श्री हेमकुंट साहिब की यात्रा की तिथि घोषित, 25 मई को होगा शुभारंभ

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी से सचिवालय में गुरुद्वारा श्री हेमकुंट साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट के अध्यक्ष नरेंद्रजीत सिंह बिंद्रा ने भेंट की। नरेंद्रजीत सिंह बिंद्रा ने मुख्य सचिव को जानकारी दी कि गुरुद्वारा ट्रस्ट द्वारा 25 मई 2024 को तीर्थ स्थल श्री हेमकुंट साहिब जी की यात्रा का शुभारंभ तथा 10 अक्टूबर 2024 को कपाट बंद किए जाने की तिथि घोषित कर दी गई है। राज्य सरकार द्वारा इस पर सहमति दी गई है। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि प्रशासन द्वारा इस दिशा में पूर्ण सहयोग किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने किया श्री वाराही मंदिर देवीधुरा पुस्तक का विमोचन

जनपद चम्पावत के मां वाराही धाम देवीधुरा में आयोजित पंच दिवसीय विश्व कल्याण महायज्ञ में पहुंचे प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने महायज्ञ में शामिल होकर माँ वाराही से प्रदेश व देश की खुशहाली, शांति व समृद्धि की मंगल कामना की।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा ‘माँ वाराही धाम की वेबसाईट’ को लांच किया गया व हीरा वल्लभ जोशी द्वारा लिखित ‘श्री वाराही मंदिर देवीधुरा’ पुस्तक का विमोचन किया गया।

मुख्यमंत्री ने सभी को योग दिवस की हार्दिक बधाई व शुभकामना देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक दृढ़ संकल्प से प्रारंभ हुई यह यात्रा यहां तक पहुंची है। आज ही के दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा योग को पूरे विश्व स्तर पर पहचान दिलाई गई और संयुक्त राष्ट्र संघ ने 21 जून 2015 को योग दिवस मनाने की घोषणा की। आज के दिन को पूरे विश्व के 175 देश अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मना रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारी गौरवशाली सनातन संस्कृति का मूल आधार ‘‘वसुदेव कुटुंबकम’’ है। जो सम्पूर्ण विश्व को एक परिवार का रूप मानता है। इसी सिद्धांत को केंद्र में रखते हुए इस वर्ष से अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की थीम ‘‘वसुधैव कुटुंबकम के लिए योग’’ की गई है। योग आज पूरी दुनिया के करोड़ों लोगों की दिनचर्या का अहम हिस्सा बन गया है। जो विश्व को भारतीय संस्कृति के साथ और अधिक प्रगाढ़ता से जोड़ने का काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि आज के दौर में सभी को अपनी दैनिक दिनचर्या में योग अपनाना चाहिये। जीवन का हर सुख निरोगी काया हैं। योग से ही निरोगी बना जा सकता है।
इस दौरान मुख्यमंत्री द्वारा पाटी क्षेत्र में किए जा रहे विकास कार्यों के बारे में भी जनता को अवगत कराया गया।
इस अवसर पर सांसद अजय टम्टा द्वारा अपने संबोधन में कहा गया कि, आज के दिन को पूरे विश्व में योग दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर ही हुआ है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में प्रदेश का निरंतर विकास हो रहा है। उनके द्वारा युवाओं के सुनहरे भविष्य को देखते हुए नकल विरोधी कानून लाया गया है। मानसखंड की श्रृंखला बनाकर कुमाऊं के सभी धामों को राष्ट्रीय एवं विश्व स्तर पर लाने हेतु मुख्यमंत्री द्वारा सराहनीय कार्य किया गया है।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा जनपद के विकास के लिए अनेक घोषणाएं भी की गयी। जिसमें अंतरजनपदीय मोटर मार्ग जनपद चंपावत के वल्का- सिलयोड़ीगूठ मोटर मार्ग से ग्राम चौड़ागूठ के तोक अल्यूरा होते हुए जनपद अल्मोड़ा के तोक कनोली व सिरकोट से होते हुए जैती- भनोली मोटर मार्ग तक प्रस्तावित अल्यूरा जमाड़ सड़क का निर्माण, राजकीय आदर्श महाविद्यालय देवीधुरा में एम0ए की कक्षाओं का संचालन स्नातक स्तर पर भूगोल, इतिहास, शिक्षा शास्त्र विषयों की बढ़ोतरी महाविद्यालय को जोड़ने वाली सड़क का डामरीकरण, पखोटी बैंड से पखोटी बैरख 5 कि0मी0 कच्चे मोटर मार्ग का सुधारीकरण एवं डामरीकरण, केदारनाथ गैस गोदाम से भैसर्ख तक 2.5 किलोमीटर कच्चे मोटर मार्ग का सुधारीकरण एवं डामरीकरण, च्युरानी- जमरेड़ी मोटर मार्ग की मरम्मत एवं डामरीकरण किया जाएगा, लोहाघाट डाइट में डीएलएड का प्रशिक्षण शुरू कराया जाएगा जिसके लिए बच्चों को अब डीडीहाट नहीं जाना पड़ेगा लोहाघाट डाईट में ही प्रशिक्षण शुरू हो जाएगा, देवीधुरा स्थित चिकित्सालय के उच्चीकरण की औपचारिकताएं पूरी की जाएगी।

