सीएम की मौजूदगी में सचिवालय संघ के पदाधिकारियों ने ली पद व गोपनीयता की शपथ

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सचिवालय के प्रति प्रदेश की जनता की बड़ी अपेक्षायें रहती है। जनता की अपेक्षाओं पर खड़ा उतरना हमारी जिम्मेदारी है। हम सब सरकार के अंग है तथा राज्य का विकास हमारा लक्ष्य है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सचिवालय प्रदेश में सुशासन की नींव है। यहीं से प्रदेश के भविष्य के लिए फैसले लिए जाते हैं और जनकल्याणकारी योजनाओं का क्रियान्वयन होता है। संवेदनशीलता और पारदर्शिता के साथ जन कल्याणकारी योजनाओं को धरातल पर उतारकर समाज के अंतिम पक्ति में खड़े व्यक्ति तक उसका लाभ पहुंचाने में कर्मचारियों की बड़ी भूमिका होती है। संवेदनशील, पारदर्शी एवं जवाबदेह सुशासन राज्य सरकार का मुख्य ध्येय है। इस ध्येय की प्राप्ति में अधिकारी और कर्मचारियों की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है।

सचिवालय में सचिवालय संघ के निर्वाचित कार्यकारिणा के सदस्यों को शपथ दिलाते हुए मुख्यमंत्री ने सचिवालय कर्मचारी कल्याण कोष के गठन के लिये 30 लाख की धनराशि प्रदान करने तथा सचिवालय में विजिटर रूम की व्यवस्था बनाये जाने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने चाइल्ड केयर लीव की पूर्ववतः व्यवस्था बनाये रखने आदि की भी बात कही।

मुख्यमंत्री ने सचिवालय संघ के अध्यक्ष श्री सुनील लखेड़ा, उपाध्यक्ष जीतमणि पैन्यूली, महासचिव राकेश जोशी एवं कार्यकारिणी के सभी सदस्यों को शुभकामनायें देते हुए अपेक्षा की, कि वे प्रदेश के सर्वांगीण विकास एवं आमजन तक जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाकर उन्हें राहत देने के लिए और अधिक संवेदनशीलता के साथ अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करने में मददगार बनेंगे। मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि उत्तराखंड सचिवालय में एक नई कार्य संस्कृति, एक नया सौहार्दपूर्ण कार्यव्यवहार का वातावरण आने वाले दिनों में देखने को मिलेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान नवनिर्वाचित सचिवालय संघ में अधिकांश निर्वाचित सदस्य उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी रहे है। जिन लोगों ने उत्तराखंड राज्य आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लिया, उन लोगों को इस राज्य के विकास एवं दूर दराज के आम जनमानस की चिंता होगी ऐसा उनका विश्वास है। उन्होंने कहा कि बड़े सघर्षों के बाद उत्तराखण्ड राज्य का निर्माण हुआ है। हमें जन सेवा का भाव सदैव अपने मन में लाना होगा। जन संतुष्ट का सदैव हमारा प्रयास रहना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में संसाधनों के विकास, निवेश एवं आर्थिकी को बढ़ावा देने के लिये पर्यटन, उद्योग एवं जीएसटी क्लेक्शन में बढ़ोत्तरी के प्रयास जारी है। इस संबंध में विभिन्न क्षेत्रों में नई नीतियां बनाई गई है। देश-विदेश के उद्यमी राज्य में निवेश के लिए आए, इसके लिए दिसंबर में वैश्विक निवेश सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें अपना एक-एक क्षण राज्यहित एवं विकास के लिए समर्पित करना होगा। हमारे विशिष्ट कार्य ही हमारी पहचान बनाते है। उन्होंने जनसमस्याओं के समाधान में आपसी संवाद पर ध्यान देने पर बल देते हुए कहा कि हम सबको उत्तराखण्ड को देश के अग्रणी राज्यों में शामिल करने के लिए विकल्प रहित संकल्प के मंत्र को आत्मसात कर सहयोगी बनना होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा सचिवालय के कार्मिकों की समस्याओं का निराकरण करने के साथ कर्मचारी हितों में जो भी कार्य होंगे, उन्हें समयबद्ध और सुनियोजित तरीके से पूरा करने का प्रयास किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने संघ के कतिपय पदाधिकारियों का निविरोध निर्वाचित होने पर भी खुशी जताते हुए कहा कि इससे पूरे प्रदेश के कर्मचारियों में एक संदेश जाएगा कि राज्य की सर्वाेच्च संस्था में बैठे अधिकारी कर्मचारी अपने प्रतिनिधियों के चयन में विश्वास एवं उनके समर्पण को ध्यान में रखते हुए उन्हें निर्विरोध निर्वाचित करते हैं।

