संस्कृत विद्यालयों की मान्यता हेतु शीघ्र जारी होगा आदेश

लंबे समय से शासन स्तर पर लम्बित पड़ी संस्कृत शिक्षा विभाग की नियमावली को शीघ्र जारी कर किया जायेगा। विभाग के अंतर्गत विभिन्न संस्थाओं में लम्बे समय से रिक्त पदों को आवश्यकतानुसार प्रतिनियुक्ति एवं सेवा स्थानांतरण के माध्यम से भरा जायेगा। संस्कृत शिक्षा के अंतर्गत आगामी 8 अप्रैल से 21 अप्रैल तक आयोजित होने वाली बोर्ड परीक्षाओं को नकल विहीन एवं पारदर्शिता के साथ आायेजित करने को कहा गया है। नये शैक्षिक सत्र को देखते हुये संस्कृत विद्यालयों की मान्यता हेतु शीघ्र कार्यकारी आदेश जारी करने के निर्देश विभागीय सचिव को दिये गये हैं।
संस्कृत शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने विधानसभा स्थित सभाकक्ष में संस्कृत विभाग की समीक्षा बैठक ली। डा. रावत ने बताया कि संस्कृत शिक्षा बोर्ड के तहत आगामी 8 अप्रैल से 21 अप्रैल के मध्य आयोजित होने वाली हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट की बोर्ड परीक्षआों को नकल विहीन एवं पारदर्शिता के साथ आयोजित करने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दे दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि संस्कृत शिक्षा के विभागीय ढांचे को मजबूत करने के लिये शीघ्र ही विभागीय नियमावली को जारी कर दिया जायेगा, इसके अलावा विभाग के अंतर्गत विभिन्न संस्थाओं में लम्बे समय से रिक्त चल रहे पदों को प्रतिनियुक्त एवं सेवा स्थानांतण के आधार पर शीघ्र भरने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दे दिये गये हैं ताकि विभागीय कार्यों में किसी तरह का व्यवधान न आये। विभागीय मंत्री ने बताया कि प्रत्येक जनपद में एक-एक सस्कृत गांव की स्थापना की जानी है, जिसकी चयन प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दे दिये गये हैं। उन्होंने बताया कि संस्कृत एवं संस्कृत शिक्षा को को बढ़ावा देने के लिये उत्तराखंड संस्कृत अकादमी द्वारा विभिन्न योजनाएं संचालित की जा रही है जिसके तहत पूर्व मध्यमा, उत्तर मध्यमा, शास्त्री, आचार्य तथा प्रदेश के हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट कक्षाओं तथा विश्वविद्याल स्तर पर स्नातक एवं परास्नातक के छात्र-छात्राओं को संस्कृत विषय में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने पर प्रथम तीन स्थान प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया जायेगा। इसके अलावा प्राथमिक संस्कृत विद्यालयों में अध्ययनरत एवं पंजीकृत छात्र-छात्राओं को निःशुल्क पाठ्य पुस्तकें प्रदान की जायेगी। अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के छात्र-छात्राओं को संस्कृत छात्रवृति प्रदान की जायेगी। शोध छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत राज्य के विश्वविद्यालयों के संस्कृत विभाग में पंजीकृत 10 शोध छात्रों को एक वर्ष के लिये 30 हजार रूपये की छात्रवृत्ति प्रदान की जायेगी। संस्कृत विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में शिक्षण सहायता योजना के तहत 20 विद्यालयों एवं महाविद्यालयों को वित्तीय अनुदान दिया जायेगा। अशासकीय संस्कृत विद्यालयों में संसाधनों की न्यूनता पूर्ण करने की दृष्टि से कम्प्यूटर, फर्नीचर आदि के क्रय करने हेतु 50 हजार रूपये का अनुदान दिया जायेगा।
बैठक में सचिव संस्कृत शिक्षा डा. चन्द्रेश कुमार, निदेशक संस्कृत शिक्षा एस.पी.खाली, सचिव उत्तराखंड संस्कृत शिक्षा परिषद डॉ. वाजश्रवा आर्य, उपनिदेशक पदमाकर मिश्र, कुलसचिव संस्कृत विश्वविद्यालय गिरीश कुमार अवस्थी, सहायक निदेशक चंडी प्रसाद घिल्डियाल, शोध अधिकारी डा. हरीश गुरूरानी, महामंत्री संस्कृत शिक्षक संघ डा. नवीन पंत सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