इस अवसर पर विधायक भीमताल राम सिंह कैड़ा, अध्यक्ष जिला पंचायत ज्योति राय, भाजपा जिलाध्यक्ष निर्मल महरा, माँ वाराही धाम के चारों ख़ामो के प्रमुख, जिलाधिकारी नरेंद्र सिंह भंडारी, सहित अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।

केदारनाथ त्रासदी के दस वर्ष होने पर सीएम ने की धाम में प्रार्थना

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी केदारनाथ आपदा के 10 वर्ष पूरे होने पर श्री केदारनाथ धाम पहुंचे। मुख्यमंत्री ने बाबा केदारनाथ के दर्शन कर देश व प्रदेश की खुशहाली की कामना की।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस अवसर पर केदारनाथ की त्रासदी में हताहत हुए लोगों की शांति एवं उनकी मुक्ति के लिए हवन कर प्रार्थना की।
मुख्यमंत्री ने नवनिर्मित भगवान ईशानेश्वर के दर्शन कर पूजा अर्चना भी की।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हेलीपैड से लेकर मंदिर परिसर तक सभी निर्माण कार्यों का निरीक्षण कर केदारधाम में चल रहे कार्यों की प्रगति का जायजा लिया। उन्होंने केदारनाथ धाम में चल रहे पुनर्निर्माण कार्य के दूसरे फेज के सभी कार्यों को इस साल के अंत तक पूर्ण कराने के निर्देश भी दिये।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आज से 10 वर्ष पहले केदारनाथ में आई त्रासदी ने सब कुछ बर्बाद कर दिया था। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बाबा केदार के अनन्य भक्त हैं, बाबा केदार के सच्चे भक्त है। आज बाबा केदार की कृपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की इच्छाशक्ति के कारण ही समस्त केदार पुरी क्षेत्र दिव्य और भव्य रूप ले चुकी है और आगे भी कार्य जारी हैं। मुख्यमंत्री धामी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का धन्यवाद करते हुए बाबा केदार से उनके स्वस्थ, दीर्घायु होने की कामना की।
मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने इस दौरान केदारनाथ धाम में पुनर्निर्माण के कार्य कर रहे हैं श्रमिकों से मुलाकात कर वार्तालाप कर उनका हालचाल जाना। उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि हमारे श्रमिक विभिन्न विषम परिस्थितियों में यह कार्य रहे हैं, सभी श्रमिकों का विशेष ख्याल रखा जाए उन्हें किसी भी परेशानी का सामना ना करना पड़े।
इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर धामी का सभी तीर्थ पुरोहितों ने स्वागत किया।
इस अवसर पर. बद्रीनाथ केदारनाथ समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय, जिला पंचायत अध्यक्ष अमरदेई शाह, जिला अध्यक्ष भाजपा महावीर पवार, सचिव विनय शंकर पांडे, पुलिस अधीक्षक विशाखा अशोक भदाणे, अपर मुख्य कार्याधिकारी बद्री केदार मंदिर समिति योगेंद्र सिंह सहित बडी संख्या में आये श्रद्धालु गण उपस्थित थे।

