टिहरी झील में आगामी 24 नवंबर से शुरू होने जा रहा टिहरी अंतरराष्ट्रीय एक्रो फेस्टिवल

उत्तराखंड के पर्यटन मानचित्र में टिहरी झील सबसे तेजी से उभरता हुआ नया स्थल है। एडवेंचर टूरिज्म के शौकीनों के लिए यह स्थान हॉट फेवरेट साबित हो रहा है। यही वजह है कि डेस्टिनेशन उत्तराखंड के अंतर्गत राज्य की धामी सरकार द्वारा यहां नियमित रूप से विभिन्न आयोजन किये जा रहे हैं। इसी कड़ी में अब टिहरी झील में 24 से 28 नवंबर तक अंतरराष्ट्रीय टिहरी एक्रो फेस्टिवल 2023 का आयोजन होने जा रहा है।
उत्तराखंड में साहसिक खेलों को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार निरंतर प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि डेस्टिनेशन उत्तराखंड को वैश्विक पहचान दिलाने के लिए राज्य सरकार पूरी तन्मयता के साथ कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड को साहसिक पर्यटन के खेलों के क्षेत्र में अग्रणी बनाने के लिए राज्य सरकार द्वारा नित नए आयोजन किये जा रहे हैं। टिहरी झील में आयोजित होने वाला अंतरराष्ट्रीय एक्रो फेस्टिवल इस दिशा में नए आयाम स्थापित करेगा।

देश-विदेश के 135 पायलट करेंगे भागीदारी
नवंबर में, राज्य टिहरी झील में पहली बार अंतरराष्ट्रीय एक्रो फेस्टिवल 2023 की मेजबानी करने जा रहा है। टिहरी एक्रो फेस्टिवल 2023, 24 नवंबर को शुरू होगा और 28 नवंबर को समाप्त होगा। इस रोमांचकारी इवेंट में प्रतिस्पर्धा करने के लिए 35 अंतर्राष्ट्रीय पायलट और 100 भारतीय पायलट भाग लेंगे। इस आयोजन में एक्रो फ्लाइंग, सिंक्रो फ्लाइंग, विंग सूट फ्लाइंग, डी-बैगिंग जैसे कई साहसिक कार्य देखने को मिलेंगे।
टिहरी के जिला पर्यटन अधिकारी अतुल भंडारी ने बताया कि टिहरी झील में पहली बार अंतरराष्ट्रीय स्तर का आयोजन होने जा रहा है, जिसमें देश-विदेश से खिलाड़ी प्रतिभाग करेंगे। उन्होंने बताया कि आयोजन के दौरान यूफोरिया, पांडवास जैसे नामी बैंड भी शाम के समय अपनी प्रस्तुति देंगे।

इंस्टाग्राम पर उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद ने वीडियो शेयर करते हुए ये लिखा…
लुभावने टिहरी एक्रो फेस्टिवल का अनुभव करें, जिसमें 150 से अधिक विस्मयकारी हवाई कलाबाज़ों का जमावड़ा है, जो 24-28 नवंबर, 2023 तक होने वाला है। मंत्रमुग्ध होने के लिए तैयार रहें क्योंकि ये प्रतिभाशाली कलाकार अपने उल्लेखनीय कौशल, ताकत और कलात्मक चालाकी का प्रदर्शन करेंगे। यह असाधारण घटना एक अविस्मरणीय माहौल का वादा करती है जो आपको पूरी तरह मंत्रमुग्ध कर देगी। इस सनसनीखेज अवसर को हाथ से न जाने दें-अपने कैलेंडर पर निशान लगाएं और इस अविस्मरणीय उत्सव का हिस्सा बनें।

टिहरी झील के चारों ओर रिंग रोड बनाने को लेकर सीएम ने ली बैठक

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने सचिवालय में टिहरी झील के चारों ओर रिंग रोड बनाए जाने के सम्बन्ध में उच्चाधिकारियों के साथ बैठक ली। मुख्य सचिव ने टिहरी झील के चारों ओर रिंग रोड निर्माण के कार्य को चरणबद्ध तरीके से पूर्ण किए जाने के निर्देश दिए। पहले चरण में पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण क्षेत्र के चारों ओर की सड़क को विकसित किया जाए। उन्होंने पूरे क्षेत्र को भी पर्यटन की दृष्टि से विकसित किए जाने के निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने कहा कि आने वाले समय में टिहरी और देहरादून टनल के माध्यम से जुड़ जाएंगे, जिससे दिल्ली से टिहरी मात्र साढ़े तीन घंटे में पहुँच सकेंगे, इससे राज्य में पर्यटन को और अधिक बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि क्षेत्र को पर्यटन की दृष्टि से अधिक से अधिक विकसित कर प्रदेश की आर्थिकी को मजबूत किया जाएगा। इसके लिए टिहरी झील के चारों ओर रिंग रोड एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

