उप जिला चिकित्सालयों के लिए अधिकारियों को कैबिनेट में प्रस्ताव लाने के दिये निर्देश

राज्य सरकार ने सूबे में हेल्थ नेटवर्क मजबूत करने और आम लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के उद्देश्य से प्रदेश के डेढ़ दर्जन छोटे अस्पतालों को उप जिला चिकित्सालय में उच्चीकृत करने का निर्णय लिया है। इस संबंध में विभागीय अधिकारियों को शीघ्र प्रस्ताव तैयार कर कैबिनेट बैठक में प्रस्तुत करने को कहा गया है। विशेषकर कैलाश मानसरोवर यात्रा व चार धाम यात्रा मार्गों पर स्वास्थ्य सुविधाओं को और बेहतर करने की योजना है।

सूबे के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने आज खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के सभागार में स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक की। जिसमें सूबे के चार धाम यात्रा मार्गों एवं कैलाश मानसरोवर यात्रा मार्ग व दूरस्थ क्षेत्रों के डेढ़ दर्जन चिकित्सा इकाईयों को उच्चीकृत कर उप जिला चिकित्सालय बनाने का निर्णय लिया है। जिनमें चमोली जनपद में जोशीमठ, थराली, गैरसैंण शामिल है। जबकि रूद्रप्रयाग जनपद में गुप्तकाशी, पौड़ी में थलीसैण, उत्तरकाशी में भटवाड़ी, पुरोला, बड़कोट तथा टिहरी में नैनबाग, हरिद्वार में खानपुर, पिथौरागढ़ में डीडीहाट, बागेश्वर में बैजनाथ, अल्मोड़ा में सोमेश्वर, नैनीताल में ओखलकांडा तथा ऊधमसिंह नगर में सितारगंज व गदरपुर शामिल है। जबकि रूद्रप्रयाग जनपद के अंतर्गत त्रिजुगीनारायण में श्रद्धालुओं की बढ़ती तादाद को देखते हुये वहां पर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खोलने का निर्णय लिया गया है। विभागीय मंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि उपरोक्त सभी चिकित्सा इकाईयों के उच्चीकरण संबंधी प्रस्ताव मानकों के अनुसार तैयार कर शासन को उपलब्ध कराया जाय ताकि सभी प्रस्तावों पर कैबिनेट में विचार किया जा सके।

विभागीय मंत्री डा. रावत ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के स्वीकृत विभागीय बजट के आय-व्यय की समीक्षा करते हुये अधिकारियों को निर्देश दिये कि मार्च से पहले सभी मदों में स्वीकृत शतप्रतिशत बजट को खर्च कर लिया जाय जो जनपद समय पर आवंटित बजट खर्च नहीं कर पायेंगे उनके जिम्मेदार अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा जायेगा। विभागीय अधिकारियों की पदोन्नति में हो रही देर पर उन्होंने नाराजगी व्यक्त करते हुये सभी कार्मिकों की पदोन्नति समय पर करने के निर्देश दिये। स्वास्थ्य विभाग एवं चिकित्सा शिक्षा में रिक्त पदों का विवरण तलब करते हुये डा. रावत ने विभगाय अधिकारियों को विभिन्न श्रेणी के पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू करने के भी निर्देश दिये। उन्होंने अधिकारियों को एक सप्ताह के भीतर एएनएम के 391 पदों को भरने हेतु अधियाचन चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड को भेजने के भी निर्देश दिये। साथ ही उन्होंने विभाग में चिकित्साधिकारियों के रिक्त पदो ंके बैकलॉक पदों को भरने संबंधी प्रक्रिया भी शुरू करने को कहा। उन्होंने कहा कि विभाग के अंतर्गत जनपद स्तर पर चल रहे निर्माण कार्यों में तेजी लाने के लिये महानिदेशालय स्तर पर प्रत्येक सप्ताह मॉनिटिरिंग की जाय ताकि समय पर बजट खर्च किया जा सके।
बैठक में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य एवं अनुश्रवण परिषद उत्तराखंड के उपाध्यक्ष सुरेश भट्ट, एमडी एनएचएम स्वाती एस भदौरिया, अपर सचिव स्वास्थ्य आनंद श्रीवास्तव, नमामि बंसल, अमनदीप कौर, अपर सचिव वित्त अमीता जोशी महानिदेशक स्वास्थ्य डॉ. विनीता शाह, निदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ. आशुतोष सयाना, निदेशक स्वास्थ्य सुनीता टम्टा, अपर निदेशक भागीरथ जंगपांगी, मीतू शाह, ड्रग कंट्रोलर ताजबर सिंह जग्गी, संयुक्त निदेशक खाद्य डॉ. आर.के. सिंह, उपायुक्त एफडीए जी.सी. कंडवाल सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।
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स्वास्थ्य सचिव डा. आर राजेश कुमार ने जारी की गाइडलाइन, जानिए आप भी….