सीएम से मिले श्री हेमकुंट साहिब के अध्यक्ष, पहला जत्था रवाना करने का किया अनुरोध

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से गुरुद्वारा श्री हेमकुण्ट साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट के अध्यक्ष नरेंद्रजीत सिंह बिंद्रा ने भेंट की। उन्होंने इस वर्ष आरम्भ हो रही श्री हेमकुण्ट साहिब यात्रा के पहले जत्थे को रवाना करने का अनुरोध किया। यात्रा का पहला जत्थ 17 मई 2023 को ऋषिकेश से रवाना होगा। उन्होंने कहा कि श्री हेमकुण्ट साहिब के कपाट 20 मई को खुलेंगे। मुख्यमंत्री ने सभी को हेमकुण्ट साहिब की सुखद यात्रा की शुभकानायें देते हुए कहा कि हेमकुण्ट यात्रा के लिये यात्रा मार्ग पर सभी आवश्यक व्यवस्थायें की गई हैं।

अध्यक्ष गुरुद्वारा श्री हेमकुन्ट साहिब नरेंद्रजीत सिंह ने हेमकुण्ट यात्रियों की सुविधा के लिये राज्य सरकार द्वारा की गई व्यवस्थाओं के प्रति मुख्यमंत्री का आभार जताया। उन्होंने यात्रा मार्ग श्री हेमकुण्ट साहिब गोबिन्द धाम, गोबिन्द घाट व अन्य स्थानों पर सरकार द्वारा किए गए अवस्थापना विकास कार्यों की जानकारी भी मुख्यमंत्री को दी। उन्होंने बताया कि गुरुद्वारा श्री हेमकुण्ट साहिब में पिछले वर्ष हेलीपेड का निर्माण किया गया है जो वर्ष 2023 में पूर्ण किया जाएगा। गोबिन्द धाम से श्री हेमकुण्ट साहिब 6 किमी० के मार्ग पर रेलिंग का निर्माण किया गया जिन जगहों पर मोड़ की चौड़ाई कम थी उनका सुधारीकरण किया गया है। यत्रा हेतु 500 मीटर का एक अलग मार्ग का कार्य भी तेजी से चल रहा है। गोबिन्द धाम में घोड़ा पड़ाव का कार्य भी शुरू हो चुका है। स्वच्छता एवं स्वास्थ्य सुविधाओं का विकास किया गया है। गांव पुलना जहां से पैदल यात्रा शुरू होती है. 10 किमी0 के ट्रैक पर म्यून्डार गांव में 165 मीटर लंबा पुल बनकर तैयार हो चुका है व दोनों तरफ की एपरोच रोड़ भी तैयार कर दी गई है। पुलना से गोबिन्द धाम तक के ट्रैक पर 10 रेन शेल्टर शेड बैंच लगाकर यात्रियों के बैठने के लिए तैयार किए गए हैं।