मुख्यमंत्री ने लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण का प्राविधान करने वाले नारी शक्ति वंदन विधेयक के लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी पास होने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त किया।

अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, आनन्द वर्धन ने भी सचिवालय संघ के पदाधिकारियों को शुभकामनाएं दी। संघ के अध्यक्ष सुनील लखेड़ा ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया तथा मुख्यमंत्री आपदा राहत हेतु रूपये 1.82 लाख का चौक भेंट किया।

इस अवसर पर कार्यकारिणी के सभी पदाधिकारी तथा सचिवालय के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।

सचिवालय में खुली पैथोलॉजीकल कलेक्शन सेंटर, एसीएस राधा रतूड़ी ने किया शुभारम्भ

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय कार्मिकों के हित में सचिवालय परिसर में स्थित डिस्पेन्सरी में पैथोलॉजीकल कलेक्शन सेन्टर की स्वीकृति देने के साथ ही इसे जल्द से जल्द शुरू करवाने के निर्देश दिए थे।

जिस क्रम में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सचिवालय स्थित राजकीय एलोपैथिक चिकित्सालय में निःशुल्क पैथोलॉजीकल परीक्षण हेतु पैथोलॉजीकल कलेक्शन सेन्टर का शुभारम्भ किया। इस पैथोलॉजीकल कलेक्शन सेन्टर में सभी आवश्यक मूलभूत पैथोलॉजीकल जाँचें जिसमें ब्लड, यूरीन, सीबीसी, ब्लड शुगर, किडनी, लीवर, कॉलेस्ट्रोल, थॉयरायड सहित लगभग 270 प्रकार की जाँचें निःशुल्क की जायेगी।

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय कार्मिकों के हित में सचिवालय परिसर में स्थित डिस्पेन्सरी में पैथोलॉजीकल कलेक्शन सेन्टर की स्वीकृति देने के साथ ही निर्देश दिए थे कि इसे जल्द से जल्द शुरू करवाया जाय।

एसीएस राधा रतूड़ी ने इसे सरकार द्वारा अपने कर्मचारियों की स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच बढ़ाने में एक अत्यन्त महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने बताया कि सरकार की इस पहल से राज्य सचिवालय में कार्यरत अधिकारियों एवं कार्मिकों को लाभ मिलेगा, उनके समय की बचत होगी तथा कार्यस्थल पर ही आवश्यक चिकित्सा सेवाएं आसानी से उपलब्ध होंगी। सरकार ने अपने कर्मचारियों के कल्याण को प्राथमिकता दी है तथा प्रदेशभर में अपनी स्वास्थ्य सेवाओं के बुनियादी ढांचे और पहुंच को सरल बनाने की अपनी प्रतिबद्धता को मजबूत किया है।

इस अवसर पर अपर सचिव डा0 अमनदीप कौर, महानिदेशक स्वास्थ्य डा0 विनीता शाह तथा सचिवालय के अधिकारी एवं कार्मिक उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री आवास से मौखिक निर्देश के लिए अधिकारी नियुक्त

मुख्यमंत्री सचिवालय अथवा आवास कार्यालय से आकस्मिकता एवं अपरिहार्य परिस्थितियों में दूरभाष या मौखिक रूप से दिए जाने वाले निर्देशों हेतु अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। इसके लिए अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की ओर से आदेश जारी किए गए हैं।

मुख्यमंत्री सचिवालय अथवा आवास कार्यालय से किसी भी प्रकार के निर्देश- अनुदेश सामान्यतः लिखित रूप से प्रसारित किए जाते हैं। अपरिहार्य परिस्थितियों में एवं आकस्मिकता की स्थिति में उक्त कार्यालयों से मुख्यमंत्री के किसी भी निर्देश को दूरभाष के माध्यम से या मौखिक रूप से अवगत कराए जाने की आवश्यकता पड़ने पर, इस हेतु अपर मुख्य सचिव, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त जिन अधिकारियों/महानुभावों को प्राधिकृत किये जाने के निर्देश हैं, इनमें सचिव, मुख्यमंत्री, उत्तराखण्ड शासन, अपर सचिव, मुख्यमंत्री, उत्तराखण्ड शासन, दिवस अधिकारी ( जिस तिथि/दिवस को दिवस अधिकारी के रूप में दायित्वों का निवर्हन किया जा रहा हो। ) तथा मुख्यमंत्री द्वारा प्राधिकृत अन्य सामाजिक व्यक्ति (जिसके सम्बन्ध में पृथक से अवगत कराया जाएगा।)