मुख्य सचिव ने निर्देश दिये कि इस रिंग रोड को तैयार करने हेतु तेजी से कार्य किया जाए। सड़क के आसपास अधिक से अधिक व्यू पॉइन्ट विकसित किए जाएं। उन्होंने रिंग रोड के किनारे अधिक से अधिक पार्किंग क्षेत्र विकसित किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने रिंग रोड की शीघ्र फीजिबिलिटी स्टडी कराए जाने के निर्देश दिए। कहा कि भूमि अधिग्रहण की दिशा में शीघ्र कार्रवाई की जाए। उन्होंने रिंग रोड क्षेत्र में आने वाले गदेरों और नालों पर पुल बनाकर सड़क को छोटा रखे जाने के निर्देश भी दिये, पुलों के माध्यम से गदेरों और नालों के कारण पर्यटकों को झील से अधिक दूरी तय नहीं करनी पड़ेगी।

इस अवसर पर सचिव डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, अपर सचिव युगल किशोर पंत एवं विनीत कुमार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

नवरत्नों की माला पिरोने वाले इंफ्रा प्रोजेक्ट्स को धामी प्रदान कर रहे नवीन ऊर्जा-पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज देवभूमि उत्तराखंड को वंदे भारत एक्सप्रेस के रूप में एक बड़ा तोहफा दिया, इस दौरान उन्होंने उत्तराखंड के विकास के लिए निर्धारित उन नौ रत्नों का भी खुलकर जिक्र किया जिसके जरिए “डबल इंजन“ की सरकार पहाड़ी राज्य की तकदीर और तस्वीर दोनों बदलने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि हमारी सरकार का पूरा जोर, “विकास के नवरत्नों पर है“। अपने संबोधन में पीएम ने कहा कि “नवरत्नों की माला को पिरोने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर के जो प्रोजेक्ट यहां चल रहे हैं, उन्हें भी धामी की सरकार ने नई ऊर्जा दी है।
देवभूमि उत्तराखंड से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विशेष लगाव किसी से छुपा नहीं है। उनका बार-बार उत्तराखंड आना और देवभूमि के विकास के प्रति उनके विचार एवं गतिमान व प्रस्तावित योजनाएं यह बताने के लिए पर्याप्त हैं कि अपने मुखारबिंद से उनका यह कहना कि “ये दशक उत्तराखंड का दशक होगा“, यह सब आज वास्तव में धरातल पर परिलक्षित हो रहा है।
आज वंदे भारत एक्सप्रेस के शुभारंभ के अवसर पर भी उन्होंने “ये दशक उत्तराखंड का दशक“ होगा वाली पंक्तियों को न केवल दोहराया बल्कि यह भी बताया कि किस तरह ये दशक उत्तराखंड का दशक होने जा रहा है। उन्होंने विकास के नवरत्नों पर विस्तार से बोलते हुए बताया कि किस तरह विकास के नवरत्न के तहत चल रहे कार्य उत्तराखंड के लिए आने वाले दिनों में कितने अहम साबित होंगे।

ये हैं विकास के नवरत्न
पहला रत्न- केदारनाथ-बद्रीनाथ धाम में 1300 करोड़ रुपए से पुनर्निर्माण का कार्य।
दूसरा रत्न- ढाई हजार करोड़ रुपए की लागत से गौरीकुण्ड-केदारनाथ और गोविंदघाट-हेमकुण्ट साहिब रोपवे का कार्य।
तीसरा रत्न- कुमायूं के पौराणिक मंदिरों को भव्य बनाने के लिये मानसखण्ड मंदिर माला मिशन का काम।
चौथा रत्न- पूरे राज्य में होम स्टे को बढ़ावा, राज्य में 4000 से अधिक होम स्टे रजिस्टर्ड हो चुके हैं।
पांचवा रत्न- 16 ईको टूरिज्म डेस्टिनेशन का विकास।
छठा रत्न- उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार, उधमसिंह नगर में एम्स का सेटलाइट सेंटर भी बनाया जा रहा है।
सातवां रत्न- करीब 2 हजार करोड़ रुपए की लागत वाली टिहरी लेक डेवलपमेंट परियोजना
आठवां रत्न- ऋषिकेश-हरिद्वार का एडवेंचर टूरिज्म और योग की राजधानी के रूप में विकास
नौवा रत्न- टनकपुर-बागेश्वर रेल लाइन। इस रेल लाइन पर भी जल्द काम शुरू हो जाएगा।

अपने संबोधन में पीएम ने कहा कि आप लोगों ने एक कहावत सुनी होगी- सोने पर सुहागा। इसलिए इन नवरत्नों की माला को पिरोने के लिए, इंफ्रास्ट्रक्चर के जो प्रोजेक्ट यहां चल रहे हैं, उन्हें भी धामी की सरकार ने नई ऊर्जा दी है। 12 हजार करोड़ रुपए की लागत से चारधाम महापरियोजना पर तेज गति से काम हो रहा है। दिल्ली देहरादून एक्सप्रेसवे तैयार होने से देहरादून-दिल्ली के बीच सफर और आसान हो जाएगा। रोड कनेक्टिविटी के साथ ही, रोप-वे कनेक्टिविटी के लिए भी उत्तराखंड में बड़े पैमाने पर काम हो रहा है। पर्वतमाला योजना आने वाले दिनों में उत्तराखंड का भाग्य बदलने जा रही है। इसके लिए जिस कनेक्टिविटी का उत्तराखंड के लोगों ने बरसों इंतजार किया है, वो इंतजार भी हमारी सरकार समाप्त कर रही है।