’17-18 मार्च को होगा अखिल भारतीय संस्कृत शोध सम्मेलन’
संस्कृत शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि संस्कृत शिक्षा के अंतर्गत अनुसंधान की संभावनाएं एवं अनुसंधान कौशल विषय पर दो दिवसीय अखिल भारतीय संस्कृत शोध सम्मेलन का आयोजन आगामी 17-18 मार्च को अकादमी परिसर हरिद्वार में आयोजित किया जा रहा है। जिसमें देश के विभिन्न राज्यों से संस्कृत के विद्वान, आचार्य, शिक्षक एवं शोध छात्र-छात्राएं प्रतिभाग करेंगे। इसी प्रकार आदमी द्वारा संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने के लिये समय-समय पर अखिल भारतीय संस्कृत कवि सम्मेलन तथा अखिल भारतीय ज्योतिष एवं वास्तु सम्मेलनों का आयोजन किया जाता रहा है।

मुख्य सचिव ने ली एलोपैथिक चिकित्सकों को आयुर्वेंद का प्रशिक्षण के संबंध में बैठक

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने अधिकारियों के साथ आयुष विभाग द्वारा एलोपैथिक चिकित्सकों को आयुर्वेद का प्रशिक्षण दिए जाने के सम्बन्ध में बैठक ली।

मुख्य सचिव ने कहा कि एलोपैथी और आयुर्वेद को एक दूसरे के विरोधाभाषी के तौर पर न देख कर एक दूसरे के पूरक के रूप में देखना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस प्रशिक्षण का उद्देश्य यह होना चाहिए कि एलोपैथिक चिकित्सकों के मन में जो आयुर्वेद को लेकर विरोधी मानसिकता और शंकाएं हैं, उन्हें दूर किया जा सके। उन्होंने कहा कि एलोपैथिक चिकित्सकों को आयुर्वेद के प्रशिक्षण के दौरान तथ्यों एवं आवश्यक दस्तावेजों के साथ प्रस्तुतिकरण दिया जाए।

मुख्य सचिव ने कहा कि आयुर्वेद को मात्र एक चिकित्सा पद्धति के रूप में न देखते हुए एक जीवन शैली के रूप में देखना चाहिए। यह मात्र बीमारियों का इलाज ही नहीं करती बल्कि आयुर्वेद को अपनाकर हम अपने शरीर को बीमारियां होने से रोक भी सकते हैं। इसे हमारी दिनचर्या का हिस्सा बनाने के लिए इसके प्रभावों और होने वाले लाभों को आमजन तक पहुंचाना होगा। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद, योग, नेचुरोपैथी, यूनानी और होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति के विकास से उत्तराखण्ड को विभिन्न प्रकार से लाभ हो सकता है। उन्होंने कहा कि ऋषिकेश पूरे विश्व में योग के लिए जाना जाता है। योग और आयुर्वेद उत्तराखण्ड की आर्थिकी में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। इसे अधिक से अधिक बढ़ावा दिया जाए।

बैठक में बताया गया कि आयुष विभाग शीघ्र ही एलोपैथिक चिकित्सकों के लिए 6 दिवसीय आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति से सम्बन्धित प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत आयुर्वेद के सम्बन्ध में तथ्यों और सबूतों के माध्यम से बहुत सी भ्रांतियां दूर की जाएंगी। प्रशिक्षण कार्यक्रम का संचालन उत्तराखण्ड आयुर्वेद यूनिवर्सिटी के माध्यम से किया जायेगा।

इस अवसर पर सचिव डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय एवं आर. राजेश कुमार सहित उत्तराखण्ड आयुर्वेद यूनिवर्सिटी और एचएनबी उत्तराखण्ड मेडिकल यूनिवर्सिटी के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

केंद्रीय ऊर्जा मंत्री का सीएम ने किया आभार

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह से भेंट कर माह मार्च-2023 के लिए उत्तराखण्ड राज्य को केन्द्रीय पूल से 300 मेगावाट अतिरिक्त विद्युत प्रदान किये पर धन्यवाद दिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरणीय कारणों से राज्य में निर्माणाधीन जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण में विलम्ब अथवा इनके माननीय न्यायालयों में विचाराधीन होने के फलस्वरूप विद्युत मांग के सापेक्ष विद्युत उपलब्धता में कमी है। इसके अतिरिक्त प्रदेश में बेस लोड हेतु तापीय विद्युत गृह का उपलब्ध न होने, बीती शीत ऋतु में कम वर्षा एवं बर्फबारी के फलस्वरूव अभी से ही नदियों में कम जलस्तर के फलरूवरूव प्रदेश के जलविद्युत उत्पादन में कमी परिलक्षित होने के कारण उत्तराखण्ड राज्य की विद्युत मांग एवं उपलब्धता में वर्ष 2023-24 में औसतन 400 मेगावाट का अन्तर अनुमानित है।

मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड राज्य को इस संभावित विद्युत संकट मुक्त करने हेतु केन्द्रीय पूल से मार्च-2024 तक की अवधि हेतु 400 मेगावाट अतिरिक्त कोटा उपलब्ध कराये जाने का अनुरोध किया। जिस पर केंद्रीय मंत्री द्वारा सकारात्मक निर्णय का आश्वासन प्रदान किया गया।

मुख्यमंत्री ने टीएचडीसी, खुर्जा के आवंटन पर पुर्नविचार किए जाने अथवा उत्तराखण्ड राज्य की ऊर्जा सुरक्षा को संबल प्रदान जाने के उद्देश्य से इस पावर स्टेशन की 133 मेगावाट की अनावंटित क्षमता, उत्तराखण्ड राज्य को आवंटित करने का भी अनुरोध किया।

केंद्रीय ऊर्जा मंत्री ने कहा कि प्रदेश हेतु बेस लोड विधुत गृह कोयला की उपलब्धता वाले प्रदेशों में स्थापित करने के लिए केंद्र सरकार उत्तराखंड राज्य को आवश्यक सहयोग प्रदान करेगी।

प्रदेश की लंबित जल विधुत परियोजनाओं पर शीघ्र ही प्रधानमंत्री कार्यालय स्तर पर बैठक आयोजित की जायेगी।
केंद्रीय दल द्वारा उत्तराखंड में विधुत आपूर्ति और आवश्यकता का अध्ययन कर आगे की कार्ययोजना तैयार की जाएगी जोशीमठ में आपदा प्रभावित क्षेत्रों में एनटीपीसी द्वारा सीएसआर मद में पुनर्निर्माण कार्यों में मदद हेतु भी आश्वासन प्रदान किया गया। लोहारी नागपाला परियोजना में सुरक्षा कार्य पूर्ण करते हुए योजना को उत्तराखंड राज्य को हस्तगत कराने का भी निर्णय लिया गया।केंद्रीय मंत्री ने उत्तराखंड स्थित गैस पावर प्लांट के पुनः संचालन का भी सुझाव दिया।

बैठक में केन्द्रीय ऊर्जा मंत्रालय के अधिकारी, उत्तराखंड के सचिव ऊर्जा आर मीनाक्षी सुंदरम सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

चारधाम यात्रा की तैयारियों को लेकर सीएम के निर्देश पर हुई बैठक

उत्तराखण्ड में आगामी माह से शुरू होने चारधाम यात्रा की तैयारियों को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में शुक्रवार को सचिवालय में चारधाम यात्रा से जुड़े होटल व्यवसायियों, तीर्थपुरोहित समाज व टूर ऑपरेटर्स के साथ बैठक आयोजित की गई।

अपर मुख्य सचिव ने कहा कि पिछले वर्ष चारधाम यात्रा में जितनी संख्या में श्रद्धालु पहुँचे थे, इस बार उससे अधिक आने की संभावना है, लिहाज़ा सरकार हर स्तर पर तैयारियों की समीक्षा कर रही है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री धाम में कपाट खुलने से पहले बिजली- पानी की व्यवस्था को सुचारू कर दिया जाए। अपर मुख्य सचिव ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को और भी सुलभ बनाए जाने के निर्देश दिए। अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने चारधाम यात्रा से जुड़े सभी प्रतिनिधियों से अपील करते हुए कहा कि चारधाम यात्रा को लेकर पूरे देश में सकारात्मक संदेश जाए उस दिशा में हम सबको सामूहिक प्रयास करना होगा। उन्होंने कहा कि देश दुनिया में हमारे प्रदेश की छवि पर्यटन प्रदेश कि रूप में है ऐसे में हम सबको को इस बात को ध्यान रखना होगा कि जो भी यात्री प्रदेश में आए वह एक अच्छा अनुभव लेकर वापस जाए।