सीएम से मिले ले. जनरल एनएस राजा, दिया कुमांऊ रेजीमेंट आने का न्यौता

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से सचिवालय में मध्य कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, लेफ्टिनेंट जनरल एनएस राजा सुब्रमणि ने भेंट की। इस अवसर पर उन्होंने मुख्यमंत्री से सेना से जुड़े विभिन्न विषयों पर चर्चा की।

लेफ्टिनेंट जनरल एन.एस. राजा सुब्रमणि ने कहा कि चंपावत में सीएसडी कैंटीन के विस्तारीकरण के लिए धनराशि अवमुक्त की जा चुकी है। रुद्रप्रयाग में भी सीएसडी कैंटीन के लिए भवन बनाया जा रहा है। इसके लिए मुख्यमंत्री ने उनका आभार व्यक्त किया। लेफ्टिनेंट जनरल एनएस राजा सुब्रमणि ने इस अवसर पर मुख्यमंत्री को गढ़वाल राइफल्स के रेजीमेंटल सेंटर, लैंसडाउन एवं कुमांऊ रेजीमेंट के सेंटर रानीखेत आने के लिए भी न्यौता दिया।

इस अवसर पर उत्तराखण्ड सब एरिया के जीओसी, मेजर जनरल संजीव खत्री भी उपस्थित थे।

पर्वतीय जनपदों में लोगों की आजीविका बढ़ाने के लिए सहकारिता के क्षेत्र में कार्य करने की आवश्यकताः सीएम

राज्य के पर्वतीय जनपदों में लोगों की आजीविका बढ़ाने के लिए सहकारिता के क्षेत्र में और प्रयासों की जरूरत है। सरकार की विभिन्न योजनाओं का आम जन अधिक से अधिक फायदा ले सकें, इसके लिए ऐसी व्यवस्था की जाय कि एक जैसी प्रकृति की योजनाओं के तहत लोगों को संबंधित विभागों की योजना का लाभ उठाने के लिए मिश्रित लोन लेने की सुविधा मिल सके। सहकारी बैंकों द्वारा एनपीए को कम करने की दिशा में लगातार प्रयास किए जाएं। बैंकों को ऋण जमा अनुपात को बढ़ाने की दिशा में विशेषकर पर्वतीय क्षेत्रों में और प्रयासों की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में उत्तराखण्ड राज्य सहकारी बैंकों की बैठक के दौरान अधिकारियों को ये निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों की आजीविका को बढ़ाने के लिए राज्य में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाने की दिशा में विशेष ध्यान दिया जाए। कलस्टर आधारित अप्रोच पर अधिक ध्यान दिया जाए। पर्वतीय जनपदों में सहकारिता आधारित कार्यों को तेजी से बढ़ाने की आवश्यकता है। राज्य में मोटे अनाजों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए प्रयास किए जाएं। इसके लिए लोगों को प्रोत्साहित किया जाय। आम जन को सरकारी योजनाओं का पूरा लाभ मिल सके, सहकारी बैंकों के माध्यम से लोन की प्रक्रियाओं के सरलीकरण की दिशा में विशेष ध्यान दिया जाए। सरकार की विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाओं की आम जन को गोष्ठियों एवं कैम्प के माध्यम से जानकारी दी जाय।

सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि पिछले 5 सालों में राज्य के सहकारी बैंकों में एनपीए में तेजी से कमी की गई है। 5 साल पहले एनपीए लगभग 20 प्रतिशत था, जो अब घटकर 3.81 प्रतिशत है। सहकारी बैंकों के माध्यम से मोबाईल बैंकिंग की सुविधा उपलब्ध कराने की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं। राज्य में सभी पैक्स का कंप्यूटराइजेशन का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। सहकारी बैंकों में आईबीपीएस के माध्यम से भर्तियां की जा रही हैं।

बैठक में सचिव आर.मीनाक्षी सुंदरम, बी.वी.आर.सी पुरुषोत्तम, अपर निबंधक सहकारिता ईरा उप्रेती, एमडी सहकारिता नीरज बेलवाल एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