टिहरी जिले में 533 करोड़ रुपये की विभिन्न योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को प्रताप इंटर कॉलेज बौराड़ी, टिहरी में जनपद की 533 करोड़ रूपये की कुल 138 विकास योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। जिसमें 158 करोड़ रूपये 45 विकास योजनाओं के लोकार्पण एवं 375 करोड़ रूपये के 93 शिलान्यास शामिल हैं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने विभिन्न विभागों द्वारा विकास कार्यों पर लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन किया। राज्य स्तरीय एलीट महिला एवं पुरुष बॉक्सिंग प्रतियोगिता का शुभारंभ भी इस अवसर पर मुख़्यमंत्री ने किया। प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण की पहली किश्त के 1120 लाभर्थियों को कुल 06 करोड़ 72 लाख की धनराशि का डमी चेक प्रदान किया गया। यह धनराशि लाभर्थियों के खाते में डिजिटल माध्यम से दी गई।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर घोषणा की कि टिहरी हाइड्रो इंजीनियरिंग कालेज को आई0आई0टी0 का स्वरूप प्रदान किये जाने का प्रयास किया जाएगा। भारत सरकार को इसका प्रस्ताव भेजा जायेगा। नई टिहरी शहर हेतु रीह से शुद्ध पेयजल की योजना तैयार करायी जायेगी। नई टिहरी नगर के पिकनिक स्पॉट को ईको पार्क के रूप विकसित कर पर्यटकों की सुविधा हेतु संचालित किया जायेगा। विधानसभा क्षेत्र-धनोल्टी के छाम-बल्डोगी में पैदल झूला पुल का निर्माण कराया जाएगा। राजकीय कन्या उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय थान का इण्टरमीडिएट स्तर पर उच्चीकरण कराया जाएगा। विधानसभा क्षेत्र-देवप्रयाग के नैखरी महाविद्यालय को श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय का कैंपस बनाया जाएगा। बगडवाल धार से टकोली मोटर मार्ग पर हॉट मिक्सिंग का कार्य कराया जाएगा। धारी ढुण्डसिर मोटर मार्ग हॉट मिक्सिंग का कार्य कराया जाएगा। विधानसभा क्षेत्र घनसाली के भिलंगना क्षेत्र के अन्तर्गत महाविद्यालय की स्थापना की स्वीकृति दी जाएगी। विधानसभा क्षेत्र घनसाली के अन्तर्गत गौरिया से गोदी तक मोटर मार्ग का नवनिर्माण कराया जाएगा। विधानसभा क्षेत्र घनसाली के अन्तर्गत नागेश्वरसौड व डांगी नैलचामी में केन्द्रीय कृत बैंक की शाखाएं खुलवाये जाने का प्रयास किया जाएगा। विधानसभा क्षेत्र- प्रतापनगर के पट्टी भूदरा के 24 गांव में पेयजल की समस्या हेतु बालगंगा से पम्पिंग योजना का निर्माण कराया जाएगा। डोबरा से लम्बगांव तक सड़क का डेढ़ लेन निर्माण एवं हॉटमिक्स डामरीकरण कराया जाएगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विशाल जनसभा को सम्बोधित किया। उन्होंने टिहरी की इस पावन धरती को अपने महान कार्यों से अभिसिंचित करने वाले स्व. इन्द्रमनी बडोनी, वीर गब्बर सिंह व श्रीदेव सुमन को नमन करते हुए कहा कि आज टिहरी जनपद की जिन विकास योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया गया है, ये सभी विकास कार्य आने वाले समय में हमारे प्रगति स्तंभ बनेंगे और इनसे न केवल टिहरी बल्कि टिहरी के आस पास के इलाकों को भी लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य विकास की धारा को समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाना है, इसके लिए सरकार निरंतर प्रयत्नशील हैं। केंद्र एवं राज्य सरकार कि योजनाओं का लाभ समाज के अंतिम पंक्ति के लोगों तक पहुंचे, इस दिशा में दृढ़ संकल्प के साथ कार्य किये जा रहे हैं। सरकार के लिए जनता सर्वाेपरि है। राज्य के समग्र विकास के लिए जो फैसले लिए जा रहे हैं, हर एक फैसला जन भावनाओं के आधार पर लिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम केवल फैसले ही नहीं ले रहे, बल्कि इनको धरातल पर भी उतार रहे हैं। विकसित उत्तराखंड निर्माण का जो हमारा संकल्प है, उसके लिए हम एक विजन को लेकर निरंतर आगे बढ़ रहे हैं। सरकार की नीति और नीयत दोनों स्पष्ट हैं, इसीलिए आज उत्तराखंड में पहले से कहीं अधिक नौकरी के अवसर मिल रहे हैं। राज्य में निष्पक्षता से लगातार भर्ती परीक्षाओं को सकुशल सपन्न कराने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन कुछ लोगों द्वारा राज्य के भोले-भाले युवाओं को बरगलाने का कार्य कर उन्हें सरकार के विरोध में खड़ा किया जा रहा है। आज का युवा भटकने वाला नहीं है, उसे सही और गलत का फर्क पता है। राज्य सरकार ने कठोर नकल विरोधी कानून लागू कर प्रदेश के युवाओं के भविष्य को सुरक्षित करने का प्रयास किया है। इस कानून के लागू होने से भविष्य में कोई भी पेपर लीक तो दूर नकल कराने के बारे में सोचने की जुर्रत नहीं कर पायेगा।
मुख़्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में राज्य ने अभूतपूर्व विकास किया है। प्रदेश में इन्फ्रास्क्टचर, पर्यावरण सुरक्षा एवं आधुनिक विकास के साथ-साथ सांस्कृतिक विकास के लिए भी विशेष अभियान को चलाये जा रहे हैं। राज्य में रोजगार के नए अवसर पैदा करने, पलायन को रोकने, राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने और राज्य की आधारभूत व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के लिए नीतिगत योजनाओं का खाका तैयार किया जा रहा है। सरकार की विकास योजनाओं के केंद्र में युवाओं, किसानों और मातृ शक्ति का सशक्तिकरण शामिल है। उन्होंने कहा कि जब तक हमारा युवा, हमारी महिलाएं और हमारा किसान आत्मनिर्भर नहीं बनेगा तब तक विकसित उत्तराखंड की राह सुनिश्चित नहीं होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महान विजन के अनुरूप और दिशा निर्देशन में राज्य सरकार प्रगति के पथ पर निरंतर आगे बढ़ने के लिए संकल्पबद्ध हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार उत्तराखंड के विकास के लिए विकल्प रहित संकल्प के साथ आगे बढ़ रही है। जब हम वर्ष 2025 में राज्य का रजत जयंती वर्ष मना रहे होंगे, तब हम सर्वश्रेष्ठ उत्तराखंड के सपने को साकार होता हुआ देखेंगे। प्रदेश का प्रत्येक व्यक्ति इस संकल्प को पूरा करने के लिए सरकार के साथ कदम से कदम मिलाकर कार्य कर रहा है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि अभी तक जिस तरह से हमारी देवतुल्य जनता ने समर्थन और आशीर्वाद हमें दिया है, वो हमें आगे भी मिलता रहेगा।
कैबिनेट मंत्री एवं जनपद के प्रभारी मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि आज जनपद की जिन विकास योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया गया यह बड़ी सौगात जनपद वासियों को दी गयी है। जिन योजनाओं का मुख़्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शिलान्यास कर रहे हैं, उनका कार्य तय सीमा में पूर्ण करवा कर लोकार्पण भी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि टिहरी जनपद में जी 20 की दो बैठकों का आयोजन होना है। यह प्रदेश के साथ ही टिहरी के लिए भी गौरव का विषय है।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, विधायक किशोर उपाध्याय, प्रीतम सिंह पंवार, शक्ति लाल शाह, विनोद कंडारी, जिला पंचायत अध्यक्ष सोना सजवाण, प्रदेश महामंत्री भाजपा आदित्य कोठारी, भाजपा के जिलाध्यक्ष राजेश नौटियाल, टिहरी नगर पालिका अध्यक्ष सीमा किरसाली, जिलाधिकारी टिहरी डॉ. सौरभ गहरवार, एसएसपी नवनीत भुल्लर, मुख्य विकास अधिकारी मनीष कुमार एवं अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