गोबिन्द घाट से 5 किमी0 तक का पुलना सड़क मार्ग तैयार किया गया है। पुलना गांव में टैक्सी चालकों के लिए दो अलग-अलग पार्किंग का निर्माण किया गया है। गोबिन्द घाट गुरूद्वारा से गांव पांडुकेश्वर की ओर नदी से सुरक्षा के लिए दीवार का कार्य भी तेजी से चल रहा है। यात्रियों की गाड़ियों के लिए जिला प्रशासन द्वारा गोविन्द घाट में एक अस्थायी पार्किंग का निर्माण भी इस वर्ष किया गया है। गोबिन्द घाट गुरूद्वारा हॉस्पिटल में भी एक एक्स-रे मशीन व मोबाईल पैथोलॉजी लैब सरकार द्वारा लगाई गई है। यात्रियों के लिए शुद्ध पीने के पानी के लिए एक आर.ओ. की व्यवस्था भी की गई है। गोबिन्द घाट बस स्टैंड से गुरुद्वारा जाने के लिए जो पुराना मार्ग था उसके सुधारीकरण का कार्य भी तेजी से चल रहा है।

मुख्य सचिव ने जागेश्वर घाम मास्टर प्लान के संबंध में ली पर्यटन विभाग की बैठक

मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु ने सचिवालय में जागेश्वर धाम मास्टर प्लान के सम्बन्ध में पर्यटन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जागेश्वर धाम के साथ ही आसपास के क्षेत्रों को भी पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जाए।
मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि जागेश्वर धाम मास्टर प्लान में क्षेत्र की यातायात व्यवस्था आने वाले 30-40 सालों के अनुरूप विकसित की जाए। आने वाले समय में जो क्षेत्र बॉटल नेक बन सकते हैं, उन्हें अभी से इस प्रकार से डिजाइन किया जाए कि यातायात बढ़ने के बाद भी जाम की संभावना कम हो। उन्होंने कहा कि आसपास के क्षेत्र में वन क्षेत्र होने के कारण ईको टूरिज्म की संभावनाएं भी तलाशी जाएं, साथ ही बच्चों और युवाओं के अनुरूप ट्रेकिंग आदि की संभावनाएं भी तलाशी जाएं। उन्होंने कहा कि जागेश्वर धाम के पास वृद्ध जागेश्वर क्षेत्र को भी मास्टर प्लान में सम्मिलित करते हुए विकसित किया जाए।
मुख्य सचिव ने प्रदेश भर में ऐसे दर्शनीय स्थलों को भी चिन्हित किए जाने के निर्देश दिए, जहाँ दूरबीन स्थापित की जा सकती है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में ऐसे बहुत से व्यू प्वाइंट हैं जहाँ से हिमालय की पूरी श्रंखला दिखाई देती है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में चारधाम यात्रा के दौरान गढ़वाल क्षेत्र में काफी भीड़ होती है, ऐसे में कुमाऊं क्षेत्र विकसित हो जाने के बाद कुमाऊं क्षेत्र के ऐसे धार्मिक और पर्यटक स्थल पर्यटकों के लिए अच्छा विकल्प हो सकते हैं।
इस अवसर पर सचिव सचिन कुर्वे सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

केदारनाथ यात्राः महिला समूहों ने करीब 48 लाख रुपए का किया कारोबार

कोरोनाकाल के बाद पटरी पर लौटी श्री केदारनाथ धाम यात्रा इस बार जिले के लिए कई सौगात दे गई। यात्रा से सीधे तौर पर जुड़े लोग दो सालों से सुचारु यात्रा का इंतजार कर रहे थे, इस वर्ष रिकॉर्ड 15 लाख, 63 हजार से ज्यादा यात्रियों ने केदारनाथ धाम पहुंचकर इस इंतजार को समाप्त किया। जिले में संचालित महिला समूहों के लिए भी यह यात्रा सुखद साबित हुई, कोरोनाकाल के बाद इस वर्ष महिला समूहों के व्यवसाय को नई ऊंचाइयां मिली। केदारनाथ यात्रा से जुडे़ विभिन्न महिला समूहों ने इस वर्ष करीब 48 लाख रुपए का व्यापार किया।

’यात्रा से मिला आत्मनिर्भरता को आधार’