सीएम बोले, सचिवालय में नई कार्य संस्कृति से कार्य हो

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में सुराज, सुशासन, सरलीकरण एवं समाधान’ के संबंध में अनुभाग अधिकारियों के साथ चर्चा बैठक में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सचिवालय प्रदेश का दर्पण है। यहीं से प्रदेश की दशा, दिशा एवं व्यवस्थाओं का नीति निर्धारण होता है। अनुभाग अधिकारी सचिवालय की महत्वपूर्ण कड़ी में शामिल होते हैं। चर्चा के दौरान अनुभाग अधिकारियों द्वारा अनेक महत्वपूर्ण सुझाव दिये गये। मुख्यमंत्री ने कहा कि सचिवालय में नई कार्य संस्कृति से कार्य हो, कार्यों के सफल संचालन के लिए अनुभागों में हर संभव सुविधा दी जायेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अनुभागों में इस बात का विशेष ध्यान दिया जाए कि आमजन की समस्याओं के समाधान के लिए पत्रावलियों पर सकारात्मक नोटिंग हो। सचिवालय से लोगों को बहुत अपेक्षाएं होती हैं। पत्रावलियों पर सबके दृष्टिकोण अलग हो सकते हैं, इनके निस्तारण के लिए सकारात्मक दृष्टिकोण से हम अपना क्या योगदान दे सकते हैं, इस पर ध्यान दिया जाए। जनहित से जुड़ी किसी पत्रावली पर जब सकारात्मक निस्तारण होता है, तो इसका लाभ समाज के अंतिम पंक्ति पर खड़े लोगों को मिलता है। समाज के इन अंतिम पंक्ति के लोगों को ध्यान में रखते हुए कार्यों को आगे बढ़ाना होगा। जिन कार्मिकों को सचिवालय में सेवा करने का अवसर मिला है, उन पर अपने सकारात्मक दृष्टिकोण से अनेक लोगों का जीवन परिवर्तन करने का अवसर भी होता है। भगवान द्वारा दिये गये इस अवसर का लाभ जनहित के कार्यों से अवश्य लें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बेहतर कार्यप्रणाली के लिए अनुभाग अधिकारियों को साल में एक बार प्रशिक्षण अवश्य दिया जाए। इसके अलावा जो अनुभाग अधिकारी कार्यों के बेहतर संपादन के लिए कोई अन्य प्रशिक्षण लेना चाहते हैं, उसकी भी व्यवस्था की जाए। अनुभाग अधिकारियों को जो अनुभाग दिये जाते हैं, उनसे संबंधित कार्यों की उन्हें बेहतर जानकारी हो, इसके लिए उन्हें कुछ दिन संबंधित विभाग के एचओडी ऑफिस में भेजा जाए, ताकि वे विभागों की कार्यप्रणाली को अच्छी तरह समझ पायें। सचिवालय में जो भी फरियादी आते हैं, उनका सही मार्गदर्शन हो, इसके लिए हैल्प डेस्क भी बनाया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सचिवालय में कार्यों के बेहतर क्रियान्वयन के लिए अनुभागों में सभी मुलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि सचिवालय परिसर में स्वच्छता के साथ ही शौचालयों की अच्छी व्यवस्था हो। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड को देश का अग्रणी राज्य बनाने में सबका सहयोग जरूरी है। सबके सामूहिक प्रयासों से राज्य का समग्र विकास किया जायेगा।
मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने कहा कि किसी भी पत्रावली की शुरूआती नोटिंग बहुत महत्वपूर्ण होती है। फाइल में नोट लिखते समय उसमें नियम का उल्लेख जरूर किया जाए। कुछ ऐसे प्रस्ताव होते हैं, जो जनहित की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। ऐसे प्रस्तावों में शुरूआती चरण से ही नोटिंग बहुत अच्छी तरह लिखी जाए। ऐसे प्रस्तावों में यदि कहीं नियमों में स्पष्ट उल्लेख न हो तो, इसका सकारात्मक समाधान क्या है, वह भी नोट में लिखा जाए। पत्रावलियों के निस्तारण से अधिक ध्यान उनके निस्तारण के लिए सकारात्मक नोट लिखने पर दिया जाए। उन्होंने कहा कि समय-समय पर अनुभाग अधिकारियों को फील्ड विजिट भी करवाया जायेगा। मुख्य सचिव ने कहा कि जनहित की दृष्टि से महत्वपूर्ण प्रकृति की फाइलों का पहले निस्तारण किया जाए।

अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि कोई भी पत्रावली परामर्शी विभागों को भेजने से पूर्व यह सुनिश्चित किया जाए कि उसकी नोटिंग में परामर्श बिन्दु का स्पष्ट उल्लेख हो। उन्होंने कहा कि ई-आफिस प्रणाली पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। बैठकों के लिए अब ई-फाईल, ई-मेल एवं व्हाट्सएप के माध्यम से संबंधित अधिकारियों को सूचना दी जायेगी।