राज्य के प्रस्ताव को केन्द्र ने दी वित्तीय स्वीकृति, बहुरेंगे टिहरी के दिन

बहुपक्षीय विकास बैंकों की मदद से टिहरी झील और उसके जल ग्रहण क्षेत्र के समग्र विकास के राज्य सरकार के एक महत्वकांक्षी प्रस्ताव को केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने स्वीकृति प्रदान कर दी है। इसके अंतर्गत प्रदेश सरकार को एशियन डेवलपमेन्ट बैंक तथा ब्रिक्स डेवलपमेंट बैंक के माध्यम से कुल 2030 लाख अमरीकी ड़ॉलर का ऋण मिलेगा। इस परियोजना के अन्तर्गत कोटी कालोनी, नई टिहरी, तिवाड़ गांव, डोबरा चांटी, टिहरी झील तथा मदन नेगी को कलस्टरों के रूप में विकसित किया जायेगा। परियोजना के अन्तर्गत टिहरी झील में चार स्थानों पर जल क्रीड़ा सम्बन्धित केन्द्र, टैन्ट कॉलोनी निर्माण, कोटी कॉलोनी से डोबरा-चांटी तक पर्यटन रोड का निर्माण, होम स्टे कलस्टरों का निर्माण, डोबरा चांटी पार्क, मल्टी लेवल कार पार्किंग, एकीकृत सूचना केन्द्र, मनोरंजन कॉम्पलेक्स, एक्वैटिक कॉम्पलेक्स, 3 स्टार बुटीक होटल, स्मार्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर, बायो डायर्वसिटी पार्क, योग एवं पंचकर्म केन्द्र, रोपवे निर्माण, तटीय क्षेत्र में वृहद वृक्षारोपण तथा लाइट एवं साउन्ड लेजर शो आदि विविध कार्य प्रस्तावित है। इस संबंध में एडीबी की टीम शीघ्र ही उत्तराखंड का दौरा करेगी।
इस परियोजना का उद्देश्य टिहरी को उत्तराखंड के ब्रांड टूरिस्ट डेस्टिनेशन के रूप में स्थापित करने का है, जिसे स्थानीय लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करते हुए विकसित किया जाएगा। इसके अंतर्गत टिहरी शहर के एतिहासिक महत्व को पुर्नस्थापित करने, पर्यटन ढाँचे को मजबूत बनाने, बेहतर क्षमताओं से युक्त रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने तथा पलायन को कम करने का काम किया जायेगा। परियोजना के उद्देश्यों में पर्यटकों के टिहरी प्रवास की औसत अवधि को बढ़ाकर तीन दिन तक करना भी शामिल है।
सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर ने कहा है, इस योजना के माध्यम से उत्तराखंड सरकार टिहरी को स्थानीय लोगों की भागीदारी के साथ एक वैकल्पिक पर्यटन गंतव्य के रूप में स्थापित करना चाहती है। इस परियोजना से प्रत्यक्ष तौर पर लगभग चालीस हजार और परोक्ष रूप से लगभग दो लाख परिवार लाभान्वित होंगे। उन्हांेने कहा कि इस परियोजना के लिए हरित तकनीकी का प्रयोग किया जायेगा और अनिवार्य सुरक्षा मानकों का अनुपालन सुनिश्चित किया जायेगा। इस परियोजना के अन्तर्गत सतत विकास उद्देश्यों के अनुरूप इस संवेदनशील क्षेत्र में सतत एवं उत्तरदायी पर्यटन को सुनिश्चित किया जायेगा।
उन्होंने कहा परियोजना के माध्यम से बाजार की मांग के अनुरूप क्षमता निर्माण करते हुए स्थानीय लोगों के सामाजिक एवं आर्थिक स्तर मे सुधार लाया जायेगा। परियोजना का उद्देश्य पर्यावरण को नुकसान पहुँचाए बिना ग्रामीण क्षेत्र को आर्गेनिक होमस्टे के रूप में विकसित कर उत्तरदायी पर्यटन की दिशा में आगे कदम बढ़ाना है। परियोजना में स्वास्थ्य व स्वच्छता के स्तर को बेहतर बनाने के लिए सेनिटेशन की व्यवस्था का प्रस्ताव भी है। सचिव, पर्यटन ने कहा कि परियोजना की वहनीयता को बढ़ाने के लिए स्थानीय संसाधनों का उपयोग किया जायेगा और उर्जा के अक्षय स्रोतों उपयोग सुनिश्चित किया जायेगा। परियोजना के अन्तर्गत कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के उद्देश्य से व्यापक स्तर पर वृक्षारोपण अभियान चलाने की भी योजना है।
ज्ञातव्य है कि राज्य सरकार ने वित्त मंत्रालय के समक्ष इस परियोजना का संशोधित प्रस्ताव प्रस्तुत किया था जिसमें टिहरी में पर्यटन अवस्थापना एवं सुविधाओं के विकास के साथ-साथ झील के चारों ओर एक रिंग रोड बनाने का प्रस्ताव भी शामिल है। प्रस्ताव को नीति आयोग, ग्रामीण विकास मंत्रालय, सड़क परिवहन मंत्रालय और पर्यटन मंत्रालय के समर्थन के उपरान्त वित्त मंत्रालय द्वारा स्वीकृति दे दी गई है।

पर्वतीय शिल्प कला के अनुरूप हो ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन के स्टेशन

