मसूरी विधानसभा क्षेत्र के लिए मुख्यमंत्री ने की 14 घोषणाएं

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को सर्वे ऑफ इण्डिया परिसर में मसूरी विधानसभा क्षेत्र की लगभग 70 करोड़ की विभिन्न योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री ने बहल चौक से सर्वे ऑफ इण्डिया तक जन आशीर्वाद रैली में भी प्रतिभाग किया।

मसूरी विधानसभा क्षेत्र की मुख्यमंत्री की घोषणाएं
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर मसूरी विधानसभा के लिए 14 घोषणाएं की। मुख्यमंत्री ने कहा कि वार्ड 5 धोरणखास, वार्ड 7 जाखन, वार्ड 8 सालावाला, वार्ड 9 आर्यनगर, वार्ड 10 डोभालवाला, वार्ड 11 विजय कालोनी सहित बिलासपुर काडली, जैतनवाला एवं मंसदावाला में सड़कों का पुनर्निर्माण एवं सुधारीकरण किया जाऐगा। विजय कालोनी, पथरिया पीर, नीलकण्ठ विहार, इंदिरा कालोनी चुक्खुवाला क्षेत्र में सीवर लाईन निर्माण का कार्य किया जायेगा। सिगली. हल्दूवाला (संतला देवी), भितरली एवं मसंदावाला में झील का निर्माण किया जायेगा। वार्ड 8 सालावाला में न्यू कैंट रोड़ से सालावाला की ओर जाने वाले मार्ग पर पुल निर्माण किया जायेगा। ग्राम पंचायत रिखोली के सोलाह गांव में विद्युतीकरण का कार्य किया जाऐगा। सरोना न्याय पंचायत क्षेत्र के अर्न्तगत 5 किमी आन्तरिक सीसी सड़कों एवं पुश्तों का निर्माण किया जायेगा। ग्राम पंचायत चामासारी में पशु सेवा केन्द्र बनाया जायेगा। ग्राम पंचायत चामासारी के तल्यानीगाड गांव हेतु राजपुर टोल से सिमयाना तक 4 किमी सड़क का निर्माण किया जायेगा। ग्राम पंचायत सेरागांव के अर्न्तगत सिलकोटी में पुल निर्माण किया जाएगा। ग्राम पंचायत सरोना के छोटी छमरोली से डोमकोट तक 4 किमी सड़क निर्माण किया जायेगा। ग्राम पंचायत सिल्ला के अर्न्तगत शेरा- सिल्ला-डबराना गढ़-बुरासखण्डा तक 10 किमी सड़क निर्माण किया जायेगा। ग्राम पंचायत सिल्ला के शेरा, भूमिसरो काडद, काणीगाड आदि क्षेत्रों में बाढ़ सुरक्षा कार्य किया जायेगा। सहस्त्रधारा नहर के भूमिगत भाग में आरसीसी पाईप बिछाने का कार्य किया जायेगा। जिला पंचायत चन्द्रोटी में 5 किमी आन्तरिक सड़कों एवं पुश्तों का निर्माण किया जायेगा।