इस अवसर पर अनुभाग अधिकारियों ने भी अपने सुझाव दिये। अनुभाग अधिकारियों ने सुझाव दिया कि यदि कोई पत्रावली अनुभाग से अनु सचिव, उप सचिव एवं संयुक्त सचिव स्तर तक जाती है और उसमें उनके द्वारा कोई आपत्ति लगाई जाती है, तो वह पत्रावली वापस अनुभाग में भेज दी जाती है। वह पत्रावली उस स्तर से अपर सचिव एवं सचिव स्तर पर जानी चाहिए। जिस अधिकारी को फाईल नोटिंग में वार्ता लिखा जाता है, उच्च स्तर पर वही अधिकारी वार्ता के लिए जाए। फाइलों के त्वरित निस्तारण के लिए कार्यों को टाइम बाउंड करने का सुझाव भी अनुभाग अधिकारियों द्वारा दिया गया।

कैबिनेट में हुआ फैसला, शहरी क्षेत्रों में बनेंगे साइकिल ट्रैक

मसूरी में बीते माह हुए दो दिवसीय चिंतन शिविर में उत्तराखंड को सशक्त बनाने के लिए मिले 25 सुझावों को मूर्त रूप देने को कैबिनेट ने मुहर लगा दी है। संबंधित विभागों को इन सुझावों पर कार्ययोजना प्रस्तुत करने के लिए एक से तीन माह का समय दिया है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को इन कार्ययोजना को मंजूरी देने के लिए अधिकृत किया गया है। अब इन्हें दोबारा कैबिनेट के समक्ष रखने की आवश्यकता नहीं होगी। प्रदेश सरकार का मुख्य फोकस राज्य गठन के 25 वर्ष पूरे होने यानी वर्ष 2025 तक उत्तराखंड को देश के अग्रणीय राज्यों में शामिल करने पर है।

इसके लिए बीते माह 22 से 24 नवंबर के बीच मसूरी में चिंतन शिविर का आयोजन किया गया था। तीन दिन तक चले मंथन के बाद इसमें विभिन्न विभागों से संबंधित 25 बिंदु ऐसे चिह्नित किए गए जो राज्य के सर्वांगीण विकास में सहायक हो सकते हैं। मंगलवार को इन बिंदुओं का कैबिनेट के समक्ष प्रस्तुतिकरण हुआ। इन्हें प्रदेश में लागू करने पर कैबिनेट ने सैद्धांतिक सहमति जता दी।
भूखंडों के आवंटन को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बनेगी समिति
कैबिनेट ने तय किया कि प्रदेश में भूमि की स्थिति के अनुसार उसका सदुपयोग किया जाएगा। शहरों के भीतर बने गोदाम, पशु चिकित्सालयों, मंडियों आदि को बाहर स्थानांतरित किया जा सकता है। शहर के भीतर व बाहर की भूमि के आवंटन को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में अनुशंसा समिति बनाई जाएगी।

इसमें सचिव नियोजन व सचिव वित्त के अलावा भूमि की मांग करने वाले विभाग के सचिव, भूमि के स्वामित्व वाले विभाग के सचिव व राजस्व विभाग के सचिव को शामिल किया जाएगा। इसकी अंतिम स्वीकृति मुख्यमंत्री के स्तर से होगी।
सभी जिलों को मार्च तक कराना होगा जिला योजनाओं का अनुमोदन
वित्त विभाग हर वर्ष जिला योजना के बजट का निर्धारण कर सभी जिलों को 31 दिसंबर तक इसकी सूचना देगा। सभी जिलों के लिए जनवरी से मार्च तक जिला योजना का अनुमोदन लेना अनिवार्य किया गया है। मई तक योजना का अनुमोदन न होने पर 10 प्रतिशत राशि की कटौती की जाएगी। इसके पश्चात मुख्यमंत्री जिला योजना का अनुमोदन करेंगे

दो वर्ष में चिह्नित स्थानों पर लगाए जाएंगे शत प्रतिशत क्रैश बैरियर
प्रदेश में सड़क सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने के लिए तीन माह के भीतर सभी दुर्घटना संभावित स्थानों की पहचान की जाएगी। अगले दो वर्ष में यहां क्रैश बैरियर लगाए जाएंगे। इसके लिए लोनिवि को आवश्यकतानुसार बजट दिया जाएगा।
परिवार रजिस्ट्री तंत्र होगा विकसित
राज्य की डेटा प्रणाली में बेहतर सामंजस्य के लिए परिवार रजिस्ट्री विकसित की जाएगी। इससे सभी लाभार्थीपरक योजनाओं एवं प्रमाण पत्र मामले में त्वरित कार्यवाही हो सकेगी।

