अनियंत्रित कार खाई में गिरी, पांच की मौत, एक घायल

मसूरी देहरादून मार्ग पर आज सुबह दर्दनाक सड़क हादसा हो गया। झड़ीपानी रोड पर पानी वाले बैंड के मसूरी घूमने गए देहरादून के आईएमएस व डीआईटी कॉलेज के छात्रों की कार अनियंत्रित होकर खाई में गिर गई। हादसे में 4 छात्रों व 1 छात्रा की मौत हो गई जबकि एक गंभीर रूप से घायल है। दुर्घटना की सूचना मिलते ही मसूरी पुलिस फायर सर्विस, एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंचीं और रेस्क्यू कार्य शुरू किया।

जानकारी के मुताबिक देहरादून के आईएमएस कॉलेज के चार युवक और दो युवतियां देहरादून मसूरी घूमने के लिए गए थे। शनिवार सुबह देहरादून वापस लौटते समय चूनाखान के पास उनकी कार एंडेवर न्ज्ञ- 07 ठक्/8600 अनियंत्रित हो गई और गहरी खाई में गिर गई। हादसे की खबर लगते ही आसपास के लोग दुर्घटनास्थल की ओर दौड़ पड़े। इसी बीच पुलिस, एसडीआरएफ की टीम ने घटनास्थल पर पहुंचकर रेस्क्यू शुरू किया। खाई बहुत गहरी होने के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन में काफी मशक्कत करनी पड़ी। रेस्क्यू टीम ने कार सवार चार युवकों के शवों को खाई से निकाला, जबकि गंभीर रूप से घायल दो युवतियों को इलाज के लिए देहरादून हायर सेंटर ले जाया गया। रास्ते में एक और युवती ने दम तोड़ दिया। दूसरी युवती का इलाज चल रहा है।

मृतकों के नाम

1- आशुतोष तिवारी, पिता का नाम- वीरबहादुर तिवारी, पता-थाना नागफनी रामलीला मैदान पैरामाउंट एक्सपोर्ट के पास, मुरादाबाद

2- तनुजा रावत, पिता का नाम- सोहन सिंह, पता- जे 84 दुर्गा कॉलोनी रुड़की, उम्र 22 वर्ष आईएमएस

3- अमन सिंह राणा, पिता का नाम- राजेश सिंह राणा, पता- शंकरपुर डिम्स कॉलेज गेट के पास 1 सहसपुर, उम्र 22 वर्ष आईएमएस

4- दिगांश प्रताप भाटी, पिता का नाम- देवेन्द्र सिंह भाटी, पता- फ्लैट नंबर 302 तीसरी मंजिल पेटलवुड्स अपार्टमेंट ज्वालापुर हरिद्वार, उम्र 23

5 दृ हृदयांश चन्द्र, पिता का नाम- हरिश्चन्द्र, पता- टाइप 3तक-723 एटीपी कॉलोनी अनपरा सोनभद्र, आयु 24 वर्ष

जबकि नयनश्री, पुत्री- संजय कुमार, पता- 159/3 न्यू विकास एन्क्लेव रोहटा रोड मेरठ, उम्र 24 साल आईएमएस घायल हैं।

चंपावत में छत गिरने से हुई छात्र की मौत, सीएम ने शोक जताकर दिए मजिस्ट्रेट जांच के निर्देश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चम्पावत जनपद के राजकीय प्राथमिक विद्यालय मौनकाण्डे में एक दुःखद घटना में विद्यालय में शौचालय की छत गिरने से कक्षा 03 में अध्ययनरत् एक छात्र की मृत्यु पर गहरा शोक व्यक्त किया है।