मुख्यमंत्री द्वारा किये गये महत्वपूर्ण लोकार्पण एवं शिलान्यास
मुख्यमंत्री ने जिन महत्वपूर्ण योजनाओं का लोकार्पण किया उनमें 5 करोड़ रूपये की लागत के देहरादून-किमाड़ी-लम्बीधार-होलोक कम्पनी गार्डन मोटर मार्ग में 30 एम.एम.बी.सी. द्वारा सतह सुधार का कार्य, 4 करोड़ 71 लाख की रूपये की लागत के देहरादून-मसूरी राज्यमार्ग संख्या-1 में दिलाराम चौक से कुठालगेट तक बी.सी द्वारा मार्ग का सतह सुधार का कार्य, 4 करोड़ 54 लाख रूपये की लागत के राजपुर से कुठालगेट मोटर मार्ग में 30 एम.एम.बी.सी. द्वारा सतह सुधार का कार्य, हाथीबड़कला-मालसी मोटर मार्ग तथा स्नोव्यू-झड़ीपानी बार्लाेगंज मसूरी मोटर मार्ग में 30 एम.एम.बी.सी. द्वारा सतह सुधार का कार्य शामिल है। मुख्यमंत्री ने जिन महत्वपूर्ण योजनाओं का शिलान्यास किया उनमें 5 करोड़ 22 लाख रूपये की अनुमानित लागत के सहस्त्रधारा-चामासारी मोटर मार्ग का डामरीकरण का कार्य, 4 करोड़ 89 लाख की अनुमानित लागत के कालीदास रोड, पुनर्गठन सीवरेज योजना का कार्य, 3 करोड़ 23 लाख की अनुमानित लागत के मसूरी विधानसभा अन्तर्गत सड़कों का निर्माण कार्य एवं 2 करोड़ 25 लाख रूपये की अनुमानित लागत के अनारवाला पेयजल योजना का सुदृढ़ीकरण का कार्य शामिल है।

प्रधानमंत्री के पद्चिन्हों पर चलकर किये जा रहे हैं राज्य में विकास कार्य-सीएम
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के पद्चिन्हों पर चलकर राज्य में विकास कार्यों को तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का उत्तराखण्ड के प्रति विशेष लगाव है। उन्होंने कहा कि जब मैं प्रधानमंत्री से मिलने दिल्ली गया तो मुझे मिलने के लिए मात्र 15 मिनट का समय मिला था, लेकिन प्रधानमंत्री जी ने 1 घण्टे 40 मिनट तक उत्तराखण्ड से जुड़े अनेक पहलुओं पर बातचीत की। उन्होंने कहा कि राज्य को हरसंभव मदद दी जायेगी। केन्द्र सरकार की विभिन्न योजनाओं को आगे बढ़ाने के साथ ही राज्य में भी अनेक जन कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही है। हमारा लक्ष्य है कि समाज के अंतिम पंक्ति तक खड़े लोगों को सरकार की योजनाओं का लाभ मिले।

रोजगार और स्वरोजगार पर सरकार का विशेष ध्यान
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी राष्ट्र के विकास में युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। युवाओं को प्रदेश में रोजगार एवं स्वरोजगार के पर्याप्त अवसर मिले इसके लिए राज्य सरकार प्रयासरत है। राज्य में रिक्त पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई है। ये भर्ती प्रक्रिया जल्द पूर्ण की जाएगी। स्वरोजगार पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास सरकार का मूलमंत्र है। जन समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए अधिकारियों को प्रत्येक कार्यदिवस में प्रातः 10 से 12 बजे तक जन समस्याओं को सुनकर उनका समाधान करने के निर्देश दिए गए हैं। कार्यों के सरलीकरण, समाधान निस्तारण एवं उनकी संतुष्टि भी हो, इस पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं को जिलों में शिविरों के माध्यम से आम जनमानस तक पहुंचाया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रदेश को अगले 10 सालों में विभिन्न क्षेत्रों में शिक्षा, चिकित्सा, पर्यटन, कनेक्टिविटी जैसे क्षेत्रों में अग्रणी राज्य बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड की भूमि हमारे वीर सैनिकों एवं राज्य आन्दोलनकारियों की भूमि है, इनके सपनों के अनुरूप राज्य का विकास हो, इस दिशा में राज्य सरकार द्वारा विशेष प्रयास किये जा रहे हैं।

