिहाजा युवाओं को इसके लिए प्रोत्साहित करना होगा।

दून-दिल्ली एलिवेटेड रोड के लिए 12000 करोड़ स्वीकृत
मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा मार्ग समेत तमाम सड़कों का कार्य प्रदेश में तेजी से चल रहा है। देहरादून से दिल्ली की दूरी आने वाले समय में महज 2 घंटे में पूरी हो जाएगी, इसके लिए एलिवेटेड रोड बनकर तैयार हो जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके लिए 12000 करोड़ रुपए की स्वीकृति हो चुकी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बरसात कम होने के बाद आगामी 15 सितंबर से प्रदेश में सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का लेकर विशेष अभियान चलाया जाएगा। सड़कों की मरम्मत के लिए अधिकारियों को पहले ही डीपीआर तैयार करने के निर्देश दे दिए हैं।

बदरीनाथ धाम के लिए 250 करोड़ की व्यवस्था
मुख्यमंत्री ने केदारनाथ धाम के विकास को लेकर हो रहे पुनर्निर्माण कार्यों के बारे में कहा कि केदारपुरी में पुनर्निर्माण का काम तेजी से चल रहा है। इसके साथ ही बदरीनाथ धाम के लिए 250 करोड़ रुपए सीएसआर के माध्यम से प्राप्त हो चुके हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि बदरीनाथ धाम का निर्माण कार्य सबसे दक्ष निर्माण एजेंसी को दिया जाएगा।

पूरे होंगे सभी कार्य
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा जो घोषणाएं की गई हैं उनका शिलान्यास भी किया जाएगा और समय व तरीके से वह काम पूरे भी होंगे। उन्होंने कहा कि जो भी घोषणाएं सरकार के स्तर पर की जा रही हैं उनका लोकार्पण जल्द से जल्द किया जाए सरकार इसके लिए प्रतिबद्ध है।

करोड़ों के पेकेज से दी राहत
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना काल में कई लोगों की आजीविका प्रभावित हुई है। राज्य सरकार ने पर्यटन, परिवहन कारोबार से जुड़े व्यवसायों को 200 करोड़, आजीविका मिशन व महिला स्वयं सहायता समूहों को 118 करोड़ के आर्थिक पैकेज जारी कर राहत पहुंचाई है। समूह ख व ग की नौकरियों के आवेदन के लिए आयु सीमा में एक वर्ष की छूट प्रदान की गई है।

मुख्यमंत्री ने युवाओं को किया संबोधित, सरकार के कार्यो की दी जानकारी

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री आवास में उत्तराखण्ड यंग थिंकर्स मीट की वर्चुअल कांफ्रेंस के माध्यम से युवाओं को संबोधित किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी अभियान से जब युवा जुड़ते हैं, तो वह अभियान जरूर सफल होता है। सरकार की विभिन्न योजनाओं को आगे बढ़ाने में युवा वर्ग महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। जब कोई कार्य जन सहभागिता से किया जाता तो उसे अवश्य ही सकारात्मक परिणाम मिलते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017 में राज्य सरकार बनने के बाद हमने जल संरक्षण अभियान चलाया। इस अभियान में लोगों का अच्छा सहयोग रहा है। रिस्पना एवं कोसी नदी के पुनर्जीवन के लिए व्यापक स्तर पर वृक्षारोपण किया गया। कोसी नदी पर एक घण्टे में 1 लाख 67 हजार पौधे रोपे गये। देहरादून में भी एक दिन 3 लाख 52 हजार पौधे लगाये गये। यह जनसहभागिता का परिणाम रहा। युवाओं एवं पंचायत प्रतिनिधियों से लगातार संवाद किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी परिवारों को स्वास्थ्य कार्ड देने वाला उत्तराखण्ड देश का पहला राज्य है। अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना के तहत सभी परिवारों को 5 लाख रूपये तक का हैल्थ कवरेज दिया गया। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना लागू करने वाला भी उत्तराखण्ड देश का पहला राज्य है। इस योजना के तहत 150 प्रकृति के कार्यों को शामिल किया गया है। प्रदेश में जिस भी क्षेत्र में लोग कार्य करना चाहते हैं, लगभग सभी कार्यक्षेत्र इस योजना से आच्छादित हैं। उन्होंने कहा कि कोविड-19 से बचाव हेतु जागरूकता के लिए युवा महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। इस वायरस से बचाव के लिए फिजिकल डिस्टेंस, मास्क का उपयोग एवं स्वच्छता जरूरी है। इसके लिए लोगों को अधिक से अधिक जागरूक किया जाय।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार 13 डिस्ट्रिक्ट 13 न्यू डेस्टिनेशन पर कार्य कर रही है। प्रत्येक जनपदों में अलग-अलग थीम पर डेस्टिनेशन विकसित किये जा रहे हैं। प्रदेश के 500 विद्यालयों को वर्चुअल क्लास से जोड़ा गया है। 5 विश्वविद्यालयों एवं 104 महाविद्यालयों को ई-ग्रंथालय से जोड़ा गया है। प्रदेश में ई-कैबिनेट की शुरूआत की गई है। सचिवालय के 16 ऑफिस ई-ऑफिस बन चुके हैं। गैरसैंण विधानसभा भवन को ई-विधानसभा बनाया जा रहा है। देहरादून कलक्ट्रेट को ई-कलक्ट्रेट बनाया गया है। देहरादून के एसडीएम कार्यालय भी जल्द ही ई-कार्यालय से जुड़ जायेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं को स्वरोजगार की दिशा में विशेष ध्यान देना होगा। स्वरोजगार से हम अपने साथ अन्य लोगों को भी रोजगार से जोड़ सकते हैं।