मुख्यमंत्री ने मृतक के परिजनों को मुख्यमंत्री राहत कोष से दो लाख रुपये की सहायता राशि देने के निर्देश दिये हैं। मुख्यमंत्री ने घटना की मजिस्ट्रेट जांच के निर्देश देते हुए कहा है कि जांच में दोषी पाए जाने पर संबंधित के विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जाए। उन्होंने निर्देश दिये हैं कि सभी सरकारी स्कूल भवनों का निरीक्षण कर लिया जाए। जहां जरूरी हो वहां भवनों के मरम्मत संबंधी काम करवा लिया जाए। यह सुनिश्चित कर लिया जाए कि कक्षाएं पूरी तरह से सुरक्षित भवनों में ही संचालित हो।

उधर घटना की जानकारी देते हुए मुख्य शिक्षा अधिकारी, चम्पावत जितेन्द्र सक्सेना ने बताया कि राजकीय प्राथमिक विद्यालय मौनकाण्डे में दिनांक 14 सितम्बर, 2022 को एक दुःखद घटना में विद्यालय में कक्षा 03 में अध्ययनरत् छात्र चन्दन सिंह पुत्र गोधन सिंह का आकस्मिक निधन हो गया। दुःख की इस घड़ी में विद्यालयी शिक्षा विभाग शोक संतप्त परिवार के साथ है। विद्यालय में एक अन्य शौचालय भी बना हुआ था, जो कि छात्रों द्वारा प्रयोग में लाया जा रहा था। जिस शौचालय की छत गिरने से दुर्घटना हुयी, यह निष्प्रोज्य (प्रयोग में नहीं) था। मध्यावकाश में खेल-खेल में विद्यार्थी उस निष्प्रयोज्य शौचालय की छत पर चढ़ गये, जिससे कि भार अधिक होने के कारण दुघर्टना घटित हुयी। दुर्घटना में घायल छात्र-छात्राओं का ईलाज तत्काल चिकित्सकों के द्वारा किया गया व अन्य सभी घायल छात्र छात्राएं खतरे से बाहर है।

पर्यावरणविद सुंदरलाल बहुगुणा ने ली अंतिम सांसे, पूर्णानंद घाट पर हुआ अंतिम संस्कार


कई दिनों से एम्स में भर्ती मशहूर पर्यावरणविद् सुंदरलाल बहुगुणा ने आज अपनी अंतिम सांसे ली। उनके निधन की खबर से प्रदेशभर में शोक की लहर फैल गई। राज्यपाल बेबीरानी मौर्य, मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत और स्पीकर उत्तराखंड प्रेमचंद अग्रवाल ने अपनी-अपनी संवेदनाए व्यक्त की। वहीं, राजकीय सम्मान के साथ मुनिकीरेती स्थित पूर्णानंद घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान उनके कार्याें को स्मरण कर उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि भी अर्पित की गई।

हिमालय रक्षक, चिपको आंदोलन के प्रणेता सुंदरलाल बहुगुणा का अंतिम संस्कार मुनिकीरेती के पूर्णानंद घाट पर राजकीय सम्मान के साथ हुआ। स्पीकर प्रेमचंद अग्रवाल ने सुंदरलाल बहुगुणा के पार्थिव शरीर पर पुष्प चक्र अर्पित कर अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। कहा कि आज हमने देश के एक बहुमूल्य रत्न को खो दिया। हिमालय की रक्षा और पर्यावरण की सुरक्षा के लक्ष्य को सदैव सर्वोपरि रखने वाले बहुगुणा जी ने सर्वोदय आंदोलन, चिपको आंदोलन से लेकर स्वतंत्रता संग्राम में अपना ऐतिहासिक योगदान दिया। कहा कि उनका सौभाग्य है कि कई विषयों पर बहुगुणा जी के साथ उनकी चर्चा होती थी और वह हमेशा मार्गदर्शक की भूमिका अदा करते थे। कहा कि उनके जाने से एक युग की समाप्ति हुई है।

इस दौरान देहरादून के जिला अधिकारी आशीष श्रीवास्तव, ऋषिकेश के उप जिलाधिकारी वरुण चैधरी, कोतवाल रितेश शाह कई लोग मौजूद रहे।