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से शुक्रवार को सचिवालय में प्रधानमंत्री के सलाहकार भाष्कर खुल्बे ने भेंट की। उन्होंने मुख्यमंत्री से केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यों तथा बद्रीनाथ के सौन्दर्यीकरण से सम्बन्धित मास्टर प्लान पर चर्चा की। खुल्बे ने मुख्यमंत्री से ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन के अन्तर्गत निर्मित होने वाले स्टेशनों को पर्वतीय शिल्प कला के अनुरूप बनाये जाने की बात कही, उन्होंने कहा कि इससे पर्वतीय क्षेत्र के शिल्पियों को रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में उत्तराखण्ड की राजधानी देहरादून से विश्वस्तरीय टिहरी झील जाने हेतु मसूरी-चम्बा कोटी कालोनी मोटर मार्ग के द्वारा कुल 105 किमी० की दूरी तय करनी पड़ती है, जिसमें सम्पूर्ण मार्ग पर्वतीय क्षेत्र में होने के कारण लगभग 3.30 घण्टे का समय लगता है। उक्त टनल देहरादून के राजपुर के निकट से प्रस्तावित है, जो कि टिहरी झील के निकट कोटी कालोनी में समाप्त होगी। टनल की कुल लंबाई लगभग 35 किमी० आयेगी। टनल के निर्माण की अनुमानित लागत 8750 करोड़ रूपए आयेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एम्स ऋषिकेश होने के पश्चात भी राज्य के पर्वतीय दूरदराज कुमाऊं मंडल के इलाके, भौगोलिक दूरी होने के कारण सुपरस्पेशियलिटी स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित हैं। राज्य के कुमाऊं मंडल में एम्स की स्थापना करने से कुमाऊं के नागरिकों के साथ ही उत्तर प्रदेश के निकटवर्ती जनपदों के लोगों को भी विश्वस्तरीय चिकित्सा सुविधायें उपलब्ध होगी। एम्स के लिए भूमि उत्तराखंड राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी। पूर्व में भी एक राज्य में दो एम्स जैसे विश्व स्तरीय संस्थान स्थापित किए गये हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के क्षेत्रीय सामाजिक सांस्कृतिक तथा पर्यटन के विकास और सामरिक दृष्टिकोण से रेल मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा टनकपुर और बागेश्वर के बीच नैरो गेज रेलवे लाइन हेतु सर्वे का आदेश निर्गत किया गया है। यह लाइन ब्राडगेज में होनी चाहिये। चीन और नेपाल की अंतर्राष्ट्रीय सीमा के निकट स्थित होने के कारण यह रेल लाइन सामरिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण है। साथ ही यह नये व्यापार केन्द्रों को भी जोड़ेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सामरिक उद्देश्य और सीमांत जनपदों के विकास की आवश्यकता को देखते हुए टनकपुर बागेश्वर रेलवे लाईन का नैरोगेज की बजाय ब्राडगेज लाईन का सर्वे किया जाए।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि चार धाम सड़क परियोजना के साथ ही ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना प्रधानमंत्री की उत्तराखण्ड को बड़ी देन है। वह समय दूर नहीं, जब पहाड़ में रेल का सपना पूरा होगा। इससे राज्य की आर्थिकी में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। मार्च 2024 तक परियोजना को पूर्ण किए जाने के लक्ष्य के साथ काम किया जा रहा है। ऋषिकेश के बाद परियोजना मुख्यतः अंडरग्राउंड है। भूमि अधिग्रहण किया जा चुका है। इस रेल लाइन पर 12 स्टेशन और 17 टनल बनाये जा रहे हैं। काम निर्धारित समयावधि में पूरा किया जा सके, इसके लिए विभिन्न स्थानों पर एक साथ काम चल रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी 7 अक्टूबर को जौलीग्रांट, देहरादून में बने नये टर्मिनल का लोकार्पण किया जायेगा। हेली समिट के दौरान देहरादून-पंतनगर-पिथौरागढ़-पंतनगर- देहरादून हवाई सेवा का फ्लैग ऑफ भी किया जायेगा। यह सेवा पवनहंस द्वारा दी जायेगी। देहरादून-पिथौरागढ़ हेली सेवा को जल्द स्वीकृति दिये जाने तथा नैनीसेनी हवाई पट्टी के विस्तार की उन्होंने जरूरत बतायी। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में उड़ान के तहत देहरादून-श्रीनगर-देहरादून, देहरादून- गौचर- देहरादून, हल्द्वानी-हरिद्वार हल्द्वानी, पंतनगर-पिथौरागढ़-पंतनगर, चिन्यालीसौड़-सहस्त्रधारा-चिन्यालीयौड़, गौचर-सहस्त्रधारा-गौचर, हल्द्वानी-धारचूला-हल्द्वानी तथा गौचर-सहस्त्रधारा-गौचर हेली सेवाओं को स्वीकृति प्रदान की गई है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड के लिए जो 13 हेलीपोर्ट चिन्हित किये गये हैं, उनमें से 11 की डीपीआर तैयार हो चुकी है।
उन्होंने कहा कि देहरादून-पिथौरागढ़ हेली सेवा शुरू होने से सीमान्त क्षेत्र पिथौरागढ़ के विकास के लिए यह मील का पत्थर साबित होगा। प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन एवं केन्द्र सरकार के सहयोग से राज्य में कनेक्टिविटी के क्षेत्र में तेजी से विकास हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जी.एस.टी. क्षतिपूर्ति दिये जाने की अवधि जून 2022 में समाप्त हो रही है, राज्य की आर्थिक स्थिति की मजबूती के लिये जी.एस.टी कन्सेसन की अवधि को बढ़ाया जाना राज्य हित में है। इस सम्बन्ध में आवश्यक सहयोग का अनुरोध भी मुख्यमंत्री ने किया है।
इस अवसर पर मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. सन्धु, अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, सचिव दिलीप जावलकर, विशेष सचिव मुख्यमंत्री डॉ. पराग मधुकर धकाते, प्रधानमंत्री कार्यालय के उप सचिव मंगेश घिल्डियाल भी उपस्थित थे।

टिहरी झील में सी प्लेन और व्यवसायिक गतिविधियां संचालित करने के लिए विशेष योजना तैयार

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने एक दिवसीय जनपद भ्रमण के दौरान कोटी कॉलोनी में टिहरी झील का भ्रमण किया। इस दौरान उन्होंने डोबरा चांठी पुल फ्लोटिंग हट्स का भी निरीक्षण किया। टिहरी झील को विश्वस्तरीय पर्यटक स्थल बनाने के लिए वेपकॉस कंपनी को तीन माह में डीपीआर तैयार करने के निर्देश दिए है। 1200 करोड़ के इस प्रोजेक्ट से झील के आसपास व्यवस्थाएं स्थापित की जानी है। इससे बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध हो सकेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि टिहरी झील को विश्व स्तरीय टूरिस्ट डेस्टिनेशन बनाने के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है उन्होंने कहा कि टिहरी झील में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं, जिस को मूर्त रूप देने के लिए बुनियादी सुविधाएं स्थापित की जाएगी, ताकि पर्यटकों के आवागमन से स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध हो सके।
इस अवसर पर कृषि मंत्री सुबोध उनियाल, स्थानीय विधायक धन सिंह नेगी विधायक घनसाली शक्ति लाल शाह, विधायक प्रतापनगर विजय सिंह पवार जिलाधिकारी इवा आशीष श्रीवास्तव, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक तृप्ति भट्ट, अपर निदेशक पर्यटन पूनमचंद आदि उपस्थित थे।