बैठक में सचिव पर्यटन सचिन कुर्वे ने कहा जानकारी देते हुए बताया कि इस वर्ष चारधाम यात्रा के लिए गुरुवार तक 2 लाख 12 हज़ार से अधिक पंजीकरण हो चुके हैं। चारधाम यात्रियों को पंजीकरण के लिए 65 दिनों का समय दिया गया है, इसके अलावा यात्रियों की सुविधा हेतु ऑन कॉल पंजीकरण और व्हास्ट्सएप्प के माध्यम से पंजीकरण की व्यवस्था भी लागू की गई है।

सचिव पर्यटन ने बताया कि हेलीकॉप्टर सेवा के पंजीकरण के लिए और भी बेहतर और पारदर्शी व्यवस्था इस वर्ष लागू की जा रही है।

बैठक के दौरान गंगा सभा के अध्यक्ष संजीव सेमवाल ने गंगोत्री धाम में नए घाट निर्माण को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और राज्य सरकार का आभार प्रकट किया। उत्तरकाशी होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष शैलेंद्र मटूड़ा ने पार्किंग संबंधी सुझाव दिए। इस दौरान उत्तराखण्ड टूर ऑपरेटर एसोसिएशन के अभिषेक आहलूवालिया, चारधाम महापंचायत से डॉ बृजेश सती, गंगोत्री तीर्थपुरोहित समाज से रजनीकांत सेमवाल ने भी महत्वपूर्ण सुझाव दिये। इस दौरान अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि बैठक में विभिन्न धामों से आये प्रतिनिधियों द्वारा जो भी महत्वपूर्ण सुझाव दिये गये हैं उन्हें माननीय मुख्यमंत्री को भी अवगत कराया जाएगा।

इस दौरान मुख्यमंत्री के पूर्व जनसंपर्क अधिकारी किशोर भट्ट, बदरीनाथ होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश मेहता समेत चारों धामों के प्रतिनिधि मौजूद रहे।

केंद्रीय मंत्री से मिले सीएम धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में केंद्रीय मंत्री, भारी उद्योग मंत्रालय डॉ महेन्द्र नाथ पाण्डेय से शिष्टाचार भेंट की।

मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से राज्य में इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन जल्द बनाने के लिए अनुरोध किया। उत्तराखंड में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स एवं बैटरी उत्पाद में निवेश के लिए सहायता का अनुरोध किया। साथ ही ऑटोमोटिव उद्योग में नवाचार और नई तकनीक पर शोध एवं प्रोत्साहन के लिए उत्तराखंड में इंडस्ट्री पार्टनर के साथ सेंटर ऑफ एक्सीलेंस शुरू करवाने का आग्रह किया ताकि प्रदेश में दक्षता विकास, औद्योगिक विकास के साथ साथ औद्योगिक निवेश भी आये। राज्य में निवेश बढ़ने से रोज़गार सृजन के अवसर बढ़ेंगे।

केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री डॉ महेंद्र नाथ पांडेय ने राज्य में औद्योगिक विकास के लिए केंद्र सरकार से हर संभव सहयोग के प्रति आश्वस्त किया।

कमेटी बनाकर विभाग ट्रेफिक कन्जेशन को कम करने के लिए प्रत्येक सप्ताह करेंगे बैठक

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने देहरादून में यातायात संकुलन को कम करने हेतु सभी सम्बन्धित विभागों के साथ बैठक की। मुख्य सचिव ने कहा कि जिलाधिकारी की अध्यक्षता में सभी सम्बन्धित विभागों की एक कमेटी बनायी जाए, जो ट्रेफिक कन्जेशन को कम करने के लिए प्रत्येक सप्ताह बैठक आयोजित करेगी।

मुख्य सचिव ने कहा कि शहर के यातायात संकुलन कम करने की दिशा में लगातार अनुश्रवण प्रणाली की देखरेख के लिए यूनिफाइड मेट्रोपोलिटन ट्रांसपोर्टेशन अथॉरिटी पाक्षिक रूप से बैठक आयोजित कराएगी। उन्होंने कहा कि यातायात संकुलन को कम करने के लिए आमजन का पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर विश्वास जगाना आवश्यक है। पब्लिक ट्रांसपोर्ट की फ्रीक्वेंसी बढ़ाई जाए। साथ ही वाहनों की टाइमिंग भी सुनिश्चित किया जाए। अधिक से अधिक तकनीक का प्रयोग करते हुए प्रत्येक बस स्टॉप पर अगली आने वाली बस के पहुंचने का समय भी प्रदर्शित किया जाना चाहिए। कहा कि इसके लिए शीघ्र से शीघ्र शहर के भीतर ट्रांसपोर्ट सिस्टम को सुनियोजित तरीके से मजबूत किए जाने की आवश्यकता है।

