दीक्षांत समारोह को सीएम ने किया संबोधित, युवा पीढ़ी के सोचने का तरीका बेहतर

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने पटेलनगर स्थित हेमवती नन्दन बहुगुणा उत्तराखण्ड चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय के तृतीय दीक्षांत समारोह में प्रतिभाग किया। उन्होंने छात्र-छात्राओं को उपाधियां प्रदान की। विश्वविद्यालय द्वारा सत्र 2019-20 के कुल 922 अभ्यर्थियों को उपाधियां प्रदान की गई।

मौके पर संजय गांधी पी.जी.आई.एम.एस लखनऊ के न्यूरोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष (पद्मश्री) प्रो. सुनील प्रधान, एम्स जोधपुर के निदेशक प्रो. संजीव मिश्रा, भूतपूर्व कुलपति हेमवती नन्दन बहुगुणा, उत्तराखण्ड चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय प्रो. सौदान सिंह एवं एम्स नई दिल्ली के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. डी.के. शर्मा को ‘‘डी एस सी’’ की मानद उपाधि दी गई। चिकित्सा क्षेत्र में श्रेष्ठ शोध पत्र के लिए डॉ. प्रियंका चैरसिया, डॉ. स्मृति, डॉ. प्रेरणा सिंह एवं डॉ. दीपिका लोहानी को प्रो. (डॉ.) एन.सी.पंत पुरस्कार दिया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने हेमवती नन्दन बहुगुणा उत्तराखण्ड चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. हेम चन्द्र द्वारा लिखी गई पुस्तक ‘‘हेल्थ केयर डिलीवरी सिस्टम इन इंडिया’’ का विमोचन किया।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने उपाधि प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को बधाई देते हुए कहा कि शिक्षा जीवन पर्यन्त सीखने की प्रक्रिया है। इन विद्यार्थियों को अब एक नये जीवन की शुरूआत करनी है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ने 06 वर्षों में राज्य में चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में कई गुणात्मक कार्य किये हैं, यह टीम वर्क का एक अच्छा उदाहरण है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 2020 पूरे विश्व के लिए चुनौतीपूर्ण वर्ष रहा है। कोरोना महामारी ने मानव जीवन को काफी प्रभावित किया। कोविड से लड़ने के लिए हमारे सामने एक बड़ी चुनौती है। इस महामारी से लड़ने के लिए हमारे चिकित्सकों की सबसे अहम भूमिका रही है। लोगों की जीवन रक्षा के लिए देश में सैकड़ो चिकित्सकों ने अपने प्राणों की आहुति दी। चिकित्सकों के प्रयासों के परिणामस्वरूप इस कोरोना काल में सभी लोग आशावादी जीवन जी रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड से बचाव के लिए राज्य सरकार ने व्यापक स्तर पर जन जागरूकता अभियान चलाया है। इसके लिए अपने अनुभवों को साझा करने के लिए एवं इससे बचाव हेतु लोगों से सुझाव भी मांगे गये हैं। समाज के प्रबुद्ध लोगों, चिकित्सकों, कोरोना वॉरियर्स, कारोना विनर्स एवं अन्य लोग अपने अनुभवों को विभिन्न माध्यमों से साझा कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी एडवांस सोचती है और उनका कार्य करने का तरीका भी नया होता है। उन्हें अपने विचारों को विभिन्न माध्यमों से जरूर व्यक्त करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में चिकित्सकों ने देवदूत की भूमिका निभाई है।

कहा कि राज्य में सरकार बनने के बाद हमने स्वास्थ्य सुविधाओं को पहली प्राथमिकता में रखा। 2017 तक राज्य में केवल एक हजार डॉक्टर थे। अभी प्रदेश में 2500 डॉक्टर हैं। पर्वतीय क्षेत्रों में चिकित्सकों को भेजा गया है। 03 मेडिकल कॉलेज राज्य में चल रहे हैं, अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज भी जल्द चालू हो जायेगा। भारत सरकार द्वारा राज्य के लिए 03 मेडिकल कॉलेज और स्वीकृत किये गये हैं। सबको बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए हमें और चिकित्सकों की आवश्यकता है। प्रदेशवासियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिले इसके लिए राज्य में अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना शुरू की गई। इससे प्रदेश के सभी 23 लाख परिवारों को सुरक्षा कवच दिया है।

इस अवसर पर कुलपति हेमवती नन्दन बहुगुणा उत्तराखण्ड चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय प्रो. हेम चन्द्र, सचिव स्वास्थ्य अमित नेगी, प्रभारी सचिव स्वास्थ्य डॉ. पंकज पाण्डेय, निदेशक चिकित्सा शिक्षा युगल किशोर पंत आदि उपस्थित थे।

गूगल से सीएम ने की मांग, भारत में निवेश की योजना में उत्तराखंड को भी शामिल करने का अनुरोध

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने गूगल (अल्फाबेट) के सीईओ सुंदर पिचाई से उत्तराखंड में आईटी सेक्टर में निवेश करने का अनुरोध किया है। पिचाई को लिखे पत्र में मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 महामारी से विकास के वैकल्पिक मॉडल पर काम करने की जरूरत महसूस हो रही है। छोटे शहरों में आईटी क्षेत्र में काफी संभावनाएं हैं। मुख्यमंत्री ने गूगल के भारत में निवेश की योजना में उत्तराखंड को शामिल करने का अनुरोध किया है। उत्तराखंड सरकार हर प्रकार का सहयोग करने के लिए तत्पर है। मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह और अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार को इस संबंध में गूगल (अल्फाबेट) प्रबंधन से समन्वय करने के निर्देश दिये हैं।

एनआईटी के स्थाई कैंपस के निर्माण से प्रदेश में क्वालिटी एजुकेशन को मिलेगा बढ़ावा

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सुमाङी में एनआईटी के स्थाई केम्पस के लिए 909.85 करोङ रूपए की स्वीकृति पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक का आभार व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार अपने व्यय पर संस्थान के लिए बिजली व पानी की व्यवस्था करेगी और सङक का निर्माण करेगी। प्रदेशवासियों की लम्बे समय से चली आ रही मांग पूरी हुई है। एनआईटी के स्थाई कैम्पस के निर्माण से प्रदेश में क्वालिटी एजुकेशन को बढावा मिलेगा। साथ ही क्षेत्रवासियों की आर्थिकी भी मजबूत होगी।

उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डा. धन सिंह रावत ने भी प्रसन्नता जताते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री डा.रमेश पोखरियाल निशंक और मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत का धन्यवाद करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री और वे स्वयं भी इसके लिए प्रयासरत थे और केंद्र सरकार से अनुरोध किया था। अब संस्थान के लिये धनराशि की मंजूरी से राज्य की बङी मांग पूरी हुई है। कुल 909.85 करोङ रूपए में से 78.81 करोङ रूपए वर्तमान के अस्थायी कैम्पस के सुदृढ़ीकरण के लिए स्वीकृत किए गए हैं।

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