धामी की गडकरी से मुलाकात में राज्य को मिली कई सौगातें

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नीतिन गडकरी से शिष्टाचार भेंट की। केन्द्रीय मंत्री गडकरी ने कहा कि उत्तराखण्ड में नए राष्ट्रीय राजमार्गों के लिए 1000 करोड़ रूपए और केन्द्रीय सडक अवस्थापना निधि में अतिरिक्त 300 करोड़ रूपए की राशि दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने इस पर केंद्रीय मंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नीतिन गङकरी जी के मार्गदर्शन व सहयोग से पिछले चार वर्षों में उत्तराखण्ड में कनेक्टीवीटी के क्षेत्र में ऐतिहासिक काम हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़क और सेतुओं के निर्माण में आने वाली अत्यधिक लागत को देखते हुए भारत सरकार द्वारा राज्य सरकार को प्रदान की गयी सहायता प्रदेश के आर्थिक विकास में मील का पत्थर सिद्ध होगी।
केंद्रीय मंत्री नीतिन गङकरी ने कहा कि सड़कों के लिये उत्तराखण्ड राज्य की प्रत्येक आवश्यकता को पूरा किया जाएगा। राज्य में रोपवे और केबिल कार के लिए भी सहायता दी जाएगी। गौरतलब है कि हाल ही में केन्द्रीय सड़क अवस्थापना निधि के अन्तर्गत राज्य सरकार के अनुरोध पर 615.48 करोड़ रूपये की लागत के 42 कार्यों को स्वीकृत किये गये थे। अब केन्द्रीय मंत्री गडकरी द्वारा इसमें 300 करोड़ रूपए और दिये जाने के प्रति आश्वस्त किया गया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून से टिहरी झील हेतु 2 लेन टनल के निर्माण की स्वीकृति का भी अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में उत्तराखण्ड की राजधानी देहरादून से विश्वस्तरीय टिहरी झील जाने हेतु मसूरी-चम्बा कोटी कालोनी मोटर मार्ग के द्वारा कुल 105 किमी० की दूरी तय करनी पड़ती है, जिसमें सम्पूर्ण मार्ग पर्वतीय क्षेत्र में होने के कारण लगभग 3ः30 घण्टे का समय लगता है। उक्त टनल देहरादून के राजपुर के निकट से प्रस्तावित है, जो कि टिहरी झील के निकट कोटी कालोनी में समाप्त होगी। टनल की कुल लंबाई लगभग 35 किमी० आयेगी। टनल के निर्माण की अनुमानित लागत 8750 करोड़ रूपए आयेगी।

देश का सबसे लंबा डोभरा चांठी पुल का डीएम टिहरी ने किया निरीक्षण

नई टिहरी। जिलाधिकारी ईवा आशीष श्रीवास्तव ने डोभरा-चांठी पहुंचकर देश के सबसे लंबे सस्पेंशन ब्रिज का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने अधिशासी अभियंता सुरेंद्र सिंह मखलोगा को निर्देश दिए कि पुल के अंतिम चरण के फिनिशिंग कार्यो लाइट, प्रवेश द्वार पर चेक पोस्ट, सफाई, अप्रोच मार्ग सहित पूरे ब्रिज पर साफ-सफाई इत्यादि को समय से पूरा करने के निर्देश दिए है। वहीं डोभरा में आवंटित दुकानों को व्यवस्थित ढंग से एकरूपता के साथ निर्माण करने के निर्देश दिए है। स्पष्ट किया कि डोभरा- चांठी पुल के आसपास की सरकारी भूमि पर प्लानिंग के तहत व्यवस्थाएं स्थापित की जाएगी इसलिए इस भूमि पर अतिक्रमण न होने पाए। उन्होंने कहा कि पुल के उद्धघाटन के उपरांत यह पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र होगा।

वहीं क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ाने के लिए डोभरा में एक बोटिंग पॉइंट बनाया जाना प्रस्तावित है। ताकि डोभरा-चांठी ब्रिज को देखने हेतु आने वाले पर्यटकों को नोकायन की सुविधा मिल सके। इसके उपरांत जिलाधिकारी ने ओलणी-मल्ला उप्पू मोटर मार्ग के उप्पू खाला में स्लाइडिंग जोन पर लोनिवि चम्बा द्वारा किये जा रहे कार्यो का जायजा लेते हुए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

टिहरी झील में पर्यटकों के बढ़ते आवागमन से स्थानीय स्तर पर युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए तिवाड गांव में होम स्टे एवं अन्य संभावित पर्यटन गतिविधियों के संचालन की संभावनाओं का भी जायजा लिया। इसके उपरांत जिलाधिकारी ने बौराड़ी पहुंचकर बसअड्डे व रेन बसेरा का का भी निरीक्षण किया। रेन बसेरे में सभी व्यवस्थाएं संतोषजनक पाई गई। गणेश चैक पर वाहनों के आड़े-तिरछे खड़े किए गए वाहनों के कारण जान की स्थिति उत्त्पन्न होने के कारण जिलाधिकारी ने एसडीएम टिहरी व ईओ नगर पालिका नई टिहरी को नई टिहरी एवं बौराड़ी में पीली-सफेद पट्टी के अंदर के क्षेत्र में दुपहिया व चैपहिया वाहनों के लिए पार्किंग एरिया चिन्हित करते हुई एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए है। मौके पर एसडीएम टिहरी एफआर चैहान, अधिशासी अभियंता एसएस मखलोगा आदि उपस्थित थे।