रिस्पना नदी की अध्ययन रिपोर्ट की शीघ्र डीपीआर तैयार किया जाएः त्रिवेन्द्र

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने रिस्पना को ऋषिपर्णा नदी के स्वरूप में लाने के लिये किये जा रहे प्रयासों की समीक्षा की। उन्होंने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाइड्रोलॉजी (एनआईएच), रूड़की की ओर से रिस्पना नदी के सम्पूर्ण क्षेत्र की भूमि व जल संवर्धन से सम्बन्धित विस्तृत प्रस्तुतिकरण का भी अवलोकन किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि एनआईएच रुड़की द्वारा तैयार की गई इस विस्तृत अध्ययन रिपोर्ट के आधार पर शीघ्र डीपीआर तैयार की जाए। ताकि अगले माह तक इसकी निविदा प्रकाशित कर कार्य प्रारम्भ किया जा सके। मुख्यमंत्री ने इस सम्बन्ध में सभी सम्बन्धित विभागों की संयुक्त बैठक भी आयोजित किये जाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि रिस्पना का पुनर्जीवीकरण देहरादून शहरवासियों के व्यापक हित से जुडा विषय भी है। इसमें देहरादून के पर्यावरण को संरक्षित करने में मदद मिलेगी तथा भविष्य में जल संकट के समाधान की भी राह प्रशस्त हो सकेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रारम्भिक चरण में रिस्पना एवं कोसी नदी को पुनर्जीवित करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके बाद अन्य नदियों को भी पुनर्जीवित किया जायेगा। आने वाली पीढ़ी को सुरक्षित रखने के लिए जल संरक्षण की दिशा में विशेष प्रयासों की उन्होंने जरूरत बतायी। जल संरक्षण के लिए वृक्षारोपण करना जरूरी है। सूखे जल स्त्रोतों को पुनर्जीवित करना हम सबका दायित्व है।

रिस्पना नदी का देहरादून से अनूठा रिश्ता
मुख्यमंत्री ने कहा कि देहरादून शहर के मध्य से गुजरती हुयी रिस्पना नदी का देहरादून के साथ एक अनूठा रिश्ता भी है। मिशन ऋषिपर्णा देहरादून वासियों के पास एक मौका है इस नदी को उसके पुराने अविरल स्वरूप में वापस लाने का। शहर के संतुलित विकास हेतु समय की मांग है कि रिस्पना को पुनर्जीवित किया जाए। हमारे वर्तमान और भविष्य को सुरक्षित करने के लिए यह आवश्यक पहल भी है। उन्होंने कहा कि रिस्पना के उद्गम क्षेत्र में किये गये व्यापक वृक्षारोपण से हरियाली होगी और भूजल स्तर में भी वृद्धि होगी। यह हमारे लिए प्रकृति की सुंदरता की सौगात भी होगी।

बनेंगे 19 छोटे चैक डेम
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाइड्रोलॉजी, रूड़की की अध्ययन रिपोर्ट में बताया गया है रिस्पना नदी क्षेत्र के 53.45 कि0मी0 केचमेंट एरिया के इस क्षेत्र में 19, छोटे चैक डेम तैयार किये जायेंगे। जल की गुणवत्ता के लिये बेहतर उपचार की व्यवस्था के साथ ही तालाबों के निर्माण एवं सतही जल के प्रबन्धन पर ध्यान दिया जाना होगा। इस क्षेत्र में वाटर हारवेस्टिंग पर ध्यान देने, नदी क्षेत्र के आस पास एसटीपी के निर्माण के साथ ही सौंग बांध से भी इसमे जल उपलब्धता की बात कही गई है।