सर्वांगीण विकास के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध-सैनिक कल्याण मंत्री
सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने मसूरी विधानसभा क्षेत्र के लिए सीएम द्वारा की गई घोषणाओं के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में प्रदेश प्रगति के पथ पर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड देवभूमि के साथ वीरभूमि भी है। देश की रक्षा के लिए हमारे जवानों ने हमेशा अपना सर्वस्व दिया है। युद्ध में किसी भी सैनिक या अर्द्धसैन्य बलों के जवानों की वीरगति होने पर राज्य सरकार द्वारा उनके एक आश्रित को उनकी शैक्षिक योग्यता के आधार पर राज्याधीन सेवाओं में नौकरी दी जा रही है। सैनिकों के कल्याण के राज्य सरकार प्रतिबद्ध है।
इस अवसर पर राज्यसभा सांसद नरेश बंसल एवं अन्य जनप्रतिनिधिगण मौजूद थे।

सर्वे ऑफ़ इंडिया के सहयोग से चकबंदी में मिलेगी मदद

उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों में कृषि भूमि की चकबंदी के लिए सरकार थ्री डी मैपिंग कराने जा रही है। इससे कृषि भूमि के खसरा नंबर की वास्तविक स्थिति का पता लग सकेगा। राजस्व विभाग सर्वे ऑफ इंडिया के माध्यम से थ्री डी मैप तैयार करवा रहा है। पहाड़ों में चकबंदी न होने के कारण सरकार की अनुबंध खेती की योजना परवान नही चढ़ पा रही है। पौड़ी जनपद के पांच गांवों में भी अभी तक चकबंदी नहीं हो पाई है। अब निर्णय लिया गया है कि इन गांवों में ड्रोन के जरिये एरियल सर्वे कराया जाएगा।
पर्वतीय क्षेत्रों में बिखरी कृषि जोत होने से किसानों को मेहनत ज्यादा करनी पड़ती है और खेती से मुनाफा कम होने के चलते लोगों का कृषि से रुझान कम हो रहा है। गौरतलब है कि सरकार ने पहाड़ों के लिए आंशिक और स्वैच्छिक चकबंदी को कानूनी रूप से मान्य किया है। लेकिन अभी तक पर्वतीय क्षेत्रों में एक भी गांव में चकबंदी नहीं हो पाई है। सरकार ने पौड़ी जनपद के पांच गांवों से आंशिक व स्वैच्छिक चकबंदी की शुरुआत की है।
इनमें मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के गांव खैरासैंण, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गांव पंचूर, कृषि मंत्री सुबोध उनियाल का गांव औणी समेत दो अन्य गांव शामिल हैं। इन गांवों में कृषि भूमि अभिलेखों का डाटा तैयार कर लिया है। अब ड्रोन से एरियल सर्वे किया जाएगा। प्रदेश में भूमि बंदोबस्त न होने के कारण चकबंदी करने में सबसे बड़ी समस्या आ रही है। एक ही जमीन के गोल खाते में कई हिस्सेदार हैं, लेकिन उन्हें यह पता नहीं है कि उनकी जमीन कहां पर है। अब सरकार चकबंदी को बढ़ावा देने के लिए सर्वे ऑफ इंडिया के माध्यम से पर्वतीय क्षेत्रों में थ्री डी मैपिंग करेगी।
वहीं, हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर जनपद में अनिवार्य चकबंदी की प्रक्रिया चल रही है। जिसमें हरिद्वार में 108 और ऊधमसिंह नगर में 50 गांव शामिल हैं। जबकि पर्वतीय जनपद पौड़ी के मात्र पांच गांवों में चकबंदी हो रही है। मैदानी जनपदों की तुलना में पहाड़ों में चकबंदी करना मुश्किल है।
अपर सचिव एवं आयुक्त, चकबंदी, बीएम मिश्र ने बताया कि पर्वतीय क्षेत्रों में चकबंदी के लिए सर्वे ऑफ इंडिया के माध्यम से थ्री डी मैप तैयार किया जाएगा। इससे पहाड़ों में गोल खातों व बिखरी कृषि जोत की वास्तविक स्थिति सामने आने से चकबंदी में आसानी होगी।