उत्कृष्ट शिक्षकों को दिया जाएगा प्रशिक्षण
प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए उत्कृष्ट शिक्षकों की पहचान की जाएगी। इन शिक्षकों को आइआइएम समेत देश व विदेश के प्रमुख उच्च शिक्षण संस्थानों व विश्वविद्यालयों में प्रशिक्षण दिया जाएगा। फिर ये मास्टर ट्रेनर प्रदेश में अन्य शिक्षकों को भी प्रशिक्षित करेंगे।
हरित तकनीक से बनेंगी 25 प्रतिशत सड़कें
राज्य में वर्ष 2025 तक कम से कम 25 प्रतिशत सड़कों का निर्माण हरित तकनीक के साथ किया जाएगा। इनके निर्माण में फिर से इस्तेमाल होने योग्य सामग्री का इस्तेमाल किया जाएगा।

शहरी क्षेत्रों में बनाए जाएंगे साइकिल ट्रेक
शहरी क्षेत्रों में साइक्लिंग को बढ़ावा देने के लिए साइकिल ट्रेक की पहचान की जाएगी। जहां भी संभव होगा, वहां इनका निर्माण किया जाएगा। वहीं, इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए वर्ष 2025 तक हर 100 किमी पर एक चार्जिंग स्टेशन बनाया जाएगा।
ये भी हैं अहम बिंदु
– नीति आयोग की तर्ज पर राज्य में बनेगा थिंक टैंक। इसके लिए उत्तराखंड सेतू के गठन को सैद्धांतिक स्वीकृति

– परिसंपत्तियों के मौद्रीकरण व पीपीपी में परियोजनाओं के लिए उत्तराखंड निवेश एवं अवस्थापना विकास बोर्ड का होगा गठन

– प्रदेश में मलिन बस्तियों की समस्या के समाधान को बनेगा आवास माडल। सभी शहरों में बनेंगी 5000 यूनिट

– सभी नदियों की बाढ़ शमन योजना की जाएगी तैयार
निकायों में कार्यों को गति देने के लिए अधिकारियों को दिए जाएंगे अतिरिक्त प्रभार

– सीडीओ को ग्रामीण के साथ ही शहरी क्षेत्रों के पर्यवेक्षक अधिकारी के रूप में किया जाएगा नामित

– विद्यालयों में बनाए जाएंगे सर्वेात्तम तकनीक से सुसज्जित पुस्तकालय

– स्कूली ढांचे में किया जाएगा सुधार, लैब व स्मार्ट कक्षाएं होंगी विकसित

– सहकारिता एवं मंडी परिषद के माध्यम से होगी मोटे अनाज की खरीद
फल, फूल व सब्जियों के संवर्द्धन को मुख्य शहरों में बनेंगे उत्कृष्टता केंद्र