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भरता एवं स्वरोजगार का मंत्र अपना कर दूसरों को रोजगार देने की अपील से प्रभावित जिले की महिलाएं सीधे तौर पर केदारनाथ यात्रा में अपना योगदान दे रही हैं। जिले में महिलाएं बाबा केदारनाथ धाम के लिए स्थानीय उत्पादों से निर्मित प्रसाद तैयार करने के साथ ही यात्रा मार्ग पर रेस्तरां, कैफे संचालित करने के साथ ही अन्य उत्पाद बेचकर आत्मनिर्भर बन रही हैं। जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने बताया कि बाबा केदारनाथ में दुनियाभर से आने वाले तीर्थ यात्रियों को स्थानीय उत्पादों से निर्मित प्रसाद एवं बाबा केदारनाथ के सोविनियर उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। साथ ही स्थानीय शहद, हर्बल धूप समेत कई उत्पाद महिलाएं तैयार कर यात्रियों को उपलब्ध करवा रही हैं। इसके अलावा स्थानीय खाद्य पदार्थ उपलब्ध करवाने के लिए सरस रेस्तरां एवं हिलांस कैफे भी यात्रा मार्ग पर संचालित हो रहे हैं। करीब 20 महिला समूहों से जुड़ी महिलाएं यात्रा में योगदान देकर आत्मनिर्भरता की ओर सशक्त कदम उठा रही हैं। प्रशासन विभिन्न योजनाओं के माध्यम से महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए प्रयासरत है।

’केदारनाथ में प्रसाद बेच कर महिलाओं ने किया 43.50 लाख रुपए का व्यवसाय’

श्री केदारनाथ धाम में जिले की महिलाओं द्वारा तैयार प्रसाद का विपणन करने वाले व्यापारी अर्जुन कुर्मांचली ने बताया कि कोरोनाकाल के बाद शुरू हुई यह यात्रा बेहद लाभदायक सिद्ध हुई है। उन्होंने विभिन्न हैलीपैड़ एवं मंदिर परिसर में तीर्थ यात्रियों को करीब 43 लाख रुपए का प्रसाद बेचा। बताया कि उनके पास जिले भर के करीब 20 महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार चौलाई के लड्डू, हर्बल धूप, चूरमा, बेलपत्री, शहद, जूट एवं रेशम के बैग आदि पहुंचता है। इसके अलावा गंगा जल के लिए पात्र एवं मंदिर की भस्म भी प्रसाद पैकेज का हिस्सा हैं। पूरे पैकेज की कीमत 250 रुपए निर्धारित की गई है, जिसके अतिरिक्त 50 रुपए मंदिर समिति एवं हैली कंपनियों को रॉयल्टी दी जाती है। उधर एनआरएलएम के ब्लॉक समन्वयक सतीश सकलानी ने बताया कि देवीधार उन्नत्ति क्लस्टर ने पूरी यात्रा के दौरान ऑनलाइन एवं ऑफलाइन माध्यम से प्रसाद बेचकर करीब 42 रुपए का कारोबार किया है।

’रोजगार के साथ स्थानीय उत्पादों को भी मिला बढ़ावा’

केदारनाथ प्रसाद उत्पादक फेडरेशन के अध्यक्ष लक्ष्मण सिंह सजवाण ने बताया कि इस वर्ष उन्होंने करीब 50 कुंतल चौलाई के लड्डू एवं चूरमा तैयार कर केदारनाथ में बेचा है। पिछले छह महीनों मेें उन्होंने 60 महिलाओं को रोजगार दिया, जिसमें 30 महिलाएं एनआरएलएम के तहत गठित समूहों के माध्यम से उनसे नियमित तौर पर जुड़ी हैं। पूरी यात्रा के दौरान उन्होंने करीब 22 लाख रुपए के लड्डू एवं चूरमा बेचा। समूह से जुड़ी महिलाओं को प्रतिदिन 300 रुपए मेहनताना देने के साथ ही समय-समय पर प्रशिक्षण भी देते हैं। सजवाण ने बताया कि वर्ष 2017 में प्रसाद योजना शुरू होने से पहले चौलाई का उत्पादन बेहद सीमित हो गया था जबकि अब इसके उत्पादन में बढोतरी हुई है। बताया कि वे 55 रुपए प्रति किलो के हिसाब से किसानों से चौलाई की खरीद करते हैं। अगले वर्ष के लिए 100 कुंतल चौलाई की खरीद के लिए किसानों को उत्पादन करने को कहा गया है। इसके अलावा बेलपत्री का उत्पादन करने वाले किसानों को भी योजना का सीधा लाभ मिल रहा है।