चीन में छोटे बच्चों में सांस से संबंधित बीमारी माइक्रो प्लाज्मा निमोनिया और इन्फ्लूएंजा फ्लू के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। इस पर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी सभी देशों को अलर्ट जारी किया है। जिसके बाद स्वास्थ्य मंत्रालय भारत सरकार ने भी देश के सभी राज्यों को निगरानी बढ़ाने के दिशानिर्देश दिए हैं। केंद्र सरकार के दिशानिर्देशों के बाद उत्तराखंड सरकार भी सतर्क हो गई है। स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने इसको लेकर दिशा निर्देश जारी कर दिये हैं। गाइडलाईन में साफ निर्देश किया गया है कि बच्चों में निमोनिया और इन्फ्लूएंजा फ्लू के लक्षणों पर विशेष निगरानी रखी जाए।

सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर राजेश कुमार ने बताया कि चीन में बच्चों में निमोनिया और इन्फ्लूएंजा फ्लू के मामले बढ़ने पर स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से राज्य में सर्विलांस बढ़ाने के दिशानिर्देश दिए गए। उन्होंने कहा कि राज्य में अभी तक इस तरह का कोई मामला नहीं है, लेकिन एहतियात के तौर पर सभी जिलों को भी अस्पतालों में विशेष निगरानी रखने के लिए निर्देश दिए गये हैं। इसको लेकर विस्तृत गाईडलाइन जारी कर दी गई है। राज्य के सभी जिला अधिकारियों, मुख्य चिकित्साधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि अपने-अपने जनपद में निमोनिया और इन्फ्लूएंजा फ्लू रोगियों के उपचार के लिए आईसोलेशन बेड/वार्ड, ऑक्सीजन बेड, आईसीयू बेड, वेंटिलेटर, ऑक्सीजन सिलेंडर की प्रयाप्त मात्रा में व्यवस्था की जाये।

एक नजर स्वास्थ्य विभाग उत्तराखंड द्वारा जारी की गई गाईडलाइन पर

सीजनल इन्फ्लुएंजा, मायकोप्लाज्मा निमोनिया, SARS-CoV-2 आदि श्वसन तंत्र सम्बंधित रोगों से बचाव एवं नियंत्रण विषयक।

वर्तमान में चीन देश में सीजनल इन्फ्लुएंजा, मायकोप्लाज्मा निमोनिया, SARS- CoV-2 आदि श्वसन तंत्र सम्बंधित रोगियों (विशेषकर बच्चों में) की संख्या में निरंतर वृद्धि दर्ज की जा रही है। आगामी माहों में शीत ऋतु के आगमन के साथ ही विभिन्न श्वसन तंत्र सम्बंधित रोगों यथा कोविड-19, सीजनल इन्फ्लूएंजा (H1N1, H3N2) एवं Influenza like Illness (ILI) व Severe Acute Respiratory Illness (SARI) के प्रसारण की संभावना भी बढ़ जाती है। इसी कम में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति एवं स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा DO No. T- 18015/80/2023-IDSP (Pt.1) दिनांक 25.11.2013 प्रेषित किया गया है। अतः उपरोक्तानुसार इन्फ्लुएंजा / निमोनिया रोगों की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए निम्नलिखित दिशा-निर्देशों का जनपद स्तर पर अनुपालन करना सुनिश्चित करें।

