बाजपुर के किसान प्रतिनिधिमंडल ने की सीएम से मुलाकात, रखी अपनी समस्या

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय में नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य के नेतृत्व में बाजपुर के किसान जनप्रतिनिधि व चीनी मिल के श्रमिकों के एक प्रतिनिधि मंडल ने भेंट की। उन्होंने मुख्यमंत्री से बाजपुर चीनी मिल की सह इकाई असवानी को लीज रेंट/पीपीपी मोड पर न दिये जाने का अनुरोध किया एवं इस संबंध में ज्ञापन भी दिया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि बाजपुर चीनी मिल की सह इकाई असवानी को लीज/ रेंट/पीपीपी मोड पर दिये जाने से पूर्व किसानों के हितों को लेकर सभी पहलुओं को ध्यान में रखा जायेगा। इसका पूरा परीक्षण करने के बाद आगे की कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों की आय में बढ़ाने के लिए निरन्तर प्रयासरत है। किसानों के सभी हितों को ध्यान में रखते हुए निर्णय लिये जा रहे हैं।

किसानों का हित पहला लक्ष्यः त्रिवेंद्र सिंह रावत

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सितारगंज चीनी मिल के संबंध में बैठक लेते हुए अधिकारियों को निर्देश दिये कि आगामी पेराई सत्र तक सितारगंज चीनी मिल दुबारा शुरू हो जाय। इसके लिए पूरी योजना जल्द बनाई जाय। किसानों का हित पहला लक्ष्य होना चाहिए। सितारगंज में निर्मित इन्फ्रास्ट्रक्चर का सही उपयोग होना जरूरी है। इससे गन्ना उत्पादकों को गन्ने की बिक्री में परेशानी नहीं होगी व अन्य लोगों के रोजगार भी बढ़ेंगे।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि सितारगंज चीनी मिल को आगामी पेराई सत्र से शुरू करने के लिए अभी से प्रक्रिया शुरू की जाय। इसके लिए टेक्निकल टीम एवं विशेषज्ञों की राय ली जा सकती है।

बैठक में विधायक सौरभ बहुगुणा, ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. एस.एस.नेगी, मुख्यमंत्री के तकनीकी सलाहकार डॉ. नरेन्द्र सिंह, अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार, सचिव अमित नेगी, राधिका झा, निदेशक शूगर फेडरेशन चन्द्रेश यादव, अपर सचिव डा. वी. षणमुगम आदि उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने स्वयं संज्ञान लेकर फसलों के नुकसान की रिपोर्ट देने के दिए निर्देश

उत्तराखंड में भारी वर्षा और ओलावृष्टि से फसलों को पहुंचे नुकसान को लेकर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत बेहद गंभीर है। इसके तहत मुख्यमंत्री ने सभी जिलों के जिलाधिकारियों को फसल क्षति का आकलन कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि प्रभावित किसानों को आश्वासन देते हुए कहा है कि किसानों की हरसंभव मदद की जाएगी।
इन दिनों नियमित अंतराल में हो रही वर्षा और ओलावृष्टि रबी की फसल पर भारी पड़ रही है। विशेषकर मैदानी क्षेत्रों में रबी की मुख्य फसल गेहूं समेत अन्य फसलों को नुकसान पहुंचने से किसानों के माथों पर बल पड़े हैं। अब मुख्यमंत्री ने सभी जिलों के जिलाधिकारियों को ओलावृष्टि और भारी वर्षा से किसानों को हुए नुकसान का आकलन कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री के निर्देशों के बाद कृषि महकमा हरकत में आ गया है। सचिव कृषि आर.मीनाक्षी सुंदरम ने कृषि निदेशक को निर्देश दिए हैं कि वह भी अपने स्तर से फसलों को पहुंचे नुकसान का आकलन कराकर रिपोर्ट शासन को भेजना सुनिश्चित करें। उधर, कृषि निदेशक गौरीशंकर ने बताया कि सभी जिलों के मुख्य कृषि अधिकारियों को अपने-अपने जिलों में जल्द से जल्द सर्वे कर रिपोर्ट भेजने को कहा गया है, ताकि प्रभावित किसानों को क्षतिपूर्ति की जा सके। दूसरी तरफ, निदेशक हार्टिकल्चर मिशन संजय श्रीवास्तव ने बताया कि वर्षा और ओलावृष्टि से फल-सब्जियों को पहुंची क्षति का भी आकलन कराया जा रहा है।
किसानों का कहना है कि राज्य सरकार ने स्वयं इसका संज्ञान लिया है। यह राज्य के किसानों के लिए अच्छी खबर है। नही तो पहले हमें सरकार से मांग करनी पड़ती थी। किसानों ने मुख्यमंत्री का आभार जताया है कि उनकी समस्याओं का संज्ञान लेकर त्रिवेन्द्र सरकार समय-समय पर राहत देती आ रही है। गौरतलब है कि पहले भी किसानों की समस्याओं को लेकर राज्य सरकार ने किसानों के हितों को लेकर कई राहत देने वाले कार्य किये है। इस बार का बजट भी किसानों को ध्यान में रखकर बनाया गया है। वही गन्ना किसानों की समस्याओं को लेकर भुगतान के लिए अतिरिक्त धनराशि की व्यवस्था भी त्रिवेन्द्र सरकार ने की है।