’सरस रेस्तरां एवं विपणन केंद्र को मिली नई पहचान’

श्री केदारनाथ यात्रा मार्ग के अगस्त्यमुनि में जिला प्रशासन ने एनआरएलएम के माध्यम से गठित महिला समूहों की मदद से सरस रेस्तरां एवं विपणन केंद्र की शुरुआत इसी यात्रा के दौरान की। सरस रेस्तरां संचालित कर रही महादेव स्वयं सहायता समूह की अध्यक्ष पूनम देवी ने खुशी जताते हुए बताया कि पहली ही यात्रा के दौरान उन्होंने करीब 4 लाख रुपए का व्यवसाय किया। सरस रेस्तरां के माध्यम से 8 लोगों को नियमित रोजगार मिला है। उन्होंने बताया कि अगली यात्रा के लिए समूह द्वारा अभी से और बेहतर तैयारियों हेतु रणनीति तैयार की जाएंगी। उधर सरस विपणन केंद्र संचालित कर रही शिवानी ने बताया कि श्री केदारनाथ यात्रा के दौरान जिले भर के किसानों से एकत्रित स्थानीय उत्पाद बेचकर करीब 80 हजार रुपए का कारोबार किया।

मुख्य सचिव ने केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्य व बद्रीनाथ धाम मास्टर प्लान की समीक्षा की

मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु ने बुधवार को सचिवालय में केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यों एवं बद्रीनाथ धाम मास्टर प्लान की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने केदारनाथ में चल रहे कार्यों को निर्धारित समय सीमा में पूर्ण करने हेतु कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने निर्माण सामग्री और ट्रांसपोर्टेशन की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने कार्यों को निर्धारित समय सीमा पर पूर्ण करने हेतु श्रमिकों को बढ़ाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि लेबर को रहने खाने की समस्या न हो इसका विशेष ध्यान रखा जाए, साथ ही उनके बिलों का समय से भुगतान किया जाए। उन्होंने मैटेरियल की आपूर्ति एवं स्टोरेज की उचित व्यवस्था किए जाने के भी निर्देश दिए।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु, सचिव दिलीप जावलकर एवं अरविंद सिंह ह्यांकी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

केदारनाथ धाम के निरीक्षण के बाद सीएम ने लिया सिद्धपीठ कालीमठ का आशीर्वाद

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केदार धाम में चल रहे निर्माण कार्यों का स्थलीय निरीक्षण करने के बाद जनपद के सिद्धपीठ कालीमठ मंदिर में पहुंचकर पूजा-अर्चना की। इस अवसर पर उन्होंने प्रदेश की खुशहाली व चहुंमुखी विकास की कामना की। इससे पूर्व कालीमठ पहुंचने पर जन प्रतिनिधियों सहित स्थानीय लोगों ने मुख्यमंत्री का ढोल-नगाड़ों व फूल-मालाओं के साथ जोरदार स्वागत किया।