1 :- भारत सरकार द्वारा प्रदत दिशा निर्देश “Operational guidelines for revised surveillance strategy in context of COVID-19” (संलग्न) का अनुपालन सुनिश्चित किया जाए।

2 :- सभी चिकित्सालयों में इन्फ्लुएंजा / निमोनिया रोगियो के उपचार हेतु पर्याप्त आईसोलेशन बेड/वार्ड, आक्सीजन बेड, आई०सी०यू० बेड, वेंटिलेटर, आक्सीजन सिलेण्डर इत्यादि की व्यवस्था सुनिश्चित रखें।

3 :- समस्त चिकित्सालयों (मेडिकल कॉलेज/जिला/बेस/संयुक्त/ सी०एच०सी०/पी०एच०सी० स्तर तक) में आवश्यक औषधियों (Oseltamivir Cap./Syp., /antibiotics etc), सामग्री (PPE, N-95 Mask, VTM etc) की उपलब्धता एवं चिकित्सक, नर्सिंग स्टाफ की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित रखी जाये।

4 :- चिकित्सालय एवं समुदाय स्तर पर Influenza like Illness (ILI)/Severe Acute Respiratory Illness (SARI) के लक्षणों वाले रोगियों की सघन निगरानी की जाये। उक्त सभी रोगियों का विवरण अनिवार्य रूप से आई०डी०एस०पी० के अंतर्गत Integrated Health Information Platform (IHIP) पोर्टल में प्रविष्ट किया जाये।

5 :- SARI के लक्षणों से ग्रसित रोगियों के Nasal & Throat Swab samples जांच हेतु निकटवर्ती मेडिकल कॉलेज जांच केन्द्रों में संदर्भित किये जायें।

6 :- समुदाय स्तर पर यदि किसी जगह ILI/SARI केस की क्लस्टरिंग मिलती है तो वहां पर जांच सुविधा की उपलब्धता एवं त्वरित नियन्त्रण एवं रोकथाम कार्यवाही की जाये।

7 :-आई०डी०एस०पी० कार्यकम के अर्न्तगत गठित रैपिड रेस्पान्स टीम को इन्फ्लुएंजा / निमोनिया रोग से होने वाली किसी भी असामान्य स्थिति की निरन्तर मॉनिटरिंग तथा नियन्त्रण हेतु त्वरित कार्यवाही हेतु निर्देश दिये जायें।

8 :- इन्फ्लुएंजा / निमोनिया सम्बंधित रोगों के संचरण से बचाव हेतु आम जनमानस में जागरूकता हेतु विभिन्न माध्यमों से व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाये

1 :- बच्चों एवं बुर्जुगों तथा किसी अन्य गम्भीर रोग से ग्रसित लोगों में विशेष सावधानी बरती जाये।

2 :- छींकते या खांसते समय नाक और मुंह को ढकने के लिए रुमाल / टिश्यू का इस्तेमाल करना।

3 :- साबुन पानी से हाथों को स्वच्छ रखना।

4 :- सार्वजनिक स्थानों पर थूकने से परहेज करना।

5 :- ILI/SARI के लक्षण होने पर चिकित्सकीय परामर्श लेना तथा चिकित्सकीय परामर्श पर ही औषधि का सेवन करना।

नई दिल्ली में दो दिवसीय आरोग्य मंथन कार्यक्रम का समापन, उत्तराखंड को आयुष्मान उत्कृष्ठ अवार्ड-2023 के दो पुरस्कारों से नवाजा गया

आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबीपीएम-जय) के पांच साल और आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) के दो साल पूरे होने पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ‘आरोग्य मंथन’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। आज नई दिल्ली के विज्ञान भवन में इस दो दिवसीय कार्यक्रम का समापन हो गया। इस दौरान दोनों योजनाओं से संबंधित चुनौतियों, रुझानों और सर्वाेत्तम प्रथाओं पर चर्चा और विचार-विमर्श किया गया। आरोग्य मंथन 2023 में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने समापन सत्र को संबोधित किया। कार्यक्रम में राज्य मंत्री (स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण) प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल, नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वीके पॉल, सचिव (स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण), सुधांश पंत और राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) भी उपस्थित रहे।

वहीं ‘आरोग्य मंथन’ कार्यक्रम में बेहत्तर कार्य करने वाले राज्यों को सम्मानित भी किया गया। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने राज्य के स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार को आयुष्मान उत्तराखंड अवार्ड 2023 के दो पुरस्कारों से नवाजा। यह राष्ट्रीय पुरस्कार राज्य को आयुष्मान क्लेम सेटलमेंट औऱ डेली क्विक ऑडिट सिस्टम के सफल किर्यान्वयन के क्षेत्र में बेहत्तर कार्य करने के लिए दिया गया है।

आपको बता दें उत्तराखंडवासियों के लिए आयुष्मान योजना वरदान साबित हो रही है। समाज का कमजोर व मध्यम वर्ग परिजन की बीमारी में अपने जेवर व मकान बेचने की स्थिति में आ जाता था। उपचार बेहद महंगे होने के कारण गरीब तबके के मरीज प्राइवेट अस्पतालों में भर्ती होने की हिम्मत नहीं जुटा पाते थे। लेकिन अब वो समय है कि बीमार होते ही गरीब पूरे अधिकार के साथ सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल में अपना उपचार करा सकते हैं, वो भी पूरी तरह मुफ्त में। ऐसा संभव किया जरूरतमंदो का सहारा बनी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई वाली केन्द्र की भाजपा सरकार ने। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू की गई आयुष्मान योजना ने समाज के कमजोर वर्ग को संबल प्रदान करने का कार्य किया है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत के दिशा निर्देशों में उत्तराखंड में आयुष्मान योजना की प्रगति अन्य राज्यों के मुकाबले सबसे बेहत्तर है। इसी का नतीजा है कि केन्द्र सरकार ने क्लेम सेटलमेंट में उत्तराखंड को राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा है। नई दिल्ली में आज राज्य के स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने यह पुरस्कार ग्रहण किया। उत्तराखंड समूचे भारतवर्ष में एकमात्र ऐसा राज्य है जो अपने प्रदेश के समस्त नागरिकों (लगभग 25 लाख परिवार) को ‘अटल आयुष्मान योजना’ के तहत स्वास्थ्य सुरक्षा की गारंटी दे रहा है। तमाम गंभीर रोगों से ग्रस्त लोगों को इस योजना के लाभ से नई जिंदगी मिली है। ऐसा कोई गांव, कस्बा या शहर नहीं जहां इस योजना का लाभान्वित व्यक्ति आपको न मिले।

आयुष्मान क्लेम में उत्तराखंड का बेहतर काम
उत्तराखंड को आयुष्मान योजना में क्लेम भुगतान में बेहतर काम करने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया गया। नई दिल्ली में आयोजित होने वाले कार्यक्रम में राज्य को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया गया। आयुष्मान योजना में कार्ड धारकों को पांच लाख तक के मुफ्त इलाज के लिए प्रदेश में 248 अस्पताल सूचीबद्ध हैं। इसमें 102 सरकारी और 146 निजी अस्पताल शामिल हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) की ओर से क्लेम भुगतान करने के लिए 15 दिन के मानक निर्धारित किए हैं। लेकिन उत्तराखंड में सात दिन के भीतर अस्पतालों को क्लेम का भुगतान किया जा रहा है। अस्पताल कार्ड धारक मरीज के इलाज पर आने वाले खर्च का क्लेम राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण को भेजते हैं। प्राधिकरण की ओर से क्लेम का ऑडिट किया जाता है। जिसके बाद अस्पतालों को भुगतान किया जाता है। बता दें कि 2022 में उत्तराखंड को आयुष्मान योजना में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया गया था।