– सभी ट्रेकिंग अनुमति के लिए सिंगल विंडो पोर्टल होगा विकसित

– होम स्टे के प्रचार और प्रमाणन के लिए निजी एग्रीगेटर होगा नियुक्त

– शहरी की सीमा से बाहर स्थित रिसोर्ट पर भी लगाया जाएगा कर

– यूजर चार्ज को वर्तमान मुद्रास्फीति दर से जोड़ने को होगा परीक्षण

– यूजर चार्ज की वसूली बिजली के बिलों के साथ करने पर होगा विचार

– इलेक्ट्रिक कचरे के लिए बनेगी ई-अपशिष्ट नीति

– उत्तराखंड में ड्रोन प्रशिक्षण स्कूलों का निर्माण

– उच्च शिक्षा के क्षेत्र में निजी निवेश को मिलेगी सैद्धांतिक स्वीकृति

सीएस के निर्देश धरातल पर प्रभावी योजनाओं का दायरा बढ़े

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु की अध्यक्षता में सोमवार को स्पेशल असिस्टेंस टू स्टेट्स प्रोजेक्ट्स फॉर कैपिटल इन्वेस्टमेंट फॉर 2022-23 विभिन्न विभागों के प्रस्तावों को लेकर व्यय वित्त समिति (ईएफसी) की बैठक सम्पन्न हुयी। बैठक के दौरान विभिन्न प्रस्तावों को समिति द्वारा स्वीकृति प्रदान की गयी।
मुख्य सचिव ने अधिकारियों को ईएफसी के लिए पूर्ण योजना के साथ प्रस्ताव भेजे जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अधिकतर विभाग मात्र बिल्डिंग स्ट्रक्चर के प्रस्ताव लेकर ईएफसी में प्रस्ताव भेज रहे हैं। इस पर नाराजगी जताते हुए मुख्य सचिव ने कहा कि बिल्डिंग प्लान, प्रोजेक्ट का उद्देश्य, संरचना एवं पदों के सृजन और ऑपरेशन एंड मेंटेनेंस प्लान के साथ समग्र दृष्टिकोण के साथ प्रस्ताव भेजे जाएं। व्यय वित्त समिति की बैठक में सिंचाई विभाग की लगभग 3565.28 लाख की लागत के भगवानपुर इन्डस्ट्रीयल एरिया में ड्रेनेज मास्टर प्लान और डीपीआर को स्वीकृति प्रदान की गयी।
मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि ड्रेनेज सिस्टम की गुणवत्ता का ध्यान रखा जाए। इसके लिए पूर्व से ही प्रत्येक पहलू पर विचार कर लिया जाए। उद्यान विभाग की श्रेणी ‘बी‘ के अंतर्गत लगभग 1824.48 लाख की एकीकृत सिंचाई व्यवस्था, औद्यानिक यंत्रीकरण एवं अवस्थापना सुविधाओं के विकास एवं 1120.00 लाख की रामनगर नैनीताल में फूड प्रोसेसिंग यूनिट और कॉलेज अपग्रेडेशन प्रोजेक्ट को भी स्वीकृति प्रदान की गयी। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में उद्यान में बहुत ही अधिक सम्भावनाएं हैं। फूड प्रोसेसिंग राज्य की आर्थिकी और रोजगार सृजन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
बैठक में शहरी विकास के देहरादून तरला नगल में सिटी पार्क के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गयी। मुख्य सचिव ने सिटी पार्क में हरियाली का विशेष ध्यान रखने की बात कही। कंक्रीट के न्यूनतम प्रयोग की बात कहते हुए उन्होंने पाथ-वे को बुजुर्ग लोगों के अनुरूप तैयार करने के निर्देश दिए ताकि उन्हें इसमें चलने में समस्या न हो।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनन्द वर्द्धन, सचिव आर. मीनाक्षी सुन्दरम, बी.वी.आर.सी पुरुषोत्तम, हरि चंद्र सेमवाल सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

विभागीय योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए सहकारिता विभाग को दिये निर्देश

मुख्य सचिव डॉ.एस.एस. संधु ने सोमवार को सचिवालय में सहकारिता विभाग की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को ऋण वितरण सिस्टम के सरलीकरण पर ध्यान दिए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ऋण वितरण के प्रोसेस को जितना सरल किया जाएगा उतने अधिक लोग विभागीय योजनाओं का लाभ उठा पाएंगे।
मुख्य सचिव ने पर्वतीय क्षेत्रों में फूड प्रोसेसिंग पर विशेष ध्यान दिए जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि प्राइवेट सेक्टर के साथ मिलकर पर्वतीय क्षेत्रों में छोटी-छोटी पैकेजिंग यूनिट लगाकर पर्वतीय स्थानीय उत्पादों की ब्रांडिंग और मार्केटिंग पर ध्यान दिया जाना चाहिए। उन्होंने इस दिशा में अगले 3 से 5 सालों का रोडमैप तैयार कर प्रस्तुतिकरण दिए जाने की बात भी कही। पायलट प्रोजेक्ट के रूप में 4 जनपदों में संचालित मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना को प्रदेशभर में शुरू करने के निर्देश देते हुए मुख्य सचिव ने साइलेज की मांग के अनुसार पूर्ति सुनिश्चित किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने सभी हितधारकों के साथ बैठकें आयोजित कर अल्पकालीन और दीर्घकालीन योजनाएं तैयार की जाएं। साथ ही, इस दिशा में और क्या किया जा सकता है इस पर प्रस्तुतीकरण दिए जाने की भी बात कही।
मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना के तहत पर्वतीय क्षेत्रों में बंजर पड़ी भूमि क्लस्टर आधारित खेती महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। उन्होंने कहा कि बंजर भूमियों को आबाद करने से एक ओर जहाँ उत्पादन बढ़ेगा, वहीं रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। यह पलायन रोकने में भी मददगार साबित होगा। ऐसी फसलों पर भी फोकस किया जाए जिन्हें जंगली जानवर, बंदर-सुअर आदि नुकसान नहीं पहुंचाते। मुख्य सचिव ने मुख्यमंत्री मोटर साइकिल टैक्सी योजना में मोटरसाईकिल क्रय की सीमा को 1 से बढ़ाकर 5 या 10 किए जाने की बात भी कही।
मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि आमजन को योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ पहुंचाने के लिए एमपैक्सों का कम्प्यूटरीकरण शीघ्र से शीघ्र किया जाए। साथ ही, दिसम्बर माह से जनपद स्तरीय कार्यालयों सहित पूरे प्रदेश में ई-ऑफिस व्यवस्था शुरू की जाए। उन्होंने विभाग को एनुअल वर्क कैलेन्डर तैयार कर उसके अनुसार सभी प्रकार की गतिविधियां निर्धारित समय सीमा के अंतर्गत पूर्ण किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि योजनाओं के लिए फंड्स की व्यवस्था करते समय इस बात पर भी गौर किया जाना चाहिए कि इस योजना के लिए सबसे सस्ते में कहाँ से ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। ऐसे में डवटेलिंग कर योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ उठाया जा सकता है। उन्होंने नाबार्ड द्वारा उपलब्ध कराए जा रहे अवसंरचनात्मक विकास हेतु सस्ते ऋण का भरपूर उपयोग किए जाने की बात भी कही।
इस अवसर पर सचिव वी.वी.आर.सी. पुरुषोत्तम सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