कालीमठ मंदिर के प्रांगण में आयोजित कार्यक्रम में क्षेत्रीय जनता को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार द्वारा पूरी पारदर्शिता के साथ विकास कार्यों को गति दी जा रही है तथा उनके द्वारा जो संकल्प लिए गए हैं उन्हीं के अनुसार विकास कार्यों को पूर्ण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विकास कार्यों में सभी का सहयोग भी जरूरी है तभी वह कार्य सफलता पूर्वक पूर्ण हो सकता है। उन्होंने कहा कि यशस्वी प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में एक नई कार्य संस्कृति व कार्य व्यवहार देश के अंदर आया है। जिसके लिए सभी को नई प्रेरणा मिल रही है। उन्होंने कहा कि बाबा केदारनाथ धाम में चल रहे निर्माण कार्यों की उनके द्वारा निरंतर जानकारी ली जा रही है। उन्होंने कहा कि हमने संकल्प लिया था कि नई सरकार के गठन के बाद उत्तराखंड में समान नागरिकता कानून लागू करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। उन्होंने कहा कि भारत माला श्रृंखला में हर क्षेत्र को सड़क मार्ग से जोड़ा जा रहा है तथा ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक रेल लाइन का कार्य बड़ी तेजी से चल रहा है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष चारधाम यात्रा ऐतिहासिक होने वाली है जिसमें भारी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की संभावना है।उन्होंने कहा कि पर्यटन हमारी आजीविका का प्रमुख साधन हैं इससे सभी को लाभ प्राप्त होता है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री द्वारा घोषणाएं की गई जिनमें शहीद राम सिंह विद्यालय के आने वाले सत्र में उच्चीकरण की व्यवस्था की जाएगी। साथ ही कोटमा विद्यालय में स्थाई भवन बनाया जाएगा। चिलौंड सड़क मार्ग की घोषणा की गई। तथा स्यांसूगड़ सड़क मार्ग की घोषणा की। विद्यापीठ डिग्री कॉलेज में बीएससी की कक्षाओं को बढ़ाने का कार्य किया जाएगा। गौरीकुंड से रामबाड़ा-चौमासी कालीमठ मोटर मार्ग का कार्य किया जाएगा। इसके अलावा अन्य जो भी मांग पत्र दिए गए हैं उनका आंकलन कर उस पर आवश्यक कार्यवाही हेतु विचार किया जाएगा।

इस अवसर पर क्षेत्रीय विधायक शैला रानी रावत ने मुख्यमंत्री के उनकी विधान सभा क्षेत्र में आगमन पर स्वागत एवं अभिनंदन किया गया। उन्होंने मुख्यमंत्री को क्षेत्र की कई समस्याओं से अवगत कराते हुए उन्हें पूरा करने का आग्रह किया गया। उन्होंने कहा कि क्षेत्र की जनता ने आपदा के दंश को झेला है जिसके लिए उन्होंने यात्रा के दौरान स्थानीय लोगों को प्राथमिकता देने का आग्रह किया गया।
इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष अमरदेई शाह, विधायक रुद्रप्रयाग भरत सिंह चौधरी, अध्यक्ष केदारनाथ नगर पंचायत देवप्रकाश सेमवाल, चंडी प्रसाद भट्ट, बाल संरक्षण आयोग के सदस्य बाचस्पति सेमवाल, मंदिर समिति के मठाधीश अब्बल सिंह राणा, प्रधान कालीमठ गजपाल राणा, युवा मोर्चा के उपाध्यक्ष प्रदीप राणा, श्रीनिवास पोस्ती, पंकज भट्ट, पुलिस अधीक्षक आयुष अग्रवाल, मुख्य विकास अधिकारी नरेश कुमार सहित विभिन्न विभागीय अधिकारी, कर्मचारी, विभिन्न ग्राम सभाओं के प्रधान, जनप्रतिनिधि व बड़ी संख्या में स्थानीय ग्रामीण मौजूद थे।

प्रधानमंत्री ने ड्रोन के माध्यम से केदारनाथ धाम में चल रहे कार्यों का अवलोकन किया