टिहरी लेक डेवलपमेंट के लिए केंद्र ने दिए 1200 करोड़

केंद्र सरकार ने जमरानी बांध बहुद्देशीय परियोजना के लिए 2584 करोड़ रूपए, टिहरी लेक डेवलपमेंट के लिए 1200 करोड़ रूपए और देहरादून स्मार्ट सिटी के लिए 1400 करोड़ रूपए की राशि स्वीकृत की है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि ‘‘मैं प्रधानमंत्री का उत्तराखण्ड की जनता की ओर से हार्दिक आभार व्यक्त करता हूं। वे हमेशा उत्तराखण्ड की चिंता करते हैं। राज्य सरकार उनके विजन के अनुरूप प्रदेश के विकास के लिए तत्पर है। पहले ही ऑल वेदर रोड़ और ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना पर तेजी से काम चल रहा है। केंद्र सरकार के विशेष सहयोग से ये सभी योजनाएं उत्तराखण्ड के विकास में मील का पत्थर साबित होंगी।’’

मुख्यमंत्री ने कहा कि जमरानी बहुद्देशीय परियोजना तराई भाबर की लाइफ-लाईन है। अब इस महत्वपूर्ण परियोजना के काम में और तेजी आए, दशकों से लटकी पङी जमरानी बांध परियोजना को हकीकत बनाने के लिए हमारी सरकार ने गम्भीरता से कोशिश की। इसमें केन्द्र सरकार का भी पूरा सहयोग मिला जिसके लिए हम उनके आभारी हैं। 09 किलोमीटर लम्बे, 130 मीटर चौड़े और 485 मीटर ऊँचे इस बाँध के निर्माण से 14 मेगावाट विद्युत उत्पादन के साथ ही पेयजल व सिंचाई के लिए पानी भी उपलब्ध होगा। इस बांध के बनने से तराई- भाबर के क्षेत्रों हल्द्वानी, काठगोदाम, और उसके आस-पास के क्षेत्रों को ग्रेविटी वाटर उपलब्ध होगा। मुख्यतः उधमसिंहनगर जिले में सिंचाई की सुविधा मिलेगी। हल्द्वानी और उसके आस-पास के क्षेत्रों में नलकूपों का जल स्तर नीचे होने के कारण पानी की उपलब्धता में समस्या आ रही थी, इससे एक तो रिचार्ज बढ़ेगा, स्वच्छ पेयजल लोगों को उपलब्ध होगा एवं भूमि की सिंचाई के लिए पर्याप्त मात्रा में जल मिलेगा। आगामी 75 वर्षों के लिए 24 घण्टे उपभोक्ताओं को पानी उपलब्ध होगा। इस बांध से भविष्य में आवश्यकता पड़ने पर नैनीताल को भी पानी दिया जा सकता है। इस परियोजना का सबंधित क्षेत्रों के सामाजिक व आर्थिक जीवन पर अच्छा प्रभाव पड़ेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि टिहरी झील पर्यटन के एक महत्वपूर्ण गंतव्य के तौर पर उभर रहा है। इसमें देश-विदेश के पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करने की क्षमता है। यहां पर्यटन के विकास से क्षेत्र की आर्थिकी और मजबूत होगी। नई टिहरी क्षेत्र को पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित करने के लिए सरकार प्रयासरत है। डोबरा-चांठी पुल के निर्माण के बाद टिहरी के दोनो ओर होटल, रिजोर्ट एवं शिक्षण संस्थान बनेंगे। इससे पर्यटकों को अधिक सुविधायें उपलब्ध हो सकेंगी। अगले आने वाले 10-15 वर्षो में टिहरी का एक नया स्वरूप सामने आयेगा जो निश्चित रूप से देश व दुनिया को अपने ओर आकर्षित करने में मददगार रहेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्मार्ट दून के लिए पिछले कुछ समय में बहुत तेजी से काम हुआ है। आने वाले समय में बदला हुआ दून दिखेगा। स्मार्ट दून की तरफ आगे बढ़ने में दून वासियों का भी पूरा सहयोग मिल रहा है। स्मार्ट सिटी में देहरादून 10 माह में 99 से 30 वीं रैंकिंग पर पहुंचा है। देहरादून में इंटीग्रेटेड कन्ट्रोल एंड कमांड सेंटर बनेगा। देहरादून के प्रमुख मार्गों पर अंडरग्राउन्ड केबलिंग की जाएगी। सरकारी भवनों पर सौर ऊर्जा का काम शुरू हो चुका है। धीरे धीरे हम ग्रीन एनर्जी की ओर बढ़ रहे हैं। सरकार, तकनीक के माध्यम से जनसुविधाओं में सुधार करने की कोशिश कर रही है।