उत्तराखंड मॉडल अपनायें अन्य राज्य
राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने इलाज के बिलों में फर्जीवाड़ा करने वाले निजी अस्पतालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की। साथ ही गलत तरीके से प्राप्त क्लेम राशि की वसूली कर योजना से बाहर किया। स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी फर्जीवाड़े रोकने पर राज्य की सराहना की थी। साथ ही सभी राज्यों को उत्तराखंड के मॉडल को अपनाने को कहा था।

52 लाख से अधिक लोगों के आयुष्मान कार्ड
प्रदेश में 52 लाख से अधिक लोगों के आयुष्मान कार्ड बन चुके हैं। इसमें अब तक 8.28 लाख कार्ड धारक मरीजों को निशुल्क इलाज पर सरकार ने 1554 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। आपको बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी बाजपेई की स्मृति में शुरू की गई इस योजना को आज दुनिया की सबसे बड़ी हेल्थ स्कीम माना जाता है। पूरे देश में 25 दिसंबर 2018 को इस योजना की जब शुरूआत हुई तो उत्तराखंड के गरीब तबके के करीब 5.25 लाख लोगों को इसमें शामिल किया गया। उत्तराखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस योजना की अहमियत को समझते हुए हर उत्तराखंडी को इसका लाभ देने का फैसला लिया। योजना का नतीजा यह हुआ कि उत्तराखंड के सरकारी या प्राइवेट अस्पतालों में कहीं भी लोग पांच लाख रुपये तक अपना और परिजनों का मुफ्त में इलाज करा सकते हैं। आज इस योजना में लोग कैंसर, हार्ट, गुर्दा रोग जैसी जटिल बीमारियों का मुफ्त इलाज करा रहे हैं।

स्वास्थ्य विभाग से खबर, राज्य में 6 सितम्बर से 2 अक्टूबर तक चलेगा जन जागरूकता अभियान

आम लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से आगामी 6 सितम्बर से 2 अक्टूबर तक प्रदेशभर में स्वास्थ्य जन जागरूकता अभियान चलाया जायेगा। जिसके तहत कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर्से गांव-गांव जाकर लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण करेंगे। इसके अलावा टीबी एवं मोतिया बिंद मरीजों का चिन्हिकरण, आयुष्मान योजना की जानकारी देने के साथ ही तम्बाकू मुक्त अभियान के प्रति लोगों को जागरूक करेंगे। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत प्रदेश के सभी तेरह जनपदों में विभिन्न श्रेणी के 1071 रिक्त पदों को शीघ्र भरा जायेगा।

चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने आज स्वास्थ्य महानिदेशालय देहरादून में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) की समीक्षा बैठक ली। जिसमें उन्होंने एनएचएम के अंतर्गत विभिन्न श्रेणी के 1071 पदों को न भरे जाने पर हैरानी जताई। उन्होंने एनएचएम के अधिकारियों एवं मुख्य चिकित्साधिकारियों को एक माह के भीतर सभी रिक्त पदों को आउट सोर्स के माध्यम से भरने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि प्रदेशभर के सरकारी अस्पतालों में टेक्नीशियन एवं पैरा मेडिकल स्टॉफ की कमी को दूर करने के लिये एनएचएम के तहत स्वीकृत पदों को शीघ्र भरा जाना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि आम लोगों को सुलभ स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से आगामी 6 सितम्बर से 2 अक्टूबर तक प्रदेशभर में स्वास्थ्य जन जागरूकता अभियान चलाया जायेगा। अभियान के तहत प्रदेशभर में तैनात एक हजार से अधिक कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर्स (सीएचओएस) प्रत्येक माह 10-10 गांव में जाकर लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण करेंगे, साथ ही टीबी एवं मोतिया बिंद के मरीजों का चिन्हिकरण भी करेंगे। इसके अलावा आम लोगों को आयुष्मान योजना, तम्बाकू मुक्त एवं टीबी मुक्त उत्तराखंड अभियान की भी जानकारी देंगे।