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से श्री केदारनाथ धाम में चल रहे कार्यों की जानकारी ली। प्रधानमंत्री ने ड्रोन के माध्यम से केदारनाथ धाम में चल रहे विभिन्न कार्यों का अवलोकन भी किया। उन्होंने केदारनाथ मन्दिर परिसर, आदिगुरू शंकराचार्य की समाधि, सरस्वती घाट एवं आस्था पथ, भैरव मन्दिर के रास्ते पर बने पुल, केदारनाथ में बन रही गुफाओं, मन्दाकिनी नदी पर बन रहे पुल, मंदाकिनी एवं सरस्वती के संगम पर बन रहे घाटों का अवलोकन किया।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि रामबाड़ा से केदारनाथ तक छोटे-छोटे पेच को श्री केदारनाथ की ऐतिहासिकता से जोड़ा जाय, ताकि श्रद्धालुओं को केदारनाथ के ऐतिहासिक एवं पौराणिक महत्व के बारे में भी रोचक जानकारियां मिल सके। इस क्षेत्र में आध्यात्म से संबंधित भी अनेक कार्य किये जा सकते हैं। इस ओर ध्यान दिया जाय। इससे श्रद्धालुओं को केदारनाथ के दर्शन के साथ ही यहां से जुड़ी धार्मिक एवं पारंपरिक महत्व के बारे में भी जानकारी मिलेगी। केदारनाथ के आस-पास जो गुफाएं बनाई जा रही हैं, उनका सुनियोजित तरीके से विकसित किया जाए ताकि इनका स्वरूप आकर्षक हो। प्रधानमंत्री ने कहा कि अभी केदारनाथ में निर्माण कार्य तेजी से किये जा सकते हैं। शीर्ष प्राथमिकता के कार्य चिन्हित कर पहले उन्हे पूर्ण कर लिया जाय। उन्होंने कहा कि भगवान केदारनाथ एवं बदरीनाथ में विभिन्न कार्यों के लिए राज्य सरकार को केन्द्र से हर सम्भव मदद दी जायेगी। भगवान बदरीनाथ धाम के लिए भी डेवलपमेंट प्लान बनाया जाय। अगले 100 साल तक की परिकल्पना के हिसाब से डेवलपमेंट प्लान बनाया जाय। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने केदारनाथ धाम में यात्रा की स्थिति के बारे में जानकारी ली।

वीडियो कांफ्रेंस में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया कि केदारनाथ में विभिन्न निर्माण कार्यों के लिए राज्य को लगभग 200 करोड़ रूपये की आवश्यकता होगी। उन्होंने कहा कि राज्य के लोगों के लिए सीमित संख्या में भगवान केदारनाथ एवं बदरीनाथ जी के दर्शन के लिए अनुमति दी गई है। मास्क का उपयोग, सामाजिक दूरी के पालन करते हुए एक दिन में अधिकतम 800 लोग दर्शन कर सकते हैं।

इस अवसर पर मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने केदारनाथ धाम में चल रहे विभिन्न निर्माण कार्यों की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आदिगुरू शंकराचार्य की समाधि के पुनर्निर्माण का कार्य 31 दिसम्बर 2020 तक पूरा हो जायेगा। सरस्वती घाट का कार्य पूर्णता की ओर है, यह कार्य 30 जून जक पूर्ण हो जायेगा। भैरव मन्दिर के रास्ते पर पुल का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है, यह कार्य निर्धारित समयावधि से पहले ही पूरा किया गया है। तीर्थ पुरोहितों को रहने के लिए 05 ब्लॉको में घर बनाऐ जा रहे हैं, जिसमें से 02 ब्लाको में बनाये जा चुके हैं, शेष ब्लाको में सितम्बर तक कार्य पूरा हो जायेगा। केदारनाथ में आध्यात्म की दृष्टि से तीन गुफाएं बनाई जा रही हैं, जिनका निर्माण कार्य सितम्बर 2020 तक पूर्ण हो जायेगा। मन्दाकिनी नदी पर बन रहे पुल का कार्य 31 मार्च 2021 तक पूर्ण किया जायेगा। उन्होंने कहा कि केदारनाथ धाम में ओपन म्यूजियम बनाने की योजना भी बनाई जा रही है।