मुख्य सचिव ने कहा कि यातायात संकुलन को कम करने के लिए तीन ई इंजीनियरिंग, इन्फोर्समेंट और एजुकेशन पर फोकस किए जाने की आवश्यकता है। जहां पर इंजीनियरिंग से यातायात में सुधार हो सकता है, तुरंत शुरू किया जाए। यातायात संकुलन को रोकने के लिए नियमों का अनुपालन सुनिश्चित कराया जाए। नो पार्किंग एरिया में गाड़ी पार्क करने वालों पर अधिक से अधिक चालान किए जाएं। इसके लिए ड्रोन कैमरों का अधिक से अधिक प्रयोग किया जाए।

मुख्य सचिव ने कहा कि शहर में स्कूल बसों से लगने वाले जाम को कम करने के लिए प्रत्येक स्कूल में जाकर वहां की परिस्थितियों के अनुसार अलग प्लान तैयार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि फील्ड पर यातायात कंट्रोल के लिए ट्रेफिक पुलिस काम कर रही है। ट्रेफिक को सुधारने के लिए सबसे अच्छा फीडबैक इन्हीं से मिल सकता है। इसके लिए ट्रेफिक फीडबैक सिस्टम विकसित किया जाए। आमजन में यातायात संकुलन को कम करने के लिए शिक्षित किए जाने की अत्यधिक आवश्यकता है। उन्होंने इसके लिए लघु फिल्मों के माध्यम से प्रचार प्रसार विशेषकर स्कूली बच्चों में अधिक से अधिक शिक्षित किए जाने की दिशा में कार्य किया जाए।

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, सचिव अरविन्द सिंह ह्यांकी, प्रबन्ध निदेशक उत्तराखण्ड मेट्रो रेल कारपोरेशन जितेन्द्र त्यागी, निदेशक यातायात मुख्तार मोहसिन, जिलाधिकारी देहरादून सोनिका, एसएसपी देहरादून दिलीप सिंह कुंवर, मुख्य नगर अधिकारी मनुज गोयल, उपाध्यक्ष एमडीडीए बंशीधर तिवारी एवं एसपी ट्रैफिक अक्षय प्रह्लाद कोण्डे सहित अन्य सम्बन्धित विभागों के उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

सीएम ने टनकपुर में ली हॉट एयर बैलून एवं पैरामोटर के संबंध में विशेषज्ञों से जानकारी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने टनकपुर पूर्णागिरि भ्रमण के दौरान किरोड़ा नाला, टनकपुर में पूर्णागिरि मेले के दौरान आयोजित हॉट एयर बैलून एवं पैरा मोटर एडवेंचर एक्टिविटीज का शुभारंभ किया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हॉट एयर बैलून एवं पैरामोटर के संबंध में विशेषज्ञों से जानकारी ली। उन्होंने जिला अधिकारी चंपावत को निर्देशित करते हुए कहा कि इस तरह की गतिविधियों को जिले के अन्य जगहों पर भी शुरू किया जाए। उन्होंने कहा जिले के अन्य स्थान जहां भी हॉट एयर बैलून एवं पैरामोटर स्पोर्ट्स को शुरू किया जा सकता है उन स्थानों को भी चिह्नित कर विकसित किया जाए।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हॉट एयर बैलून एवं पैरामोटर एडवेंचर एक्टिविटीज से क्षेत्र के युवाओं को भी जोड़ा जाए ताकि अधिक से अधिक युवा साहसिक गतिविधियों से जुड़ सकें और इस क्षेत्र में अपना स्वरोजगार अपना सकें। उन्होंने कहा इससे स्थानीय लोगों को भी अधिक से अधिक रोजगार मिलेगा।

इस दौरान स्थानीय महिलाओं आदि ने क्षेत्र में साहसिक गतिविधियों को बढ़ावा देने हेतु मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।

इस अवसर पर सांसद अजय टम्टा, अध्यक्ष जिला पंचायत ज्योति राय, भाजपा जिला अध्यक्ष निर्मल महरा, प्रदेश मंत्री भाजपा हेमा जोशी, जिला अधिकारी नरेंद्र भंडारी, पुलिस अधीक्षक अमित श्रीवास्तव एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