बैठक में विभागीय मंत्री ने कुमाऊं मण्डल के मुख्य चिकित्साधिकारियों एवं जिला परियोजना प्रबंधक एनएचएम के साथ विभिन्न योजनाओं की जनपदवार समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने सभी सीएमओ को निर्माण कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिये। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि जो कार्यदायी संस्थाएं डीपीआर के अनुरूप समय पर कार्य नहीं कर पा रही है उनको बदलने की कार्यवाही अमल में लाई जाय। उन्होंने निर्माण कार्यों की यूसी प्रत्येक माह महानिदेशालय एवं शासन को उपलब्ध कराने के निर्देश भी मुख्य चिकित्साधिकारियों को दिये।

बैठक में महानिदेशक स्वास्थ्य डॉ0 शैलजा भट्ट, अपर सचिव अमनदीप कौर, निदेशक डॉ0 विनीता शाह, निदेशक कुमाऊं मंडल डॉ0 तारा आर्या, निदेशक एनएचएम डॉ0 सरोज नैथानी, निदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ0 आशुतोष सयाना, वित्त नियंत्रक खजान चंद पाण्डेय, कुमाऊं मंडल के सीएमओ एवं डीपीएम सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

एक सप्ताह में तैनात करने होंगे प्रभारी एसीएमओ
स्वास्थ्य मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने स्वास्थ्य महानिदेशक को विभिन्न जनपदों में एसीएमओ के रिक्त पदों पर एक सप्ताह के भीतर प्रभारी एसीएमओ तैनात करने के निर्देश दिये है। उन्होंने कहा कि जनपद स्तर पर कार्यां की अधिकता एवं केन्द्र पोषित योजनाओं के त्वरित क्रियान्वयन के लिये एसीएमओ की तैनाती की जानी अति आवश्यक है। उन्होंने महानिदेशक को विभाग में लम्बे समय से रिक्त पदोन्नति के पदों को भी शीघ्र डीपीसी करा कर भरने के निर्देश दिये।

एनएचएम के अंतर्गत विभिन्न जनपदों में रिक्त हैं ये पद
देहरादूनः राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत प्रदेश के 13 जनपदों में विभिन्न श्रेणी के 1071 रिक्त पदों को आउट सोर्स के माध्यम से भरा जायेगा। जिनमें सर्विस डिलीवरी के तहत एएनएम, स्टॉफ नर्स, लैब टेक्नीशियन, मेडिकल ऑफिसर, विशेषज्ञ चिकित्सक, सीएचओ, आयुष चिकित्सक, कॉउंसलर एवं अन्य सेवाओं के 960 तथा प्रोग्राम मैनेजमेंट के अंतर्गत एसपीएमयू, एसएचएसआरसी, डीपीएमयू तथा बीपीएमयू के 111 पद रिक्त हैं। निदेशक एनएचएम डॉ0 सरोज नैथानी ने बताया कि सभी रिक्त पदों को एनएचएम की आउट सोर्स एजेंसी टी एंड एम के माध्यम से जनपदवार भरा जायेगा। इसके लिये अभ्यर्थियों को संबंधित एजेंसी की अधिकृत बेवसाइट www.tnmhr.com पर आवेदन करना होगा। इसके उपरांत जनपद स्तरीय कमेटी द्वारा अर्हता पूर्ण करने वाले अभ्यर्थियों का चयन किया जायेगा।