परिवार पहचान पत्र बनाने को लेकर सीएस ने दिये निर्देश

मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु ने बुधवार को सचिवालय में परिवार पहचान पत्र उत्तराखण्ड योजना के सम्बन्ध में बैठक ली। योजना के क्रियान्वयन पर मुख्य सचिव के समक्ष नियोजन विभाग की ओर से अपर सचिव नियोजन रोहित मीणा ने विस्तृत प्रस्तुतिकरण दिया।
बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि परिवार पहचान पत्र योजना के क्रियान्वयन पर शीघ्र से शीघ्र कार्य शुरू किया जाए। उन्होंने कहा कि योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए सभी विभाग आपसी सहयोग से सभी प्रकार का डाटा संग्रहित कर लें। किस किस विभाग से कौन सा डाटा चाहिए अगले 2-3 दिन में इसका फॉर्मेट तैयार कर सभी विभागों से मांग लिया जाए। परिवार पहचान पत्र के सफल क्रियान्वयन एवं उद्देश्यों की पूर्ति के लिए विभिन्न विभागों के डेटाबेस को जोड़ने की कार्यवाही की जाए। उन्होंने विभागीय डाटा उपलब्ध कराए जाने के लिए विभागों को नोडल अधिकारी नियुक्त करने के भी निर्देश दिए ताकि योजना का क्रियान्वयन तेजी से किया जा सके।
मुख्य सचिव ने कहा कि जिन विभागों को डाटा कलेक्शन करना है, आपसी सहयोग से मिलकर सभी प्रकार का डाटा कलेक्ट करें। उन्होंने डाटा कलेक्शन के लिए प्रत्येक स्तर पर टाईम लाईन निर्धारित करने के साथ ही सर्वे से पहले फॉर्मेट तैयार करने के निर्देश दिए। साथ ही इसके लिए पोर्टल तैयार कर डाटा ब्लॉक स्तर पर भरे जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इसके लिए डेडीकेटेड सेल बनाए जाने के साथ ही पर्याप्त मैनपावर की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। डाटा कलेक्शन में त्रुटियों की गुंजाइश न रहे इसके लिए लगातार मॉनिटरिंग की जाए। फील्ड लेवल पर औचक निरीक्षण किए जाएं।
अपर सचिव नियोजन रोहित मीणा ने बताया कि परिवार पहचान पत्र उत्तराखण्ड योजना उत्तराखण्ड के निवासियों को विभिन्न प्रमाण पत्रों एवं लाभार्थी परक योजनाओं में ईज ऑफ लिविंग/डूइंग में सहायक होगी। उन्होंने कहा कि परिवार पहचान पत्र उत्तराखण्ड जारी किए जाने से जाति, आय, निवास या दिव्यांग पहचान पत्र को पृथक से आवश्यकता नहीं होगी। इसका संपूर्ण डाटा परिवार पहचान पत्र उत्तराखण्ड में उपलब्ध रहेगा।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, प्रमुख सचिव एल. फैनई, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, नितेश झा, वी. वी. आर. सी. पुरुषोत्तम, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, रविनाथ रमन एवं डॉ. आर. राजेश कुमार सहित अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित रहे।