राफ्टिंग के क्षेत्र में देश विदेश के नक्शे में आए टनकपुरः मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने टनकपुर में टनकपुर-जौलजीबी रोड स्थित चरण मंदिर से बूम तक महाकाली नदी (शारदा नदी) में लगभग 11 कि.मी. राफ्टिंग की।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि महाकाली नदी एवं टनकपुर क्षेत्र भारत के साथ ही पूरे विश्व के नक्शे में आए इसके लिए राज्य सरकार लगातार कार्यरत है। उन्होंने कहा साहसिक खेल को बढ़ावा देकर हम इस क्षेत्र को एक नई पहचान दिलवाना चाहते हैं। आगामी सितंबर माह में महाकाली नदी में नेशनल राफ्टिंग प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी। जिसमें विभिन्न राज्य के प्रतिभागी भाग लेंगे। इस हेतु 50 लाख की धनराशि जारी की गई है। उन्होंने कहा राज्य सरकार के नए उत्तराखंड के संकल्प में साहसिक पर्यटन प्राथमिकता है। इसे बढ़ावा देने के लिए राज्य के विभिन्न स्थानों पर कई कार्य किया जा रहा है। इसी क्रम में टनकपुर क्षेत्र को भी राफ्टिंग से जोड़ने के विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि मां पूर्णागिरि मंदिर में आने वाले श्रद्धालु तीर्थ यात्रा के साथ साहसिक गतिविधियों का भी आनंद लेंगे। इससे स्थानीय लोगों को भी रोजगार मिलेगा। जिससे जिले एवं राज्य की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। उन्होंने कहा पूर्णागिरि मेले में आने वाले श्रद्धालु चंपावत एवं अन्य जिलों के धार्मिक एवं पर्यटन स्थलों तक पहुंचे उस पर भी कार्य किया जा रहा है।

इस दौरान सांसद अजय टम्टा जिलाधिकारी नरेंद्र भंडारी, एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

मां पूर्णागिरी मेले का शुभारंभ कर सीएम ने की पूजा अर्चना

एक दिवसीय चंपावत दौरे पर पहुंचे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने टनकपुर के ठुलीगाड़, पूर्णागिरी मार्ग में आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग करते हुए उत्तर भारत के प्रसिद्ध मां पूर्णागिरि मेले का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने पूजा अर्चना कर प्रदेश में सुख, शांति एवं खुशहाली की कामना की।
इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घोषणा करते हुए कहा कि ककराली गेट, टनकपुर से मां पूर्णागिरि धाम तक यात्रा मार्ग में विद्युत विभाग द्वारा स्ट्रीट लाइट लगाई जाएगी। मां पूर्णागिरि धाम में लगने वाले मेले व्यवस्थाओं के सुचारू संचालन हेतु मंदिर समिति को अनुदान दिया जाएगा। टनकपुर जौलजीबी मोटर मार्ग के बाटनागाड़ में पुल का निर्माण किए जाने, भैरव मंदिर में स्थाई पुलिस चौकी बनाए जाने, पूर्णागिरि क्षेत्र को इको टूरिज्म हब के रूप में विकसित किए जाने, टनकपुर शारदा नदी के तट पर कर्मशाला का निर्माण किए जाने, बनबसा में मुक्तिधाम का निर्माण किए जाने, बनबसा खटीमा सितारगंज होते हुए टनकपुर से राजस्थान खाटूश्याम के लिए बस सेवा शुरू किए जाने, चम्पावत पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग को यातायात हेतु रात्रि में भी खोले जाने, राजकीय प्राथमिक विद्यालय भजनपुर में एक फ्लोर और चार अतिरिक्त कक्ष बनाये जाने, चंपावत में साइंस सेंटर का निर्माण किए जाने, श्री पूर्णागिरी मंदिर घाटी क्षेत्र में हेलीपैड का निर्माण किया जाने एवं आदि कैलाश, ओम पर्वत की यात्रा को जाते वक्त अल्मोड़ा से एवं चम्पावत के रास्ते यात्रा को वापस लाए जाने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने माँ पूर्णागिरि मेले के शुभारंभ अवसर पर बधाई देते हुए कहा कि यह मेरा सौभाग्य है कि आज मुझे इस पावन मेले का शुभारंभ कर मां पूर्णागिरि मैया के चरणों में शीश नवाने का सुअवसर प्राप्त हो रहा है। उन्होंने कहा मां पूर्णागिरि मैया की महिमा से हम सभी भली-भांति परिचित हैं। उन्होंने कहा पूर्णागिरि मेला उत्तर भारत का प्रसिद्ध मेला है जहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु विभिन्न स्थानों से आते हैं। उन्हें प्रत्येक सुविधा मुहैया कराना राज्य सरकार की प्राथमिकता है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सनातन संस्कृति की पताका संपूर्ण विश्व में लहरा रही है और दुनिया भर के देश हमारी प्राचीन संस्कृति और दर्शन से परिचित हो रहे हैं। हमारे धर्म ने कभी भी ’’स्व’’ अर्थात स्वयं की बात नहीं की, इसने सदा ’’सर्व’’ अर्थात सभी की बात की है, यही हमारी विशेषता है। हजारों वर्षों के पश्चात भी विश्व हमारी आस्थाओं और मान्यताओं के सामने नतमस्तक है। हम सभी का यह कर्तव्य है कि हम अपने धर्म मार्ग से कभी विचलित ना हों और अपनी सनातन संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन के लिए सदैव प्रयत्नशील रहें। आज देश में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की भावना पुनः जागृत हुई है। वहीं प्रदेश सरकार भी उत्तराखंड के प्राचीन मंदिरों के पुनर्निर्माण और जीर्णाेद्धार के लिए प्रतिबद्ध है। आध्यात्मिक एवं धार्मिक रूप से उत्तराखंड को देवी-देवताओं की भूमि माना जाता है। यही कारण है कि गढ़वाल मंडल के पर्वतीय क्षेत्रों को भगवान केदारनाथ की भूमि मानते हुए जहां केदारखंड पुकारा जाता है वहीं कुमाऊं मंडल के पर्वतीय क्षेत्रों को कैलाश मानसरोवर की भूमि मानते हुए मानसखंड कहा जाता है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि केदारखंड के मंदिरों को विकसित करने के साथ ही हम मानसखंड कॉरिडोर को भी विकसित करने कि दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। जिसके अंतर्गत कुमांऊ के गोलज्यू मंदिर, पाताल भुवनेश्वर, कोट भ्रामरी, देवीधुरा, कैंचीधाम, बाल सुंदरी तथा मां पूर्णागिरि मंदिर सहित अनेक मंदिरों को चिह्नित किया गया है। गणतंत्र दिवस के अवसर पर “कर्तव्य पथ“ में मानसखंड कॉरिडोर पर आधारित हमारी झांकी को पहली बार प्रथम पुरस्कार मिला। राज्य सरकार उत्तराखंड के पौराणिक धार्मिक स्थलों को विश्व स्तर पर पहचान दिलाने के साथ साथ विकास के ऐसे नए नए आयाम स्थापित करें जिससे उत्तराखंड का नाम पूरे देश में गूंजे। प्रधानमंत्री जी के दिशा निर्देशन में हमारी सरकार आज उत्तराखंड को सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के लिए ’’विकल्प रहित संकल्प’’ के मंत्र के साथ निरंतर कार्य कर रही है।
इस दौरान मुख्यमंत्री धामी द्वारा समूह की महिलाओं द्वारा पूर्णागिरि धाम हेतु तैयार किए गए प्रसाद तथा प्रसाद रखने हेतु समूह की महिलाओं द्वारा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के अंतर्गत पीरुल की टोकरी जो बनाई गई है, उसका भी शुभारंभ किया गया।
सांसद अजय टम्टा ने कहा कि सभी धामों को आगे बढ़ाने हेतु कुमाऊं मंडल के सभी धामों, मंदिरों को मानसखंड में शामिल कर उन्हें आगे बढ़ाने हेतु राज्य सरकार द्वारा ऐतिहासिक कार्य किया जा रहा है।जिससे धार्मिक पर्यटन बढ़ेगा। युवा नेतृत्व में राज्य विकास की सही दिशा में आगे बढ़ रहा है। राज्य सरकार पर्यटन, साहसिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए लगातार कार्यरत है। उन्होंने कहा आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री धामी के दिशा-निर्देशों में प्रत्येक वर्ग का विकास तेजी के साथ किया जा रहा है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पूर्णागिरि मेले में आए श्रद्धालुओं का माल्यार्पण कर स्वागत किया एवं भक्तों द्वारा लगाए गए भंडारे में पहुंचकर प्रसाद ग्रहण किया।
शुभारंभ के अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष ज्योति राय, भाजपा जिला अध्यक्ष निर्मल महरा, पूर्णागिरि मंदिर समिति के अध्यक्ष किशन तिवारी, भाजपा प्रदेश मंत्री हेमा जोशी, नगर पालिका अध्यक्ष टनकपुर विपिन कुमार, नगर पंचायत अध्यक्ष बनबसा रेनू अग्रवाल, जिला अधिकारी नरेंद्र भंडारी, पुलिस अधीक्षक अमित श्रीवास्तव एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

जंगली पिक्चर्स ने सीएम ने सोशल मीडिया के जरिए सीएम का जताया आभार

प्रसिद्ध फिल्म निर्माता कम्पनी जंगली पिक्चर्स ने अपनी फिल्म बधाई दो की शूटिंग और सब्सिडी के लिए उत्तराखण्ड में मिले सहयोग हेतु मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को धन्यवाद दिया है। जंगली पिक्चर्स ने मुख्यमंत्री धामी को अपने सोशल मीडिया पोस्ट (ट्वीट और इंस्टा) पर टैग करते हुए लिखा हैः-
‘‘मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और उत्तराखण्ड फिल्म विकास परिषद का उनके सहयोग और गर्मजोशी से भरे आतिथ्य हेतु हार्दिक धन्यवाद। बधाई दो फिल्म के लिए शूटिंग की अनुमति देने से लेकर सब्सिडी स्वीकृत करने तक उनकी कार्यप्रणाली वास्तव में सराहनीय है। हम एक बार फिर सुरम्य राज्य उत्तराखण्ड में शूटिंग करने के अवसर का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
जंगली पिक्चर्स के इस पोस्ट को बधाई दो के अभिनेता प्रसिद्ध स्टार राजकुमार राव ने अपनी इंस्टा स्टोरी पर शेयर करते हुए लिखा ‘‘धन्यवाद सर’’।
उत्तराखण्ड फिल्म विकास परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी बंशीधर तिवारी ने फिल्म निर्माता को धन्यवाद देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में उत्तराखण्ड में फिल्म निर्माताओं के लिए एक आदर्श वातावरण तैयार करने का प्रयास किया जा रहा है।
बंशीधर तिवारी ने कहा कि राज्य में फिल्म निर्माण को एक उद्योग की भांति बढ़ावा दिया जायेगा। फिल्म निर्माण के क्षेत्र में रोजगार सृजन पर फोकस किया जा रहा है। नई फिल्म नीति में क्षेत्रीय फिल्मों को प्रोत्साहन देने के लिए उनको दी जाने वाली सब्सिडी में उल्लेखनीय वृद्धि प्रस्तावित की गई है।
उन्होंने बताया कि राज्य के अपेक्षाकृत कम प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों पर शूटिंग को प्रोत्साहन देने के लिए भी नीति बना ली गई है। उन्होंने बताया कि राज्य के शूटिंग लोकेशनों और फिल्म निर्माण से जुड़े कलाकारों तथा तकनीशियनों हेतु डायरेक्ट्री बनाने के लिए सूचना संकलन का कार्य प्रारंभ हो गया है। उन्होंने कहा कि हाल में ही लागू की गई निजी औद्योगिक क्षेत्र स्थापना नीति-2023 के अंतर्गत भी निजी फिल्म सिटी, स्टूडियो एवं अन्य उपक्रमों को बढ़ावा मिलेगा। कई बड़े फिल्म निर्माता राज्य में फिल्म निर्माण, फिल्म सिटी, फिल्म संस्थान हेतु बातचीत कर रहे हैं।
उत्तराखण्ड फिल्म विकास परिषद के नोडल अधिकारी संयुक्त निदेशक डॉ. नितिन उपाध्याय ने बताया कि इस वर्ष बड़े बैनर की दो हिन्दी फिल्मों बधाई दो (जंगली प्रोडक्शन) तथा तड़प (साजिद नाडियाडवाला प्रोडक्शन) को सब्सिडी दी गई है। जिन्होंने अपनी कुल शूटिंग का 75 प्रतिशत से अधिक उत्तराखण्ड में शूट किया है। कुछ अन्य हिन्दी और क्षेत्रीय फिल्मों की सब्सिडी हेतु भी कार्यवाही गतिमान है। पिछले वर्ष बनी कई फिल्में रिलीज होने के बाद सब्सिडी हेतु आवेदन करेंगी। पिछले एक वर्ष में लगभग 200 फिल्म शूटिंग अनुमतियां जारी की गई हैं। अभी राज्य में कई फिल्मों और वेब सीरीज की शूटिंग चल रही हैं या शीघ्र प्रस्तावित हैं। इन फिल्मों में फिर आई हसीन दिलरूवा, राज और डी के निर्मित वेब सीरीज सिटाडेल इंडिया, पुतुल, मेघना गुलजार की सैम बहादुर प्रमुख हैं।

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